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Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
स्रेस्ठगीत 6-8

यरूसलेम क बिटियन क ओहसे कहब

मेहररुअन मँ सबसे सुन्दर मेहरारू,
    बतावा तोहार प्रियतम कहाँ चला गवा?
कउने राह स तोहार प्रियतम चला गवा ह
    हमका बतावा ताकि हम तोहरे साथ ओका हेरि सकी।

यरूसलेम क बिटियन क ओकर जवाब

मोर प्रिय आपन बंगिया मँ चला गवा,
    मसालन क खेत मँ
आपन भेड़ी चरावइ बरे
    अउर लिलियन क बटोरइ बरे।
मइँ आपन प्रियतम स हउँ अउर उ मोर प्रियतम मोसे अहइ।
    उ लिलियन क बीच भेड़ चरावा करत ह।

मनसेधू क बचन मेहरारू बरे

मोर प्रियतम, तू तिरसा क नाईं सुन्नर अहा।
    तू यरूसलेम मँ एक अद्भुत क नाई अहा।
    तू ऍतना अजूबा अहा जइसे कउनो फउज झण्डा क संग चलत ह।
तू मोह पइ स आपन आँखिन हटाइ ल्या,
    उ मोका उत्तेजित करत अहइँ।
तोहार केस ऍतना लम्बा अउ लहरत अहइँ
    जइसे गिलाद क पहाड़ी क ढलान स बोकरियन क झुण्ड उछरत भवा उतरत आवत होइ।
तोहार दाँत एक भेड़न झुण्ड जइसे अहइँ
    जउन धोइके निकर आई;
हरेक भेड़ जुड़ौवा बच्चन रखत हीं;
    ओन मँ स कउनो एक ठू भी गाएब नाहीं होत हीं।
घूँघट क नीचे तोहार गाल
    अनार क दुइ ठू फाँकन क तरह अहइँ।

होइ सकत ह हुआँ साठ रानियन,
    अस्सी रखैलन
    अउर अनगिनत जवान कुँवरियन होइँ,
किंन्तु हुवाँ ओकरे जइसा कउनो नाहीं अहइ!
    उ आपन महतारी क एक खास बिटिया अहइ,
उ ओनमाँ बहोत प्रिय अहइ
    जउन ओका जनम दिहेस ह।
कुँवरियन ओका लखेन अउ ओका सराहेन।
    हाँ, रानियन अउ सबइ रखैलन भी ओकर तारीफ किहे रहिन।

मेहररूअन क जरिये ओकर तारीफ

10 उ पचे कहेस: “उ कउन अहइ
    जउन बढ़त भवा उसा क समान अहइ?
उ कउन अहइ जउन चाँद क नाईं सुन्नर अहइ?
    उ कउन अहइ जउन सूर्य क नाईं चमकत अहइ?
उ कउन अहइ जउन फउज जइसा अजूबा अहइ
    जउन झण्डा लइ जात अहइ?”

मेहरारू क बचन

11 मइँ अख़रोट क बगीचा स होत भवा
    इ देखइ बरे गवा कि
का अंगूर क बेलन खिला अहइ
    अउर का अनार क कलियन खिली अहइँ या नाहीं।
12 मोर राजकुमार, मइँ खुसी स भरि गवा
    जब तू मोका गन्धरस दिहे रहा।[a]

यरूसलेम क बिटियन ओकरे बरे बोलत ह

13 हे “परिपूर्ण” मोर तरफ लउटि आवा!
    मोर तरफ आवा, मोर तरफ आवा, ताकि हम तोहका लखि सकी!

काहे अइसे सुलेम्मिन क घूरति अहा
    जइसे उ महनैम क नाच क नर्तकी होइ?

मनसेधू क जरिये सुन्दरता क वर्णन

हे सज्जन अउरत, तोहार गोड़ पनहियन मँ केतॅना सुन्नर अहइँ!
    तोहार जाँघन क गोलाइ कउनो कलाकार क बना गवा गहना क नाईं अहइँ
तोहार नाभी क नीचे क भाग गोल कटोरा क समान अहइँ।
    होइ सकत ह एहमाँ कभी मिस्रित दाखरस कमी नाहीं होत।
तोहार पेट गोहूँ क ढेरी क समान अहइ
    जेकर चउहददी लिलियन क अहइँ।
तोहार चूचियन दुई जवान हिरण क जइसा अहइ,
    कुरंगी क जुड़वा।
तोहार गटइ हाथी दाँत क मीनार क समान अहइँ।
तोहार आँखिन हेसबोन क उ सबइ कुण्ड क समान अहइ
    जउन बेत-रब्बीम क फाटक क लगे अहइ।
तोहार नाक लबानोन क मीनार क जइसा लम्बी अहइ
    जउन दमिस्क कइँती मुहँ किहे अहइ।
तोहार मूँड़ कर्मेल क पहाड़ क जइसा अहइ।
    तोहार मूँड़े क बार
राजा क देवारन पइ लहरत भवा
    लम्बा वस्त्र क नाईं अहइ।
तू केतनी सुन्नर अउ मनमोहक अहा ओ मोर प्रिय!
    तू मोका केतॅॅना आनन्द देति अहा।
तू खजूरे क बृच्छ जइसी
    लम्बी अहा।
तोहार चूचियन अइसे अहइँ
    जइसे खजूर क गुच्छन।
मइँ खजूर क बृच्छ पइ चढ़ब,
    मइँ एकर डारन क धरब,

तू आपन चूचियन क अंगूरे क गुच्छन स बनइ द्या।
    तोहार साँस क गंध सेब क जइसा होइ द्या।
तोहार मुँहना उत्तिम दाखरस जइसा होइ द्या,
    जउन धीरे स मोर प्रियतम मँ बहत होइ,
    जउन ओठंन तलक बहत होइ जब हम साथ सोवत ह।

मेहरारू क बचन मनसेधू क बरे

10 मइँ आपन प्रियतम क अहउँ
    अउर उ मोका चाहत ह।
11 आवा, मोर प्रियतम, आवा!
    हम खेतन मँ निकरी चली,
    हम गाँवन मँ राति बिताइ।
12 हम बहोत हाली उठी अउर अंगूरे क बागन मँ निकरी जाइ।
    आवा, हम हुआँ लखी का अगूंरे क बेलन पइ कलियन खिलति अहइँ।
आवा, हम लखी का बहारन खिल गइ अहइँ
    अउर का अनार क कलियन चटकति अहइँ।
    हुवँइ पइ मइँ आपन पिरेम तोहका अर्पण करबउँ।

13 दोदफलन[b] क सुगन्ध फइल चुका अहइ।
    अउर सबहिं प्रकार क कीमती फलन हमरे दुआरन क ऊपर[c] जमा अहइँ।
तोहार बरे नवा अउ पुराना दुइनउँ प्रकार क चीज बचाइ रखेउँ ह,
    हे मोर प्रिय।

कास, तू मोर सिसु भाइ होत्या, मोर महतारी क छाती क दूध पिअत भए।
    अगर मइँ तोहसे हुवँइ बाहेर मिल जाइत
तउ तोहार चुम्बन मइँ लइ लेतेउँ,
    अउर कउनो मनई मोर निन्दा नाहीं कइ पावत।
तोहका मइँ आपन महतारी क घरे मँ लइ अवतेउँ
    जहाँ तू मोका सिच्छा देइ सकतेउँ।
मइँ तोहका पिअइ बरे,
    आपन मिस्रित अनारे स निकरा भवा दाखरस देतेउँ।

मेहरारू क बचन मेहररूअन बरे

ओकर बाँया हाथ मोरे मूँड़े क छुअत ह,
    अउर ओकर दाहिन हाथ मोरे सरीर क छुअत ह।

मइँ तोहका चेताउनी देत हउँ हे यरूसलेम क कुँवरियन:
    पिरेम क जिन जगावा
    अउ उसकावा जब तलक एकर इच्छा न होइ!

यरूसलेम क बिटियन क बचन

इ कउन अहइ जउन आपन प्रियतम स लपटा भवा,
    रेगिस्तान स चली आवत ह?

मेहरारू क बचन मनसेधू बरे

मइँ तोहका सेब क बृच्छ क खाले जगाए रहेउँ;
    हुवाँ तोहार महतारी तोहका गरभ मँ धरेस;
    हुवाँ तोहार मताहरी तोहार बरे प्रसव-पीड़ा सहेस अउर तोहार जनम भवा।
मोका तू आपन हिरदय मँ महर क नाई धरा।
    ताबजि क समान मोका आपन बाँहे बांध ल्या।
काहेकि पिरेम मउत क जइसा मज़बूत अहइ।
    भावना कब्र क नाईं तेज होत ह।
एकर चिंगारी आग क लपटन क नाईं होत ह।
    एकर धधक धधकत भइ लपटन स होइ जात ह।
बाढ़ पिरेम क नाहीं बूझाइ सकत।
    नदियन एका नीचा नाहीं कइ सकत।
अगर कउनो मनई पिरेम आपन सारा धन देकर खरीदइ चाही,
    तउ पर भी ओकर धन बेकार ही समुझा जाब।

ओकरे भाइयन क बचन

हमार एक छोटकी बहिन अहइ,
    जेकर चूची अबहिं फूटी नाहीं।
हमका का करइ चाही
    जउने दिन ओकर सगाई होइ?

अगर उ देवार अहइ तउ
    मइँ ओह पइ चाँदी क मीनार बनाइ देब।
अगर उ दुअर अहइ
    तउ मइँ ओकरे पइ देवदारू क मुल्यवान पल्ला लगाइ देब।

ओकर आपन भाइयन क जवाब

10 मइँ परकोट हउँ
    अउर मोर चूची गुम्बद जइसे अहइँ।
    तउ मइँ ओकरे बरे सान्ति क दाता हउँ।

मनसेधू क बचन

11 बाल्हामोन मँ सुलैमान क अंगूरे क बगिया रही।
    उ आपन बाग क रखवारी बरे दइ दिहस।
हर रखवारा ओकरे फलन क बदले मँ
    चाँदी क एक हजार सेकेल लिआवत रहा।

12 मुला सुलैमान, मोर आपन अंगूर क बाग मोरे बरे अहइ।
    हे सुलैमान, मोरी चाँदी क एक हजार सेकेल सब तू ही रख ल्या,
    अउर इ सबइ दुइ सौ सेकेल ओन लोगन बरे अहइँ। जउन खेतन मँ फलन क रखवारी करत हीं।

मनसेधू क बचन मेहरारू बरे

13 तू जउन बागे मँ रहति अहा,
    मोरे मित्र तोहार आवाज़ धियानपूवर्क सुनत अहइँ;
    मोका भी सुनइ दया!

मेहरारू क बचन मनसेधू बरे

14 मोर प्रियतम, हाली आवा!
    महकत द्रव्यन क पहाड़े पइ चिकारे या जवान हरिन जइसा बनि जा!

गलातियन 4

मइँ कहत हउँ कि उत्तराधिकारी जब तलक बच्चा बा तउ चाहे सब कछू क स्वामी उहइ होत ह, फिन भी उ दास स जियाद कछू नाहीं रहत। उ संरच्छकन अउर घरे क सेवकन क तब तक अधीन रहत ह। जब तक ओकरे पिता द्वारा निस्चत समइ नाहीं आई जात। हमरउ भी अइसेही स्थिति बा। हमहुँ जब बच्चा रहेन तउ संसारी नियमन क दास रहेन। मुला जब अच्छा समइ आवा त परमेस्सर तउ अपने पूत क भेजेस जउन एक स्त्री स जनमा रहा। अउर उ व्यवस्था क अधीन जिअत रहा। ताकि उ व्यवस्था क अधीन व्यक्तियन क मुक्त कराइ सकइ जेसे हम परमेस्सर क गोद लीन्ह भए बच्चन बन सकी।

अउर फिन काहेकि तू परमेस्सर क सन्तान अहा, तउन उ सबन क हिरदय मँ पूत क आतिमा क पठए रहा। उहइ आतिमा, “अब्बा, पिता” कहतइ बोलवावत ह। इही बरे अब तू दास नाहीं अहा बल्कि परमेस्सर क सन्तान अहा अउर काहेकि तू सन्तान अहा इही बरे तोहका परमेस्सर आपन उत्तराधिकारी बनाए ह।

गलाती मसीहियन क बरे पौलुस क पिरेम

पहिले तू सभे जब परमेस्सर क नाहीं जानत रह्या, तउ तू सभे देवतन क दास रह्या। उ सच नाहीं अहइ वास्तव मँ उ सबइ परमेस्सर नाहीं रहेन। मुला अब तू परमेस्सर क जानत अहा, या अइसेन कहइ चाही कि परमेस्सर क जरिये अब तू पचन क पहिचान लीन्हा गवा बा। फिन तू ओनन्ह साररहित, कमजोर नियमन कइँती काहे लउट अहा। तू पचे फिन स ओनके अधीन काहे होइ चाहत ह? 10-11 तू पचे कउनो विशेष दिनन महीनन ऋतुवन अउर बरिसन क मानइ लाग अहा। तू पचन क बारे मँ मोका डेर लागत ह कि तू पचन क बरे जउन काम मइँ किहे हउँ उ सबइ कहुँ खराब तउ नाहीं होइ गवा अहइँ।

12 हे भाइयो तथा बहिनियो, कृपा कइके तू सब मोरे जइसेन बनि जा। देखा, मोहुँ तउ तू पचन जइसेन बनि गवा हउँ, इ मोर तू पचन स बिनती बा, अइसेन नाहीं कि तू पचे मोरे बरे कउनउ गलती किहे अहा। 13 तू पचे तउ जनबई करत ह कि आपन सरीरी क व्याधियन क कारण मइँ पहिली दाई तू सबन इ सुसमाचार सुनाए रहेउँ। 14 अउर तू सब हऊँ तउ, मोरी बीमारी क कारण, जउन तोहार परीच्छा लीन्ही गइ रही, ओहसे मोका छोट नाहीं समझया अउर न तउ मोरे निसेध किह्या। बल्कि तू पचे परमेस्सर क सरगदूत क रूपे मँ मोर सुवागत किहे अहा। माना कि मइँ खुदई ईसू मसीह रहेउँ। 15 तउन तू सबन क उ खुसी क का भवा? मइँ तोहरे बरे खुदइ इ बाते क साच्छी हउँ कि अगर तू पचे समरथ होत ह्या तउ तू पचे आपन आँखी तक निकाली क मोका दइ देत्या। 16 तउन का सच बोलइ स ही मइँ तू पचन क दुस्मन होइ गएउँ?

17 तू पचन क व्यवस्था पर चलावइ बरे चाहइवालन तोहमाँ बड़ी गहिर रूचि लेत हीं। मुला ओनकर उद्देस्य अच्छा नाहीं बा। उ तू सबइ पचन क मोसे अलग करइ चाहत हीं। ताकि तू पचे ओहमाँ गहिर रुचि लइ सका। 18 कउनउ कीहीउँ मँ हमेसा गहिर रूचि लेत रहइ, इ तउ एक अच्छी बात अहइ। मुला इ कीहीउँ अच्छे क बरे होइ चाही। अउर बस उही समइ नाहीं, जब मइँ तोहरे साथे हउँ। 19 मोर प्रिय सन्तानों, मइँ तू सबन क बरे एक बार फिन प्रसव वेदना क झेलत हउँ। जब तलक तू पचे मसीह जइसे नाहीं होइ जात्या। 20 मइँ चाहत हउँ कि अबहीं तू पचन के लगे आइ पहुँचउँ अउर तू सबन क साथे अलग तरह स बात करउँ, काहेकि मइँ समझ नाहीं पावत हउँ कि तू पचन बरे का करा जाइ।

सारा अउर हाजिरा क उदाहरण

21 मूसा क व्यवस्था क आधीन रहइ चाहइवालन स मइँ पूछत हउँ का तू पचे व्यवस्था क इ कहब नाहीं सुन्या? 22 पवित्तर सास्तरन कहत हीं कि इब्राहीम क दुइ बेटवा रहेन। एक क जन्म एक दासी स भवा रहा अउर दुसरे क स्वतन्त्र स्त्री स। 23 दासी स पइदा भवा बेटवा सहज नियमन मँ पैदा भवा रहा, मुला स्वतन्त्र स्त्री स पइदा बच्चा परमेस्सर क जरिये दीन्ह गयि प्रतिज्ञा क परिणाम अहइ।

24 इन बातन क प्रतीकात्मक मतलब अहइ-इऩ दुन्नउ स्त्री दुई करारन क चिन्ह अहइँ। एक करार सीनै पर्वत स मिला रहा जे ओन सभन क जनम दिहेस जउन दासता क बरे रहेन। इ करार हाजिरा स सम्बधित बा। 25 हाजिरा अरब मँ स्थित सीनै पर्वत क चिन्ह अहइ, उ वर्तमान धरती क यरूसलेम क समान अहइ, काहके उ अपने बेटवन क साथे दासता भोगत रही, 26 मुला सरग मँ स्थित यरूसलेम स्वतन्त्र अहइ। अउर उहइ हमार माता अहइ। 27 पवित्तर सास्तर कहत हः

“बाँझ! मनावा आनन्द,
    जना तू न कउनो क प्रसव वेदना भइ न तोहका,
हर्स नाद कइके
    अउर खिलखिला हंसी खुसी मँ
काहके अनगिनत संतान अहइँ
    छोड़ी भइ मुला नाहीं ना ओकर ओतनी, जउन सुहागिन।” (A)

28 तउन भाइयो! अब तू इसहाक क जइसी परमेस्सर क बचन स संतान होवा। 29 मुला जइसे ओह समझ प्राकृतिक परिस्थितियन क अधीन पैदा भइ आतिमा क सक्ति स उत्पन्न भए क सतावत रहा, वइसेन ही स्थति आज बा। 30 मुला देखा पवित्तर सास्तर क कहत ह? “इ दासी अउर ओकर बेटवा क निकाल क बाहर करा, काहेकि इ दासी क बेटवा तउ स्वतन्त्र स्त्री क बेटवा क साथे उत्तराधिकारी न होई।”(B) 31 ऍह बरे भाइयन! हम ओह दासी क सन्दान नाहीं हई, बल्कि हम तउ स्वतन्त्र स्त्री क सन्तान हई।

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