Old/New Testament
इस्राएल क संग परमेस्सर क करार
19 मिस्र स आपन जात्रा करइ क तीसरे महीना मँ इस्राएल क मनइयन सीनै रेगिस्तान मँ पहुँचेन। 2 उ पचे रपीदीन स चलिके सीनै रेगिस्तान मँ आएन। इस्राएल क मनइयन रेगिस्ताने मँ पर्वत क नगिचे डेरा डाएन। 3 तबहिं मूसा पहाड़े प परमेस्सर क लगे गवा। यहोवा ओसे पर्वत प कहेस, “इ बातन क इस्राएल क मनइयन यानी याकूब क बड़का परिवार स कहा, 4 ‘तू पचे निहार्या ह कि मइँ आपन दुस्मनन क का कइ सकत हउँ। तू पचे लख्या ह कि मइँ मिस्र क मनइयन क संग का किहेउँ ह अउ इस्राएल क लोगन क संग का किहेउँ ह। तू सबइ देख्या ह कि मइँ तू सबन्क मिस्र स बाहेर एक उकाब क नाई निकारा ह अउर हिआँ आपन निचके लइ आवा ह। 5 ऍह बरे जदि तू मोरे कथन का माना अउर मोरे आदेसन क पालन करा तउ तू पचे मोरे खास लोग होब्या। समूचइ धरती मोर अहइ। मुला मइँ तोहका आपन खास लोग चुनत अहउँ। 6 तू पचे मोरे एक खास रास्ट्र-याजक क समराज होब्या।’ मूसा, जउन बतियन क मइँ तोहका बताएउँ ह ओनका इस्राएल क मनइयन क जरूर कहि दिहा।”
7 ऍह बरे मूसा पहाड़े स तरखाले उतरा अउ लोगन क सासकन क बोलाएस। मूसा लोगन क सासकन स इ कहेस जउन कहइ क यहोवा ओका हुकुम दिहे रहेन। 8 फुन सबहिं लोग उहइ समइ एक साथ बोलेन, “हम पचे यहोवा क हर आदेसन क मानब जउन यहोवा कहत ह।”
तबहिं मूसा यहोवा क लगे पहाड़े प लौटि आवा। मूसा परमेस्सर स कहेस कि मनइयन ओनके हुकुम क पालन करिहीं। 9 अउर यहोवा मूसा स कहेस, “मइँ घनघोर घटा मँ तोहरे लगे आउब। मइँ तोहसे बात करब। सबइ लोग मोका तोहसे बात करत सुनिहीं। मइँ इ ऍह बरे करब जेहसे लोग ओन बातन मँ सदा पतियइहीं जउन तू ओनसे कहत अहा।”
तब मूसा यहोवा क उ सब बातन क बताएस जउन लोगन ओसे कहेन।
10 यहोवा मूसा स कहेस, “आज अउ भियान तू लोगन क खास सभा बरे जरूर तइयार करा। लोगन क आपन ओढ़ना धोइ लेइ चाही। 11 अउ तीसरे दिन मोरे बरे तइयार रहइ चाही। तीसरे दिना यहोवा सीनै पहाड़े प आइ, अउर सबहीं लोग यहोवा क निहरिहीं। 12-13 मुला लोगन स तू जरूर कहि दिहा कि उ पचे पहाड़े स दूर ठहरइँ। एक ठु रेखा खइँच द्या अउ ओनका उ रेखा क पार न होइ द्या। जदि कउनो मनई या गोरू पहाड़े क छुइ तउ ओका जरूर मारि दीन्ह चाही। ओका पथरे या तीर स जरूर मारि डावा जाइ। मुला कउनो क ओका छुअइ नाहीं दीन्ह जाइ। लोगन क बिगुल स लम्बी आवाज निकलइ तलक जोहइ क पड़ी। उहइ समइया ओनका पहाड़े प जाइ दीन्ह जाइ।”
14 तउ मूसा पहाड़े स खाले उतरि आवा। उ लोगन क नगिचे गवा अउर ओनका खास बइठक बरे तइयार किहेस। मनइयन आपन ओढ़ना धोएन।
15 तब मूसा लोगन स कहेस, “परमेस्सर स मिलइ खातिर तीन दिना मँ तइयार होइ जा। उ टेम तलक कउनो मनई अउरत क संग सोवइ न चाही।”
16 तीसरे दिना क भिन्सारे घनघोर घटा पर्वत प आइ। बिजुरी क कड़कब अउ बदरे क गरजब भवा। इ समइया बिगुल क बाजब ऊँची अवाज मँ भवा। डेरा क सबहिं लोग ससाइ गएन। 17 तब मूसा लोगन क डेरा स बाहेर पहाड़े क तलहटी प परमेस्सर स भेंटइ बरे गवा। 18 सीनै पहाड़ धुआँ स ढँकि गवा। पहाड़े स धुआँ अइसा निकरा जइसे भट्ठी स निकरत होइ। इ ऍह बरे भवा कि यहोवा आगी मँ पहाड़े प उतरेन। अउर साथ ही समूचा पहाड़ थरथर काँपइ लाग। 19 बिगुल क अवाज जोर स जिआदा जोरदार होत गइ। जबहुँ मूसा परमेस्सर स बात किहेस, परमेस्सर बदरे क गरज क नाईं ऊँची अवाज मँ ओका जवाब दिहस।
20 इ तरह यहोवा सीनै पहाड़े प उतरा। तबहिं यहोवा मूसा क आपन लगे पहाड़े क चोटी प आवइ बरे कहेस। ऍह बरे मूसा पहाड़े प चढ़ि गवा।
21 यहोवा मूसा स कहेस, “जा अउर लोगन क चेताउनी दइ द्या कि उ पचे मोका निहारइ बरे मोरे लगे न आवइँ। जदि उ पचे अइसा करिहीं तउ उ पचे मरि जइहीं। अउर इ तरह ढेर लोगन क मउत होइ जाइ। 22 ओन याजकन स भी कहा जउन मोरे लगे आवा चाहत हीं कि उ पचे इ खास मिलन बरे खुद क तइयार करइँ। जदि उ पचे अइसा नाहीं करतेन तउ मइँ ओनका सजा देब।”
23 मूसा यहोवा स कहेस, “मुला लोग पर्वते प नाहीं आइ सकत हीं। आप खुद ही हम का एक रेखा खइँचके पहाड़े क पवित्तर समुझइ अउ ओका पार न करइ बरे मोसे कहे रह्या।”
24 यहोवा ओसे कहेस, “लोगन क लगे जा अउ हारून क लइ आवा। ओका आपन संग वापस लइ आवा। मुला याजकन अउ लोगन क मोरे लगे जिन आवइ द्या। जदि उ पचे भी मोरे जिआदा नगिचे अइहीं तउ मइँ ओनका सजा देब।”
25 ऍह बरे मूसा लोगन क लगे गवा अउ ओनका इ सब बातन बताएस।
दस आग्यन
20 तबहिं परमेस्सर कहेस,
2 “मइँ तोहार परमेस्सर यहोवा हउँ। मइँ तोहका मिस्र देस स बाहेर लइ आएउँ। मइँ तोहका गुलामी स अजाद करावा। ऍह बरे तोहका सचमुच इन आदेसन क मानइ चाही।
3 “तोहार लगे मोर अलावा अउर कउनो देवतन नाहीं होइ चाही।
4 “तोहका कउनो भी मूर्ति या कउनो भी चीज क कउनो तस्वीर जिन बनवा जउन ऊपर अकासे मँ या खाले भुइयाँ प या धरती क तरखाले पानी मँ होइ। 5 कउनो भी तरह क मूर्ति क आराधना जिन करा, अउर न ही ओकर सेवा करा। काहेकी मइँ तोहार यहोवा परमेस्सर हउँ। मइँ ईस्यालु परमेस्सर हउँ। जउन मनई मोरे खिलाफ पाप करत ह तउ उ हमार दुस्मन होइ जात ह। मइँ उ मनइयन क सजा देब। अउर मइँ ओनके गदेलन, ओनके नातिन पोतन अउ ओनके पर-नतिन पोतन क भी सजा देब। 6 मुला मइँ ओन लोगन प कृपा करब जउन मोसे पिरेम करिहीं अउ मोरे हुकुमन क मनिहीं। मइँ ओनके परिवारे बरे हजारन पीढ़ी तलक कृपा करब।
7 “तोहरे परमेस्सर यहोवा क नाउँ क बइपरब तोहका गलत ढंग स नाहीं करइ चाही। जदि कउनो मनई यहोवा क नाउँ क प्रयोग गलत ढंग स करत ह तउ उ अपराध करत ह अउ यहोवा ओका बे अपराधे क न मनिहीं।
8 “तोहका सबित क दिन क एक खास दिन क रूप मँ मनावइ क याद रखइ चाही। 9 हफ्ता मँ तू छ दिन तलक काम कइ सकत ह। 10 मुला सातवाँ दिन, सबित क दिन यहोवा तोहरे परमेस्सर क मान देइ बरे अराम क दिन अहइ। ऍह बरे उ दिन कउनो व्यक्ति-तू, तोहार बेटवा अउ बिटिया तोहरे नउकर अउ नउकरानी, गोरू अउर तोहरे सहर मँ रहइवाला बिदेसी क काम न करिहीं चाही। 11 काहेकी यहोवा छ: दिना तलक काम किहेस अउ अकास, धरती, सागर अउ ओनके बरे हर चीज बनएस। अउ सातवाँ दिन यहोवा अराम किहेस। इ तरह यहोवा सबित क दिन क बरदान दिहेस कि ओका अराम क पवित्तर दिन क रूप मँ मनावा जाइ। यहोवा ओका बहोत ही खास दिन बनएस।
12 “आपन बाप अउ महतारी क इज्जत करा। इ करा ताकि तू उ धरती प जउन धरती क परमेस्सर तोहका देत अहइ, लम्बी जिन्नगी बिताइ सका।
13 “तोहका कउनो व्यक्ति क कतल नाहीं करइ चाही।
14 “तोहका जिनाखोरी क पाप न करइ चाही।
15 “तोहका चोरी न करइ चाही।
16 “तोहका आपन पड़ोसी क खिलाफ झूठी गवाही न देइ चाही।
17 “तोहका पड़ोसी क घर हथियावइ क इच्छा न करइ चाही। तू आपन पड़ोसी क मेहरारू, ओकर नउकर अउ नउकरानी, ओकर गोरू अउ ओकरे गदहा क हथियावइ क इच्छा नाहीं करइ क चाही। तोहका दूसर व्यक्ति क चीजन्क लेइ क इच्छा न करइ चाही।”
लोगन यहोवा स डेरानेन
18 घाटी मँ लोग बदरे क गर्जब अउ पहाड़े प बिजुरी क चमकब निहारेन। उ पचे बिगुल क अवाज सुनेन अउ पहाड़े स धुआँ उठब लखेन। मनइयन डेरानेन अउ भय स काँपि गएन। उ पचे पर्वते स दूर ठाड़ रहेन अउ निहारत रहेन। 19 तब लोगन मूसा स कहेन, “जदि तू हम पचन स कछू कहइ चहब्या तउ हम पचे सुनब। मुला परमेस्सर क हम पचन स बात जिन करइ द्या। जदि इ होइ तउ हम पचे मरि जाब।”
20 तब मूसा लोगन स कहेस, “जिन डेराअ। यहोवा तोहार परिच्छा लइ बरे आएस ह। उ चाहत ह कि तू पचे ओका मान द्या जेहसे तू पचे पाप जिन कइ सका।”
21 लोग उ समइ उठिके पर्वते स दूर चला गएन जबहिं मूसा उ घना बदरे मँ गवा जहाँ यहोवा रहेन। 22 तबहिं यहोवा मूसा स इस्राएलियन क कहइ बरे इ बातन क कहेस: “तू पचे निहार्या ह कि मइँ तोहसे अकास स बात कीन्ह ह। 23 ऍह बरे तू पचे मोरी बराबरी करइ बरे सोना अउ चाँदी क मूर्ति जिन बनवा। तोहका झूठे देवतन क मूतिर्यन न बनवइ चाही।
24 “मोरे बरे एक खास वेदी बनवा। इ वेदी बनवइ बरे मिटी बइपरा। इ वेदी प मोका बलि क रूप मँ होम बलि अउ सान्ति भेंट चढ़ाइ द्या। इ काम बरे आपन भेड़ अउ गोरू क इस्तेमाल करा। ऍका उ सबहिं ठउरे प करा जहाँ मइँ आपन क याद करइ बरे कहउँ। तबहिं मइँ आउब अउ तोहका आर्सीबाद देब। 25 जदि तू लोग वेदि क बनवइ बरे चट्टान क बइपरत ह तउ उ पाथर क न बइपरइँ जउने पाथर क लोह क औजार स काटा गवा ह। जदि तू अइसा करत ह तउ मइँ उ वेदी क अगींकार न करब। 26 तू पचे वेदी प पहुँचइ बरे सीढ़ी जिन बनया। जदि सीढ़ी होइ तउ लोग ऊपर वेदी क लखिहीं तउ उ पचे तोहरे ओढ़ना क नीचे स तोहका निहरिहीं।”
छमा क न करइया नउकर क दिस्टान्त कथा
21 फिन पतरस ईसू क लगे गवा अउर बोला, “पर्भू, मोका आपन भाई क केतॅनी दाईं आपन खिलाफ जुर्म करइ प छमा कइ देइ चाही? जदि उ सात दाई जुर्म करइ तउ भी?”
22 ईसू कहेस, “न सिरिफ सात दाईं, मुला मइँ तोहसे बतावत हउँ तोहका ओका सतहत्तर[a] दाईं तलक छमा करत जाइ चाही।”
23 “सरगे राज्य क तुलना ओ राजा स कीन्ह जाइ सकत ह जउन आपन नउकरन स हिसाब अदा करइ क बिचारे रहा। 24 जब उ हिसाब लेब सुरु करेस तउ ओकरे समन्वा एक अइसे मनई क लइ आवा गवा जेहॅ प दसउ लाख रुपया निकरत रहा। 25 मुला ओकरे लगे चुकाइ देइ क कउनो उपाय नाहीं रहा। ओकर मालिक हुकुम दिहेस कि उ नउकर क, ओकर पत्नी, ओकर बाल बचवन अउर जउन कछू माल असबाब अहइ, सब समेट के बेचे स कर्ज अदा कइ दीन्ह जाइ।
26 “ऍह प ओकर नउकर ओकरे गोड़वा प गिरिके गिड़गिड़ाइ लाग, ‘धीरा धरा, मइँ सब कछू चुकाइ देइहउँ।’ 27 तब जाइके मालिक क तरस आवा अउर ओकर कर्जा माफ कइ दिहस।
28 “फिन जब उ नउकर हुवाँ स जात रहा तउ ओका ओकर एक साथी नउकर मिला जेका सउ दिनारी[b] देइ क रहा। उ ओकर ढोंढ़ा पकड़िके गटइया क दबावत कहेस, ‘जउन तोहका मोर देइ क अहइ, लउटाइ द्या!’
29 “ऍह प ओकर साथी नउकर गोड़वा प गिरि गवा अउर बीसउ नह जोड़ेस, ‘धीरा धरा, मइँ तोहका दइ देब।’
30 “मुला उ मना कइ दिहस। ऍतना ही नाहीं उ ओका तब तलक बरे, जब तलक उ ओकर कर्ज अदा न कइ देइ, जेल मँ पठएस। 31 दूसर संगी नउकरन देखेन कि का भवा, उ सबइ बहोत दुखी भएन। जउन कछू भवा रहा, सब आपन मालिक क जाइके बताइ दिहन।
32 “तब ओकर मालिक ओका बोलाएस अउर कहेस, ‘अरे नीच नउकर, मइँ तोहार सारा कर्ज माफ कइ दिहउँ काहेकि तइ कहेस कि दाया क भीख द्या। 33 का तोहका आपन संगी नउकर प दाया नाहीं करइ चाही जइसे मइँ तोह प दाया किहउँ?’ 34 तउ ओकर मालिक कोहाइ गवा अउर ओका तब ताईं सजा भुगतइ बरे सुपुर्द करेस जब ताईं समूचा कर्ज अदा न होइ जाइ।
35 “तउ जब तलक तू आपन भाई बंद क आपन मनवा स छमा नाहीं कइ दिहा मोर सरगे क परमपिता भी तोहरे साथ वइसा ही बेवहार करी।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.