Old/New Testament
देवार पइ अभिलेख
5 राजा बेलसस्सर आपन एक हजार अधिकारियन क एक बड़की दावत दिहेस। राजा ओकरे संग दाखरस पिअत रहा। 2 राजा बेलसस्सर दाखरस पिअत भए आपन सेवकन क सोना अउ चाँदी क पियाला लिआवइ क कहेस। इ सबइ उ सबइ पियालन रहेन जेनका ओकर पिता नबूकदनेस्सर यरूसलेम क मन्दिर स लिहे रहा। राजा बेलसस्सर चाहत रहा कि ओकर साही लोग, ओकर मेहररूअन अउ ओकर उप पत्नियन इन पियालन स दाखरस पिअइँ। 3 तउ सोना क उ सबइ पियालन लिआवा गएन जेनका यरूसलेम मँ परमेस्सर क मन्दिर स उठावा गवा। फुन राजा अउ ओकर अधिकारियन, ओकर रानियन तथा ओकर उप पत्नियन, ओन पियालन स दाखरस पिया किहेन। 4 दाखरस पिअत भए उ पचे आपन देवतन क मूरतियन क स्तुति करत रहेन। उ पचे ओन देवतन क स्तुति किहेन जउन देवता सोना, चाँदी, काँसा, लोहा, काठ अउ पाथर क मूरति पात्र रहेन।
5 उहइ समइ एकाएक कउनो मनई क एक हाथ परगट भवा अउ देवार पइ लिखइ लाग। ओकर अँगुरियन देवार क लेप क कुरेदत भइ सब्द लिखइ लागिन। देवार क लगे राजा क महल मँ उ हाथ देवार पइ लिखेस। हाथ जब लिखत रहा तउ राजा ओका लखत रहा।
6 राजा बेलसस्सर बहोत भयभीत होइ उठा। डर स ओकर मुँह पिअर पड़ गवा अउर ओकर घुटनन इ तरह काँपइ लागेन कि उ सबइ आपुस मँ टकरात रहेन। ओकर गोड़ एतना बलहीन होइ गएन कि उ खड़ा भी नाहीं रहि पावत रहा। 7 राजा तान्त्रिकन अउ कसदियन क अपने लगे बोलवाएस अउर ओनसे कहेस, “मोका जउन कउनो भी इ लिखावट क पढ़कर बताइ अउर मोका ओकर अरथ समुझाइ देइ, मइँ ओका पुरस्कार देब। उ मनई क मइँ बैंगनी पोसाक भेटं करब। मइँ ओकरे गले मँ सोना क हार पहिराउब अउर मइँ ओका आपन राज्ज क तीसर सबसे बड़ा सासक बनाइ देब।”
8 तउ राजा क सबहिं बुध्दिमान मनई हुवाँ आइ गएन किन्तु उ सबइ उ लिखावट क नाहीं पढ़ि सकेन। उ पचे समुझ ही नाहीं सकेन कि ओकर अरथ का अहइँ। 9 राजा बेलसस्सर क हाकिम चक्कर मँ पड़े भए रहेन अउर राजा तउ अउर भी जियादा भयभीत अउर चिंतित रहा। ओकर मुँह डर स पीला पड़ा भवा रहा।
10 तबहिं जहाँ उ दावत चलत रही, हुवाँ राजा क महतारी आइ। उ राजा अउर ओकर राजकीय अधिकारियन क आवाजन सुन रिहे रहिन, उ कहेस, “हे राजा, चिरंजीव रहा। डेरा जिन। तू आपन मुँह क डर स एतना पीला जिन पड़इ द्या। 11 लखा, तोहरे राज्ज मँ एक अइसा मनई अहइ जेहमाँ पवित्तर देवतन क आतिमा बसत ह। तोहरे बाप क दिनन मँ इ मनई इ दर्साये रहा कि ओकरे लगे देवतन क बुद्धि क नाईं बुद्धि अउर समुझ अहइ। तोहार पिता नबूकदनेस्सर इ मनई क सबहिं बुध्दिमान मनइयन पइ, तान्त्रिकन अउ कसदियन पइ मुखिया नियुक्त किहे रहा। 12 मइँ जउन मनई क बारे मँ बातन करत हउँ ओकर नाउँ दानिय्येल अहइ। किन्तु राजा ओका बेलतसस्सर क नाउँ दइ दिहे रहा। बेलतसस्सर बहुत चुस्त अहइ अउर बहुत स बातन जानत ह। उ सपनन क व्याख्या कइ सकत ह। पहेलियन क समझाइ सकत ह। अउर कठिन स कठिन हलन क सुलझाइ सकत ह। तू दानिय्येल क बोलवा। देवारे पइ जउन लिखा बाटइ, ओकर अरथ तोहका उहइ बताई।”
13 तउ उ सबइ दानिय्येल क राजा क लगे लइ आएन। राजा दानिय्येल स कहेस, “का तोहार नाउँ दानिय्येल अहइ? मोर पिता महाराज यहूदा स जिन लोगन क बंदी बनाइके लिआए रहेन, का तू ओनमाँ स एक अहा? 14 मइँ सुनेउँ ह, कि देवता क आतिमा क तोहमाँ निवास अहइ अउर मइँ इ भी जानेउँ ह कि तोहमाँ महान अन्तदृस्टि अहइ। तू बहोत चुस्त अउ बुध्दिमान अहा। 15 बुध्दिमान मनई अउ तान्त्रिकन क इ देवार क लिखावट क समुझावइ बरे मोरे लगे लिआवा गवा। मइँ चाहत रहेउँ कि उ सबइ लोग उ लिखावट क अरथ बतावइँ। किन्तु देवार पइ लिखी इ लिखावट क व्याख्या उ पचे मोका नाहीं दइ पाएन। 16 मइँ तोहरे बारे मँ सुनेउँ ह कि तू बातन क अरथ क व्याख्या कइ सकत ह अउर तू अत्यन्त कठिन समस्यन क उत्तर भी ढूढ़ सकत ह। जदि देवार क इ लिखावट क तू पढ़ द्या अउर एकर अरथ तू मोका समुझाइ द्या तउ मइँ तोहका उ सबइ चिजियन देब। मइँ तोहका बैंगनी रंग क पोसाक प्रदान करब, तोहरे गले मँ सोना क हार पहिराउब। फुन तउ तू इ राज्ज क तीसर सब स बड़का सासक बन जाब्या।”
17 एकरे पाछे दानिय्येल राजा क उत्तर देत भए कहेस, “हे राजा बेलसस्सर, तू आपन उपहार अपने लगे रखा, अथवा चाहा तउ ओनका कउनो अउर क दइ द्या। मइँ तोहका वइसे ही देवार क लिखावट पढ़ देब अउर ओकर अरथ का अहइ, इ तोहका समुझाइ देब।
18 “हे राजा, सर्वोच्च परमेस्सर तोहार पिता नबूकदनेस्सर क एक महान सक्तिसाली राजा बनाए रहेउँ। परमेस्सर ओनका बहोत अधिक स अधिक महत्वपूर्ण बनाए रहा। 19 सबइ रास्ट्र नबूकदनेस्सर स डरा करत रहेन काहेकि सर्वोच्च परमेस्सर ओक एक बहोत बड़का राजा बनाए रहा। जदि नबूकदनेस्सर कउनो क मार डावइ चाहत तउ ओका मार दीन्ह जात रहा अउर जदि उ चाहत कि कउनो मनई जिअत रहइ तउ ओका जिअत रहइ दीन्ह जात रहा। ओनका जेका उ उन्नती देइ चाहत रहा तउ ओका उन्नती देइ दीन्ह जात रहा। ओनका जेका उ विनम्र बनाइ चाहत रहा तउ ओका विन्रम बनाइ दीन्ह जात रहा।
20 “किन्तु नबूकदनेस्सर क अभिमान होइ गवा अउर उ हठीला बन गवा। तउ परमेस्सर क जरिये ओहसे ओकर सक्ति छोर लीन्ह गइ। ओका ओकर राज सिंहासन स उतार पंका गवा अउ ओका महिमा विहीन बनाइ दीन्ह गवा। 21 एकर पाछे लोगन स दूर पराइ जाइ क बरे नबूकदनेस्सर क मजबूर कीन्ह गवा। ओकर सोचइ समुझइ क बुद्धि कउनो पसु क बुद्धि जइसी होइ गइ। उ जंगली गदहन क बीच रहइ लगा अउर डोरन क तरह घास खात रहा। उ ओस मँ भीगा। जब तलक ओका सबक नाहीं मिल गवा, ओकरे संग अइसा ही होत गवा। फिन ओका इ गियान होइ गवा कि मनई क राज्ज पइ सवोर्च्च परमेस्सर क ही सासन अहइ। अउर साम्राज्जन क ऊपर सासन करइ बरे उ जउन कउनो क भी चाहत ह, नियुक्त कइ देत ह।
22 “किन्तु हे बेलसस्सर, तू तउ एन बातन क जानत ही अहा। तू नबूकदनेस्सर क पूत अहा किन्तु फुन भी तु अपने आप क विनम्र नाहीं बनाया। 23 नाहीं तू विनम्र तउ नाहीं भया अउ उल्टे सरग क सुआमी क खिलाफ होइ गया। तू ओकरे मन्दिर क पात्रन अउर पिआलन क अपने लगे लिआवइ क आग्या दिहा अउर फुन तू, तोहरे साही हाकिमन, तोहार मेहरूअन, तोहार उप पत्नियन ओन पिआलन मँ दाखरस पिएन। तू चाँदी, सोना, काँसा, लोहा, काठ अउर पाथर क देवतन क गुण गाया। उ पचे फुरइ क देवता नाहीं अहइँ। उ पचे लख नाहीं सकतेन, सुन नाहीं सकतेन तथा उ पचे कछू समुझ भी नाहीं सकतेन। उ पचे जानइ क सामर्थ नाहीं अहइ कि तू ओनका स्तुति करत ह। तू उ परमेस्सर क आदर नाहीं दिहा, जेकर जिन्नगी या जउन कछू भी तू करत अहा, ओह पइ अधिकार अहइ। 24 तउ एह बरे, परमेस्सर उ हाथे क पठएस जउन देवार पइ लिखेस। 25 देवार पइ जउन सब्द लिखा गवा अहइँ, उ सबइ इ सबइ अहइँ:
मने, मने तकेल, ऊपर्सीन।
26 “एन सब्दन क अरथ अहइ,
मने:
अर्थात् परमेस्सर तोहरे सासन क दिन गन लिहेस ह अउर उ ओकरे अन्त लिआएस ह।
27 तकेल:
अर्थात् तराजू पइ तोहका तौल लीन्ह गवा ह अउर तू पूरा नाहीं उतरा ह।
28 ऊपर्सीन:
अर्थात् तोहसे तोहार राज्ज छोरा जात अहइ अउर ओकर बँटवारा होत अहइ।
इ राज्ज मादियन अउ फारसिदन क लोगन क दइ दीन्ह जाइ।”
29 एकरे पाछे बेलसस्सर आग्या दिहेस कि दानिय्येल क बैंगनी बेसभूसा पहिराइ जाइ। ओकरे गले मँ सोने क हार पहिराइ दीन्ह जाइ अउर इ घोसणा कइ दीन्ह गइ कि उ राज्ज मँ तीसरा सबस बड़कवा सासक होइ। 30 उहइ रात, बेलसस्सर, बाबुल क प्रजा क राजा बध कइ दीन्ह गवा। 31 मादे क रहइवाला एक मनई जेकर नाउँ दारा रहा अउर जेकर आयु कउनो बासठ बरिस क रही, हुवाँ क नवा राजा बना।
दानिय्येल अउ सिंह
6 दारा राज्ज पइ हुकुमत करइ बरे ओकर मदद बरे एक सौ बीस प्रान्तीय अधिकारियन क नियुक्त करइ क निहचय किहा। 2 अउर एकरे बरे उ एक सौ बीस प्रान्त-अधिपतियन क ऊपर हुकुमत करइ बरे तीन ठु मनइयन क अधिकारी नियुक्त कइ दिहस। इ तीनहुँ देख-रेख करइवालन मँ एक रहा दानिय्येल। एन तीन मनइयन क नियुक्ति राजा एह बरे किहे रहा कि कउनो ओकरे संग छल न कइ पावइ अउर ओकर राज्ज क कउनो भी हानि न होइ। 3 दानिय्येल इ कइ देखाएस कि उ दूसर पर्यवेच्छकन स जियादा उत्तिम अहइ। दानिय्येल इ काम आपन उत्तम मानिसक जागतन अउर महान अन्तदृस्टि क कारण सम्पनन कइ सकेस। राजा दानिय्येल स एतना जियादा प्रभावित भवा कि उ दानिय्येल क सारी हुकुमत क हाकिम बनावइ क सोचेस। 4 किन्तु जब दूसर पर्यवेच्छकन अउ प्रान्त अधिपतियन एकरे बारे मँ सुनेन तउ ओनका दानिय्येल स जलन होइ लाग। उ पचे ओका कोसइ क बरे कारण ढूँढइ क जतन करइ लागेन। किन्तु फुन भी उ पचे ओकरे काम मँ कउनो दोख या कउनो भ्रस्ट नाहीं ढूँढ पाएन। तउ उ पचे ओह पइ कउनो गलत काम करइ क दोख नाहीं लगाइ सकेन। काहेकि दानिय्येल बहोत ईमानदार अउ भरोसेमन्द मनई रहा। उ पचे ओहमाँ कउनो दोख नाहीं ढूँढ पाएन।
5 आखिरकार ओन लोग कहेन, “दानिय्येल पइ कउनो बुरा काम करइ क दोख लगावइ क वजह हम कबहुँ नाहीं ढूंढ़ पाउब। एह बरे हमका सिकाइत क बरे कउनो अइसी बात ढूँढ़इ चाही जउन ओकर परमेस्सर क नेमन स सम्बन्ध रखत होइ।”
6 तउ उ पचे दुइनउँ पर्यवेच्छक अउर उ सबइ प्रान्त-अधिपति टोली बनाइके राजा क लगे गएन। उ पचे कहेन, “हे राजा दारा, तू अमर रहा। 7 हम सबहिं पर्यवेच्छक, हाकिम, प्रान्त-अधिपति, मंत्री अउर राज्जपाल एक बात पइ सहमत अहइ कि राजा क इ नेम बनाइ देइ चाही अउर हर मनई क इ नेम क पालन करइ चाही। उ नेम इ अहइँ, जदि अगले तीस दिनन तलक कउनो भी मनई, आपक तजिके कउनो अउर देवता या मनई क पराथना करइ तउ उ मनई क सेरन क माँद मँ डाइ दीन्ह जाइ। 8 अब हे राजा! जउने कागज पइ नेम लिखा अहइ, तू ओह पइ हस्ताच्छर कइ द्या। इ तरह स इ नेम कबहुँ बदला नाहीं जाइ सकी। काहेकि मीदियन अउ फारसियन क नेम न तउ बदले जाइ सकत हीं।” 9 तउ राजा दारा इ नेम बनाइके ओह पइ हस्ताच्छर कइ दिहेस।
10 हर दिन तीन दाईं दानिय्येल अपने घुटनन क बल निहुरिके आपन परमेस्सर क पराथना करत रहेन अउर आपन परमेस्सर क सुकरिया अदा किहेन। दानिय्येल जब इ नवे नेम क बारे मँ सुनेस तउ उ अपने घर चला गवा। दानिय्येल आपन मकान क छत क ऊपर, आपन कमरा मँ चला गवा। दानिय्येल ओन खिड़कियन क लगे गवा जउन यरूसलेम क तरफ खुलत रहिन। फिन उ आपन घुटनन क बल निहुरा अउर जइसे सदा किया करत रहा, उ वइसे ही पराथना किहेस।
11 फिन उ सबइ लोग झुण्ड बनाइके दानिय्येल क हिआँ जाइ पहुँचेन। हुवाँ उ पचे दानिय्येल क पराथना करत अउ परमेस्सर स दाया माँगत पाएन। 12 बस फुन का रहा। उ सबइ लोग राजा क लगे पहुँचेन अउर उ पचे राजा स उ नेम क बारे मँ बात किहन जउन उ बनाए रहा। उ पचे कहेन, “हे राजा दारा, आप एक नेम बनाए रहेन। जेकरे अनुसार अगले तीस दिनन तलक जदि कउनो मनई कउनो देवता स या तोहरे अलावा कउनो मनई स पराथना करत ह तउ, हे राजा, ओका सेरन क माँद मँ फेंकवाइ दीन्ह जाइ। बतावइँ का आप इ नेम पइ हस्ताच्छर नाहीं किहे रहेन?”
राजा जवाब दिहस, “हाँ, मइँ उ नेम पइ हस्ताच्छर किहे रहेउँ अउर मादियन अउ फारसियन क नेम अटल होत हीं। न तउ उ सबइ बदले जाइ सकत हीं, अउर न ही मिटावा, जाइ सकत हीं।”
13 एह पइ ओन राजा स कहेन, “दानिय्येल नाउँ क उ मनई आप क बात पइ धियान नाहीं देत अहइ। दानिय्येल यहूदा क बन्दियन मँ स एक अहइ। जउने नेम पइ आप हस्ताच्छर किहेन ह, उ ओह पइ धियान नाहीं देत अहइ। दानिय्येल अबहुँ भी हर दिन तीन दाईं अपने परमेस्सर क पराथना करत ह।”
14 राजा जब इ सुनेस तउ उ बहोत दुःखी अउ बियाकुल होइ उठा। राजा दानिय्येल क बचावइ चाहत रहा। एह बरे ओका बचावइ क कउनो उपाय सोचत सोचत राजा सारा दिन बिताइ दिहेस अउर साम होइ गइ। 15 एकरे बाद उ सबइ लोग एक झुण्ड बनाइके राजा क लगे पहोंचने। उ पचे राजा स कहेन, “हे राजा, मादियन अउ फारसियन क ब्यवस्था क अनुसार या हुकूम पइ राजा हस्ताच्छर कइ देइ, उ न तउ कबहुँ बदला जाइ सकत ह अउर न ही कबहुँ मिटावा जाइ सकत ह।”
16 तउ राजा दारा आदेस दइ दिहेस। उ सबइ लोग दानिय्येल क धइ लाएन अउर ओका सेरन क माँद मँ लोकाइ दिहेन। राजा दिनिय्येल स कहेस, “मोका आसा अहइ कि तू जउन परमेस्सर क हमेसा उपासना करत ह, उ तोहार रच्छा करी।” 17 एक बड़ा सा पाथर लिआवा गवा अउर ओका सेरन क माँद क दुआर पइ भेड़ दीन्ह गवा। फुन राजा आपन अँगूठी लिहेस अउर उ पाथर पइ आपन मुहर लगाइ दिहस। साथ ही उ आपन हाकिमन क अंगूठियन क मुहरन भी उ पाथर पइ लगाइ दिहस। एकर इ अभिप्राय रहा कि उ पाथर क कउनो भी हटाइ नाहीं सकत अउर सेरन क उ माँद स दानिय्येल क बाहेर नाहीं लाइ सकत रहा। 18 एकरे पाछे राजा दारा आपन महल क वापस चला गवा। उ पूरी रात उपवास किहेस। उ नाहीं चाहत रहा कि कउनो ओकरे लगे आवइ अउर ओकर मन बहलावइ। राजा सारी रात सोइ नाहीं पाएस।
19 दूसरे दिन भिन्सारे जइसे ही सूरज रोसनी फइलइ लाग, राजा दारा जाग गवा अउ सेरन क माँद कइँती दउड़ा। 20 राजा बहोत चिंतित रहा। राजा जब सेरन क माँद क लगे गवा तउ हुवाँ उ दानिय्येल क जोर स अवाज लगाएस। राजा कहेस, “हे दानिय्येल, हे जिअत परमेस्सर क सेवक, का तोहार परमेस्सर, जेकर तू हमेसा उपासना करत ह, तोहका सेरन स बचावइ मँ सामर्थ भवा ह”
21 दानिय्येल जवाब दिहेस, “राजा, अमर रहइँ। 22 मोर परमेस्सर मोका बचावइ बरे सरगदूत पठए रहा। उ सरगदूत सेरन क मुँह बन्द कइ दिहेस। सेरन मोका कउनो हानि नाहीं पहोंचाएन काहेकि मोर परमेस्सर जानत ह कि मइँ निरपराध हउँ। मइँ राजा क बरे कबहुँ कउनो बुरा नाहीं किहेउँ ह।”
23 राजा दारा बहोत खुस रहा। राजा आपन सेवकन क हुकूम दिहेस कि उ पचे दानिय्येल क सेरन क माँद स बाहेर हींच लेइँ। जब दानिय्येल क सेरन क माँद स बाहेर लिआवा गवा तउ ओका ओह पइ कउनो जखम नाहीं देखाइ दिहस। सेरन दानिय्येल क कउनो भी तरह क हानि नाहीं पहोंचाए रहा। काहेकि उ आपन परमेस्सर पइ बिस्सास किहेस।
24 एकरे पाछे राजा ओन लोगन क जउन दानिय्येल पइ अभियोग लगाइके ओका सेरन क माँद मँ डलवाए रहेन, बोलवावइ क आदेस दिहस अउर ओन लोगन क, ओनकर मेहररूअन क अउर ओनके गदेलन क सेरन क माँद मँ फेंकवाइ दिहे रहा। एहसे पहिले कि उ पचे सेरन क माँद मँ धरती पइ गिरतेन, सेरन ओनका दबोच लिहन। सेर ओनके तनन क खाइ गएन अउर फुन ओनकर हाड़न क चूर-चूर कइ दिहेन।
25 एह पइ राजा दारा सारी धरती क लोगन, दूसर जाति क अलग-अलग भासा बोलइवालन क इ पत्र लिखेस:
सुभकामनाऐं
26 मइँ एक ठु नेम बनावत हउँ। मोरे राज्ज क हर भाग क लोगन क बरे इ नेम होइ। तू पचे सबहिं लोगन क दानिय्येल क परमेस्सर क भय मानइ चाही अउर ओकर आदर करइ चाहीं।
दानिय्येल क परमेस्सर जिअत अहइ।
परमेस्सर सदा-सदा अमर रहत ह।
साम्राज्ज कबहुँ ओकर खतम नाहीं होइ
ओकरे सासन क अंत कबहुँ नाहीं होइ
27 परमेस्सर लोगन क बचावत ह अउर रच्छा करत ह।
सरग मँ अउ धरती क ऊपर परमेस्सर अद्भूत अचरजे स भरा करम करत ह।
परमेस्सर दानिय्येल क सेरन स बचाइ लिहेस।
28 इ तरह जब दारा क राज रहा अउर जिन दिनन फारसी राजा कुसू क हुकूमत रही, दानिय्येल सफलता प्राप्त किहस।
चार पसुअन क बारे मँ दानिय्येल क सपना
7 बेलसस्सर क बाबुल पइ सासन काल क पहिले बरिस दानिय्येल क एक ठु सपना आवा सपने मँ आपन पलंग पइ ओलरे भए दानिय्येल, इ सबइ दर्सन लखेन। दानिय्येल जउन सपना लखे रहा, ओका लिख लिहस। 2 दानिय्येल बताएस, “राति मँ मइँ सपना मँ एक दर्सन पाएउँ। मइँ लखेउँ कि चारिहुँ दिसा स हवा बहत अहइ अउर ओन हवा स सागर उफनइ लाग। 3 फुन मइँ तीन पसुअन क लखेउँ। हर पसु दूसर पसु स भिन्न रहा। उ पचे चारिहुँ पसु समुद्रर मँ स उभरिके बाहर निकरे रहेन।
4 “ओनमाँ स पहिला पसु सिहं क समान देखाइ देत रहा अउर उ सिहं क उकाब क जइसे पंख रहेन। मइँ उ पसु क लखेउँ। फुन मइँ लखेउँ कि ओकर पंख उखाड़ फेंका गवा अहइँ। धरती पइ स उ पसु क इ तरह उठावा गवा जेहसे उ कउनो मनई क समान आपन दुइ गोड़न पइ खड़ा होइ गवा। ऍका मनई क दिमाग दइ दीन्ह गवा रहा।
5 “अउर फुन मइँ लखेउँ कि मोरे समन्वा एक अउर दूसर पसु मौजूद अहइ। इ पसु एक भालू क नाईं रहा। उ आपन एक बगल पइ उठा भवा रहा। उ पसु क मुहँ स दाँतन की बीच तीन पसलियन रहिन। उ भालू स कहा गवा रहा, ‘उठा अउर तोहका जेतना चाही ओतना माँस खाइ ल्या।’
6 “एकरे पाछे, मइँ लखेउँ कि मोरे समन्वा एक अउर पसु खड़ा अहइ। इ पसु चीते जइसा लगत रहा अउर उ चीता क पिठिया पइ चार पंख रहेन। पंख अइसे लगत रहेन, जइसे उ पचे कउनो चिरइया क पंख होइँ। इ पसु क चार ठु सिर रहेन, अउर ओका हुकूमत क अधिकार दीन्ह गवा रहा।
7 “एकरे पाछे, सपना मँ रात क मइँ लखेउँ कि मोरे समन्वा एक अउर चौथा जनावर खड़ा अहइ। इ जनावर बहोतइ खूँखार अउर भयानक लगत रहा। उ बहोत मजबूत देखाई देत रहा। ओकरे लोहे क लम्बे-लम्बे दाँत रहेन। इ जनावर अपने सिकारन क कुचर कइके खाइ डावत रहा अउर सिकार क खाइ चुकइ क पाछे जड़न कछू बचि रहत, उ ओका आपन गोड़न क तरे कुचरि डावत रहा। इ पसु स पहिले मइँ सपना मँ जउन पसु लखे रहेउँ, उ चउथा पसु ओन स अलग रहा। इ पसु क दस ठु सींग रहेन।
8 “अबहिं मइँ ओन सींगन क बारे मँ सोच ही रहेउ कि ओन सींगन क बीच एक ठु अउर सींग जमि आवा। इ सींग बहोत छोट रहा। इ छोटे सींग पइ आँखिन रहिन, अउर उ सबइ आँखिन कउनो मनई क आँखिन जइसी रहिन। इ छोटके सींग मँ एक मुँह भी रहा अउर उ खुद क प्रसंसा करत रहा। इ छोटका सींग दूसर सींगन मँ स तीन ठु सींग उखाड़ फेकेस।
चउथे पसु क निआव
9 “मोर लखत ही लखत, ओनकी जगह पइ सिंहासन रखे गएन
अउर उ सनातन राजा[a] सिंहासन पर बिराज गवा।
ओकर ओढ़ना बहोतइ उज्जर रहेन,
उ सबइ ओढ़नन बर्फ जइसे सफेद रहेन।
ओकर सिंहासन आगी क बना रहा
अउर ओकर पहियन लपटन स बना रहेन।
10 प्राचीन राजा क समन्वा
एक आगी क नदी बहत रही।
लाखों करोड़ों लोग ओकर सेवा मँ रहेन।
ओकरे समन्वा करोड़न दास खड़ा रहेन।
निआवधीस ओकर समन्वा बइठेस
अउर पुस्तकन खोली गइ होइँ।
11 “मइँ लखत क लखत रहि गएउँ काहेकि उ छोटका सींग डीगंन मारत रहा। मइँ उ समइ तलक लखत रहेउँ जब अन्तिम रूप स चउथे पसु क हत्तिया कइ दीन्ह गइ। ओकरी देह क नस्ट कइ दीन्ह गवा अउर ओका धधकत आगी मँ डाइ दीन्ह गवा। 12 दूसर पसुअन क सक्ति अउर राजसत्ता ओहसे छीन लीन्ह गएन। किन्तु एक निहचित समइ तक ओनक जिअत रहइ दीन्ह गवा।
13 “राति क मइँ आपन दिव्व सपन मँ लखेउँ कि मोर समन्वा कउनो खड़ा अहइ, जउन मनई जइसा देखाई देत रहा। उ अकास मँ बादरन पइ सवार होइके आवत रहा। उ उ सनातन राजा क लगे आवा रहा। तउ ओका ओकरे समन्वा लइ आवा गवा।
14 “उ जउन मनई क समान देखाई देत रहा, ओका अधिकार, महिमा अउर सम्पूर्ण सासन सत्ता सौंप दीन्ह गइ। सबहिं लोग, सबहिं जातियन अउर प्रत्येक भासा-भासी लोग ओकर आराधना करिहीं। ओकर राज्ज अमर रही। ओकर राज्ज सदा बना रही। उ कबहुँ नस्ट नाहीं होइ।
चउथे पसु क सपन क फल
15 “मइँ, दानिय्येल बहुत विकल अउ चिंतित रहेउँ। उ सबइ दर्सन जउन मइँ लखे रहेउँ, उ सबइ मोका विकल बनाए भए रहेन। 16 मइँ जउन हुवाँ खड़ा रहेउँ, ओनमाँ स एक क लगे पहोंचेउँ। मइँ ओहसे पूछेउँ, “इ सब कछू क अरथ का अहइ? तउ उ बताएस, उ मोका समुझाएस कि एन बातन क मतलब का अहइ। 17 उ कहेस, ‘उ पचे इ चार बड़के पसु, चार राज्ज अहइँ। उ सबइ चारिहुँ राज्ज धरती स उ मरिहीं। 18 किन्तु परमेस्सर क पवित्तर लोग उ राज्ज क प्राप्त करिहीं जउन एक अमर राज्ज होइ।’
19 “फुन मइँ इ जानइ चाहेउँ कि उ चउथा पसु का रहा अउर ओकर का अभिप्राय रहा? उ चउथा पसु सबहिं दूसर पसुअन स भिन्न रहा। उ बहोत भयानक रहा। ओकर दाँत लोहे क रहेन, अउर पंजे काँसे क रहेन। उ पसु रहा, जउन आपन सिकार क चकनाचूर कइके पूरी तरह खाइ लिहे रहा, अउर आपन सिकार क खाइ क पाछे जउन कछू बचा रहा, ओका आपन गोड़वन क तले रौंद डाए रहा। 20 उ चउथे पसु क सिर पइ जउन दस सींग रहेन, मइँ ओनके बारे मँ जानइ चाहेउँ अउर मइँ उ सींग क बारे मँ जानइ चाहेउँ जउन हुवाँ सींगन मँ स तीन ठु सींग उखाड़ि फेंके रहेन। उ सींग दूसर सींगन स जियादा बड़का देखाई देत रहा। ओकर आँखिन रहिन अउर उ आपन डींग हाँके चला जात रहा। 21 मइँ लखत ही रहेउँ कि उ सींग परमेस्सर क पवित्तर लोग क विरुद्ध युद्ध अउर ओन पइ हमला करब सुरू कइ दिहेस ह अउर उ सींग ओनका मारि डावत अहइ। 22 परमेस्सर क पवित्तर लोग क उ सींग उ समइ तलक मारत रहा जब तलक सनातन राजा आइके उ सींग क निर्णय नाहीं किहस। उ निर्णय परमेस्सर क पवित्तर लोग क पच्छ मँ रहा। अउर ओनका ओनके आपन राज्ज क प्राप्ति होइ गइ।
23 “अउर फुन उ सपना क मोका इ तरह समुझाएस कि उ चउथा पसु, ‘उ चउथा राज्ज अहइ जउन धरती पइ आई। उ राज्ज दूसर सबहिं राज्जन स अलग होइ। उ चउथा राज्ज ससांर मँ सब कहूँ लोगन क बिनास करी। संसार क सबहिं देसन क उ आपन गोड़न तले रौदी अउर ओनकर टूका-टूका कइ देइ। 24 उ सबइ दस सींग उ सब दस राजा अहइँ, जउन इ चउथे राज्ज मँ अइहीं। एन दसन राजा लोगन क चले जाइ क पाछे एक ठु अउर राजा आई। उ राजा अपने स पहिले क राजा लोगन स अलग होइ। उ ओनमाँ स तीन दूसर राजा लोगन क पराजित करी। 25 इ बिसेस राजा सर्वोच्च परमेस्सर क विरुद्ध बातन करी तथा उ राजा परमेस्सर क पवित्तर लोगन क नोस्कान पहोंचाइ अउर ओनकर बध करी। जउन पवित्तर उत्सव अउर जउन नेम इ समइ प्रचलन मँ अहइँ उ राजा ओनका बदलइ क जतन करी। परमेस्सर क पवित्तर लोग साढ़े तीन बरिस तलक उ राजा क सक्ति क अधीन रहिहीं।
26 “‘किन्तु जउन कछू होब अहइ, ओकर निर्णय निआवालय करी अउर उ राजा स ओकर सक्ति छोरि लीन्ह जाइ। ओकरे राज्ज क पूरी तरह अन्त होइ। 27 फिन परनेस्सर क पवित्तर लोग उ राज्ज क हुकूमत चलइहीं। धरती क सबहिं राज्जन क सबहिं लोगन पइ सासन होइ। इ राज्ज सदा सदा अटल रही, अउर दूसर सबहिं राज्जन क लोग ओनका आदर देइहीं अउर ओनकर सेवा करिहीं।’
28 “इ तरह उ सपना क अंत भवा। मइँ, दानिय्येल तो बहोत डेराइ गवा रहेउँ। डर स मोर मुँह पीला पड़ गवा रहा। मइँ जउन बातन लखे रहेउँ अउर सुने रहेउँ, मइँ ओनके बारे मँ दूसर लोगन क नाहीं बताएउँ।”
1 मइँ बुजुर्ग कइँती स,
उ चुनी भइ स्त्री जउने क परमेस्सर चुने अहइ, अउर ओकरे बचवन क पिरेम करित हउँ जउन सच्चाई क भागीदार अहइँ,
मइँ तुहिन अकेले स पिरेम नाहीं करित, मुला ओन सबे तोह सबन स पिरेम करित हीं जउन सच्चाई क जान लिहे अहइँ। 2 इ उही सच्चाई क कारण भवा बाटइ जउन हमरे मँ बना रहत ह अउर जउन हमेसा हमरे साथे रही।
3 परमपिता परमेस्सर कइँती स ओकर अनुग्रह दाया अउर सान्ति हमेसा हमरे साथे रही अउर परमेस्सर क पूत ईसू मसीह कइँती स सच्चाई अउर पिरेम मँ हमार जगह बनी रही।
4 तोहारे बचवन क उ सच्चाई क हिसाब स जीवन जिअत देखिके मोका बहुत आनन्द भवा। काहेकि उ हुकुम परमपिता स हमका मिला ह अउर उ सबइ, सच प चलत ही। 5 अउर ऐ पिआरी स्त्री, मइँ तोहका कउनउ नया आदेस नाहीं देत अहउँ, प उहइ जउन प्रारम्भ स हमे मिला अहइ। हमका एक दूसरे क साथे पिरेम करइ चाही। 6 पिरेम क मतलब इहइ बाटइ कि हम ओकरे आदेसन क पालन करी। इ उहइ आदेस बाटइ जउने क तू सुरू स सुन्या ह कि तोहका सबन क पिरेम क साथ जियइ चाही।
7 दुनिया मँ बहोत झूठे उपदेसकन तमाम फइला पड़ा अहइँ। वे धोखा देइवालन इ नाहीं मानतेन कि इ धरती प मनई क रूप मँ ईसू मसीह आवा अहइ, उ ठग बाटइ अउर मसीह क विरोधी बाटइ। 8 अपने प्रति सावधान रहा, अइसा न होइ कि जउन कछू कमाए अहा, ओका गँवाइ द्या, वरन एकर प्रतिफल तू पचे प्राप्त करा।
9 जउन मनई मसीह क बावत दीन्ह सच्चे उपदेस मँ टिका नाहीं रहत, उ परमेस्सर क नाहीं पाइ सकत। अउर जउन ओकरे उपदेस अउर क मानत ह, ओकरे पास परमपिता अउर बेटवा दुइनउ रहत ह। 10 जदि कउनउ मनई तोहरे घरे मँ आवत ह, अउर इ उपदेस नाहीं मानत, तउ ओका अपने घरवा मँ न आवइ द्या, अउर न नमस्कार करा। 11 काहेकि जे अइसे मनई क स्वीकार करत ह, उ ओकरे बुरे कामन मँ हिस्सेदार होइ जात ह।
12 तोहका लिखइ क वास्ते मोरे लगे बहुत सी बातन अहइँ मुला ओन सबन क कलम दवात स मइँ लिखइ नाहीं चहित मुला मोका इ आसा अहइ कि तोहरे सामने आइके आमने सामने बइठिके तोहसे बात करउँ। जेहसे कि हमार आनन्द पूरा होइ जाइ। 13 तोहरी परमेस्सर द्वारा चुनी भइ बहन[a] क बचवन तोहका नमस्कार कहत हीं।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.