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Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
यिर्मयाह 1-2

यिर्मयाह क इ सबइ सँदेस अहइ। यिर्मयाह हिल्कय्याह नाउँ क मनई क पूत रहा। यिर्मयाह ओन याजकन क परिवार स रहा जउन अनातोत नगर मँ रहत रहेन। उ नगर उ पहँटा मँ अहइ जउन बिन्यामीन परिवारे क रहा। यिर्मयाह यहोवा क वचन ओन दिनन प्राप्त कइ सुरू किहस जब आमोन नाउँ क राजा क पूत योसिय्याह यहूदा रास्ट्र क राजा रहा। यिर्मयाह योसिय्याह क राज्जकाल क तेरहवें बरिस मँ यहोवा क वचन प्राप्त करइ सुरू किहेस। योसिय्याह क पूत अउर यहोयाकीम क राज्जकाल मँ यिर्मयाह यहोवा क वचन प्राप्त करत रहा। यहोवा क वचन, यहूदा क अगला राजा योसिय्याह क पूत क सिदकिय्याह क राज्जकाल क ग्यारह बरिस तलक, अउर सिदकिय्याह क राज्जकाल क ग्यारहवें बरिस क पाँचवें महीना मँ यरूसलेम मँ रहत रहे लोगन क देस-निकारा जाइ तलत प्राप्त होत रहा।

परमेस्सर यिर्मयाह क अपने लगे बोलावत ह

मइँ यिर्मयाह इ सँदेस यहोवा स प्राप्त कइ रहा:

“तोहरी महतारी क गरभ मँ रखइ क पहिले
    मइँ तोहका जान लिहेउँ।
तोहरे जनम लेइ क पहिले,
    मइँ तोहका बिसेस कारज बरे चुने रहेउँ।
    मइँ तोहका रास्ट्रन क नबी होइ क चुने रहेउँ।”

तब मइँ अर्थात यिर्मयाह कहेउँ, “मुला सर्वसक्तिमान यहोवा, मइँ तउ बोलब भी नाहीं जानत। मइँ तउ अबहिं बालक ही रहेउँ।”

मुला यहोवा मोहसे कहेस,

“जिन कहा, ‘मइँ बालक ही हउँ।’
    तोहका हर ओन ठउरन पइ जाब अहइ जहाँ मइँ पठवउँ।
    तोहका उ सब कहब अहइ जेका मइँ कहइ क कहउँ।
कउनो स जिन डेराअ।
    मइँ तोहरे संग अहउँ, अउर मइँ तोहार रच्छा करब।”
इ सँदेसा यहोवा क अहइ।

तब यहोवा आपन हाथ बढ़ाएस अउर मोरे मुँह क छुइ लिहस। यहोवा मोहसे कहेस,

“यिर्मयाह, मइँ आपन सब्द तोहरे मुँहे मँ देत अहइँ।
10 आजु मइँ तोहका राज्जन अउ रास्ट्रन क अधिकारी,
    एनका उखाड़ा अउ उजाड़ फेंकइ बरे,
एका नस्ट अउ उठाइ फेंकइ बरे,
    एका निर्माण करइ अउ रोपन बरे नियुक्त किहउँ।”

दुइ अन्तर्दृस्य

11 यहोवा क सँदेसा मोका मिला। इ सँदेसा यहोवा क रहा: “यिर्मयाह, तू का लखत अहा?”

मइँ जवाब दिहेउँ, “मइँ बादाम क काठे क एक छड़ी लखत हउँ।”

12 यहोवा मोहसे कहेस, “तू बहोत ठीक लख्या। काहेकि मइँ आपन बचन क होइ बरे ओहे पइ नज़र रखत अहउँ।”[a]

13 यहोवा क सँदेसा मोका फुन मिला। इ सँदेसा इ तरह रहा: “यिर्मयाह, तू का लखत अहा?”

मइँ जवाब दिहेउँ, “मइँ खउलत पानी क एक बर्तन लखत हउँ। इ बर्तन उत्तर कइँती स टपकत अहइ।”

14 यहोवा मोहसे कहेस, “उत्तर कइँती स कछू भयानक चिजियन ओन लोगन बरे
    जउन इ देस मँ रहत हीं आइ।
15 बहोत ही जल्दी मइँ उत्तर क राज्जन क सबहिं लोगन क बोलाउबा,”
    यहोवा कहत ह।

“ओन राज्जन क राजा लोगन अइहीं।
    उ पचे यरूसलेम क दुआर क समन्वा आपन सिंहासन जमइहीं।
उ पचे यरूसलेम क सबहिं नगर देवारन पइ आक्रमन करिहीं।
    उ पचे यहूदा क एलाके क सबहिं नगरन पइ आक्रमन करिहीं।
16 अउर मइँ यहूदा क लोगन क जरिये कीन्ह गवा बुरे करम क बिरुद्ध आपन निर्णय क घोसना करब।
    मोर लोग मोका छोड़एन।
उ पचे दूसर देवतन क बलि चढ़ाएन जेका
    उ पचे आपन हाथन स बनाएस।

17 “यिर्मयाह, जहाँ तलक तोहार बात अहइ,
    उठा, तइयार होइ जा
अउर लोगन स उ सब कछू कहा,
    जेका मइँ तोहका हुकुम देत हउँ।
लोगन स जिन डेराअ।
    वरना तउ मइँ ओन लोगन क समन्व तोहका तबाह कइ देब।
18 जहाँ तलक मोर बात अहइ,
    मइँ आजु ही तोहका एक दृढ़ नगर,
एक लौह खम्भा, एक ठु काँसा क देवार बनावइ जात हउँ।
    तू देस मँ हर एक क खिलाफ खड़ा होइ क जोग्ग होब्या,
यहूदा देस क राजा लोगन क खिलाफ,
    यहूदा क याजकन क खिलाफ अउर यहूदा देस क लोगन क खिलाफ भी।
19 उ सबइ लोग तोहरे खिलाफ लड़िहीं,
    मुला उ पचे तोहका हरावइ क नाहीं करिहीं।
काहेकि मइँ तोहरे संग हउँ,
    अउर मइँ तोहार रच्छा करब।”
इ सँदेसा यहोवा क अहइ।

यहूदा बिस्सास क जोग्ग नाहीं रहा

यहोवा क सँदेसा यिर्मयाह क मिला। यहोवा क सँदेसा इ रहा: “यिर्मयाह, जा अउर यरूसलेम क लोगन क सँदेसा द्या। ओनसे कहा:

“‘जउने समय तू नवा रास्ट्र रह्या, तू मोर बिस्सास क जोग्ग रह्या।
    तू मोर अनुसरण नई दुलहिन जइसा किहा।
तू मोर अनुसरण रेगिस्तान मँ स होइके किहा,
    उ प्रदेस मँ अनुसरण किहा जेका कबहुँ खेती क भूमि न बनावा गवा रहा।
इस्राएल क लोग यहोवा बरे एक पवित्तर भेंट रहेन।
    उ पचे ओकर फसल क पहिला फल रहेन।
कउनो भी व्यक्ति जउन ओनका खाइ क जतन किहे रहेन
    ओका कसूरवार घोसित कीन्ह ग रहेन।
ओन पइ बुरी आपत्तियन अइहीं,’” यहोवा कहत ह।

याकूब क परिवार, यहोवा क सँदेसा सुना।
    इस्राएल क तू सबहिं परिवार समूहों, सँदेसा सुना।

जउन यहोवा कहत ह, उ इ अहइ:
“तोहार पुरखन बरे मइँ का गलत किहउँ
    कि तोहार पुरखन मोहसे दूर होइ गएन?
तोहार पुरखन निरर्थक देव मूरतियन पूजेन।
    अउर उ पचे खुद निरर्थक होइ गएन।
तोहार पुरखन इ नाहीं कहेन,
    ‘यहोवा हमका मिस्र स निकारेस।
यहोवा मरूभूमि मँ हमार अगुअइँ किहेस।
    यहोवा हमका झुरान चट्टानी प्रदेस स लइके आवा,
यहोवा हमका अँधियारा स पूर अउर भय से भरे देसन मँ राह देखाएस।
    कउनो भी लोग हुआँ नाहीं रहतेन।
    कउनो भी लोग उ देस स जात्रा नाहीं करतेन।
मुला यहोवा उ प्रदेस मँ हमार अगुवाई किहेस।
    एह बरे उ यहोवा अब कहाँ अहइ?’”

यहोवा कहत ह, “मइँ तू पचन्क अनेक चिजियन स भरे उत्तिम देस मँ लाएउँ।
    मइँ इ किहेउँ जेहसे तू हुआँ उगे भए फल
अउर पइदावार क खाइ सका।
    मुला तू पचे आया अउर मोरे देस क ‘गन्दा’ किहा।
मइँ उ देस तू पचन्क दिहे रहेउँ,
    किन्तु तू पचे ओका बुरा ठउर बनाया।

“याजक लोग नाहीं पूछेन,
    ‘यहोवा कहाँ अहइ?’
उ लोग जउन व्यवस्था क सिच्छा देत ह उहइ मोका नाहीं जानत ह।
    इस्राएल क लोगन क प्रमुख मोरे खिलाफ चला गएन।
नबी लोग लबार बाल देवता क नाउँ भविस्सवाणी किहन।
    उ पचे निरर्थक देव मूरतियन क पूजा किहन।”

यहोवा कहत ह, “एह बरे मइँ तू पचन्क फुन दोखी करार देब,
    अउर तोहरे पचन्क पोतन क दोखी ठहराउब।
10 समुद्दर पार कित्तियन क द्वीपन क जा
    अउर लखा कउनो क केदार प्रदेसन क पठवा
अउर ओका धियान स लखइ द्या।
    धियान स लखा का कउनो अइसा काम किहेस:
11 का कउनो रास्ट्र क लोग कबहुँ
    आपन पुरान देवतन क नवा देवतन स बदेलन ह? नाहीं।
    नि:संदेह ओनकर देवतन
असल मँ देवतन अहइँ ही नाहीं।
    मुला मोर लोग आपन यसस्वी परमेस्सर क निरर्थक देव मूरतियन स बदलेन ह।

12 “आकास, जउन भवा ह ओहसे अपने हिरदइ क आघात पहोंचइ द्या।
    भय स काँप उठा।”
    इ सँदेसा यहोवा क रहा।
13 मोर लोग दुइ पाप किहेन ह।
    उ पचे मोका तजि दिहन (मइँ ताजा पानी क सोता अहउँ।)
    अउर उ पचे आपन पानी क निजी हौद खनेन ह, (उ पचे दूसर देवतन क भवत बनेन ह।)
किन्तु ओनकर हउज टूटेन ह।
    ओन हउजन मँ पानी नाहीं रुकी।

14 “का इस्राएल क लोग दास होइ गएन ह?
    का उ पचे एक जन्मजात दास स होइ गएन ह?
    इस्राएल क लोग क सम्पत्ति दूसर लोग काहे लइ लिहेन?
15 जवान सिंह (दुस्मन) इस्राएल रास्ट्र पइ दहाड़त हीं, गुर्रार्त्त हीं।
    सिंहन इस्राएल क लोगन क देस उजाड़ दिहेन ह।
इस्राएल क नगर बार दीन्ह गएन ह।
    ओनमाँ कउनो भी नाहीं रहि गवा ह।
16 नोप अउर तहपन्हेस नगर क लोग
    तू पचन्क मूँड़े क सीर्स क कुचरि दिहेन ह।
17 इ परेसानी तोहार पचन्क आपन दोख क कारण अहइ।
    तू पचे आपन यहोवा परमेस्सर स विमुख होइ गया,
    जबकि उ सही दिसा मँ तू पचन्क लइ जात रहा।
18 एकरे बारे मँ सोचा: का तू मिस्र जाइ समइ मँ सहायता पाएहस?
    का तू पानी पिअइ बरे नील नदी गएहस? नाहीं।
    क तू अस्सूर जाइ समइ मँ सहायता पाएस? का तू परात नदी क जल पिअइ बरे गएस? नाहीं।
19 तू पचे बुरे करम किहा,
    अउर उ सबइ बुरी चिजियन तू पचन्क सिरिफ सजा देवइहीं।
बिपदन तू पचन्पइ टूटि पड़िहीं
    अउर इ सबइ बिपदन तू पचन्क पाठ पढ़इहीं।
इ विसय मँ सोचा; तब तू पचे इ समुझब्या कि आपन परमेस्सर स बिमुख होइ जाब केतना बुरा अहइ।
    मोहसे न डेराब बुरा अहइ।”
    इ सँदेसा मोर सुआमी सर्वसक्तीमान यहोवा क रहा।
20 “तू बहोत पहिले आपन जुआ लोकाइ दिहे रह्या।
    तू उ रस्सियन तोड़ पेंक्या जेका मइँ तू पचन्क अपने लगे धरइ मँ काम मँ लिआवत रह्या।
    तू मोहसे कह्या, ‘मइँ आप क सेवा नाहीं करब।’
तू रंडी क नाई हर एक ऊँची पहाड़ी पइ
    अउर हर एक हरियर बृच्छ क नीचे झुटे देवतन क उपासना कइ के तू बेवफाइ किहा।
21 मइँ तू पचन्क बिसेस अंगूरे क बेल क तरह रोपेउँ।
    तू सबहिं नीक बिया क समान रह्या।
तू उ अलग बेल मँ कइसे बदल्या
    जउन बुरा फल देत हीं।
22 अगर तू आपन क सज्जी[b] स भी धोवा,
    बहोत साबुन भी लगावा,
तउ भी मइँ तोहरे दोख क दागे क लख सकत हउँ।”
    इ सदेस परमेस्सर यहोवा क रहा।
23 “तू मोका कइसे कहि सकत ह,
    ‘मइँ अपराधी नाहीं अहउँ।
मइँ बाल क मूरतियन क पूजा नाहीं किहेउँ?’
    ओन कामन क बारे मँ सोचा जेनका तू घाटी मँ किहा।
उ बारे मँ सोचा, तू का कइ डाया ह।
    तू उ तेज ऊँटिन क नाई अहा जउन कि टेढ़ा-मेढ़ा रास्ता पइ तेज दउड़त ह।
24 तू उ जंगली गदही क तरह अहा जउन रेगिस्तान मँ रहत ह
    अउर सहभोग क मौसम मँ जउन हवा क सूँधत ह गन्ध लेत ह।
    कउनो मनई ओका काम क उत्तेजना क समइ लउटाइके लिआइ नाहीं सकत।
सहभोग क समइ हर एक गद्धा जउन ओका चाहत ह, पाइ सकत ह।
    ओका खोज निकारब सहल अहइ।
25 देवमूरतियन क पाछे दउड़ब बन्द करा।
    ओन दूसर देवतन बरे पियास रखाइ बंद करा।
मुला तू कहत अहा, ‘इ बियर्थ अहइ।
    मइँ तजि नाहीं सकत।
    मइँ ओन दूसर देवतन स पिरेम करत हउँ।
    मइँ ओनकर पूजा करइ चाहत हउँ।’

26 “चोर लजात ह जब ओका लोग धइ लेत हीं।
    उहइ तरह इस्राएल क परिवार लजात ह।
राजा अउर प्रमुख याजक
    अउ नबी लजान अहइँ।
27 उ पचे लोग काठे क टूकन स बात करत हीं,
    उ पचे कहत हीं, ‘तू मोर पिता अहा।’
उ सबइ लोग चट्टान स बात करत हीं,
    उ पचे कहत हीं, ‘तू मोका जन्म दिहा ह।’
उ पचे सबहिं लोग लजाइ जइहीं।
    उ पचे लोग मोरी कइँती धियान नाहीं देतेन।
    उ पचे मोहसे पीठ फेरि लिहन ह।
किन्तु जब ओन लोगन पइ बिपद आवत ह तब उ पचे मोहसे कहत हीं,
    ‘आवा अउर हमका बचावा।’
28 ओन देवमूरतियन क आवइ अउर तोहका बचावइ द्या।
    उ सबइ देवमूरतियन कहाँ अहइँ जेनका तू अपने बरे बनाया ह? हमका लखइ द्या,
का उ सबइ मूरतियन आवत हीं अउर तोहार रच्छा बिपत्ति स करत हीं?
    यहूदा क लोगो, तू लोगोन क लगे ओतनी मूरतियन अहइँ जेतना नगर।

29 “तू पचे मोहसे बिबाद काहे करत अहा?
    तू सबहिं मोरे खिलाफ होइ गवा अहा।”
    इ सँदेसा यहोवा क रहा।
30 “मइँ तोहरे गदेलन क दण्ड दिहेउँ,
    मुला एकर कउनो नतीजा नाहीं निकरा।
तू पचे तब लउटिके नाहीं आया
    जब दण्डित कीन्ह गया।
तू पचे ओन नबियन क तरवार क घाट उतार्या जउन तोहरे पचन्क लगे आए रहेन।
    तू पचे खूखार सिंह क नाईँ रह्या अउर तू पचे नबियन क मार डाया।”
31 इ पीढ़ी क लोगो,
    यहोवा क सँदेसा पइ धियान द्या:

“का मइँ इस्राएल क लोगन बरे रेगिस्तान जइसा बन गएउँ?
    का मइँ ओनका बरे अँधियर अउर खउफनाक देस जइसा बन गएउँ?
मोर लोग कहत हीं, ‘हम आपन राह जाइ क अजाद अही,
    यहोवा, हम फुन तोहरे लगे नाहीं लउटब।’
    उ पचे ओन बातन क काहे कहत हीं?
32 का कउनो नउजवान अउरत आपन गहना बिसरत ह? नाहीं।
    का कउनो दुलहिन आपन रूप-संगार क लिबास बरे
आपन दुपटा बिसरि जात ह? नाहीं।
    मुला मोर लोग मोका अनगिनत दिनन बरे बिसरि गएन ह।

33 “तू फुरइ पिरेमियन (लबार देवतन) क पाछे पड़ब जानत अहा।
    तू ओन दूसर लोगन बरे जउन बुरा करम करत ह नमुना बन गवा ह।
34 तोहार पचन्क हाथ खून स रगां अहइँ।
    इ गरीब अउ भोले लोगन क खून अहइ।
तू पचे लोगन्क मार्या ह अउर उ पचे अइसे चोर भी नाहीं रहेन जेनका तू पचे धर्या ह।
    तू पचे उ सबइ बुरे काम करत अहा।
35 किन्तु तू पचे फुन भी कहत रहत अहा, ‘हम निरपराध अही।
    परमेस्सर मोहे पइ कोहान नाहीं अहइ।’
एह बरे मइँ तू पचन्क झूठ बोलइवाला अपराधी होइ क भी निर्णय देब।
    काहेकि तू कहत बाट्या, ‘मइँ कछू भी बुरा नाहीं किहेउँ ह।’
36 तोहरे पचन्क बरे इरादा क बदलब बहोत आसान अहइ।
    अस्सूर तू पचन्क निरास किहस।
एह बरे तू पचे अस्सूर क तज्या अउर मदद बरे मिस्र पहोंच्या।
    मिस्र तू पचन्क निरास करी।
37 अइसा होइ कि तू पचे मिस्र भी तजब्या
    अउ तू पचन्क हाथ लज्जा स तोहार पचन्क आँखिन होइहीं।
मुला तू पचन्क ओन देसन स कउनो कामयाबी नाहीं मिली।
    काहेकि यहोवा ओन देसन्क
    अस्वीकार कइ दिहस ह।

1 तीमुथियुस 3

कलीसिया क निरीच्छक

इ एक बिसवास करइ जोग्ग कथन बा कि अगर केउ निरिच्छक बनइ चाहत ह तउ उ एक अच्छे कामे क इच्छा रखत ह। अब देखा ओका एक अइसी जिन्नगी जिअइ चाही जेकर लोग निआव स भरी आलोचना न कइ पावइँ। ओकर एकई पत्नी होइ चाही, ओका आत्मसंयमी, सुसील अउर अतिथि सत्कार करइवाला अउर सिच्छा देइ मँ निपुण होइ चाही। ओका पइसा क पिरेमी न होइ चाही। ओका पियक्कड़ न होइ चाही, न तउ ओका झगड़ालू होइ चाही। ओका तउ सज्जन अउर सान्ति प्रेमी होइ चाही। ओका पैसे का पिरेमी न होइ चाही। अपने परिवारे क उ अच्छा प्रबन्धक होइ अउर ओनकर बच्चन ओरके कब्जे मँ रहत रहइँ। ओकर पूरा सम्मान करत होइँ। अगर केउ अपने परिवारे क प्रबन्ध करइ नाहीं जानत तउ उ परमेस्सर क कलीसिया क प्रबन्ध कइसे कइ पाई?

उ एक नवा बिसवासी न होइ चाही ताकि उ अहंकार स फूलि न जाइ। अउर ओका सइतान क जइसा दण्ड पावइ पड़इ। एकरे अलावा बाहेर क लोगन मँ भी ओकर अच्छी इज्जत होइ चाही ताकि उ कउनउ आलोचना मँ फँसिके सइतान क फंदा मँ न पड़ि जाइ।

कलीसिया क सेवक

इही तरह कलीसिया क सेवकन केउ आदरणीय होइ चाही अउ ओका अउर दु मुँहा न होइ चाही। ओकर मदिरापान मँ रुचि न होई चाही। बुरे रस्तन स ओनका धन कमाइ क इच्छुक न होइ चाही। ओनका तउ पवित्तर मने स हमरे अभिव्यक्त सत्यन क थामे रखइ चाहे। 10 ऐन्हेऊ क पहिले निरीच्छकन क समान परखा जाइ चाही फिन अगर ओनके विरोध मँ कछू आपत्ति न होइ तबहिं एनका कलीसिया क सेवकन क न रूप मँ सेवा काम करइ देइ चाही।

11 इही तरह स्त्रीयन क भी सम्मान क जोग्ग होइ चाही। ओनका निंदक न होइ चाही। बल्कि सालीन अउर सब तरह स भरोसा करइवाली होइ चाही।

12 कलीसिया क सेवक क केवल एक्कई पत्नी होइ चाही अउर ओका आपन बाल बच्चन अउर अपने घरारन क अच्छा प्रबन्धक होइ चाही। 13 काहेकि अगर क कलीसिया क अइसेन सेवक क रूप मँ होइहीं जउन अच्छा सेवा प्रदान करत हीं, तउ उ पचे अपने बरे सम्मान स भरा स्थान अर्जित करिहीं। मसीह ईसू क बरे बिसवासे मँ जरूरइ ओनकइ आस्था होई।

हमार जीवन क रहस्य

14 मइँ इ आसा क साथे तोहे इ बातन क लिखत हउँ कि जल्दी ही तोहरे लगे आउबइ। 15 अगर मोका आवइ मँ समइ लग जाइ तउ तोहे सबन क पता रहइ कि परमेस्सर क परिवारे मँ, जउन सजीव परमेस्सर क कलीसिया बा, कउनो क आपन व्यवहार कइसे रखइ चाही। कलीसिया तउ सब क जड़ अउर आधार स्तम्भ अहइ। 16 बिना संदेह क हमरे भक्ति का रहस्य महान बाटइः

उ नर-देह धरे परगट भवा
    आतिमा द्वारा धर्मी प्रमाणित भवा
देखेन ओका सरगदूतन हुआ
    प्रचारित उ राष्ट्रन मँ,
जग तउ ओहपइ बिसवास किहेस,
    अउर उठावा गवा ओका महिमा मँ उप्पर।

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