Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
1 समूएल 25-26

दाऊद अउ नाबाल

25 समूएल मरि गवा। इस्राएल क सबहिं मनइयन बटुर गएन अउर उ पचे समूएल क मउत प अफसोस परगट किहेन। उ पचे समूएल क ओकरे घर रामा मँ दफनाइ दिहेन।

तब्बइ दाऊद परन क रेगिस्तान मँ चला गवा। हँवाँ एक ठु मनई रहा जउन माओन मँ रहत रहा। उ बहोत धनी मनई रहा। ओकरे लगे तीन हजार भेड़ी अउर एक हजार बोकरी रहिन। उ कर्मेल मँ आपन भेड़ी क ऊन काटत रहा। उ मनई क नाउँ नाबाल रहा। उ कालेब क परिवार क रहा। ओकरी मेहरारु क नाउँ अबीगैल रहा। उ बुद्धिमती अउ बहोतइ सुन्नर मेहरारु रही। मुला नाबाल क्रूर नीच रहा।

दाऊद रेगिस्ताने मँ रहा, अउर उ सुनेस कि नाबाल आपन भेड़ी क ऊन काटत बाटइ। ऍह बरे दाऊद दस जवानन क नाबाल स बात करइ पठएस। दाऊद कहेस, “कर्मेल जा। नाबाल स भेंटा अउर ओका मोरी कइँती स ‘पैलगी’ कहा।” दाऊद नाबाल बरे इ संदेसा पठएस, “मोका आसा अहइ कि तू अउ तोहार परिवार सुखी अहइ। मइँ आसा करत हउँ कि जउन कछू तोहार अहइ, ठीक ठाक बाटइ। मइँ सुनेउँ ह कि तू आपन भेड़ी स ऊन काटत बाट्या। तोहार गड़रियन कछू समइ तलक हम पचन क संग रहत रहेन। अउर हम पचे ओनका कउनो कस्ट नाहीं दीन्ह। जब तलक तोहार गड़रिया कर्मेल मँ रहेन, हम ओनसे कछू नाहीं लीन्ह। आपन सेवकन स पूछा अउर उ पचे बताइ देइहीं कि इ सब कछू फुरे अहइ। कृपा कइके हमरे जवानन प दाया करा। इ खुसी क मौका प हम पचे आपक लगे पहुँचत अही। कृपा कइके आप जउन कछू चाहइँ, दइ देइँ। कृपा कइके इ मोरे बरे, आपन मीत दाऊद बरे करइँ।”

दाऊद क मनई नाबाल क लगे गएन। उ पचे दाऊद क सँदेसा नाबाल क दिहन। 10 मुला नाबाल ओनकइ बरे छोटपन स बेउहार किहस। नाबाल कहस, “दाऊद अहइ कउन? इ जेसे क पूत कउन होत ह? इ दिनन ढेरिके दास बाटेन जउन आपन सुआमी लोगन क हिआँ स पराइ ग अहइँ। 11 मोरे लगे रोटी अउ पानी अहइ। अउर मोरे लगे उ माँस भी अहइ जेका मइँ भेड़ी स ऊन कतरइ वालन नउकरन बरे मारिके लिहेउँ ह। मुला मइँ ओका उ मनइयन क नाहीं दइ सकत हउँ जेनका मइँ जानत भी नाहीं हउँ।”

12 दाऊद क मनइयन लउटि गएन अउर नाबाल जउन कछू कहे रहा दाऊद क बताइ दिहस। 13 तब दाऊद आपन मनइयन स कहेस, “आपन तरवार उठावा।” ऍह बरे दाऊद अउ ओकर मनइयन तरवार उठाइ लिहन। लगभग चार सौ मनई दाऊद क संग गएन। अउर दुइ सौ मनई सामान क संग रुका रहेन।

अबीगैल मसीबत क रोकत ह

14 नाबाल क नउकरन मँ स एक ठु नाबाल क मेहरारु अबीगैल स बतियान। नउकर कहेस, “दाऊद रेगिस्तान स आपन दूतन क हमरे सुआमी (नाबाल) क लगे पठएस। मुला नाबाल दाऊद क दूतन क संग आपन निचकई क बेउहार किहस। 15 इ पचे हम पचन बरे बहोत भला रहेन। हम पचे भेड़ी लइके खेतन मँ जात रहेन। दाऊद क मनइयन हमरे संग बराबर रहेन। अउर उ पचे हमरे संग कउनो बुरा नाहीं किहेन। उ पचे पूरे समइ मँ हमार कछू भी नाहीं चोराएन। 16 दाऊद क मनइयन दिन रात हमार रच्छा किहेन। उ पचे हम लोग बरे चहरदेवार क नाई रच्छक रहेन। उ पचे हमार रच्छा तबहिं किहेन जब हम पचे भेड़ी क रखवारी करत भए ओनकइ संग रहेन। 17 अब इ बारे मँ सोचा अउर तय करा कि तू का कइ सकत ह। नाबाल कछू कहेस उ मूरखपन स भरा अहइ। हमार सुआमी अउर ओकरे समूचइ परिवार बरे अला बला आवति अहइ।”

18 अबीगैल हाली किहस। उ दुइ सौ पाव रोटी, दुइ दाखरस स भरा मसक, पाँच ठु भुना भइ भेड़ी, लगभग एक बुसल भुना भवा अनाज, दुइ र्क्वाट मुनक्का अउर दुइ सौ झूरान अंजीर क टिकिया लिहेस अउ ऍका गदहन प लादि दिहस। 19 तब अबीगैल आपन नउकरन स कहेस, “आगे चलत रहा। मइँ तोहरे पाछे आवति अहउँ।” मुला उ आपन भतार स कछू नाहीं कहेस।

20 अबीगैल आपन गदहा प बइठी अउर पहाड़े क दूसर कइँती पहुँची। उ दूसर कइँती स आवत भइ दाऊद अउ ओकरे मनइयन स भेटेस।

21 अबीगैल स मिलइ क पहिले दाऊद कहत रहा, “मइँ नाबाल क धन दौलत क रच्छा रेगिस्तान मँ कीन्ह। मइँ चिन्तित रहा कि ओकर कउनो भेड़ी खोवइ नाहीं। मइँ इ सब कछू बिना लिहे किहेउँ। मइँ ओकरे बरे नीक किहेउँ। मुला उ मोरे बरे कछू नीक नाहीं किहे रहा। 22 परमेस्सर मोका सजा देइ जदि मइँ नाबाल क परिवारे क कउनो एक मनई क जिअत रहइ देउँ।”

23 ठीक उहइ टेमॅ प अबीगैल आइ। मुला जब अबीगैल दाऊद क लखेस। उ हाली हाली आपन गदहा स उतरि पड़ी। उ दाऊद क समन्वा प्रणाम करइ निहुरी। उ आपन माथा भुइँया प टेकेस। 24 अबिगैल दाऊद क गोड़े प गिर पड़ी। उ कहेस, “मान्न, कृपा कइके मोका कछू कहइ देइँ। जउन मइँ कहउँ ओका सुना। जउन कछू भवा ओकरे बरे मोका दोख द्या। 25 मइँ उ मनइयन क नाहीं लखेउँ जेनका आप पठएन ह। साहब! उ बेकार मनई (नाबाल) प धियान जिन द्या। उ ठीक उहइ अहइ जइसे ओकर नाउँ अहइ। अउर उ फुरे ‘मूरख’ अहइ। 26 यहोवा आप क बेकसूर मनइयन क मारइ स रोकेस ह। फुरइ जइसे यहोवा हमेसा रहत ह वइसे आप जिअत अहइँ। मइँ आसा करत हउँ कि आपक दुस्मन लोग अउर जउन आप क नोस्कान पहुँचावइ चाहत हीं, उ सबइ नाबाल क राज्ज मँ होइहीं। 27 अब मइँ आप बरे इ भेंट लइ आइ अहउँ। कृपा कइके इ चीजन क आप उ मनइयन क दइ देइँ जउन आप क पाछे चलत हीं। 28 जुर्म करइ बरे मोका छिमा करइँ। मइँ जानत हउँ कि यहोवा आप क परिवार क मजबूत करिहीं अउ तोहरे परिवारे स ढेर क राजा अइहीं। यहोवा इ करिहीं काहेकि आप सब ओनके बरे जुद्ध करत हीं। मनइयन तब तलक आप मँ बुराई न पइहीं जब तलक आप जिअत रइहीं। 29 जदि कउनो मनई आप क मारि डावइ क पाछा करत ह, तउ यहोवा आपक परमेस्सर आपक जिन्नगी क रच्छा करिहीं। मुला यहोवा ओकर जिन्नगी क अइसे दूरि लोकइहीं जइसे गुलेल स पाथर लोकाइ दीन्ह जात ह। 30 यहोवा आप बरे बहोत स नीक चीजन क करइ क प्रण किहेस ह। अउर यहोवा आपन सबहिं वचन क पूरा करिहीं। परमेस्सर आप क इस्राएल क राजा बनइहीं। 31 अउर आप बेकसूर मनई क मारि डावइ क अपराधी न होइहीं। अउ आप इ जाल मँ न फँसिहीं। मेहराबानी कइके मोका उ टेम मँ याद राखा जब यहोवा आप क सफलता देइ।”

32 दाऊद अबीगैल क उत्तर दिहेस, “इस्राएल क परमेस्सर, यहोवा क गुण गावा। परमेस्सर तोहका मोसे भेंटइ पठए अहइ। 33 परमेस्सर तोहार नीक निर्णय बरे तोहका आसीर्बाद देइँ। तू आज मोका बेकसूर मनइयन क मारइ स बचावा। 34 सचमुच जइसे इस्राएल क परमेस्सर, यहोवा हमेसा रहत ह, जदि तू जल्दी स मोसे भेंटइ न आइ होती तउ भियान भिन्सारे तलक नाबाल क परिवार क कउनो भी मनई जिअत नाहीं बच पावत।”

35 तउ दाऊद अबीगैल क भेंट क अंगीकार किहस। दाऊद ओसे कहेस, “सान्ति स घर जा। मइँ तोहार बातन क सुनेउँ ह अउर मइँ उहइ करब जउन तू करइ क कहया ह।”

नाबाल क मउत

36 अबीगैल नाबाल क लगे लउटी। नाबाल घरे मँ मोजूद रहा। नाबाल एक ठु राजा क तरह भोज खात रहा। नाबाल जी भरिके दाखरस पिए रहा। उ बहोत जियादा पिए रहा। ऍह बरे अबीगैल नाबाल क दूसर भिन्सारे तलक कछू भी नाहीं बताएस। 37 दूसर दिन भिन्सारे ओकर नसा उतरा। ऍह बरे ओकर मेहरारु हर बात बताइ दिहस। फिन नाबाल क दिल क दउरा पड़ि गवा। उ चट्टान क नाई कठोर होइ गवा। 38 दस दिनाँ क पाछे यहोवा नाबाल क मरि जाइ दिहस।

39 दाऊद सुनेस कि नाबाल मरि गवा अहइ। दाऊद कहेस, “यहोवा क गुन गावा। नाबाल मोरे खिलाफ खराब बात किहेस ह, मुला यहोवा मोर समर्थन किहस। यहोवा मोका पाप करइ स बचाएस। अउर यहोवा नाबाल क मरि जाइ दिहस काहेकी उ अपराध किहे रहा।”

तब दाऊद अबीगैल क सँदेसा पठएस। दाऊद ओका आपन मेहरारू होइ क कहेस। 40 दाऊद क नउकर कार्मल गएन अउ अबीगैल स कहेस, “दाऊद हम पचन क तोहका लइ आवइ क पठएस ह। दाऊद चाहत ह कि तू ओकर मेहरारु बना।”

41 अबीगैल भुइँया तलक आपन माथा निहुराएस। उ कहेस, “मइँ आपक दासी अहउँ। मइँ सुआमी क सेवकन क गोड़ धोवइ बरे तइयार अहउँ।”

42 अबीगैल फउरन गद्हा प बइठी अउ दाऊद क दूतन क संग चल दिहस। अबीगैल आपन संग पाँच ठु नउकरानी लइ आइ। उ दाऊद क मेहरारु बनी। 43 दाऊद यिज्रेल क अहिनोअम स बियाह किहेस। अहिनोअम अउ अबीगैल दुइनउँ दाऊद क मेहरारु रहिन। 44 दाऊद साऊल क बिटिया मीकल स भी बियाह किहे रहेस। मुला साऊल ओका लइ लिहस अउर ओका एक मनई जेकर नाउँ पल्ती रहा, जउन लैस क पूत अउर गल्लीम क निवासी रहा ओकर क संग बियाही दिहस।

दाऊद अउ अबीसै साऊल क डेरा मँ घुसत हीं

26 जीप क मनई साऊल स भेंटइ गिबिया गएन। उ पचे साऊल स कहेन, “दाऊद हकिला क पहाड़ी मँ लुकान बा। इ पहाड़ी यसीमोन क ओह पार बा।”

साऊल जीप क रेगिस्तान मँ गवा। साऊल तीन हजार सिपाहियन क खुद समूचइ इस्राएल स छाँटिके साथ लिहस। साऊल अउ इ मनई जीप क रेगिस्ताने मँ दाऊद क हेरत रहेन। साऊल आपन डेरा हकीला क पहाड़ी प डाएस। डेरा सड़क क किनारे यसीमोन क पार रहा।

दाऊद रेगिस्तान मँ रहत रहा। दाऊद क पता लाग कि साऊल ओकर हुवाँ पाछा किहेस ह। तब दाऊद आपन जासूसन क पठएस अउ दाऊद क पता लाग कि साऊल हकीला क पहाड़ी प आइ गवा अहइ। तब दाऊद उ ठउरे प गवा जहाँ साऊल आपन डेरा डाए रहा। दाऊद लखेस कि साऊल अउ अब्नेर कहाँ सोवत अहइँ। (नेर क पूत अब्नेर साऊल क फउज क सेनापति रहा।) साऊल डेरा क बीच सोवत रहा। सारी फउज साऊल क चारिहुँ कइँती रही।

दाऊद हित्ती अहीमेलेक अउ यरूयाह क पूत अबीसै स बात किहस। (अबीसै योआब क भाई रहा।) उ ओसे कहेस, “मोरे संग साऊल क नगिचे ओकरे डेरा मँ कउन चली?”

अबीसै उत्तर दिहस, “मइँ तोहरे संग चलब।”

रात भइ। दाऊद अउ अबीसै साऊल क डेरा मँ गएन। साऊल डेरा क बीच सोवा रहा। ओकर भाला भुइँया मँ ओकरे मूँड़े क लगे धँसा रहा। अब्नेर अउ फउज साऊल क चारिहुँ कइँती सोइ रही। अबीसै दाऊद स कहेस, “आजु, परमेस्सर तोहरे दुस्मनन क हरावइ दिहेन ह। मोका साऊल क ओकरे भाला स ही जमीन मँ भोकां देइ द्या। मइँ ओका एक ही वार मँ मार देब।”

मुला दाऊद अबीसै स कहेस, “साऊल क जिन मारा। जउन कउनो चुना भवा राजा क मारत ह उ जरुर सजा पावत ह। 10 इ सच अहइ यहोवा जब तलक रही उ साऊल क खुद ही सजा देइ। होइ सकत ह साऊल आपन मउत पाइ या इ होइ सकत ह कि साऊल जुद्ध मँ मारा जाइ। 11 मुला मइँ पराथना करत हउँ कि यहोवा आपन चुना भवा राजा क मोसे चोट न करवावइ। अब पानी क गगरी अउर भाला उठावा जउन साऊल क मूँड़े क लगे बा। तब हम पचे चली।”

12 ऍह बरे दाऊद भाला अउ पानी क गगरी लिहस जउन साऊल क मूँड़े क लगे रहेन। तब दाऊद अउ अबीसै साऊल क डेरा क तजि दिहस। कउनो मनई एकरे बारे मँ न जान सका। कउनो भी मनई जागा नाहीं। साऊल अउ ओकर सिपाही सोवत रहेन काहे यहोवा ओनका गहिर नीदं मँ डाइ दिहे रहा।

दाऊद साऊल क फुन लजावत ह

13 दाऊद घाटी क दूसर कइँती निकरि गवा। साऊल क डेरा स घाटी क पार पहाड़े क चोटी प खड़ा रहा। दाऊद अउ साऊल क डेरा बहोत दूरी प रहेन। 14 दाऊद सेना अउ नेर क पूत अब्नेर क नरियाइके गोहराएस, “अब्नेर, मोका जवाब द्या।”

अब्नेर पूछेस, “तू कउन अहा? तू राजा क काहे बोलावत अहा?”

15 दाऊद जवाब दिहेस, “तू एक मनई अहा। मोसे कहा, का तू नाहीं अहा? अउर तू इस्राएल मँ कउनो भी दूसर मनई स नीक अहा। तब तू आपन सुआमी, राजा क रच्छा काहे नाहीं किहा? एक मामूली मनई तोहरे डेरा मँ तोहार सुआमी, राजा क मारइ आवा। 16 तू बहोतइ बड़ी गल्ती किहा। यहोवा क जिन्नगी क किरिया तोहका अउर तोहरे सिपाहियन क मरि जाइ चाही। काहेकि तू आपन सुआमी अउर यहोवा क चुना भवा राजा क रच्छा नाहीं किहा। साऊल क मूँड़े क लगे भाला अउ पानी क गगरी क खोज करा। उ सबइ कहाँ बाटेन?”

17 साऊल दाऊद क अवाज पहिचानत रहा। साऊल कहेस, “मोर पूत दाऊद, का इ तोहार आवाज बाटइ?”

दाऊद जवाब दिहस, “मोर सुआमी अउ राजा, हाँ! इ मोर अवाज अहइ।” 18 दाऊद इ भी पूछेस, “महाराज, आप मोर पाछा काहे करत अहइँ? मइँ कउन सी गल्ती किहेउँ ह? मइँ का करइ क अपराधी अहउँ? 19 मोर सुआमी अउ राजा, हमरउँ सुना। जदि यहोवा मोरे खिलाफ कोहाइ बरे किहेन ह तउ ओनका एक ठु भेंट अंगीकार करइ द्या। जदि मनई मोरे खिलाफ आपक कोहाएन ह तउ यहोवा क जरिए ओनकइ बरे कछू मुसीबत आवइ द्या। मनइयन मोका इ देस तजइ बरे मजबूर किहन ह, जेका यहोवा मोका दिहन ह। लोग मोसे कहेन, ‘जा। बिदेसी मनइयन क संग रहा। जा दूसर देवतन क पूजा करा।’ 20 मोका यहोवा क हाजिरी स दूर जिन मरइ द्या। इस्राएल क राजा एक मच्छर क हेरइ निकरा बा। आप उ मनई क तरह अहइँ जउन पहाड़े मँ तीतर क सिकार करइ निकरा होइँ।”

21 तबहिं साऊल कहेस, “मइँ पाप किहेउँ ह। मोर पूत दाऊद लउटि आवा। आज तू देखाँइ दिहा कि मोर जिन्नगी तोहरे बरे अनमोल बाटइ। यह बरे मइँ तोहका चोट पहुँचावइ क कोसिस न करब। मइँ मूरखपन क काम किहेउँ ह। मइँ एक ठु बहोत बड़ी गलती किहेउँ ह।”

22 दाऊद जवाब दिहेस, “राजा क भाला इ बाटइ। आपन कउनो नउ जवान क हिआँ आवइ द्या अउर उ लइ जाइ। 23 यहोवा मनइयन क करमे क फल देत हीं। जदि उ नीक करत ह तउ ओका ईनाम देत हीं अउर ओका सजा देत हीं जउन बुरा करत ह। यहोवा आज आप क मोका हरावइ दिहन, मुला मइँ यहोवा क चुना भवा राजा प चोट नाहीं करब। 24 आजु मइँ आपक देखाँइ दिहेउँ ह कि आपक जिन्नगी मोरे बरे अनमोल अहइ। इ तरह यहोवा देखाँइहीं कि मोर जिन्नगी ओनकइ बरे महत्व क बाटइ। यहोवा मोर रच्छा हर मुसीबते स करिहीं।”

25 तब साऊल दाऊद स कहेस, “मोर पूत दाऊद, परमेस्सर तोहका आसीर्बाद देइँ। तू बड़का कारज करब्या अउ सुफल होब्या।”

दाऊद आपन राहे प गवा, अउर साऊल घर लउटी आवा।

लूका 12:32-59

धने प भरोसा जिन करा

32 “हे भोली भेड़ी क झुण्ड! जिन डेराअ, काहेकि तोहार परमपिता तोहका राज्य देइ क तइयार अहइ। 33 तउ आपन धन दौलत बेंचिके धन गरीबन मँ बाँटि द्या। आपन लगे अइसी झोरी राखा जउन पुरान न होई अरथ बा कबहुँ न टूटइवाला सरगे मँ खजाना जहाँ ओह तलक कउनो चोर क पहुँच न होइ। अउर न ओका न किरवा नास कइ पावइँ। 34 काहेकि जहाँ तोहार खजाना अहइ, हुवँई तोहार मनवा भी रही।

सदा तइयार रहा

(मत्ती 24:42-44)

35 “काम करइ क सदा तइयार रहा। अउर आपन दिया बारे रहा। 36 अउर ओ मनइयन जइसा बना जउन बियाह क भोज स लौटिके आवत आपन स्वामी क जोहत होइँ जेहसे उ जब आवइ अउर दुआर खटखटावइ तउ उ पचे फउरन खोलि सकइँ। 37 उ नउकर धन्य अहइँ जेका स्वामी वापस आइके जागत अउर तइयार पइहीं। मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि उ भी ओनकर सेवा बरे करिहाउँ बाँधि लेइ अउर ओनका खइया क पीढ़ा प जेवइं बरे बइठाई। उ आई अउर ओनका जेंवाइ। 38 उ चाहे आधी राति स पहिले आवइ अउर चाहे आधी राति क पाछे जदि उ ओनका तइयार पावत ह तउ उ सबइ धन्य अहइँ।

39 “इ बात बरे निस्चित रहा कि जदि घरे क स्वामी क इ पता होइ कि चोर कउनो घड़ी आवत अहइ, तउ उ ओका आपन घरे मँ सेंध नाहीं लगावइ देइ। 40 तउ तू भी तइयार रहा काहेकि मनई क पूत अइसी घड़ी मँ आई जेका तू सोच नाहीं सकत्या।”

बिसवास क जोग्ग सेवक कउन?

41 तब पतरस पूछेस, “पर्भू इ दिस्टान्त कथा तू हमरे बरे कहत अहा या सब बरे?”

42 ऍह प पर्भू कहेस, “तउ फिन अइसा बिसवास क जोग्ग, बुद्धिमान संरजाम अधिकारी कउन होइ जेका पर्भू आपन नउकरन क ठीक समइ प खइया क चीज देइ बरे ठहराइ? 43 उ नउकर धन्य अहइ जेका ओकर स्वामी जब आवइ तउ ओका वइसा ही करत पावइ। 44 मइँ सच कहत हउँ कि उ ओका आपन सबहिं धन दौलत क अधिकारी ठहराइ।

45 “मुला उ नउकर आपन मनवा मँ सोचइ कि मोर स्वामी तउ आवइ मँ देर करत अहइ अउर उ दूसर पुरुस अउर स्त्री नउकरन क मारब पीटब सुरु कइ देइ अउर खाइ पिअइ अउर नसा मँ चूर होइ। 46 तउ उ जउकर क स्वामी अइसे दिन आइ जाइ जेका उ सोचत नाहीं। एक ठु अइसी घरी जेकरे बारे मँ निसाखातिर अहइ। फिन भी ओकर टुकरा टुकरा कइ डाइ अउर ओका न बिसवास करइयन क बीच ठउर देइ।

47 “उ नउकर जउन आपन स्वामी क इच्छा जानत ह अउर ओकरे बरे तइयार नाहीं होत या जइसा ओकर स्वामी चाहत ह, वइसहु नाहीं करत, तउ नउकर प जमिके मार परी। 48 मुला उ जेका आपन स्वामी क इच्छा क ग्यान नाहीं अउर कउनो अइसा काम कइ डावइ जउन मार खाइ काबिल होइ तउ उ नउकर प हल्की मार परी। काहेकि उ हर मनई स जेका बहोत जिआदा दीन्ह ग अहइ, जिआदा माँगा जाइ। उ मनई जेका ढेर सौंपा ग अहइ ओसे जिआदा ही माँगा जाइ।”

मनइयन क मत ईसू स मेल नाहीं खात

(मत्ती 10:34-36)

49 “मइँ धरती प एक आगी बारइ आवा हउँ मोर केतॅनी इच्छा अहइ कि उ साइद अबहुँ ताई बरि जात। 50 मोरे लगे एक बपतिस्मा अहइ जउन मोका लेब बा जब ताईं उ पूरा नाहीं होइ जात, मइँ केतॅना बियाकुल हउँ। 51 तू का सोचत बाट्या कि मइँ इ धरती प सान्ति लइ आवइ क बरे आवा हउँ? नाहीं, मइँ तोहका बतावत हउँ, मइँ अलगावइ आवा हउँ। 52 काहेकि अब स आगे एक घरे क पाँच आदमी एक दूसर क खिलाफ बँटि जइहीं। तीन दुइ क बिरोध मँ अउर दुइ तीन क बिरोध मँ होइ जइहीं।

53 बाप बेटवा क बिरोध मँ,
    अउर बेटवा बाप क बिरोध मँ,
महतारी बिटिया क बिरोध मँ,
    अउर बिटिया महतारी क बिरोध मँ,
सास दुलहिन क बिरोध मँ
    अउर दुलहिन सास क बिरोध मँ होइ जइहीं।”

समइ क पहिचान

(मत्ती 16:2-3)

54 फिन उ भीड़ स बोला, “जब तू पच्छूँ कइँती कउनो बदरे क उठत भइ लखत ह तउ कहि देत ह, ‘बरखा आवति अहइ।’ अउर फिन अइसा ही होत ह। 55 अउर फिन जब दखिनी हवा चलत ह, तू कहत ह, ‘गरमी पड़ी’ अउर अइसा ही होत ह। 56 अरे कपटी मनइयो! तू धरती अउर अकासे क रूपे क समझाउब तउ जानत बाट्या, फिन अइसा काहेकि इ जुग क बारे मँ समझउत्या नाहीं?”

आपन समसिया हल करा

(मत्ती 5:25-26)

57 “जउन नीक अहइ, ओकर फैसला करइवाला तू खुद काहे नाहीं बनत्या? 58 जब तू आपन बैरी क संग न्यायाधीस क लगे जात रहब्या तउ रास्ता मँ ही ओकरे संग समझौता करइ क जतन करया। नाहीं तउ कहूँ अइसा न होइ कि उ तोहका न्यायाधीस क लगे खैंच लइ जाइँ अउर न्यायाधीस एक अधिकारी क सौंपि देइ। अउर अधिकारी तोहका जेलि मँ धाँध देइ। 59 मइँ तोहका बतावत हउँ, तू हुवाँ स तब ताईं छूटि नाहीं पउब्या जब तलक आखिरी दमड़ी तक न चुकाइ द्या।”

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.