Old/New Testament
9 कास मोर सिर पानी मँ डूबा होत,
अउर मोर आँखिन आँसू क झरना होतिन
तउ मइँ आपन नस्ट कीन्ह गए लोगन बरे दिन रात रोवत रहत।
2 कास मोका रेगिस्तान मँ जगहिया मिल गइ होत
जहाँ कउनो घरे मँ यात्री रात बितउतेन,
तउ मइँ आपन लोगन क छोड़ सकत रहेउँ।
मइँ ओन लोगन स दूर चला जाइ सकत रहेउँ।
काहेकि उ पचे सबहिं परमेस्सर क बिस्सासघाती
व बिभिचारी होइ गवा अहइँ।
3 “उ सबइ लोग आपन जीभ क उपयोग धनुस जइसा करत हीं,
ओनकर मूँह स झूठ बाण क समान छूटत हीं।
उ पचे पूरा देस मँ प्रबल होत ह,
उ सबइ लोग एक क बाद दूसर करम करत हीं।
उ पचे मोका नाहीं जानतेन।”
यहोवा कहत ह।
4 “आपन पड़ोसियन स सतर्क रहा,
आपन निज भाइयन पइ भी बिस्सास जिन करा।
काहेकि हर एक भाई ठग होइ गवा अहइ।
हर पड़ोसी तोहरे पीठ पाछे बात करत ह।
5 हर एक मनई आपन पड़ोसी स झूठ बोलत ह।
कउनो मनई फुरइ नाहीं बोलत।
यहूदा क लोग जीभ क झूठ बोलइ क सिच्छा दिहन ह।
उ पचे तब तलक पाप किहन
जब तलक कि उ पचे एतने थकेन
कि लउट नाहीं सकेन।
6 तू धोखा क बीच मँ निवास करत ह।
लोग मोका अपनावइ स इन्कार कइ दिहन।”
यहोवा कहत ह।
7 एह बरे सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह,
“मइँ यहूदा क लोगन क परीच्छा वइसे ही करब
जइसे कउनो मनई आगी मँ तपाइके कउनो धातु क परीच्छा करत ह।
मोरे लगे दूसर विकल्प नाहीं अहइ।
मोर लोग पाप किहन ह।
8 यहूदा क लोगन क जीभ तेज बाणन क तरह अहइँ।
ओनकर मुँहे स झूठ बरसत ह।
हर एक मनई आपन पड़ोसी स अच्छा बोलत ह।
किन्तु उ छुपे आपन पड़ोसी पइ हमला करइ क जोजना बनावत ह।
9 का मोका यहूदा क लोगन क एन कामन क करइ बरे सजा नाहीं देइ चाही?”
इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
“तू जानत ह कि मोका इ प्रकार क लोगन क सजा देइ चाही।
मइँ ओनका उ दण्ड देब जेकर उ पचे पात्र अहइँ।”
10 मइँ पर्वतन बरे फूटि फूटिके रोउब।
मइँ खाली खेतन बरे सोक गीत गाउब।
काहेकि जिअत बस्तुअन छोर लीन्ह गइन।
कउनो मनई हुआँ जात्रा नाहीं करत।
उ जगह पइ कउनो जनावर क ध्वनि नाहीं सुनाई पड़ सकत।
पंछी उड़ गवा अहइँ
अउर जनावर चला गवा अहइँ।
11 “मइँ (यहोवा) यरूसलेम नगर क कूड़े क ढेर बनाइ देब।
इ सियारन क माँदन बनी।
मइँ यहूदा देस क सहरन क बरबाद करब
एह बरे हुआँ कउनो भी नाहीं रही।”
12 का कउनो मनई अइसा बुदद्धिमान अहइ जउन एन बातन क समुझ सकइ? का कउनो मनई अहइ जेका यहोवा स सिच्छा मिली अहइ? का कउनो यहोवा क सँदेसा क व्याख्या कइ सकत ह? देस काहे नस्ट भवा? इ एक ठू सूने रेगिस्ताने क तरह काहे कइ दीन्ह गवा जहाँ कउनो भी नाहीं जात?
13 यहोवा एन सवालन क जवाब दिहस। उ कहेस, “इ एह बरे भवा कि यहूदा क लोग मोर सिच्छा पइ चलब तजि दिहन। मइँ ओनका आपन सिच्छा दिहेउँ, किन्तु उ पचे मोर सुनइ स इन्कार किहन। उ पचे मोर उपदेसन क अनुसरण नाहीं किहन। 14 यहूदा क लोग आपन राह चलेन, उ पचे हठी रहेन। उ पचे लबार देवता बाल क अनुसरण किहन। ओनकर पुरखन ओनका लबार देवतन क अनुसरण करइ क सिच्छा दिहन।”
15 एह बरे इस्राएल क परमेस्सर सर्वसक्तिमान यहोवा कहत ह, “मइँ हाली ही यहूदा क लोगन क कड़ुवा फल चखाउब। मइँ ओनका जहरीला पानी पिआउब। 16 मइँ यहूदा क लोगन क दूसर रास्ट्रन मँ छितराइ देब। उ पचे अजनबी रास्ट्रन मँ रहिहीं। उ पचे अउर ओनकर पुरखन ओन देसन क कबहुँ नाहीं जानेन। हवाँ भी मइँ तरवार लिए मनइयन क ओन लोगन क मारि डावइ बरे पठाब। जब तलक उ पचे नस्ट नाहीं होइ जइहीं।”
17 सर्वसक्तिमान यहोवा जउन कहत ह,
“उ इ अहइ: अब एन सबन्क बारे मँ सोचा।
अन्त्येस्टि क समइ भाड़ा पइ रोवइवाली मेहररूअन क बोलावा।
ओन मेहररूअन क बोलावा जउन बिलाप करइ मँ चतुर होइँ।
18 लोग कहत हीं,
‘ओन मेहररूअन क हाली स आवइ
अउर हमरे बरे रोवइ द्या,
तब हमार आँखिन आँसू स भरिहीं
अउर पानी क धारा हमरी आँखिन स फूट पड़ी।’
19 “जोर स रोवइ क अवाजन सिय्योन स सुनी जाति अहइँ।
‘हम फुरइ बर्बाद होइ गए।
हम फुरइ लज्जित अही।
काहेकि हम अपने देस क तजइ दिहे ह,
काहेकि हमार घर नस्ट
अउर बर्बाद होइ ग अहइँ।’”
20 यहूदा क मेहररूओ, अब यहोवा क सँदेसा सुना।
यहोवा क मुँहे स निकरे सब्दन क सुनइ बरे आपन कान खोल ल्या।
यहोवा कहत ह, “आपन बिटियन क जोर स रोउब सिखाया।
हर एक मेहरारू क इ सोक गीत क सीख लेब चाही।”
21 “मउत हमरी खिड़कियन स चढ़िके आई अहइ।
मउत हमरे महलत मँ घुसि गइ अहइ।
सड़क पइ खेलइवाले हमरे बच्चन क मउत आइ गइ अहइ।
सामाजिक ठउरन मँ मिलइवाले युवकन क मउत होइ गइ अहइ।”
22 “ओन लोगन स कहा,
‘जउन यहोवा कहत ह, उ इ अहइ:
मनइयन क ल्हास खेतन मँ गोबर स पड़ा रहिहीं।
ओनकर ल्हास जमीन पइ उ फसल स पड़ा रहिहीं जेनका किसान काट डाएन ह।
किन्तु ओनका बटोरइवाला कउनो नाहीं होइ।’”
23 यहोवा कहत ह,
“बुद्धिमान क आपन बुद्धिमान क डींग नाहीं मारइ चाही।
ताकतवर क आपन ताकत क बखान नाहीं करइ चाही।
धनवान क आपन धने क हवा नाहीं बाँधइ चाही।
24 किन्तु जदि कउनो डींग मारइ ही चाहत ह तउ ओका एन चीजन क डींग मारइ द्या:
ओका इ बात क डींग मारइ द्या कि उ मोका समुझत अउर जानत ह।
ओका इ बात क डींग हाँकइ द्या कि उ इ समुझत ह कि मइँ यहोवा हउँ।
एका इ बात क हवा बाँधइ द्या कि मइँ कृपालु अउर न्यायी हउँ।
ओका इ बात क ढिंढोरा पीटइ द्या कि मइँ पृथ्वी पइ अच्छे काम करत हउँ।
मोका एन कामन क करइ स पिरेम अहइ।”
इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
25 यहोवा कहत ह, “समइ आवत अहइ, जब मइँ ओन लोगन क सजा देब जउन सिरिफ तने स खतना कराए अहइँ। 26 मइँ मिस्र, यहूदा, एदोम, अम्मोन अउ मोआब क रास्ट्रन क अउर ओन सबहिं लोगन क बारे मँ बातन करत अहइँ जउन रेगिस्ताने मँ रहत हीं जउन दाढ़ी क किनारन क बालन क काटत हीं। ओन सबहिं देसन क लोग आपन सरीर क खतना नाहीं करवाएन ह। किन्तु इस्राएल क परिवार क लोग हिरदइ स खतना क नाहीं ग्रहण किहन ह, जइसे कि परमेस्सर क लोगन क करइ चाही।”
यहोवा अउर देव मूरतियन
10 इस्राएल क परिवार, यहोवा क सुना। 2 जउन यहोवा कहत ह, उ इ अहइ:
“अन्य रास्ट्रन क लोगन क तरह जिन रहा।
अकासे क खास संकेतन स जिन डेराअ।
दूसर रास्ट्र ओन संकेतन स डेरात हीं जेनका उ पचे अकासे मँ लखत हीं।
किन्तु तू पचन्क ओन चीजन स नाहीं डेराइ चाही।
3 दूसर लोगन क रीति रिवाज ब्यर्थ अहइँ।
ओनकर देव मूरतियन जंगल क लकड़ी क अलावा कछू नाहीं।
ओनकर देव मूरतियन कारीगर क छैनी स बनी अहइँ।
4 उ पचे आपन देव मूरतियन क सोना चाँदी स सुन्नर बनावत हीं।
उ पचे आपन देव मूरतियन क हथौड़न
अउर कीलन स लटकावत हीं जेहसे उ सबइ लटके रहइँ, गिर न पड़इँ।
5 दूसर देसन क देव मूरतियो,
ककड़ी क खेते मँ खड़े फूस क पुतले क समान अहइँ।
उ सबइ न बोल सकत हीं,
अउर न चल सकत हीं।
ओनका उठाइके लइ जाब पड़त ह
काहेकि उ सबइ चल नाहीं सकतिन।
ओनसे जिन डेराअ।
उ सबइ न तउ तू पचन्क चोट पहुँचाइ सकत हीं
अउर न ही कउनो लाभ।”
6 यहोवा तू जइसा कउनो दूसर नाहीं अहइ।
तू महान अहा।
तोहार नाउँ महान अउर सक्तितपूर्ण अहइ।
7 परमेस्सर, हर एक मनई क तोहार सम्मान करना चाही।
तू सबहिं रास्ट्रन क राजा अहा।
तू ओनके सम्मान क पात्र अहा।
रास्ट्रन मँ अनेक बुद्धिमान मनई अहइँ।
किन्तु कउनो मनई तोहरे समान बुद्धिमान नाहीं अहइ।
8 दूसर रास्ट्रन क सबहिं लोग बेहुदा अउर मूरख अहइँ।
ओनकर देवतन क सिच्छा केवल लकड़ी क टुकड़ा अहइँ।
9 उ पचे आपन मूरतियन क तर्सीस नगर क चाँदी
अउर उफाज नगर क सोने क उपयोग कइके बनावत हीं।
उ सबइ देव मूरतियन बढ़इयन अउ सुनारन क जरिये बनाई जात हीं।
उ पचे ओन देव मूरतियन क अच्छा किसिम क कीमती नीले अउर बैंगनी वस्त्र पहिरावत हीं।
इ सबइ “कुसल कारीगरन” दुआरा बनाए गए रहेन।
10 किन्तु केवल यहोवा ही सच्चा परमेस्सर अहइ।
उ एकमात्र परमेस्सर अहइ जउन चेतन अहइ।
उ सास्वत सासक अहइ।
जब परमेस्सर किरोध करत ह तउ धरती काँप जात ह।
रास्ट्रन क लोग ओकरे किरोध क रोक नाहीं सकतेन।
11 यहोवा कहत ह, “ओन लोगन क इ सँदेसा द्या:
‘ओन लबार देवतन पृथ्वी अउ सरग नाहीं बनाएन
अउर उ पचे देवता नस्ट कइ दीन्ह जइहीं,
अउर पृथ्वी अउर सरग स लुप्त होइ जइही।’”
12 उ परमेस्सर एक ही अहइ जउन आपन सक्ति स पृथ्वी बनाएस।
परमेस्सर आपन बुद्धि क उपयोग किहस अउर संसार क रचना कइ डाएस।
आपन समुझ क अनुसार परमेस्सर पृथ्वी क ऊपर अकास क फइलाएस।
13 परमेस्सर कड़कत बिजली बनावत ह
अउर उ अकास स बड़े जल क बाढ़ क सिरावत ह।
उ पृथ्वी क हर एक स्थान पइ, अकासे मँ मेघ क उठावत ह।
उ बिजली क बर्खा क साथ पठवत ह।
उ आपन गोदामन स पवन क निकारत ह।
14 लोग एतना बेवकूफ अहइँ।
सुनार ओन देव मूरतियन स मूरख बनावा गएन ह जेनका उ पचे खुद बनाएन ह।
इ सबइ मूरतियन झूठ क अलावा कछू नाहीं अहइँ,
उ सबइ निस्कृय अहइँ।
15 उ सबइ देव मूरतियन कउनो काम क नाहीं।
उ सबइ कछू अइसी अहइँ जेनकर मजाक उड़ावा जाइ सकइ।
निआउ क समइ आवइ पइ उ सबइ देव मूरतियन नस्ट कइ दीन्ह जइहीं।
16 किन्तु याकूब क परमेस्सर ओन देव मूरतियन क समान नाहीं अहइ।
परमेस्सर सबहिं वस्तुअन क सृस्टि किहस,
अउर इस्राएल उ परिवार अहइ जेका परमेस्सर आपन लोग क रूप मँ चुनेस।
परमेस्सर क नाउँ, “सर्वसक्तिमान यहोवा” अहइ।
बिनास आवत अहइ
17 तू पचे जउन कि सहर रहत ह आपन सबहिं चिजियन जमा कइ ल्या
अउर जाइ क तइयार हो जा।
18 यहोवा कहत ह,
“इ समय मइँ यहूदा क लोगन क इ देस स बाहेर लोकाइ देब।
मइँ ओनका पीड़ा अउ परेसानी देब।
मइँ अइसा करब जेहसे उ सबइ पाठ सीख सकइँ।”
19 ओह, मइँ बुरी तरह घायल अहउँ।
मइँ ठीक नाहीं होइ सकत।
तउ भी मइँ खुद स कहेउँ,
“इ मोर बेरामी अहइ, मोका एहसे पीड़ित होइ चाही।”
20 मोर डेरा बर्बाद होइ गवा।
डेरे क सारी रस्सियन टूट गइन ह।
मोर बच्चन मोका तजि गएन।
उ पचे चला गएन।
कउनो मनई मोर डेरा लगावइ क नाहीं बचा ह।
कउनो मनई मोरे बरे सरण ठउर बनावइ क नाहीं बचा ह।
21 गड़रियन (प्रमुख) मूर्ख अहइँ।
उ पचे यहोवा क पावइ क जतन नाहीं करतेन।
उ पचे बुद्धिमान नाहीं अहइँ,
एह बरे ओनकर रेवड़न (लोग) बिखर गइन अउर नस्ट होइ गइन ह।
22 धियान स सुना।
एक कोलाहल, कोलाहल उत्तर स आवत अहइ।
इ यहूदा क नगरन क नस्ट कइ देइ।
यहूदा एक सुनसान रेगिस्तान बन जाइ।
इ गीदड़न क माँद बन जाइ।
23 हे यहोवा, मइँ जानत हउँ कि मनई फुरइ आपन जिन्नगी क मालिक नाहीं अहइ।
लोग फुरइ आपन भविस्स क जोजना नाहीं बनाइ सकत हीं।
लोग फुरइ नाहीं जानतेन कि कइसे ठीक जिअत रहा जाइ।
24 हे यहोवा, हमार अनुसान करा,
किन्तु निआव स।
किरोध मँ हमका सजा जिन द्या।
नाहीं तउ तू मोका नस्ट कइ देब्या।
25 जदि तू कोहान अहा तउ दूसर रास्ट्रन क सजा द्या।
उ पचे, न तोहका जानत हीं न ही तोहार सम्मान करत हीं।
उ सबइ लोग तोहार आराधना नाहीं करतेन।
ओन रास्ट्रन याकूब क परिवारे क नस्ट किहन।
उ पचे इस्राएल क पूरी तरह बर्बाद कइ दिहन।
उ पचे इस्राएल क जन्मभूमि क नस्ट किहन।
करार टूटी
11 इ उ सँदेसा अहइ जउन यिर्मयाह क मिला। यहोवा क इ सँदेसा आवा। 2 “यिर्मयाह इ करार क सब्दन क सुना। एन बातन क बारे मँ यहूदा क लोगन स कहा। इ सबइ बातन यरूसलेम मँ रहइवाले लोगन स कहा। 3 ओन लोगन स कहा: इ उ अहइ, जउन इस्राएल क परमेस्सर यहोवा कहत ह, ‘जउन मनई इ करार क पालन नाहीं करी ओह सरापि जाइँ। 4 इ उ करार रही जेका मइँ तोहरे पुरखन क संग किहेउँ, जब मइँ ओनका मिस्र स बाहेर लिआएउँ। मिस्र अनेक मुसीबतन क जगह रही इ लोहा क टेघराइ देइवाली गर्भ भट्टी क तरह रही।’ मइँ ओन लोगन स कहेउँ, ‘मोर आग्या माना अउर उ सब करा जेकर मइँ तू पचन्क आदेस देउँ। जदि तू पचे इ करब्या तू मोर लोग होब्या अउर मइँ तोहार पचन्क परमेस्सर होब।’
5 “मइँ इ तोहार पचन्क पुरखन क दीन्ह गए वचन क पूरा करइ बरे करत रहेउँ ह। मइँ ओनका बहोत उपजाउ भुइँया देइ क प्रतिग्या किहेउँ, अइसी भुइँया जेहमाँ दूध अउर सहद की नदी बहत अहइ अउर आजु तू पचे उ देस मँ रहत अहा।”
मइँ जवाब दिहेउँ, “हे यहोवा, आमीन।”
6 यहोवा मोहसे कहेस, “यिर्मयाह, इ सँदेसा क सिच्छा यहूदा क नगरन अउर यरूसलेम क सड़कन पइ द्या। सँदेसा इ अहइ, ‘इ करार क बातन क सुना अउर तब ओन नेमन क पालन करा। 7 मइँ तोहरे पचन्क पुरखन क मिस्र देस स बाहेर लिआवइ क समइ एक चिताउनी दिहे रहेउँ। मइँ ओनसे आपन आग्या क पालन करइ बरे कहेउँ। 8 किन्तु तोहरे पचन्क पुरखन मोर एकउ न सुनेन। उ पचे हठी रहेन अउर उहइ किहन जउन ओनकर आपन बुरे हिरदय चाहेन। तउ मइँ उ सबइ बिपत्तियन जउन मोर करार मँ लिखा भवा ह ओह पइ लाएस, जउन कि मोर अवग्या करइ स मिलइ चाही जे उ पचे किहेस ह।’”
9 यहोवा मोहसे कहेस, “यिर्मयाह, मइँ जानत हउँ कि यहूदा क लोग अउर यरूसलेम क निवासी लोग गुप्त जोजनन बनाइ राखेन ह। 10 उ सबइ लोग वइसे ही पाप करत अहइँ जेनका ओनकर पुरखन किहन ह। ओनकर पुरखन मोर सँदेस क सुनइ स इन्कार किहेन। उ पचे दूसर देवतन क अनुसरण किहन अउर ओनका पूजेन। इस्राएल क परिवार अउर यहूदा क परिवार उ करार क तोड़ेन ह जेका मइँ ओनके पुरखन क संग किहे रहेेउँ।”
11 एह बरे यहोवा कहत ह: “मइँ यहूदा क लोगन पइ हाली ही भयंकर विपत्तियन ढाउब। उ पचे बच नाहीं पइहीं अउर जब उ पचे मदद बरे मोका गोहरइहीं। मइँ ओनकर एक न सुनब। 12 यहूदा क नगरन क लोग अउर यरूसलेम नगर क लोग जइहीं अउर आपन देव मूरतियन स पराथना करिहीं। उ सबइ लोग ओन देव मूरतियन क सुगन्धि यहूदा धूप वारत हीं। किन्तु उ सबइ देव मूरतियन क लोगन क मदद नाहीं कइ पइहीं जब उ भयंकर विपत्ति क समइ आइ।
13 “यहूदा क लोगो, तोहरे पचन्क लगे बहोत स देवमूरतियन अहइँ, हुआँ ओतनी देवमूरतियन अहइँ जेतना यहूदा नगर मँ अहइँ। तू पचे उ घिनौनी बाल क पूजा बरे बहोत स बेदियन बनाइ राख्या ह यरूसलेम मँ जेतनी सड़कन अहइँ ओतनी ही वेदियन अहइँ।
14 “यिर्मयाह, जहाँ तलक तोहार बात अहइ, यहूदा क एन लोगन बरे पराथना न करा। ओनके बरे याचना न करा। मइँ ओनका नाहीं सुनब जब उ कस्ट मँ रहिहीं अउ मोहसे मदद बरे गोहारहीं।
15 “मोर प्रिया (यहूदा) मोरे घरे मँ काहे अहा?
ओका हुवाँ रहइ क अधिकार नाहीं अहइ।
उ बहोत स बुरे काम किहेन ह,
यहूदा का तू सोचति अहा कि खास प्रतिग्यन
अउर पसु बलि तोहका बर्बाद होइ स बचाइ लेइहीं?
का तू आसा करति अहा कि तू ओका बलि भेट कइके सजा पावइ स बच जाबिउ?”
16 यहोवा तोहका एक ठु नाउँ दिहे रहा।
“उ तोहका हरा भरा जैतून क बृच्छ कहे रहा जेकर सुन्दरता निहारइ क जोग्य अहइ”
किन्तु एक प्रबल आँधी क गरज क संग,
यहोवा उ बृच्छ क आगी मँ झुलसाई देइ अउर एकर डारन जरि जइहीं।
17 सर्वसक्तिमान यहोवा तोहका रोपेस, अउर उ इ घोसना किहेस ह कि तोहे पइ बर्बादी डाउब्या। काहेकि इस्राएल क रास्ट्र अउर यहूदा क परिवार बुरे करम किहेन ह। उ पचे बाल क बलि भेंट कइके मोका क्रोधित किहेन ह।
यिर्मयाह क खिलाफ बुरी जोजनन
18 यहोवा मोका देखाएस कि अनातेन क मनई मोरे खिलाफ सड्यंत्र करत अहइँ। यहोवा मोका उ सब देखाएस जउन उ पचे करत अहइँ। एह बरे मइँ जानेउँ कि उ पचे मोरे खिलाफ रहेन। 19 जब यहोवा मोका देखाएस कि लोग मोरे विरूद्ध अहइँ एकरे पहिले मइँ उ भोले मेमने क समान रहेउँ जउन काट दीन्ह जाइ क प्रतीच्छा मँ होइ। मइँ नाहीं समुझत रहेउँ कि उ पचे मोरे खिलाफ अहइँ। उ पचे मोरे बारे मँ इ कहत रहेन: “आवा, हम लोग पेड़ अउर ओकर फल क नस्ट कइ देइ। आवा हम ओका मारि डाइ। तब लोग ओक बिसरि जइहीं।” 20 किन्तु यहोवा तू एक निआइ निआवाधीस अहा। तू लोगन क हिरदय अउर मन क परीच्छा करइ जानत अहा। मइँ आपन तर्कन क तोहरे समन्वा प्रस्तुत करब अउर मइँ तोहका ओनका सजा देइ क कहब जेकर उ पचे पात्र अहइँ।
21 अनातोन क लोग यिर्मयाह क मार डावइ क जोजना बनावत रहेन। ओन लोग यिर्मयाह स कहेन, “यहोवा क नाउँ भविस्सवाणी न करा वरना हम तोहका मार डाउब।” यहोवा अनातोत क ओन लोगन क बारे मँ निर्णय लिहस। 22 सर्वसक्तिमान यहोवा कहेस, “मइँ हाली ही अनातोत क ओन लोगन क सजा देब। ओनकर नउजवान जुद्ध मँ मारा जइहीं। ओनकर पूत अउर बिटियन भूखन मरिहीं। 23 अनातोत नगर मँ कउनो भी मनई नाहीं बची। कउनो मनई जिअत नाहीं रही। मइँ ओनका सजा देब। मइँ ओनके संग कछू बुरा घटित होइ देब।”
दासन क बरे बिसेस निर्देस
6 जउन लोग अंधबिसवासी क जुए क नीचे क दास बना अहइँ, ओन्हे अपने स्वामियन क सम्मान क जोग्ग समझइ चाही ताकि परमेस्सर क नाउँ अउर हमरे उपदेसन क निन्दा न होइ। 2 अउर अइसेन दासन के भी जेनकर स्वामी बिसवासी हयेन, बस इही बरे कि उ पचे ओनकर धरमभाई अहइँ, ओनके बरे कम सम्मान न देखॉवइ चाही, बल्कि ओनका तउ अपने स्वामियन क अउर अधिक सेवा करइ चाही काहेकि जेनका एकर लाभ मिलत बा, उ पचे बिसवासी अहइँ, जेनसे उ पचे पिरेम करत हीं।
इन बातन क सिखावत रहा अउर एनकर प्रचार करत रहा।
झूठइ उपदेस अउर सच्चइ धन
3 अगर केउ एनमाँ स अलग बात सिखावत ह अउर हमारा पर्भू ईसू मसीह क ओन्हन सदबचनन क नाहीं मानत ह अउर परमेस्सर क सही तरीके स सेवा करे की सिच्छा स सहमत नाहीं होत ह 4 तउ उ अहंकार मँ फूला बा अउर कुछ भी नाहीं जानत ह। उ तउ कुतर्क करइ अउर सब्दन क लेइके झगड़इ क रोग स घिरा बाटइ। इन बातन स त ईर्सा, बैर, निन्दा-भाव अउर गाली-गलौज 5 अउर ओन लोगन क बीच जेकर बुद्धि बिगड़ गइ बा, कबहुँ न खत्म होइवाला मतभेद पैदा होत ह अउर भ्रष्ट दिमाग क अहइ, जउन सत्य क खोइ चुका अहइ। अइसेन लोगन क बिचार बा कि परमेस्सर क सेवा धन कमाइ क ही एक साधन अहइ।
6 निस्चय ही परमेस्सर क सेवा-भक्ति स ही आदमी बहुत सम्पन्न बनत ह। पर ई ओन्हीं क बरे सत्य बा जउन ओसे संतुस्ट होइ जात ह, जउन ओका मिलत ह। 7 काहेकि हम संसारे मँ न तउ कछू लइके आइ रहे अउर न ही इहाँ स कछु लइके जाइ पाउब। 8 तउन अगर हमरे लगे रोटी अउर कपड़ा बा त हम उही मँ सन्तुस्ट हई। 9 मुला जउन धनवान बनइ चाहत हीं, जे प्रलोभन मँ पड़िके जाल मँ फँसि जात हीं ओनका अइसेन ढेर मूर्खपना अउर बिनास करइवाली इच्छन घेरि लेत हीं जउन ओनकर पतन अउर बिनास होय जात ह। 10 काहेकि धन क पिरेम सब तरह क बुराइ क जनम देत ह। कछू लोग आपन इच्छन क कारण ही बिसवास स भटकि गवा हयेन अउर अपने क पीड़ित कइके कस्टमय समस्याआ का झेलत बाटेन।
याद रखइ जोग्ग बातन
11 मुला हे परमेस्सर क लोग, तू इन बातन स दूर रहा अउर नेकी, परमेस्सर क सेवा, बिसवास, पिरेम धीरझ, अउर सज्जनता मँ लगा रहा। 12 हमार बिसवास जउन उत्तिम स्पर्धा क अपेच्छा करत ह, तू उही क बरे संघर्ष करत रहा अउर अपने बरे अनन्त जीवन क अर्जित कइ ल्या। तोहका उही क बरे बोलावा गवा अहा। तू बहुत स लोगन क सामने उस परम सत्य का (ईसू मसीह का) बहुत अच्छे तरह स अंगीकार किहे अहा। 13 परमेस्सर क सामने, जउन सब क जीवन देत ह अउर ईसू मसीह क सामने जे पुन्तियुस पिलातुस क सामने बहुत अच्छी साच्छी दिहे रहा, मइँ तोहका इ हुकुम देत हउँ कि 14 जब तलक हमार पर्भू ईसू मसीह परगट होत ह, जब तलक तोहे जउन हुकुम दीन्ह गवा बा, तू उही पर बिना कउनउ कबहुँ छोड़े निर्दोस भाव स चलत रहा। 15 उ ओह पइ धन्य, एक छत्र, राजा लोगन क राजा अउर सम्राटन क पर्भू क उचित समइ आए पइ घटित करी। 16 उ अगम प्रकास क निवासी अहइ। ओका न केउ देखे बा, न केउ देखि सकत ह। ओकर सम्मान अउर ओकर अनन्त सक्ति क बिस्तार होत रहइ। आमीन।
17 वर्तमान युग क चीजन क कारण जउन लोग अमीर बने भए अहइँ, ओन्हे आज्ञा द्या कि उ पचे अभिमान न करइँ। अउर ओह धने स जउन जल्दी चला आई कउनउ आसा न रखइँ। परमेस्सर पर ही आपन आसा टिकावइँ जउन हमका हमार आनन्द क बरे सब कछू भरपूर देत ह। 18 ओनका आज्ञा देइँ कि उ पचे अच्छा अच्छा काम करइँ। अच्छा कामन स ही धनी बनइँ। उदार रहइँ अउर दूसरन क साथे आपन चीजे बाँटइँ। 19 अइसेन करई स ही उ पचे एक सरगे क खजाना क संयच करिहीं जउन भविस्य क बरे मजबूत नींव सिद्ध होई। इहीं स उ सच्चा जीवन क थामे रइहीं।
20 तीमुथियुस! तोहे जउन सँउपा गवा बा, तू ओकर रच्छा करा। बेकार क संसारी बातन स बचा रहा। अउर जउन “झूठा गियान” स सम्बन्धित बेकार क विरोधी बिसवासी हयेन, ओनसे दूर रहा काहेकि 21 कछू लोग यह दावा करत हीं कि वे इसे “गियान” क जानत अहा, पर उ वास्तव मँ बिसवासे स दूर चला जात हीं।
परमेस्सर क अनुग्रह तोहरे साथे रहई।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.