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Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
2 समूएल 14-15

योआब एका बुद्धिमती मेहरारू क दाऊद क लगे पठवत ह

14 सरूयाह क पूत योआब जानत रहा कि राजा दाऊद अबसालोम क बारे मँ सोचत अहइ अउर ओका देखइ क लालसा अही। एह बरे योआब तकोआ क एक दूत हुवाँ स एक ठु बुद्धिमती मेहरारू क लिआवइ क बरे पठएस। योआब इ बुद्धिमती मेहरारू स कहेस, “कृपा कइके बहोत जियादा सोकग्रस्त होइ क देखॉवा करा। सोक-वस्त्र पहिर ल्या, आपन चाम अउ बार मँ तेलन जिन लगावा। अइसी मेहरारू क जइसा बेउहार करा जउन कउनो मरे भए क बरे कइउ दिनन स रोवत ह। राजा क लगे जा अउर जउन मइँ कहत हउँ, इनही सब्दन क उपयोग करत भए ओनसे बातन करा।” तब योआब उ बुद्धिमती मेहरारू क का कहब अहइ, इ बताइ दिहस।

तब ताकोआ क उ मेहरारू राजा स बातन किहस। उ फर्स पइ भहराइ पड़ी ओकर ललाट फर्स पइ जाइ टिका। उ निहुरी अउ बोली, “राजा, मोका मदद द्या।”

राजा दाऊद ओहसे कहेस, “तोहार समस्या का अहइ?”

उ मेहरारू कहेस, “मइँ राँड़ हउँ। मोर भतार मर चुका अहइ। मोरे दुइ ठु पूत रहेन। इ सब दुइनउँ बाहेर मैदानन मँ लड़ेन। ओनका कउनो रोकइवाला न रहा। एक पूत दूसर पूत क मार डाएस। सारा परिवार अब मोरे खिलाफ अहइ। उ पचे मोहसे कहत रहेन, ‘उ पूत क लिआवा जउन अपने भाई क मार डाएस। तब हम ओका मार डाउब, काहेकि उ आपन भाई क मार डाएस।’ मोर पूत आगी क आखिरी चिनगारी क तरह अहइ, काहेकि उ ही सिरिफ उ ही एक पूत जिअत रही जउन ओकर पिता क सम्पत्ति क उत्तराधिकारी होइ। अगर उ ओका मार डाइ तउ उ आग जल उठब अउर खतम होइ जाब अउर उ सम्पत्ति दूसर क पास चली जाइ अउर तब मोर मरे भतार क नाउँ इ धरती स मिट जाइ।”

तब राजा मेहरारू स कहेस, “घरे जा। मइँ खुद तोहार मामला निपटाउब।”

तकोआ क मेहरारू राजा स कहेस, “हे राजा मोर सुआमी, दोख मोह पइ आवइ द्या। किन्तु आप अउर आप क राज्ज निदोर्ख अहइ।”

10 राजा दाऊद कहेस, “उ मनई क लिआवा जउन तोहका बुरा-भला कहत ह। तब उ मनई तोहका फुन परेसान न करी।”

11 मेहरारू कहेस, “कृपा कइके आपन यहोवा परमेस्सर क नाउँ पइ किरिया लेइँ कि आप एन लोगन क रोकिहीं। तब उ पचे मोर पूत क हत्या क बदले मँ नाहीं मारिहीं।”

दाऊद कहेस, “यहोवा क जिन्नगी क किरिया, तोहरे पूत क कउनो मनई चोट नाहीं पहोंचाइ। तोहरे पूत क एक ठु बार भी धरती पई नाहीं गिरी।”

12 उ मेहरारू स कहेस, “मोर सुआमी, राजा कृपा कइके मोका आप स कछू कहइ क मौका द्या”

राजा कहेस, “कहा।”

13 तब उ मेहरारू कहेस, “परमेस्सर क लोगन क खिलाफ इ जोजना काहे बनाया ह? हाँ, जब आप इ कहत हीं आप इ परगट करत हीं कि आप अपराधी अहइँ। काहे? काहेकि आप अपने पूत क वापस नाहीं लाएन ह जेका आप अपने घर तजइ क मजबूर किहे रहेन। 14 इ सही अहइ कि हम सबहिं कउनो दिन मरब। हम लोग उ पानी क तरह होब, जउन भुइँया पइ फेंका गवा ह। कउनो भी मनई भुइँया स उ पानी क एकट्ठा नाहीं कइ सकत। किन्तु परमेस्सर माफ करत ह। ओकरे लगे ओन लोगन बरे एक ठु जोजना अहइ जउन अपने घर तजइ क मजबूत कीन्ह गएन ह, उ ओनका वापिस करइ चाहत ह। 15 मोर प्रभु, राजा मइँ इ बात कहइ मइँ आप क लगे आइ। काहे? काहेकि लोग मोका ससाइ दिहन। मइँ अपने मने मँ कहेउँ कि, ‘मइँ राजा स बात करब। होइ सकत ह राजा मोर सुनइँ। 16 राजा मोर सुनिहीं, अउर मोर रच्छा उ मनई स करिहीं जउन मोका अउर मोरे पूत दुइनउँ क मारइ चाहत हीं अउर ओन चिजियन क प्राप्त करइ स रोकइ चाहत हीं जेनका परमेस्सर हम क दिहेस ह।’ 17 मइँ जानत हउँ कि मोर राजा, मोरे सुआमी क सब्द मोका सान्ति देइहीं काहेकि आप परमेस्सर क दूत क समान अहइँ। आप समुझ ह कि का अच्छा का बुरा अहइ। यहोवा आप क परमेस्सर, आप क संग अहइ।”

18 राजा दाऊद उ मेहरारू क जवाब दिहस, “तोहका उ सवाल क उत्तर देइ चाही, जेका मइँ तोहसे पूछउँ मोसे कछू जिन छुपाया।”

उ मेहरारू कहेस, “हे मोर प्रभू, मोर राजा, कृपा कइके आपन सवाल पूछइँ।”

19 राजा कहेस, “का योआब इ सबइ सारी बातन तोहसे कहइ क कहेस ह?”

उ मेहरारू जवाब दिहेस, “मोर पर्भू राजा, आप क जिन्नगी क किरिया, आप सही अहइँ। आप क सेवक योआब इ सबइ बातन कहइ बरे कहेस। 20 योआब इ एह बरे किहेस जेहसे आप तथ्यन क दूसर निगाह स लखिहीं। मोर पर्भू आप परमेस्सर क दूत क नाई बुद्धिमान अहइँ। आप सब कछू जानत हीं जउन भूइँया पइ होत ह।”

अबसालोम यरूसलेम लउटत ह

21 राजा योआब स कहेस, “लखा, मइँ इ करब। आप कृपा कइके जा अउ नउजुवक मनई अबसालोम क वापस लिआवा।”

22 योआब भुइँया आपन माथा निहुराएस। उ राजा दाऊद बरे आभार परगट किहस अउर कहेस, “आजु मइँ समुझत हउँ कि आप मोसे खुस अहइ, काहेकि आप उहइ किहन जउन मोर माँग रही।”

23 तब योआब उठा अउर गसूर गवा अउ अबसालोम क यरूसलेम लिआवा। 24 किन्तु राजा दाऊद कहेस, “अबसालोम अपने घरे क लउट सकत ह।” उ मोहसे भेंटइ नाहीं आइ सकत। एह बरे अबसालोम अपने घरे क लउट गवा। अबसालोम राजा स भेंटइ नाहीं जाइ सका।

25 अबसालोम क जियादा स जियादा तारीफ ओकरे सुन्नर रूप क बरे रही। इस्राएल मँ कउनो मनई एतना सुन्नर नाहीं रहा जेतना अबसालोम। अबसालोम क मूँड़े स गोड़े तलक कउनो दोख नाहीं रहा। 26 हर एक बरिस क आखिर मँ अबसालोम अपने मूँड़े क बार काटत रहा अउर ओका तउलत रहा। बारन क तौल लगभग पाँच पौण्ड रहीं। 27 अबसालोम क तीन पूत रहेन अउ एक ठु बिटिया। उ बिटिया क नाउँ तामार रहा। तामार एक ठु सुन्नर मेहरारू रही।

अबसालोम योआब क अपने स भेंटइ क बरे मजबूर करत ह

28 अबसालोम पूरे दुइ बरिस तलक राजा दाऊद स भेंटइ क इजाजत बिना यरूसलेम मँ रहा। 29 अबसालोम योआब क लगे इ कहइ बरे पठाएस कि मोर तरफ स राजा क लगे जाइ। किन्तु योआब अबसालोम स मिलइ नाहीं गवा। अबसालोम दूसरी दाई सँदेसा पठएस। किन्तु योआब फुन भी आउब इन्कार किहस।

30 तब अबसालोम अपने सेवकन स कहेस, “लखा, योआब क खेत मोरे खेते स लगा बाटइ। ओकरे खेते मँ जौ क फसल अहइ। जा अउर जौ क बार द्या।”

एह बरे अबसालोम क सेवक गएन अउर योआब क खेते मँ आगी लगाउब सुरू किहेन। 31 योआब उठा अउर अबसालोम क घरे गवा। योआब अबसालोम स कहेस, “तोहार सेवकन मोर खेत काहे बारेन।”

32 अबसालोम योआब स कहेस, “मइँ तोहका सँदेसा पठएँउ। मइँ तोहसे हिआँ आवइ क कहेउँ। मइँ तोहका राजा क लगे पठवइ चाहत रहेउँ। मइँ ओहसे पूछइ चाहत रहेउँ कि उ गसूर स मोका घरे काहे बोलाएस। मइँ ओहसे मिल नाहीं सकत, एह बरे गसूर मँ रहब कहूँ जियादा नीक रहा। अब मोका राजा स भेंटइ द्या। जदि मइँ पाप किहेउँ ह तउ उ मोका मार सकत ह।”

अबसालोम दाऊद स मिलत ह

33 तब योआब राजा क लगे आवा अउ अबसालोम क कहा भवा सुनाया। राजा अबसालोम क बोलाएस। तब अबसालोम राजा क लगे आवा। अबसालोम राजा क समन्वा भुइँया पइ माथा टेकिके प्रणाम किहेस, अउर राजा अबसालोम क चुम्बन किहस।

अबसालोम बहोत स मीत बनावत ह

15 एकरे पाछे अबसालोम एक रथ अउ घोड़न अपने बरे लिहस। जब उ रथ चलावत रहा तउ अपने सामने पचास ठु दउड़त मनइयन क रखत रहा। अबसालोम जल्दी उठत अउर दुआरे क निचके खड़ा होत। जदि कउनो मनई अइसा होत जेकर कउनो समस्या होत अउर निआउ बरे राजा दाऊद क लगे आवत होत, अबसालोम ओहसे पूछत, “तू कउनो नगर क अहा?” उ मनई जवाब देत, “मइँ अमुक हउँ अउ इस्राएल क अमुक परिवार समूह क हूँ।” तब अबसालोम ओन मनइयन स कहा करत, “लखा, जउन तू कहत रह्या उ सुभ अउर उचित अहइ किन्तु राजा दाऊद तोहर एक ठु नाहीं सुनी।”

अबसालोम इ भी कहत, “अह, मइँ चाहत कि कउनो मोका इ भूइयाँ क निआवाधीस बनावत। तब मइँ ओन मनइयन मँ स हर एक क मदद कइ सकत जउन निआव बरे समस्या लइके अउतेन।”

जब कउनो मनई अबसालोम क लगे आवत अउर ओकरे समन्वा प्रणाम करइ क निहुरत, तउ अबसालोम हाथ बढ़ाइके ओका पकरलेत अउ ओकर चुम्बन करत जइसा उ ओकर नजिक क मीत अहइ। अबसालोम अइसा ओन सबहिं इस्राएलियन क संग करत जउन राजा दाऊद क लगे निआव बरे अउतेन। इ तरह अबसालोम इस्राएल क सबहिं लोगन क हिरदइ जीत लिहस।

अबसालोम क जरिये दाऊद क राज्ज क लेइ क जोजना

चार बरिस पाछे अबसालोम राजा दाऊद स कहेस, “कृपा कइके मोका अपनी खास प्रतिग्या क पूरी करइ जाइ द्या जेका मइँ हेब्रोन मँ यहोवा क समन्वा किहे रहेउँ। मइँ इ प्रतिग्या तब किहे रहेउँ जब मइँ गसूर अराम मँ रहत रहेउँ। मइँ कहे रहेउँ, ‘जदि यहोवा मोका यरूसलेम लउटाई तउ मइँ यहोवा क सेवा करब।’”

राजा दाऊद कहेस, “सान्तिपूर्वक जा।”

अबसालोम हेब्रोन गवा। 10 किन्तु अबसालोम इस्राएल क सबहिं परिवार समूहन मँ जासूस पठएस। एन जासूनन लोगन स कहेन, “जब तू पचे तुरही क आवाज सुना, तउ कहा कि ‘अबसालोम हेब्रोन मँ राजा होइ गवा।’”

11 अबसालोम दुइ सौ मनइयन क अपने संग चलइ बरे न्यौतेस। उ सबइ मनई ओकरे संग यरूसलेम स बाहेर गएन। किन्तु उ पचे इ नाहीं जानत रहेन कि ओकर जोजना का अहइ। 12 अहीतोपेल दाऊद क सलाहकारन मँ स एक रहा। अहीतोपेल गीलो नगर क निवासी रहा। जब अबसालोम बलि-भेंटन क चढ़ावत रहा, उ अहीतोपेल क गीलो नगर स बुलाएस। अबसालोम क जोजना ठीक-ठाक चलत रही अउर जियादा स जियादा लोग ओकर समर्थन करइ लागेन।

दाऊद क अबसालोम क जोजना क सूचना

13 एक ठु मनई दाऊद क सूचना देइ आवा। उ मनई कहेस, “इस्राएल क लोग अबसालोम क अनुसरण करब सुरू करत अहइँ।”

14 तब दाऊद यरूसलेम मँ रहइवाले आपन सबहिं अधिकारियन स कहेस, “हम पचन्क जरूर पराइ चाही, अन्यथा हम मँ स कउनो भी अबसालोम स बच के नाहीं निकरि सकब्या। अबसालोम क जरिये धरें जाइ क पहिले हम लोग हाली करी। नाहीं तउ उ हम सबहिं क नस्ट कइ देइ अउर उ यरूसलेम क लोगन क मार डाइ।”

15 राजा क सेवकन राजा स कहेन, “जउन कछू भी आप कहिहीं, हम लोग करब।”

दाऊद अउ ओकर आदमी बच निकरत हीं

16 राजा दाऊद अपने घर क सबहिं लोगन क संग बाहेर निकर गवा। राजा घर क देखभाल क बरे आपन दस उप-पत्नियन क हुवाँ तजेस। 17 राजा अपने सबहिं लोगन क साथ लइके जउन ओका अनुसरण किहा बाहेर निकरा। उ पचे नगर क आखिरी मकाने पइ रूकेन। 18 ओकर सबहिं सेवक राजा क पास स गुजरेन, अउर सबहिं करेती, सस्बहिं पलेनी अउ गती (गत स छ: सौ मनई) राजा क लगे स गुजरेन।

19 राजा गत क इत्तै स कहेस, “तू लोग भी हमरे संग काहे जात अहा? लउट जा अउर नवा राजा (अबसालोम) क संग रहा। तू बिदेसी अहा। इ तू लोगन क ग्रह-भूइँया नाहीं अहइ। 20 ठीक कछू देरी तू हमरे संग जुड़्या। का मोका अलग-अलग जगहन पइ तोहका हमारे संग भटकई चाही? नाहीं! लउटा अउर आपन भाइयन क अपने संग ल्या। मोर पराथना अहइ कि तोहरे बरे दाया अउ वफ़दारी देखाँवा जाइ।”

21 किन्तु इत्तै राजा क जवाब दिहेस, “यहोवा क जिन्नगी क किरिया, जब तलक आप जिअत अहइँ मइँ आप क संग रहब। मोर सुआमी, राजा मइँ तोहार संग रहब जहाँ कहुँ भी जाब्या चाहे इ जीवन अही या मरण।”

22 दाऊद इत्तै स कहेस, “आवा, हम लोग किद्रोन नाला क पार करी।”

एह बरे गत क इत्तै अउ ओकर सबहिं लोग अपने बच्चन सहित किद्रोन नाले क पार गएन। 23 सबहिं लोग जोर स रोवत रहेन। राजा दाऊद किद्रोन नाले क पार किहस। तब सबहिं लोग रेगिस्ताने कइँती बढ़ेन। 24 सादोक अउ ओकर संग क लवीबंसी परमेस्सर क करार क सन्दूख क लइके चलत रहेन। उ पचे परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख क खाले रखेन। एब्यातार तब तलक पराथना किहेस[a] कि जब तलक सबहिं लोग यरूसलेम स बाहेर नाहीं निकर गएन।

25 राजा दाऊद सादोक स कहेस, “परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख क यरूसलेम लउटाइ लइ जा। जदि यहोवा मोह पइ दयालु अहइ, तउ उ मोका वापस लउटाइ अउर यहोवा मोका यरूसलेम अउर आपन मन्दिर क देखइ देइ। 26 किन्तु जदि यहोवा कहत ह कि मोहे पइ खुस नाहीं अहइ तउ उ मोरे खिलाफ, जउन कछू भी चाहत ह, कइ सकत ह।”

27 राजा याजक सादोक स कहेस, “तू एक ठु दर्शी अहा सान्तिपूर्वक नगर क जा। आपन पूत अहीमास अउ एब्यातार क पूत योनातन स अपने संग ल्या। 28 मइँ ओन ठउरन क निचके प्रतीच्छा करब जहाँ स लोग नदी पार होइ रेगिस्तान मँ जात हीं। मइँ हुवाँ तब तलक प्रतीच्छा करब जब तलक तोहसे कउनो सूचना नाहीं मिलत।”

29 एह बरे सादोक अउ एब्यातार परमेस्सर क पवित्तर सन्दूक वापस यरूसलेम लइ गएन अउर हुवँइ ठहरेन।

अहीतोपेल क खिलाफ दाऊद क पराथना

30 दाऊद जइतून क पर्वत पइ चढ़ा। उ रोवत रहा। उ आपन मूँड़ ढाँपि लिहस अउर उ बिना जूते क गवा। दाऊद क संग क सबहिं लोगन आपन मूँड़न ढाँपि लिहेन। उ पचे दाऊद क संग रोवत भए गएन।

31 एक ठु मनई दाऊद स कहेस, “अहीतोपेल लोगन मँ स एक अहइ जउन अबसालोम क संग जोजना बनाएस।” तब दाऊद पराथना किहेस, “हे यहोवा, मइँ तोहसे पराथना करत हउँ कि तू अहीतोपेल क सलाह क नाकामयाब कइ द्या।” 32 दाऊद पर्वत क चोटी पइ आवा। इहइ उ ठउर रहा जहाँ उ अक्सर परमेस्सर स पराथना करत रहा। उ समइ एरेकी हूसै ओकरे लगे आवा। हूसै क अंगरखा फटा रहा अउर ओकरे झूँड़ि पइ धूरी रही।

33 दाऊद हूसै स कहेस, “जदि तू मोरे संग चलत अहा तउ तू देख-रेख करइवाले अलावा मनई होब्या। 34 किन्तु जदि तू यरूसलेम क लउट जात ह तउ तू अहीतोपेल क सलाह क ब्यर्थ कइ सकत ह। अबसालोम स कहा, ‘महाराज, मइँ आप क सेवक हउँ। मइँ आप क बाप क सेवा किहेउँ, किन्तु अब मइँ आप क सेवा करब।’ 35 याजक सादोक अउ एब्यातार तोहरे संग होइहीं। तोहका उ सबइ बातन ओनसे कहइ चाही जेनका तू राजमहल मँ सुना। 36 सादोक क पूत अहीमास अउ एब्यातार क पूत योनातन ओनके संग होइहीं। तू ओनका, हर बात जउन सुना, मोहसे कहइ बरे पठउब्या।”

37 तब दाऊद क मीत हूसै नगर मँ गवा, अउर अबसालोम यरूसलेम आवा।

लूका 17:1-19

पाप अउर छिमा

(मत्ती 18:6-7,21-22; मरकुस 9:42)

17 ईसू आपन चेलन स कहेस, “जेनसे मनइयन भटकत हीं, अइसी बातन तउ होइहीं ही मुला धिक्कार उ मनई क अहइ जेकरे जरिये उ सबइ होइँ। ओकरे बरे जिआदा नीक इ होत कि बजाय ऍकरे कि उ इन छोटकन मँ स कउनो क पाप करइ क हुस्कारि देइ, ओकरे गटइया मँ चकरी क पाट टाँगिके ओका समुद्दर मँ ढकेल दीन्ह जात। होसियार रहा!

“जदि तोहार भाई पाप करइ तउ ओका डाटा अउर जदि उ आपन किहे प पछताइ तउ ओका छमा कइ द्या। अगर हर दिना उ सात दाईं पाप करइ अउर सातहु दाई लौटिके तोहसे कहइ कि मोका पछतावा अहइ तो तू ओका छमा कइ द्या।”

तोहार बिसवास केतॅना बड़वार अहइ

ऍह पइ प्रेरितन पर्भू स कहेन, “हमरे बिसवास क बढ़ोतरी करा!”

पर्भू कहेस, “जदि तोहमाँ सरसों क दाना क तरह बिसवास होत तो तू इ सहतूत क बृच्छ स कहि सकत ह ‘उखड़ि जा अउर समुद्दर मँ जाइके लगा।’ अउर उ तोहार बात मान लेत।

उत्तिम सेक्कन बनि जा

“मान ल्या तोहमाँ स कउनो क लगे एक दास अहइ जउन हर जोतत या भेड़न क चरावत ह। उ जब खेते स लौटिके आवइ तउ का ओकर स्वामी ओसे कही, ‘तुरन्त आवा अउर खइया क खाइ बैठि जा?’ मुला बजाय ऍकरे का उ ओसे न कही, ‘मोर भोजन तइयार करा, आपन ओढ़ना पहिरा अउर मोर खात पिअत क खइया परसा, तबहिं ऍकरे पाछे तू भी खाइ पी सकत ह।’ का उ आपन हुकुम पूरा करइ प का उ सेवक क बिसेस धन्यबाद देत ह? नाहीं। 10 तोहरे संग भी अइसा ही अहइ। जउन कछू करइ क तोहसे कहा ग अहइ, ओका कइ डाए क पाछे तोहका कहइ चाही, ‘हम नालायक दास अही हमका कउन बड़कई न चाही। हम तउ आपन कर्तब कीन्ह ह।’”

आभारी रहा

11 फिन जब ईसू यरूसलेम जात रहा तउ उ सामरिया अउर गलील क बीच क चउहद्दी क लगे स निकरा। 12 उ जब एक गाउँ मँ जात रहा तबहिं दस कोढ़ी ओका मिलेन। उ सबइ कछू दूरी प खड़ा रहेन। 13 उ पचे ऊँच आवाज मँ बोलेन, “हे ईसू! हे स्वामी! हम प दाया करा!”

14 फिन जब उ ओनका लखेस तउ उ बोला, “जा अउर आपन खुद क याजकन क देखावा।”

उ सबइ जात ही रहेन कि कोढ़ स छुटकारा पाएन। 15 मुला ओहमाँ स एक जब इ देखेस कि उ चंगा होइ ग अहइ, तउ उ वापस लौटा अउर ऊँच आवाज मँ परमेस्सर क गुन गावइ लाग। 16 उ मुँहना धइके ईसू क गोड़वा पर गिरि गवा अउर ओकर ऍहसान मानेस। (उ एक सामरी रहा।) 17 ईसू ओसे पूछेस, “का सबहिं दस क दसउ कोढ़ स छुटकारा नाहीं पाएन? फिन उ सबइ नौ कहाँ बाटेन? 18 का केवल सामरी क तजिके ओहमाँ स कउनो भी परमेस्सर क स्तुति करइ वापस नाहीं लौटा?” 19 फिन ईसू ओसे कहेस, “खड़ा ह्वा अउर चला जा, तोहार बिसवास तोहका चंगा किहेस ह।”

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