Old/New Testament
एक ठु नबी क राँड़ मेहरारू एलीसा स मदद माँगत ह
4 नबियन क समूह मँ स एक ठु मनई क मेहरारू रही। उ मनई मर गवा। ओकर मेहरारू एलीसा क समन्वा आपन दुखड़ा रोएस, “मोर भतार तोहरे सेवक क नाईं रहा। अब मोर भतार मर गवा ह। तू जानत ह कि उ यहोवा क सम्मान करत रहा। किन्तु ओह पइ एक मनई क करजा रहा अउर अब उ मनई मोर दुइ लरिकन क आपन दास बनावइ बरे लेइ आवत अहइ।”
2 एलीसा पूछेस, “मइँ तोहार मदद कइसे कइ सकत हउँ? मोका बतावा कि तोहरे घरे मँ का अहइ?”
उ मेहरारू कहेस, “मोरे घरे मँ कछू नाहीं। मोरे लगे सिरिफ जइतून क तेल क गगरी अहइ।”
3 तब एलीसा कहेस, “जा अउर आपन सब पड़ोसियन से खोरन उधार ल्या। उ सबइ खाली होइ चाही। बहोत स खोरन उधार ल्या। 4 तब अपने घरे जा अउर दरवाजन बन्द कइ ल्या। सिरिफ तू अउर तोहार पूत घरे मँ रहिहीं। तब एन सबइ खोरन मँ तेल नावा जब उ खोरन भर जाइ तउ ओनका एक अलग ठउरे पइ धरा।”
5 अब उ मेहरारू एलीसा क हिआँ स चली गइ, आपन घरे पहोंची अउर दरवाजन बंद कइ लिहस। सिरिफ उ अउर ओकर पूत घरे मँ रहेन। ओकर पूतन खोरन ओकरे लगे लिआएन अउर उ तेल नाएस। 6 उ बहोत स खोरन भरेस। आखिर मँ उ अपने पूत स कहेस, “मोरे लगे दूसर खोरन लिआवा।”
मुला सभी खोरन भर चुका रहेन। पूतन मँ स एक ठु मेहरारू स कहेस, “अब कउनो खोरा नाहीं रहि गवा ह।” उ समइ गगरी क तेल खतम होइ चुका रहा।
7 तब उ मेहरारू आइ अउर उ परमेस्सर क जन (एलीसा) स इ घटना बताएस। एलीसा ओहसे कहेस, “जा, तेल क बेच द्या अउर आपन करजा लउटाइ द्या। जब तू तेल क बेच चुकब्यू अउ अपना करजा लउटाइ देब्यू तब तोहार अउ तोहरे पूतन क गुजारा बची रकम स होइ।”
सूनेम मँ एक ठु मेहरारू एलीसा क कमा देत ह
8 एक दिना एलीसा सूनेम क गवा। सूनेम मँ एक ठु महत्वपूर्ण मेहरारू रहत रही। इ मेहरारू एलीसा स कहेस कि उ ठहरइ अउर ओकरे घरे खइया क खाइ। एह बरे जब भी एलीसा उ ठउरे स होइके जात रहा तब भोजन करइ बरे हुवाँ रुकत रहा।
9 उ मेहरारु अपने भतार स कहेस, “लखा मइँ समुझत हउँ कि एलीसा परमेस्सर क जन पवित्तर जन अहइ। उ सदा हमरे घरे होइके जात ह। 10 मेहरबानी कइके हम लोग एक ठु कमरा एलीसा बरे छते पइ बनाई। ओहमाँ हम लोग एक ठु बिछउना, एक ठु मेज, एक कुर्सी अउर एक ठु डीबट रख देइ। जब जब उ हमरे घर आवइ तउ उ इ कमरा क आपन रहइ बरे प्रयोग कइ सकत ह।”
11 एक दिना एलीसा उ मेहरारू क घरे आवा। उ उ कमरे मँ गवा अउर हुवाँ आराम किहेस। 12 एलीसा अपने सेवक गेहजी स कहेस, “सूनेमिन मेहरारू क बोलावा।”
सेवक सूनेमिन मेहरारू क बोलाएस अउर उ ओकरे समन्वा आइ खड़ी भइ। 13 एलीसा अपने सेवक स कहेस, “अब इ मेहरारू स कहा, ‘लखा हम लोगन क देखभाल बरे तू यथासंभव नीक किहा ह। हम लोग तोहरे बरे का करी? का तू चाहति अहा कि हम लोग तोहरे बरे राजा या सेना क सेनापति स बात करी?’”
उ मेहरारू जवाब दिहस, “मइँ हिआँ बहोत अच्छी तरह अपने लोगन मँ रहत हउँ।”
14 एलीसा गेहजी स कहेस, “हम ओकरे बरे का कइ सकित ह?”
गेहजी कहेस, “मइँ जानत हउँ कि ओकर पूतन नाहीं अहइ अउर ओकर भतार बूढ़ा अहइ।”
15 तब एलीसा कहेस, “ओका बोलावा।”
एह बरे गेहजी उ मेहरारू क बोलाएस। उ आइ अउ ओकरे दरवाजे क लगे खड़ी होइ गइ। 16 एलीसा मेहरारू स कहेस, “अगले बसन्त मँ इ समइ तू अपने पूत क गले स लगाइ रही होइब्यू।”
उ मेहरारू स कहेस, “नाहीं महोदय! परमेस्सर क जन, मोहसे झूठ जिन बोला।”
सूनेमिन मेहरारू क पूत होत ह
17 मुला उ मेहरारू क गरभ भवा। उ अगले बसन्त मँ एक ठु पूत क जन्म दिहस, जइसा एलीसा कहे रहा।
18 लड़का बड़ा भवा। एक दिना उ लड़का खेतन मँ अपने बाप अउर फसल काटत मनइयन क लखइ गवा। 19 लड़का अपने बाप स कहेस, “ओह मोर मूँड़। मोर मूँड़ फटा जात अहइ।”
बाप अपने सेवक स कहेस, “एका अपनी महतारी क लगे लइ जा।”
20 सेवक उ लरीका क ओकरी महतारी क लगे लइ गवा। लरिका दुपहर तलक अपनी महतारी क गोदी मँ बइठा। तब उ मरि गवा।
महतारी एलीसा स मिलइ जात ह
21 उ मेहरारू लरिका क परमेस्सर क जन क बिछउने पइ ओलराइ दिहस। तब उ दरवाजा बन्द किहस अउर बाहेर चली गइ। 22 उ अपने भतारे क बोलाएस अउ कहेस, “मेहरबानी कइके मोरे लगे सेवकन मँ स एक अउ गदहन मँ स एक क पठवा। तब मइँ परमेस्सर क जन स भेंटइ हाली जाबइ अउर लउटि अउबइ।”
23 उ मेहरारू क भतार कहेस, “तू आज परमेस्सर क जन क लगे काहे जाइ चाहति अहा? इ नवचन्द्र या सबित क दिन नाहीं अहइ।”
उ कहेस, “परेसान जिन ह्वा। सब कछू नीक होइ।”
24 तब उ एक गदहे पइ काठी धरेस अउ अपने सेवक स कहेस, “आवा चली अउ हाली करी। धीरे तबहिं चला जब मइँ कहउँ।”
25 उ मेहरारू परमेस्सर क जन स भेंटइ कर्म्मेल पर्वत पइ गइ।
परमेस्सर क जन सूनेमिन मेहरारू क दूर स आवत लखेस। एलीसा अपने सेवक गेहजी स कहेस, “लखा, उ सूनेमिन मेहरारू अहइ। 26 कृपा कइके अब दउड़ि के ओहसे भेंटा। ओहसे पूछा, ‘का सब कछू ठीक अहइ? का तू कुसल स अहा? का तोहार भतार कुसल स अहइ? का तोहार पूत कुसल ह?’” गेहजी उ सूनेमिन मेहरारू स इहइ पूछेस।
उ जवाब दिहस, “सब कुसल अहइ।”
27 मुला सूनेमिन मेहरारू स पर्वत पइ चढ़िके परमेस्सर क जन क लगे पहोंची। उ प्रणाम करइ निहुरी अउर उ एलीसा क गोड़ धइ लिहेस। गेहजी सूनेमिन मेहरारू क दूर हींच लेइ बरे निअरे आवा। किन्तु परमेस्सर क जन गेहजी स कहेस, “ओका अकेला छोड़ द्या। उ बहोत परेसान अहइ अउर यहोवा एकरे बारे मँ मोहसे नाहीं कहेस। यहोवा इ खबर मोहसे छुपाएस।”
28 तब सूनेमिन मेहरारू कहेस, “महोदय, मइँ आप स पूत नाहीं माँगे रहेउँ। मइँ आप स कहे रहेउँ, ‘आप मोका मूर्ख न बनावइँ।’”
29 तब एलीसा गेहजी स कहेस, “जाइ बरे तइयार होइ जा। मोर टहराइ क कुबरी लइ ल्या अउर जा। कउनो स बात करइ बरे न रूका। यदि तू कउनो मनई स मिला तउ ओका नमस्कार भी न कहा। जदि कउनो मनई नमस्कार करइ तउ तू ओकर जवाब भी न द्या। मोर टहरइ क कुबरी क बच्चा क चेहरा पइ रखा।”
30 मुला बच्चा क महतारी कहेस, “जइसा कि यहोवा सास्वत अहइ अउर आप जिअत अहइँ मइँ प्रतिग्या करति अहइँ कि मइँ तोहार बिना हिआँ स नाहीं जाब।”
एह बरे एलीसा उठा अउर सूनेमिन मेहरारू क संग चल पड़ा।
31 गेहजी सूनेमिन मेहरारू क घर, एलीसा अउ सूनेमिन स पहिले पहोंचा। गेहजी टहरइ क कुबरी क बच्चा क चेहरे पइ धरेस। मुला बच्चा न कउनो बात किहस अउर न ही कउनो अइसा संकेत दिहस जेहसे इ लागइ कि उ कछु सुनेस ह। तब गेहजी एलीसा स मिलइ लउटा। गेहजी एलीसा स कहेस, “बच्चा नाहीं जगा।”
सूनेमिन मेहरारू क पूत फुन जिअत ह
32 एलीसा घरे स आवा अउर बच्चा अपने बिछउना पइ मरा पड़ा रहा। 33 एलीसा कमरे मँ आवा अउर उ दरवाजा बन्द कइ लिहस। अब एलीसा अउर उ बच्चा कमरा मँ अकेल्ले रहेन। तब एलीसा यहोवा स पराथना किहेस। 34 एलीसा बिछउना पइ गवा अउ बच्चा पइ ओलरा। एलीसा आपन मुँह बच्चा क मुँहे पइ धरेस। एलीसा आपन आँखिन बच्चा की आँखिन पइ धरेस। एलीसा आपन हाथन क बच्चा क हाथन पइ धरेस। एलीसा आपन क बच्चा क ऊपर फइलाएस। तब बच्चा क तन गरम होइ गवा।
35 एलीसा उठा अउर कमरे मँ चारिहुँ कइँती घूमा। तब उ फुन बच्चा क ऊपर झुक गवा। तब बच्चा सात दाईं छींकेस अउर उ आँखिन खोलेस।
36 एलीसा गेहजी क बोलाएस अउर कहेस, “सूनेमिन मेहरारू क बोलावा।”
गेहजी सूनेमिन मेहरारू क बोलाएस अउर उ एलीसा क लगे आइ। एलीसा कहेस, “अपने पूत क उठाइ ल्या।”
37 तब सूनेमिन मेहरारू कमरा मँ गइ अउ एलीसा क चरणन पइ निहुरी। तब उ अपने पूत क उठाएस अउर उ बाहेर गइ।
एलीसा अउ जहरीला सुरवा
38 एलीसा फुन गिलगाल आइ गवा। उ समइ देस मँ भुखमरी क समइ रहा। नबियन क समूह एलीसा क समन्वा बइठ गवा। एलीसा अपने सेवक स कहेस, “बड़के बर्तन क आगी पइ धरा अउ नबियन क समूह बरे कछू सुरवा बनावा।”
39 एक ठु मनई खेतन मँ जड़ी-बूटी बटोरइ गवा। ओका एक जंगली बेल मिली। उ कछू जंगली लौकियन इ बेल स तोड़ेस अउ अपने लबादे क भर लिहस। तब उ आवा अउर जंगली लौकियन क बर्तन मँ डाइ दिहस। मुला न ओका अउर न ही दूसर नबियन क पता चला रहा कि उ कइसी लउकियन अहइँ?
40 तब उ पचे तनिक सुरवा मनइयन क खाइ बरे दिहन। मुला जब उ पचे सुरवा क खाब सुरू किहन, तउ उ पचे एलीसा स चिचिआइके कहेन, “परमेस्सर क जन! बर्तन मँ जहर बाटइ।” उ पचे बर्तन स कछू नाहीं खाइ सकेन काहेकि खइया खाब खतरा स रहित नाहीं रहा।
41 मुला एलीसा स कहेस, “कछू आटा लिआवा।” उ पचे एलीसा क लगे आटा लइ आएन अउर उ पचे ओका बर्तन मँ नाइ दिहन।
तब एलीसा कहेस, “सुरवा क लोगन क बरे नावा जेहसे उ पचे खाइ सकइँ।” तब सुरवा मँ कउनो दोख नाहीं रहा।
एलीसा नबियन क समूह क खइया करावत ह
42 एक ठु मनई बालसालीसा स आवा अउर पहिली फसल स परमेस्सर क जन बरे रोटी लिआवा। उ मनई बीस ठु जौ क रोटियन अउ नवा अनाज क अपनी बोरी मँ लिआवा। तब एलीसा कहेस, “इ खइया लोगन क द्या जेका उ पचे खाइ सकइँ।”
43 एलीसा क सेवक कहेस, “आप का कहेन? हिआँ तउ सौ मनई अहइँ। ओन सबहिं मनइयन क इ खइया मइँ कइसे दइ सकत हउँ?”
किन्तु एलीसा कहेस, “लोगन क खाइ बरे खइया द्या। यहोवा कहत ह, ‘उ पचे खइया कइ लेइहीं अउर खइया बच भी जाइ।’”
44 तब एलीसा क सेवक नबियन क समूह क समन्वा भोजन परोसेस। नबियन क समूह क खाइ बरे भोजन पर्याप्त भवा अउर ओनके लगे भोजन बचा भी रहा। इ वइसा ही भवा जइसा यहोवा कहे रहा।
नामान क समस्या
5 नामान अराम क राजा क सेना क सेनापति रहा। नामान अपने राजा बरे बहोत जियादा महत्वपूर्ण रहा काहेकि यहोवा ओकर उपयोग अराम क बिजय करावइ बरे किहे रहा। नामान एक ठु महान अउ ताकतवर मनई रहा, मुला उ विकट चरमरोग स पीड़ित रहा।
2 एक बार कछू आरामी सिपाहियन इस्राएल मँ छापा मारइ बरे गएन। ओनक कैदियन मँ एक ठु नान्ह लरकी रहेन जउन नामान क मेहरारू क सेविका होइ गइ। 3 इ लरकी नामान क मेहरारू स कहेस, “मइँ चाहत हउँ कि मोर सुआमी (नामान) उ नबी (एलीसा) स मिलेन जउन सोमरोन मँ रहत ह। उ नबी नामान क बिकट चरमरोग क नीक कइ सकत ह।”
4 नामान आपन सुआमी (अराम क राजा) क लगे गवा। नामान अराम क राजा क उ बात बताएस जउन इस्राएली लरिको कहे रही।
5 तब अराम क राजा कहेस, “अबहिं जा अउर मइँ एक ठु पत्तर इस्राएल क राजा क नाउँ पठउब।”
एह बरे नामान इस्राएल गवा। नामान अपने संग कछू भेंट लइ गवा। नामान साढ़े सात सौ पौण्ड चाँदी, छ: हजार सोना क सिक्का, अउर दस हजार बदलइ क कपड़ा लइ गवा। 6 नामान इस्राएल क राजा बरे अराम क राजा क पत्तर भी लइ गवा। पत्तर मँ इ लिखा रहा, “इ पत्तर इ जानकारी देइ बरे अहइ कि मइँ आपन सेवक नामान क तोहरे हिआँ पठवत हउँ। ओकरे विकट चरमरोग क नीक करा।”
7 जब इस्राएल क राजा उ पत्तर क बाँच चुका तउ उ आपन चिन्ता क परगट करइ बरे आपन ओढ़ना फारेस। इस्राएल क राजा कहेस, “का मइँ परमेस्सर अहउँ? नाहीं। जिन्नगी अउ मउत पइ मोर कउनो अधिकार नाहीं। तब अराम क राजा मोरे लगे बिकट चरमरोग क रोगी क चंगा करइ बरे काहे पठएस? एका जरा सोचा अउर तू लखब्या कि अराम क राजा मोर संग झगड़ा करइ चाहत ह।”
8 परमेस्सर क जन सुनेस कि इस्राएल क राजा परेसान अहइ अउर उ आपन ओढ़ना फार डाएस ह। एलीसा आपन सँदेसा राजा क लगे पठएस: “तू आपन ओढ़ना काहे फार्या? नामान क मोरे लगे आवइ द्या। तब उ समुझी कि इस्राएल मँ कउनो नबी भी अहइ।”
9 एह बरे नामान आपन घोड़न अउ रथन क संग एलीसा क घरे आवा अउर घरे क दुआर पई रुकि गवा। 10 एलीसा एक ठु सँदेसबाहक क नामान क लगे पठएस। सँदेसबाहक कहेस, “जा, अउर यरदन नदी मँ सात दाईं नहा। तब तोहार चरमरोग नीक हो जाइ अउर तू पवित्तर अउ सुद्ध होइ जाब्या।”
11 नामान कोहाइ गवा अउर हुवाँ स चल पड़ा। उ कहेस, “मइँ समुझे रहेउँ कि कम स कम एलीसा बाहेर आई, मोरे समन्वा खड़ा होइ अउर यहोवा, अपने परमेस्सर क समन्वा पराथना करी। मइँ समुझ रहेउँ कि उ मोरे बदन पइ आपन हाथ फेरी अउ चामरोग क नीक कइ देइ। 12 दमिस्क क नदियन अबाना अउ पर्पर इस्राएल क सबहिं जलासयन स नीक अहइँ। का मइँ ओन नदियन मँ नहाइके पवित्तर नाहीं होइ सकत रहा?” एह बरे नामान कोहाई गवा। अउ वापस जाई बरे मुड़ गवा।
13 मुला नामान क सेवक ओकरे लगे ओसे बात करइ बरे गएन उ पचे कहेन, “पिता, जदि नबी तोहार स कउनो महान काम करइ क कहे होत तउ तू ओका जरूर करतेन। एह बरे तोहका ओकर आग्या क पालन करइ चाही। जदि उ सहल काम करइ क भी कहत ह अउर उ कहेस, ‘नहा अउर तू पवित्तर अउर सुद्ध होइ जाब्या।’”
14 एह बरे नामान उ काम किहेस जउन परमेस्सर क जन कहेस, नामान खाले उतरा अउर उ सात दाईं यरदन नदी मँ नहाएस अउर नामान पवित्तर अउ सुद्ध होइ गवा। नामान क चमड़ी बच्चा क चमड़ी क तरह कोमल होइ गइ।
15 नामान अउ ओकर सारा समूह परमेस्सर क जन क लगे गवा। उ एलीसा क समन्वा खड़ा भवा अउर ओहसे कहेस, “लखा, अब मइँ समुझत हउँ कि इस्राएल क अलावा भूइँया पइ कहूँ परमेस्सर नाहीं अहइ। अब मेहरबानी कइके मोर भेंट स्वीकार करइँ।”
16 मुला एलीसा कहेस, “मइँ यहोवा क सेवा करत हउँ। मइँ यहोवा क जिन्नगी क किरिया खाइके प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ कउनो भेंट नाहीं लेब।”
नामान बहोत जतन किहस कि एलीसा भेंट लेइ मुला एलीसा इन्कार कइ दिहस। 17 तब नामान कहेस, “जदि तू इ भेंट क स्वीकार नाहीं करतेन तउ कम स कम मोरे बरे एँतना करइँ। मोका एस्राएल क एतनी पर्याप्त धूरि लेइ देइँ जेहसे मोर दुइ खच्चरन पइ धरे टोपन भरि जाइँ, काहे? काहेकि मइँ फुन कबहुँ होमबलि या बलि कउनो दूसर देवता क नाहीं चढ़ाउब। मइँ सिरिफ यहोवा क ही बलि भेंट करब। 18 अउर अब मइँ पराथना करत हउँ कि यहोवा मोका इ बात बरे छिमा करी कि भविस्स मँ मोर सुआमी (अराम क राजा) लबार देवता क पूजा करइ बरे, रिम्मोन क मन्दिर मँ आइ। राजा सहारा बरे मोह पइ निहुरइ चाही, एह बरे मोका रिम्मोन क मन्दिर मँ निहुरइ पड़ी। अब मइँ यहोवा स पराथना करत हउँ कि मोका छिमा करइ जब वइसा होइ।”
19 तब एलीसा नामान स कहेस, “सान्तिपूर्वक जा।”
एह बरे नामान एलीसा क तजेस अउ तनिक दूर गवा। 20 मुला परमेस्सर क जन एलीसा क सेवक गेहजी बोला, “लखइँ, मोर सुआमी (एलीसा) अरामी नामान क, ओकर लिआई भइ भेंट क स्वीकार किए बिना ही जाइ दिहस ह। मइँ यहोवा क जिन्नगी क किरिया खाइके प्रतिग्या करत हउँ कि नामान क पाछे दउड़ब अउर ओहसे कछू लिआउब।” 21 एह बरे गेहजी नामान कइँती दउड़ा।
नामान आपन पाछे कउनो क दौड़िके आवत लखेस। उ गेहजी स भेंटइ क अपने रथे स उतर पड़ा। नामान पूछेस, “सब कुसल तउ अहइ?”
22 गेहजी कहेस, “हाँ, सब कुसल अहइ। मोर सुआमी एलीसा मोका पठएस ह। उ कहेस, ‘लखा, एप्रैम क पहाड़ी पहँटा क नबियन क समूह स दुइ नउजवान नबी मोरे लगे आएन ह। मेहरबानी कइके ओनका पचहत्तर पौण्ड चाँदी अउर दुइ दाईं बदलइ क ओढ़ना दइ द्या।’”
23 नामान कहेस, “मेहरबानी कइके डेढ़ सौ पौण्ड लइ ल्या।” नामान गेहजी क चाँदी लेइ बरे मनाएस। नामान डेढ़ सौ पौण्ड चाँदी क दुइ बोरियन मँ धरेस अउर दुइ दाईं बदलइ क ओढ़ना लिहस। तब नामान एन चिजियन क अपने सेवकन मँ स दुइ क दिहस। सेवक ओन चिजियन क गेहजी क बरे लइके आएन। 24 जब गेहजी पहाड़ी तलक आवा तउ उ ओन चिजियन क सेवकन स लइ लिहस। गेहजी सेवकन क लउटाइ दिहस अउर उ पचे लउटि गएन। तब गेहजी ओन चिजियन क घरे मँ छुपाइ दिहस।
25 गेहजी आवा अउर अपने सुआमी एलीसा क समन्वा खड़ा भवा। एलीसा गेहजी स पूछेस, “गेहजी, तू कहाँ गए रह्या?”
गेहजी कहेस, “मइँ कहूँ भी नाहीं गवा रहेउँ।”
26 एलीसा गेहजी स कहेस, “इ फुर नाहीं अहइ। मोर हिरदइ तोहरे संग रहा जब नामान अपने रथे स तोहसे मिलइ क मुड़ा। इ समइ पैसा, कपड़ा, जैतून, अंगूर, भेड़, गइयन या सेवक-सेविकन लेइ क नाहीं अहइ। 27 अब तोहका अउ तोहर बच्चन क नामान क बेरामी लगा जाइ। तोहका सदा ही बिकट चरमरोग रही।”
जब गेहजी एलीसा स बिदा भवा तउ गेहजी क चमड़ी बर्फ क तरह सफेद होइ गइ। गेहजी क कोढ़ होइ गवा रहा।
एलीसा अउ लौह फलक
6 नबियन क समूह एलीसा स कहेस, “जहाँ पइ हम लोग रहत अहइँ उ जगह हमरे बरे बहोत छोट अहइ। 2 हम लोग यरदन नदी क चली अउर कछू लकड़ियन काटी। हम पचन मँ स हर एक-एक ठु लट्ठा लेइ अउर हम लोग अपने बरे रहइ क एक ठउर हुवाँ बनाई।”
एलीसा कहेस, “बहोत नीक, जा अउर करा।”
3 ओनमाँ स एक मनई कहेस, “कृपा कइके हमरे संग चलइँ।”
एलीसा कहेस, “बहोत नीक, मइँ तोहरे संग चलब।”
4 एह बरे एलीसा नबियन क समूह क संग गवा। जब उ पचे यरदन नदी पइ पहोंचेन तउ उ पचे कछू बृच्छ काटइ सुरू किहन। 5 मुला जब एक मनई एक ठु बृच्छ काटत रहा तउ कुल्हाड़ी क लोहा क फलक कुल्हाड़ी स निकर गवा अउर पानी मँ गिर पड़ा। तब उ मनई चिचियान, “हे सुआमी, मइँ उ कुल्हाड़ी उधार लिहे रहेउँ।”
6 परमेस्सर क जन (एलीसा) कहेस, “उ कहाँ गिरी?”
उ मनई एलीसा क उ ठउर देखाएस जहाँ लोहा क फलक गिरा रहा। तब एलीसा एक ठु डण्डी काटेस अउर उ डण्डी क पानी मँ लोकाइ दिहस। उ डण्डी लोहा क फलक क तैराइ दिहस। 7 एलीसा कहेस, “लोहा क फलक क पकड़ ल्या।” तब उ मनई अगवा बढ़ा अउर उ लोहे क फलक लइ लिहस।
अराम क राजा इस्राएल क राजा क फँसावइ क जतन करत ह
8 अराम क राजा इस्राएल क खिलाफ जुद्ध करत रहा। उ फउज क अधिकारियन क संग परिषद क बैठक बोलाएस। उ हुकुम दिहस, “इ ठउरे पइ लुकाई जा अउर इस्राएलियन पइ तब आक्रमण करा जब हिआँ स होइके निकरउँ।”
9 मुला परमेस्सर क जन (एलीसा) इस्राएल क राजा क एक सँदेसा पठएस। एलीसा कहेस, “सावधान रहा। उ ठउरे स होइके जिन जा। हुवाँ अरामी फउजी छिपे अहइँ।”
10 इस्राएल क राजा उ ठउरे पइ जेकरे बारे मँ परमेस्सर क जन चितउनी दिहे रहा, आपन मनइयन क सँदेसा पठएस। इ एक या दुई दाईं स जियाद भवा।
11 अराम क राजा एहसे बहोत घबरान। अराम क राजा आपन फउजी अधिकारियन क बोलाएस, अउर ओनसे पूछेस, “मोका बतावा कि इस्राएल क राजा बरे जासूसी कउन करत अहइ।”
12 अराम क राजा क फउजी अधिकारियन मँ स एक कहेस, “मोर पर्भू अउ राजा, हम पचन मँ स कउनो भी जासू नाहीं अहइ। एलीसा, इस्राएल क नबी इस्राएल क राजा क अनेक गुप्त सूचना दइ सकत ह, हिआँ तलक कि आप जउन अपने बिछउना मँ कहिहीं, ओकर भी।”
13 अराम क राजा कहेस, “एलीसा क पता लगावा अउर मइँ ओका धरइ बरे मनइयन क पठउब।”
सेवकन अराम क राजा स कहेस, “एलीसा दोतान मँ अहइ।”
14 तब अराम क राजा घोड़न, रथ अउ विसाल फउज क दोतान पठएस। उ पचे रात क पहोंचेन अउर पचे नगर क घेर लिहन। 15 एलीसा क सेवक उ भिंसारे हाली उठेन। एक सेवक बाहेर गवा अउर उ एक फउज क घोड़न अउ रथन क संग नगर क चारिहुँ कइँती लखेस।
एलीसा क सेवक एलीसा स कहेन, “ओह, मोर सुआमी हम का कइ सकित ह?”
16 एलीसा कहेस, “डेराअ जिन। उ फउज जउन हमरे बरे जुद्ध करत ह, उ फउज स बड़ी अहइ जउन अराम क बरे जुद्ध करत ह।”
17 तब एलीसा पराथना किहेस अउर कहेस, “यहोवा, मइँ तोहसे पराथना करत हउँ कि तू मोरे सेवक क आँखिन खोला जेहसे उ लखि सकइ।”
यहोवा जुवक क आँखिन खोलेस अउ सेवक लखेस कि पूरा पर्वत आगी क घोड़न अउ रथन स ढका पड़ा रहा। उ पचे सबहिं एलीसा क चारिहुँ कइँती रहेन।
18 इ सबइ आगी क घोड़न अउ रथ एलीसा क लगे आएन। एलीसा यहोवा स पराथन किहेस अउर कहेस, “मइँ पराथना करत हउँ कि तू एन लोगन क आँधर कइ द्या।”
तब यहोवा अरामी फउज क आँधर कइ दिहस, जइसे एलीसा पराथना किहे रहा। 19 एलीसा अरामी फउज स कहेस, “इ गलत मारग अहइ। इ उ सहर नाहीं अहइ जेका तू खोजत ह। मोरे पाछे आवा। मइँ उ मनई क लगे तू पचन क लइ जाब जेकर खोज तू करत अहा।” तब एलीसा अरामी फउज क सोमरोन लइ गवा।
20 जब उ पचे सोमरोन पहोंचेन तउ एलीसा कहेस, “यहोवा, ऍन लोगन क आँखिन खोल द्या जेहसे इ सबइ लखि सकइँ।”
तब यहोवा ओनकर आँखिन खोल दिहस अउर अरामी फउज लखेस कि उ सोमरोन नगर मँ रहेन। 21 इस्राएल क राजा अरामी फउज क लखेस। इस्राएल क राजा एलीसा स पूछेस, “मोरे बाप, का मइँ एनका मार डावउँ?”
22 एलीसा जवाब दिहस, “नाहीं, ओन लोगन क जिन मारा। तू ओनका आपन तरवार या धनुस स नाहीं पकड़ेस ह किन्तु तू तउ अब ओन मनइयन क मराइ चाहत ह अरामी फउज क कछू रोटी पानी द्या। ओनका खाइ पिअइ द्या। तब एनका अपने सुआमी क लगे लउटि जाइ द्या।”
23 इस्राएल क राजा अरामी सेना बरे बहोत स भोजन तइयार कराएस। अरामी फउज खाएस-पीएस। तब इस्राएल क राजा अरामी फउज क ओनके घरे वापस पठइ दिहस। अरामी फउज अपने सुआमी क लगे क घर लउटे गइ। अरामी लोग एकरे पाछे इस्राएल पइ आक्रमण करइ बरे फुन कउनो फउज नाहीं पठएस।
भयंकर भुखमरी सोमरोन क कस्ट देत ह
24 जब इ सब होइ गवा तउ अराम क राजा बेन्हदद अपनी सारी फउज बटोरेस अउ उ सोमरोन नगर पइ घेरा डावइ अउर ओह पइ आक्रमण करइ गवा। 25 फउजियन लोगन क नगर मँ भोजन सामग्री भी नाहीं लिआवइ दिहन। एह बरे सोमरोन मँ भयंकर भुखमरी क समइ आइ गवा। इ ऍतना भयंकर रहा कि एक गदहे क मूँड़ चाँदी क अस्सी सिक्कन मँ बिकइ लाग अउर एक ठु छोटा टोकरी कबूतर क गोबरी क कीमत पाँच चाँदी क सिक्कन रही।
26 इस्राएल क राजा नगर क प्राचीर पइ घूमत रहा। एक ठु मेहरारू चिचिआइके ओका गोहराएस। उ मेहरारू कहेस, “मोर पर्भू, अउर राजा, कृपा करके मोर मदद करइँ।”
27 इस्राएल क राजा कहेस, “जदि यहोवा तोहार मदद करत तउ मइँ कइसे तोहका मदद दइ सकत हउँ? मोरे लगे तोहका देइ क कछू भी नाहीं अहइ। खरिहानन स कउनो अन्न नाहीं आवा, या दाखरस क कारखाने स कउनो दाखरस नाहीं आइ।” 28 तब इस्राएल क राजा उ मेहरारू स पूछेस, “तोहार परेसानी का अहइ?”
मेहरारू जवाब दिहेस, “इ मेहरारू मोहसे कहेस, ‘आपन पूत क मोका द्या जेहसे हम ओका मार डाइ अउर ओकर आज खाइ लेइ। फुन काल्ह मइँ आपन पूत क मारिके खाउब्या।’ 29 तब हम आपन पूत क पकावा अउर खावा। तब दूसरे दिन इ मेहरारू स कहेउँ, ‘आपन पूत क द्या जेहसे हम ओका मार सकी अउर खाइ सकी।’ किन्तु उ आपन पूत क छुपाए दिहेस ह।”
30 जब राजा उ मेहरारू क बातन सुनेस तउ उ आपन ओढ़नन क अपनी सम्सया बतावइ बरे फार डाएस। जब राजा प्राचीर स होइके चला तउ लोग लखेन कि उ आपन पहिरावे क नीचे मोटा वस्त्र पहिरे रहा जेहसे पता चलत रहा कि उ बहोत दुखी अउ परेसान अहइ।
31 राजा कहेस, “परमेस्सर मोका निहचित ही दण्डित करइ जदि सापात क पूत एलीसा क मूड़ इ दिन क आखिर तलक भी ओकरे धड़ पर रहि जाइ।”
32 राजा एलीसा क लगे एक ठु सँदेसवाहक पठएस। एलीसा आपन घरे मँ प्रमुखन क संग बइठा रहा। सँदेसवाहक क अवाइ क पहिले एलीसा प्रमुखन स कहेस, “लखा, उ हत्तियारा क पूत (इस्राएल क राजा) लोगन क मोर मूँड़ काटइ क पठवत अहइ। जब सँदेसवाहक आवइ तउ दरवाजा बन्द कइ ल्या। दरवाजा क बन्द रखा अउर ओका घुसइ जिन द्या। एहमाँ कउनो सक नाहीं कि ओकर सुआमी क कदमन क आवाज़ ओकरे पाछा करब्या।”
33 जउने समइ एलीसा अग्रजन स बातन करत ही रहा, सँदेसवाहक ओकरे करीब आवा। सँदेसा इ रहा: “इ बिपत्ति यहोवा कइँती स आई अहइ। मइँ यहोवा क प्रतीच्छा आगे अउर काहे करउँ?”
ईसू क आपन चेलन क समन्वा परगट होब
(मत्ती 28:16-20; मरकुस 16:14-18; यूहन्ना 20:19-23; प्रेरितन 1:6-8)
36 अबहीं उ पचे ओनका इ बातन बताइ ही रहत रहेन कि उ खुद ओनके बीच आइ खड़ा भवा अउर ओनसे बोला, “तोहका सान्ति मिलइ।”
37 मुला उ पचे चौंकिके सहम गएन। उ पचे सोचेन जइसे उ सबइ कउनो भूत लखत होइँ। 38 मुला उ ओनसे बोला, “तू अइसे घबरान काहे अहा? तोहरे मनवा मँ सन्देह काहे उठति अहइ? 39 मोरे हाथन अउर मोरे गोड़े क लखा। तू देख सकत ह कि इ सच मँ मइँ अहउँ। मोका छुआ, अउर लखा कि कउनो भूत क माँस अउर हाड़ नाही होतिन अउर जइसा कि तू लखत अहा कि, मोर उ सबइ अहइँ।”
40 इ कहत भवा उ हाथ अउर गोड़ ओनका देखाएस। 41 मुला आपन आनन्द क कारण उ पचे अब भी ओह पइ बिसवास नाही कइ सकेन। उ पचे भउचक्का रहेन। तउ ईसू ओनसे कहेस, “हिआँ तोहरे पास कछू खाइ क अहइ।” 42 उ पचे पकाइ गइ मछरी क एक टुकड़ा ओका दिहन। 43 अउर उ ओका लइके समन्वा खाएस।
44 फिन उ ओनसे कहेस, “ई बातन उ सबइ अहइँ जउन मइँ तोहसे तब कहे रहेउँ, जब मइँ अबहीं तोहरे संग हउँ। हर उ बात जउन मोरे बारे मँ मूसा क व्यवस्था मँ, नबियन क किताबन अउर भजन संहिता मँ लिखी अहइ, पूरी होब ही अहइ।”
45 फिन पवित्तर सास्तरन क समझइ बरे उ ओनकइ बुद्धि क दुआर खोल दिहस। 46 अउर उ ओनसे कहेस, “इ उहइ अहइ, जउन लिखा अहइ कि मसीह दारूण दुख भोगी अउर तिसरे दिन मरे हुअन मँ स जी उठी। 47-48 अउर पापे क छमा बरे मनफिराव क इ संदेस यरूसलेम स सुरु होइके सब देसन मँ प्रचार कीन्ह जाइ। तू इ बातन क साच्छी अहा। 49 अउर अब मोरे परमपिता मोसे जउन सपथ किहेस ह, ओका मइँ तोहरे बरे पठउब। मुला तोहका इ सहर मँ उ समइ तलक ठहरे रहइ क होइ जब तक तू सरगे क सक्ती स जुरा न ह्वा।”
ईसू क सरग क वापसी
(मरकुस 16:19-20; प्रेरितन 1:9-11)
50 ईसू फिन ओनका बैतनिय्याह तलक बाहेर लइ गवा अउर उ हथवा उठाइके आसीर्बाद दिहेस। 51 ओनका आसीर्बाद देत देत उ ओनका तजि दिहेस अउर फिन ओका सरगे मँ उठाइ लीन्ह गवा। 52 तब उ पचे ओकर आराधना किहेन अउर असीम आनन्द लइके यरूसलेम लौटि आएन। 53 अउर मंदिर मँ परमेस्सर क स्तुति करत भएन उ पचे आपन दिन काटइ लागेन।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.