Old/New Testament
परमेस्सर आपन दुस्मनन क सजा देइ
34 हे सबहिं रास्ट्र क लोगो, पास आवा अउर सुना। तू सब लोगन क धियान स सुनइ चाही। हे धरती अउ धरती पइ क सबहिं वासियो, हे जगत अउ ऐह मँ स आइ सबहिं वस्तुओ, तू सबन्क एन बातन क सुनइ चाही। 2 यहोवा सबहिं देसन अउर ओनकर फउजन पइ कोहान अहइ। यहोवा ओन सब क बर्बाद कइ देइ। उ ओन सबहिं क मरवाइ डाइ। 3 ओनकर ल्हासन बाहेर बहाइ दीन्ह जइहीं। ल्हासन स दुर्गन्ध उठी अउर पहाड़ क ऊपर स खून खाले क बही। 4 अकास चर्मपत्र क नाई लपेटिके मूँदि दीन्ह जइहीं। ग्रह तारन मरिके अंगूरे क बेल या अंजीरे क पत्तन क नाई गिरइ लगिहीं। अकासे क सबहिं तारन टेघर जइहीं। 5 यहोवा कहत ह, “अइसा उ समय होइ जब अकासे मँ मोर तरवार खूने मँ सन जाइ।”
लखा! यहोवा क तरवार एदोम क काटि डाइ। यहोवा ओन लोगन क अपराधी ठहराएस ह तउ ओन लोगन क मरब ही होइ। 6 यहोवा क तरवार मेमना अउर बोकरियन क खून स लतपत होइ गवा अहइ। अउर भेड़ा क गुर्दन क चर्बी स चिकनाई गवा अहइ। काहेकि यहोवा निहचइ किहस ह बोसरा मँ कत्लेआम होइ उ समइ बहोत सारे लोग एदोम मँ मारइ जाइहीं। 7 तउ भेड़न, मवेसी अउ हट्टे कट्टे जंगली बर्धन मारा जइहीं। धरती ओनकर खून स भरि जाइ। माटी ओनकी चर्बी स पट जाइ।
8 अइसी बातन घटिहीं काहेकि यहोवा सजा देइ क एक समय तय किहेस ह। यहोवा एक साल अइसा चुन लिहस ह जेहमाँ लोग आपन ओन बुरे कामन बरे जउन सिय्योन क खिलाफ किहेन ह, जरूर ही भुगतान कइ देइहीं। 9 एदोम क नदियन अइसी होइ जइहीं जइसे माना उ सबइ गरम तारकोल क होइँ। एदोम क धरती बरत भइ गंधक अउ तारकोल क समान होइ जाइ। 10 उ पचे आगे रात दिन बरा करिहीं। कउनो भी मनई उ आगी क रोकि नाहीं पाई। एदोम स सदा धुआँ उठा करी। उ धरती सदा सदा बरे बर्बाद होइ जाइ। उ धरती स होइके फुन कबहुँ कउनो नाहीं गुजरा करी। 11 उ धरती परिंदन अउर नान्ह-नान्ह जनावरन क होइ जाइ। हुवाँ कुचकुचवन अउर कउअन क बास होइ। परमेस्सर उ धरती क “सूनी उजाड़” भुइँया मँ बदल देइ। इ वइसी ही होइ जइसी इ सृस्टि स पहिले रही। 12 स्वतंत्र मनई अउर मुखिया लोग खतम होइ जइहीं। ओन लोगन क हुकूमत करइ बरे हुवाँ कछू भी नाहीं बची।
13 हुवाँ क सबहिं सुन्नर भवनन मँ काँटन अउर जंगली झाड़ियन जमि अहइी। जंगली कुकुरन अउर कुचकुचवन ओन मकानन मँ बास करिहीं। परकोटन स जुकत नगरन क जंगली जानवर आपन निवास बनाइ लेइहीं। हुवाँ जउन घास जमी ओहमाँ बड़के बड़के पंछी रइहीं। 14 हुवाँ जंगली बिल्लियन अउर लकड़ बग्घन साथ रहा करिहीं अउर जंगली बोकरियन हुवाँ आपन मीतन क बोलइहीं। राति क जीवजन्तु हुवाँ आपन बरे आस्रय खोजत फिरिहीं अउर हुवँइ विस्राम करइ बरे आपन जगह बनाइ लेइहीं। 15 साँप हुवाँ आपन घर बनाइ लेइहीं। हुवाँ साँप आपन अण्डन दिया करिहीं। अण्डन फूटिहीं अउर ओन अँधियारा स भरे जगहन स रेगत भए साँप क बच्चन बाहेर निकरिहीं। हुवाँ मरी चिजियन क खाइवाले पंछी एक क पाछे एक एकट्ठा होत चला जइहीं।
16 यहोवा क चर्म-पत्र क लखा। पढ़ा ओहमाँ का लिखा अहइ। कछू भी नाहीं छूटा अहइ। उ चर्म-पत्र मँ लिखा अहइ कि उ पचे सबहिं पसु पंछी एकट्ठा होइ जइहीं। एह बरे परमेस्सर क मुँह इ आदेस दिहन अउर ओकर आतिमा ओनका एक संग एकट्ठा कइ दिहस। परमेस्सर क आतिमा ओनका परस्पर एकट्ठा करी। 17 परमेस्सर ओनके साथ का करी, इ उ निहचय कइ लिहस ह। एकरे पाछे परमेस्सर ओनके बरे एक जगह चुनेस। परमेस्सर एक रेखा हींचेस अउर ओनका ओनकर धरती देखाइ दिहस। एह बरे उ धरती सदा सदा पसुअन क ही होइ जाइ। उ पचे हुवाँ साल दर रहत साल चला जइहीं।
परमेस्सर आपन लोगन क सुख देइ
35 झुरान रेगिस्तान बहोत खुसहाल होइ जाइ। रेगिस्तान खुस रही अउर एक फूल क नाई विकसित होइ। 2 उ रेगिस्तान खिलत भए फूलन स भरि उठी अउर आपन खुसी देखावइ लागी। अइसा लागी जइसे रेगिस्तान आनन्द मँ भरा नाचत होइ। इ रेगिस्तान अइसा सुन्नर होइ जाइ जइसा लबानोन क बन बाटइ, कर्मेल क पहाड़ अहइ अउर सारोन क घाटी अहइ। अइसा एह बरे होइ, काहेकि सबहिं लोग यहोवा क महिमा क दर्सन करिहीं। लोग हमरे परमेस्सर क महानता क लखिहीं।
3 दुर्बल बाँहन क फुन स सक्ति स भरा बनावा। दुर्बल घुटनन क मजबूत करा। 4 लोग डेरान अहइँ अउर असमंजस मँ पड़ा अहइँ। ओन लोगन स कहा, “सक्तिसाली बना। डेराअ जिन।” लखा तोहार पचन्क परमेस्सर आइ अउर तोहार पचन्क दुस्मनन क जउन उ पचे किहन ह, ओकर सजा देइ। उ आइ अउर तू पचन्क तोहार सबन्क प्रतिफल देइ अउर तोहार पचन्क रच्छा करी। 5 फुन तउ आँधर लखइ लगिहीं। ओनकर आँखिन खुल जइहीं। 6 लूले लंगड़े लोग हिरन क तरह नाचइ लगिहीं अउर अइसे लोग जउन अबहिं गूँगन अहइ, खुसी क गीत गावइ मँ आपन वाणी क उपयोग करइ लगिहीं। अइसा उ समय होइ जब मरूभूमि मँ पानी क झरनन बहइ लगिहीं। झुरान धरती पइ झरनन बहि चलिहीं। 7 लोग अबहिं जत क रूप मँ मृग मरीचिका क लखत हीं किन्तु उ समय जल क फुरइ सरोवर होइहीं। झुरान धरती पइ कुअँन होइ जइहीं। झुरान धरती स जल फूट बही। जहाँ एक समय जंगली जनावरन क राज रहा, हुवाँ लम्बे लम्बे पानी क पउधन जमि पइहीं।
8 उ समय, हुवाँ एक राह बन जाइ अउर इ राजमार्ग क नाम होइ “पवित्तर मार्ग।” उ राह पइ असुद्ध लोगन क चलइ क अनुमति नाहीं होइ। कउनो भी मूरख उ राहे पइ नाहीं चली। बस परमेस्सर क पवित्तर लोग ही ओह पइ चला करिहीं। 9 उ सड़क पइ कउनो खतरा नाहीं होइ। लोगन क नोस्कान पहोंचावइ बरे उ सड़क पइ सेर नाहीं होइहीं। कउनो भी भयानक जन्तु हुवाँ नाहीं होइ। उ सड़क ओन लोगन बरे होइ जेनका परमेस्सर अजाद किहेस ह।
10 परमेस्सर आपन लोगन क अजाद करी अउर उ सबइ लोग फुन लउटिके हुवाँ अइहीं। लोग जब सिय्योन पइ अइहीं तउ उ पचे खुस होइहीं। उ पचे सदा-सदा बरे खुस होइ जइहीं। ओनकर खुसी ओनकर माथन पइ एक मुकुट क नाई होइ। उ पचे आपन खुसी अउ आनन्द स पूरी तरह भरि जइहीं। सोक अउ दुःख ओनसे दूर बहुत दूर चले जइहीं।
अस्सूर क यहूदा पइ हमला
36 हिजकिय्याह यहूदा क राजा रहा अउर सन्हेरीब अस्सूर क राजा रहा। हिजकिय्याह क सासन क चउदहवें बरिस मँ सन्हेरीब यहूदा क किलाबन्द नगरन स जुद्ध किहन अउर उ ओन नगरन क हराइ दिहन। 2 लाकीस स सन्हेरीब आपन सेनापति अउर बहोत सारे सेना क यरूसलेम मँ यहूदा क राजा हिजकिय्याह क लगे आपन माँगन क बतावइ बरे पठएस। उ ऊपरवाले तालाब क कइँती जात भवा नाला[a] पइ रुक गएस जउन धोबी लोगन क खेत क सड़क पइ रहा।
3 यहूदा क तीन अधिकारी ओसे मिलइ बरे गएन। इ सबइ लोग रहेन: महल क देखरेख करइवाला हिल्किय्याह क पूत एल्याकीम, लिपिकार सेब्ना, अउर कागजात क संभारिके रखइ क काम करइवाला आसाप क पूत योआह।
4 सेनापति ओनसे कहेस, “तू लोग, राजा हिजकिय्याह स जाइके इ सबइ बातन कहा: महान राजा अस्सूर क राजा कहत ह:
“‘तू आपन सहायता बरे कउने पइ भरोसा रखत ह? 5 मइँ तू पचन्क बतावत हउँ कि जदि जुद्ध मँ तोहार बिस्सास सक्ति अउर वुसल जोजनन पइ अहइ तउ उ बेकार अहइ। उ सबइ कोरे सब्दन क अलावा कछू नाहीं अहइँ। एह बरे तू मोहसे काहे जुद्ध करत अहा? 6 अब मइँ तोहसे पूछत हउँ, तू मदद पावइ बरे कउने पइ भरोसा करत अहा? का तू मदद बरे मिस्र क सहारे अहा? मिस्र तउ एक टूटी भइ लाठी क नाई अहइ। जदि तू सहारा पावइ क ओह पइ टिकब्या तउ उ तू पचन्क बस नोस्कान ही पहोंचाइ अउर तोहरे हाथे मँ एक ठु छेद बनाइ देइ। मिस्र क राजा फिरौन पइ कउनो भी मनई क जरिये मदद पावइ क भरोसा नाहीं कीन्ह जाइ सकत।
7 “‘मुला होइ सकत ह तू कहा, “हम मदद पावइ बरे आपन यहोवा परमेस्सर पइ भरोसा रखित ह।” किन्तु मइँ सुना अहइ कि हिजकिय्याह यहोवा क वेदियन क अउर आराधना क ऊँच ठउरन[b] क बर्बाद कइ दिहस ह अउर यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन स कहेस, “तू हिआँ यरूसलेम मँ बस एक इहइ वेदी पइ उपासना किया करब्या।”
8 “‘अगर तू अब भी मोर सुआमी स जुद्ध करइ चाहत अहा तउ अस्सूर क राजा तोहसे इ सौदा करइ चाही: राजा क कहब अहइ, जदि जुद्ध मँ तोहरे लगे घुड़सवार पूरा अहइँ तउ मइँ तू पचन्क दुइ हजार घोड़न दइ देब। 9 किन्तु एतना होइ पइ तू मोर सुआमी क एक सेवक तलक क नाहीं हराइ पउब्या। ओकर कउनो नान्ह स नान्ह अधिकारी तलक क तू नाहीं हराइ पउब्या। एह बरे तू मिस्र क घुड़सवार अउर रथन पइ आपन भरोसा काहे बनाए रखत अहा।
10 “‘अउर अब लखा जब मइँ इ देस मँ आवा रहेउँ अउर मइँ जुद्ध किहे रहेउँ, यहोवा मोरे संग रहा। जब मइँ नगरन क उजाड़ेउँ, यहोवा मोरे संग रहा। यहोवा मोहसे कहा कहत रहा, “खड़ा ह्वा। इ नगरी मँ जा अउर एक ध्वस्त कइ द्या।”’”
11 यहूदा क तीनहुँ अधिकारियन, एल्याकीम, सेब्ना अउर योआह सेनापति स कहेस, “कृपा कइके हमरे संग अरामी भासा मँ ही बात करा ताकि एका हम समुझ सकित। तू यहूदी भासा मँ हम से जिन बोला। जदि तू यहूदी भासा क प्रयोग करब्या, तउ नगर दीवारे क पार क सबहिं लोग एका समुझ जइहीं।”
12 एह पइ सेनापति कहेस, “मोर सुआमी मोहसे इ सबइ बातन बस तू पचन्क अउर तोहरे पचन्क सुआमी हिजकिय्याह क ही सुनावइ बरे नाहीं पठएस ह। मोर सुआमी मोका एन बातन क ओनका बतावइ बरे पठएस ह जउन लोग नगर परकोटन पइ बइठा अहइँ। ओन लोगन क न तउ पूरा खइया क मिलत ह अउर न पानी। तउ ओनका आपन मलमूत्र क तोहरे पचन्क तरह खाब-पिअब होइ।”
13 फुन सेनापति खड़ा होइके ऊँच सुर मँ कहेस। उ यहूदी भासा मँ बोला। सेनापति कहेस,
“महासम्राट अस्सूर क राजा क सब्दन क सुना: 14 तू आपन खुद क हिजकिय्याह क जरिये मूरख जिन बनइ द्या, उ तू पचन्क बचाइ नाहीं पाइ। 15 हिजकिय्याह जब इ कहत ह, ‘यहोवा मँ बिस्सास राखा। यहोवा अस्सूर क राजा हमार रच्छा करी। यहोवा अस्सूर क राजा क हमरे नगर क हरावइ नाहीं देइ तउ ओह पइ बिस्सास जिन करा।’
16 “हिजकिय्याह क एन सब्दन क अनसुनी करा। अस्सूर क राजा क सुना। अस्सूर क राजा क कहब अहइ, हमका एक ठु सन्धि करइ चाही। तू लोग नगर स बाहेर निकरिके मोरे लगे आवा। फुन हर मनई आपन घरे जाइ क अजाद होइ। हर मनई आपन अंगूर क बेलन स अंगूर खाइ क अजाद होइ अउर हर मनई आपन अंजीर क बृच्छन क फल खाइ क अजाद होइ। खुद आपन कुआँ क पानी पिअइ क हर मनई अजाद होइ। 17 जब तलक मइँ आइके तू पचन्क तोहरे पचन्क जइसे एक देस मँ न लइ जाउँ, तब तलक तू पचे अइसा करत रहि सकत ह। उ नवा देस मँ तू पचे बढ़िया अनाज अउर नवा दाखरस पउब्या। उ धरती पइ तू पचन्क रोटी अउ अंगूर क खेत मिलिहीं।
18 “हिजकिय्याह क तू आपन क मूरख जिन बनावइ द्या। उ कहत ह, ‘यहोवा हमार रच्छा करी।’ किन्तु मइँ तोहसे पूछत हउँ का कउनो दूसर देस क कउनो भी देवता हुवाँ क लोगन क अस्सूर क राजा क सक्ति स बचाइ पाइ नाहीं। हम हुवाँ क हर मनई क हराइ दीन्ह। 19 हमात अउ अर्पाद क देवता आजु कहाँ अहइँ? ओनका हराइ दीन्ह गवा अहइ। सपर्वेम क देवता कहाँ अहइँ? उ सबइ हराइ दीन्ह ग अहइँ अउर का सोमरोन क देवता हुवाँ क लोगन क मोर सक्ति स बचाइ पाएन? नाहीं। 20 कउनो भी देस अथवा जाति क अइसे कउनो भी एक देवता क नाउँ मोका बतावा जउन हुवाँ क लोगन क मोर सक्ति स बचाएस ह। मइँ सबन्क हराइ दिहेउँ। एह बरे लखा मोर सक्ति स यरूसलेम क यहोवा नाहीं बचाइ पाइ।”
21 यरूसलेम क लोग एक दम चुप रहेन। उ पचे सेनापति क कउनो जवाब नाहीं दिहन। हिजकिय्याह लोगन क हुकुम दिहे रहा कि उ पचे सेनापति क कउनो जवाब न देइँ।
22 एकरे पाछे महल क देखरेख करइवाला हिल्किय्याह क पूत एल्याकीम लिपिकार सेब्ना अउर कागजात क संभारिके रखइ क काम करइवाला आसाप क पूत योआह इ देखावइ बरे कि उ दुःखी रहेन आपन ओढ़ना फाड़ि डाएन। उ पचे तीनउँ मनइयन हिजकिय्याह क लगे गएन अउर सेनापति जउन कछू ओनसे कहे रहा, उ सब ओका कहि सुनाएन।
2 मइँ चाहत हउँ क तोहे एह बातन क पता चलि जाइ कि मइँ तोहरे बरे, लौदीकिया क रहइवालन क बरे ओन्हन सबके बरे जउन निजी तरह स हमेसा कभउँ नाहीं मिला हयेन। केतना कठोर मेहनत करत हउँ मइँ इ एह बरे करत हउँ। 2 ताकि ओनेक मने क जोस मिलइ अउर उ परस्पर पिरेम मँ बॅधि जाइँ। अउर बिसवासे क उ सब धन जउन सच्चा गियान स मिलत थ, ओन्हे मिलि जाइ अउर परमेस्सर क रहस्य भरा सच ओन्हे मिलइ उ रहस्य भरा सच खुद मसीह अहइ। 3 मसीह मँ विवेक अउर गियान क सब निधियन छुपी बांटिन।
4 अइसेन मइँ एह बरे कहत हउँ कि केउ तोहे ओन तर्क भरी युक्तियन स जेह देखइ मँ अच्छी मीठी देखात ह मुला असत्य अहइँ भरमाइ न देइ। 5 जद्यपि सरीर रूप स मइँ तोहमें नाहीं हउँ। फिन भी तोहरे मँ आध्यात्मिक रूप स हउँ। मइँ तोहरे जीवन क अऩुसासन अउर मसीह मँ तोहरे बिसवासे क मजबूती क देखिके खुश हउँ।
मसीह मँ बना रहा
6 तउन तू जइसेन क ईसू मसीह अउर पर्भू क रूप मँ ग्रहण किहे हउँ, तू ओहमे वइसेन ही बना रहा। 7 तोहार जड़ उही मँ होइँ अउर तोहार निर्माण उही पर होइ अउर तू आपने बिसवासे मँ दृढ़ता पात्वत रहा जइसेन कि तोहे सिखावा गवा बा। परमेस्सर क बरे अधिक स अधिक आभारी बना।
8 धियान रखा कि तोहे अपने उ संसारी बिचारन अउर खोखला परपंच स केउ भरमाइ न लेइ जउन मानुस ज्ञान स मिलत ह, इ मानव परम्परा पर आधारित बाटइ, अउर जउन ब्रह्माण्ड क कब्जा करइवाली सबइ आतिमा क देन अहइ। मसीह स नाहीं आवत। ये विचार निरर्थक अहइ, अउर संसार क लोगन स आवत ह। 9 काहेकि परमेस्सर मसीह मँ आपन पूरेपने क साथे मँ निवास करत ह। इहाँ तक कि सांसाकरिक जीवन मँ भी 10 अउर उही मँ रहिके तू पूरा बना अहा। उ सब सासकन अउर आधिकारियन क सिरे क मउर अहइ।
11 तोहर खतनउ तउ उही मँ भवा बा। इ खतना मनई क हाथे स सम्पन्न नाहीं भवा बल्कि इ खतना जब तोहे तोहर पापपूर्ण मानऊ सुभाऊ क प्रभाव स छुटकारा देवॉइ दीन्ह गवा रहा। तब मसीह का जरिये भवा। 12 इ एह बरे भवा कि जब तोहे बपतिस्मा मँ ओकरे साथे गाड़ दीन्ह गवा तउ जे परमेस्सर ओका मरन भएन क बीचे स जिआइ दिहे रहा, अउर परमेस्सर क काम मँ तोहरे बिसवासे क कारण मसीह क साथे तोहेउ फिन स जिन्दा कइ दीन्ह गवा।
13 अपने पापन अउर अपने खतना रहित सरीर क कारण तू मरा भवा रह्या परन्तु तोहे परमेस्सर तउ मसीह क साथे साथे जीवन प्रदान किहेस अउर हमरे सब पापन क मुक्तरूप स छमा कइ दिहेस। 14 परमेस्सर तउ हमरे ओह उलटा करजा क जेहमन हमरे द्वारा परमेस्सर का नियम तोड़ा गवा नियमन क सूचीबद्ध किहे रहा। जेहका पालन करइ मँ हम असर्मथ रहेन। ओका बेकारइ ठहराइ दिहेस अउर ओका क्रूस पर कीलन मँ गड़िके हमरे राह स दूर हटाइ दिहेस। 15 परमेस्सर तउ क्रूस क द्वारा आध्यात्मिक सासकन अउर अपने अधिकारियन क साधन बिना कइ दिहेस अउर अपने मँ सार्वजनिक तमासा क रूप मँ विजय अभियान मँ अपने पीछे पीछे चालायेस।
मनइयन क बनावा नियम पर न चला
16 तउन खाई पिअइ क चीजियन अउर पर्व क नवा चाँद क त्यौहार, या सबित क दिना क लइके कउनउ तोहार आलोचना न करइ। 17 इ त, जउन बात आवइवाली अहइँ, ओनकर छाया भर बाटिन। परन्तु एह छाया क असली काया तउ मसीह क बाटइ। 18 कउनउ मनई जउन अपने आप क प्रताड़ित करइ क करम सरगदूतन क आराधना क कामन मँ लगा भवा होइ, ओका तू तोहरे प्रतिफल क पावइ मँ अयोग्य न बनइ देइ चाही। अइसेन मनई हमेसा ओन्हन दिव्य दर्सनन क डींग मारत रहत ह जेका उ देखे अहइ अउर अपने दुनियावी सोच क वजह स झूठा तथा निरर्थक धमण्ड स भरा रहत ह। 19 उ मसीह स नाहीं जुड़त जउन कि सिर मँ अउर जेकर ऊपर पूरे सरीर आधारित अहइ। मसीह क कारण ही सरीर क सब भाग एक दूसर क ध्यान लखत हीं। अउर एक दूसरे क मदद करत हीं। इससे सरीर एक इकाई होत ह, परमेस्सर क इच्छा क अनुसार मजबूत करइ अउर आध्यात्मिक विकास मँ योग्गदान क बरे।
20 काहेकि तू मसीह क साथे मरी चूका अहा अउर ओन आतिमन स अजात करावा गवा अहा जउन ब्रहमाण्ड क ससान करत हीं एकर मतलब अहइ कि, संसार क व्यर्थ सिच्छन स छुटकारा देवावा जाइ सकत ह त एह तरह क आचरण काहे करत अहा। जइसे तू एह दुनिया क अहा अउर अइसेन नियमन का पालन करत अहा। जइसेः 21 “एका हाथ न लगावा” “एका जिन चखा” या “एका जिन छुआ” 22 इ सब चीजन त काम मँ आवत आवत नस्ट होई जाइ क बरे बाटिन। अइसेन आचार व्यवहार क अधीनता कइके तउ तू मनई क बनाए आचार व्यवहार अउर सब सिच्छा क अनुसरण करत अहा। 23 ये नियम बुद्धिमान क तो देखात ह। ये एक ऐसे धरम क निर्माण करत हीं जउन मानवीय इच्छा पर आधारित अहइँ: अउर सरीर का सेवत अहइँ। लेकिन इ नियमन पापात्मान क ओनके बुरा काम रोकइ मँ मूल्यहीन अहइँ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.