Old/New Testament
मोआब क बारे मँ सँदेसा
48 इ सँदेसा मोआब देस क बारे मँ अहइ। इस्राएल क लोगन क परमेस्सर सर्वसक्तीमान यहोवा जउन कहेस, उ इ अहइ:
“नबो पहाड़ क बुरा होइ,
नबो पहाड़ नस्ट होइ।
किर्यातैम नगर लज्जित होइ।
एह पइ अधिकार होइ।
सक्तीसाली जगह लज्जित होइ।
इ बिखरि जाइ।
2 मोआब क पुन: तारीफ नाहीं होइ।
हेसबोन नगर क लोग मोआब क पराजय क जोजना बनइहीं।
उ पचे कहिहीं, ‘आवा हम उ रास्ट्र क अन्त कइ देइ।’
मदमेन तू भी चुप कीन्ह जाब्या,
तरवार तोहार पाछा करी।
3 होरोनौम नगर स रूदन अनका,
उ पचे बहोत घबराहट अउर बिनास क चीखेन ह।
4 मोआब नस्ट कीन्ह जाइ।
ओकर नान्ह बच्चन मदद क पुकार करिहीं।
5 मोआब क लोगो लूहीत क मारग तलक जा।
उ पचे जात भए फूटि फूटिके रोवत अहइँ।
हेरोनौम नगर तलक जाइवाली सड़किया स पीरा
अउर कस्ट क रूदन सुना जाइ सकत ह।
6 पराइ चला, जिन्नगी बरे पराअ।
जइसा झाड़ी रेगिस्ताने मँ उड़त ह वइसा उड़ा।
7 “तू आपन बनाई चिजियन अउर आपन धन पइ बिस्सास करत अहा।
एह बरे तू बन्दी बनाई लीन्ह जाब्या।
कमोस देवता कैदी बनावा जाइ
अउर ओकर याजक अउर पदाधिकारी ओकरे संग जइहीं।
8 बिध्वंसक हर एक नगर क खिलाफ आइ,
कउनो नगर नाहीं बची।
घाटी बर्बाद होइ।
उच्च मैदान नस्ट होइ।
यहोवा इ कहेस ह,
एह बरे इ होइ।
9 मोआब क खेतन मँ नमक फइलावा।
देस सूना रेगिस्तान बनी।
मोआब क नगर खाली होइहीं।
ओनमाँ कउनो भी मनई न रही।
10 जदि मनई उ नाहीं करत जेका यहोवा कहत ह
जदि उ आपन तरवार क उपयोग ओन लोगन क मारइ बरे नाहीं करत, तउ उ मनई क बुरा होइ।
11 मोआब क कबहुँ बिपत्ति स पाला नाहीं पड़ी।
मोआब सान्त होइ बरे छोड़ी गइ दाखरस सा बाटइ।
मोआब एक गगरी स दूसर गगरी मँ डाला नाहीं गवा।
उ कबहुँ कैदी नाहीं बनावा गवा।
एह बरे ओकर सुआद पहिले क नाई अहइ
अउर ओकर गन्ध बदली नाहीं अहइ।”
12 यहोवा इ सब कहत ह,
“किन्तु मइँ लोगन क हाली ही
तोहका तोहरी गगरी स ढालइ पठउब।
उ सबइ लोग मोआब क गगरी क छूँछ कइ देइहीं
अउर तब उ पचे ओन गगरियन क चकनाचूर कइ देइहीं।”
13 तब मोआब क लोग आपन असत्य देवता कमोस क बरे लज्जित होइहीं। इस्राएल क लोगन बेतेल मँ लबार देवतन पइ बिस्सास किहे रहेन अउर इस्राएल क लोगन क उ समइ ग्लानि भइ रही जब उ लबार देवता ओनकर मदद नाहीं किहे रहा। मोआब वइसा ही होइ।
14 “तू कइसे कह सकत ह, ‘हम बढ़िया फउजी अही।
हम जुद्ध मँ बहादूर मनसेधू अहइ?’
15 दुस्मन मोआब पइ हमला करी।
दुस्मन ओन नगरन मँ आइ अउर ओनका नस्ट करी।
नरसंहार मँ ओकर स्रेस्ठ जुवक मारा जइहीं।”
इ सँदेसा राजा क अहइ।
उ राजा क नाउँ सर्वसक्तीमान यहोवा अहइ।
16 “मोआब क अन्त निचके अहइ।
मोआब हाली ही नस्ट कइ दीन्ह जाइ।
17 मोआब क चारिहुँ कइँती बसइया लोगो, तू सबहिं उ देस बरे रोउब्या।
तू लोग जानत ह कि मोआब केतना प्रसिद्ध अहइ। एह बरे एकरे बरे रोआ।
कहा, ‘सासक क ताकत भंग होइ गइ।
मोआब क ताकत अउ प्रतिस्ठा चली गइ।’
18 “दीबोन मँ रहइवाले लोगो
आपन प्रतिस्ठा क जगह स बाहेर निकरा।
धूरि मँ जमीन पइ बइठा।
काहेकि मोआब क बिध्वंसक आवत अहइ
अउर उ तोहरे मजबूत नगरन क नस्ट कइ देइ।
19 “अरोएर क बसइया लोगो,
सड़क क सहारे खड़ा ह्वा अउर सावधानी स रहा।
मनई क परात लखा,
मेहरारू क परात लखा,
ओनसे पूछा क भवा ह
20 “मोआब बर्बाद होइ अउर लज्जा स गड़ि जाइ।
मोआब रोइ अउर रोइ।
अनोर्न नदी पइ घोसित करा
कि मोआब नस्ट होइ गवा।
21 ऊँच मैदान क लोग सजा पाइ चुके होलोन,
यहसा अउर मेपात नगरन क निआव होइ चुका।
22 दीबोन, नबो
अउर बेतदिबलातैम,
23 किर्य्यातैम, बेतगामूल
अउर बेतमोन।
24 करिय्योत बोस्रा
अउ मोआब क निचके
अउ दूर क सबहिं नगरन क संग
निआउ होइ चुका।
25 मोआब क ताकत काट दीन्ह गइ,
मोआब क बाँहन टूट गइ।”
यहोवा इ सब कहेस।
26 “मोआब समझे रहा उ यहोवा स भी जियादा महान अहइ।
एह बरे मोआब क सख्त पागल जइसा सजा द्या।
मोआब गिरी अउ आपन उलटी मँ चारिहुँ कइँती लउटी।
लोग मोआब क मजाक उड़इहीं।
27 “मोआब तू आपन इस्राएल क मजाक उड़ाए रह्या।
इस्राएल चोरन क गिरोह क जरिये धरा गवा।
हर दाई तू इस्राएल क बारे मँ कहत रह्या।
तू आपन मूँड़ हिलावत रह्या अइसा अभिनय करत रह्या माना तू इस्राएल स स्रेस्ठ अहा।
28 मोआब क लोगो, आपन नगरन क तजा।
जा अउर पहाड़ियन पइ रहा,
उ कबूतर क तरह रहा
जउन आपन झोंझ गुफा क मुँहे पइ बनवत ह।”
29 “हम मोआब क गर्व क सुनि चुका अही,
उ बहोत घमण्डी रहा।
उ समुझे रहा कि उ बहोत बड़ा अहइ।
उ हमेसा आपन मुँह मियाँ मिटठू बनत रहा।
उ बहोत जियादा घमण्डी रहा।”
30 यहोवा कहत ह, “मइँ जानत हउँ कि मोआब हाली ही कोहाइ जात ह अउर आपन तारीफ क गीत गावत ह।
मुला ओकर सेखी झूठ अहइँ।
उ जउन करइ क कहत ह, कइ नाहीं सकत।
31 एह बरे मइँ मोआब बरे रोवत हउँ।
मइँ मोआब मँ हर एक बरे रोवत हउँ।
मइँ कीर्हेरेस क लोगन बरे रोवत हउँ।
32 मइँ सिबमा क लोगन बरे याजेर स लोगन स जियादा रोवत हउँ।
सिबमा पुराने जमाना मँ तोहार अंगूर क बेलन
सागर तलक याजेर जेतनी दूर तलक फइली रहिन।
मुला बिध्वंसक तोहार फल अउर अंगूर लइ लिहन।
33 मोआब क बिसाल अंगूर क बगियन स सुख अउर आनन्द बिदा होइ गएन।
मइँ दाखरस निकारइ वाली जगहन स दाखरस क बहब रोक दिहे हउँ।
अब दाखरस बनावइ बरे अंगूरन पइ चलइवालन क नाच-गाना नाहीं रहि गवा अहइँ।
खुसी क सोर गुल सबहिं खतम होइ गवा अहइ।
34 “हेसबोन अउ एलाले नगरन क लोग रोवत अहइँ। ओनकर रूदन दूर यहस क नगर मँ भी सुनाई पड़त अहइ। ओनकर रूदन सोआर नगर स सुनाई पड़त अहइ अउर हेरोनैम अउ सेलिसिया क दूर नगरन तलक पहोंचत अहइ। हिआँ तलक कि निम्रीम क भी पानी झुराइ गवा ह। 35 मइँ मोआब क उच्च ठउरन पइ होमबलि चढ़ावइ स रोक देब। मइँ ओनका आपन देवतन क बलि चढ़ावइ स रोकब।” यहोवा इ सब कहेस।
36 “मोका मोआब बरे बहोत दुःख अहइ। सोक गीत छेड़इवाली बाँसूरी क धुन क तरह मोर हिरदय रूदन कइ रहा अहइ। मइँ कीर्हेरेस क लोगन बरे दुःखी हउँ। ओनकर धन अउ सम्पत्ति सबहिं लइ लीन्ह ग अहइँ। 37 हर एक आपन मूँड़ मुड़ाए अहइ। हर एक स दाढ़ी साफ होइ ग अहइ। हर एक क हाथ कटा अहइँ अउ ओनसे रक्त निकरत अहइ। हर एक आपन कमर मँ सोक स ओढ़ना लपेटे अहइ। 38 मोआब मँ लोग घरन क छतन अउर हर एक सार्वजनिक चउराहन मँ सर्वत्र मरे भएन बरे रोवत अहइँ। हुआँ सोक अहइ काहेकि मइँ मोआब क छूँछ गगरी क तरह फोड़ डाएउँ ह।” यहोवा इ सब कहेस।
39 “मोआब बिखरि गवा अहइ। लोग रोवत अहइँ। मोआब आत्मसमर्पण किहेस ह। अब मोआब लजान अहइ। लोग मोआब क मजाक उड़ावत हीं, किन्तु जउन कछू भवा ह उ ओनका भयभीत कइ देत ह।”
40 यहोवा कहत ह, “लखा, एक उकाब अकासे मँ खाले टूट पड़त अहइ।
इ आपन परन क मोआब पइ फइलावत अहइ।
41 मोआब क नगरन पइ अधिकार होइ।
छुपइ क सुरच्छित ठउर पराजित होइहीं।
उ समइ मोआब क फउजी वइसे ही आतंकित होइहीं
जइसे प्रसव करत मेहरारू।
42 मोआब क रास्ट्र नस्ट कइ दीन्ह जाइ।
काहेकि उ पचे समुझत रहेन कि उ पचे यहोवा स भी जियादा महत्वपूर्ण अहइँ।”
43 यहोवा इ सब कहत ह:
“मोआब क लोगो, भय गहिर गड़हन अउर जाल तोहरी प्रतीच्छा मँ अहइँ।
44 लोग डेरइहीं अउर भाग खड़ा होइहीं,
अउर उ पचे गड़हन मँ गिरिहीं।
जदि कउनो गहिर गड़हा स निकरी
तउ उ जाल मँ फँसी।
मइँ मोआब पइ सजा क बरिस लिआउब।”
यहोवा इ सब कहेस।
45 “ताकतवर दुस्मन स लोग भाग चला अहइँ।
उ पचे सुरच्छा बरे हेसबोन नगर मँ परातेन।
किन्तु हुआँ सुरच्छा नाहीं रही।
सिहोन (हेसबोन) क नगर मोआबियन क बिरुद्ध होइ गवा
अउर उ मोआब क प्रमुखन क नस्ट करइ लाग।
इ ओन घमण्डी लोगन क नस्ट करइ लाग।
46 मोआब इ तोहरे बरे, बहोत बुरा होइ।
कमोस क लोग नस्ट कीन्ह जात अहइँ।
तोहार पूत अउ बिटियन बन्दी
अउ कैदी क रूप मँ लइ जावा जात अहइँ।
47 मोआब क लोग कैदी क रूप मँ दूर पहोंचावा जइहीं।
किन्तु आवइवाले दिनन मँ मइँ मोआब क लोगन क वापस लिआउब।”
इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
हिआँ मोआब क संग निआव खतम होत ह।
अम्मोन क बारे मँ सँदेसा
49 इ सँदेसा अम्मोनी लोगन क बारे मँ अहइ। यहोवा कहत ह,
“अम्मोनी लोगो, का तू पचे सोचत अहा कि
इस्राएली लोगन क बच्चन नाहीं अहइँ?
का तू पचे समुझत अहा कि हुवाँ महतारी-बाप क मरइ क पाछे
ओनकर भूइँया लेइवाला कउनो नाहीं?
फिर भी तू पचे मल्कोम देवता क नाउँ पइ इस्राएल स गाद क भुइँया लेइ क निहचय किहेन।”
2 यहोवा कहत ह, “उ समइ आइ जब रब्बा अम्मोन क लोग
हमला स बचइ बरे तुरही बजाइहीं।
रब्बा अम्मोन नस्ट कीन्ह जाइ।
इ नस्ट इमारतन स ढकी पहाड़ी बनी
अउर एका चारिहुँ कइँती क नगर बारि दीन्ह जइहीं।
ओन लोग इस्राएल क लोगन क उ भूमि तजइ क बिवस करी।
अब इस्राएल क लोग ओनका अम्मोन देस तजइ बरे बिवस करिहीं,”
यहोवा कहत ह।
3 “हेसबोन क लोगो, रोवा।
काहेकि इ सबइ नगर नस्ट कइ दीन्ह ग अहइ।
रब्बा अम्मोन क मेहररूओ, रोवा।
आपन सोक ओढ़ना क पहिरा अउर रोवा।
सुरच्छा बरे नगर क पराअ।
काहेकि दुस्मन आवत अहइ।
उ पचे मल्कान देवता क लइ जइहीं
अउर उ पचे मल्कान क याजकन अउ अधिकारियन क लइ जइहीं।
4 तू आपन सक्ति क डींग मारत अहा।
किन्तु आपन ताकत क खोवत अहा?
तोहका बिस्सास अहइ कि तोहार धन तोहका बचाइ।
तू समुझत अहा कि तोह पइ कउनो हमला करइ क सोच भी नाहीं सकत।”
5 किन्तु सर्वसक्तिमान यहोवा इ कहत ह,
“मइँ हर कइँती स तोह पइ बिपत्ति ढाउब।
तू सब पराइ खड़ा होब्या,
फुन कउनो भी तू पचन्क एक संग लिआवइ मँ समर्थ नाहीं होइ।”
6 “अम्मोनी लोग कैदी बनाइके दूर पहोंचावा जइहीं। किन्तु समइ आइ जब मइँ अम्मोनी लोगन क वापस लिआउब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
एबोम क बारे मँ सँदेसा
7 इ सँदेसा एदोम क बारे मँ अहइ: सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह,
“का तोमान नगर मँ बुद्धि बची नाहीं रह गई अहइ?
का एदोम क बुद्धिमान लोग अच्छी सलाह देइ क जोग्य नाहीं रहेन?
का उ पचे आपन बुद्धिमानी खोइ चुका अहइँ?
8 ददान क निवासियो, भागा छुपा।
काहेकि मइँ एसाव क ओकर कामन बरे सजा देब।
9 “जदि अंगूर तोड़इवाले आवत हीं अउर आपन अंगूर क बगियन स अंगूर तोड़त हीं
अउर बेलन पइ कछू अंगूर छोड़ ही देत हीं।
जदि चोर रात क आवत हीं
तउ उ पचे ओतना ही लइ जात हीं जेतना ओनका चाही सब नाहीं।
10 किन्तु मइँ एसाव स हर चीज लइ लेब।
मइँ ओकर सबहिं छुपइ क जगह ढूँढ़ि डाउब।
उ मोहसे छुपा नाहीं रह सकत।
ओकर, बच्चन, रिस्तेदार अउर पड़ोसी मरिहीं।
11 कउनो भी मनई मनई ओनकर बच्चन क देख-रेख बरे नाहीं बची।
ओनकर मेहररूअन कउनो भी बिस्सासपात्र क नाहीं पइहीं।”
12 इ उ अहइ जउन यहोवा कहत ह, “कछू मनई सजा क पात्र नाहीं होतेन, किन्तु ओनका कस्ट होत ह। किन्तु एदोम तू सजा पावइ क जोग्ग अहा, एह बरे फुरइ तोहका सजा मिली। जउन सजा तोहका मिलइ चाही, ओहसे तू बचिके नाहीं निकर सकत्या। तोहका सजा मिली।” 13 यहोवा कहत ह, “मइँ आपन सक्ति स इ प्रतिग्या करत हउँ, मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि बोस्रा नगर नस्ट कीन्ह जाइ। उ नगर बर्बाद चट्टानन क ढेर बन जाइ। जब लोग दूसर नगरन क बुरा होइ चहिहीं तउ उ पचे इ नगर क उदारहण क रूप मँ याद करिहीं। लोग उ नगर क अपमान करिहीं अउर बोस्रा क चारिहुँ ओर क नगर सदा ही बर्बाद होइ जइहीं।”
14 मइँ एक सँदेसा यहोवा स सुनेउँ।
यहोवा रास्ट्रन क सँदेसा पठएस।
सँदेसा इ अहइ:
“आपन फउजन क एक संग बटोरा।
जुद्ध बरे तइयार होइ जा।
एदोम रास्ट्र क खिलाफ कूच करा।
15 एदोम, मइँ तोहका महत्वहीन बनाउब।
हर एक मनई तोहसे घिना करी।
16 एदोम, तू दूसर रास्ट्रन क आतंकित किहा ह।
एह बरे तू समझा कि तू महत्वपूर्ण अहा।
किन्तु तू मूरख बनावा गवा रह्या।
तोहार घमण्ड तोहका धोखा दिहस ह।
एदोम, तू ऊँच पहाड़ियन पइ बसा अहा,
तू बड़की चट्टानन अउर पहाड़ियन क जगहन पइ सुरच्छित अहा।
किन्तु जदि तू आपन निवास उकाब क झोंझ क ऊँचाई पइ ही काहे न बनावा,
तउ भी मइँ तोहका पाइ लेब अउर मइँ हुआँ स खाले लइ आउब।”
यहोवा इ सबइ कहेस।
17 “एदोम नस्ट कीन्ह जाइ।
लोगन क नस्ट नगरन क लखिके दुःख होइ।
लोग नस्ट नगरन पइ अचरज स सीटी बजइहीं।
18 सदोम अउर अमोरा मँ तब स कउनो नाहीं रहत ह बहोत पहिले जब स उ नस्ट कीन्ह गए रहेन,
उहइ तरह एदोम क सहर मँ कउनो नाहीं रहब्या जब मइँ ओका तबाह करब,”
यहोवा कहत ह।
19 “कबहुँ यरदन नदी क निचके क घनी झाड़ियन स एक ठु सेर निकरी अउ उ सेर ओन खेतन मँ जाइ जहाँ लोग आपन भेड़िन अउर आपन पसु रखत हीं। मइँ उ सेर क समान हउँ। मइँ एदोम जाब अउर मइँ ओन लोगन क आतंकित करब। मइँ ओनका भगाउब। कउनो भी मोरे समान नाहीं अहइ। कउनो भी मोका चुनौती नाहीं देइ। ओनकर गड़रियन (प्रमुखन) मँ स कउनो भी हमरे बिरुद्ध खड़ा नाहीं होइ।”
20 एह बरे यहोवा एदोम क खिलाफ जउन जोजना बनाएस ह ओका सुना।
तेमान मँ लोगन क संग जउन करइ क निहचइ यहोवा किहस ह ओका सुना।
उ पचे जउन कछू किहन
ओहसे एदोम क चरागाह खाली होइ जइहीं।
21 एदोम क पतन क धमाका स पृथ्वी काँप उठी।
ओनकर रूदन लगातार लाल सागर तलक सुनाई पड़ी।
22 यहोवा उ उकाब क तरह मँडराइ जउन आपन सिकार पइ टूटत ह।
यहोवा बोस्रा नगर पइ आपन पखना फइलाइके उकाब क नाई अहइ।
उ समइ एदोम क फउजी बहोत आतंकित होइहीं।
उ पचे बच्चा पइदा करत मेहरारू क तरह डर स रोइहीं।
दमिस्क क बारे मँ सँदेसा
23 इ सँदेसा दमिस्क नगर क बरे अहइ:
“हमात अउ अर्पद नगर भयभीत अहइँ।
उ पचे डेरान अहइँ काहेकि उ पचे बुरी खबर सुनेन ह।
उ पचे साहसहीन होइ गएन ह।
उ पचे परेसान अउ आतंकित अहइँ।
24 दमिस्क नगर दुर्बल होइ ग अहइ।
लोग पराइ जाइ चाहत अहइँ।
लोग भय स तैयार बइठा अहइँ।
बच्चा पइदा करत मेहरारू क तरह
पीरा अउ कस्ट महसूस करत अहइँ।
25 “दमिस्क नगर प्रसिद्ध अउ बहोत खुस अहइ।
अब इ केतॅना अलग अहइ।
26 एह बरे दमिस्क क जवान लोगन इ नगर क सार्वजनिक चउराहे मँ मरिहीं।
उ समइ ओकर सबहिं फउजी मार डावा जइहीं,”
सर्वसक्तिमान यहोवा कहत ह।
27 “मइँ दमिस्क क देवारन मँ आगी लगाइ देब।
उ आगी बेन्नहदद क मजबूत दुर्गन पूरी तरह बारिके खाक कइ देइ।”
केदार अउर हासोर क बारे मँ सँदेसा
28 इ सँदेसा केदार क परिवार समूह अउ हासोर क सासकन क बारे मँ अहइ। बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर ओनका पराजित किहे रहा। यहोवा कहत ह,
“जा अउर केदार क परिवार समूह पइ हमला करा।
पहिले क लोगन क नस्ट कइ द्या।
29 ओनकर डेरन अउ भेड़िन क खरकन लइ लिहा।
ओनकर डेरन अउर सबहिं चिजियन क आपन समझकर लेइ जा।
ओनकर ऊँटन क आपन जगह पइ लेइ जा।
लोग ओनके समन्वा चिल्लइहीं:
‘हमार चारिहुँ ओर भयंकर घटनन घटति अहइँ।’
30 हाली ही पराइ निकरा।
हासोर क लोगो, छुपइ क ठउर हेरा।”
इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
“नबूकदनेस्सर तोहरे खिलाफ जोजना बनाएस ह।
उ तू पचन्क पराजित करइ क चुस्त जोजना बनाएस ह।
31 “एक रास्ट्र अहइ, जउन खुसहाल अहइ।
उ रास्ट्र क बिस्सास अहइ कि उ कउनो क नाहीं हराइ।
उ रास्ट्र क लगे सुरच्छा बरे दुआर अउ रच्छा प्राचीर नाहीं अहइ।
उ सबइ लोग अकेल्ले रहत हीं।
यहोवा कहत ह, ‘उ रास्ट्र पइ हमला करा।’
32 दुस्मन ओनकर ऊँटन अउर पसुअन क बड़के झुण्डन क चोराइ लेइ।
मइँ ओन लोगन क पृथ्वी क हर हींसा मँ पराइ जाइ पइ मजबूर करब
जउन आपन बालन क कोनन क कटाइ राखे अहइँ।
अउर मइँ ओनके बरे चारिहुँ ओर भयंकर बिपत्तियन लिआउब,”
यहोवा कहत ह।
33 “हासोर क प्रदेस जंगली कुकुरन क रहइ क ठउर बनी।
इ सदा ही क बरे सूना रेगिस्तान बनी।
कउनो मनई हुआँ नाहीं रही कउनो मनई उ ठउरे पइ नाहीं रही।”
एलाम क बारे मँ सँदेसा
34 जब सिदकिय्याह यहूदा क राजा रहा तब ओकरे राज्जकाल क सुरूआत मँ यिर्मयाह नबी यहोवा क एक सँदेसा प्राप्त किहस। इ सँदेसा एलाम रास्ट्र क बारे मँ अहइ।
35 सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह,
“मइँ एलाम क धनुस बहोत हाली तोड़ देब।
धनुस एलाम क सब स सक्तीसाली अस्त्र अहइ।
36 मइँ एलाम पइ चतुर्दिक तूफान लिआउब।
मइँ ओनका अकासे क चारिहुँ दिसा स लिआउब।
मइँ एलाम क लोगन क पृथ्वी पइ सर्वत्र पठउब जहाँ चतुर्दिक आँधियन चलत हीं
अउर एलाम क कैदी हर रास्ट्र मँ जइही।
37 मइँ एलाम क ओनके समन्वा तोड़ब गाजो ओनका मारि डावइ चाहत हीं।
मइँ ओनपइ भयंकर बिपत्तियन लिआउब।
मइँ ओनका देखाउब कि
मइँ ओन पइ केतना कोहान हउँ,” यहोवा कहत ह।
“मइँ एलाम क पाछा करइ बरे तरवार पठउब।
तरवार ओनकर पाछा तब तलक करी
जब तलक मइँ ओन सब क मारि नाहीं डाउब।
38 मइँ एलाम क देखाउब कि मइँ व्यवस्थापक हउँ
अउर मइँ ओकर राजा लोग तथा पदाधिकारियन क नस्ट कइ देब।”
उ सँदेसा यहोवा क अहइ।
39 “किन्तु भविस्स मँ मइँ एलाम बरे सब नीक घटित होइ देबउँ।”
इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
याजक मलिकिसिदक
7 इ मलिकिसिदक सालेम क राजा रहा अउर सर्वोच्च परमेस्सर क याजक रहा। जब इब्राहीम राजा लोगन क पराजित कइके लउटत रहा त उ इब्राहीम स मिला अउर ओका आसीर्बाद दिहेस। 2 अउर इब्राहीम तउ ओका उ सब कछू मँ स जउन उ युद्ध मँ जीते रहा ओकर दसवाँ भाग प्रदान किहेस।
ओकरे नाउँ क पहिला अर्थ अहइ, “धार्मिकता क राजा” अउर फिन ओकर इ अर्थ अहइ, “सालेम क राजा” मतलब “सान्ति क राजा।” 3 ओकरे पिता या ओकरी महतारी अउर ओकरे पूर्वजन क कउनो इतिहास नाहीं मिलत ह। ओकर जन्म अउर मउत क कहुँ कउनउ उल्लेख नाहीं बा। परमेस्सर क पूत क समान ही उ हमेसा-हमेसा क बरे याजक बना रहत ह।
4 तनिक सोचा, उ केतॅना महान रहा। जेका कुल प्रमुख इब्राहीम तलक तउ अपने प्राप्ति क दसवाँ भाग दिहे रहा। 5 अब देखा व्यवस्था क अनुसार लेवी बंसज जउन याजक बनत हीं लोगन स मतलब अपनी ही भाइयन स दसवाँ भाग लेइँ। जद्यपि ओनकर उ सबइ भाई इब्राहीम क बंसज अहइँ। 6 फिन उ मलिकिसिदक जउन लेवीबंसी भी नाहीं रहा, इब्राहीम स दसवाँ भाग लिहेस। अउर उ इब्राहीम क आसीर्बाद दिहेस जेकरे लगे परमेस्सर क प्रतिज्ञा रही। 7 एहमाँ कउनउ संदेह नाहीं रहा कि जउन आसीर्बाद देत ह उ आसीर्बाद लेइवाला स बड़ा होत ह।
8 जहाँ तलक लेवियन क प्रस्न बा, ओहमाँ दसवाँ भाग ओन्हन मनइयन द्वारा एकट्ठा कीन्ह जात ह, जउन मरणसील हयेन मुला मलिकिसिदक क जहाँ तलुक प्रस्न बा दसवाँ भाग ओकरे दुवारा एकत्र कीहा जात ह, जउन पवित्तर सास्तर क अनुसार अबहुँ जिन्दा अहइँ। 9 तउ फिन कउनो इहाँ तलक कहि सकत ह कि उ लेवी जउ न दसवाँ भाग एकट्ठा करत ह, उ इब्राहीम क जरिये दसवाँ भाग प्रदान कइ दिहेस। 10 काहेकि जब मलिकिसिदक इब्राहीम स मिला रहा, तबउ लेवी अपने पर्वजन क सरीर मँ वर्तमान रहा।
11 अगर लेवी सम्बन्धी याजकता द्वारा पूर्णता पाइ जाइ सकत काहेकि इही क अधार प लोगन क व्यवस्था दीन्ह गवा रहा। त कउनो दुसर याजक क आवइ क जरूरत इ का रही? एक अइसेन याजक क जउन मलिकिसिदक क परम्परा क होइ, न कि हारून क परम्परा क। 12 काहेकि जब याजकता भी बदलत ह, तउ व्यवस्था मँ भी परिवर्तन होइ चाही। 13 जेकरे बिषय मँ इ सबइ बात कही गइ बाटिन, उ कउनो दुसरे गोत्र क अहइ, अउर ओह गोत्र क कउनो मनई कबहुँ वेदी क सेवक नाहीं रहा। 14 काहेकि इ तउ स्पस्ट इ बा कि हमार पर्भू यहूदा क बंसज रहा अउर मूसा तउ ओह-गोत्र क बरे याजकन क बारे मँ कछू नाहीं किहे रहा।
ईसू मलिकिसिदक क जइसनएक याजक हयेन
15 अउर जउन कछू हमहूँ कहे हई अउर उ स्पस्ट बा कि मलिकिसिदक क जइसेन एक दुसर याजक प्रकट होत ह। 16 उ आपन वंसावली क नियम क आधार प नाहीं बल्कि एक अनन्त जीवन क सक्ती क आधार प याजक बना अहइ। 17 काहेकि घोसित कीन्ह गवा रहा, “तू अहा एक याजक सास्वत मलिकिसिदक क जइसा।”(A)
18 पहिला नियम एह बरे रद्द कइ दीन्ह गवा काहेकि उ कमजोर अउर बेकार रहा। 19 काहेकि व्यवस्था तउ कउनो क सम्पूर्ण सिद्ध नाहीं किहेस अउर एक अच्छी आसा क सूत्रपात किन्ह गवा जेकरे द्वारा हम परमेस्सर क लगे खिंचित ह।
20 इ बात भी महत्वपूर्ण बा कि परमेस्सर तउ ईसू क सपथ क द्वारा महायाजक बनाए रहा। जबकि अउरन क बिना सपथ कउनो महायाजक बनावा गवा रहा। 21 मुला ईसू तब एक सपथ स याजक बना रहा, जब परमेस्सर तउ ओसे कहे रहा,
“पर्भू तउ लिहे अहइ सपथ
अउर उ कबहुँ नाहीं बदली निज मत
‘तू अह एक ठु याजक सास्वत।’” (B)
22 इ सपथ क कारण ईसू एक अउर अच्छा करार क जमानत बन गवा बा।
23 अब देखा। अइसेन बहुत स याजक हुआ कतत हीं जेन्हे मउत तउ अपने गोड़े प नाहीं बनइ रहइ दिहेस। 24 मुला काहेकि ईसू अमर अहइ, इही बरे ओकर याजकपन भी हमेसा-हमेसा बना रहइवाला अहइ। 25 अतः जउन लोग ओकरे द्वारा परमेस्सर तक पहुँच हीं, उ ओनकर हमेसा क बरे उद्धार करइ मँ समर्थ अहइ, काहेकि उ ओनकर मध्यस्थता क बरे ही हमेसा जिअत ह।
26 अइसेन ही महायाजक हमार जरूरतन क पूरा कइ सकत ह, जउन पवित्तर होइ, दोस रहित होइ, सुद्ध होइ, पापियन क प्रभाऊ स दूर रहत होइ, सरग से भी जेका ऊँचा उठावा गवा होइ। 27 जेकरे बरे दुसर याजकन क समान इ जरूरी न अहइ कि उ दिन प्रतिदिन पहिले अपने पापन क बरे अउर फिन लोगन क पापन क बरे बलिदान चढ़ावइ। उ तउ हमेसा-हमेसा क बरे ओनके पापन क बरे खुद अपने आप क बलिदान कइ दिहेस। 28 काहेकि व्यवस्था दुबर्ल लोगन क याजक क रूप मँ नियुक्त किहेस। मुला सपथ क बचन व्यवस्था क बाद आवा, उस बचन क द्वारा परमेस्सर बेटवा क महायाजक क रूप मँ नियुक्त किहेस जउन हमेसा हमेसा क बरे पूरा बनि गवा।
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