Old/New Testament
परमेस्सर इस्राएल क पतियावत ह
46 ऍह बरे इस्राएल मिस्र क आपन जात्रा सुरु किहस। पहिले इस्राएल बेर्सेबा पहोंचा। हुआँ इस्राएल आपन पिता इसहाक क परमेस्सर क आराधना अउर बलि भेंट किहस। उ बलि दिहेस। 2 राति मँ परमेस्सर इस्राएल स सपना मँ बोला। परमेस्सर कहेस, “याकूब, याकूब”
अउ इस्राएल जवाब दिहेस, “मइँ हिआँ अहउँ।”
3 तब परमेस्सर कहेस, “मइँ यहोवा तोहरे बाप क परमेस्सर अहउँ। मिस्र जाइ स डेराअ जिन। मिस्र मँ मइँ तोहका महान रास्ट्र बनाउब। 4 मइँ तोहरे संग मिस्र चलब अउ मइँ तोहका फुन मिस्र मँ स बाहेर निकारि लाउब। तू मिस्र मँ मरिब्या। मुला यूसुफ तोहरे संग रही। जब तू मरब्या तउ उ खुद आपन हाथन स तोहार आँखी बन्द करी।”
इस्राएल मिस्र क जात ह
5 तब याकूब बेर्सेबा तजेस अउ मिस्र तलक जात्रा किहस। ओकर बेटवन, अर्थात इस्राएल क बेटवन अउ बाप, आपन मेहररुअन अउ आपन सबहि बच्चन क मिस्र लइ गएन। उ पचे फिरौन क जरिये पठई गइन गाड़ियन मँ जात्रा किहेन। 6 ओनके लगे, ओनकइ गोरु अउ कनान देस मँ ओनका आपन जउन कछू रहा, उ भी संग रहा। इ तरह इस्राएल आपन सबहि लरिकन अउ आपन परिवारे क संग मिस्र गवा। 7 ओकरे संग ओकर बेटवन अउ बिटियन अउ पोतन अउर पोतिन रहिन। ओकर सारा परिवार ओकरे संग मिस्र गवा।
याकूब क परिवार
8 इ इस्राएल क ओन पूतन अउ परिवारन क नाउँ अहइँ जउन ओकरे संग मिस्र गएन।
रूबेन याकूब क पहिला पूत रहा। 9 रूबेन क पूत रहेन: हनोक, पललू, हेस्रोन अउ कर्म्मी।
10 सिमोन क पूत: यमूएल, यामीन, ओहद, याकीन अउ सोहर। हुआँ साऊल भी रहा। (साऊल कनानी मेहरारु स पइदा भवा रहा।)
11 लेवी क बेटवन: गोर्सोन, कहात अउ मरारी
12 यहूदा क पूतन: एर, ओनान, सेला, पेरेस अउ जेरह। (एर अउ ओनान कनान मँ रहत समइ मर ग रहेन।) पेरेस क पूतन: हेस्रोन अउ हामूल।
13 इस्साकार क पूतन: तोला, पुब्बा, योब अउ सिम्रोन।
14 जबूलून क पूतन: सेरेद, एलोन, अउ यहलेल।
15 रूबेन, सिमोन लेवी, यहूदा, इस्साकार अउ जबूलून जउन याकूब क मेहरारु लिआ क पूतन रहेन। लिआ क उ पूतन पद्दन-अराम मँ रहेन अउर ओकर संग दीना नाउँ क एक ठु बिटिया भी रही। इ परिवारे मँ तैंतीस मनई रहेन।
16 गाद क पूतन: सिय्योन, हाग्गी, सूनी, एसबोन, एरी, अरोदी, अउर अरेली।
17 आसेर क पूतन: यिम्ना, यिस्वा, यिस्वी, बरीआ अउ ओनकइ बहिन सेरह अउ बरीआ क पूतन: हेबेर अउ मल्कीएल रहेन।
18 इ सबइ याकूब क मेहरारु क दासी जिल्पा स ओकरे पूत रहेन। (जिल्पा लाबान क दुआरा ओकरे बिटिया लिआ क दीन्ह गवा रहेन।) इ परिवारे मँ सोलह मनई रहेन।
19 याकूब क संग ओकर मेहरारु राहेल स पइदा भवा पूत बिन्यामीन भी रहा। (यूसुफ भी राहेल स पइदा रहा, मुला उ पहिले स ही मिस्र मँ रहा।)
20 मिस्र मँ यूसुफ क दुइ पूतन रहेन, मनस्से अउ एप्रैम। (यूसुफ क मेहरारु ओन क याजक पोतीपेरा क बिटिया आसनत रही।)
21 बिन्यामीन क पूत: बेला, बेकेर, अस्बेल, गेरा, नामान, एही, रोस, मुप्पीम, हुप्पीम अउ आर्द।
22 उ पचे याकूब क मेहरारु राहेल स पइदा भए ओकर दुइ पूत रहेन। इ परिवार मँ चौदह मनई रहेन।
23 दान क पूत: हूसीम।
24 नप्ताली क पूतन: यहसेल, गूनी, सेसेर, अउर सिल्लेम।
25 उ पचे याकूब अउ बिल्हा क पूत रहेन। (बिल्हा राहेल क नउकरानी रही। जेका लाबन ओका दिहे रहेन) इ परिवारे मँ सात मनई रहेन।
26 इ तरह याकूब क सन्तानन मिस्र मँ पहोंचिन। ओनमाँ छाछठ ओकर सोझ संतान रहिन। (इ गनती मँ याकूब क बेटवन क मेहरारुअन सामिल नाही रहिन।) 27 यूसुफ क भी दुइ पूत रहेन। उ पचे मिस्र मँ पइदा भ रहेन। इ तरह मिस्र मँ याकूब क परिवार मँ सत्तर मनई रहेन।
इस्राएल मिस्र पहोंचत ह
28 इस्राएल पहिले यहूदा क यूसुफ क लगे पठएस। यहूदा गोसेन प्रदेस मँ यूसुफ क लगे गवा। जब इस्राएल अउ ओकर लोग उ प्रदेस मँ गएन। 29 यूसुफ क पता लाग कि ओकर पिता नगिचे आवत अहइ। ऍह बरे यूसुफ आपन रथ तइयार कराएस अउ आपन पिता इस्राएल स गोसेन मँ भेटंइ चला। जब यूसुफ आपन पिता क लखेस तब उ ओकरे गटइया स लपटि गवा अउ देर तलक रोवत रहा।
30 तब इस्राएल यूसुफ स कहेस, “अब मइँ सान्ति स मरि सकत हउँ। मइँ तोहार मुँह देखि लिहेउँ ह अउर मइँ जानत हउँ कि तू अबहि जिअत अहा।”
31 यूसुफ आपन भाइयन अउ आपन पिता क परिवार स कहेस, “मइँ जाब अउ फिरौन स कहब कि मोरे पिता हिआँ आइ ग अहइँ। मइँ फिरौन स कहब, ‘मोर भाइयन अउ मोर पिता क परिवार कनान देस तजि दिहे अहइ अउर हिआँ मोरे लगे आइ ग अहइँ। 32 इ गड़रिया क परिवार अहइ। उ पचे हमेसा गोरु अउ खरका राखे अहइँ। उ पचे आपन सबहि जनावर अउ ओनकइ जउन कछू आपन अहइ ओका आपन संग लइ आए अहइँ।’ 33 जब फिरौन आप लोगन क बोलइही अउ आप लोगन स पूछिही, ‘आप लोग का काम करत ही?’ 34 आप लोग ओनसे कहया, ‘हम पचे गड़रिया अही। हम सबइ पूरी जिन्नगी जनावरन क देखरेख मँ बितावा ह। हम लोगन स पहिले हमार पुरखन भी अइसे रहेन।’ तब फिरौन तू लोगन क गोसेन प्रदेस मँ रहइ क आग्या दइ देइ। मिस्र क लोग गड़रिया क पसन्द नाही करतेन, ऍह बरे बढ़िया उहइ होइ कि आप लोग गोसेन मँ ही ठहरइँ।”
इस्राएल गोसेन मँ बसत ह
47 यूसुफ फिरौन क लगे गवा अउ उ कहेस, “मोर पिता, मोर भाई अउ ओनके सबहि परिवार हिआँ आइ ग अहइँ। उ सबइ आपन सबइ जनावर तथा कनान मँ ओनकइ आपन जउन कछू रहा, ओकरे संग अहइ। इ टेम उ सबइ गोसेन प्रदेस मँ अहइँ।” 2 यूसुफ आपन भाइयन मँ स पाँच क फिरौन क समन्वा हाजिर होइ बरे चुनेस।
3 फिरौन भाइयन स पूछेस, “तू लोग का काम करत अहा?”
भाइयन फिरौन स कहेन, “महोदय, हम पचे गड़रिया अही। हम लोगन स पहिले हमार पुरखन भी गड़रिया रहेन।” 4 उ पचे फिरौन स कहेन, “कनान मँ भुखमरी क इ टेम बहोत बुरा बाटइ। हम लोगन क गोरुअन क घास वाला कउनो खेत बचा नाही रहि गवा बाटइ। ऍह बरे हम लोग इस देस मँ बसइ आवा अही। आप से हम पचे बिनती करत अही कि आप कृपा कइके हम लोगन क गोसेन प्रदेस मँ रहइ देइँ।”
5 तब फिरौन यूसुफ स कहेस, “तोहरे पिता अउ तोहार भाई तोहरे लगे आवा अहइँ। 6 तू मिस्र मँ कउनो भी जगह ओनके रहइ बरे चुन सकत ह। आपन पिता अउ आपन भाइयन क सबसे अच्छी भुइँया द्या। ओनका गोसेन पहटा मँ रहइ द्या अउ अगर उ सबइ कुसल गड़रिया अहउँ, तउ उ पचे मोरे जनावरन क भी देख भाल कइ सकत ही।”
7 तब यूसुफ आपन पिता याकूब क भितरे फ़िरौन क समन्वा बोलाएस। याकूब फिरौन क आसीर्बाद दिहस।
8 तब फिरौन याकूब स पूछेस, “आप क उमिर का अहइ?”
9 याकूब फिरौन स कहेस, “बहोत स कस्टन क संग मोर छोटी जिन्नगी रही। मइँ सिरिफ एक सौ तीस बरिस जिन्नगी बिताएउँ ह। मोर पिता अउ ओनके पुरखन मोसे बेसी उमिर तक जिअत रहेन।”
10 याकूब फिरौन क आसीर्बाद दिहस। तब फिरौन स बिदा लेइके चल दिहस।
11 यूसुफ फिरौन क हुकुम मानेस। उ आपन पिता अउ भाइयन क मिस्र मँ भुइँया दिहस। इ रामसेस सहर क निअरे मिस्र मँ सबसे बढ़िया भुइँया रही। 12 यूसुफ आपन पिता भाइयन अउ ओनके आपन लोगन क, जउन भोजन ओनका जरुरी रहा, दिहस।
यूसुफ फिरौन बरे भुइँया खरीदत ह
13 भुखमरी क समइ अउर भी जियादा बुरा होइ गवा। देस मँ कही भी भोजन न रहा। इ बुरा समइ क कारण मिस्र अउ कनान बहोत गरीब होइ गएन। 14 देस मँ लोग जियादा स जियादा अनाज बेसहइ लागेन। यूसुफ धन बचाएस अउ ओका फिरौन क महल मँ लिआएस। 15 कछू समइ पाछे मिस्र अउ कनान मँ लोगन क लगे पइसा नाही रहा। उ पचे आपन सारा धन अनाज बेसहइ मँ खर्च कइ दिहन। ऍह बरे लोग यूसुफ क लगे गएन अउ बोलेन, “कृपा कइके हम पचन क खइया क द्या। हम पचन क धन खतम होइ ग अहइ। अगर हम लोग नाहीं खाब तउ आप क लखत लखत मरि जाब।”
16 मुला यूसुफ जवाब दिहस, “आपन गोरु मोका द्या अउर मइँ तू लोगन क भोजन देब।” 17 ऍह बरे लोग आपन गोरु, घोड़ा अउ दूसर सबहि जनावरन क भोजन बेसहइ बरे प्रयोग मँ लावइ लागेन अउ उ बरिस यूसुफ ओनके गोरुअन क लिहस अउ भोजन दिहस।
18 मुला दूसर बरिस लोगन क लगे जनावर नाही रहि गएन अउ भोजन बेसहइ बरे कछू न रहा। ऍह बरे मनई यूसुफ क लगे गएन अउ बोलेन, “आप जानत ही कि हम लोगन क लगे धन नाही बचा बाटइ अउ हमार सबहिं गोरु आप क होइ गए अहइँ। ऍह बरे हम लोगन क लगे कछू नाही बचा अहइ। उ बचा अहइ सिरिफ, जउन आप लखत ही, हमार तन अउ हमार भुइँया। 19 आप क लखत भए ही हम फुरइ मरि जाब। मुला जदि आप मोका भोजन देत ही तउ हम फिरौन क आपन भुइँया देब अउ ओकर गुलाम होइ जाब। हमका बिआ द्या जेनका हम बोइ सकी। तब हम लोग जिअत रहब अउ मरब नाहीं अउ भुइँया हम लोगन बरे फुन अनाज उगाई।”
20 ऍह बरे यूसुफ मिस्र क सारी भुइँया फिरौन बरे बेसहेस। मिस्र क सबहि लोगन आपन खेतन क यूसुफ क हाथ बेंचि दिहन। उ पचे इ ऍह बरे किहन काहे कि उ पचे बहोत भुखान रहेन। 21 अउर सबइ लोग फिरौन क दास होइ गएन। मिस्र मँ सब जगह लोग फिरौन क दास रेहन। 22 एक सिरिफ उहइ भुइँया यूसुफ नाही बेसहेस जउन
याजकन क कब्जा मँ रही। याजकन क भुइँया बेंचइ क जरुरत नाही रही। काहेकि फिरौन ओनके काम बरे ओनका पगार देत रहा। ऍह बरे उ पचे इ धन क खाइ बरे भोजन बेसहइ मँ खरच किहन।
23 यूसुफ लोगन स केहस, “अब मइँ तू पचन क अउ तोहरी भुइँया क फिरौन बरे बेसहेउँ ह। ऍह बरे मइँ तू पचन क बिआ देब अउ तू लोग आपन खेतन मँ पौध लगाइ सकत ह। 24 फसल काटइ क समइ तू लोग फसल क पाँचवाँ हीसा फिरौन क जरुर दिह। तू पचे आपन खातिर पाँच मँ स चार हीसा रखि सकत ह। तू लोग उ बिआ क जेका भोजन अउ बोवइ बरे रखब्या ओका दुसरे बरिस प्रयोग कइ सकब्या। अब तू आपन परिवारन अउ गदेलन क खिआइ सकत ह।”
25 मनइयन कहेन, “आप हम लोगन क जिन्नगी बचाइ लिहन ह। हम लोग आप क अउ फिरौन क दास होइ मँ खुस अही।”
26 ऍह बरे यूसुफ उ समइ देस मँ एक नेम बनाएस अउ उ नेम अब तलक चला आवत अहइ। नेम क मुताबिक भुइँया स हर एक उपज क पाँचवाँ हीसा फिरौन क बाटइ। फिरौन सारी भुइँया क सुआमी अहइ। सिरिफ उहइ भुइँया ओकर नाही जउन याजकन क बाटइ।
“मोका मिस्र मँ जिन दफनाया”
27 इस्राएल मिस्र मँ रहेउँ। उ गोसेन पहटा मँ रहा। ओकर परिवार बाढ़ा अउ बहोत बड़वार होइ गवा। उ पचे मिस्र मँ उ भुइँया क पाएन अउ अच्छी जिन्नगी बिताएन।
28 याकूब मिस्र मँ सत्रह बरिस रहा। इ तरह याकूब एक सौ सैंतालीस बरिस क होइ गवा। 29 उ समइ आइ गवा जब इस्राएल समझ गवा कि उ हाली ही मरी, ऍह बरे उ आपन पूत यूसुफ क आपन लगे बोलाएस। उ कहेस, “अगर तू मोसे पिरेम करत ह तउ तू आपन हाथ मोरी जाँधे क तरे धइके मोका बचन द्या कि तू जउन मइँ कहब करब्या अउ तू मोरे बरे सच्चा रहब्या। जब मइँ मरब तउ मोका मिस्र मँ जिन दफनाया। 30 उहइ जगह मोका दफनाया जउने जगह मोरे पुरखन दफनावा गए अहइँ। मोका मिस्र स बाहेर लइ जा अउ मोरे पुरखन जहा दफनाए गवा अहइँ उहइ जगह मोका दफनावा।”
यूसुफ जवाब दिहस, “मइँ बचन देत हउँ कि उहइ करब जउन आप कहत हीं।”
31 तब याकूब कहेस, “मोसे एक प्रण करा” अउर यूसुफ ओसे प्रण किहेस कि उ ऍका पूरा करी। तब इस्राएल आपन मूँड़ी खटिया प पाछे धरेस।[a]
मनस्से अउ एप्रैम क असीस
48 कछू टेम पाछे यूसुफ क पता लाग कि ओकर पिता बेराम अहइ। ऍह बरे यूसुफ आपन दुइनउँ बेटहनन मनस्से अउ एप्रैम क संग लिहस अउ आपन पिता क लगे गवा। 2 जब यूसुफ पहोंचा तउ कउनो इस्राएल स कहेस, “तोहार पूत यूसुफ तोहका लखइ आवा ह।” इस्राएल बहोत दुर्बल रहा, मुला उ बहोत जतन किहेस अउ खटिया प बइठि गवा।
3 तब इस्राएल यूसुफ स कहेस, “कनान देस मँ लूज क जगह प सर्वसक्तीमान परमेस्सर मोका खुद दर्सन दिहस। परमेस्सर हुआँ मोका आसीर्बाद दिहस। 4 परमेस्सर मोसे कहेस, ‘मइँ तोहार एक बड़वार परिवार बनाउब। मइँ तोहका बहोत स बच्चन क देब अउर तू एक महान रास्ट्र बनब्या। तोहरे लोगन इ भुइँया प सदा बना रही। 5 अउर अब तोहार दुइ पूत बाटेन। मोरे आवइ स पहिले मिस्र देस मँ हिआँ इ सबइ पइदा भए रहेन। तोहार दुइनउँ पूत एप्रैम अउ मनस्से मोरे आपन बेटवन क तरह होइहीं। उ पचे वइसेन होइहीं जइसे मोका रूबेन अउ सिमोन अहइँ। 6 इ तरह इ दुइनउँ मोर पूत होइहीं। उ पचे मोर सबहि चीजन मँ हिस्सेदार होइही। मुला अगर तोहार दूसर पूत होइहीं तउ उ सबइ तोहार बच्चन होइहीं। मुला उ पचे भी एप्रैम अउ मनस्से क बेटवन क नाईं होइहीं। अरथ अहइ भविस्स मँ एप्रैम अउ मनस्से क जउन कछू होइ, ओहमाँ हिस्सेदार होइहीं। 7 पद्दन-अराम स जात्रा करत समइ मँ राहेल मरि गइ। इ बात मोका बहोतइ दुःखी किहस। उ कनान क भुइँया मँ मरी। हम पचे अबहि एप्राता कइँती जात्रा करत रहे। मइँ ओका एप्राता कइँती जाइवाली सड़क प दफनावा।’” (एप्राता बेतलेहेम अहइ।)
8 तब इस्राएल यूसुफ क पूतन क लखेस। इस्राएल पूछेस, “इ सबइ लरिकन कउन अहइँ?”
9 यूसुफ आपन पिता स कहेस, “इ सबइ मोर बेटवन अहइँ। इ सबइ उ पचे लरिकन अही जेनका परमेस्सर मोका दिहस ह।”
इस्राएल कहेस, “आपन बेटवन क मोरे लगे लइ आवा। मइँ ओनका असीसब।”
10 इस्राएल बुढ़वा रहा, अउर ओकर आँखिन ठीक नाही रहिन। ऍह बरे यूसुफ आपन बेटहनन क अपने बाप क निचके लइ गवा। इस्राएल बच्चन क चूमेस अउ गले स चिपकाएस। 11 तब इस्राएल यूसुफ स कहेस, “मइँ कबहु नाहीं सोचेउँ कि मइँ तोहार मुँह फुन लखब मुला देखा। परमेस्सर तोहका अउर तोहरे गदेलन क मोका निहारइ दिहस।”
12 तब यूसुफ बच्चन क गोदी स लिहस अउ उ पचे ओकरे पिता क समन्वा पैलगी करइ क निहुरेन। 13 यूसुफ एप्रैम क आपन दाहिन कइँती किहस अउ मनस्से क आपन बाईं कइँती। (इ तरह एप्रैम इस्राएल क बाईं कइँती रहा अउ मनस्से दाईं कइँती रहा।) 14 मुला इस्राएल आपन हाथ क पहला बदलिके आपन दाहिन हाथ क लहुरा लरिका एप्रैम क मूँड़े प धरेस अउ तब बाएँ हाथ क इस्राएल जेठ लरिका मनस्से क मूँड़े प राखेस। उ आपन बाएँ हाथ क मनस्से प धरेस, तउ भी मनस्से क जन्म पहिले भवा रहा। 15 अउर इस्राएल यूसुफ क आसीर्बाद दिहस अउ कहेस,
“मोरे पुरखा इब्राहीम अउ इसहाक हमरे परमेस्सर क आराधना किहस
अउ उहइ परमेस्सर मोर पूरी जिन्नगी क रास्ता क देखॅवइया रहा बाटइ।
16 उहइ सरगदूत रहा जउन मोका सबहि कस्टन स बचाएस
अउर मोर पराथना अहइ कि इ सबइ लरिकन क उ असीसइ।
अब इ सबइ बच्चन मोर नाम पइही।
उ पचे हमरे पुरखा इब्राहीम अउ इसहाक क नाउँ पइहीं।
मइँ पराथना करत हउँ कि उ पचे धरती प महान परिवार
अउ रास्ट्र बनिही।”
17 यूसुफ लखेस कि ओकर पिता एप्रैम क मूँड़े प दाहिना हाथ रखेस ह। इ यूसुफ क खुस न कइ सका। यूसुफ आपन पिता क हाथे क धरेस। उ ओका एप्रैम क मूँड़े स हटाइके मनस्से क मूँड़ प रखइ चाहत रहा। 18 यूसुफ आपन पिता स कहेस, “आप आपन दाहिन हाथ गलत लरिका प धरे अहा। मनस्से क जन्म पहिले अहइ।”
19 मुला ओकर पिता नकारेस, अउ कहेस, “पूत, मइँ जानत हउँ। मनस्से क जन्म पहिले अहइ अउर उ महान होइ। उ बहोत स लोगन क पिता भी होइ। मुला लहुरा भाई जेठ भाई स बड़ा होइ अउ लहुरे भाई क परिवार ओसे बहोत बड़ा होइ।”
20 इ तरह इस्राएल उ दिन ओनका आसीर्बाद दिहस। उ कहेस,
“इस्राएल क लोग तोहरे नाउँ क प्रयोग
आसीर्बाद देइ बरे करिही,
उ लोगन कहब्या: ‘परमेस्सर तोहका एप्रैम
अउ मनस्से क तरह बनावइ।’”
इ तरह इस्राएल एप्रैम क मनस्से स बड़वार बनाएस।
21 तब इस्राएल यूसुफ स कहेस, “लखा मोरी मउत क टेम निचकाइ ग अहइ। मुला परमेस्सर तोहरे साथ अब भी रही। उ तोहका तोहरे पुरखन क देस तलक लउटाइ लइ जाइ। 22 मइँ तोहका अइसा कछू दिहेउँ ह जउन तोहरे भाइयन क नाही दिहेउँ ह। मइँ तोहका उ पहाड़े क देत अहउँ जेका मइँ एमोरी लोगन स जीतेउँ ह। उ पहाड़ बरे मइँ आपन तरवार अउ आपन धनुख स जुद्ध किहेउँ रहे अउर मोर जीत भइ रही।”
किसान अउर बिआ क दिस्टान्त
(मरकुस 4:1-9; लूका 8:4-8)
13 उहइ दिन ईसू उ घरवा क छोड़िके झिलिया क किनारे उपदेस देइ जाइ बइठा। 2 बहोत मिला ओकरे चारिउँ कइँती ऍकट्ठा होइ गएन। तउ एक दिन उ नाउ प चढ़िके बइठि गवा। अउ भीड़ किनारे खड़ी रही। 3 उ ओनका दिस्टान्त क सहारा लेत भवा बहोत सी बात बताएस। उ कहेस,
“एक किसान बिआ बोअइ निकरा। 4 उ जब बोआई करत रहा तउ कछू बिआ राहे क किनारे जाइ गिरेन। चिड़ियन आइन अउर चुन गइन। 5 तनिक बिआ चट्टान क धरती प जाइ गिरेन। हुआँ क माटी उथली रही। बिआ फउरन उगेन, काहेकि माटी गहिर नाहीं रही। 6 यह बरे जइसे सूरज निकरा तउ उ पउधन झुराइ गएन। अउर काहेकि उ सबइ जिआदा जर पकड़े नाहीं रहेन एह बरे झुराइके गिर गएन। 7 बिआ क एक हींसा कँटहरी झाड़िन मँ जाइ गिरा, झाड़िन बाढ़िन, अउर उ सबइ उ पउधन क दहबोच लिहेन। 8 मुला थोड़ा बिआ जउन बढ़िया धरती प गिरा रहेन, बढ़िया फसल देइ लागेन। फसल, जेतना बोइ ग रही, ओसे कउनो तीस गुनी, साठ गुनी, या सौ गुनी स भी जिआदा भई। 9 जउन सुन सकत ह, उ सुनि लेई!”
दिस्टान्त कथा क मतलब
(मरकुस 4:10-12; लूका 8:9-10)
10 फिन ईसू क चेलन ओकॅरे लगे जाइके पूछेन, “तू ओनसे बात करत भए दिस्टान्त कथा क प्रयोग काहे करत ह?”
11 जवाबे मँ उ ओनसे कहेस, “सरगे क राज्य क भेद क जानइ क अधिकार सिरिफ तोहका दीन्ह ग अहइ, ओनका नाहीं। 12 काहेकि जेकरे लगे थोड़ा बहोत बाटइ, ओका अउर भी दीन्ह जाई अउर ओकरे लगे ढेर होइ जाई। मुला जेकरे लगे कछू भी नाहीं अहइ, ओहसे जेतना स ओकरे लगे बाटइ, उ भी छोर लीन्ह जाइ। 13 एह बरे मइँ ओनसे दिस्टान्त कथा क प्रयोग करत कहत हउँ। काहेकि अगर उ सबइ निहारत हीं मुला असल मँ ओनका कछू देखॉई नाहीं देत, उ पचे अगर सुनत हीं, मुला असल मँ उ सबइ न सुनत हीं, न समझत हीं। 14 इ तरह ओन प यसायाह की भविस्सबाणी खरी उतरत ही:
‘तू सुनब्या अउर सुनतइ ही रह्ब्या
मुला तोहरे कछू भी समुझ न आई
तू लखत ह, बस देखतइ ही रह्ब्या
मुला तोहका तउ कछू सूझ ना पाई,
15 काहेकि ओनके अकिल प पाथर पड़ा हइ
सबइ आपन कान मूँद लिहेन,
अउर आँखी बंद कई राखी अहइँ
जेसे आपन आँखिन स उ सबइ कछू न निहारइँ
अउर उ सबइ कनवा स कछू सुनि न पावइँ
या आपन हिरदय स कबहुँ बूझइँ
अउ मुड़िकइ कबहुँ मोरी कइँती आवइँ
अउर जेसे मइँ ओनका उद्धार करउँ।’ (A)
16 मुला तोहार आँखी अउर कान धन्य अहइँ काहेकि उ सबइ देख सुन सकत हीं। 17 मइँ सच कहत हउँ बहोतन नबियन अउर धर्मी जउन बातन क देखइ चाहत रहेन, ओनका तू देखत अहा। उ पचे ओनका नाहीं देखि सकतेन। अउ जउन बातन क उ सबइ सुनइ चाहत रहेन, ओनका तू सुनत बाट्या। उ सबइ ओनका नाहीं सुन सकेन।
बिआ बोवइ क दिस्टान्त कथा क अरथ
(मरकुस 4:13-20; लूका 8:11-15)
18 “तउ बिआ बोअइ क दिस्टान्त क अरथ सुन ल्या।
19 “उ बिआ जउन राह क किनारे गिर गवा रहा, ओकर अरथ अहइ कि जबहिं कउनो सरगे क राज्य क उपदेस सुनावत ह अउर समझत नाहीं तउ दुस्ट आइके, ओकरे मनवा मँ जउन उगा रहा, उखाड़ लइ जात ह।
20 “उ सबइ बिआ जउन पथरही धरती प छितराइ ग रहेन, ओकर अरथ अहइ उ मनई जउन उपदेस सुनत ह, ओका खुसी होइके फउरन अपनावत ह 21 मुला आपन भीतर ओनकइ जड़ नाहीं जमइ देत, उ तनिक देर ठहर पावत ह, जब उपदेस क कारण ओह प कस्ट अउर यातना आवत हीं तउ उ फउरन डगमगाइ जात ह।
22 “कँटवन मँ छितराइ गवा बिआ क मतलब अहइ, उ मनई जउन उपदेस क तउ सुनत ह, मुला संसार क फिकिर अउर धन क लालच उपदेस क दहबोच लेत ह अउर उ मनई सफल नाहीं होइ पावत।
23 “नीक धरती प छितरान बिआ क अरथ अहइ उ मनई जउन उपदेस क सुनत ह अउर समझत ह। उ सफल होत ह। ओकर सफलता तीस गुनी, साठ गुनी या सौ गुनी तक होत ह।”
गोहूँ अउर खरपतवारे क दिस्टान्त
24 ईसू ओनके समन्वा एकठू अउर दिस्टान्त कथा राखेस, “सरगे क राज्य उ मनई क नाईं अहइ जउन आपन खेतवा मँ नीक बिआ बोएस। 25 मुला जब मनइयन सोवत रहेन, उ मनई क दुस्मन आवा अउर गोहूँ क बीचउबीच खरपतवार बोइ गवा। 26 जइसे गोहूँ अँखुवान अउर ओह प बालन आइन तउ खरपतवार देखाइ लाग। 27 तइसेन खेते क मालिक क लगे आइके ओकर नउकरन ओसे कहेन, ‘मालिक, तू तउ खेतवा मँ बढ़िया बिआ बोए रहा, बोए रह्या न? फिन ई खरपतवार कहाँ ते आइ गवा?’
28 “तब उ ओनसे कहेस, ‘इ कउनो दुस्मने क काम अहइ।’
“ओकर नउकरन ओसे पूछेन, ‘का तू चाहत ह कि हम सबइ जाइके खरपतवार उखाड़ देइ?’
29 “उ बोला, ‘नाहीं काहेकि जब तू खरपतवार उखड़ब्या तउ ओनके संग तू गोहूँ भी उखाड़ देब्या। 30 जब ताईं फसल पाकइ, दुइनउँ क साथ साथ बाढ़इ द्या, फिन कटनी क समइ फसल क कटइयान स कहब कि पहिले खरपतबारे क गट्ठर बनाइके ओनका जराइ द्या अउर गोहूँ बटोरिके मोरे खरिहाने मँ धइ द्या।’”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.