Old/New Testament
बाबुल क सेना मिस्र पइ हमला करी
30 यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस, 2 “मनई क पूत, मोरे बरे कछू कहा। कहा, ‘मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:
“‘रोआ अउर कहा,
“उ भयंकर दिन आवत अहइ।”
3 उ दिन समीप अहइ।
हाँ, निआउ करइ क यहोवा क दिन समीप अहइ।
इ एक दूदिन होइ।
इ रास्ट्रन क संग निआउ करइ क समइ होइ।
4 मिस्र क विरूद्ध तरवार आइ।
कूस क लोग भय स काँपि उठिहीं, जउने समइ मिस्र क पतन होइ।
बाबुल क सेना मिस्र क लोगन क बन्दी बनाइके लइ जाइ।
मिस्र क नींब उखड़ि जाइ।
5 “‘अनेक लोग मिस्र स सान्ति-सन्धि किहेन। किन्तु वूस, पूत, लूद, समस्त अरब अउर लिबया नस्ट होइहीं।’”
6 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:
“हाँ, जउन लोग मिस्र क मदद करत हीं मिस्र क पतन होइ।
ओकर सक्ति क घमण्ड खतम होइ।
मिस्र क लोग मिग्दोल स लइके सवेन तलक जुद्ध मँ मारा जइहीं।”
मोर सुआमी यहोवा उ सबइ बातन कहेस।
7 मिस्र ओन देसन मँ मिलि जाइ जउन नस्ट कइ दीन्ह गएन।
मिस्र ओन खाली देसन मँ स एक होइ।
8 मइँ मिस्र मँ आगी लगाउब
अउर ओकर सबहिं सहायक नस्ट होइ जइहीं।
तब उ पचे जानिहीं कि मइँ यहोवा हउँ!
9 “‘उ समइ मँ दूतन क पठउब। उ पचे जहाजन मँ कूस क बुरी खबरन पहोंचावइ बरे जइहीं। कूस अब आपन क सुरच्छित समुझत ह। किन्तु कूस क लोग भय स तब काँपि उठिहीं जब मिस्र दण्डित होइ। उ समइ आवत अहइ।’”
10 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:
“मइँ बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर क उपयोग करब
अउर मइँ मिस्र क लोगन क नस्ट करब।
11 नबूकदनेस्सर अउर ओकर लोग
रास्ट्रन मँ सब स जियादा भयंकर अहइँ।
मइँ ओनका मिस्र क नस्ट करइ बरे लिआउब।
उ पचे मिस्र क विरूद्ध आपन तरवारन निकरिहीं।
उ पचे पहँटा क ल्हासन स पाट देइहीं।
12 मइँ नील नदी क झुरान भुइँया बनाइ देब।
तब मइँ झुरान भुइँया क बुरे लोगन क बेच देब।
मइँ अजनबियन क उपयोग उ देस क खाली करइ बरे करब।
मइँ यहोवा, इ कहेउँ ह।”
मिस्र क देवमूरतियन नस्ट कीन्ह जइहीं
13 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:
“मइँ मिस्र मँ देवमूतरियन क नस्ट करब।
मइँ मूरतियन क नोप स बाहेर करब।
मिस्र देस मँ कउनो भी प्रमुख भविस्स बरे नाहीं होइ,
अउर मिस्र मँ भय भर देब।
14 मइँ पत्रोस क खाली कराइ देब।
मइँ सोअन मँ आगी लगाइ देब।
मइँ ‘नो’ क दण्ड देब।
15 अउर मइँ सीन नाउँ क मिस्र क किले क विरूद्ध आपन किरोध क बर्खा करब!
मइँ ‘नो’ क लोगन क नस्ट करब।
16 मइँ मिस्र मँ आगी लगाउब।
सीन नाउँ क सहर डर स काँपिहीं,
नो नगर मँ दुस्मन टूटि पड़िहीं
अउर मेम्फिस पइ दिना क समइ हमला कीन्ह जाब्या।
17 आवेन अउ पीवेसेत क युवक जुद्ध मँ मारा जइहीं
अउर मेहररूअन धरी जइहीं अउर लइ जाई जइहीं।
18 तहपन्हेस क इ काला दिन होइ, जब मइँ मिस्र क अधिकार क खतम करब
मिस्र क गर्वाली सक्ति खतम होइ।
मिस्र क दूर्दिन ढक लेइ
अउर ओकर बिटियन धरी अउ लइ जाइ जइहीं।
19 इ तरह मइँ मिस्र क दण्ड देब।
तब उ पचे जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
मिस्र सदा बरे दुर्बल होइ
20 देस निकारे क गियारहवें बरिस मँ पहिले महीने क सतएँ दिन यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस, 21 “मनई क पूत, मइँ मिस्र क राजा फिरौन क भुजा तोड़ डाएउँ ह। कउनो भी ओकर भुजा पइ पट्टी नाहीं लपेटी। ओकर घाव नाहीं भरी। एह बरे ओकर भुजा तरवार धरइ जोग्य सक्तीसाली नाहीं होइ।”
22 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “मइँ मिस्र क राजा फिरौन क विरूद्ध हउँ। मइँ ओकर दुइनउँ भुजन, सक्तीसाली भुजा अउर पहिले स टूटी भुजा क तोड़ डाउब। मइँ ओकर हाथे स तरवार क गिराइ देब। 23 मइँ मिस्रियन क रास्ट्र मँ बिसेर देब। 24 मइँ बाबुल क राजा क भुजन क सक्तीसाली बनाउब। मइँ आपन तरवार ओकरे हाथे मँ देब। किन्तु मइँ फिरौन क भुजा क तोड़ देब। तब फिरौन पीरा स चीखी, राजा क चीख एक मरत भए मनई क चीख स होइ। 25 एह बरे मइँ बाबुल क राजा क भुजन क सक्तीसाली बनाउब, किन्तु फिरौन क भुजन कटिके गिरिहीं। तब उ पचे जानिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।
“मइँ बाबुल क राजा क हाथन मँ तरवार देब। तउ उ आपन तरवार क संग दाखिल होइहीं अउर मिस्र क ऊपर तरवार चलाइहीं। 26 मइँ मिस्रियन क रास्ट्रन मँ बिखेरब। तब उ पचे समुझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
अस्सूर एक देवदार बृच्छ क तरह अहइ
31 देस निकारे क गियारहवें बरिस मँ तीसरे महीने क पहिले दिन यहोवा क सँदेसा मोका मिला। उ कहेस, 2 “मनई क पूत, मिस्र क राजा फिरौन अउ ओकरे लोगन स इ कहा:
“‘तोहरी बड़कई मँ
कउन तोहरे समान अहइ?
3 मइँ तोहार तुलना लबानोन क देवदार क बृच्छ क संग कइ सकत हउँ।
एकर सुन्नर डारन अहइ जउन कि लगभग पूरे वन क छाया देत ह।
इ बहोत लम्बा अहइ।
एकर सिखर बादर भेदी अहइ।
4 जल बृच्छ क उगावत रहा।
गहिर नदियन बृच्छ क ऊँचा करत रहिन।
नदियन ओन ठउर क चारिहुँ कइँती बहत रहिन,
जहाँ बृच्छ लगा रहेन।
केवल एकर धारन ही खेत क
दूसर बृच्छन तलक बहत रहिन।
5 एह बरे खेते क सबहिं बृच्छन स ऊँच बृच्छ उहइ रहा
अउर इ कइउ साखन उगाइ राखी रहिन।
हुवाँ काफी जल रहा।
एह बरे बृच्छ साखन बाहर फइली रहिन।
6 बृच्छ क साखन मँ संसार क सबहिं पंछियन
घोंसलन बनाए रहेन।
बृच्छ क साखन क नीचे
खेत क सबहिं जनावर बच्चन क जनम देत रहेन।
सबहिं बड़े रास्ट्र उ बृच्छ क
छाया मँ रहत रहेन।
7 एह बरे बृच्छ आपन बड़कइ
अउर आपन लम्बी साखन मँ सुन्नर रहा।
काहेकि एकर जड़न
यथेस्ट जले तलक पहोंची रहिन।
8 परमेस्सर क बगीचा क देवदारू बृच्छ भी,
ओतने बड़े नाहीं रहेन जेतना इ बृच्छ।
सनौवर क बृच्छ ऍतना जियादा साखन नाहीं रखतेन,
चिनार बृच्छ भी अइसी साखन नाहीं रखतेन,
परमेससर क बगीचे क कउनो भी बृच्छ,
एतना सुन्नर नाहीं रहा जेतना इ बृच्छ।
9 मइँ अनेक साखन सहित
इ बृच्छ क सुन्नर बनाएउँ
अउर परमेस्सर क बगीचा अदन क सबहिं बृच्छ
एहसे जलन रखत रहेन।’”
10 एह बरे मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “बृच्छ ऊँच होइ गवा ह। इ आपन सिखरन क बादरन मँ पहोंचाइ दिहस ह। बृच्छ गर्वीला अहइ काहेकि इ ऊँच अहइ। 11 एह बरे मइँ एक सक्तीसाली राजा क इ बृच्छ क लेइ दिहेउँ। उ सासक बृच्छ क ओकरे बुरे कामन बरे दण्ड दिहस। मइँ उ बृच्छ क आपन उद्यान स बाहेर किहेउँ ह। 12 अजनबी-बहोत जियादा भयंकर रास्ट्रन एका काट डाएन अउर छोड़ दिहन। बृच्छ क साखन पर्वतन अउ सारी घाटी मँ गिरिन। उ प्रदेस मँ बहइवाली नदियन मँ उ सबइ टूट अंग बहि गएन। बृच्छ क खाले कउनो छाया नाहीं रहि गइ, एह बरे सबहिं लोग ओका छोड़ दिहन। 13 अब उ गिरे बृच्छ मँ पंछी रहत हीं अउर एकर गिरी साखन पइ जंगली जनावर चलत हीं।
14 “अब उ जल लगे कउनो भी, बृच्छ गर्वीला नाहीं होइ। उ पचे बादरन तलक पहोंचइ नाहीं चहिहीं। कउनो भी सक्तीसाली बृच्छ, जउन उ जल क पिअत ह, ऊँच होइ क आपन तारीफ नाहीं करी। काहेकि ओन सबहिन क मउत क सामना करइ क होइ। उ सबइ कब्र मँ जाइहीं।”
15 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “उ दिन जब तलक बृच्छ सेओल क गवा मइँ लोगन स सोक मनवाएउँ। मइँ गहिर जल क, ओकरे बरे, सोक स ढक दिहेउँ। मइँ बृच्छ क नदियन क रोक दिहेउँ अउर बृच्छ बरे जल क बहब रूक गवा। मइँ लबानोन स एकरे बरे सोक मनवाएउँ। खेते क सबहिं बृच्छ क सोक स रोगी होइ गएन। 16 मइँ बृच्छ क गिराएउँ अउर बृच्छ क गिरइ क ध्वनि क डर स रास्ट्र काँप उठेन। मइँ बृच्छ क मउत क ठउरे पइ पहोंचाएउँ। इ खाले ओन लोगन क संग रहइ गवा जउन उ नरक मँ नीचे गिरे भए रहेन। अतीत मँ एदेन क सबहिं बृच्छ अर्थात लबानोन क सर्वोत्तम बृच्छ उ पानी क पिअत रहेन। ओन सबहिं बृच्छ पाताल लोक मँ सान्ति प्राप्त किहेन। 17 हाँ, उ सबइ बृच्छ भी बड़के बृच्छ क संग मउत क जगह पइ गएन। उ पचे ओन मनइयन क संग धरेन जउन जुद्ध मँ मर गए रहेन। उ बड़का बृच्छ दूसर बृच्छन क सक्तीसाली बनाएस। उ सबइ बृच्छ, रास्ट्रन मँ, उ बड़के बृच्छ क छाया मँ रहत रहेन।
18 “एक बरे मिस्र, एदेन मँ बहोत स बिसाल अउ सक्तीसाली बृच्छ अहइ। ओनमाँ स एक बृच्छ क संग मइँ तोहार तुलना करब। तू एदेन क बृच्छन क संग पाताल लोक क जाब्या। मउत क जगह मँ तू ओन बिदेसियन अउ जुद्ध मँ मारे गए मनइयन क साथ मँ ओलरब्या।
“हाँ, इ फिरौन अउ ओकर सबहिं लोगन क संग होइ।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ कहे रहा।
फिरौन एक सेर या दैत्य?
32 देस निकारे क बारहवें बरिस क बारहवें महीने क पहिले दिन यहोवा क बचन मोरे लगे आवा। उ कहेस, 2 “मनई क पूत, मिस्र क राजा फिरौन क बारे मँ इ करूण गीत गावा। ओहसे कहा:
“‘रास्ट्रन मँ गर्व क संग टहरत भए तू सोचे रह्या तू सक्तीसाली युवा सेर अहा।
किन्तु फुरइ समुद्रर क दैत्य जइसे अहा।
तू नदी प्रवाह क ढकेल के राह बनावत अहा,
अउर आपन गोड़न स जल क मटमैला करत अहा।
तू मिस्र क नदियन क उद्वेलित करत अहा।’”
3 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:
“मइँ बहोत स लोगन क एक संग बटोरेउँ ह।
अब मइँ तोहरे ऊपर जालि फेंकब।
तब उ सबइ लोग तोहका हींच लेइहीं।
4 तब मइँ तोहका झुरान भुइँया पइ गिराइ देब।
मइँ तोहका खेते मँ लोकाउब।
मइँ सबहिं पंछियन क तोहका खाइके बोलावाउब।
मइँ हर जगह स जंगली जनावरन क तोहका खाइ अउर पेट भरइ बरे बोलवाउब।
5 मइँ तोहरे बदन क पर्वतन पइ बिखेरब।
मइँ तोहरे ल्हास स घाटियन क भरि देब।
6 मइँ तोहार रक्त पर्वतन पइ डाउब
अउर धरती एका सोखी।
नदियन तोहसे भरि जइहीं।
7 मइँ तोहका लुप्त कइ देब।
मइँ नभ क ढक देब अउर नछत्रन क करिया कइ देब।
मइँ सूरज क बादर स ढकि देब अउर चन्दा नाहीं चमकी।
8 मइँ सबहिं चमकत जोतियन क नभ मँ
तोहरे ऊपर काला बनाउब।
मइँ तोहरे सारे देस मँ अँधेरा कइ देब।”
9 “बहोत सारे रास्ट्र किरोधित होइहीं। जब उ पचे सुनिहीं कि तोहका नस्ट करइ बरे मइँ एक दुस्मन क लिआएउँ। रास्ट्र जेनका तू जानत भी नाहीं, तिलमिलाइ जइहीं। 10 मइँ बहोत स लोगन क तोहार कारण विस्मित कइ देब। जब मइँ आपन तरवार ओन लोगन क समन्वा चलाउब तउ ओनकर राजा लोग तोहार कारण डर स काँपिहीं। जउने दिन तोहार पतन होइ उहइ दिन, हर एक छिन, राजा लोग भयभित होइहीं। हर एक राजा आपन जिन्नगी बरे भयभित होइ।”
11 काहेकि मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह: “बाबुल क राजा क तरवार तोहरे विरूद्ध जुद्ध करइ आई। 12 मइँ ओन फउजियन क उपयोग तोहरे लोगन क जुद्ध मँ मार डावइ मँ करब। उ सबइ फउजी रास्ट्रन मँ सबस भयंकर रास्ट्र आवत हीं। उ सबइ ओन चीजन क नस्ट कइ देइहीं ओनकर गर्व मिस्र अहइ। मिस्र क लोग नस्ट कइ दीन्ह जइहीं। 13 मिस्र मँ नदियन क सहारे बहोत स जनावर अहइँ। मइँ एन जनावरन क भी नस्ट करब। लोग भविस्स मँ, आपन गोड़न स पानी क गंदा नाहीं करिहीं। गइयन क खुर भविस्स मँ पानी क मइला नाहीं करिहीं। 14 इ तरह मइँ मिस्र मँ पानी क सान्त बनाउब। मइँ ओनकर नदियन क मन्द बहाउब उ सबइ तेल क तरह बहिहीं।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ कहेस, 15 “मइँ मिस्र देस क खाली कइ देब। उ हर चीज स रहित होइ। मइँ मिस्र मँ रहइवाले सबहिं लोगन क दण्ड देब। तब उ पचे जनिहीं कि मइँ यहोवा अउर सुआमी हउँ।
16 “इ एक करूणागीत अहइ जेका लोग मिस्र बरे गइहीं। दूसर रास्ट्रन मँ बिटियन मिस्र क बारे मँ इ करूण-गीत क गइही। उ पचे एका, मिस्र अउर ओकर सबहिं लोगन क बारे मँ करूण-गीत क रूप मँ गइहीं।” मोर सुआमी यहोवा इ कहे रहा।
मिस्र क नस्ट कीन्ह जाब
17 देस निकारे क बारहवें बरिस मँ, उ महीने क पन्द्रहवें दिन, यहोवा क सँदेसा मोका मिला। उ कहेस, 18 “मनई क पूत, मिस्र क लोगन बरे रोआ। मिस्र क सक्तीसाली रास्ट्रन ओन बिटियन क, संग पाताल तलक पहोंचावा। ओनका उ पाताल लोक मँ पहोंचावा जहाँ उ पचे ओन मनइयन क संग होइहीं जउन उ गड़ा मँ गएन।
19 “मिस्र, तू कउनो दूसर स अच्छा नाहीं अहा। मउत क ठउरे पइ चले जा। जा अउर ओन बिदेसियन क संग लेटा।
20 “मिस्र क ओन सबहि दूसर लोगन क संग रहइ क होइ जउन जुद्ध मँ मारे ग रहेन। दुस्मन ओका अउर ओकरे सबइ लोगन क घसीट लिहस ह।
21 “मजबूत अउ सक्तीसाली मनई जुद्ध मँ मारे गएन। उ सबइ बिदेसी मउत क ठउर पइ गएन। उ ठउरे स उ सबइ लोग मिस्र अउ ओकरे सहायकन स बातन करिहीं। उ सबइ जउन जुद्ध मँ मारा ग रहेन।
22 “अस्सूर अउ अउर ओकर सारी फउज हुवाँ मउत क ठउर पइ अहइ। ओनकर कब्रन खाले गहिर नरक मँ अहइँ। उ सबइ सबहिं अस्सूर क फउजी जुद्ध मँ मारा गएन। 23 ओकर कब्रन ओकरी कब्र क चारिहुँ ओर अहइँ। जब उ पचे जिअत रहेन तब उ पचे लोगन का भय भीत करत रहेन। किन्तु अब उ पचे सबहिं पूर्ण सान्त अहइँ उ पचे सबहिं जुद्ध मँ मारा गएन।
24 “एलाम हुआँ अहइ अउर एकर सारी फउज ओकर कब्र क चारिहुँ ओर अहइ। उ सबइ सबहिं जुद्ध मँ मारा गएन। उ पचे बिदेसी गहिर खाले धरती मँ गएन। जब उ पचे जिअत रहेन, उ सबइ लोगन क भयभीत करत रहेन। किन्तु उ पचे आपन लज्जा क अपने संग उ गहिर नरक मँ लइ गएन। 25 उ पचे एलाम अउर ओकर फउजियन बरे, जउन जुद्ध मँ मारे गएन ह, बिछावन लगाइ दिहन ह। एलाम क सारी फउज ओकरी कब्र क चारिहुँ ओर अहइँ। इ सबइ सबहिं बिदेसी जुद्ध मँ मारा ग रहेन। जब उ पचे जिअत रहेन, उ पचे लोगन क डेरावत रहेन। किन्तु उ पचे लज्जा क आपन संग उ गहिर नरक मँ लइ गएन। उ पचे ओन सबहिं लोगन क संग रखे गएन, जउन मारे ग रहेन।
26 “मेसेक, तूबल अउर ओनकर सारी फउजन हुवाँ अहइँ। ओनकर कब्रन एनके चारिहुँ ओर अहइँ। उ सबइ खतनाहीन मनइयन रहेन जउन जुद्ध मँ मारे गए रहेन। जब उ पचे जिअत रहेन तब उ पचे लोगन क भयभीत करत रहेन। 27 किन्तु अब उ पचे सक्तीसाली मनइयन क संग ओलरा अहइँ जउन बहोत पहिले मर चुके रहेन। उ पचे आपन जुद्ध क अस्त्र-सस्त्रन क संग दफनावा गएन। ओनकर तरवारन ओनके मूँड़े क खाले रखी जइहीं। किन्तु ओनकर पाप ओनकर हड्डियन पइ अहइँ। काहेकि जब उ पचे जिअत रहेन, उ पचे लोगन क डेराए रहेन।
28 “मिस्र, तू भी नस्ट होब्या। तू ओन बिदेसियन क संग ओलरब्या। तू ओन दूसर फउजियन क संग ओलरब्या जउन जुद्ध मँ मारे जाइ चुका अहइँ।
29 “एदोम भी हुवँइ अहइ। ओकर राजा अउर दूसर प्रमुख ओनके संग हुवाँ रहेन। उ सबइ सक्तीसाली फउजी भी रहेन। किन्तु अब उ पचे ओन दूसर लोगन क संग ओलरा रहेन। जउन जुद्ध मँ मारे गए रहेन। उ पचे ओन विदेसियन क संग आलग रहेन। उ पचे ओन मनइयन क संग खाले नरक मँ चले गएन।
30 “उत्तर क सबहिं सासक हुवाँ अहइँ। हुवाँ सीदोन क सबहिं फउजी अहइँ। ओनकर सक्ति लोगन क डेरावत रही। किन्तु उ पचे अब लज्जित अहइँ। उ सबइ बिदेसी ओन दूसर मनइयन क संग ओलरा अहइँ जउन जुद्ध मँ मारे गए रहेन। उ पचे आपन लज्जा अपने संग उ गहिर नरक मँ लइ गएन।
31 “फिरौन ओन लोगन क लखी जउन मउत पइ गएन ओकर सबइ सेना बरे ओका सान्तवना दीन्ह जाइ काहेकि फिरौन अउर ओनकर सारी सेना जंग मँ मारि जाइ।” मोर सुआमी यहोवा इ कहे रहा।
32 “जब फिरौन जिअत रहा तब मइँ लोगन क ओहसे भयभित कराएस। किन्तु अब उ ओन बिदेसियन क संग ओलरी। फिरौन अउ ओकर फउज ओन दूसर फउजियन क संग ओलरी जउन जुद्ध मँ मारे गए रहेन।” मोर सुआमी यहोवा इ कहे रहा।
बदला भवा जीवन
4 जब मसीह सारीरीक कस्ट उठाएस तउ तू पचे उहइ मानसिकता क सास्सतर क तरह धारण करा काहेकि जउन सरीर स दुःख उठावत ह उ आपन क छुटकारा पाइ लेत ह 2 इ बरे फिन मनइयन बुरी इच्छा क अनुसरण न करइँ। बल्कि परमेस्सर क इच्छा क हिसाब क करम करत भए अपने बाकी भौतिक जीवन क सर्मपित कइ देइँ। 3 काहेकि तू अबहिं तलक अबोध व्यक्तियन क तरह विसय भोग, सब वासना, पियक्कड़पन, उन्माद स भरे गए आमोद-प्रमोद, मधूपान उत्सवन अउर घृणा-पूर्ण मूरति पूजा मँ बहोतइ जियादा समइ बिताइ चुका अहा।
4 अब जब तू जंगली अउर निरर्थक रहन-सहन मँ साथ नाही देत अहा। तउ ओनका अचरज होत ह। उ पचे तोहार निन्दा करत ही। 5 ओनका जउन मर चुका अहइँ या जिन्दा अहइँ, अपने व्यवहार क लेखा जोखा मसीह क देइ क पड़ी जउन ओनकइ निआव करइवाला अहइ। 6 इहइ बरे ओन बिस्सासियन क जउन मर चुका बाटेन सुसमाचार क उपदेस दीन्ह गवा अहइ कि सारीरीक रूप स चाहे निआव मनइयन क स्तर पइ होइ मुला आत्मिक रूप स परमेस्सर क अनुसार रहइँ।
नीक प्रबन्धकर्ता बना
7 उ समइ निकट अहइ अब सबइ कछू क अन्त होइ जाई। एह बरे समझदार बना अउर अपने प काबू राखा ताकि तोहका पराथना करइ मँ सहायता मिलइ 8 अउर सबसे बड़ी बात इ अहइ कि एक दूसरे क प्रति लगातार पिरेम बनाए राखा काहेकि पिरेम स अनगिनत पापन क निवारण होत ह। 9 बिना कछू कहे सुने एक दूसर क स्वागत सत्कार करा। 10 जउन परमेस्सर कइँती स केउ क बरदान मिला ह, ओका चाही कि परमेस्सर क नीक प्रबन्धकन क सामान, एक दूसरे क सेवा खातिर ओका काम मँ लावइ। 11 जउन प्रबचन करइ, उ अइसा करइ मानो परमेस्सर स निकरे बचनन क सुने रहा होइ। जउन सेवा करइ उ इ सक्ती स करइ जेहमाँ परमेस्सर प्रदान करत ह जेहसे सबइ बातन मँ ईसू मसीह क दुआरा परमेस्सर क महिमा होइ। महिमा अउर सामर्थ्य सर्वदा उहइ क अहइ। आमीन।
मसीह क रूप मँ दुःख उठाउब
12 पिआरे बन्धुअन, तोहरे बीच क ई अग्नि परीच्छा क जउन तोहका परखइ खातिर होइ, ऐसे अचरज जिन करा जइसेन तोहरे साथ कउनो अनहोनी घटना घटत होइ। 13 बल्कि आनन्द मनावा कि तू पचे ईसू मसीह क सबइ यातना मँ हिस्सा बटावत अहा। ताकि जब ओनकइ महिमा परगट तउ तोहमाँ आनन्दित अउर मगन रहि सका। 14 यदि मसीह क नाउँ प तू पचे अपमानित होत अहा तउ तू ओका सहा काहेकि तउ मसीह क अनुयायी अहा, तू धन्य अहा काहेकि परमेस्सर क महिमावान आतिमा तोहरे साथ बाटइ। 15 तउ तू पचेन मँ स कउनो हत्यारा चोर, कुकर्मी अथवा दूसरे क काम मँ हस्तक्षेप करइवाला बनके दुःख न उठावइ। 16 मुला अगर उ मसीही क अनुयायी होइ क कारण दुःख उठावत ह तउ ओका लज्जित न होइ क चाही। ओका तउ परमेस्सर इस नाउँ क बरे धन्यवाद देइ क चाही। 17 काहेकि परमेस्सर अपनेन परिवार स सुरु होइके निआव सुरु करइ समइ आइ पहुँचा अहइ। अउर अगर इ हमहिन स सुरु होत हतउ जउन परमेस्से क नीक सुसमाचार क स्वीकार नाही कीन्ह होइ। ओनमाँ क होइ।
18 “यदि इ अच्छे व्यक्ति क उद्धार क पाउब कठिन अहइ तउ
परमेस्सर विहीन अउर पापियन क साथे क होई।”(A)
19 तउ फुन जउन परमेस्सर क इच्छानुससार दुःख उठावत ह, ओनका नीक काम करत भए, उ बिसवासमय, सिस्टी क रचयिता क आपन-आपन आतिमा सौंप देइ क चाही।
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