Old/New Testament
28 “हुआँ चाँदी क खान बाटइ जहाँ लोग चाँदी पावत हीं,
हुआँ अइसे ठउर अहइँ लोग सोना देघराइके ओका सुद्ध करत हीं।
2 लोग धरती स खनिके तोहा निकारत हीं,
अउर चट्टानन स टेघाराइके ताँबा निकारत हीं।
3 लोग सबइ गुफा मँ प्रकास लिआवत हीं उ पचे सबइ गुफा क गहिराइ मँ हेरा करत हीं,
घना अँधियारा मँ उ पचे खनिज क चट्टानन हेरत हीं।
4 जहाँ लोग रहत हीं ओहसे बहोत दूर लोग गहिर गड़हा खना करत हीं
कबहुँ कउनो अउर एँन गड़हन क नाहीं छुएस।
जब मनई गहिरे गड़हन मँ रस्सन लटकत ह, तउ उ दूसरन बहोत दूर होत ह।
5 भोजन धरती क सतह स मिला करत ह,
मुला धरती क भीतर उ बढ़त जावा करत ह
जइसे आगी चिजियन क बदल देत ह।
6 धरती क भीतरे चट्टानन क खाले नीलम मिलि जात हीं,
अउर धरती क खाले माटी आपन आप मँ सोना राखत ह।
7 जंगली पंछी धरती क खाले क राहन नाहीं जानत हीं
न हीं कउनो बाज इ मारग लखत ह।
8 उ राहन पइ कउनो बड़का डीलडोल वाला पसु नाहीं चलेन,
कबहुँ सेर इ राहे पइ नाहीं विचरेन।
9 मजदूर सब स कठोर चट्टानन क खनत हीं
अउर उ पचे पहाड़न क ओकार जड़ स खनिके गिरा देत हीं।
10 काम करइवालन चट्टानन स सुरंग काटत हीं
उ पचन्क आँखन हुआँ खजानन क लखि लेत हीं।
11 काम करइवालन बाँध बनवा करत हीं कि पानी ऊपर स होइके न बहइ।
उ पचे छिपी भइ चिजियन क ऊपर प्रकास मँ लिआवत हीं।
12 “मुला कउनो मनई विवेक कहाँ पाइ सकत ह
अउर हम कहाँ जाइ सकित ह समुझ पावइ क?
13 गियान कहाँ रहत ह लोग नाहीं जानत हीं
लोग जउन धरती पइ रहत हीं, ओमाँ इ नाहीं पाइ जात ह।
14 सागरे क गहराइ बतावत ह, ‘मोह माँ गियान नाहीं।’
अउर समुद्दर कहत ह, ‘हिआँ मोहमाँ गियान नाहीं अहइ।’
15 गियान क बहोत कीमती सोना भी मोल नाहीं लइ सकत ह,
गियान क दाम चाँदी स नाहीं गना जाइ सकत ह।
16 गियान ओपरी देस क सोना स
या कीमती सुलैमानी पाथर या नीलमणियन स नाहीं बेसहा जाइ सकत ह।
17 गियान सोना अउ स्फटिक ल जियादा कीमती बाटइ,
कउनो मनई बहोत कीमती सोना स जड़े भए रलन स गियान नाहीं बेसहि सकत ह।
18 गियान मूँगा अउ सूर्यकान्त मणि स जियादा कीमती बा।
गियान क कनोउ मनई सिद्ध सोने मँ जुरे कीमती रतन स नाहीं बेसहा सकत ह।
19 जेतना उत्तिम गियान अहइ कूस देस क पद्मराग भी ओतना उत्तिम नाहीं अहइ।
गियान क तू चोख सोना स मोल नाहीं लइ सकत्या।
20 “तउ फुन हम कहाँ गियान क पावइ जाइ?
हम कहाँ समुझ सीखइ जाइ?
21 गियान धरती क हर मनई स लुका भवा अहइ।
हिआँ तलक कि ऊँच अकास क पंछी भी गियान क नाहीं लखि पावत हीं।
22 मउत अउ विनास कहा करत हीं,
‘हम तउ बस
गियान क बातन सुनी ह।’
23 “मुला बस परमेस्सर गियान तलक पहोंचइ क राहे क जानत ह।
परमेस्सर जानत ह गियान कहाँ रहत ह।
24 परमेस्सर गियान क जानत ह काहेकि उ धरती क अखिरी छोर तलक लखा करत ह।
परमेस्सर उ हर वस्तु क जउन अकास क खाले अहइ लखा करत ह।
25 जब परमेस्सर हवा क ओकर सक्ती दइ दिहस
अउर इ निहचित किहस कि समुद्दरन क केतना बड़का बनावइ क अहइ।
26 अउर जब परमेस्सर निहचय किहस कि ओका कहाँ स बर्खा पठवइ क अहइ,
अउर बउड़रन क कहाँ तलक जात्रा करइ क अहइ।
27 तब परमेस्सर गियान क लखे रहा।
उ ओका मापेस, ओका साबित किहेस अउर इका परखेस।
28 अउर लोगन स परमेस्सर कहे रहा कि
‘यहोवा क भय माना अउर ओका आदर दया।
बुराइयन स मुहँ मोड़ि लेब ही गियान अहइ, इहइ समझदारी अहइ।’”
अय्यूब आपन बात जारी रखत ह
29 आपन बात क जारी रखत भए अय्यूब कहेस।
2 “मोर जिन्नगी वइसे ही होइ चाही रही जइसे गुजरे महीने मँ रही।
जब परमेस्सर मोर रखवारी करत रहा, अउर मोर धियान रखत रहा
3 मइँ अइसे उ समइ क इच्छा करत हउँ जब परमेस्सर क प्रकास मोरे मूँड़े चमचमात रहा।
मोका प्रकास देखाँवइ क उ समइ जब मइँ अँधियारा स होइके चलत रहेउँ।
4 अइसे ओन दिनन क इच्छा करत हउँ, जब मोर जिन्नगी सफल रही, अउर परमेस्सर मोरे निचके मीत रहा।
उ सबइ अइसेन दिन रहेन जब परमेस्सर मोरे घरे क असीसे रहा।
5 अइसे समइ क मइँ इच्छा करत हउँ, जब सर्वसक्तीसाली परमेस्सर अबहुँ तलक मोर संग मँ रहा
अउर मोरे संग मोरे गदेलन रहेन।
6 अइसा लगा करत रहा कि दूध-दही क नदियन बहा करत रहिन,
अउर मोरे बरे चट्टानन जइतून क तेल क नदियन उडेरत रहीन।
7 “इ सबइ ओ दिन रहेन जब मइँ नगर क दुआर अउर गलीयन क चौराहन पइ जात रहेउँ,
अउर नगर नेता लोगन क संग बइठत रहेउँ।
8 हुवाँ सबइ लोग मोर सन्मान किहा करत रहेन।
जवान मनसेधू जब मोका लखत रहेन तउ मोरी राह स हट जावा करत रहेम
अउर बुढ़वा मनसेधू मोरे बरे सन्मान देखाँवइ बरे उठ खड़ा होत रहेन।
9 जब लोगन क नेता लोग मोका लखि लेत रहेन,
तउ बोलब बंद कइ देत रहेन।
10 हिआँ तलक कि बहोतइ महत्ववाले नेता भी आपन स्वर हल्का कइ लेत रहेन, जब मइँ ओनके नियरे जात रहेउँ।
हाँ! अइसा लागत रहा कि ओनकर जिभियन ओनकर तालु स चिपक गइ होइँ।
11 जउन कउनो भी मोका बोलत सुनेस, मोरे बारे मँ नीक बात कहेस,
जउनो कउनो भी मोका लखे रहा, मोर बड़कई किहे रहा।
12 काहेकि जब कउनो दीन मदद बरे गोहँराएस, मइँ मदद किहेउँ।
उ गदेला क मइँ सहारा दिहेउँ जेकरे महतारी बाप नाहीं अउर जेकर कउनो भी नाहीं धियान रखइ क।
13 मोका मरत भए मनई क आसीस मिला,
मइँ ओन राँड़ मेहररुअन क जउन जरुरत मँ रहिन,
मइँ सहारा दिहेउँ अउर ओनका खुस किहेउँ।
14 मोर ओढ़ना पहिरब मोर खरी जिन्नगी रही,
निस्पच्छ होब मोर चोगा अउर मोर पगड़ी सी रहीं।
15 मइँ आँधरन बरे आँकी बन गएउँ
अउर मइँ ओनकर गोड़ बनेउँ जेनकर गोड़ नाहीं रहेन।
16 दीन लोगन बरे मइँ बाप तरह रहेउँ,
मइँ पच्छ लेत रहेउँ अहसे अनजानन क जउन विपत्तियन मँ पड़ा रहेन।
17 मइँ दुस्ट लोगन क सक्ती नस्ट करत रहेउँ।
निर्दोख लोगन क मइँ दुस्टन स अजाद करावत रहेउँ।
18 “मइँ सोचत रहेउँ कि मइँ बहोत लम्बी जिन्नगी[a] जिअब
अउर फुन आपन ही घरे मँ प्राण तजब।
19 मइँ एक ठु अइसा बृच्छ बनब जेकर जड़न सदा जल मँ रहत होइँ
अउर जेकर डारन सदा ओस स भीजी रहत होइँ।
20 मोर सान सदा ही नई बनी रही,
मइँ सदा ही वइसा बलवान रहब जइसे मोरे हाथे मँ एक नवा धनुष।
21 “पहिले, लोग मोर बात सुनत रहत रहेन,
अउर उ सबइ जब मोर सलाह मसवरा क इंतजार करत रहेन, तउ चुप रहा करत रहेन।
22 मोर चुकइ पाछे, ओन लोगन क लगे जउन मोर बात सुनत रहेन, कछू भी बोलइ क नाहीं होत रहा।
मोर सब्द धीरे-धीरे ओनकर काने मँ बर्खा क तरह पड़ जात रहेन।
23 लोग जइसे बर्खा क बाट जोहत हीं वइसे ही उ पचे मोर बोलइ क बाट जोहा करत रहेन।
मोरे सब्दन क उ पचे पी जावा करत रहेन, जइसे मोर सब्द बसन्त मँ बरसा होइ।
24 जब मइँ दाया करइ क ओन पइ मुस्कात रहेउँ, तउ ओनका पहिले पहल ए पइ बिस्सास नाहीं होत रहा।
फुन मोर खुस मुँह दुखी जन क सुख देत रहा।
25 मइँ जिम्मेदारी बिहेउँ अउर लोगन बरे पइसला किहेउँ, मइँ नेता बन गएउँ।
मइँ ओनकर सोना क दलन क बीच राजा जइसा जिन्नगी जिएउँ।
मइँ अइसा मनई रहेउँ जउन लोगन क चइत देत रहा जउन बहोत ही दुःखी बाटइ।
बरनाबास अउर साऊल क चुना जाब
13 अन्ताकिया क कलीसिया मँ कछू नबी अउर बरनाबास, समौन (नीगर) कहा जाइवाला समौन कुरेनी क लूकियुस, देस क चउथाई हींसा क राजा हेरोदेस क संग पालितयोसित मनाहेम अउर साऊल जइसे कछू सिच्छक रहेन। 2 उ पचे जब उपवास करत भए पर्भू क आराधना मँ लाग रहेन, तबहिं पवित्तर आतिमा कहेस, “बरनाबास अउर साऊल क जउने काम बरे मइँ बोलाएउँ ह, ओका करइ बरे मोरे नीस्बत, ओनका अलगाइ द्या।”
3 तउ जब सिच्छक अउर नबी आपन उपवास अउर पराथना पूरी कइ चुकेन तउ उ पचे बरनाबास अउर साऊल प आपन हाथ धरेन अउर ओनका बिदा कइ दिहेन।
बरनाबास अउर साऊल क साइप्रस जात्रा
4 पवित्तर आतिमा क जरिए पठए भए उ सबइ सिलूकिया गएऩ जहाँ स जहान मँ बइठिके उ पचे साइप्रस पहोंचेन। 5 फिन जब उ पचे सलमीस पहोंचेन तउ उ पचे यहूदियन क आराधनालय मँ परमेस्सर क बचन क प्रचार किहेन यूहन्ना सहायक क रूप मँ ओनकइ संग रहा।
6 उ समूचइ द्वीप क जात्रा करत करत उ पचे पाफुस ताईं जाइ पहोंचेन। हुवाँ ओनका एक जादूगर मिला, उ झूठा नबी रहा। उ यहूदी क नाउँ रहा बार-ईसू। 7 उ एक बहोत बुद्धिमान पुरुस राज्यपाल सिरगियुस पौलुस क दोस्त रहा जउन फिन परमेस्सर क बचन सुनइ बरे बरनाबास अउर साऊल क बोलवाएस। 8 मुला इलीमास जादूगर ओनकइ खिलाफत किहेस (इ बार-ईसू क अनुवाद क नाउँ बा।) उ नगर-पति क बिसवास डुगावइ क जतन किहेस। 9 फिन साऊल जेका पौलुस भी कहा जात रहा, पवित्तर आतिमा स भरपूर होइके इलीमास प पैनी निगाह डारत भवा कहेस, 10 “सबहिं तरह क छल अउर धूर्तताई स भरा, अरे सइतान क बेटहना, तू हर नेकी क दुस्मन अहा। का तू पर्भू क सोझ सच्चे राह क तोड़ब मरोड़ब न तजब्या? 11 अब लखा पर्भू क हाथन तोह प आइ पड़ा बा। तू आँधर होइ जाब्या अउर कछू समइ बरे सूरज तक भी नाहीं लख पउब्या।”
तुरंतहि एक धूँध अउर अँधियारा होइ पइ छाइ गवा अउर एहर-ओहर टोवइ लाग कि कउनो हथवा धइके ओका चलावइ। 12 तउ राज्यपाल, जउन कछू भवा रहा, जब ओका लखेस तउ उ बिसवास धरेस। उ पर्भू क बाबत उपदेसन स बहोत होइ गवा।
पौलुस अउर बरनाबास क साइप्रस स जाब
13 फिन पौलुस अउर ओकर संगी पाफुस स ऩाउ क जरिये पंफूलिया क पिरगा मँ आइ गएऩ। मुला यूहन्ना ओनका हुँवइ छोड़िके यरूसलेम लौटि आवा। 14 ओहर उ पचे आपन जात्रा प बढ़त भए पिरगा स पिसिदिया क नजदीक नगर अन्ताकिया मँ आइ गएन।
फिन सबित क दिना यहूदी आराधनालय मँ जाइके बइठि गएऩ। 15 मूसा क व्यवस्था क मुताबिक अउर नबियन क पोथी क पाठ कइ चुके क पाछे यहूदी आराधनालय क अधिकारियन ओनकइ लगे इ संदेसा कहवाइ पठएन, “भाइयो, मनइयन क उपदेसन देइ बरे तोहरे लगे कहइ क प्रोत्साहन क कउनो अउर बचन अहइ जउन ओका सुनावा।”
16 ऍह पइ पौलुस खड़ा भवा अउर आपन हाथ हिलावत भवा बोलइ लाग, “हे इस्राएल क मनइयो अउर परमेस्सर स डेराइवाले गैर यहूदियो, सुना: 17 इ इस्राएल क मनइयन क परमेस्सर हमरे पूर्वजन क चुने रहा अउर जब हमार लोग मिस्र मँ ठहरा रहेन, उ ओनका महान बनाए रहा अउर आपन महान सक्ति स उ ओनका उ धरती स बाहेर निकारि लइ आवा रहा। 18 अउर लगभग चालीस बरिस तलक उ जंगल मँ ओनकइ मदद करत रहा। 19 अउर कनान देस क सात जातियन क नास कइके उ धरती इस्राएल क मनइयन क वसीयत क रूप मँ दइ दिहेस। 20 इ सब कछू मँ लगभग साढ़े चार सौ बरिस लगेन।
“ऍकरे पाछे समूएल नबी क समइ तलक उ ओनका अनेक निआव क न्यायकर्ता दिहेस। 21 फिन उ पचे एक राजा क निवेदन किहेन, तउ परमेस्सर बिन्यामीन क गोत क एक मनई कीस क बेटवा साऊल क चालीस बरिस बरे ओनका दइ दिहेस। 22 फिन साऊल क हटाइके उ ओनकइ राजा दाऊद क बनाएस जेकरे बारे मँ उ इ साच्छी दिहेस, ‘मइँ यिसै क बेटवा दाऊद क एक अइसे मनई क रूप मँ मिला ह, जउन मोरे मन क मुताबिक अहइ। जउन कछू मइँ ओसे करावइ चाहत हउँ, उ उ सब कछू क करी।’
23 “इ ही मनई क एक बंसज क आपन प्रण क मुताबिक इस्राएल मँ उद्धार करइया ईसू क रूप मँ लाइ चुका अहइ। 24 ओकरे आवइ स पहिले यूहन्ना इस्राएल क सबहिं मनइयन मँ मनफिराव स बपतिस्मा क प्रचार करत अहइ। 25 यूहन्ना जब आपन काम क पूरा करइ क रहा, तउ उ कहेस रहा, ‘तू मोका जउन समुझत ह, मइँ उ नाहीं हउँ। मुला एक अइसा अहइ जउन मोरे पाछे आवत अहइ। मइँ जेकर पनही क फीतास खोलइ लायक भी नाहीं अहउँ।’
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