Old/New Testament
इस्राएल घरे लउटी
14 जब यहोवा याकूब क सुख देइ अउर इस्राएल क फुन आपन लोगन क रूप मँ चुनी उ ओनका क ओकर आपन धरती मँ बसाइ। उ समइ मँ कछू बिदेसियन ओकर संग सामिल होइ जाइ अउर याकूब क परिवार क निअँबर बन जाइ। 2 उ सबइ जातियन इस्राएल क धरती बरे इस्राएल क लोगन क फुन वापस लइ लेइहीं। दूसर जातियन क उ सबइ मेहरारू मनसेधू इस्राएल क दास होइ जइहीं। बीते भए समय मँ ओन लोग इस्राएल क लोगन क बलपूर्वक आपन दास बनाए रहेन। इस्राएल क लोग ओन जातियन क हरइहीं अउर फुन इस्राएल ओन पइ हुकूमत करी। 3 यहोवा तोहरे मेहनत क खतम करी अउर तोहका आराम देइ। पहिले तू दास हुवा करत रह्या, लोग तोहका कड़ी मेहनत करइके मजबूर करत रहेन किन्तु यहोवा तोहार इ कड़ी मेहनत क अब खतम कइ देइ।
बाबुल क राजा क बारे मँ एक गीत
4 उ समय बाबुल क राजा क बारे मँ तू इ गीत गावइ लगब्या:
उ राजा दुट्ठ रहा जब उ हमार सासक रहा।
किन्तु अब ओकरे राज्ज क अन्त भवा।
5 यहोवा दुट्ठ सासकन क राज दण्ड तोड़ देत ह।
यहोवा ओनसे ओनकर सक्ति छोरि लेत ह।
6 बाबुल क राजा किरोध मँ भरिके लोगन क पीटा करत ह।
उ दुट्ठ सासक लोगन क पीटब कबहुँ बंद नाहीं किहस।
उ दुट्ठ राजा किरोध मँ भरिके लोगन पइ राज किहस।
उ लोगन क साथ बुरे कामन क करब नाहीं तजेस।
7 किन्तु अब सारा देस आराम मँ अहइ।
देस मँ सान्ति अहइ।
लोग अब उत्सव मनाउब सुरू किहेन ह।
8 तू एक बुरा सासक रह्या,
अउर अब तोहार अन्त भवा ह।
हिआँ तलक की चीड़ क बृच्छ भी सुस्त अहँइ।
लबानोन मँ देवदार का बृच्छ भगन अहइँ।
बृच्छ इ कहत हीं, “जउन राजा हमका गिराए रहा।
आजु उ राजा क हीं पतन होइ ग अहइ,
अउर अब उ राजा कबहुँ खड़ा नाहीं होइ।”
9 अधोलोक, यानी मउत क प्रदेस उत्तेजित अहइ
काहेकि तू आवत अहा।
अधोलोक तोहार बरे संसार क
प्रमुखन क आतिमा क उठावत रहा हीं।
अधोलोक तोहार स्वागत करइ बरे
सिंहासन स ओन प्राचीन राजा लोगन क खड़ा करत हीं।
10 इ सबइ प्रमुख तोह पइ हँसी उड़इ अउर कहिहीं,
“तू भी अब हमरी तरह मरा भवा सरीर अहा।
अब लोग तोहार बरे भी उहइ गीतन लेखब जउन उ पचे मोरे बरे लेखेस ह।”
11 तोहरे अभिमान क मउत क लोक मँ खाले उतारा गवा।
तोहार अभिमानी आतिमा क अवाइ क घोसणा तोहरी वीजन क संगीत करत ह।
तोहरे बदन क माखियन खाइ जइहीं।
तू ओन पइ अइसे ओलरब्या माना उ पचे तोहार बिछउना होइँ।
कीरन अइसे तोहरी देह क ढक लेइहीं माना कउनो कमरी होइ।
12 हे भोर क तारा,
तू धरती पइ भहराइ पड़्या।
हे पेड़ तू सबहिं रास्ट्र क कमज़ोर बनाइ दिहेस,
किन्तु तोहका अब काटिके गिराइ दीन्ह गवा!
13 तू हमेसा आपन स कहत रह्या,
“मइँ अकासन पइ आरोहण करब
अउर परमेस्सर क तारन क ऊपर अपना सिंहासन कायम करब
अउर देवी पर्व जप्पा क चोटी पइ बैठब,
जहाँ पइ जप्पा क सबन त ऊँची चोटीयन पइ देवतन अकत्र होत ह।
14 मइँ बादरन क वेदी तलक जाब।
मइँ सर्वोच्च परमेस्सर जइसा बनब।”
15 किन्तु वइसा नाहीं भवा।
तू परमेस्सर क संग ऊपर अकासे मँ नाहीं जाइ पाया।
तोहका अधोलोक क खाले गहिर पताल मँ लइ आवा गवा।
16 लोग जउन तोहका टकटकी लगाइके लखा करत हीं,
उ सबइ तोहरे बरे सोचा करत हीं।
लोगन क आजु इ देखॉत ह कि तू बस मरा भवा अहा, अउर लोग कहा करत हीं,
“का इहइ उ मनई अहइ जउन धरती क सारे राज्जन मँ भय फइलावा भवा अहइ?
17 का इ उहइ मनई अहइ जउन नगर बर्बाद किहेस
अउर जउन धरती क उजाड़ मँ बदल दिहस?
का इ उहइ मनई अहइ जउन लोगन क जुद्ध मँ बन्दी बनाएस
अउर ओनका आपन घरन मँ नाहीं जाइ दिहस?”
18 धरती क हर राजा सान स मउत क पाएस।
हर कउनो राजा क मकबरा बना अहइ।
19 किन्तु हे बुरे राजा, तोहका तोहरी कब्र स निकारि बहावा दीन्ह ग अहइ।
तू एक ठु गिरी भई ल्हास अहा
जेका जुद्ध मँ मारा गवा,
अउर दूसर फउजी ओका रौंदन चला गएन।
अब तू अइसा देखॉवत अहा जइसे दूसर मरे मनई देखॉत हीं।
तोहका कफन मँ लपेटा गवा ह।
20 बहोत स अउर भी राजा लोग मरेन।
ओनके लगे आपन-आपन कब्र अहइँ।
किन्तु तू ओनमाँ नाहीं मिलब्या।
काहेकि तू आपन ही देस क बिनास किह्या।
आपन ही लोगन क तू बध किहा ह।
जइसा बिनास तू मचाए रह्या।
21 ओकरी सन्तानन क बध तइयारी करा।
तू ओनका मउत क घाट उतारा काहेकि ओनकर पिता अपराधी अहइ।
अब कबहुँ ओकरे पूत नाहीं होइहीं।
ओकर सन्तानन अब कबहुँ भी संसार क आपन नगरन स नाहीं भरिहीं।
तोहार सन्तानन वइसा करत नाहीं रहिहीं।
तोहरी सन्तानन क वइसा करइ स रोक दीन्ह जाइ।
22 सर्वसक्तिमान यहोवा कहेस, “मइँ खड़ा होब अउर ओन लोगन क खिलाफ लड़ब। मइँ मसहूर नगर बाबुल क उजारि देबउँ। बाबुल क सबहिं लोगन क मइँ नस्ट कइ देब। मइँ ओनकर सन्तानन, पोते-पोतियन अउर सन्तानन क मेट देबउँ।” इ सबइ सब बातन यहोवा खुद कहे रहा।
23 यहोवा कहे रहा, “मइँ बाबुल क बदल डाब। उ ठउरे मँ पसुअन क बास होइ, न कि मनइयन क। उ ठउर दलदल क प्रदेस बनि जाइ। मइँ ‘विनास क झाड़ू’ स बाबुल क बाहेर कइ देब।” सर्वसक्तिमान यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा।
परमेस्सर अस्सूर क भी दण्ड देइ
24 सर्वसक्तिमान यहोवा एक बचन दिहे रहा। यहोवा कहे रहा, “मइँ बचन देत हउँ, कि इ सबइ बातन ठीक वइसे ही घटिहीं, जइसे मइँ एनका सोचेउँ ह। इ सबइ बातन ठीक वइसे ही घटिहीं जइसे कि मोर योजना अहइ। 25 मइँ आपन देस मँ अस्सूर क राजा क नास करब आपन पहाड़न पइ मइँ अस्सूर क राजा क आपन गोड़न तले कुचरि डाउब। उ राजा मोरे लोगन क आपन दास बनाइके ओनकर कन्धन पइ एक जूआ रख दिहेस ह। यहूदा क गर्दन स उ जूआ उठाइ लीन्ह जाइ। उ बिपत्ति क उठावा जाइ। 26 मइँ आपन लोगन बरे अइसी ही जोजना बनावत हउँ। सबहिं जातियन क सजा देइ बरे, मइँ आपन सक्ति क प्रयोग करब।”
27 यहोवा जब कउनो जोजना बनावत ह तउ कउनो भी मनई उ जोजना क रोक नाहीं सकत। यहोवा लोगन क सजा देइ बरे जब आपन हाथ उठावत ह तउ कउनो भी मनई ओका रोक नाहीं सकता।
पलिस्तियन क परमेस्सर क सँदेसा
28 इ दुःखद सँदेसा उ बरिस दीन्ह गवा रहा जब राजा आहाज क मउत भइ रही।
29 हे, पलिस्तियो क प्रदेसो! तू बहोत खुस अहा काहेकि जउन राजा तोहका मार लगावा करत रहा, आजु मर चुका अहइ। किन्तु तोहका असलियत मँ खुस नाहीं होइ चाही। इ फुरइ अहइ कि ओकरे सासन क अंत होइ चुका अहइ। किन्तु उ राजा क पूत अबहिं आइके राज करी अउ उ एक अइसे साँप क समान होइ जउन खउफनाक नागन क जन्म दिया करत ह। इ नवा राजा तू लोगन बरे एक ठु बड़के फुर्तीले खउफनाक नाग क जइसा होइ। 30 किन्तु मोरे दीन जन सुरूच्छा पूर्वक खात पिअत रहि पइहीं। ओनकर सन्तानन भी सुरच्छित रइहीं। मोरे दीनजन, सोइ सकिहीं अउर सुरच्छित अनुभव करिहीं। किन्तु तोहरे परिवार क भूख स मार डाउब अउर तोहार सबहिं बचे भए लोग मरि जइहीं।
31 हे नगर दुआर क बासियो, रोवा!
नगर मँ बसइयो तू लोग, चीखा-चिल्ला!
पलिस्ती क तू सब लोगो डेराइ जाब्या।
तोहार हिम्मत गरम मोम क नाई टेघरिके ढल जाइ।
उत्तर दिसा कइँती लखा!
हुवाँ धूरि क एक बादर अहइ।
लखा, अस्सूर स एक फउज आवति अहइ।
उ फउज क सबहिं लोग बलवान अहइँ।
32 उ फउजी आपने नगर मँ दूत पठइहीं।
दूत आपन लोगन स का कहिहीं?
उ पचे एलान करिहीं: पलिस्ती हार गवा, किन्तु यहोवा सिय्योन क सुदृढ़ बनाएस ह,
अउर ओकर दीन्ह जन हुवाँ रच्छा पावइ क गएन।
मोआब क परमेस्सर क सँदेसा
15 इ दुःखद संदेस मोआब क बारे मँ अहइ:
एक राति मोआब मँ स्थित आर नगर लूटा गवा,
उ तहस नहस कइ दीन्ह गवा।
एक राति मोआब मँ स्थित आर नगर लूटा गवा,
उ नगर तहस नहस कइ दीन्ह गवा।
2 राजा क घराना अउ दिबोन क निवासी आपन दुःख रोवइ क ऊँचके पइ पूजा ठउरन पइ चला गएन।
मोआब क निवासी नबो अउर मेदबा बरे रोवत हीं।
ओन सबहिं लोग आपन दाढ़ी अउ मूँड़ आपन सोक दर्सावइ बरे मुड़वाए रहेन।
3 मोआब मँ सब कहूँ घरन अउ गलियन मँ,
लोग सोक वस्त्र पहिरिके हाय हाय करत हीं।
4 हेसबोन अउ एलाले नगरन क निवासी बहोत ऊँच सुर मँ विलपत अहइँ।
बहोत दूर यहस क नगरी तलक उ विलाप उनका जाइ सकत ह।
हिआँ तलक कि फउजी भी डेराइ ग अहइँ।
उ सबइ फउजी भय स काँपत अहइँ।
5 मोर मन दुःख स मोआब बरे रोवत अहइ।
लोग कहूँ सरण पावइ बरे दउड़त अहइँ।
उ पचे सुदूर जोआर मँ जाइ क भागत अहइँ।
लोग दूर क देस एग्लतसलीसिय्या क परात अहइँ।
लोग लूहीत क पहाड़ी चढ़ाइ पइ रोवत बिलखत भए परात अहइँ।
लोग होरोनैम क मार्ग पइ अउर उ पचे बहोत ऊँच ऊँच सुर मँ बिलखत भए जात अहइँ।
6 निम्रीम क नाला अइसे झुराइ गवा जइसे रेगिस्तान झुरान होत ह।
सबहिं गेहुँअन क पउधा काटइ क पहिले मुरझा गएन।
सबइ घास खतम होइ गएन।
हुवाँ कछू भी हरा नाहीं बचा बाटइ।
7 तउ लोग जउन कछू ओनके लगे अहइ ओका बटोरा करत हीं, अउर मोआब क तजत हीं।
ओन वस्तुअन क लइके उ पचे नाले (पाप्लर या अराबा) स सीमा पार करत अहइँ।
8 मोआब मँ हर कहूँ विलाप ही सुनाई देत ह।
दूर क नगर एगलैम मँ लोग बिलखत बाटेन। बेरेलीम नगर क लोग विलाप करत अहइँ।
9 दीमोन[a] नगर क जल खून मँ बदलि गवा अहइ।
अउर मइँ दीमोन पइ अबहिं अउर बिपत्तियन डाउब।
मोआब क कछू निवासी सत्रु स बचि गवा अहइँ।
मइँ ओन लोगन क खाइ बरे सेरन क पठउब।
16 सेला क नगर स मेमनन यहूदा क नवा राजा बरे नज़राना पठावा; तू पचन्क रेगिस्तान स होत भए सिय्योन क बिटिया क पठवा।
2 मोआब क मेहररूअन उ बे सहारे नान्ह चिरइयन क जइसा अहइँ
जउन आपन घोंसला स धरती पइ गिर गवा ह।
उ पचे अर्नीन नदी क पार करइ बरे इधर-उधर दउड़त अहइ।
3 उ सबइ विन्ती करत अहइँ, “हमार मदद करा!
बतावा हम का करी!
तू हमका मुसीबत स अइसा बचावा
जइसा दोपहर क धूप स एक आंधर छाया हमका बचावत ह।
हम सत्रुअन स भागत अही।
तू हमका छुपाइ ल्या।
हम का तू सत्रुअन क हाथन मँ पड़इ न द्या।”
4 ओन मोआब बासियन क आपन घर तजइ क मजबूर कीन्ह गवा रहा।
एह बरे तू ओनका आपन धरती पइ रहइ द्या।
तू ओनके सत्रुअन क छुपाइ ल्या।
इ लूट रुक जाइ।
सत्रु हार जइहीं अउर अइसे मनसेधू दूसर क नोस्कान करत हीं,
इ धरती स उखड़िहीं।
5 फुन एक ठु नवा राजा आइ।
इ राजा दाउद क घराने स होइ।
उ सच्चाई स पूर्ण, करूणावाला अउ दयालु होइ।
इ राजा निआव कर्ता अउ निस्पच्छ होइ।
उ खरे अउ नीक काम करी।
6 हम सुना ह कि मोआब क लोग
बहोत अभिमानी अउ घमण्डी अहइँ।
इ सबइ लोग हिंसक अहइँ अउ बड़ा बोले भी।
एनकर बड़ा बोल फुरइ नाहीं अहइ।
7 समूचा मोआब देस आपन अभिमान क कारण कस्ट उठाई।
मोआब क सारे लोग विलाप करिहीं।
उ सबइ लोग बहोत दुःखी रइहीं।
उ पचे अइसी वस्तुअन क इच्छा करिहीं जइसी ओनके लगे पहिले हुवा करत रहीं।
उ पचे कीरहरासत मँ बने भए अंजीर क पूड़न क इच्छा करिहीं।
8 उ सबइ लोग बहोत दुःखी रहा करिहीं काहेकि हेसबोन क खेत अउर सिबमा क अंगूर क बेलन मँ अंगूर नाहीं लगाइ पावत अहइँ।
बाहेर क सासकन अंगूर क बेलन क काट फेकेन ह।
याजेर क नगरी स लइके रेगिस्ताने मँ दूर दूर तलक सत्रु क फउजन फइल गइ अहइँ।
उ पचे सागर क किनारे तलक जाइ पहोंची अहइँ।
9 “मइँ ओन लोगन क साथ बिलाप करब जउन याजेर अउ सिबमा क निवासी अहइँ
काहेकि अंगूर नस्ट कीन्ह गएन।
मइँ हेसबोन अउ एलाले क लोगन क साथ सोक करब
काहेकि हुवाँ फसल नाहीं होइ।
हुवाँ गर्मी क कउनो फल नाहीं होइ।
हुवाँ पइ आनन्द क ठहाके भी नाहीं होइहीं।
10 अंगूरे क बगिया मँ आनन्द नाहीं होइ अउर न ही हुवाँ गीत गावा जइहीं।
मइँ कटनी क समय क सारी खुसी खतम कइ देब।
दाखरस बनवइ बरे अंगूर तउ तइयार अहइँ,
किन्तु उ सबइ बर्बाद होइ जइहीं।
11 एह बरे मइँ मोआब बरे बहोत दुःखी हउँ।
मइँ कीरहरैम बरे बहोत दुःखी हउँ।
मइँ ओन नगरन बरे बहोत जियादा दुःखी हउँ।
12 मोआब क निवासी आपन ऊँचे पूजा क ठउरन पइ जइहीं।
उ सबइ लोग पराथना करइ क जतन करिहीं।
किन्तु उ सबइ ओन सबहिं बातन क लखिहीं।
जउन कछू घटि चुकी अहइ, अउर उ पचे पराथना करइ क दुर्बल होइ जइहीं।”
13 यहोवा मोआब क बारे मँ पहिले अनेक दाई इ सबइ बातन कहे रहा। 14 अउर अब यहोवा कहत ह, “तीन बरिस मँ (उ रीति स जइसे किराये क मजदूर समय गनत ह) उ पचे सबहिं मनई अउर ओनकर उ सबइ वस्तुअन जेन पइ ओनका गर्व रहा, नस्ट होइ जइहीं। हुवाँ बहोत थो़डे स लोग बचिहीं, बहोत स नाहीं।”
ज्योतिर्मय जीवन
5 पिआरे बच्चन क समान परमेस्सर क अनुकरण करा। 2 पिरेम क साथे जिआ ठीक वइसेन ही जइसे मसीह हमसे पिरेम कीहे अहइ अउर आपन आप क, सुगन्धि सुलगाइके बलि भेंट क रूप मँ हमरे बरे परमेस्सर क अर्पित कइ दिहे अहइ।
3 तोहरे बीच यौन अनाचार अउर हर कउनो तरह क अपवित्तरता अउर लालच क चर्चा तक न चलइ चाही। जइसेन कि परमेस्सर क पवित्तर जनन क बरे उचित बाटई। 4 तू न तऊ असलील भाखा क प्रयोग होइ चाही, न मूर्खतापूर्ण बात या भद्दी हँसी ठट्टा। इ तोहरे अनुकूल नाहीं अहइ। बल्कि तोहरे बीच धन्यबाद ही दीन्ह जाइ।
5 काहेकि तू निस्चय क साथे इ जानत ह कि अइसेन कउनउ भी मनई जउन दुराचारी अहइ, अपवित्तर अहइ अउर लालची अहइ (जउन एक मूर्तिपूजक होइ जइसा अहइ) मसीह क अउर परमेस्सर क, राज्य क उत्तराधिकार नाहीं पाई सकत।
6 देखा। तोहे कउनउ सब्दन स केउ छल न लेइ। काहेकि बुरी बातन क कारण ही आज्ञा क उल्लंघन करइवालन पर परमेस्सर क कोप होइ क अहइ। 7 इही बरे ओनकर साथी न बना। 8 इ मइँ एह बरे कहत हउँ कि एक समइ रहा जब तू अंधकार स भरा रह्या परन्तु अब तू पर्भू क अनुयायी क रूप मँ ज्योति स भरापूरा अहा। इही बारे प्रकासित बेटवन क स आचरण करा। 9 हर प्रकार क उत्तम जीवन, नेकी अउर सत्य मँ ज्योति का प्रतिफल देखाइ पडत ह। 10 सब तरह इ जानइ क जतन करत रहा कि परमेस्सर क का भावत ह। 11 अइसेन काम जउन बुरे बाटेन, अन्धकार मँ लोग करत हीं ओन्हन बेकार क कामन मँ हिस्सा न बटावा बल्कि ओनकर भण्डा-फोड़ करा। 12 काहेकि अइसेन काम जेका उ पचे गुपचुप करत हीं। ओनके बारे मँ कीन्ह गइ चर्चा तक लाज का बात बा। 13 ज्योति जब प्रकासित होत ह तउ सब कछू दृस्मान होइ जात ह कि उ का अहइ। 14 अउर जउन कछू दृस्मान प्रकास क सामने आवत ह, उ खुद ज्योति ही बनि जात ह। इही बरे हमार भजन कहत ह:
“जाग अरे, ओ सोवइवाले
मउत मँ स जी उठि बइठा,
खुद मसीह प्रकासित होई तोहरे ही सिर बइठी।”
15 इही बरे सावधानी क साथे देखत रहा कि तू कइसा जीवन जिअत अहा। विवेकहीन क स आचरण न करा, बल्कि बद्धिमान क स आचरण करा। 16 जे हर समइ क अच्छा करम करइ क बरे दीन्ह भए वर्तमान मँ ओकर पूरा उपयोग करत ह, काहेकि इ दिन बुरा बा।
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