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Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 49-50

कोरह क संतानन क संगीत निदेर्सक बरे एक ठु पद।

अलग-अलग देसन क निवासियो, इ सुना।
    धरती क वासियो इ सुना।
    सुना अरे दीन लोगो, अरे धनिको सुना।
मइँ तू पचन्क गियान
    अउ विवेक क बातन बतावत हउँ।
मइँ सबइ कथा सुनेउँ ह,
    मइँ अब उ सबइ कथा तू पचन्क आपन वीणा पइ सुनाउब।

अइसा कउनो कारण नाहीं जउन मइँ कउनो भी बिनास स डेराइ जाउँ।
    अगर लोग मोका घेरइँ अउ फँदा फइलावइँ, मोका डेराइ क कउनो कारण नाहीं।
उ सबइ लोग मूरख अहइँ जेनका आपन निज सक्ति
    अउ आपन धन पइ भरोसा अहइ।
कउनो मानव मीत ओनका छोड़ा नाहीं सकत।
    कउनो मनई परमेस्सर क रिसवत दइके बिना सज़ा क जाई देइ नाहीं सकत।
कउनो मनई क लगे ऍतना धन नाहीं होई कि जेहसे
    उ खुद आपन निज जिन्नगी मोल लइ सकइ।
कउनो मनई क लगे
    ऍतना धन नाहीं होइ सकत
    कि उ आपन देह कब्र मँ सड़इ स बचाइ सकइ।
10 लखा, बुद्धिमान जन, बुद्धिहीन जन अउ पाथर जइसा मूरख जन एक जइसे मरि जात हीं,
    अउर ओनकर सारा धन दूसर लोगन क हाथे मँ चला जात ह।
11 कब्र सदा ही बरे हर कउनो क घर बनी,
    एकर कउनो अरथ नाहीं कि उ पचे केतनी भुइँया क सुआमी रहेन।
12 धनी मनई मूरख लोगन स अलग नाहीं होतेन।
    सबहिं लोग गोरूअन क तरह मर जात हीं।
13 मूरख लोगन बरे इहइ होत ह।
    इ ओनकर भाग्य अहइ अउर ओकरे संतानन क भाग्य जउन ओकरे जइसा इच्छा रखत ह।
14 सबहिं लोग भेड़ी जइसेन बाटेन।
    कब्र ओनकर बरे बाड़ा बन जाइ।
मउत ओनके चरवाहा बनी।
    ओनकर काया छीन होइ जाइ
    अउर उ पचे कब्र मँ सड़ गल जइहीं।

15 मुला यहोवा मोर मूल्य चुकाई अउर मोका कब्र स बचाइ।
    काहेकि उ मोका आपन संग लेब।

16 धनवानन स जिन डेराअ कि उ पचे धनी अहइँ।
    लोगन स ओनकर धन दौलत स भरा घरन क लखिके जिन डेराअ।
17 उ सबइ लोग जब मरिहीं कछू भी संग न लइ जाइ जइहीं।
    ओन सुन्नर वस्तुअन मँ स कछू भी न लई जाइ पइहीं।
18 लोगन क चाही कि उ सबइ जब तलक जिअत रइहीं परमेस्सर क स्तुति करइँ।
    जब परमेस्सर ओनके संग भलाई करइ, तउ लोगन क ओकर स्तुति करइ चाही।
19 मनइयन बरे एक अइसा समइ आइ जब उ पचे आपन पुरखन क संग मिल जइहीं।
    फिर उ पचे कबहुँ दिन क प्रकास नाहीं लखि पइहीं।
20 धनी मनई मूरख लोगन स अलग नाहीं होतेन।
    सबहिं लोग गोरुअन क नाईं मरत हीं।

आसाफ क भक्ति गीतन मँ स एक ठु पद।

देवतन क देवता यहोवा कहेस ह।
    पूरब स पच्छिम तलक धरती क सब मनइयन क उ बोलाएस।
सिय्योन स परमेस्सर क सुन्नरता प्रकासित होत बाटइ।
हमार परमेस्सर आवत अहइ, अउर उ चुप नाहीं रही।
    ओकरे समन्वा बरत ज्वाला बा,
    ओका एक ठु बड़का तूफान घेरे बाटइ।
हमार परमेस्सर आकास अउ धरती क गोहराइके
    आपन निजी लोगन क निआउ करइ बोलावत ह।
“मोर मनवइयो, मोरे लगे बटुरा।
    मोर उपासको आवा हम आपुस मँ एक ठु करार किहे अही।”

परमेस्सर निआउ क जज अहइ
    अकास ओकरी धार्मिक भावना क घोसणा करत ह।

परमेस्सर कहत ह, “सुना मोरे भक्तो!
    इस्राएल क लोगो, मइँ तू पचन्क खिलाफ साच्छी देबउँ।
    मइँ परमेस्सर हउँ, तोहार परमेस्सर।
मोका तोहरी बलियन स सिकाइत नाहीं।
    इस्राएल क लोगो, तू पचे सदा होम बलियन मोका चढ़ावत रहा।
    तू पचे हर रोज अर्पित करा।
मइँ तोहरे घरे स कउनो बर्धा नाहीं लेब।
    मइँ तोहरे गोरू घरे स कउनो बोकरा नाहीं लेब।
10 मोका तोहरे ओन गोरुअन क जरूरत नाहीं।
    मइँ ही तउ वन क सबहिं गोरुअन क सुआमी हउँ।
    हजारन पहाड़न पइ जउन गोरू विचरत हीं, ओन सबन क मइँ सुआमी हउँ।
11 जिन चिरइयन क बसेरा सब स ऊँच पहाड़ पइ अहइ, ओन सबन क मइँ जानत हउँ।
    अचलन पइ जउन सचल अहइँ उ सबइ सब मोरे ही अहइँ।
12 मइँ भुखान नाहीं हउँ, अगर मइँ भूखा होतउँ, तउ भी तू पचन्स मोका भोजन नाहीं माँगइ क पड़त।
    मइँ जगत क सुआमी हउँ अउर ओकर भी हर चीज जउन इ जगत मँ बाटइ।
13 मइँ बर्धा क गोस नाहीं खावा करत हउँ।
    बोकरन क खून नाहीं पिअत हउँ।”

14 फुरइ जउन बलि क परमेस्सर क प्रसन्न करत ह धन्यवाद क भेंटन होइ
    अउर उ प्रतिग्या क पूरा करत ह जउन तू सर्वोच्च परमेस्सर क समन्वा किहे रह्या।
15 परमेस्सर कहत ह, “मोका पुकारा जब तू मुसीबत मँ रह्या,
    मइँ तू पचन्क खतरा स निकारब, अउर तब तू पचे मोर मान कइ सकब्या।”

16 दुट्ठ लोगन स परमेस्सर कहत ह,
    “तू पचे मोर व्यवस्था क बातन करत अहा,
    तू पचे मोरे करार क भी बातन करत अहा।
17 फुन जब मइँ तू पचन्न्क सुधारत हउँ, तब भला तू पचे मोसे बैर काहे करत अहा?।
    तू पचे ओन बातन क उपेच्छा काहे करत अहा जेनका मइँ तू पचन्क बतावत हउँ?
18 तू पचे चोर क लखिके ओसे मिलइ बरे दौड़ जात अहा।
    तू पचे ओनके संग बिछउना मँ कूद पड़त अहा जउन बिभिचार करत हीं।
19 तू पचे बुरा वचन अउ झूठ बोलत अहा।
20 तू पचे दूसर लोगन क हिआँ तलक कि
    आपन भाइयन क निन्दा करत अहा।
21 तू पचे बुरा करम करत अहा, अउर तू सोचत अहा मोका चुप रहइ चाही।
    तू कछू नाहीं कहत अहा अउर सोचत अहा कि मोका चुप रहइ चाही।
लखा, मइँ चुप नाहीं रहब, तोहका स्पस्ट कइ देब।
    तोहरे ही मुँहे पइ तोहार दोख बताउब।
22 तू लोग परमेस्सर क बिसरि गवा अहा।
    एकरे पहिले कि मइँ तोहका चीर डावउँ,
अच्छी तरह समुझ ल्या।
    जब वइसा होइ कउनो भी मनई तू पचन्क बचाइ नाहीं पाई।
23 अगर कउनो मनई स्तुति अउ धन्यवादन क बलि चढ़ावइ, तउ उ सचमुच मोर मान करी।
    अगर कउनो मनई आपन जिन्नगी बदल डावइ तउ ओका मइँ परमेस्सर क सक्ति देखाँउब जउन बचावत हीं।”

रोमियन 1

पौलुस जउन मसीह ईसू क दास अहइ,

जेका परमेस्सर प्रेरित होइ बरे बोलाएस, अउर उहइ क परमेस्सर क सुसमाचार लोगन क सुनावइ बरे चुना गवा। इ बात क घोसना नबियन दुआरा पवित्तर सास्तरन मँ पहिलेन स करि दीन्ह ग रही। 3-4 इ सुसमाचार परमेस्सर क पूत ईसू मसीह क अहइ। जउन तने स दाऊद क बंसज अहइ। अउर उहइ हमार पर्भू अहइ। सरीर स तो उ दाऊद क बंस मँ जनम लिहे रहा मूला पवित्तर आतिमा स तो उ परमेस्सर क पूत रहा। ओका परमेस्सर क पूत इहइ बरे माना जात रहा। जउन ओकरे भीतर मरि क फिन जी उठइ क समरथ रहा।

इहइ क जरिये मोका अनुग्रह अउर पेरित होइ क मिला बा जेहसे सबहिं यहूदियन मँ, ओकरे नाउँ स, उ आस्था जउन बिसवास स जनम लेत ह ओहमाँ पइदा कीन्ह जाइ सकइ। परमेस्सर क जरिये ईसू मसीह क होइ बरे तू पचे बोलावा ग अहा।

उ पत्र मइँ, तू सबन बरे, जउऩ रोम मँ अहइँ अउर परमेस्सर क पियारा अहा, जउन परमेस्सर क पवित्तर जन होइ बरे बोलावा ग अहा, लिखत अहउँ।

अब हम इ चाहित ह कि तू लोगन क परमेस्सर अउर हमरे पर्भू ईसू मसीह क अनुग्रह अउर सान्ति मिलइ।

धन्यबाद बरे पराथना

सबसे पहिले तो मइँ ईसू मसीह क जरिये परमेस्सर क धन्यबाद करइ चाहित ह। इ सब तोहरे सब क बरे अहइ काहेकि दुनिया क सब मनई तोहरे सब के बिसवास क बारे मँ बतियात हीं। पर्भू जेकरे सेवा मइँ जी जान स करित हउँ काहेकि मइँ ओकरे पूत क सुसमाचार क लोगन क सुनावत हउँ। पर्भू मेरा साच्छी दिहा जउन मइँ तोहका हर दम याद करत अहउँ। 10 अपने पराथना मँ इ मइँ हर दम मनाइत हउँ कि परमेस्सर की चाह स मोर तोहरे लगे आवइ क यात्रा पूरी होइ। 11 मइँ बहुत दिल स इ चाहित ह कि तू लोगन स मिली अउर तोहका कछू आत्मिक उपहार देइ जइसे तू पचे खूब सक्तिसाली होइ जा। 12 या मोका कहइ चाही कि जब मइँ तोहरे बीच मँ होब तउ एक दूसर क बिसवास स आपुस मँ प्रोत्साहित होब।

13 भाइयो अउर बहिनियो! मइँ इ चाहित हउँ कि तू पचे क इ तउ मालूम होइ जाइ कि मइँ तोहरे लगे बार-बार आवइ क योजना बनाइत हउँ। एकर इ कारन इ अहइ कि गैर यहूदियन मँ जइसा फल मोका मिला ह इ उहइ तू लोगन स भी मिलइ। लेकिन अब तलक-न-कउनो बाधा पड़त रही।

14 अब इ जान ल्या कि जे यूनानियन अहइँ उनके अउर जे गैर यूनानियन अहइँ ओनहूँ क, जे होसियार अहइँ उनके अउर जे बेउकूफ अहइँ ओनहूँ क सबइ क हमरे ऊपर सेवा करइ क रिन अहइ। 15 यही बरे तू लोगन क जे रोम मँ रहत ह्या ओनका मइँ इ सुसमाचार सुनावइ क तैयार हउँ।

16 इ सुसमाचार क सुनावइ क मइँ सरमाइत नाहीं काहेकि जउन भी ओहमाँ बिसवास रखत अहइँ ओनके उद्धार बरे परमेस्सर क सामर्थ्य अहइ। ओहमाँ पहिले यहूदियन अउर फिन गैर यहूदियन क। 17 काहेकि सुसमाचार मँ इ बतावा ग बाटइ कि परमेस्सर मनइयन क अपने ठेकाने कइसे लगावत ह। इ सब कुल बिसवास प अहइ, सास्तरन मँ इ लिखा अहइ, “धर्मी मनई स सदैव जिअत अहइँ”[a]

सबहिं तउ पाप किहे अहइँ

18 सरग स परमेस्सर का कोप लोगन क न कहइवालन अउर अधार्मिक काम पइ परगट होत ह जे सत्य का अधरम स दबावत हीं अउर जे बुरे करम करत हीं। 19 इ बात नाहीं अहइ कि केउ ऐका जानत नाहीं परमेस्सर का सबइ जानत ह काहेकि परमेस्सर सबका जनाइ देत ह।

20 इ संसार जब स देखाइ पड़ा तबइ स परमेस्सर क अनन्त सक्ति परमेस्सर क साफ देखात ह उहउ क ऍक एहसे जाना जाइ सकत ह जेका परमेस्सर खुदइ बनाइस ह। एहसे लोगन क पास कउनो बहाना नहीं बाटइ उ बुरा काम बरे जेका उ करत ह।

21 अगर इ सबइ परमेस्सर क जानत हीं तबउ उ पचे परमेस्सर क महिमा क इज्जत नाहीं करत हीं। उनके विचार गलत कामन मँ लग गएन अउर मन मँ अँधियारा छाइ गवा। 22 उ पचे अपने क बहुत बुद्धिवाला समझत रहेन मुला सब क सब बज्र मूरख रहेन। 23 अउइ जउऩ परमेस्सर अहइ उ क कबहुँ मर नाहीं सकत मुला इ सबइ ओका मरइवाले लोगन चिरिया, गोरू, अउर साँप क मूरत मँ देखेन अउर समझइ लागेन।

24 एह बरे परमेस्सर ओनन्ह क बदनियती क हाथे सौंप दिहेस अउर उ पचे दुराचार मँ पड़ि क एक दूसरे क सरीर क साथ खिलवाड़ करइ लागेन। 25 उ लोगन झूठ क साथे परमेस्सर क सत्य क सौदा किहन अउर वे सृस्टि क बनावइवाले को तजिके अउरन क आराधना करइ लागेन। परमेस्सर धन्य अहइ। आमीन!

26 इहइ बरे परमेस्सर ओनन्ह का नीच वासना क हाथें सौंप दिहेस। ओनन्ह क स्त्रियन सहज यौनाचार क बजाय अप्राकृतिक यौन करइ लागिन। 27 एहइ तरह पुरूसन भी सहज सम्भोग छोड़ि क समलैगिकता क चक्कर मँ पड़ि गएन। अउर पुरूस परस्पर एक दूसरे क साथ बुरे करम करइ लागेन। अउर इ सब कुकरमन क फल भी मिलब सुरु होइ गवा।

28 कारन इ रहा कि ओन्हन परमेस्सर का पहिचानब बन्द कइ दिहेन तो परमेस्सर ओनन्ह का कुबुद्धि क हाथ सौंप दिहेस। अउर उ सब ओनन्ह क करइ सुरु दिहेन जउन ना करइ क चाही। 29 लोग कुल अधरम दुस्टता, लालच अउर द्वेस स तथा सारी ईर्स्या, हत्या, झगड़े, छल, अउर डाह स भर गएन। बे बकवादी, अउर कहानियन क गढ़त रहेन। 30 उ सबइ निन्दक अहइँ। परमेस्सर स घिना करत रहत उदण्ड अउर घमण्डी अहइँ, बढ़-बढ़ क बोलत हीं। कुलिन्ह बुराइन का जनम दाता अहइँ। अपने महतारी बाप क कहब नहीं मानत रहेन। 31 उ पचे मूरख, वचन तोरइ वाले निरदयी अउर वगैर पिरेम क बाटेन। 32 उ सब परमेस्सर क व्यवस्था क जानत हीं कि इ सब बातन स मउत क जोग्ग अहइँ तउनो पइ ओ सबइ न सिरफ इ सब कुकरम करत हीं बरन अइसा करइवालेन क समर्थन भी करत हीं।

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