Old/New Testament
आपन बिनास पइ यरूसलेम क विलाप
1 यरूसलेम क अकेल्ला काहे छोड़ दीन्ह ग ह,
इ नगर जउन कि एक समइ लोगन क भीड़ स भरी पड़ा रहेन?
एक समइ उ रहा जब देसन क बीच यरूसलेम महान नगरी रही।
किन्तु आजु उहइ अइसी होइ गइ अहइ जइसी कउनो राँड़ होत ह।
उ समइ रहा जब देसन क बीच उ एक ठु राजकुमारी स देखात रहे।
किन्तु आजु उहइ नगरी दास बनाइ दिन्ह ग अहइ।
2 राति मँ उ बुरी तरह रोवत ह
अउर ओकर आँसू गालन पइ टिके भए अहाइँ।
किन्तु ओकर कउनो भी प्रेमी
ओका दिलासा नाहीं देत ह।
ओकर सबहि मीतन
ओका दागा दिहस ह।
ओकर मीत ओकर दुस्मन बन गएन।
3 बहोत कस्ट सहइ क पाछे
यहूदा बँधुआ बन गइ।
यहूदा दूसर देसन क बीच रहत ह,
किन्तु उ आराम नहीं पाएस ह।
जउन लोग ओकरे पाछे पड़ा रहेन, उ पचे ओका धइ लिहन।
उ पचे ओका सँकरी घाटियन क बीच मँ पकड़ लिहन।
4 सिय्योन क राहन बहोत दुःख स भरी अहइँ।
उ पचे बहोत दुःखी अहउँ काहेकि अब उत्सव क दिनन क बरे कउनो भी मनई सिय्योन पइ नाहीं जात ह।
सिय्योन क सारे दुआर नस्ट कइ दीन्ह गएन ह।
सिय्योन क सबइ याजक कराहत हीं।
सिय्योन क चारिहूँ कइँती क गाँव खाली अहइँ।
सबहिं लोगन क बंदी बना लीन्ह गएन ह।
सिय्योन गहिर दुःख मँ अहइ।
5 यरूसलेम क दुस्मन विजयी अहइँ।
ओकर दुस्मन सफल होइ गवा अहइँ,
काहेकि यहोवा,
ओका ओकर बहोत सारी
पापन बरे दण्ड दिहस।
दुस्मन ओकर सन्तान क बंदी बना लीन्ह ह।
6 सिय्योन क बिटिया क खुबसूरती जात अहइ।
ओकर सबइ राजकन्या हरिनी सी भइन जेनके लगे चरह क चरागाह नाहीं होत।
उ पचे बेसहारा होइके ओहेसा पराइ गएन जउन ओनकर पाछा किहे रहेन।
7 यरूसलेम बीती बात सोचा करत ह,
ओन दिनन क बातन जब ओह पइ प्रहार भावा रहा
अउर उ बेघर-बार भइ रहो।
ओका बीते दिनन क सुख याद आवत रही।
उ पचे पुराने दिनन मँ जउन नीक चिजियन ओकरे लगे रहिन, ओका याद आवत रहिन।
उ अइसे उ समइ क सुमिरत ह जब ओकर लोग दुस्मनन क जरिये बंदी कीन्ह गएन।
उ अइसे उ समइ क याद करत ह जब ओका सहारा देइ क कउनो भी मनई नाहीं रहा।
जब दुस्मन ओका लखत रहेन, उ पचे ओकर हँसी उड़ावत रहेन।
उ पचे ओकर हँसी उड़ावत रहेन काहेकि उ उजर चुकी रही।
8 यरूसलेम भयंकर पाप किहे रहा।
आपन पाप क कारण
ओका तबाह कीन्ह गएन ह।
ओन पइ लोग आपन मूँड़ हिलाइके मजाक उड़ावत रहेन
काहेकि उ पचे ओकर
नंगापन क लख लिहस रहेन।
यरूसलेम कराहत ह
अउर आपन मुँहना लाज स फेरि लेत ह।
9 यरूसलेम क वस्त्र गन्दा रहेन।
उ नाहीं सोचे रहा कि ओकरे संग का कछू घटी।
ओकर पतन अजूबा रहा,
ओकरे लगे कउनो नाहीं रहा जउन ओका सान्ति देत।
उ कहा करत ह “हे यहोवा, लखा मइँ केतना दुःखी अहउँ।
लखा मोर दुस्मन कइसा सोचत अहइ कि उ केतना महान अहइ।”
10 दुस्मन हाथ बढ़ाएस अउर ओकर सब उत्तिम वस्तु लूट लिहस।
वास्तव मँ, उ पराये देस क अपने पवित्र ठउरे मँ घुसत भए लखेस।
हे यहोवा, इ हुकुम तू ही दिहे रहया कि
उ सबइ लोग तोहरी सभा मँ प्रवेस नाहीं करिहीं।
11 यरूसलेम क सबहिं लोग कराहत अहइँ, ओकर सबहिं लोग खइया क खोज मँ अहइँ।
उ सबइ खइया जुटावइ क आपन कीमती चिजियन बेंचत अहइँ।
उ पचे अइसा करत हीं ताकि ओनकर जिन्नगी बनी रहइ।
यरूसलेम कहत ह, “लखा यहोवा, तू मोका लखा।
लखा, लोग मोका कइसे घिना करत हीं।
12 मारग स होत भए जब तू सबहिं लोग मोरे लगे स गुजरत अहा तउ अइसा लगत ह जइसे धियान नाहीं देत अहा।
किन्तु मोह पइ निगाह डावा अउर जरा लखा,
का कउनो अइसी पीरा अहइ जइसी पीरा मोका अहइ?
का अइसा कउनो दुःख अहइ जइसा दुःख मोह पइ परा अहइ?
का अइसा कउनो कस्ट अहइ जइसा कस्ट क दण्ड
यहोवा आपन भयंकर किरोध क दिन पइ मोका दिहस ह।
13 यहोवा ऊपर स आगी क पठएस ह
अउर उ आगी मोरी हाड़न क छेद दिहस।
उ मोरे गोड़न क बरे एक फंदा फेंकेस
अउर उ मोका पाछे ढकेल इदहस ह।
उ मोका वीरान कइ डाएस ह
अउर मइँ बीमार रहत हउँ।
14 “मोर पाप मोह पइ जुए क नाई कसा गएन।
यहोवा क हाथन क जरिये मोर पाप मोह पइ कसे गएन।
यहोवा क जुआ मोरे कँधन पइ अहइ।
यहोवा मोका दुर्बल बनाइ दिहस ह।
यहोवा मोका ओन लोगन क सौंपेस जउन ओतना जियादा सक्तीसाली अहइ कि
मइँ ओकरे संग लराइ नाहीं कइ सकत।
15 मोर सबहिं वीर जोधा क नगर क भीतर ठहिरइ क रहेन
काहेकि यहोवा ओनका मदद नाहीं किहस किन्तु नकार दिहेस।
यहोवा मोरे विरोध मँ फुन एक भीड़ पठएस,
उ मोर युवा फउजी क मरवावइ ओन लोगन क लिआए रहा।
यहोवा यरूसलेम क नोकरानियन क वइसे ही कुचर दिहस
जइसे लोग अंगूर कोल्हू मँ कुचरत ह।
16 “एन सबहिं बातन क लइके मइँ चिल्लाएउँ।
मोर नैन जल मँ बूड़ि गएन।
मोरे लगे कउनो नाहीं मोका चैन देइ।
मोरे लगे कउनो नाहीं जउन मोका तनिक सान्ति देइ।
मोर संतानन अइसी बनिहीं जइसे उजाड़ होत ह।
उ पचे अइसे भवा कि दुस्मन जीत गवा रहा।”
17 सिय्योन मदद बरे आपन हाथ पसारे अहइ।
कउनो अइसा मनई नाहीं रहा जउन ओका ढाढ़स देत।
यहोवा याकूब क दुस्मनन क ओका घेर लेइ क आग्या दिहे रहा।
यहोवा यरूसलेम असुद्ध मेहरारु क नाईं होइ गइ रहीं।
18 यरूसलेम कहा करत ह, “मइँ यहोवा क खिलाफ बिद्रोह किहस हउँ
यह बरे उ जउन बात मोहे बरे करत ह उ उत्तिम बाटइ।
तउ, हे सबहिं लोगो, सुना।
तू मोर कस्ट लखा।
मोर जवान मेहरारू अउर मनसेधू
बन्दी बनाइ लइ गवा अहइँ।
19 मइँ आपन पिरेमियन क गोहराएउँ।
किन्तु उ पचे मोका धोका दिहस।
नगर क याजक अउर बुजुर्ग
मर गएन काहेकि उ पचे
खइया खोजेस किन्तु
कछु नाहीं पाएन।
20 “हे यहोवा, मोका लखा।
मइँ दुःखे मँ पड़ी अहउँ।
मोर अन्तरंग बेचैन अहइ।
मोर हिरदइ दुःखे मँ अहइ
काहेकि मइँ बिद्रोह किहा रहिउँ।
गलियन मँ मोरे गदेलन क तरवार काट डाए अहइ।
घरन क भितरे मउत क बास रहा।
21 “मोर सुना, काहेकि मइँ कराहत हउँ।
मोरे लगे कउनो नाहीं अहइ जउन मोक ढाढ़रस देइ,
मोर सब दुस्मनन मोरे दुःखन क बात सुनि लिहेन ह।
उ पचे बहोत खुस अहइँ
काहेकि तू मोरे संग अइसा सलूक किहस।
अब उ दिन क लइ आवा जेकर तू घोसणा किहे रह्या।
उ दिन तू मोरे दुस्मनन क वइसा ही बनाइ द्या
जइसी मइँ अब ही अहउँ।
22 “मोरे दुस्मनन क बुरा करम क आपन समन्वा आवइ द्या।
फिन ओनके संग तू वइसा ही करब्या
जइसा मोरे अपराध क बदले मँ तू मोरे संग किहा।
अइसा करा काहेकि बार बार कराहत रहेउँ।
अइसा करा काहेकि मोर हिरदइ निरास अहइ।”
यहोवा क जरिये यरूसलेम क बिनास
2 लखा यहोवा सिय्योन क बिटिया क
कइसे बादर मँ ढाँपि दिहेस ह।
उ इस्राएल क महिमा
स्वर्ग स धरती पइ लोकाइ दिहेस ह।
यहोवा आपन किरोध क दिन मँ आपन धरती पइ
निवास स्थान बरे कउनो परवाह नाहीं किहेस।
2 यहोवा याकूब क चिरागाह क
बिना दया क लील लिहेस।
उ आपन प्रिय यहूदा क सबहिं गढ़ियन क भरिके किरोध मँ मेटेस।
यहोवा यहूदा क राज्ज क धरती पइ पटक दिहेस
अउर ओकरे नेता लोगन क बर्बाद कइ दिहस।
3 यहोवा किरोध मँ भरिके
इस्राएल क सारी सक्ति उखाड़ फेंकेस।
उ ओका ओकर दुस्मन स अउर सुरच्छा नाहीं किहेस।
उ याकूब मँ धधकत भइ आगी स भड़की।
उ एक अइसी आगी रहो
जउन आस-पास क सब कछू चट कइ जात ह।
4 यहोवा सत्रु क नाई आपन धनुस खींचे रहा।
ओकरे दाहिन हाथे मँ ओकरे तरवारे क मूठा रहा।
उ आपन दुस्मन पइ वार करइ बरे तैयार रहा।
उ यहूदा क सबहिं आकर्सक लोगन क मारि डाएस।
यहोवा आपन किरोध क जंगल क आगी क नाईं
सिय्योन क खेमन पइ बरसाएस।
5 यहोवा दुस्मन होइ गवा रहा
अउर उ इस्राएल क लील लिहस।
ओकर सबहिं महलन क उ लील लिहस
ओकर सबहिं गढ़ियन क लील लिहे रहा।
उ आपन प्रिय यहूदा बरे बहोत जियादा रुलाएस
अउर बहोत विलाप कराएस।
6 यहोवा आपन ही मन्दिर नस्ट किहे रहा
जइसे उ कउनो उपवन होइ,
उ उ ठाँव क नस्ट किहेस
जहाँ लोग ओकर उपासना करइ बरे जमा होत रहेन।
यहोवा लोगन क अइसा बनाइ दिहस
कि उ पचे सिय्योन मँ खास मिलन अउर आराम क खास दिनन क बिसरि जाइँ।
यहोवा याजक अउ राजा क नकार दिहस।
उ बड़े किरोध मँ भरिके ओनका नकारेस।
7 यहोवा आपन ही वेदी क नकार दिहस
अउर उ आपन उपासना क पवित्तर ठउरे क नकार दिहे रहा।
यरूसलेम क महलन क देवारन क उ दुस्मन क सौंपि दिहस।
यहोवा क मन्दिर मँ दुस्मन सोर करत रहा।
उ पचे अइसे सोर करत रहेन
जइसे कउनो छूट्टी क दिन होइ।
8 उ सिय्योन क बिटिया क
देवार नस्ट करब सोचेस ह।
उ कउनो नापइ क डोरी स ओह पइ निसान डाएस ह।
उ खुद क इका बिनास करइ स नाहीं रोकस।
उ दुःख मँ भरिके फसीलन
अउर देवार क रोवाइ दिहस।
9 यरूसलेम क दरवाजन टुटिके धरती पइ बइठ गएन।
फाटक क सलाखन क तोड़िके ओका तहस-नहस कइ दिहस।
सिय्यन क राजा अउर नेता लोगन
दुसर देसन मँ बिखेर दीन्ह गएन।
ओनके बरे आजु कउनो धार्मिक सिच्छा ही नाहीं रही।
नबी भी यहोवा स कउनो दिव्य दर्सन नहीं पउतेन।
10 सिय्योन क बुजुर्ग अब धरती पइ बइठत हीं।
उ पचे धरती पइ बइठत हीं अउर चुप रहत हीं।
आपन माथन पइ फूल मलत हीं
अउर सोक वस्त्र पहिरत हीं।
यरुसलेम क जुवतियन दुःख मँ
आपन माथा धरती पइ नवावत हीं।
11 जब मइँ रोवत हउँ तउ मोर नैन मँ दर्द होत ह।
मोर अंतरंग बियाकुल अहइ।
मोरे लोगन क बिनास क कारण
मोर मन क अइसा लागत ह जइसे
उ बाहर निकरिके धरती पइ गिरा होइ।
गदेलन अउर दूध पइ वाले बच्चे गलियन मँ बेहोस पड़ा अहइँ।
12 उ पचे बिलाखत भए आपन महतरियन स पुछत हीं,
“कहाँ बाटइ महतारी, कछू क खइया अउर पिअइ क?”
उ पचे इ सवाल अइसे पूछत हीं जइसे जख्मी सिपाही सहर क गलियन मँ गिरत प्राणन क तजत, उ पचे इ सवाल पूछत हीं।
उ पचे आपन महतरियन क गोदी मँ लोटत भए प्राणन क तजत हीं।
13 हे यरूसलेम क बिटिया, मइँ केहसे तोहार तुलना करउँ?
तोहका केकरे समान कहउँ?
हे सिय्योन क कुवाँरी कन्या,
तोहका केहसे तुलना करउँ?
तोहका कइसे ढाढ़स बँधावउँ? तोहार जख्म सगरे जइसा बिसाल अहइ।
अइसा कउनो भी नाहीं जउन तोहार उपचार करइ।
14 तोहार नबियन तोहरे बरे दिब्ब दर्सन लिहे रहेन।
किन्तु उ पचे सबहिं बियर्थ अउर लबार सिद्ध भएन।
उ पचन्क तोहका बिनास स दूर रखइ बरे,
तोहरे पापन क खिलाफ उपदेस दिन्ह चाही रहेन।
किन्तु उ पचे अइसा नाहीं किहन।
उ पचे तोहका झूटे चिजियन क सिच्छा दिहन जउन कि तोहका भटकइ दिहेस।
15 बटोही राह स गुजरत भए
स्तब्ध होइके तोह पइ ताली बजावत हीं।
यरूसलेम क बिदिया पइ उ पचे सीटियन बजावत
अउर माथा नयावत हीं।
उ सबइ लोग पुछत हीं, “का इहइ उ नगरी अहइ जेका लोग कहा करत रहेन,
‘एक संपूर्ण सुन्नर नगर’ तथा
‘समुचइ संसार क आनन्द’?”
16 तोहार सबहिं दुस्मन तोह पइ आपन मुँह खोलत हीं।
तोह पइ सीटियन बजावत हीं अउर तोह पइ दाँत पीसत हीं।
उ पचे कहा करत हीं, “हम ओनका लील लीन्ह।
फुरइ इहइ उ दिन अहइ जेकर हमका प्रतीच्छा रही।
अउर अब हम पचे एँका घटत भए लाखि लीन्ह।”
17 यहोवा वइसा ही किहस जइसी ओकर जोजना रही।
उ वइसा ही किहस जइसा उ करइ बरे कहे रहा।
बहोत दिनन पहिले जइसा उ आदेस दिहे रहा, वइसा ही कइ दिहस।
उ बर्बाद किहस, ओहका दाया तलक नाहीं आइ।
उ तोहरे दुस्मनन क खुस किहस कि तोहारे संग अइसा घटा।
उ तोहारे दुस्मनन क ताकत बढ़ाइ दिहस।
18 ओनका दिल यहोवा क पुकारेस।
सिय्योन क देवार आँसुअन क
नदी क नाई बहइ दया।
दिन अउर रात आपन आँसुअन क गिरइ द्या।
तू ओनका जिन रोका।
19 जाग उठा।
राति मँ विलाप करा।
राति क हर पहर क सुर मँ विलाप करा।
आँसुअन मँ आपन मन बाहेर निकार द्या जइसा उ पानी होइ।
आपन मन यहोवा क समन्वा निकार राख।
यहोवा क पराथना मँ आपन हाथ ऊपर उठावा।
ओहसे आपन संतानन क जीवन माँगा।
ओहसे तू ओन संतानन क जीवन माँग ल्या जउन भूख स हर कुचे गली मँ बेहोस होइके गिर जात ह।
20 हे यहोवा, मोह पइ निगाह करा।
लखा कउन अहइ उ जेकर संग तू अइसा किहा।
तू मोहका इ सवाल पूछइ दया: का महतारी क ओन गदेलन क खाइ जा नीक अहइ
जेनका उ जनत ह का महतारी क ओन गदेलन क खाइ जा नीक अहइ
जेनका उ पोसत रही ह का यहोवा क मन्दिर मँ याजक
अउ नबियन क प्राणन क लीन्ह जा नीक अहइ?
21 लरिकन अउ बुजुर्गन
नगर क गलियन मँ धरती पइ पड़ा रहइँ।
मोर जवान मेहररुअन अउर जवान मनसेधू
तरवारे क धार उतारे गए रहेन।
हे यहोवा, तू आपन किरोध क दिन पइ ओनकर बध किहा ह।
तू ओनका बगैर कउनो करुणा क मारा ह।
22 तू मोह पइ हर एक जगह स दुःख व मुसीबत अइसे बोलाया जइसे इ पर्व क दिन होइ।
ओह दिन जब यहोवा किरोध किहस
अइसा कउनो मनई नाहीं रहा जउन बचिके भाग पाया होइ।
जेनका मइँ बढ़ाए रहेउँ अउर मइँ पालेउँ, पोसेउँ ओनका मोर दुस्मनन मारि डाएन ह।
अन्तिम बलिदान
10 व्यवस्था त आवइवाली अच्छी बातन क छाया मात्र प्रदान करत ह। अपने आप मँ उ बात यर्थाथ नाहीं हइन। इही बरे उही बलियन क द्वारा जेन्हे हमेसा हर बरिस अनन्त रूप स दीन्ह जात रहत ह, आराधना क बरे लगे आवइवालन क हमेसा-हमेसा क बरे पूरा सिद्ध नाहीं कीन्ह जाइ सकत। 2 अगर अइसेन होइ पावत तउ का ओनकर चढ़ावा जाब बन्द न होइ जात? काहेकि फिन तउ आराधना करइवालन एक ही इ बार मँ सदा-हमेसा क बरे पवित्तर होइ जातेन। अउर आपने पापन क बरे फिन कबहुँ खुद क अपराधी न समझतेन। 3 मुला उ बलिदान तउ बस पापन क एक बरस भरे क स्मृति मात्र अहइँ। 4 काहेकि साँड़न अउर बकरन क लहू पापन क दूर कइ देइ, इ सम्भव नाहीं बा।
5 इही बरे जब मसीह एह जगत मँ आइ रहा तउ उ कहे रहाः
“तू बलिदान अउर कउनउ भेंट नाहीं चाह्या,
मुला मोरे बरे एक देह तइयार किहा।
6 तू नाहीं कउनउ दग्ध भेंटन स न
तउ पाप भेंटन स खुस भया।
7 तब फिन मइँ कहे रहेउँ, ‘किताबे मँ मोर बरे
इ लिखा भी बा मइँ इहाँ अहइ।
हे परमेस्सर तोहार इच्छा पूरा करइ क आइ हउँ।’” (A)
8 उ पहिलेन कहे रहा, “बलिदान अउर भेंटन, दग्ध भेंटन अउर पाप भेंटनन तउ तू चाहत अहा अउर न तउ तू ओसे खुस होत ह।” (यद्यपि व्यवस्था इ चाहत ह कि उ सबइ चढ़ाइ जाइँ) 9 तब उ कहे रहा, “मइँ इहाँ अहउँ। मइँ तोहार इच्छा पूरी करइ आई हउँ।” त उ दुसरे व्यवस्था क स्थापित करइ क बरे, पहिली क रद्द कइ देत ह। 10 तउन परमेस्सर क इच्छा स एक बार ही हमेसा-हमेसा क बरे ईसू मसीह क देह क बलिदान द्वारा हम पवित्तर कइ दिन्ह गएन।
11 हर याजक एक दिना क बाद दुसरे दिन खड़ा होइके अपने धार्मिक कारज क पूरा करत ह। उ पचे फिन-फिन एक जइसेन ही उ बलि चढ़ावत हीं जउन पापन क कबहुँ दूर नाहीं कइ सकतेन। 12 मुला याजक क रूप मँ मसीह तउ पापन क बरे, हमेसा क बरे एक्कइ बलि चढ़ाइके परमेस्सर क दहिने हाथ जाइ बइठा। 13 अउर उही समइ स ओका अपने विरोधियन क ओकरे चरण क चौकी बनाइ दीन्ह जाइ क प्रतीच्छा बा। 14 जउन पवित्तर कीन्ह जात अहइ, ओनका हमेसा-हमेसा क बरे पूरा सिद्ध कइ दिहेस
15 एकरे बरे पवित्तर आतिमा हमका साच्छी देत ह। पहिले उ बतावत हः
16 “इ अहइ उ करार जेका मइँ ओनसे करबइ।
अउर फिन ओकरे बाद पर्भू घोसित करत निज व्यवस्था मइँ
ओनकइ हिरदइ मँ बसबउबइ
ओनके मने पर लिखी देबइ.” (B)
17 उ इहउ कहत हः
“ओनके पापन
अउर ओनके दुस्करमन क अब मइँ कबहुँ यादत रखब।” (C)
18 अउर फिन जब पाप छमा कइ दीन्ह गएन त पापन क बरे कउनो बलिदान क कउनउ जरूरत रही ही नाहीं।
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