Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
अय्यूब 20-21

सोपर क जवाब

20 एह पइ नामात प्रदेस क सोपर जवाब दिहस।

“अय्यूब, धियान दया।
मइँ परेसानी मँ हउँ।
    यह बरे मइँ हाली तोहका बताएउँ क कि मइँ का सोचत हउँ।
तोहार आलोचना हमार अपमान करत हीं।
    मुला मइँ बुद्धिमान हउँ अउर जानत हउँ कि तोहका कइसे जवाब दीन्ह जाइ चाही।

4-5 “एका तू तब स जानत ह जब बहोत पहिले लोगन क धरती पइ पठवा ग रहा,
    दुट्ठ मनई क आनन्द बहोत दिन नाहीं टिकत ह।
    अइसा मनई जेका परमेस्सर क चिन्ता नाहीं अहइ उ तनिक समइ बरे आनन्द मँ भरि जात ह।
चाहे दुट्ठ मनई क अपमान
    अकासे तलक छू जाइ।
उ आपन तने क मल क नाई नस्ट होइ जाइ।
    उ सबइ लोग जउन ओका जानत हीं कइहीं, ‘उ कहाँ अहइ?’
उ अइसे बिलाइ जाइ जइसे सपन हाली ही कहूँ उड़ जात ह।
    फिन कबहुँ कउनो ओका लखि नाहीं सकी, उ नस्ट होइ जाइ,
    ओका राति क सपना क तरह हाँक दीन्ह जाइ।
उ सबइ मनई जउन ओका लखे रहेन फुन कबहुँ नाहीं लखेन।
    ओकर परिवार फुन कबहुँ ओका नाहीं लखि पाइ।
10 जउन कछू भी उ (दुट्ठ) गरीबन स लिहे रहा ओकार संतानन चुकइहीं।
    ओनका आपन हीं हाथन स धन लौटाए होइ।
11 जब उ जवान रहा, ओकर सरीर मजबूत रही,
    मुला उ हाली ही धूलि होइ जाइ।

12 “दुस्ट क मुहँ क दुस्टता बड़ी मीठी लागत ह,
    उ ओका आपन जिभिया क खाले छुपाइ लेइ।
13 बुरा मनई उ बुराई क थामे रही, ओकर दूर होइ जाब ओका कबहुँ नाहीं भाई,
    तउ उ ओका आपन मुँहे मँ थामे रही।
14 मुला ओकरे पेटे मँ ओकर भोजन जहर बन जाइ,
    उ ओकरे भीतर अइसे बन जाइ जइसे कउनो नाग क विख सा कडुवा जहर।
15 दुस्ट धन दौलत क लील जात ह मुला उ ओन सबका बाहेर उगिली।
    परमेस्सर दुस्ट क पेटे स ओन सबका उगालिवाइ।
16 दुस्ट मनई क विख चुसब साँपे क नाई होइ।
    मुला साँपे क विसैला जीभ ओका मारि डइहीं।
17 मुला दुस्ट मनई लखइ क आनन्द नाहीं लेइहीं
    अइसी ओन नदियन क जउन सहद अउर मलाई बरे बहा करत ह।
18 दुट्ठ क ओकर लाभ वापिस करइ क दबावा जाइ।
    ओका ओन चिजियन क आनन्द नाहीं लेइ दीन्ह जाइ जेनके बरे उ मेहनत किहे अहइ।
19 कहेकि उ दुस्ट मनई दीन मनई क चिन्ता नाहीं किहस।
    बलकि, उ दूसर लोगन क घरन क भी लइ लिहस जेका उ पचे आपन बरे बनाएस रहा।

20 “दुस्ट मनई कबहुँ संतुट्ठ नाहीं होत ह।
    उ आपन सबहिं धन क लइ ले जात ह।
21 जब उ खात ह तउ कछू नाहीं तजत ह,
    तउ ओकर कामयाबी बनी नहीं रही।
22 जब दुस्ट जन क लगे भरपूर होइ तबहिं ओन पइ विपत्ती आइहीं
    अउर उ कस्ट क अनुभव करिहीं।
23 दुस्ट जन उ सब कछू खाइ चुकी जेका उ खाइ चाहत ह।
    परमेस्सर आपन बरत भवा किरोध ओह पइ डाइ।
    उ दुस्ट मनई पइ परमेस्सर सजा बरसाइ।
24 होइ सकत है कि उ दुस्ट लोहा क तरवार स बच निकरइ,
    मुला कहुँ स काँसा क बाण ओका मार गिरावइ।
25 तीर खींचत लिहेस ह,
    अउर बिजुरि क नाई ओकरे पीठ मँ घुसत ह,
अउर ओकरे करेजा बाहर आ जात ह,
    अउर उ आंतकित होइके काँप उठत ह।
26 ओकर सबहिं खजाना नस्ट होइ जइहीं,
    एक ठु अइसी आगी जेका कउनो नाहीं बारेस ओका नस्ट करी,
    उ आगी ओनका जउन ओकरे घरे मँ बचा अहइँ नस्ट कइ डाइ।
27 सरग सिद्ध करी कि उ दुस्ट अपराधी अहइ,
    इ गबाही धरती ओकरे खिलाफ देइ।
28 जउन कछू भी ओकरे घरे मँ अहइ,
    उ परमेस्सर क किरोध क बाढ़ मँ बहि जाइ।
29 इ उहइ जेका परमेस्सर दुस्टन क संग करइ क जोजना रचत ह।
    इ उहइ जइसा परमेस्सर ओनका देइ क जोजना बनावत ह।”

अय्यूब क जवाब

21 एह पइ अय्यूब जवाब देत भए कहेस।

“तू पचे चित्त दइके सुना जउन मइँ कहत हउँ,
    तोहार सुनइ क आपन तरिके स मोर दिलासा होइ जाइ।
जब मइँ बोलत हउँ तू धीरा धरा,
    फुन जब मइँ बोल चुकउँ तब तू मोर हँसी उड़ाइ सकत ह।

“मोर सिकाइत मनइयन क खिलाफ नाहीं अहइ,
    मइँ काहे सहनसील नाहीं अहउँ ओकर खास वजह अहइ।
तू मोका लखा अउर चकित होइ जा,
    आपन सोक दिखाइ बरे आपन हाथ आपन मुँहे पइ धरा।
जब मइँ सोचत हउँ ओन सब क जउन मोर संग घटा
    तउ मोका डर लागत ह अउर मोर देह थर थर काँपत ह।
काहे बुरे लोगन क उमर लम्बी होत ह?
    काहे उ पचे बूढ़ाइ जात हीं अउर कामयाब होत हीं?
बुरे लोग आपन संतानन क आपन संग बढ़त भए लखत हीं।
    बुरे लोग आपन-आपन नाती पोतन क लखइ क जिअत रहत हीं।
ओनकर घर सुरच्छित रहत हीं अउर उ पचे डेरातेन नाहीं।
    परमेस्सर दुस्टन क सजा देइ बरे आपन सजा काम मँ नाहीं लिआवत ह।
10 ओकर साँड़ कबहुँ भी मिला कइ मँ नाहीं चुकत ह।
    ओनकर गइयन बछवन क जनम देइ बरे गाभिन होत।
    ओनकर गर्भ कबहुँ नाहीं गिरत हीं।
11 बुरे लोग गदेलन क बाहेर खेलइ पठवत हीं मेमनन क जइसे,
    ओनकर गदेलन नाचत हीं चारिहुँ ओर।
12 मजीरा, वीणा अउर बाँसुरी क धून पइ उ पचे गावत हीं अउर नाचत हीं।
13 बुरे लोग आपन जिन्नगी भइ कामयाबी क आनन्द लेत हीं।
    फुन बिना दुख भोगे उ पचे मरि जात हीं अउर आपन कब्रन क बीच चला जात हीं।
14 मुला बूरे लोग परमेस्सर स कहा करत हीं, ‘हमका अकेला तजि दया।
    अउर एकर हमका परवाह नाहीं कि तू हमसे कइसा जिन्नगी जिअइ चाहत ह।’
15 दुट्ठ लोग कहा करत हीं, ‘सर्वसक्तीमान परमेस्सर कउन अहइ?
    हमका ओकरी सेवा क जरुरत नाहीं अहइ।
    ओकरी पराथाना करइ क कउनो लाभ नाहीं।’

16 “दुस्ट मनई सोचत हीं कि ओनका आपन ही करण कामयाबी मिलत ह,
    मुला मइँ ओनकर विचारन क नाहीं अपनाइ सकत हउँ।
17 मुला का अइसा होत ह कि दुस्ट जन क प्रकास बुताइ जावा करत ह?
    केतनी दाई दुस्टन क दुःख घेरा करत हीं?
    का परमेस्सर ओनसे कोहाइ जात ह, अउर ओनका सजा देत ह?
18 का परमेस्सर दुस्ट लोगन क अइसे उड़ावत ह जइसे हवा तिनके क उड़ावत ह
    अउर तेज हवा अनाजे क भूसा उड़ाइ देत हीं?
19 मुला तू कहत ह: ‘परमेस्सर एक गदेला क ओकरे बाप क पापन्क सजा देत ह।’
    नाहीं, परमेस्सर क चाही कि बुरे जन क राजा देइ।
    तबहीं उ बूरा मनई जानी कि ओका ओकरे निज पापन बरे सजा मिलती अहइ।
20 तू पापी क ओकरे आपन राजा क देखाँइ दया,
    तब उ सर्वसक्तीसाली परमेस्सर क कोप क अनुभव करी।
21 जब बुरा मनई क उमर क महीना खतम होइ जात हीं अउर उ मर जात ह:
    उ उ परिवार क परवाह नाहीं करत जेका उ पाछे तजि जात ह।

22 “कउनो मनई परमेस्सर क गियान नाहीं दइ सकत,
    उ ऊँच ओहदन क लोगन क भी निआउ करत ह।
23 एक पूरा अउ सफल जिन्नगी क जिअइ क पाछे एक मनई मरत ह,
    उ एक सुरच्छित अउ सुखी जिन्नगी जिअत ह।
24 ओकर लगे पिवइ बरे भरपूर दुध रहा।
    अब समइ तलक ओकर हाड़ तन्दुरुस्त रहीन।
25 मुला कउनो एक अउर मनई कठिन जिन्नगी क पाछे दुःख भरे मने स मरत ह,
    उ जिन्नगी क कबहुँ कउनो रस नाहीं चाखेस।
26 इ सबइ दुइनउँ मनई एक संग माटी मँ गड़ा सोवत हीं
    किरउनन दुइनउँ क एक संग ढाँपि लेइहीं।

27 “मुला मइँ जानत हउँ कि तू का सोचत अहा,
    अउर मोका पता अहइ कि तोहरे लगे मोरा बूरा करइ क कुचाल अहइ।
28 मोरे बरे तू इ कहा कहत ह, ‘अब कहाँ बाटइ उ महामानुस क घर?
    कहाँ बा उ घर जेहमाँ उ दुस्ट रहत रहा?’

29 “मुला तू कबहुँ बटोहियन क नाहीं पूछ्‌या?
    का तू ओकर कहानियन पइ बिस्सास नाहीं किहस?
30 उ दिन जब परमेस्सर कोहाइके सजा देत ह
    दुस्ट मनई सदा बच जात ह?
31 अइसा कउन मनई नाहीं जउन ओकरे समन्वा ही ओकरे करमन क बूराइ करइ।
    ओकरे पाप क सजा कउनो मनई ओका नाहीं देत ह।
32 जब कउनो मनई कब्र मँ लेइ जावा जात ह,
    तउ ओकरे कब्र क लगे एक पहरुवा खड़ा ह।
33 उ दुट्ठ मनई बरे उ घाटी क माटी मुलायम होइ।
    अनगिनत लोग भी ओकर समन्वा कब्र गएन ह, अउर भी लोग ओहस मिली।

34 “तउ आपन कोरे सब्दन स तू मोका चइन नाहीं दइ सकत्या,
    तोहार जवाब सिरिफ झुठा अहइँ।”

प्रेरितन क काम 10:24-48

24 दूसर दिन उ कैसरिया पहोंच गवा। हुवाँ आपन खास मित्र अउर नातेदार क बोलाइके कुरनेलियुस ओनका जोहत रहा।

25 पतरस अब भीतर पहोंचा तउ कुरनेलियुस ओसे भेंटइ आवा। कुरनेलियुस श्रद्धा स ओकरे गोड़वा प गिरत भवा ओका प्रणाम किहेस। 26 मुला ओका उठावत भवा पतरस बोला, “ठाड़ ह्वा! मइँ तउ खुद सिरिफ एक मनई हउँ।” 27 फिन ओकरे संग बात करत करत उ भितरे चला गवा। अउर हुवाँ उ बहोत म मनइयन क बटोरेस।

28 उ ओनसे कहेस, “तू सबइ जानत ह कि एक यहूदी बरे गैर यहूदी जाति क मनई क संग कउनो सम्बंध रखब या ओकरे हियाँ जाब विधान क खिलाफ अहइ मुला तउ भी परमेस्सर मोका देखाएस ह कि मइँ कउनो भी मनई क ‘असुद्ध’ या ‘अपवित्तर’ न कहउँ। 29 यह बरे मोका जब बोलावा गवा तउ मइँ बिना कउनो एतराज क आइ गएउँ। यह बरे मइँ तोहसे पूछत हउँ कि तू मोका काहे बरे बोलाया ह।”

30 ऍह पइ कुरनेलियुस कहेस, “चार दिन पहिले इहइ समइ दिन क नवें पहर (तीन बजे) मइँ आपन घरे मँ पराथना करत रहेउँ। एकाएक चमचमात ओढ़न मँ एक मनई मोरे समन्वा आइके खड़ा भवा। 31 अउर बोला, ‘कुरनेलियुस! तोहार बिनती सुनि लीन्ह गइ अहइ अउर गरीब गुरबन क दीन्ह भवा तोहार दान परमेस्सर क समन्वा याद कीन्ह ग अहइँ। 32 यह बरे याफा पठइके पतरस कहावावइवाला समौन क बोलवाइके पठवा। उ समुद्दर क किनारे चमार समौन क घरे रूका बा।’ 33 यह बरे मइँ तुरंतहि तोहका बोलवावइ पठवा ह अउर हिआँ आवइ क कृपा कइके बहोत नीक किहा ह तउ अब पर्भू जउन कछू आग्या तोहका दिए अहइँ, उ सब कछू सुनइ बरे हम पचे हिआँ परमेस्सर क अगवा हाजिर अही।”

कुरनेलियुस क घरे पतरस क उपदेस

34 फिन पतरस बोलइ लाग अउर कहेस, “फुरइ अब मइँ समुझ गवा हउँ कि परमेस्सर कउनो भेद-भाव नाहीं राखत 35 बल्कि हर जाति क कउऩो मनई जउन ओसे डेरात ह अउर नीक काम करत ह, उ ओका अपनावत ह। 36 इहइ अहइ उ संदेसा जेका उ ईसू मसीह स सांति क सुसमाचार क उपदेस देत भवा इस्राएल क मनइयन क दिहे रहा। उ सबहिं का पर्भू अहइ।

37 “तू पचे उ बड़की घटना क जानत ह, जउन समूचइ यहूदिया मँ भइ रही। गलील स सुरू होइके यूहन्ना क जरिए बपतिस्मा दीन्ह जाए क पाछे जेकर प्रचार कीन्ह गवा रहा। 38 तू सबइ नासरी ईसू क बारे मँ जानत ह कि परमेस्सर पवित्तर आतिमा स अउर सक्ती स ओकर अभिसेक कइसे किहे रहा अउर उत्तिम कारज करत भवा अउर ओन सब क जउऩ सइतान क बस मँ रहेन, नीक करत भवा चारिहुँ कइँती उ कइसे घूमत रहा। काहेकि परमेस्सर ओकरे संग रहा।

39 “अउर हम पचे सब बातन क साच्छी अही जेनका उ यहूदियन क पहँटा अउर यरूसलेम मँ किहे रहा। उ पचे ओका ही एक ठु लकड़ी के सलीब प टाँगिके मारि डाएन। 40 मुला परमेस्सर तीसरे दिना ओका फिन स जिन्दा कइ दिहेस अउर ओका परगट कराएस। 41 सब मनइयन क समन्वा नाहीं मुला ओन साच्छियन क अगवा जउन परमेस्सर क हीला स पहिले ही चुन लीन्ह गएन। अरथ अहइ हमरे समन्वा जउन मर भएन मँ स जी जाए क पाछे ओकरे संग खाएन अउर पीएऩ।

42 “उहइ हमका हुकुम दिहे अहइ कि हम लोगन क उपदेस देइँ अउर सिद्ध करइँ कि इ उहइ, अहइ जउन परमेस्सर क हीला स जिन्दा भएऩ अउर मरे भएऩ मँ स निआव करइवाला मुकर्रर कीन्ह गवा अहइ। 43 सब नबी लोग ओकरे बारे मँ साच्छी दिहे अहइँ कि ओहमा बिसवास करइवाला हर मनई ओकरे नाउँ क हीला स पापन्क छमा पावत ह।”

गैर यहूदियन प पवित्तर आतिमा क उतरब

44 पतरस अबहिं इ बातन क करत ही रहा कि ओन सब प पवित्तर आतिमा उतरि आइ जउन सुसमाचार सुने रहेन। 45 काहेकि पवित्तर आतिमा क बरदान गैर यहूदी प उड़ेरा जात रहा, तउ पतरस क संग आए भए यहूदी अचरज मँ पड़ि गएन। 46 उ पचे किसिम किसिम क भाखा बोलत रहेन अउर परमेस्सर क स्तुति करत भए अनकत रहेन। तब पतरस बोला, 47 “का कउनो इ मनइयन क बपतिस्मा देइ बरे, जल आसानी स देइ बरे मना कइ सकत ह? ऍनका भी वइसे ही पवित्तर आतिमा मिलि गवा ह, जइसेन हम पचन क।” 48 इ तरह उ ईसू मसीह क नाउँ मँ ओनका बपतिस्मा देइ क हुकुम दिहेस। फिन पतरस स उ पचे पराथना किहेन कि कछू दिन ओनकइ संग ठहरइ।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.