Old/New Testament
का मर जाब स्रेस्ठ अहइँ?
4 मइँ फुन इ भी लखेउँ ह कि कछू लोगन क संग बुरा बेउहार कीन्ह जात ह। मइँ ओनकर आँसू लखेउँ ह अउर फुन इ भी लखेउँ ह कि ओन दुःखी लोगन क ढाढ़स बँधावइवाला भी कउनो नाहीं अहइ। मइँ लखेउँ ह कि कठोर लोगन क लगे समूची सक्ति अहइ अउर ओका ढाढ़स देइवाला कउनो नाहीं अहइ। 2 मइँ इ निर्णय पइ पहोंचा अहउँ कि इ सबइ बातन ओन मनइयन बरे जियादा नीक अहइँ जउन मरि चुके अहइँ बजाय ओनके बरे जउन अबहिं तलक जिअत अहइँ। 3 ओन लोगन बरे तउ इ सबइ बातन अउर भी नीक अहइँ जउन जन्म लेत ही मरि जाइँ। काहे काहेकि, उ पचे इ संसार मँ जउन बुराइयन होत अहइँ, ओनका लखेन ही नाहीं।
ऍतनी कठिन मेहनत काहे?
4 फुन मइँ सोचेउँ, “लोग ऍतनी कड़ी मेहनत काहे करत हीं?” मइँ लखेउँ ह कि लोग सफल होइ अउर दूसर लोगन स अउर जियादा ऊँच होइ क कोसिस मँ लगा रहत हीं। अइसा एह बरे होत ह कि लोग ईर्स्यालु अहइँ। उ पचे नाहीं चाहतेन कि जेतना ओनके लगे अहइ, दूसर क लगे ओहसे जियादा होइ। इ सब अर्थहीन अहइ। इ वइसा ही अहइ जइसे हवा क धरब।
5 कछू लोग कहा करत हीं, “हाथे पइ हाथ धइके बइठ रहब अउर कछू नाहीं करब बेववूफी अहइ। अगर तू काम नाहीं करब्या तउ भूखन मरि जाब्या।” 6 जउन कछू मूठी भइ तोहरे लगे अहइ ओहमाँ संतुट्ठ रहब नीक अहइ बजाय कि जियादा स जियादा पावइ क तलब मँ जूझत भए हवा क पाछे दौड़त जात रहब।
7 फुन मइँ एक अउर बात लखेउँ, जेकर कउनो अरथ नाहीं अहइ। 8 एक मनई बे परिवारे क होइ सकत ह। होइ सकत ह ओकर कउनो पूत अउर हिआँ तलक कि कउनो भाई भी न होइ किन्तु उ मनई कठिन स कठिन मेहनत करइ मँ लगा रहत ह अउर जउन कछू ओकरे पास होत ह, ओहसे कबहुँ संतुट्ठ नाहीं होत, “तउ मइँ भी ऍतनी कड़ी मेहनत काहे करत हउँ? मइँ खुद आपन जिन्नगी क आनन्द काहे नाहीं लेत हउँ?” अब लखा इ भी एक दुःखभरी अउर बियर्थ क बात अहइ।
मीतन अउ परिवारे स सक्ति मिलत ह
9 एक मनई स दुइ मनई भला होत हीं। जब दुइ मनई मिलिके साथ साथ काम करत हीं तउ जउने कामे क उ पचे करत हीं, उ काम स ओनका जियादा लाभ मिलत ह।
10 यदि एक मनई गिरि जाइ तउ दूसर मनई ओकर मदद कइ सकत ह। मुला कउनो मनई बरे अकेल्ला रहब नीक नाहीं अहइ काहेकि जब उ गिरत ह तउ ओकर सहायता बरे हुवाँ अउर कउनो नाहीं होत।
11 अगर दुइ मनई एक संग सोवत हीं तउ ओनमाँ गरमाहट रहत ह मुला अकेल्ला सोवत भवा मनई कबहुँ गरम नाहीं होइ सकत।
12 अकेले मनई क दुस्मन हराइ सकत ह मुला उहइ दुस्मन दुइ मनइयन क नाहीं हराइ सकत ह अउर तीन मनइयन क सक्ति तउ अउर भी जियादा होत ह। उ पचे एक ठु अइसे रस्सा क नाई होत हीं, जेकर तीन लटन आपुस मँ गुंथी भई होत हीं, जेका तोड़ पाउब बहुत कठिन अहइ।
लोग राजनीति अउर प्रसिद्धि
13 एक ठु गरीब मुला बुद्धिमान नउजवान नेता, एक बुढ़वा मुला मूरख राजा स नीक अहइ। उ बुढ़वा राजा चिताउनियन पइ कान नाहीं देत। 14 होइ सकत ह उ नउजवान सासक उ राज्ज मँ गरीबी मँ पइदा भवा होइ अउर होइ सकत ह उ जेल स छूटिके देस पइ हुकूमत करइ आवा होइ। 15 मुला इ जिन्नगी मँ मइँ लोगन क लखेउँ ह अउर मइँ इ जानत हउँ कि लोग उ दूसर नउजवान नेता क ही अनुसरण करत हीं अउर उहइ नवा राजा बन जात ह। 16 बहोत स लोग इ नउजवान क पाछे होइ लेत हीं। मुला अगवा चलिके उ सबइ लोग भी ओका पसन्द नाहीं करतेन एह बरे उ सब भी बियर्थ अहइँ। इ वइसा ही अहइ जइसे कि हवा क धरइ क जतन करब।
वाचा मानइ मँ सावधानी
5 जब परमेस्सर क उपासना बरे जा तउ बहोत जियादा होसियार रहा। अग्यानियन क नाई बलियन चढ़ावइ क अपेच्छा परमेस्सर क आग्या मानब जियादा उत्तिम अहइ। अज्ञानी लोग अक्सर बुरे करम किया करत हीं अउर ओका जानत तलक नाहीं ही। 2 परमेस्सर क वाचा मानत समय होसियार रहा। परमेस्सर स जउन कछू कहा ओन बातन बरे होसियार रहा। भावना क आवेस मँ, जल्दी मँ कछू जिन कहा। परमेस्सर सरग मँ अहइ, अउर तू धरती पइ अहा। एह बरे तोहका परमेस्सर स बहोत तनिक बोलइ क जरूरत अहइ। इ कहतूत फुरइ अहइ
3 अति चिंता स बुरे सपना आवा करत हीं।
अउर जियादा बोलइ स मूरखता उपजत ही।
4 अगर तू परमेस्सर स कउनो वाचा माँगत ह तउ ओका पूरा करा। जउने बाते क तू वाचा मान्या ह ओका पूरा करइ मँ देर जिन करा। परमेस्सर मूरख मनइयन स खुस नाहीं रहत। तू परमेस्सर क जउन कछू अर्पित करइ क बचन दिहा ह ओका अर्पित करा। 5 इ नीक बा कि तू कउनो वाचा माना ही नाहीं बजाय एकरे कि कउनो मनौती माना अउर ओका पूरा न कइ पावा। 6 एका नाहीं होइ देइ कि तोहार सब्द तोहार पापे क कारण बनी। याजक स अइसा जिन बोला कि, “जउन कछू मइँ कहे रहेउँ ओकर इ अरथ नाहीं बाटइ।” जदि तू अइसा करब्या तउ परमेस्सर तोहरे सब्दन स रिसियाइके जउन वस्तुअन बरे तू करम किहा ह, ओन सबन्क उ बर्बाद कइ देइ। 7 आपन बेकार क सपनन अउर डींग मारइ स मुसीबतन मँ जिन पड़ा। तोहका परमेस्सर क सम्मान करइ चाही।
हर एक अधिकारी क ऊपर एक अधिकारी अहइ
8 कछू देसन मँ तू अइसे दीन-हीन लोगन क लखब्या जेनका कड़ी मेहनत करइ क मजबूर कीन्ह जात ह। तू लखि सकत ह कि निर्धन लोगन क संग इ बेउहार उचित नाहीं अहइ। इ गरीब लोगन क अधिकारन क खिलाफ अहइ। मुला अचरज जिन करा। जउन अधिकारी ओन मनइयन क कारज करइ बरे मजबूर करत ह, अउर उ पचे दुइनउँ अधिकारी कउनो दूसर अधिकारी क जरिये मजबूर कीन्ह जात हीं। 9 ऍतना होइ पइ भी कउनो खेती क जोग्ग भुइँया पइ एक राजा क होब देस बरे फायदेमंद अहइ।
धने स खुसी नाहीं बेसही जाइ सकत
10 उ मनई जउन धने स पिरेम करत ह उ उ धने स जउन ओकरे लगे अहइ कबहुँ संतुट्ठ नाहीं होइ। उ मनई जउन धन स पिरेम करत ह, जब जियादा स जियादा धन पाइ जात ह तब भी ओकर मन नाहीं भरत। तउ उ भी बियर्थ अहइ।
11 कउनो मनई क लगे जेतना जियादा धन होइ ओका खरच करइ बरे ओकरे लगे ओतना ही जियादा “मीत” होइहीं। तउ उ धनी मनई क असल मँ प्राप्त कछू नाहीं होत ह। उ आपन धन क बस लखत भर रहि सकत ह।
12 एक ठु अइसा मनई जउन सारे दिन कड़ी मेहनत करत ह, आपन घर लउटइ पइ चइन क संग सोवत ह। इ महत्व नाहीं रखत ह कि ओकरे लगे खाइ क कमती अहइ या जियादा अहइ। एक धनी मनई आपन धने क चिंता म बूड़ रहत ह अउर सोइ तलक नाहीं पावत।
13 बहोत बड़के दुःखे क बात अहइ कि एक ठु जेका मइँ इ जिन्नगी मँ घटत लखेउँ ह। लखा एक मनई भविस्स बरे आपन धन बचाइके रखत ह। 14 अउर फुन कउनो बुरी बात घटि जात ह अउर ओकर सब कछू जात रहत ह अउर मनई क लगे आपन पूत क देइ बरे कछू भी नाहीं रहत। हम खाली हाथ आइत ह अउर खाली हाथ चला जाइत ह
15 एक मनई संसार मँ अपनी महतारी क गरभ स आवत ह अउर जब उ मनई क मउत होत ह तउ उ बगैर कछू अपने संग लिए सब हिअँइ छोड़िके चला जात ह। वस्तुअन क पावइ बरे उ कठिन मेहनत करत ह। किन्तु जब उ मरत ह तउ आपन संग कछू नाहीं लइ जात पावत। 16 इ बड़े दुःखे क बात अहइ। इ संसार ओका उहइ तरह तजइ क होत ह जउने तरह उ आवा रहा। एह बरे “हवा क धरइ क कोसिस” स कउनो मनई क हाथे क लगत ह 17 ओका अगर कछू मिलत ह तउ उ अहइ दुःख अउर सोक स भरे हुआ दिन। तउ आखिरकार उ हतास, रोगी अउ चिड़चिड़ा होइ जात ह।
आपन जिन्नगी क करम क रस ल्या
18 मइँ तउ इ लखेउँ ह कि मनई जउन कइ सकत ह ओहमाँ सब स उत्तिम इ अहइ-एक मनई क चाही कि उ खाइ-पिअइ अउर जउने कामे क उ इ धरती पइ आपन छोटी स जिन्नगी क दौरान करत ह ओकर आनन्द लेइ। परमेस्सर इ सबइ तनिक क दिन स दिहेस ह अउर बस इहइ तउ ओकरे लगे अहइ।
19 अगर परमेस्सर कउनो क धन, सम्पत्ति अउर ओन वस्तुअन का आनन्द लेइ क सक्ति देत ह तउ उ मनई क ओनकर आनन्द लेइ चाही। उ मनई क जउन कछू ओकरे लगे अहइ ओका कबूल करइ चाही अउर आपन कामे क जउन परमेस्सर कइँती स एक उपहार अहइ ओकर रस लेइ चाही। 20 तउ अइसा मनई कबहुँ इ सोचत ही नाहीं कि जिन्नगी केतॅनी छोट स बाटइ। काहेकि परमेस्सर ओहका दिमाग क आनन्द स भरी ही राखी हीं।
धने स खुसी नाहीं मिलत
6 मइँ जिन्नगी मँ एक अउर बुरी बात लखेउँ ह अउर इ बहोत समान्य अहइ। 2 परमेस्सर कउनो मनई क बहोत स धन देत ह, सम्पत्तियन देत ह अउर आदर देत ह। उ मनई क लगे ओकर जरूरत की चीज होत ह अउर जउन कछू भी उ चाह सकत ह उ भी होत ह। किन्तु परमेस्सर उ मनई क ओन वस्तुअन क भोग नाहीं करइ देत। तबहिं कउनो अजनबी आवत ह अउर ओन सबहिं वस्तुअन क छोरि लेत ह। इ एक बहोत बुरी अउर बियर्थ बात अहइ।
3 कउनो मनई बहोत दिनन तलक जिअत ह अउर होइ सकत ह ओकर सौ बच्चन होइ जाइँ। किन्तु अगर उ मनई ओन अच्छी वस्तुअन स सन्तुट्ठ नाहीं होत अउर अगर ओकर मउत क बाद कउनो ओका सुमिरत नाहीं तउ मइँ कहत हउँ कि 4 उ मनई स तउ उ बच्चा ही अच्छा अहइ जउन जन्मत ही मरि जात ह। उ बच्चा क कउनो नाउँ नाहीं दीन जात अउर फउरन ही ओका एक अँधेरी कब्र मँ दफनाइ दीन्ह जात ह। 5 उ बच्चा तउ कबहुँ सूरज तउ लखेस ही नाहीं। उ बच्चा कबहुँ कछू नाहीं जानेस किन्तु उ मनई क भाग्ग जउन परमेस्सर क दीन्ह गइ वस्तुअन क कबहुँ आनन्द नाहीं लिहेस, उ बच्चा क जियादा चइन मिलत ह। 6 अगर कउनो मनई दुइ हजार बरिस जिअत ह किन्तु जिन्नगी क आनन्द नाहीं उठावत, तउ का दुइनउँ क अन्त एक समान नाहीं अहइ।
7 एक मनई लगातार काहे काम करत रहत ह? काहेकि ओका आपन सबइ इच्छा पूरी करइ क अहइँ। मुला उ संतुट्ठ तउ कबहुँ नाहीं होत। 8 इ तरह स एक बुद्धिमान मनई भी एक मूरख मनई स कउनो तरह उत्तिम नाहीं अहइ। एक दीनहीन मनई क बेहतर व्यवहार करइ जान लेइ मँ ओकर का भलाइ अहइ। 9 उ सबइ वस्तुअन जउन तोहरे पास अहइँ, ओनमाँ संतोस करब नीक अहइ बजाय एकरे कि अउर लगन लगी रहइ। सदा जियादा क कामना करत रहब बेकार अहइ। इ वइसे ही अहइ जइसे हवा क धरइ क जतन करब।
10 जउन कछू घटत अहइ ओकर योजना बहोत पहिले बन चुकी होत ह। एक मनई वइसा ही होत ह जइसा होइ बरे ओका बनावा गवा अहइ। हर कउनो जानत ह कि लोग कइसे होत हीं। 11 तउ इ बारे मँ परमेस्सर स तर्क करब बेकार अहइ जउन कि कउनो भी मनई स जियादा सक्तीसाली अहइ। बहोत सी अइसी बातन अहइ जेकर बरे हम कउनो अन्त क तर्क कइ सकत हीं, किन्तु इ कउनो लाभ नाहीं देत ह।
12 कउन जानत ह कि इ धरती पइ मनई क छोटी स जिन्नगी मँ ओकरे बरे सबस अच्छा का अहइ? ओकर जिन्नगी तउ छाया क नाई ढलि जात ह। बाद मँ का होइ कउनो नाहीं बताइ सकत।
पौलुस पर पर्भू क विसेस अनुग्रह
12 यदि घमण्ड करइ क होइ तउ मोरे बरे ठीक ना होइ, तो भी करइ पड़त ह, तउ मइँ पर्भू क दीन्ह भए दर्सन अउर पर्भू क प्रकासित चरचा करत अहउँ।
2 मइँ मसीह मँ स्थित क अइसेन मनई क जानत हउँ जेका चौदह साल पहिले (ओकरे सरीर मँ या सरीर क बाहर मइँ नाहीं जानित ह परमेस्सर ही जानत ह।) देह सहित या देह रहित तीसरे सरग मँ उठाई लीन्ह गवा रहा। 3-4 अउर मइँ जानित ह कि ऐह मनई क (मइँ बिना सरीर क या सरीर सहित नाहीं जानित हउँ बस परमेस्सर ही जानत ह) सरगलोक[a] मँ उठाई लीन्ह गवा रहा अउर ओ अकथनीय सब्द सुनेस जेका बोलइक अनुमति मनइयन क नाहीं बा। 5 हाँ, अइसेन मनइयन पर गरब करबइ, मुला खुद अपने घरे पर अपने दुर्बलतन क छोड़ क गरब न करबइ।
6 काहेकि इ मइँ सरम करइ क सोची तउ मइँ मूरख न बनबइ काहेकि तब मइँ सच कहबइ। होबइ! मुला तोहका मइँ अइसेन बचाउब ताकि कउनो मोका जइसेन करत देखत ह या कहत सुनत ह, ओसे भी जियादा स्रेय न देइ।
7 असाधारण प्रकासित क कारण मोका कउनउ गरब न होइ जाइ, इही बरे मोका सालत रहइ वाला काँटउ दइ दिहे अहइ। जउन सइतान क दूत अहइ, मोका मारत रहत ह ताकि मोका बहुत जियादा घमण्ड न होइ जाइ। 8 काँटा क अहइ समसिया क बारे मँ मइँ पर्भू स तीन बार बिनती किहेउँ काहेकि उ इहइ काँटा क मोसे निकाल लेइ। 9 मुला उ मोसे कहि दिहे अहइ, “तोहरे बरे मोरे अनुग्रह परियाप्त बा। काहेकि निर्बलता मँ मोर सक्ती सबसे जियादा होत ह।” इही बरे मइँ अपने कमजोरी पे खुसी क साथे गरब करत हउँ। ताकि मसीह क सक्ती मोहमाँ रहइ। 10 इही तहर मसीह बरे मइँ अपने कमजोरी, अपमानन, कठिनाइयन, जातनन, अउ बाधा मँ आनन्द लेत हउँ काहेकि जब मइँ कमजोर होत हउँ तबइ बलवान होत हउँ।
कुरिन्थियन क प्रति पौलुस क पिरेम
11 मइँ मूरखन की तरह बतियात अहउँ मुला अइसा करइ क बरे मोका मजबूर तू किहे अहा। तोहका तउ मोर प्रसंसा करइ चाही, जद्यपि वइसे तउ मइँ कछू नाहीं हउँ, पर तोहरे ओऩ्हन “बड़ेन प्रेरितन” स मइँ कीहीउ तरह छोट नाही हउँ। 12 कीहीउँ क प्रेरित सिद्ध करइवाला अद्भुत चीन्हा, अचरज कारज, अद्भुत कारज, अउर तोहरे बीच धीरज क साथे परगट कीन्ह गवा अहइँ। 13 तू दूसरे कलीसियन स कउँने दीस्टी स कम अहा? सिवाय एकरे कि मइँ तोहपे कउनउ तरह क कवहॅ भार नाहीं बना हउँ? मोका एकरे बरे छमा करा।
14 देखा तोहरे लगे आवई क अब मइँ तीसरी बार तइयार हउँ। पर मइँ तोहपे कउनउ तरह क बोझ न बनब। मोका तोहरे सम्पन्तिन क नाहीं तोहार चाहत अहइ। काहे कि बच्चन क अपने मांई बाप क बरे कउनउ बचत करइ क जरूरत नाहीं होत बल्कि अपने बच्चन क बरे माई बाप क खुद बचत करइ क होत ह। 15 जहाँ तक मोर बात अहइ, मोर लगे जउन कछू बा तोहरे बरे खुसी क साथे खर्चा करबइ, इहाँ तक कि अपने आपऊ क तोहरे बरे खर्च कई देबई। जदि मइँ तोहसे जियादा पिरेम रखित ह तउ भला तू मोका कम पिरेम कइसे करब्या।
16 होइ सकत ह कि मइँ तोहपे कउनउ बड़ा बोझ न डावा होइ। मुला तोहर कहब बा मइँ कपटी रहेउँ मइँ तोहका अपने चालाकी स फंसाइ लिहेउँ। 17 का जउने लोगन क मइँ तोहरे लगे भेजे रहेउँ ओनके जरिये तोहे छला ग रहा? नाहीं! 18 तीतुस अउर ओनके साथे हमरे भाई क मइँ तोहरे लगे भेजे रहेउँ। का तीतुस तोहे फँसाइ दिहेस? नाहीं का हम उहीं निस्कपट आतिमा स नाहीं चलत रहेन? का हम उही चरनचिन्हन पर नाहीं चलत रहेन?
19 अब तू का सोचत अहा कि एक लम्बा समइ स हम तोहरे समन्वा आपन पछ रक्खत अही। मुला हम त परमेस्सर क समन्वा मसीह क अनुयायी क रूप मँ बोलत अही। मोर पियारे दोस्तो! हम जउन कछू करत अही उ तोहे आत्मिक रूप स सक्तिसाली बनवइ क बरे बा। 20 काहेकि मोका भय बाटई कि कहूँ जब मइँ तोहरे लगे आवउँ तउ तोहे वइसेन न पावउँ, जइसेन पावई चाहित ह अउर तू भी मोका वइसेन न पावा जइसेन पावई चाहत ह। मोका भय बा कि तोहरे बीच मोका कहूँ आपसइ मँ झगड़ा, इरसा, गुस्सापूर्वक कहासुनी व्यक्तिगत, षड़यन्त्र, अपमान, कानाफूसी हेकड़पन अउर अव्यवस्था न मिलइ। 21 मोका डर बा कि जब मइँ फिन तोहसे मिलइ आवउँ तउ तोहरे सामने मोर परमेस्सर कहूँ मोका लज्जित न कइ देइ, अउर मोका ओन्हन बहुतन बरे बिलाप न करइ क पड़इ। जे पहिले पाप किहे बाटेन अउर अपवित्तरन, व्यभिचरियन अउर भोग विलास मँ डूबा रहइ क बरे मनफिराव नाहीं किहे बाटेन।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.