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Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
नीतिवचन 6-7

कउनो चूक जिन करा

हे मोर पूत, जदि तू बगैर समुझबूझिके कउनो अजनबी मनइ क बदले मँ कउनो क जमानत दिहा ह या कउनो स कउनो बचन किहस ह तउ तू आपन ही कहनी क जालि मँ फँसि गवा अहा, तू आपन मुँह क ही सब्दन क पिंजरे मँ बंद होइ गवा अहा। हे मोर पूत, काहेकि तू अउरन क हाथन क पुतला होइ गवा ह। तू आपन क रच्छा बरे अइसा ही करा जइसा मइँ कहत हउँ। ओन लोगन क निअरे जा अउ विनम्र होइके आपन पड़ोसियन स आग्रह करा। आपन आँखिन क आराम जिन करइ द्या। आपन आँखियन क पलक झपकी तलक न लइ द्या। खुद क हरिणी क नाईं या सिकारी क हाथे स भागा भवा कउनो पंछी क नाईं आजाद कइ ल्या।

आलसी जिन बना

अरे ओ आलसी, चोंटी क लगे जा। ओकर कार्य विधि लखा अउर ओहसे सीख ल्या। ओकर न तउ कउनो नायक अहइ, न ही कउनो निरीच्छक, न ही कउनो सासक अहइ। फुन भी उ गरमी मँ खइया क बटोरत ह अउ कटनी क समइ अन्न क दाना बटोरत ह।

अरे ओ सुस्त मनइ, कब तलक तू हिआँ पड़ा रहब्या? आपन नींद स तू कब जाग उठब्या? 10 तू तनिक सोब्या, तनिक झपकी लेब्या, तनिक सुस्ताइ बरे आपन हाथन पइ हाथ धइ लेब्या 11 अउर बस तोहका गरीबी लुटेरा क नाईं आइके घेरी अउर अभाव तोहका हथियार स लैस डाकोअन क नाई घेर लेइ।

दुट्ठ जन

12 नीच अउ दुट्ठ मनइ उ होत ह जउन धोका दइवाले बातन बोलत भवा फिरत रहत ह। 13 जउन आँख मारइ क इसारा करत ह अउर आपन अँगुरियन अउर पैरन स संकेत देत ह। 14 उ सडयंत्र रचत ह अउर हमेसा बहस व मुबाहिसा करत ह। 15 एह बरे ओह पइ एकाएक महानास गिरी अउर फउरन नस्ट होइ जाइ। ओकरे लगे बनइ क उपाय नाहीं होइ।

उ सात बातन जेनसे यहोवा घिना करत ह

16 यहोवा छ: चिजियन स घिना करत ह, अउर सातवे चीज ओकर बरे घृणित अहइ।
17     गर्व स भरी आँखिन, झूठ स भरी वाणी, उ सबइ हाथन जउन निदोर्ख लोगन क हतियारा अहइँ।
18     अइसा हिरदय जउन सडयंत्र रचत रहत ह, उ सबइ गोड़ जउन बुराइ क मारग पइ तुरन्त दउड़ पड़त हीं।
19     उ लबार गवाह, जउन लगातार झूठ उगलत ह अउर अइसा मनई जउन भाइयन क बीच फूट डावइ।

दुराचार क खिलाफ चिताउनी

20 हे मोर पूत, आपन बाप क आग्या क माना अउर आपन महतारी क सिच्छा क कबहुँ जिन तजा। 21 आपन हिरदय पइ ओनका हमेसा ही बाँधे रहा अउर ओनका आपन गटइया क हार बनाइ ल्या। 22 जब तू अगवा बढ़ब्या, उ पचे राह देखइहीं। जब तू सोइ जाब्या, उ पचे तोहार रखवारी करिहीं अउर जब तू जागब्या, उ पचे तोहसे बातन करिहीं।

23 काहेकि आदेस दीपक क नाई अहइँ अउर सिच्छा एक जोति क नाई हइ। अनुसासन क डाँट फटकार तउ जिन्नगी क मारग अहइ। 24 उ सबइ तोहका चरित्रहीन मेहरारू स अउर बिभिचारणी क फुसलाहट स रच्छा करत हीं। 25 तू आपन मन क ओकर सुन्नर क चाह जिन करइ द्या अउर ओकर आँखिन क जादू क सिकार जिन बना। 26 काहेकि उ रण्डी तउ तोहका रोटी-रोटी क मोहताज कइ देइ। मुला उ कुलटा तउ तोहार जिन्नगी हर लेइ। 27 का इ होइ सकत ह कि कउनो केउ क गोदी मँ आगी रखि देइ अउर ओकर ओढ़ना फुन भी तनिकउ भी न जरइ? 28 दहकत भए कोएले क अंगारन पइ का कउनो मनई अपन गोड़वन क बगैर झुरसाए भए चल सकत ह 29 उ मनई अइसा ही अहइ जउन कउनो दूसर क पत्नी स समागम करत ह। अइसी पइ मेहरारू क जउन भी कउनो छुइ, उ बगैर दण्ड पाए नाहीं रहि पाइ।

30-31 अगर कउनो चोर कबहुँ भूखन मरत होइ, अउर उ भूख मिटावइ बरे चोरी करइ तउ लोग ओहसे घिना नाहीं करिहीं। फुन भी अगर उ धरा जाइ तउ ओका सात गुना भरइ पड़त ह चाहे ओहसे ओकरे घरे क समूचा धन चुक जाइ। 32 मुला एक मनइ जउन दूसर क पत्नी क संग सारीरिक सम्बंध करत ह तउ ओकरे लगे विवेक क कमी अहइ। जउन मनइ अइसा करत ह उ खुद बरे विनास लावत ह। 33 प्रहार अउ अपमान ओकर भाग्य अहइ। ओकर कलंक कबहुँ नहीं धोइ जाइ। 34 काहेकि पति क ईर्स्या किरोध जगावत ह अउर जब उ एकर बदला लेइ तब उ ओह पइ दाया नाहीं करी। 35 उ कउनो नोस्कान क पूर्ति अंगीकार नाहीं करी अउर कउनो ओका केतना ही बड़ा लालच देइ, ओका उ अंगीकार किए बगैर ठुकराइ।

विवेक दुराचार स बचावत ह

हे मोर पूत, मोरे बचनन क पाला अउ अपने मने मँ मोर आदेस संचित करा। जदि तू मोरे आदेसन क मानब्या तउ तू जियबा। तोहका मोहरे उपदेसन क आपन आँखी क पुतरी सरीखा सँभारिके राखइ चाही। ओनका आपन अँगुरियन पइ बाँधि ल्या, तू आपन हिरदय पटल पइ ओनका लिख ल्या। बुद्धि स कहा, “तू मोर बहिन अहा” अउर तू समुझबूझिके आपन कुटुम्बी जन कहा। उ सबइ हि तोहका बदकार मेहरारु क चिकनी व लुभावन बातन स बचाई।

एक दिना मइँ अपन खिड़की क झरोखा स झाँकेउँ, सरल नउजवानन क बीच एक अइसा नउजवान लखेउँ जेका नीक-बुरा क पहिचान नाहीं रहा। उ उहइ गली स होइके उहइ बदकार मेहरारु क नुक्कड़ क लगे स जात रहा। उ ओकरे ही घरवा कइँती बढ़त जात रहा। सूरज साँझ क धुँधल मँ बूड़त रहा, राति क अँधियारा क तहन जमत जात रहिन। 10 तबहिं एक मेहरारु ओहसे मिलइ बरे निकरिके बाहेर आइ। उ रण्डी क भेस मँ सजीभइ रही। अउर ओकरी इरादा बहोत प्रबल रही। 11 उ वाचाल अउर ओकर प्रबल इरादे क रही। उ घरे मँ कबहुँ ठहिरइ नाहीं चाहेस। 12 उ कबहुँ-कबहुँ गलियन मँ, कबहुँ चउराहन पइ, अउर हर केउ क नोक्कड़े पइ घात लगावत रही। 13 उ ओका रोक लिहस अउ ओका धरेस। उ ओका निर्लज्ज मुँहे स चूमेस, फुन ओहसे बोली, 14 “आजु मोका मेलबलि अर्पण किहा। मइँ आपन प्रतिग्या परमेस्सर बरे पूरी कइ लिहेउँ। 15 एह बरे मइँ तोहसे मिलइ अउर तोहका यह कहे बरे बाहेर आएहउँ कि आ अउर मोर दावत मँ सामिल होजा। मइँ तोहार तलास मँ रही अउर अंत मँ तोहका पाए लिहेउँ। 16 मइँ मिस्र क मलमले क रंगन स भरी भइ चादर स सेज सजाएउँ ह। 17 मइँ आपन सेज क गंधरस, दालचीनी अउर अगर गंध स सुगंधित किहेउँ ह। 18 तू मोरे लगे आवा। भोर क किरण तलक दाखरस पिअत रही, हम आपुस मँ भोग करत रही। 19 मोर पति घरे पइ नाहीं अहइँ। उ दूर जात्रा पइ गवा अहइ। 20 उ आपन थैली रूपाया स भरिके लइ गवा अहइ अउर पुन्नवासी तलक घरे पइ नाहीं होइ।”

21 उ ओका लुभावना सब्दन स मोह लिहस। ओका मीठ मधुरवाणी स फुसलाइ लिहस। 22 उ फउरन ओकरे पाछे अइसे होइ लिहस जइसे कउनो बर्धा क जबह करइ बरे ले जाया जात ह। उ अइस चलत ह जइसे कउनो मूरख जालि मँ गोड़ धरत होइ। 23 जब तलक एक तीर ओकर हिरदय नाहीं बेधी तब तलक उ पंछी सा जालि पइ बगैर इ जाने दूट पड़ी कि जालि ओकर प्राण हरि लेइ।

24 तउ मोरे पूतो, अब मोर बात सुना अउर जउन कछू मइँ कहत हउँ ओह पइ धियान द्या। 25 आपन मन कुलटा क राहन मँ जिन हींचइ द्या अउर ओका ओकरे राहन पइ जिन भटकइ द्या। 26 केतने ही सिकार उ मार गिराएन ह। उ जेनका मारेस ओनकर जमघट बहोत बड़ा बाटइ। 27 ओकर घर उ राजमार्ग अहइ जउन कब्र क जात ह अउर तरखाले मउते क कालकोठरी मँ उतरत ह।

2 कुरिन्थियन 2

इही बरे मइँ इ निस्चय कई लिहे रहेउँ कि तोहका फिन स दुख देइ तोहरे लगे न आई। काहेकि अगर मइँ तोहका दुखी करब तउ फिन भला अइसेन कउन होई जउन मोका सुखी करी? सिवाई तोहका जेका मइँ दुख दिहे अहउँ। इहइ बात त मइँ तोहका लिखे हउँ कि जब मइँ तोहरे लगे आवउँ तउ जेनसे मोका आनन्द मिलइ चाही ओनके तरफ स मोका दुख न पहुँचावा जाई। काहेकि तू सबन मँ मोका बिसवास रहा कि मोर खुसी मँ तू सभे खुस होब्या। काहेकि तोहे मइँ दुख भरे मन अउर बेदना क साथे आँसू बहाई-बहाई क ई लिखे अहउँ। पर तोहका दुखी करई बरे नाहीं, बल्कि इही बरे कि तोहरे लिए जउन मोर पिरेम बाटई उ केतना महान बा तू ऍका जान सका

बुरा करई वालन क छमा करा

मुला अगर कउनो मोका कउनउ दुख पहुँचावई तउ उ मोका केवल नाहीं, बल्कि कउनो न कउनो मात्रा मँ तू सबन क पहुँचाए बा। अइसेन मनई क तोहार समुदाय जउन दण्ड दई दिहे अहइ, उहइ परियाप्त बा। इही बरे तू तउ अब ओकरे विपरीत ओका छमा कई द्या। अउर ओका प्रोत्साहित करा। ताकि उ कहूँ बढ़ाइ चढ़ाइ दुख मँ न डूबि जाई। इही बरे मोर तोहसे बिनती बा कि तू ओकरे बरे अपने पिरेम क बढ़ावा। इ मइँ तोहका इ देखई बरे लिखे अही कि तू परिच्छा मँ पूरा आज्ञाकारी ह्वा या नाहीं। 10 मुला अगर तू कउनो क कउनउ बात क बरे छमा करित ह तउ ओका मइँ भी छमा करत ह अउ जउन कछू छमा किहे अही। अगर कछू मइँ छमा किहे अही तउ उ मसीह हमरे साथ रहा तोहरे बरे किहे अही। 11 ताकि सइतान हमसे कछू भी न जीत सकइ।

पौलुस क असान्ति

12 जब मसीह क सुसमाचार क प्रचार करई बरे मइँ त्रोआस आएउँ तउ उहाँ मोरे बरे पर्भू क दुवार खुला रहा। 13 अपने भाई तितुस क उहाँ न पाइके मोर मन बहुत बियाकुल रहा। तउ ओनसे विदा लइके मइँ मैसीडोनिया क चली दीन्ह।

मसीह से विजय

14 मुला परमेस्सर धन्य अहइ जउन मसीह क कारण अपने विजय अभियान मँ हमरे हमेसा राह देखॉवत ह। अउर हमरे कारण हर कहूँ अपने गियान क सुगन्धि फैइलावत ह। 15 काहेकि ओनके बरे जउन अबहीं उद्धार क राह पर अहइँ अउर ओनके बरे जउन बिनास क रस्ता पर अहइँ, हम मसीह क परमेस्सर क समर्पित मधुर भीनी सुगांधित धूप अही। 16 मुला ओनके बरे जउन खोइ ग अहइँ। इ मऊत क अइसेन दुर्गन्ध अहइ। जउन मऊत कइँती लई जात ह। पर ओनके बरे जउन उद्धार क रस्ता पर बढ़त अहइँ, इ जीवन क अइसेन सुगन्ध अहइ, जउन जीवन क तरफ अग्रसर करत ह। मुला इ काम बरे सुपात्र आदमी कउन बाटेन? 17 परमेस्सर क बचन क अपने लाभ बरे, ओं मइँ मिलावट कइके बेचईवाले बहुत जने से दुसरे लोगन जइसे हम नाहीं अही। न तउ! हम ते परमेस्सर क समन्वा परमेस्सर क तरफ स भेजा गवा मनइयन क समान मसीह मँ स्थित होकर, सच्चाई क साथे बोलित ह।

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Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.