Old/New Testament
आरोहण गीत।
1 जब यहोवा सिय्योन क लोगन क कैद स वापिस लिआइ
तउ इ कउनो सपना क नाईं होइ।
2 तब हम पचे हँसत रहत होब अउ खुसी क गीत गावत रहत होब।
तब दूसर रास्ट्र क लोग कहत रहत रहब, “यहोवा ओकरे बरे महान कार्य किहस ह।”
3 यहोवा हम लोगन बरे एक अद्भुत करम किहे होतेन,
तउ हम पचे बहोत खुस होतेन।
4 हे यहोवा, हमका रेगिस्तान मँ बहत रहे जलधारन क नाईं,
कैद स वापिस लिआवा।
5 जउन कउनो रोवत भए बिआ बोवत ह,
मुला उ कटनी क समइ खुसी क गीत गाउब।
6 जउन कउनो आँसुअन क संग बिआ लइके जात ह,
उ पचे जब फसल लिआवत हीं तउ आनन्दित होत हीं।
सुलैमान क मन्दिर क आरोहण गीत।
1 अगर घर क निर्माता खुद यहोवा नाहीं अहइ,
तउ घरे क बनावइ वाला बेकार समइ गँवावत ह।
अगर सहर क रखवाला खुद यहोवा नाहीं अहइ,
तउ रखवारे बेकार समइ गँवावत हीं।
2 अगर भिन्सारे जागिके तू देर राति तलक काम करा।
एह बरे कि तू सबन्क बस खइया बरे कमाइ क अहइ,
तउ तू पचे बेकार समइ गँवावत ह।
परमेस्सर आपन भगतन क ओनके सोवत तलक मँ धियान रखत ह।
3 गदेलन यहोवा क उपहार अहउँ।
गदेलन क जनम माता बरे ओकर उपहार अहइँ।
4 जवान मनई क पूत
जोद्धा क हाथन मँ बाण क नाईं होत हीं।
5 जउन मनई बाण रूपी पूतन स तरकस क भरत ह
उ बहोत खुस होइ।
उ मनई कबहुँ हारी नाहीं।
ओकर पूत आपन दुस्मनन स सार्वजनिक जगहियन पइ ओकर रच्छा करिहीं।
आरोहण गीत।
1 जउन कउनो यहोवा क सम्मान करत हीं धन्न अहइँ।
उ पचे ओकरे राहन पइ चलत हीं।
2 तू पचे जेनके बरे काम किहा ह, ओन चिजियन क तू आनन्द लेब्या।
ओन अइसी वस्तुअन क कउनो भी मनई तू सबन्स नाहीं छोरी।
तू पचे खुस रहब्या अउर तोहरे संग भली बातन घटिहीं।
3 घरे पइ तोहार घरवाली अंगूरे क बेल क नाई फलवती होइ।
मेज क चारिहुँ कइँती तोहार संतानन अइसी होइहीं, जइसे जइतून क उ सबइ बृच्छ जेनका तू रोप्या ह।
4 जउन मनई यहोवा क सम्मान करत हीं उ वइसा ही धन्न अहइँ।
5 यहोवा सिय्योन स तोहका आसीस दइ।
जीवन भर यरूसलेम मँ तोहका वरदानन क आनन्द मिलइ।
6 तू आपन नाती पोतन क लखइ बरे जिअत रहा।
इ मोर कामना अहइ।
इस्राएल मँ सान्ति रहइ।
19 इ बात क मोरे कहइ क प्रयोजन का बा? का मइँ इ कहई चाहित ह कि मूर्तियन पर चढ़ावा गवा भोजन कछू महत्व क बाटइ? या कि मूर्ति कछू भी नाहीं बाटइ। 20 बल्कि मइँ इ कहत हउँ कि अधर्मी जउन बलि चढ़ावत हीं, उ पचे परमेस्सर क बरे नाहीं बल्कि दुस्ट आतिमन क बरे चढ़ावत हीं। मइँ नाहीं चाहत हउँ कि तू पचे दुस्ट आतिमन क बरे चढ़ावा। मइँ नाहीं चाहित्त कि तू दुस्ट आतिमन क साझेदार बना। 21 तू पर्भू क कटोरा अउर सइतान क कटोरा मँ स एक साथ नाहीं पी सकत्या। तू सबइ पर्भू क भोज क चौकी अउर दुस्ट आतिमन क खाना क चौकी, दुइनउँ मँ एक साथे हींसा नाहीं बटाइ सकत्या। 22 का हम पर्भू क चिढ़ावइ चाहित ह? का जेतना सक्तिसाली उ अहइ, हम ओसे जियादा सक्तिसाली हई?
आपन स्वतन्त्रता क प्रयोग परमेस्सर क महिमा क बरे करा
23 जइसेन की कहा गवा बा कि, “हम कछू भी करइ क बरे स्वतन्त्र हई।” पर सब कछू हितकारी तउ नाहीं अहइँ। “हम कछू भी करइ क बरे स्वतन्त्र हई।” मुला हर कउनो बात स बिसवास मजबूत तउ नाहीं होत। 24 केउ क भी मात्र सुवारथ क ही चिन्ता न करइ चाही बल्कि अउरन क भलाई क बारे मँ सोचइ चाही:
25 बजार मँ जउन्न कछू बिकाइ, अपने अन्तरमने क अनुसार उ सब कछू खा। ओकरे बारे कउनउ प्रस्न न करा। 26 काहेकि सास्तर कहत ह, “इ धरती अउर एह पर जउन कछू बा, सब पर्भू क अहइ।”(A)
27 अगर अबिसवासियन मँ स कउनउ मनई तोहे खाना पर बोलावइ अउर तू उहाँ जाइ चाहत अहा तउ तोहरे सामने जउनउ परोसा गवा बा, आपने अर्न्तमने क अनुसार सब खा। कउनउ प्रस्न न पूछा। 28 मुला अगर केउ तोहे लोगन क इ बतावइ, “इ देवता पर चढ़ावा गवा चढ़ावा अहइ” तउ जे तोहे इ बतावइ, ओकरे कारण अउर अपने अर्न्तमने क कारण ओका न खा। 29 मइँ जब अर्न्तमन कहत हउँ तउ हमार मतलब तोहरे अर्न्तमने स नाहीं बल्कि ओह दुसरे मनई क अर्न्तमने स बा। एकमात्र इहई कारण अहइ। काहेकि मोर स्वतन्त्रता भला दूसरे मनई क अर्न्तमने क जरिये लीन्ह गए निर्णय स सीमित काहे रहइ? 30 अगर मइँ धन्यबाद दइके, खाना मँ हिस्सा लेइत ह तउ जेह चीज क बरे मइँ परमेस्सर क धन्यबाद देइत ह, ओकरे बरे मोर आलोचना नाहीं कीन्ह जाइ चाही।
31 इही बरे चाहे तउ खा, चाहे पिआ, चाहे कछू अउर करा, सब कछू परमेस्सर क महिमा क बरे करा। 32 यहूदियन क बरे रहा या गैर यहूदियन क बरे जउन परमेस्सर क कलीसिया क अहइँ, ओनके बरे कभउँ बाधा न बना 33 जइसे मइँ खुद सब तरह स हर कउनो क खुस रखइ क जतन करत अहउँ, अउर बिना इ सोचे कि मोर सुवारथ का अहइ, परमार्थ क सोचत हउँ ताकि ओनकर उद्धार होइ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.