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Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
2 राजा 17-18

होसे इस्राएल पइ हुकूमत करब सुरू करत ह

17 एला क पूत होसे सोमरोन मँ इस्राएल पइ हुकूमत करब सुरू किहस। इ यहूदा क राजा आहाज क राज्जकाल क बारहवें बरिस मँ भवा। होसे नौ बरिस तलक सोमरोन मँ हुकूमत किहस। होसे उ सबइ कारज किहेस जेनका यहोवा बुरा कहे रहा। मुला होसे इस्राएल क ओतना बुरा राजा नाहीं रहा जेतने उ पचे राजा रहेन जउन ओकरे पहिले सासन किहे रहेन।

अस्सूर क राजा सल्मनेसेर होसे क खिलाफ जुद्ध करइ आवा। सल्मनेसेर होसे क हराएस अउर होसे सल्मनेसेर क सेवक बन गवा। होसे सल्मनेसेर क अधीनस्थ कर देइ लाग।

मुला पाछे अस्सूर क राजा क पता चला कि होसे ओकरे खिलाफ सड्यंत्र रचेस ह। होसे मिस्र क राजा क लगे मदद मँगइ बरे राजदूत पठएस। उ बरिस होसे अस्सूर क राजा क नाहीं पठएस जइसे उ हर बरिस पठवत रहा। एह बरे अस्सूर क राजा होसे क बन्दी बनावा अउर ओका कैद मँ डाइ दिहस।

तब अस्सूर क राजा इस्राएल क सबहिं प्रदेसन पइ आक्रमण किहस। उ सोमरोन पहोंचा। उ तीन साल तलक सोमरोन क घेरे राखेस। अस्सूर क राजा इस्राएल पइ होसे क राज्जकाल क नवे बरिस मँ, सोमरोन पइ अधिकार जमाएस। अस्सूर क राजा इस्राएलियन क बन्दी क रूप मँ अस्सूर लइ गवा। उ ओनका हलह, हाबोर नदी क तट पइ जउन गोजान क नदी अहइ अउर मादियन क नगरन मँ बसाएस।

इ सबइ घटना घटी काहेकि इस्राएलियन अपने परमेस्सर यहोवा क बिरूद्ध पाप किहे रहा। यहोवा इस्राएलियन क मिस्र स बाहेर लिआवा। यहोवा ओनका राजा फिरौन क चंगुल स बाहेर निकारेस। किन्तु इस्राएलियन दूसर देवतन क पूजब सुरू किहे रहेन। इस्राएली उहइ सब करइ लगे रहेन जउन दूसर रास्ट्र करत रहेन। यहोवा ओन लोगन क आपन देस छोड़इ क मजबूर किहे रहा जब इस्राएली आए रहेन। इस्राएलियन भी राजा लोगन स सासित होब पसन्द किहन, परमेस्सर स सासित होब नाहीं। इस्राएलियन गुप्त रूप स अपने यहोवा परमेस्सर क विरुद्ध काम किहस। जेका ओनका नाहीं करइ चाही रहा।

इस्राएलियन अपने सब स नान्ह नगर स लइके सब स बड़के नगर तलक, अपने सबहिं नगरन मँ ऊँच जगह बनाएस। 10 इस्राएलियन हर एक ऊँची पहाड़ी पइ अउर सबहिं हरियर बृच्छ क खाले स्मृति पाथर अउ असेरा स्तम्भ लगाएस। 11 इस्राएलियन पूजा क ओन सबहिं जगहन पइ सुगन्धि बारेस। उ पचे इ सबइ सबहिं कारज ओन रास्ट्रन क तरह किहस जेनका यहोवा ओनके समन्वा देस तजइ क मजबूर किहे रहा। इस्राएलियन उ सबइ कारज किहेन जउन यहोवा क कोहाइ दिहस। 12 उ पचे देवमूरतियन क सेवा किहन अउर यहोवा इस्राएलियन स कहे रहा, “तू पचन्क इ नाहीं करइ चाही।”

13 यहोवा हर एक नबी अउर हर एक द्रस्टा क उपयोग इस्राएल अउ यहूदा क चितउनी देइ बरे किहस। यहोवा कहेस, “तू पचे बुरे करमन स दूर हटा। मोरे आदेसन अउर नेमन क पालन करा। ओन सबहिं नेमन क पालन करा जेनका मइँ तोहरे पुरखन क दिहेउँ ह। मइँ अपने सेवक नबियन क उपयोग इ नेम तू पचन क देइ बरे किहेउँ।”

14 मूला लोग एक नाहीं सुनेन। उ पचे आपन पुरखन क तरह बड़े हठी रहेन। ओनके पुरखा यहोवा, अपने परमेस्सर मँ पतियात नाहीं रहेन। 15 लोग अपने पुरखन क संग यहोवा क कीन्ह गइ वाचा क रद्द कइ दिहस। अउर यहोवा क नेमन क मानइ स इन्कार किहन। उ पचे यहोवा क चितउनियन क सुनइ स इन्कार किहन। उ पचे व्यर्थ देवमूरतियन क अनुसरण किहन अउर खुद व्यर्थ बन गएन। उ पचे अपने चारिहुँ कइँती क रास्ट्रन क अनुसरण किहन। इ सबइ रास्ट्र उ करत रहेन जेका न करइ क चितउनी इस्राएल क लोगन क यहोवा दिहे रहा।

16 लोग यहोवा, अपने परमेस्सर क आदेसन क पालन करब बंद कइ दिहस। उ पचे बछवन क दुइ मूरतियन बनाएन। उ पचे असेरा स्तम्भ बनाएन। उ पचे आकास क सबहिं नछत्रन क पूजा किहन अउर बाल क सेवा किहन। 17 उ पचे अपने बेटवन-बिटियन क बलि आगी मँ दिहन। उ पचे जादू अउ प्रेत बिद्या क उपयोग भविस्स क जानइ बरे किहेन। उ पचे आपन क ओन चिजियन क करइ बरे बेचेस जेका यहोवा कहे रहा दुस्ट अहइ, जउन यहोवा क क्रोधित कई दिहेन। 18 एह बरे यहोवा इस्राएल पइ बहोत कोहाइ गवा अउर ओनका अपनी निगाह स दूर लइ गवा। यहूदा क परिवार समूह क अलावा कउनो इस्राएली बचा नाहीं रहा।

यहूदा क लोग भी अपराधी अहइँ

19 मुला यहूदा क लोग भी यहोवा, अपने परमेस्सर क आदेसन क पालन नाहीं किहन। यहूदा क लोग भी इस्राएल क लोगन क तरह ही रहत रहेन।

20 यहोवा इस्राएल क सबहिं लोगन क अस्वीकार किहस। उ ओन पइ बहोत बिपत्तियन ढाएस। उ लोगन क ओनका लूटइ दिहस अउर अन्त मँ उ ओनका अपनी निगाह स लोकाए दिहस। 21 यहोवा दाऊद क परिवार स इस्राएल क निकार दिहेस। इस्राएलियन नबात क पूत यारोबाम क अपना राजा बनाएस। यारोबाम इस्राएलियन क यहोवा क अनुसरण करइ स दूर कइ दिहस। यारोबाम इस्राएलियन स एक भीसण पाप कराएस। 22 इ तरह इस्राएलियन ओन सबहिं पापन क अनुसरण किहन जेनका यारोबाम किहे रहा। उ पचे एन पापन क करब तब तलक बंद नाहीं किहन। 23 जब तलक यहोवा इस्राएलियन क अपनी निगाह स दूर नाहीं हटाएस। लोगन क बतावइ क बरे कि इ होइ, उ अपने नबियन क पठएस। एह बरे इस्राएली अपने देस स बाहेर अस्सूर पहोंचाए गएन अउर उ पचे आज तलक हुँवइ अहइँ।

सोमरोनी लोगन क आरम्भ

24 अस्सूर क राजा बाबेल, कूता, अव्वा, हमात अउर सपवैम स लोगन क लिआवा। उ इस्राएलियन क हटावइ बरे ओन लोगन क सोमरोन मँ ठहरा दिहेस। ओन लोग सोमरोन पइ अधिकार किहन अउर ओकरे चारिहुँ कइँती क नगरन मँ रहइ लागेन। 25 जब लोग सोमरोन मँ रहइ लागेन तउ उ पचे यहोवा क सम्मान नाहीं किहन। एह बरे यहोवा सिहंन क एन पइ आक्रमण क बरे पठएस। एन सिंहन ओनके कछू लोगन क मार डाएन। 26 कछू लोग इ बात अस्सूर क राजा स कहेन। “उ सबइ लोग जेनका तू लइ गएन अउर सोमरोन क नगरन मँ बसाएन, उ देस क परमेस्सर क नेमन क नाहीं जानतेन। एह बरे उ पचे सिंहन क ओका मारइ दिहेन।”

27 एह बरे अस्सूर क राजा इ आदेस दिहस: “तू कछू याजकन क सोमरोन स लिहे रह्या। मइँ जिन याजकन क बन्दी बनाएस रहेउँ ओनमाँ स एक क सोमरोन क वापस पठइ द्या। उ याजक क जाइ अउर हुवाँ रहइ द्या। तब उ याजक लोगन क उ देस क देवता क नेम सिखाइ सकत ह।”

28 एह बरे अस्सूरियन क जरिये सोमरोन स लिआए भए याजकन मँ स एक ठु बेतेल मँ रहइ आवा। उ याजक लोगन क सिखाएस कि ओनका यहोवा क सम्मान कइसे करइ चाही।

29 मुला ओन सबहिं रास्ट्रन अपने निजी देवता बनाएन अउर ओनका सोमरोन क लोगन क जरिये बनाए गए ऊँची जगहन पइ पूजा ठउरन मँ रखेस। ओन रास्ट्र इहइ किहन, जहाँ कहूँ भी उ पचे बसेन। 30 बाबेल क लोग लबार देवता सुक्कोतबनोत बनाएन। कूत क लोग लबार देवता नेर्गल क बनाएन। हमात क लोगन असत्य देवता असीम क बनाएन। 31 अव्वी लोग लबार देवता निभज अउर तर्त्ताक बानएन अउर सपवमी लोग लबार देवतान अद्रम्मेलेक अउर अनम्मेलेक क सम्मान बरे आपन बच्चन क आगी मँ बारेन।

32 मुला ओन लोग यहोवा क भी उपासना किहन। उ पचे अपने लोगन मँ स ऊँची जगहन बरे याजक चुनेन। इ सबइ याजक ओन पूजा क ठउरन पइ लोगन बरे बलि चढ़ावत रहेन। 33 उ पचे यहोवा क सम्मान करत रहेन, मुला उ पचे अपने देवतन क भी सेवा करत रहेन। उ सबइ लोग अपने देवता क वइसी ही सेवा करत रहेन जइसी उ पचे ओन देसन मँ करत रहेन जहाँ स उ पचे लाए गए रहेन।

34 आजु भी उ सबइ लोग वइसे ही रहत हीं जइसे उ पचे पहिले रहत रहेन। उ पचे यहोवा क सम्मान नाहीं करत अहइँ। उ पचे यहोवा क आदेसन अउर नेमन क पालन नाहीं करत हीं। उ पचे ओन नेमन या आदेसन क पालन नाहीं करत रहेन जेनका यहोवा याकूब (इस्राएल) क सन्तानन क दिहे रहा। 35 यहोवा इस्राएल क लोगन क संग एक वाचा किहे रहा। यहोवा ओनका आदेस दिहस, “तू पचन्क दूसर देवतन क सम्मान नाहीं करइ चाही। तू पचन्क ओनकर पूजा या सेवा नाहीं करइ चाही या बलि भेंट नाहीं करइ चाही। 36 किन्तु तू पचन्क यहोवा क अनुसरण करइ चाही। यहोवा उहइ परमेस्सर अहइ जउन तू पचन्क मिस्र स बाहेर लइ आवा। यहोवा आपन महान सक्ती क उपयोग तू पचन्क बचावइ बरे किहस। तू पचन्क यहोवा क सम्मान, उपासना करइ चाही अउर उहइ क बलि भेंट करइ चाही। 37 तू पचन्क ओकरे ओन नेमन, विधियन, उपदेसन अउर आदेसन क पालन करइ चाही जेनका उ तोहरे पचन्क बरे लिखेस। तू पचन्क एनकर पालन सदा ही करइ चाही। तू पचन्क दूसर देवतन क सम्मान नाहीं करइ चाहीं। 38 तू पचन्क उ वाचा क नाहीं बिसरइ चाही, जउन मइँ तोहरे संग किहेउँ। तू पचन्क दूसर देवतन क आदर नाहीं करइ चाही। 39 तू पचन्क सिरिफ यहोवा, अपने परमेस्सर क ही सम्मान करइ चाही। तब उ तू पचन्क तोहरे पचन्क सबहिं दुस्मनन स बचाइ।”

40 मुला इस्राएलियन एका नाहीं सुनेन। उ पचे उहइ करत रहेन जउन पहिले करत चले आवत रहेन। 41 एह बरे अब तउ उ सबइ दूसर रास्ट्र यहोवा क सम्मान करत हीं, किन्तु उ पचे अपनी देवमूरतियन क भी सेवा करत हीं। ओनकर पुत्र-पौत्र उहइ करत हीं, जउन ओनकर पुरखन करत रहेन। उ पचे आजु तलक उहइ काम करत हीं।

हिजकिय्याह यहूदा पइ आपन सासन करब सुरू करत ह

18 आहाज क पूत हिजकिय्याह यहूदा क राजा रहा। हिजकिय्याह इस्राएल क राजा एला क पूत होसे क राज्जकाल क तीसरे बरिस मँ सासन करब सुरू किह्स। हिजकिय्याह जब सासन करब सुरू कहिसह, उ पच्चीस बरिस क रहा। हिजकिय्याह यरूसलेम मँ उनतीस बरिस तलक सासन किहस। ओकर महतारी जकर्याह क बिटिया, अबी रही।

हिजकिय्याह ठीक अपने पुरखा दाऊद क तरह उ सबइ कारज किहस जेनका यहोवा नीक बताए रहा।

हिजकिय्याह ऊँची जगहन क नस्ट किहस। उ स्मृति पाथरन अउ असेरा स्तम्भन क खंडित कइ दिहस। ओन दिनन इस्राएल क लोग मूसा क जरिये बनाए गए काँसे क साँप बरे सुगन्धि बारत रहेन। इ काँसे क साँप क नाउँ “नहुसतान” रहा। हिजकिय्याह इ काँसे क साँप क टूकन कइ डाएस काहेकि लोग उ साँपे क पूजा करत रहेन।

हिजकिय्याह यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर मँ भरोसा रखत रहा। यहूदा क राजा लोगन मँ स कउनो क संग चाहे उ ओकर पहिले रहेन या ओकर पाछे रहेन हिजकियाह क समानता नाहीं कीन्ह जा सकत रहा। हिजकिय्याह यहोवा क बहोत भक्त रहा। उ यहोवा क अनुसरण करब नाहीं तजेस। उ ओन आदेसन क पालन किहस जेनका यहोवा मूसा क दिहे रहेन। यहोवा हिजकिय्याह क संग रहा। हिजकिय्याह जउन कछू किहस, ओहमाँ उ सफल रहा।

हिजकिय्याह अस्सूर क राजा क विरूद्ध विद्रोह किहस। हिजकिय्याह अस्सूर क राजा क सेवा करब बंद कइ दिहस। हिजकिय्याह लगातार गाज्जा तलक अउर ओकरे चारिहुँ कइँती क पलिस्तियन क पराजित किहस। उ सबहिं नान्ह स लइके बड़के पलिस्ती नगरन क पराजित किहस।

अस्सूरी सोमरोन पइ अधिकार करत हीं

अस्सूर क राजा सल्मनेसेर सोमरोन क खिलाफ जुद्ध करइ गवा। ओकर फउज नगर क घेर लिहस। इ हिजकिय्याह क यहूदा पइ राज्जकाल क चउथे बरिस मँ भवा। (इ इस्राएल क राजा, एला क पूत होसे क भी सतवाँ बरिस रहा।) 10 तीन बरिस पाछे सल्मनेसेर सोमरोन पइ अधिकार कइ लिहस। उ सोमरोन क यहूदा क राजा हिजकिय्याह क राज्जकाल क छठे बरिस मँ लइ लिहस। (इ इस्राएल क राजा होसे क राज्जकाल क भी नवाँ बरिस रहा।) 11 अस्सूर क राजा इस्राएलियन क बन्दी क रूप मँ अस्सूर लइ गवा। उ ओनका हलह, हाबोर नदी पइ (जउन कि गोजान नदी भी अहइ) अउर मादियन क नगरन मँ बसाएस। 12 इ भवा, काहेकि इस्राएलियन यहोवा, अपने परमेस्सर क आग्या क पालन नाहीं किहन। उ पचे यहोवा क वाचा क तोड़ेन। उ पचे ओन सबहिं नेमन क नाहीं मानेन जेनके बरे यहोवा आपन सेवक मूसा क आदेस दिहे रहा। इस्राएल क लोग यहोवा क वाचा क नाहीं सुनेन अउर ओन कामन क नाहीं किहन जेनका करइ क सिच्छा ओहमाँ दीन्ह गइ रही।

अस्सूर यहूदा क लेइ क तैयार होत ह

13 हिजकिय्याह राज्जकाल क चौदहवें बरिस अस्सूर क राजा सन्हेरीब यहूदा क सबहिं सुद़ृढ नगरन क खिलाफ जुद्ध छेढ़इ गवा। सन्हेरीब ओन सबहिं नगरन क पराजित किहस। 14 तब यहूदा क राजा हिजकिय्याह अस्सूर क राजा क लाकीस मँ एक संदेसा पठएस। हिजकिय्याह कहेस, “मइँ बुरा किहेउँ ह। मोका सान्ति स रहइ द्या। तब मइँ तू पचन क उ भुगतान करब जउन कछू तू चाहब्या।”

तब अस्सूर क राजा यहूदा क राजा हिजकिय्याह स गियारह टन चाँदी अउर एक टन सोना स जियादा माँगेस। 15 हिजकिय्याह सारी चाँदी जउन यहोवा क मन्दिर अउर राजा क खजानन मँ रही, उ सब दइ दिहस। 16 उ समइ हिजकिय्याह उ सोने क उतार लिहस जउन यहोवा क मन्दिर क दरवाजन अउ चउखटन पइ मढ़ा गवा रहा। राजा हिजकिय्याह एन दरवाजन अउर चउखटन पइ सोना मढ़वाए रहा। हिजकिय्याह इ सोना अस्सूर क राजा क दिहस।

अस्सूर क राजा अपने लोगन क यरूसलेम पठवत ह

17 अस्सूर क राजा अपने तीन बहोत जियादा महत्वपूर्ण सेनापतियन क एक बिसाल सेना क संग यरूसलेम मँ राजा हिजकिय्याह क लगे पठएस। उ सबइ लोग लाकीस स चलेन अउर यरूसलेम क गएन। उ सबई ऊपरी स्रोत क लगे छोटकी नहर क निचके खड़े भएन। (ऊपरी स्रोत धोबी तलक लइ जाइवाली सड़किया पइ अहइ।) 18 एन लोग राजा क बोलाएन। हिलकिय्याह क पूत एल्याकीम (एल्याकीम राजमहल क अधीच्छक रहा।) सेब्ना (सास्त्री) अउर आसाप क पूत योआह (अभिलेखपाल) ओनसे भेंटइ आएन।

19 सेनापतियन मँ स एक ओनसे कहेस, “हिजकिय्याह स कहा कि अस्सूर क महान सम्राट इ कहत ह,

‘केह पइ तू भरोसा करत अहा? 20 तू सिरिफ अरथहीन सब्द कह्या ह। तू कहत अहा “मोरे लगे उपयुक्त सलाह अउर सक्ती जुद्ध मँ मदद बरे अहइ।” किन्तु तू केह पइ पतियात अहा जउन तू मोरे विरूद्ध कीन्ह अहा? 21 तू टूट बेतं क कुबरी क सहारा लेत रहा अहा। इ कुबरी मिस्र अहइ। जदि कउनो मनई इ कुबरी क सहारा लेइ तउ इ टूटी अउर ओकरे टापे क बेधत भइ ओका घायल करी। मिस्र क राजा ओन सबहिं लोगन बरे वइसा ही अहइ, जउन ओह पइ भरोसा करत हीं। 22 होइ सकत ह, “तू कहा हम यहोवा, अपने परमेस्सर पइ पतियाइत ह।” किन्तु मइँ जानत हउँ कि हिजकिय्याह ऊँच जगहन अउर वेदियन क हटाइ दिहस जहाँ लोग यहोवा क उपासना करत रहेन। अउर यहूदा अउर यरूसलेम स कहेस, “तू पचन्क सिरिफ यरूसलेम मँ वेदी क समन्वा उपासना करइ चाही।”

23 ‘अब अस्सूर क राजा हमरे सुआमी स इ वाचा करा। मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ दुइ हजार घोड़न देब, जदि आप एन पइ चढ़इवाले घुड़सवारन क प्राप्त कइ सकब्या। 24 मोरे सुआमी क अधिकारियन मँ स सब स निचले दर्जे क अधिकारी क भी तू हराइ नाहीं सकब्या। तू रथ अउर घुड़सवार सैनिक पावइ क बरे मिस्र पइ बिस्सास किहा ह।

25 ‘मइँ यहोवा क बिना यरूसलेम क बर्बाद करइ नाहीं आवा हउँ। यहोवा मोहसे कहेस ह, “इ देस क खिलाफ जा अउर एका नस्ट करा।”’”

26 तब हिलकिय्याह क पूत एल्याकीम, सेब्ना अउर योआह प्रमुख सेनापती स कहेस, “कृपा कइके हम स अरामी मँ बातन करइँ। हम उ भाखा क समुझित ह। यहूदा क भाखा मँ हम लोगन स बातन न करी काहेकि देवार पइ क लोग हम लोगन क बातन सुन सकत हीं।”

27 मुला रबसाके ओनसे कहेस, “मोर सुआमी मोका सिरिफ तू पचन्स अउर तोहरे पचन्क राजा स बातन करइ बरे नाहीं पठएस ह। मइँ ओन दूसर लोगन बरे भी कहत रहा अहउँ जउन देवारे पइ बइठे रहत हीं। उ पचे आपन मल अउ मूत्र तोहरे पचन्क संग खइहीं-पीइहीं।”

28 तब सेनापति हिब्रू भाखा मँ जोर स चिचियान,

“अस्सूर क महान सम्राट क इ सँदेसा सुना। 29 सम्राट कहत ह, ‘हिजकिय्याह क अपने क गुमराह जिन करावइ द्या। उ तू पचन्क मोरी सक्ती स बचाइ नाहीं सकत। 30 हिजकिय्याह क तोहका यहोवा मँ भरोसा न कराइ द्या, हिजकिय्याह कहत ह, “हम क यहोवा बचाइ लेइ। अस्सूर क सम्राट इ नगर क पराजित नाहीं कइ सकत ह।”

31 मुला हिजकिय्याह क एक न सुना! “अस्सूर क सम्राट इ कहत ह: ‘मोरे संग सन्धि करा अउर मोहसे मिला। तब तू पचे हर एक अपनी अंगूर क बेलन अउर आपन अंजीर क पेड़न स खाइ सकत ह अउ आपन कुएँ स पानी पी सकत ह। 32 इ तू पचे तब तलक कइ सकत ह जब तलक मइँ तोहका तोहरे पचन्क देस जइसे देस मँ न लइ न जाउँ। इ अन्न अउर नवी दाखरस, इ रोटी अउ अंगूर भरे खेत अउर जइतून एवं मधु क देस अहइ। तब तू पचे जिअत रहब्या, मरब्या नाहीं।

मुला हिजकिय्याह क एक न सुना। उ तोहरे पचन्क गुमराह करइ चाहत ह। उ कहत रहत ह, “यहोवा हमका बचाइ लेइ।” 33 दूसर रास्ट्रन क देवतन आपन रास्ट्रन क अस्सूर क सम्राट स न बचाइ सकइहीं। 34 हमात अउ अर्पाद क देवता कहाँ अहइँ? सपवैम, हेना अउर इव्वा क देवता कहाँ अहइँ? उ पचे मोहसे सोमरोन क न बचाइ सकेन। नाहीं। 35 कउनो दूसरे देस मँ कउनो देवता अपनी भुइँया क मोहसे न बचाइ सका? यहोवा मोहसे यरूसलेम क न बचाइ सका।

36 मुला लोग चुप रहेन। उ पचे एक ठु सब्द भी प्रमुख सेनापतिन क नाहीं कहेन काहेकि राजा हिजकिय्याह ओनका अइसा आदेस दइ रखे रहा। उ कहे रहा, “ओहसे कछू जिन कहा।”

37 हिलकिय्याह क पूत एल्याकीम (एल्याकीम राजमहल क अधीच्छक रहा।) सेब्ना (सास्त्री) अउ आसप क पूत योआह (अभिलेखपाल) हिजकिय्याह क लगे लउटेन। ओकर कपड़ा फाटा भावा रहेन काहेकि उ परेसान रहेन। उ पचे हिजकिय्याह स उ सब कहेन जउन अस्सूर क सेनापति कहे रहा।

यूहन्ना 3:19-36

19 इ निरनय क आधार इ बाटइ कि ज्योति इ दुनिया मँ आइ गइ अहइ, मुला कछू मनई अइसे अहइँ कि ज्योति क न देखिके आँधियारे क जियादा महत्व देत अहइँ काहेकि ओनके सब करम बुरा अहइँ। 20 पाप करइवाला मनई हमेसा ज्योति स घिणा करत ह अउर ओकरे पास कबहूँ नाहीं आवत, एह बरे कि ओकरे पाप क उजागिर होइ क डर बना रहत ह। 21 मुला जउन मनई सच्चाई क रस्ता प चलत ह उ परमेस्सर क द्वारा ज्योति क किरन क लगे अइहीं जइसे इ उजागिर होइ जाइ कि ओके सब कारज परमेस्सर करावत अहइ।

यूहन्ना ईसू क बपतिस्मा दिहेस

22 ओकरे बाद ईसू अपने चेलन क साथ यहूदिया क इलाका मँ चला गवा। हुवाँ ओनके साथ ठहरिके उ सब लोगन्ह क बपतिस्मा देइ लाग। 23 हुवाँ प सालेम क नजदीक ऐनोन मँ यूहन्ना भी बपतिस्मा देत रहा, एह बरे कि हुवाँ इफरात मँ पानी रहा। तमाम मनई हुवाँ आवत रहेन अउर बपतिस्मा लेत रहेन। 24 (अब तक यूहन्ना क बंदी नाहीं बनावा ग रहा।)

25 अब यूहन्ना क कछू चेलन अउर एक ठु यहूदी क बीच स्वच्छताकरण क लइके बहस होइ लाग। 26 एह बरे उ सब यूहन्ना क लगे आएन अउर कहेन, “गुरु, जउन मनई यरदन क ओहॅ पार तोहरे साथ रहा अउर जेकरे बारे मँ तू बताए रह्या, उ लोगन्ह क बपतिस्मा देत अहइ, अउर सब मनई ओकरे पास जात अहइँ।”

27 एकरे जवाब मँ यूहन्ना कहेस, “कउनो मनई क तब तक कछू नाहीं मिल सकत जब तक कि ओका परमेस्सर स न दीन्ह ग होइ। 28 तू पचे इ बात क साच्छी अहा कि मइँ कहे रहेउँ, ‘मइँ मसीह न अहउँ मोका तउ ओकरे बरे रस्ता बनाइ बरे पठवा गवा अहइ।’ 29 दूल्हा तउ उहइ बा, जेका दुलहिन मिलइ। मुला दूल्हा क दोस्त जउन ओकरे अगुवाई मँ खड़ा रहत ह जब दूल्हा क आवाज सुनत ह, तउ बहुत खुस होत ह। इहइ मोर खुसी अहइ जउन अब पूरी भइ। 30 अब इ जरुरी अहइ कि ओकर महिमा बढ़इ अउर मोर कम होइ।

उ जउन सरग स उतर

31 “जउन ऊपर स आवत ह, उ सबसे महान अहइ। उ जउन घरती स बाटइ, धरती स जुड़ा अहइ। एह बरे उ धरती क चीजन क बारे माँ बात करत ह। जउन सरग स उतरा ह, सबके ऊपर अहइँ, 32 उ जउन कछू देखे अहइ, अउर सुने अहइ, उ ओकर साच्छी देत ह अउर ओकर साच्छी क कउनो मनई नाहीं चाहत। 33 जउन ओकरी साच्छी क मानत ह, उ प्रमाणित करत ह कि परमेस्सर सच्चा अहइ। 34 काहे बरे कि जेका परमेस्सर पठए अहइ, परमेस्सर क बातन करत ह। काहेकि परमेस्सर ओका आतिमा क अनन्त दान दिहे अहइ। 35 परमपिता अपने पूत क स पिरेम करत ह अउर ओकरे हाथे मँ उ सब कछू क अधिकार सौंपि दिहेस। 36 एह बरे जउन ओकरे पूत मँ बिसवास करत ह, अनन्त जीवन पइहइँ मुला जे परमेस्सर क पूत क बात नाहीं मानत ओका इ जीवन नाहीं मिली। एकरे बजाय उ परमेस्सर क कोप का भाजन बनी।”

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.