Old/New Testament
बुरे राजा लोगन क खिलाफ निआव
22 यहोवा कहेस, “यिर्मयाह राजा क महल क जा। यहूदा क राजा क लगे जा अउर हुआँ ओका उ सँदेसा क उपदेस द्या। 2 ‘यहूदा क राजा, यहोवा क हिआँ स सँदेसा सुना। तू दाऊद क सिंहासन स सासन करत अहा, एह बरे सुना। राजा, तू पचन्क अउर तोहरे अधिकारियन क इ अच्छी तरह सुनइ चाही। यरूसलेम क दुआरन स आवइवाले सबहिं लोगन क यहोवा क सँदेसा सुनइ चाही। 3 यहोवा कहत ह: उ सबइ काम करा जउन नीक अउ निआव स पूर्ण होइँ। उ मनई क रच्छा करा जेका डाकूअन क जरिय लूट लीन्ह ग होइ। प्रवासी, अनाथ बच्चन अउ राँड़न क जिन दुःख द्या। बेगुनाह लोगन क जिन मारा। 4 जदि तू एन आदेसन क पालन करत अहा तउ जउन घटित होइ उ इ अहइ: जउन राजा दाऊद क सिंहासने पइ बइठिहीं, उ पचे यरूसलेम नगर मँ इ महल क दुआरन स आवत रहिहीं। उ पचे राजा, ओनकर उत्तराधिकारी अउर ओनकर लोग रथन अउर घोड़न पइ चढ़िके अइहीं। 5 किन्तु जदि तू एन आदेसन क पालन नाहीं करब्या तउ यहोवा कहत ह: मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि राजा क महल ध्वस्त कइ दीन्ह जाइ इ ध्वस्त जगह क तरह रहि जाइ।’”
6 यहोवा ओन महलन क बारे मँ इ कहत ह जेनमाँ यहूदा क राजा रहत हीं:
“गिलाद वन क तरह इ महल ऊँचा अहइ।
इ लबानोन पर्वत क समान ऊँचा अहइ।
किन्तु मइँ ऍका फुरइ रेगिस्ताने सा बनाउब।
इ महल उ नगर क तरह सूना होइ जेहमाँ कउनो मनई न रहत होइ।
7 मइँ लोगन क महल क नस्ट करइ पठउब।
हर एक मनई क लगे आपन औजार होइहीं।
उ सबइ लोग तोहार सबन्त उत्तिम देवदार सहतीर क काट डइहीं।
अउर ओका आगी मँ लोकाइ देइहीं।
8 “अनेक रास्ट्रन स लोग इ नगर स गुजरिहीं। उ पचे एक दूसर स पूछिहीं, ‘यहोवा इ महान नगर यरूसलेम क संग अइसा भयंकर काम काहे किहस?’ 9 उ सवाल क जवाब इ होइ, ‘परमेस्सर यरूसलेम क नस्ट किहेस, काहेकि यहूदा क लोग यहोवा आपन परमेस्सर स संग कीन्ह गइ करार क मानब तजि दिहस। ओन लोग दूसर देवतन क पूजा अउर सेवा किहन।’”
राजा यहोसाहाज क खिलाफ निआव
10 उ राजा बरे जिन रोआ जउन मरि गवा।
ओकरे बरे जिन रोवा।
किन्तु उ राजा बरे फूट-फूट के रोआ
जउन हिआँ स जात अहइ।
ओकरे बरे रोआ, काहेकि उ फुन कबहुँ वापस नाहीं आइ।
सल्लूम (यहोसाहाज) आपन जन्मभूमि क फुन कबहुँ नाहीं लखी।
11 यहोवा योसिय्याह क पूत सल्लूम क बारे मँ जउन कहत ह, उ इ अहइ (सल्लूम आपन बाप योसिय्याह क मउत क पाछे यहूदा क राजा भवा।) “सल्लूम यरूसलेम स दूर चला गवा। उ फुन यरूसलेम क वापस नाहीं लौटी। 12 सल्लूम हुवँइ मरी जहाँ ओका मिस्री लइ जइहीं। उ इ भुइँया क फुन नाहीं लखी।”
राजा यहोयाकीम क बिरूद्ध निआव
13 “राजा यहोयाकीम बरे इ बहोत बुरा होइ।
उ बुरे करम करत अहइ एह बरे उ आपन महल बनाइ लेइ।
उ लोगन क ठगत अहइ, एह बरे उ ऊपर कमरन बनाइ सकत ह।
उ आपन लोगन स बेगार लेत अहइ।
उ ओनके काम क मजदूरी नाहीं देत अहइ।
14 “यहोयाकीम कहत अहइ,
‘मइँ अपने बरे एक ठु बिसाल महल बनाउब।
मइँ दूसर मंजिल पइ बिसाल कमरन बनाउब।’
एह बरे उ बिसाल खिड़कियन वाला महल बनावत अहइ।
उ देवदार क कड़ियन क दीवारन पइ मढ़ावत बाटइ
अउर एन पाइ लाल रंग चढ़ावत अहइ।
15 “यहोयाकीम, आपन घरे मँ देवदार क जियादा लकड़ी क उपयोग
तोहका महान सम्राट नाहीं बनावत।
तोहार बाप योसिय्याह भोजन पान पाइके सतुंट्ठ रहा।
उ उ किहस जउन ठीक अउर निआवपूर्ण रहा।
योसिय्याह उ किहस, एह बरे परमेस्सर ओका आसीस दिहा।
16 योसिय्याह दीन-दीन लोगन क मदद दिहस।
योसिय्याह उ किहस, एह बरे ओकरे बरे सब कछू अच्छा भवा।
यहोयाकीम ‘परमेस्सर क जानइ’ क का अरथ होत ह?
मोका जानइ क अरथ,
ठीक रहब अउर निआवपूर्ण होब अहइ।
इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
17 “यहोयाकीम, तोहार आँखिन सिरिफ तोहार आपन लाभ क लखत हीं,
तू सदा ही आपन बरे जियादा स जियादा पावइ क सोचत अहा।
तू निरपराध लोगन क मारइ बरे इच्छुक रहत अहा।
तू दूसर लोगन क चीजन क चोरी करइ क इच्छुक रहत अहा।”
18 एह बरे योसिय्याह क पूत यहोयाकीम स यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ:
“यहूदा क लोग यहोयाकीम बरे रोइहीं नाहीं।
उ पचे आपुस मँ इ नाहीं कहिहीं, ‘हे मोर भाई यहोयाकीम क बारे मँ एतना दुःखी हउँ।
हे मोर बहिन, मइँ यहोयाकीम क बारे मँ एतना दुःखी हउँ।’
उ पचे ओकरे बरे रोइहीं नाहीं।
मइँ उ पचे ओकरे बारे मँ नाहीं कहिहीं,
‘हे स्वामी, हम एतने दुःखी अही।
हे राजा, हम एतने दुःखी अही।’
19 यरूसलेम क लोग यहोयाकीम क एक ठु मरे गदहे क तरह दफनइहीं।
इ पचे ओकरे ल्हास क दूर घसीट लइ जइहीं अउर उ पचे ओकरे ल्हास क यरूसलेम स दुआरे क बाहेर एक खेत मँ लोकाइ देइहीं।
20 “यहूदा, लबानोन क पहाड़न पइ जा अउर चिल्लाअ।
बासान क पहाड़न मँ आपन रोउब सुनाई पड़इ द्या।
अबारीम क पहाड़न मँ जाइके चिल्लाअ।
काहेकि तोहार सबहिं ‘प्रेमी’ नस्ट कइ दीन्ह जइहीं।
21 “हे यहूदा जब तू आपन क सुरच्छित समुझा,
किन्तु मइँ तोहका चिताउनी दिहेउँ,
परन्तु तु सुनइ स इन्कार किहा
अउर यहूदा जब स तू युवती रहिउ,
तू मोर आग्या क पालन नाहीं किहा।
22 हे यहूदा, मोर सजा आँधी क तरह आइ
अउर इ तोहार सबहिं गड़रियन (प्रमुखन) क उड़ाइ लइ जाइ।
तोहार प्रेमियन क बन्दी बना लीन्ह जाइ।
तब तू लज्जित होउबिउ।
तू जउन कछू बुरे करम किहा, ओनके कारण अपमानित होउबिउ।
23 “हे राजा, तू लबानोन स लीन्ह भवा ऐस व आराम क सामन स
घेरा भवा सुरच्छित रहत ह।
किन्तु तू फुरइ तब कराह उठब्या जब तोहका सजा मिली।
तू बच्चा पइदा करत मेहरारू क तरह पीड़ित होब्या।”
राजा कोन्याह क खिलाफ निआव
24 इ सँदेसा यहोवा क अहइ: “मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खात हउँ यहोयाकीम क पूत अउर यहूदा क राजा कोनयाह (यहोयाकीन) बरे कि जदि तू मोरे दाहिने हाथ क मुहर क अँगूठी (राजमुद्रा) होतेन तउ भी मइँ तोहका बाहेर निकार फेंकतेन। 25 कोन्याह मइँ तोहका बाबुल अउ कसदियन क राजा नबूकदनेस्सर क देब। उ पचे ही लोग अइसे अहइँ जेनसे तू डेरात ह। उ सबइ लोग तोहका मार डावइ चाहत हीं। 26 मइँ तोहका अउर महतारी क अइसे देस मँ लोकाउब कि जहाँ तू दुइनउँ मँ स कउनो भी पइदा नाहीं भवा रहा। तू अउर तोहार महतारी उहइ देस मँ मरिहीं। 27 उ पचे आपन भुइँया मँ जाइ क इच्छा करब्या, किन्तु उ पचन्क कबहुँ लउटइ नाहीं दीन्ह जाइ।”
28 कोन्याह उ टूट बर्तन क तरह अहइ जेका कउनो लोकाइ दिहेस ह।
उ अइसे बर्तन क तरह अहइ जेका कउनो मनई नाहीं चाहत।
कोन्याह अउर ओकर सन्तानन काहे बाहेर लोकाइ दीन्ह जइहीं?
उ पचे कउनो भी बिदेस मँ काहे लोकावा जइहीं?
29 भुइँया, भुइँया, यहूदा क भुइँया।
यहोवा क सँदेसा सुना।
30 यहोवा कहत ह, “कोन्याह क बारे मँ इ लिख ल्या:
‘उ अइसा मनई अहइ जेका भविस्स मँ अब बच्चन नाहीं होइहीं।
कोन्याह आपन जिन्नगी मँ सफल नाहीं होइ।
ओकर सन्तान मँ स कउनो भी यहूदा पइ सासन नाहीं करी।’”
23 “यहूदा क गड़रियो क बरे इ बहोत बुरा होइ। उ सबइ गड़रियन भेड़िन क नस्ट करत अहइँ। उ पचे भेड़िन क मोर चरागाह स चारिहुँ कइँती भगावत अहइँ।” इ यहोवा क सँदेसा अहइ।
2 उ सबइ गड़रियन मोरे लोगन बरे उत्तरदायी अहइँ अउर इस्राएल क परमेस्सर यहोवा ओन गड़रियन स इ कहत ह, “गड़रियो, तू मोर भेड़िन क चारिहुँ कइँती भगाया ह। तू ओनका चला जाइ क मजबूर किहा ह। तू ओनकर देखरेख नाहीं रख्या ह। किन्तु मइँ तू लोगन क लखब, मइँ तू पचन्क बुरे करमन बरे सजा देब जउन तू किहा ह।” इ सँदेसा यहोवा क हिआँ स अहइ। 3 “मइँ आपन भेड़िन (लोगन) क अलग-अलग देसन मँ पठउब। किन्तु मइँ आपन ओन भेड़िन क एक संग बटोरब जउन बची रहि ग अहइँ अउर मइँ ओनका ओनकर चरागाह (देस) मँ लिआउब। जब मोर भेड़िन अपनी चरागाह मँ वापस अइहीं तउन ओनकर बहोत बच्चन होइहीं अउर ओनकर संख्या बढ़ि जाइ। 4 मइँ आपन भेड़िन बरे नवे गड़रियन राखब उ सबइ गड़रियन मोरे भेड़िन क देखरेख करिहीं अउर मोर भेड़िन भयभीत या डेरइहीं नाहीं। मोर भेड़िन मँ स कउनो हेरइहीं नाहीं।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
सच्चा अकुंर
5 यहोवा कहत ह:
“समइ आवत अहइ
जब मइँ दाऊद क कुल मँ एक ठु सच्चा ‘अंकुर’ उगाउब।
उ अइसा राजा होइ जउन बुद्धिमानी स सासन करी
अउर उ उहइ करी जउन देस मँ उचित अउर निआउपूर्ण होइ।
6 उ सच्चे अंकुर क समइ मँ यहूदा क लोग सुरच्छित रहिहीं
अउर इस्राएल सुरच्छित रही।
ओकर नाउँ इ होइ
यहोवा हमार सच्चाई अहइ।”
7 यहोवा कहत ह: “एह बरे समइ आवत अहइ जब लोग पुरान प्रतिग्या नाहीं करिहीं। जउन उ पहिले किया करत रहेन उ कहत रहे: ‘यहोवा क किरिया, जउन इस्राएल क लोगन क मिस्र देस स बाहेर लिआए रहा।’ 8 किन्तु अब लोग कछू नवा कहिहीं, ‘यहोवा जिअत अहइ, यहोवा ही उ अहइ जउन इस्राएल क लोगन क उत्तर क देस स बाहेर लिआवा। उ ओनका ओन सबहिं देसन स बाहेर लिआवा जेनमाँ उ ओनका पठए रहा।’ तब इस्राएल क लोग आपन देस मँ ही रहिहीं।”
झूठे नबियन क विरूद्ध निआव
9 नबियन बरे सँदेस अहइ:
“मइँ बहोत दुःखी हउँ, मोर हिरदय विदीर्ण होइ ग अहइ।
मोर सारी हड्डियन काँपत अहइँ।
मइँ (यिर्मयाह) मतवाला क तरह अहउँ।
काहे? यहोवा अउर ओकर पवित्तर सँदेसा क कारण।
10 यहूदा अइसे लोगन स भरा अहइ
जउन परमेस्सर बरे बिस्सासघाती अहइँ।
यहोवा भुइँया क अभिसाप दिहस
अउर इ बहोत झुराइ गइ।
पौधन चरागाहन मँ झुरात अहइँ
अउर मरत अहइँ।
खेत रेगिस्ताने जइसा होइ ग अहइँ।
नबियन बुरा करम करत ह अउर ओनकर सक्ति नकली अहइ।
11 नबी अउर याजक तलक भी पापी अहइँ।
मइँ ओनका आपन मँन्दिर मँ पाप करत लखेउँ ह।
इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
12 एह बरे मइँ ओनका आपन सँदेस देब बन्द करब।
इ अइसा होइ माना उ पचे अंधकार मँ चलइ क मजबूर कीन्ह ग होइँ।
इ अइसा होइ माना नबियन अउर याजकन बरे फिसलइवाली सड़किया होइ।
उ अँधियारी जगह मँ उ सबइ नबी अउ याजक गिरिहीं।
मइँ ओन पइ बिपत्तियन ढाउब।
उ समइ मइँ ओन नबियन अउर याजकन क सजा देब।”
इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
13 “मइँ सोमरोन क नबियन क कछू बुरा करत लखेउँ।
मइँ ओन नबियन क लबार बाल देवता क नाउँ भविस्सवाणी करत लखेउँ।
ओन नबियन इस्राएल क लोगन स दूर भटकाएन।
14 मइँ यहूदा क नबियन क यरूसलेम मँ बहोत भयानक करम करत लखेउँ।
एन नबियन बिभिचार करइ क पाप किहन।
उ पचे झूठी सिच्छन पइ बिस्सास किहन,
अउर ओन लबार उपदेसन क कबूल किहन।
उ पचे दुट्ठ लोगन क पाप करत रहइ क बरे उत्साहित किहन।
एह बरे लोग पाप करब नाहीं तजेन।
उ पचे सबहिं लोग एदोप नगर क तरह अहइँ।
यरूसलेम क लोग मोरे बरे अमोरा नगर क तरह अहइ।”
15 एह बरे सर्वसक्तिमान यहोवा नबियन क बारे मँ इ बातन कहत ह,
“मइँ आव नबियन क दण्ड देब।
उ सजा बिख स भरा भोजन पानी खाइ पिअइ जइसा होइ।
नबियन आध्यात्मिक बीमारी पइदा किहन अउर उ बीमारी पूरे देस मँ फइल गइ।
एह बरे मइँ ओन नबियन क सजा देब।
उ बीमारी यरूसलेम मँ नबियन स आइ।”
16 सर्वसक्तिमान इ सब कहत ह:
“उ पचे नबी तू पचन स जउन कहइँ ओकर अनसुनी करा।
उ पचे तू पचन्क मूरख बनावइ क जतन करत अहइँ।
उ पचे नबी अन्तदर्सन करइ क बात करत हीं।
किन्तु उ पचे आपन अन्त दर्सन मोहसे नाहीं पाउतेन।
ओनकर अन्तदर्सन ओनकर मन क उपज अहइ।
17 कछू लोग यहोवा क सच्चे सँदेसा स घिना करत हीं।
एह बरे उ सबइ नबी ओन लोगन स अलग-अलग कहत हीं।
उ पचे कहत हीं, ‘तू सान्ति स रहब्या।’
कछू लोग बहोत हठी अहइँ।
उ पचे उहइ करत हीं जउन उ पचे करइ चाहत हीं।
एह बरे उ सबइ नबी कहत हीं,
‘तोहार पचन्क कछू भी बुरा नाहीं होइ।’
18 किन्तु एन नबियन मँ स कउनो भी स्वर्गीय परिषद मँ सामिल नाहीं भवा ह।
ओनमाँ स कउनो भी यहोवा क सँदेसा क न लखेस ह न ही सुनेस ह।
ओनका स कउनो भी यहोवा क सँदेसा पइ गंभीरता स धियान नाहीं दिहेस ह।
19 अब यहोवा क हिआँ स सजा आँधी क तरह आइ।
यहोवा क किरोध बौंड़र क तरह होइ।
इ ओन दुट्ठ लोगन क मूँड़न क कुचरत भवा आइ।
20 यहोवा क किरोध तब तलक नाहीं रूकी
जब तलक उ पचे जउन करइ चाहत हीं, पूरा न कइ लेइँ।
जब उ दिन चला जाइ
तब तू पचे एका ठीक ठीक समुझब्या।
21 मइँ ओन नबियन क नाहीं पठएउँ।
किन्तु उ पचे आपन सँदेसा देइ दउड़ पड़ेन।
मइँ ओनसे बातन नाहीं किहेउँ।
किन्तु उ पचे मोर नाउँ क उपदेस दिहन।
22 जदि उ पचे मोर स्वर्गीय परिषद मँ सामिल भए होतेन
तउ उ पचे यहूदा क लोगन क मोर सँदेसा दिए होतेन।
उ पचे लोगन क बुरे करम करइ स रोक दिए होतेन।
उ पचे लोगन क पाप करम करइ स रोक दिए होतेन।”
23 इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
“मइँ परमेस्सर हउँ, हिआँ हुआ अउर सर्वत्र।
मइँ बहोत दूर नाहीं हउँ।
24 कउनो मनई कउनो छिपइ क ठउरे मँ आपन क मोहसे छिपावइ जतन कइ सकत ह।
किन्तु ओका लखि लेब मोरे लिए सहल अहइ।
काहेकि मइँ सरग अउ धरती दुइनउँ पइ सर्वत्र हउँ।”
यहोवा इ सबइ बातन कहेस। 25 “अइसे नबी अहइँ जउन मोरे नाउँ पइ लबार उपदेस देत हीं। उ पचे कहत हीं, ‘मइँ एक सपन लखेउँ ह! मइँ एक सपन लखेउँ ह।’ मइँ ओनका उ सबइ बातन करत सुनेउँ ह। 26 इ कब तलक चलत रही? उ सबइ नबी झूठ ही क चिन्तन करत हीं अउर तब उ पचे उ झूठ क उपदेस लोगन क देत हीं। 27 इ सबइ नबी जतन करत हीं कि यहूदा क लोग मोर नाउँ बिसरि जाइँ। उ पचे इ काम क, आपुस मँ एक दूसर स कल्पित सपन कहिके करत अहइँ। इ सबइ लोग मोरे लोगन स मोर नाउँ वइसे ही बिसराइ देइ क जतन करत अहइँ जइसे ओनकर पुरखन मोका बिसरि गए रहेन। ओनकर पुरखन मोका बिसरि गएन अउर उ पचे लबार देवता बाल क पूजा किहन। 28 भूसा उ नाहीं अहइ जउन गोहूँ अहइ। ठीक उहइ तरह ओन नबियन क सपन मोर सँदेसा नाहीं अहइँ। जदि कउनो मनई आपन सपनन क कहइ चाहत ह तउ ओका कहइ द्या। किन्तु उ मनई क मोरे सँदेसा क सच्चाई क कहइ द्या जउन मोरे सँदेसा क सुनत ह। 29 मोर सँदेसा ज्वाला क तरह अहइ। इ उ हथौड़े क तरह अहइ जउन चट्टान क चूर्ण करत ह।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
30 “एह बरे मइँ लबार नबियन क खिलाफ हउँ। काहेकि उ पचे मोरे सँदेसा क एक दूसर स चोरावइ मँ लगा रहत हीं।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। 31 “उ पचे आपन बात कहत हीं अउर देखावा इ करत हीं कि उ यहोवा सँदेसा अहइ। 32 मइँ ओन लबार नबियन क खिलाफ हउँ जउन सपन क उपदेस देत हीं।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “उ पचे आपन झूठ अउ झूठे उपदेसन स मोरे लोगन क भटकावत हीं। मइँ ओन नबियन क लोगन क उपदेस देइ बरे नाहीं पठएउँ। मइँ ओनका आपन बरे कछू करइ क आदेस कबहुँ नाहीं दिहेउँ। उ पचे यहूदा क लोगन क सहायता बिल्कुल नाहीं कइ सकतेन।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
यहोवा स दुःखपूर्ण संदेसा
33 “यहूदा क लोग, नबी अथवा याजक तू पचन्स पूछ सकत हीं, ‘यहोवा क बोझ का अहइ?’ तू पचे ओनका जवाब द्या, ‘तू पचे बोझ अहइ अउर मइँ तोहसे छुटकारा पाउब।’ यहोवा कहत ह।
34 “कउनो नबी या याजक अथवा सायद लोगन मँ स कउनो कह सकत ह, ‘इ यहोवा स बोझ अहइ।’ उ मनई इ झूठ कहेस, एह बरे मइँ उ मनई अउर ओकरे पूरे परिवार क सजा देब। 35 जउन तू आपुस मँ एक दूसर स कहब्या उ इ अहइ: ‘यहोवा का जबाव दिहस?’ या ‘यहोवा का कहेस?’ 36 किन्तु तू पचे फुन इ भाव क कबहुँ नाहीं दुहरउब्या। यहोवा क ‘बोझ’ काहेकि ‘बोझ’ लोगन क खुद क सब्द अहइ। ऍह बरे तू पचे मोरे परमेस्सर, सजीव परमेस्सर, सर्वसक्तिमान यहोवा क सब्द क ‘बोझ’ बदल ह।
37 “जदि तू परमेस्सर क सँदेसा क बारे मँ जानइ चाहत अहा तब कउनो नबी स पूछा, ‘यहोवा तोहका का जवाब दिहस?’ या ‘यहोवा का कहेस?’ 38 किन्तु इ न कहा, ‘यहोवा क हिआँ स बोझ का अहइ?’ जदि तू एन सब्दन क उपयोग करब्या तउ यहोवा तोहसे इ सब कही, ‘तोहका मोरे सँदेसा क यहोवा क हिआँ स बोझ नाहीं कहइ चाही रहा।’ मइँ तोहसे ओन सब्दन क उपयोग न करइ क कहे रहेउँ। 39 किन्तु तू मोरे सँदेसा क बोझइ कहा, ‘एह बरे मइँ तोहका एक बोझ क तरह उठाउब अउर आपन स दूर पटक देब। मइँ तोहरे पुरखन क यरूसलेम नगर दिहे रहेउँ। किन्तु अब मइँ तोहका अउर उ नगर क आपन स दूर लोकाइ देब। 40 मइँ सदा ही तोहका कलंकित बनाइ देब। तू कबहुँ आपन लज्जा क नाहीं बिसरब्या।’”
1 पौलुस कइँती स जेका परमेस्सर क चुना भआ प्रेरित लोगन क ओनका बिसवास मँ सहायता देइ क बरे अउर हमरे धरम क सच्चाई क पूरा गियान क रहनुमाई क बरे भेजा गवा बा, इ सब, लोगन क परमेस्सर की सेवा क मार्ग बताइ। 2 उ मइँ अइसेन एह बरे करत हुँ कि परमेस्सर क चुने हुअन क अनन्त जीवन क आस बाँधइ। परमेस्सर, जउन कभउँ झूठ नाहीं बोलत, अनादि काल स अनन्त जीवन क बचन दिहे अहइ। 3 उचिते समइ पइ परमेस्सर अपने सुसमाचार क संसार क जानकारी बरे परगट किहेस। उहइ संदेस हमार उद्धारकर्ता परमेस्सर क आज्ञा स मोका सउँपा गवा बा।
4 हमार समान बिसवास मँ मोर सच्चा बेटवा तीतुस कः हमरे परमपिता परमेस्सर,
अउर उद्धारकर्ता मसीह ईसू कइँती स अनुग्रह अउर सान्ति मिलइ।
क्रीत मँ तीतुस क काम
5 मइँ तोहे सबन क क्रीत मँ एह बरे छोड़ रेहउँ कि उहाँ कछू अधूरा रही गवा बा, तू ओका ठीकठाक कइ द्या अउर मोरे आदेस क अनुसार हर नगर मँ बुजुर्गन क नियुक्त करा 6 बुजुर्ग क नियुक्त तबहिं कीन्ह जाइ जब उ निर्दोस होइ। एक पत्नी ब्रती होइ। ओकर बचवन बिसवासी होइँ अउर अनुसासनहीनता क दोस ओनपर न लगावा जाइ सकइ। अउर उ पचे निरकुंस भी न होइँ। 7 निरीच्छक निर्दोस अउर कउनउ खराबी स अछूता होइ चाही। काहेकि जेका परमेस्सर क काम सऊँपा गवा बा, ओका अड़ियल, चिड़चिड़ा, बहुत जियादा मदिरा पियइवाला, झगड़ालू, नीच कमाई क लोलुप न होइ चाही। 8 बल्कि ओका तउ अतिथियन क आवभगत करइवाला, नेकी क चाहइवाला, विवेक स भरा धर्मी, भगत, अउर अपने प नियन्त्रण रखइवाला होइ चाही। 9 ओका ओह बिसवास करइ जोग्ग संदेसा क मजबूती स धारण किहे रहइ चाही जेकर ओका सिच्छा दीन्ह गइ अहइ, ताकि उ लोगन क सदसिच्छा दइके ओन्हे प्रबोधित कइ सकइ। अउर जउन एनकर विरोधी होइँ, ओनकर खण्डन कइ सकइ।
10 इ एह बरे इ बहुत जरूरी बा काहेकि उ सबइ बहुत अहइँ अउर उ पचे उपद्रवी होइके व्यर्थ क बात बनावत भए दुसरन क भटकावत हीं। मइँ विसेसरूप स गैर यहूदियन पृष्ठभूमि क लोगन क उल्लेख करत हउँ। 11 ओनकर तउ मुँह बन्द किन्ह देइ जाइ चाही। काहेकि उ पचे जउन बातन नाहीं सिखावइ क बाटिन, ओन्हे सिखावत भए घर बिगाड़त रहत हीं। खराब रस्तन धन कमाइ क बरे ही ओ अइसेन करत हीं। 12 एक क्रीत क नबियन त अपने लोगन क बारे मँ खुद कहे बाटइः “क्रीत क निवासी हमेसा झूठ बोलत हीं, उ पचे जंगली पसु अहइँ, उ सबइ आलसी बाटेन, पेटू अहइँ।” 13 इ कथन सही बा, इही बरे ओनका बलपूर्वक डाँटा-फटकारा ताकि उ सत्य बिसवास क अनुसरण कइ सकइ। 14 यहूदियन क पुरान कथनन अउर ओन्हन लोगन क हुकुमन पइ, जउन सत्य स भटकि गवा हयेन, कउनउ धियान न द्या।
15 पवित्तर लोगन क बरे सब कछू पवित्तर बाटइ, मुला जउन पापे स असुद्ध अहइँ अउर जेनमाँ बिसवास नाहीं बा, ओनके बरे कछू भी पवित्तर नाहीं बा। वरन ओनकर मन अउर विवेक दुइनो हीं असुद्ध अहइँ। 16 उ पचे परमेस्सर क जानइ क दावा करत हीं। मुला ओनकर करम दर्सावत हीं कि ओ पचे ओका जनबइ नाहीं करतेन। उ पचे घृणित अउर आज्ञा क उल्लंघन करइवाला अहइँ। अउर कउनउ अच्छा काम करइ काम क करइ मँ उ असमर्थ अहइँ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.