Old/New Testament
उड़त भवा गोल लपटा पत्रक
5 मइँ फुन निगाह ऊँच किहेउँ अउर मइँ एक ठु उड़त भवा लपटा पत्रक लखेउँ। 2 सरगदूत मोहसे पूछेस, “तू का लखत अहा?”
मइँ जवाब दिहेउँ, “मइँ एक ठु उड़त भवा लपटा पत्रक लखत हउँ जउन तीस फुट लम्बा अउ पन्द्रह फुट चउड़ा अहइ।”
3 तब्बइ उ मोहसे कहेस, “उ लपटा पत्रक पइ एक सराप लिखा बा जउन पूरा धरती पइ फेंलिहीं। लपटा पत्रक क एक कोना मँ लिखा अहइ, ‘हर कउनो जउन चोर अहइ भेज दीन्ह जाब्या।’ दूसर कइँती लिखा भवा अहइ, हर कउनो जउन लबार प्रतिग्या करिही भेज दीन्ह जाब्या। 4 सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह, ‘मइँ इ सराप भेजेउँ ह। इ मोर नाउँ लेइके हर चोरन क घरे अउर ओन लोगन क घरे जउन गलत प्रतिग्या करत ह, घुसब। इ सराप ओकरे घरे मँ रहब अउर ओकरे घरे क पाथर अउ काठ दुइनउँ क बरबाद करब।’”
मेहरारू अउ टोकरी
5 तब मोर संग बात करइवाला सरगदूत बाहेर आवा। उ मोहसे कहेस, “नज़र उठा अउ लखा। का तू जानत ह कि हमार कइँती का अवात ह”
6 मइँ कहेउँ, “इ का अहइ?”
उ कहेस, “उ मापक टोकरी अहइ।” तउ उ कहेस, “उ टोकरी समुचइ धरती क दोख क प्रस्तुत करब।”
7 तब टोकरी क ढकना जउन सीसा बना रहा उठावा गवा, अउर हुवाँ टोकरी क भितरे एक मेहरारू बइठी रहा। 8 अउर उ कहेस, “इ मेहरारू बुराई प्रस्तुत करत अहइ।” एह बरे उ ओका टोकरी मँ धकेल दिहस अउ सीसा क ढकना स ओकरे मुँहे बन्द कइ दिहेस। 9 तब मइँ नज़र उठाएस अउ लखेस कि दुइ मेहररूअन हमार कइँती आवत हीं। उ सारस क नाईं पखना रखेत रहा। उ पचे आपन पखनन क हवा क पड़करइ बरे फइलाएस। उ पचे टोकरी क लिए भए हवा मँ उड़त रहिन। 10 तब मइँ सरगदूत स पूछेउँ कि कउन मोसा बात किहे रहेन, “उ पचे टोकरी क कहाँ लइ जात अहइँ?”
11 उ मोहसे कहेस, “उ सबइ एका सिनार मँ लइ जात ह। हुवाँ उ पचे एक ठु घर बनाब। जब घर तइयार होइ जाइ, तउ उ पचे उ टोकरी क ओकरे जगह पइ धरिहीं।”
चार रथन
6 तब फुन मइँ घूमाएउँ अउ आपन निगाह क उठाएउँ अउर मइँ चार रथन क लखेउँ। उ सबइ काँसे क दुइँ ठु पर्वतन क बीच स निकरत रही। 2 प्रथम रथ क लाल घोड़न हीचंत रहेन। दूसर रथ क करिया घोड़न हीचंत रहेन। 3 तीसर रथे क उज्जर घोड़न हींचत रहेन। 4 तब मइँ सरगदूत स पूछेउँ कि कउन मोस बात किहेस।, “महोदय, एन चिजियन क तात्पर्य का अहइ?”
5 सरगदूत कहेस, “इ सबइ चारिहुँ दिसा क ह्वा क प्रतीक अहइँ। उ सबइ सबहिं सारे संसार क सुआमी क हिआँ स आएन हँ। 6 करिया घोड़न उत्तर कइँती जइहीं। लाल घोड़न पूरब कइँती जइहीं। उज्जर घोड़न पच्छिम क जइहीं अउर भोरा धब्बादार घोड़न दविखन क जइहीं।”
7 तब ताकतवर घोड़न बाहेर आएन। उ सबइ धरती क गस्त लगाइ बरे उत्सुक रहेन। एह बरे उ ओनसे कहेस, “जा, धरती क गस्त लगावा!” एह बरे, उ पचे धरती क गस्त किहेन।
8 तब उ जोर स गोहरात भए कहेस, “लखा, उ सबइ जउन उत्तर कइँती जात रहेन। उ सबइ उत्तर कइँती मँ मोर आतिमा क सान्त कइ दिहन।”
याजक यहोसू एक ठु मुकुट पावत ह
9 अउर यहोवा क बचन मोर लगे आएस, उ कहेस: 10 “ओन लोगन स चाँदी अउर सोना ल्या जेनका बन्दी बना गवा अहइ। हेल्दै, तोबिय्याह अउर यदायाह स ल्या जउन बालेल स आवा रहा। अउर उहइ दिन सपन्याह क पूत योसियाह क घर जा। 11 सोना अउर चाँदी ल्या अउर एक ठु मुकुट बनावा। अउर उ मुकुट क यहोसादाक क पूत महा याजक यहोसू क मूँड़े पइ राखा। 12 अउर तू ओसा कहा, इ उहइ अहइ जउन सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह:
‘हिआँ एक मनई अहइ जेकर नाउँ “साख” अहइ।
ओका साख कहा गवा काहेकि उ हुवाँ स जहाँ उ अहइ
साखा निकारब अउर यहोवा क एक मन्दिर बनाई।
13 उ उहइ अहइ जउन यहोवा क मन्दिर क बनाई
अउर उ उहइ अहइ जउन सम्मान पाई।
उ आपन राजसिंहासन पइ बइठी, अउ सासन करिहीं।
अउर हुवाँ ओकरे सिंहासन क बगल मँ एक ठु याजक होइ
अउर इ दुइनउँ मनई एक संग सदभवना क साथ काम करिहीं।’
14 उ मुकुट यहोवा क मन्दिर हेल्दै, तोबिय्याह, यदायाह अउ सपन्याह क पूत योसियाह बरे स्मृति चिन्ह होइ।”
15 लोग जउन दूर रहिहीं यहोवा क मन्दिर क निर्माण करइ बरे आइहीं। तउ तू पचे समुझब्या कि सर्वसक्तीमान यहोवा मोका तू लोगन क लगे पठएस ह। इ सब कछू घटित होइ जदि तू पचे यहोवा आपन परमेस्सर क ठीक तरह स पालन करब्या।
यहोवा दाया अउ करूणा चाहत ह
7 फारस मँ दारा क राज्जकाल क चउथे बरिस, जकर्याह क यहोवा क एक सँदेसा मिला। इ नउवे महीना (अर्थात् किस्लव) क चउथा दिन रहा। 2 बेतेल क लोग सरेसेर, रेगेम्लेक अउ आपन साथियन क यहोवा स एक ठु सवाल पूछइ क पठएस। 3 उ पचे यहोवा क मंदिर मँ नबियन अउ याजकन क लगे गएन। ओन लोग ओनसे इ सवाल पूछेन: “हम लोग कई बरिस तलक मंदिर क नेस्त नाबूद होइ क सोक मनाए अही। हर बरिस क पाँचवें महीना मँ, रोवइ अउर उपवास राखइ क हम लोगन क खास समइ रहा। का हमका एका करत रहइ चाही?”
4 तब सर्वसक्तीमान यहोवा क इ बचन मोह पइ आएस अउ कहेस: 5 “याजकन अउ इ देस क अन्य लोगन स इ कहा: ‘जउन उपवास अउर सोक पाछे क सत्तर बरिस स बरिस क पाँचवे अउ सातवें महीना मँ तू पचे करत आवत अहा का उ उपवास, सच ही, मोरे बरे रहा? नाहीं। 6 अउर जब तू पचे खाया अउ पिया, आपन बरे जिन खाया अउ पिया रहा। 7 का इ उहइ बचन नाहीं अहइ जेका यहोवा आपन पहिले क नबियन दुआरा उ समइ घोसना किहे रहेन जब यरूसलेम आबाद रहा, अउर अपन चरिहुँ कइँती क नगरन सहित समृद्ध रहा, अउर जब नेगव सकेला अर्थात् नीचे क देस भी आबाद रहा?’”
8 जब यहवा बचन जकर्याह आवा अउ कहा:
9 “इ उहइ अहइ जउन सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह:
‘जब तू निआव करी सही फइसला देइ।
एक दूसर बरे दयालु
अउ करूणा दिखावा।
10 राँड़ अउरतन, अनाथन, बिसेसियन या दीन लोगन पइ
अत्याचार जिन करा।
एक दूसर क बुरा करइ क विचार भी हिरदइ मँ न आवइ द्या।’”
11 मुला उ पचे अनसुनी किहेन।
उ पचे बिद्रोह किहेन
अउ आपन पीठ घुमाइ दिहेन।
उ पचे सुनइ स आपन कान बंद कइ लिहेन।
12 उ पचे बड़का हठी रहेन।
उ पचे परमेस्सर क व्यवस्था क पालन करब नामंजूर कइ दिहन।
आपन आतिमा क सक्ति स यहोवा नवियन क जरिये
आपन लोगन क सँदेसा पठएस।
मुला लोग ओका नाहीं सुनेन,
एह बरे सर्वसक्तीमान यहोवा नबियन क जरिये आपन लोगन क सँदेसा पठएस।
मुला लोग ओकर नाहीं सुनेन,
एह बरे सर्वसक्तीमान यहोवा बहोत कोहाइ गवा।
13 “जब ओनका पुकारेउँ
उ पचे नाहीं सुनेन।
एह बरे ठीक इसी तरह मइँ भी
ओनका नाहीं सुनब जब उ मोका पुकारब्या।
यहोवा सर्वसक्तीमान परमेस्सर इ कहत ह।
14 तब मइँ ओनका जातियन क बीच तितर-बितर कइ दिहेस।
उ पचे जेकर बारे मँ नाहीं जानतेन।
ओकर अनुपस्थित मँ भुइँया क अइसा उजाड़ दीन्ह ग रहा,
ताकि न कउनो आ सकतेन अउर न ही कउनो जा सकतेन।
उ पचे इ सुहावना देस घटिया भुइँया बनाइ दिहेन।”
यहोवा यरूसलेम क आसीर्बाद देइ क प्रतिग्या करत
8 फुन सर्वसक्तीमान यहोवा क बचन मोर लगे आएन अउ कहेन: 2 इ उहइ अहइ जउन सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह: “सिय्योन बरे मोका अत्यधिक जलन भवा। मइँ ओहसे बहोत जियादा जलन करत हउँ।” 3 इ उहइ अहइ जउन यहोवा कहत ह: “मइँ सिय्योन क लगे वापस आवत हउँ अउर मइँ यरूसलेम मँ रहबउँ। यरूसलेम बिस्सास सहर कहा जाइ। मोर पर्वत, पवित्तर पर्वत कहा जाइ।”
4 इ उहइ अहइ जउन सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह: “एक बार फुन एक बूढ़ मनसेधु अउर एक बूढ़ा मेहरारू यरूसलेम क चौराहे पइ बइठब। लोग ऍतनी लम्बी उमर तलक जिअत रइहीं कि ओनके सहारे क छड़ी क जरूरत होइ। 5 सहर क चौराहे लरिकन अउ लड़िकियन स भरा होइ।” 6 इ उहइ अहइ जउन यहोवा सर्वसक्तीमान कहत ह: “भले ही इ जिअत लोगन क नज़र मँ असम्भव लगे, का एका मोर नज़र मँ भी असम्भव लगइ चाही? यहोवा सर्वसक्तीमान कहत ह।”
7 इ उहइ अहइ जउन सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह, “लखा, मइँ पूरब अउ पच्छिम क देसन स आपन लोगन क बचाउब, 8 अउर मइँ ओनका यरूसलेम मँ रहइ बरे लिआउब। उ पचे मोर लोग होइहीं अउर मइँ ओनकर बढ़िया अउ बिस्सास क जोग्ग परमेस्सर होबउँ।”
9 सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह, “उ जउन इ सब्दन क नबी क मुँहे स सुन्या ह, सक्तीसाली बना! तू पचे उ नबियन स सुने रहा जउन जब सर्वसक्तीमान यहोवा आपन मंदिर क फुन स बनावइ बरे नेवं डाएस। इ मन्दिर सर्वसक्तीमान यहोवा क अहइ। 10 अउर उ समइ क पहिले, हुवाँ लोगन क या जानवर क किराया पइ लेइ बरे धन नाहीं रहा। हुवाँ दुस्मनन क कारण आवागमन सुरच्छित नाहीं रहा। कहेकि उ मइँ रहा जउन एक दूसरे क खिलाफ कइ दिहे रहेउँ। 11 मुला अब मइँ वइसा नाहीं करब जइसा इ बचा भवा लोगन क संग बीते दिना मँ किहे रहेउँ ह,” सर्वसक्तीमान यहोवा इ सबइ कहेस ह।
12 “काहेकि हुवाँ सान्तिपूवर्क खेती-बारी होइहीं। अंगूरे क लता फल देइहीं: भुइँया अच्छी पइदावार देइ, अउ अकास आपन ओस देइहीं। मइँ इ सबहिं चिजियन लोगन क देब जउन जिअत रहब। 13 हे यरूसलेम अउ यहूदा लोग, मइँ तोहका बचाउब। बीते समइ मँ तू लोग जातियन क बीच मँ सराप क उदाहरण बनि ग रहेन। मुला अब मइँ तू लोगन क जातियन क बीच मँ आसीर्बाद क उदाहरण बाउब। जिन डेराअ। सक्तीसाली बना।”
14 फुरइ इ उहइ अहइ जउन सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह: “जब तू सबन क पुरखन मोका कोहाइ दिहन, मइँ ओन पइ विपत्तियन लावइ क जोजना बनाएउँ, अउर मइँ आपन इरादा क न बदलेउँ।” सर्वसक्तीमान यहोवा इ सब कहत ह, 15 “ठीक उहइ तरह, अब मइँ यरूसलेम अउ यहूदा क लोगन बरे नीक करइ क जोजना किहेउँ ह। जिन डेराअ। 16 मुला तू सबन क इ करइ चाही, एक दूसर क संग तोहका सिरफ फुरइ बोलइ चाही: जब तू पचे आपन अदालतन मँ निर्णय ल्या, तउ लोगन क उचित निआव प्रदान करा। 17 अपन हिरदइ मँ दूसर बरे बुरा योजना जिन बनावा अउर लबार प्रतिग्या जिन करा। काहेकि मइँ ओन बातन स घिना करत हउँ।” यहोवा इ सबइ कहेस।
18 सर्वसक्तीमान यहोवा क इ सँदेसा मोर लगे फुन आएन अउर कहेन: 19 इ उहइ अहइ जउन सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह: “चउथे महीना पचाँए महीना सतएँ महीना मँ तोहार सोक मनावइ अउर उपवास क दिन यहूदा क लोगन बरे गावइ, अनन्द मनाइ, अउ खुस होइ क होइ। एह बरे तू पचन्क सच्चाई क अउ सान्ति क पिरेम करइ चाही।”
20 इ उहइ अहइ जउन सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह:
“भविस्स मँ, जातियन अउ अनेक सहरन स लोग यरूसलेम अइहीं
21 अउर एक सहर क निवासी दूसर सहर क निवासियन लगे जाइहीं, अउर कइहीं,
‘हम लोगन क सर्वसक्तीमान यहोवा क लगे परार्थना करइ बरे’
अउर ओहसे मदद माँगइ बरे अउर ओकर उपासना करइ बरे चलइ चाही।
दूसर मनई कहिहीं ‘मइँ भी आउब।’”
22 अनेक लोग अउ अनेक सक्तीसाली रास्ट्र यरूसलेम आहहीं अउ सर्वसक्तीमान यहोवा क उपासना करिहीं अउ उ पचे ओसे मदद मागिहीं। 23 इ उहइ अहइ जउन सर्वस्कतीमान यहोवा कहत ह: “उ दिना मँ, अलग-अलग रास्ट्रन स अलग-अलग भाखन क बोलइया दस ठु मनई एक ठु यहूदी क कोट क पल्ला धरिहीं अउर कइहीं, ‘हम पचे तोहार संग आवइ चाहत हउँ, काहेकि हम पचे सुना ह कि परमेस्सर तू पचन्क संग अहइ।’”
सरग मँ परमेस्सर क स्तुति
19 एकरे बाद मइँ सरग क भीड़ स उच्च स्वर मँ आवाज़ आवत सुने रह्यो:
“हल्लिलूय्याह!
परमेस्सर क जय होइ! जय होइ! महिमा अउर समर्थ हमेसा मिलइ!
2 ओकर निआव सच्चे अउर धर्ममय अहइ।
उ बड़ी वेस्या क उ निआव करेस,
जउन आपन व्यभिचार स इ धरती क भ्रस्ट कइ दिहे रही,
अपने दासन क मउत क बदला लइ लिहेस।”
3 ओन्ह फिन कहेन्ह:
“हल्लिलूय्याह!
ओसे धुआँ जुग जुग तक उतरत रहा।”
4 फिन चौबीसउँ बुजुर्गन अउर चारउ प्रानिअन सिंहासन प बइठा परमेस्सर क झुकके प्रणाम करेन अउर ओकर आराधना करत गावइ लागेन:
“आमीन, हल्लिलूय्याह!”
5 सिंहासन स फिन आवाज आइ जउन कहत रही:
“ओ ओकर सेवकन!
तू सबे हमरे परमेस्सर क स्तुति करा,
अउर अपने सब लोगन क चाहे बड़ा होइ या छोटा
सबइ क इज्जत करत रहा!”
6 फिन मानो मइँ एक विसाल जनसमूहे क आवाज सुनेउँ जउन कि भयंकर पानी क बहाव अउर बदरन क जोरदार गरजइ-तरजइ क आवाज जइसे रही। कहत रही:
“हल्लिलूय्याह!
जय होइ ओकर, काहे बरे कि हमार पर्भू परमेस्सर,
सर्वसक्ति स पूरा होइके राज्य क ताकतवर बनावत अहइ।
7 इ बरे आवा, आनन्द खुसी मनावा।
आवा, ओका माहिमा देइ।
काहे बरे कि अउर मेमना क बियाह क समइ आइ गवा अहइ।
ओकर दुलहिन सजी धजी तइयार होइ गइ।
8 ओका आग्या मिली अहइ,
साफ सफेद निर्मल मलमल पहन ल्या।”
(इ मलमल परमेस्सर क पवित्तर लोगन बड़िया कामन क प्रतीक अहइ।)
9 फिन उ मोसे कहइ लाग, “लिखा, उ धन्य अहइ जेनका इ बियाह क भोजन मँ बोलावा ग अहइ।” उ मोसे फिन कहिस, “इ परमेस्सर क सच्चा वचन अही।”
10 अउर मइँ ओकर आराधना करइ क बरे ओकरे पाँव प गिर पड़ेउँ। मुला उ मोसे कहेस, “सावधान! अइसा न करा। मइँ तउ तोहरे अउर तोहरे भाइयन क साथी परमेस्सर क साथी सेवक अहउँ जउने पइ ईसू क साच्छी क भविस्सबाणी की आतिमा अहइ। अउर प्रचार क जिम्मेदारी अहइ। परमेस्सर क आराधना करा. कहे बरे कि ईसू क प्रमाणित संदेस इ बात क साच्छी अहइ कि ओहमाँ एक नबी क आतिमा अहइ।”
सफेद घोड़ा क सवार
11 फिन मइँ सरग क खुलत देखेउँ अउर हुवाँ मोरे समन्वा एक सफेद घोड़ा रहा। घोड़े प जउन बइठा रहा। ओका बिस्सासनीय अउर सत्य कहा जात रहा काहे बरे कि उ निआव धार्मिकता स निर्णय करत ह। 12 ओकर आँखी अइसी रहीं जइसे आगी क लपट होइँ। ओकरे मूँड़े पइ बहोत स मुकुट रहेन। ओकरे ऊपर एक नाउँ लिखा रहा, जेका ओकरे अलावा अउर केहू नाहीं जानत। 13 उ अइसा कपड़ा पहिने रहा जउने क खून मँ डुबोवा ग रहा। ओका नाउँ दीन्ह रहा, “परमेस्सर क वचन।” 14 सफेद घोड़न प बइठी सरग क सेना ओकरे पीछे-पीछे चलत रहिन। उ साफ सफेद मलमल क कपरा पहिने रहा। 15 रास्ट्रन क मारइ क बरे ओकरे मुँहे स एक तेज धार क तरवार बाहेर निकरत रही। उ ओकरे ऊपर लोहे क दण्ड स सासन करी। अउर सर्वसक्तिमान पर्भू परमेस्सर क भयानक गुस्सा क धानी मँ अंगूर क रस निचोड़ी। 16 ओकरे वस्त्र अउर जाँघ पइ इ नाउँ लिखा रहा।
राजन क राजा, अउर पर्भूअन क पर्भू
17 एकरे बाद मइँ देखेउँ कि सूरज क ऊपर एक सरगदूत खड़ा अहइ। उ ऊँचे अकास मँ उड़इवाली सबहीं चिड़ियन स जोर क आवाज स कहेस, “आवा, परमेस्सर क महाभोज क बरे एकट्ठा होइ जा। 18 जइसे कि तू सासकन, सेनापतियन, मजदूर आदमियन, घोड़न अउर ओनके सवारन क मांस खाइ सका। अउर सब मनई छोट-बड़ा आदमियन अउर खास आदमियन क सरीर खाइ सका।”
19 फिन मइँ उ जनावरन क अउर धरती क राजन क देखेउँ ओनके संग ओनकइ सेना रही। उ पचे उ एक घोड़ा क सवार अउर ओकरी सेना स जुद्ध करइ एक साथे आइके जुट गएन। 20 उ जनावर क पकड़ा गवा। ओकरे साथ उ झूठा नबी भी रहा जउन जानवर क उपस्थिति मँ अद्भुत कारजन देखावा करत रहा अउर ओनका ठगत रहा जउने प उ जनावरन क छाप लगी रही अउर जउन ओकरी मूर्ति क आराधना करत रहेन। उ जनावरन क अउर झूठे नबी, दुइनउँ क जलत गंधक क भभकत झील मँ जिन्दइ डाल दीन्ह गवा। 21 घोड़ा क सवार क मुँह स जउन तरवार निकरत रही, बाकी क सैनिक ओसे मार डावा गएन। फिन चिड़ियन मिलके ओकरे माँस खाइके अघाइ गइन।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.