Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
दानिय्येल 3-4

सोना क प्रतिमा अउ धधकत भट्ठी

राजा नबूकदनेस्सर सोना क एक ठु प्रतिमा बनवाइ रखी रही। उ प्रतिमा साठ हाथ ऊँची अउ छ: हाथ चउड़ी रही। नबूकदनेस्सर उ प्रतिमा क बाबुल प्रदेस क दूरा क मैदान मँ स्थापित कइ दिहेस। अउर फुन राजा राज्ज क राज्जपालन, मुखिया लोगन, अधिपतियन, सलाहकारन, खजांचियन, निआवधीसन, सासकन अउ दूसर सबहिं छेत्र क अधिकारियन क आपन राज्ज मँ आइके बटुरइ बरे बुलवाइ पठएस। राजा चाहत रहा कि उ पचे सबहिं लोग प्रतिमा क प्रतिस्ठा महोत्सव मँ सामिल होइँ।

एह बरे पूरा राज्ज स राज्जपाल, नेत, सलाहकार, खजानची, निआवधीस, प्रबंधक अउर बाकी सभी प्रान्तीय अधिकारी समर्पन समारोह मँ आएन अउ उ प्रतिमा क अगवा खड़े होइ गएन जेका राजा नबूकदनेस्सर स्थापित कराए रहा। फुन उ डँडोरची, जउन राजा क सबइ सूचना क घोसणा प्रसारित करत रहा, ऊँचे अवाजे मँ कहस, “सुना, सबहिं लोगन, जातियन अउर भासा सुना। तू पचन क जउन करइ क आग्या दीन्ह गइ अहइ, उ इ अहइ, तू पचे जब सबहिं नरसिंहन, बाँसुरियन, सितारन सात तारवाले बाजन वीणा अउ सहनाई तथा दूसर सबहिं प्रकार क बाजन क आवाज सुना, तउ तू पचन्क इ सोना क मूरती क जरूर पूजा करइ चाही जउन राजा नबूकदनेस्सर दुआरा स्थापित कीन्ह गवा ह। जदि कउनो मनई इ सोना क प्रतिमा क निहुरिके प्रणाम नाहीं करी अउ एका नाहीं पूजी तउ उ मनई क तुरंतइ धधकत भई भट्ठी मँ झोक दीन्ह जाइ।”

तउ, जइसे ही उ पचे नरसिंहन, बाँसुरियन, सितारन, सात तारउ वाले बाजन, सहनाइयन अउ दूसर तरह क संगीत बाजन क सुनेन, सभी लोगन, जातियन अउर हर भाखा क लोग राजा नबूकदनेस्सर क जरिये रखा गवा सोना क उ मूरति क निहुरेन अउर पूजा किहेन।

एकरे पाछे, कछू कसदी लोग राजा क लगे आएन। ओन लोग यहूदियन क विरोध मँ राजा क कान भरेन। राजा नबूकदनेस्सर स उ पचे कहेन, “हे राजा, आप चिरंजीवी ह्वा। 10 हे राजा, आप एक ठु आदेस दिहे रहेन आप कहे रहेन कि हर उ मनई जउन नरसिंहन, बाँसुरियन, सितारन, सात तारउवाले बाजन, सबइ वीणा मसक सहनाइयन अउर दूसर सबहिं तरह क वाद्य-यन्त्रन क ध्वनि क सुनत ह, उ सोना क प्रतिमा क अगवा निहुरिके ओकर पूजा करइ चाही। 11 आप इ भी कहे रहेन कि जदि कउनो मनई सोना क प्रतिमा क अगवा निहुरिके ओकर पूजा नाहीं करी तउ ओका कउनो धधकत भट्ठी मँ झोंक दीन्ह जाइ। 12 हे राजा, हिआँ कछू अइसे यहूदी अहइँ जउन आपक आदेस पइ धियान नाहीं देतेन। आप ओन यहूदियन क बाबुल प्रदेस मँ महत्वपूर्ण हाकिम बनाए भवा अहा। अइसे लोगन क नाम अहइँ सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो। इ सबइ लोग आप क देवतन क पूजा नाहीं करतेन अउ जउन सोना क प्रतिमा क आप स्थापित किहेन ह, उ सबइ न तउ ओकरे अगवा निहुरत हीं अउर ही ओकर पूजा करत हीं।”

13 एह पइ नबूकदनेस्सर किरोध मँ आग-बबूला होइ उठा। उ सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क बोलवाइ पठएस। तउ ओन लोगन क राजा क समन्वा लावा गवा। 14 राजा नबूकदनेस्सर ओन लोगने स कहेस, “सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो। का इ फूर अहइ कि तू मोर देवतन क पूजा नाहीं करत्या? अउर का इ भी सच अहइ कि तू मोरे जरिये स्थापित कराइ गइ सोना क प्रतिमा क अगवा न तउ निहुरत अहा, अउर न ही ओकर पूजा करत अहा? 15 अब लखा, तू जब नरसिंहन, बाँसुरियन, सितारन, सात तार क बाजन, वीणा, सहनाइयन तथा हर तरह क दूसर वाद्य-यन्त्रन क ध्वनि सुना तउ तोहका सोना क प्रतिमा क अगवा निहुरिके ओकर पूजा करइ चाही। जदि तू मोरे जरिये बनवाइ गइ उ मूरति क पूजा करइ क तइयार अहा, तब तउ नीक अहइ किन्तु जदि ओकर पूजा नाहीं करत अहा तउ तोहका फउरन धधकत भइ भट्ठी मँ झोंक दीन्ह जाइ। अउर कउनो भी देवता तोहका मोहस बचाइ नाहीं सकत्या।”

16 सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो उत्तर देत भए राजा स कहेन, “हे नबूकदनेस्सर, हमका तोहका इ बिसय मँ जवाब देइ क जरूरत नाहीं अहइ। 17 जदि, हमार परमेस्सर जेकर हम उपासना करित ह ओकर अस्तित्व अहइ तउ उ इ बरत भइ भट्ठी स हमका बचाइ लेइ मँ समर्थ अहइ। तउ राजा, उ हमका मोरी ताकत स बचाइ लेइ। 18 किन्तु राजा, हम इ चाहित ह कि तू एतना जान ल्या कि जदि परमेस्सर हमार रच्छा न भी करइ तउ भी हम तोहरे देवतन क सेवा स इन्कार करित ह। सोना क जउन प्रतिमा तू स्थापित कराया ह हम ओकर पूजा नाहीं करिब।”

19 एह पइ तउ नबूकदनेस्सर किरोध स भड़क उठा। उ सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो कइँती घिना स लखा। उ आग्या दिहेस की जेतना उ तपा करत ह, ओका ओहसे सात गुणा जियादा दहकावा जाइ। 20 एकरे पाछे नबूकदनेस्सर आपन सेना क कछू बहोत मजबूत फउजियन क आग्या दिहेस कि उ पचे सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क बाँध लेइँ। राजा ओन फउजियन क आग्या दिहस कि उ पचे सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क धधकत भट्ठी मँ झोंक देइँ।

21 तउ सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क बाँध दीन्ह गवा अउ फुन धधकत भट्ठी मँ धकेल दीन्ह गवा। उ पचे ओकर कमीज़न, पतलूनन अउ टोप तथा दूसर ओढ़नन पहिर रखे रहेन। 22 जउनो समइ राजा इ आग्या दिहे रह्या उ समइ उ बहोत कोहान रहा, एह बरे उ फउरन ही भट्ठी क बहोत तपाइ लिहस। आगी एतना जियादा भड़कत रही कि ओकर लपटन मँ स उ सबइ सक्तिसाली फउजी जर गएन, जब उ पचे सद्रक, मेसक अउ अबदेनगो क भट्टी मँ ढकेले रहा। 23 सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो आगी मँ भहराइ गए रहेन। ओनका बहोत कसिके बाँधा भवा रहा।

24 एह पइ राजा नबूकदनेस्सर उछरिके आपन गोड़न, पइ खड़ा होइ गवा। ओका बहोत अचरज होत रहा। उ आपन मंत्रियन स पूछेस, “इ ठीक अहइ न कि हम तउ बस तीन मनइयन क बँधवाए रहे अउर आगी मँ ओनहीं तीन क डलवाए रहे।”

ओकर मंत्रियन जवाब दिहन, “हाँ, महाराज।”

25 राजा बोला, “लखा, मोका तउ आगी क भीतरे इधर-उधर घुमत भए चार ठु मनई देखाई देत अहइँ। उ सबइ बंधे भए नाहीं अहइँ अउर आगी ओनका कछू नाहीं बिगाड़ बिगाड़ेस ह। लखा, उ चउथा मनई देवता क पूत जइसा देखाई देत अहइ।”

26 एकरे पाछे नबूकदनेस्सर उ बरत भइ भट्ठी क मुँहे पइ गवा। उ जोर स गोहराइके कहेस, “सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो, बाहेर आवा। सर्वोच्च परमेस्सर क सेवको बाहेर आवा।”

तउ सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो आगी स बाहेर निकरि आएन। 27 तब उ पचे बाहेर आएन तउ प्रान्त क राज्जपालन, हाकिमन, अधिपतियन अउ राजा क मंत्रियन ओनके चारिहुँ तरफ भीड़ लगाइ दिहन। उ पचे देख पावत रहेन कि उ आगी सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क छुआ तलक नाहीं अहइ। ओनकर तन तनिकउ भी नाहीं जरा रहेन। ओनकर बार झुलसा तलक नाहीं रहेन। ओनकर ओढ़नन क आँच तलक नाहीं आई रहिन। ओनकर तन स अइसी गंध तलक नाहीं निकरत रही जइसे उ पचे आगी क आस-पास भी गवा होइँ।

28 फुन नबूकदनेस्सर कहेस, “सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क परमेस्सर क स्तुति करा। ओनकर परमेस्सर आपन सरगदूत क पठइके, आपन सेवकन क आगी स रच्छा किहेस ह। एन तीनहुँ पूरखन क आपन परमेस्सर मँ आस्था रही। इ सबइ मोरे आदेस क मानइ स मना कइ दिहेन अउर दूसर कउनो देवता क सेवा या पूजा करइ क बजाय उ पचे मरब कबूल किहेन। 29 तउ आजु स मइँ इ नेम बनावत हउँ: कउनो भी लोगन जातियन अउर भासा बोलइवाला कउनो मनई जदि सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क परमेस्सर क विरोध मँ कछू कही तउ ओकर टूकन-टूकन कइ दीन्ह जइहीं अउ ओकर घर क उ समइ तलक तोड़ा-फोड़ा जाइ जब तलक उ मलवा अउ राखी क ढेर मात्र न रहि जाइ। कउनो भी दूसर देवता आपन लोगन क इ तरह नाहीं बचाइ सकता।” 30 एकरे पाछे राजा सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क बाबुल क प्रदेस मँ अउर जियादा महत्वपूर्ण पद प्रदान कइ दिहन।

एक ठु बृच्छ क बारे मँ नबूकदनेस्सर क सपना

राजा नबूकदनेस्सर सबइ लोगन, जाति अउर भाखा क, जउन सारी दुनिया मँ बसे भए रहेन, इ पत्र पठएस तू सबइ क अधिक सान्ति मिली।

सर्वोच्च परमेस्सर मोर संग जउन अचरज भरी अद्भूत बातन किहेस ह, ओकरे बारे मँ तोहका बतावत भए मोका बहोत खुसी अहइ।

ओकरे कार्य केतॅना अद्भुत अहइ।
    ओकरे चमत्कार केतॅना सक्तिसाली अहइ।
परमेस्सर क राज्ज सदा टिका रहत ह;
    परमेस्सर क सासन पीढ़ी दर पीढ़ी बना रहत ह।

मइँ, नबूकदनेस्सर, आपन महल मँ रहेउँ। मइँ प्रसन्न अउ सफल रहेउँ। मइँ एक सपना लखेउँ जउन मोका डेराइ दिहेस। मइँ आपन बिछउना मँ सोवत रहेउँ। मइँ तस्वीर अउर दर्सनन क लखेउँ। जउन कछू मइँ लखे रहेउँ उ मोका बहोत डेराइ दिहस। तउ मइँ इ आग्या दिहेउँ कि बाबुल क सबहिं बुध्दिमान लोगन क मोरे लगे, लिआवा जाइ ताकि उ पचे मोका सपन क फल बतावइँ। जब जादगर तान्त्रिक, कसदी अउर भविस्यवक्ता मोरे लगे आबइँ तउ मइँ ओनका आपन सपना क बारे मँ बताएउँ। किन्तु उ सबइ लोग मोका मोरे सपन क अर्थ नाहीं बताइ पाएन। अंत मँ दानिय्येल मोरे लगे आवा (मइँ आपन देवता क सम्मानित करइ बरे दानिय्येल क बेलेतसस्सर नाउँ दिहे रहेउँ। पवित्तर देवतन क आतिमा क ओहमाँ निवास अहइ।) दानिय्येल क मइँ आपन सपन कहि सुनाएउँ। मइँ ओहसे कहेउँ, “हे बेलतसस्सर, तू सबहिं तान्त्रिकन मँ सब स बड़का अहा। मोका पता अहइ कि तोहमाँ पवित्तर देवतन क आतिमा बास करत अहइ। मइँ जानत हउँ कि कउनो भी रहस्स क समुझब तोहरे बरे कठिन नाहीं अहइ। मइँ जउन सपना लखे रहेउँ, उ इ अहइ। तू मोका एकर अरथ समुझावा। 10 जब मइँ आपन बिछउना मँ ओलरा भवा रहेउँ तउ मइँ दिव्य दर्सन लखे रहेउँ। मइँ लखेउँ कि मोरे समन्वा धरती क बीचउ-बीच एक बृच्छ खड़ा अहइ। उ बृच्छ बहोत लम्बा अहइ। 11 बृच्छ बड़ा होत भवा एक बिसाल मजबूत बृच्छ बन गवा। बृच्छ क चोटी अकास छुअइ लाग। उ बृच्छ क धरती पइ कहूँ स भी लखा जाइ सकत रहा। 12 बृच्छ क पातियन सुन्नर रहिन। बृच्छ पइ बहोत नीक फल बहोतयात मँ लगे रहेन अउर उ बृच्छ पइ हर कउनो क लिए भरपूर खाइ क रहा। जंगली जनावर बृच्छ क नीचे आसरा पाए भए रहेन अउर बृच्छ क डारन पइ चिरइयन क बसेरा रहा। हर पसु पच्छी उ बृच्छ स ही भोजन पावत रहा।

13 “अपने बिछउना पइ ओलरे-ओलरे दर्सन मँ मइँ ओन वस्तुअन क लखत रहेउँ अउर तबहिं एक पवित्तर सरगदूत क मइँ सरग स नीचे उतरत भए लखेउँ। 14 उ बड़े ऊँचे सुर मँ बोला। उ कहेस, ‘बृच्छ क कांट लोकावा। एकर टहनियन क काट डाला। एकर पातियन क नोंच डावा। एकर फलन क चारिहुँ ओर बिखेर द्या। इ बृच्छ क नीचे आसरा पाए भए पसु कहूँ दूर पराइ जाइँ। एकर आरन पइ बसेरा किए भए पंछी कहूँ उड़ जाइँ। 15 किन्तु एकर तना अउर एकर जड़न क धरती मँ रहइ द्या। एकरे चारिहुँ ओर लोहा अउ काँसे क एक बंधेज बाँध द्या। अपने आस-पास उगी घास क संग एकर तना अउर एकर जड़न धरती मँ रहिहीं। जंगली पसुअन अउ पेड़ पौधन क बीच इ खेतन मँ रही। ओस स उ नम होइ जाइ। 16 उ जियादा समइ तलक मनई क तरह नाहीं सोची। ओकर मन पसु क मन जइसा होइ जाइ। ओकर अइसा ही रहत भए सात ऋतु चक्र (बरिस) बीत जाई।’

17 “एक पवित्तर सरगदूत इ दण्ड क घोसणा किहे रहा ताकि धरती क सबहिं लोगन क इ पता चल जाइ कि मनइयन क राज्जन क ऊपर परम प्रधान परमेस्सर सासन करत ह। परमेस्सर जेका भी चाहत ह। एन राज्जन क दइ देत ह अउर परमेस्सर ओन राज्जन पइ सासन करइ बरे विनम्र मनइयन क चुनत ह।

18 “बस मइँ (राजा नबूकदनेस्सर) सपना मँ इहइ लखेउँ ह। अब हे बेलतसस्सर। तू मोका इ बतावा कि इ सपना क अरथ का अहइ? मोरे राज्ज क कउनो भी बुध्दिमान मनई मोका इ सपना क फल नाहीं बताइ पावत अहइ। किन्तु हे बेलतसस्सर, तू मोरे इ सपना क व्याख्या कइ सकत ह काहेकि तोहमाँ पवित्तर परमेस्सर क आतिमा निवास करत अहइ।”

19 तब दानिय्येल (जेकर नाउँ बेलतसस्सर भी रहा) थोड़ी देर बरे एक दम चुप होइ गवा। जिन बातन क उ सोचत रहा, उ सबइ ओका बियाकुल किहे डावत रहिन। तउ राजा ओहसे कहेस, “हे बेलतसस्सर, तू उ सपना या उ सपना क फल स भयभीत जिन ह्वा।”

एह पइ बेलतसस्सर राजा क उत्तर दिहेस, “हे मोर सुआमी, कास इ सपना तोहरे दुस्मनन चइ पड़इ अउर एकर फल, जउन तोहरे विरोधी अहइँ, ओनका मिलइ।” 20 तू आपन सपना मँ एक बृच्छ लखे रहेउँ। उ बृच्छ बड़ा भवा अउर मजबूत बन गवा। बृच्छ क चोटी आसमान छुअत रही। धरती मँ हर कहूँ स उ बृच्छ देखाई देत रहा। 21 ओकर पातियन सुन्नर रहित अउर ओह पइ बहोतायत मँ फल लगे रहेन। ओन फलन स हर कउनो क पर्याप्त भोजन मिलत रहा। जंगली पसुअन क तउ उ घर ही रहा अउर ओकर डारन पइ चिरइयन बसेरा किया भए रहेन। तू सपना मँ अइसा बृच्छ लखे रह्या। 22 हे राजा, उ बृच्छ आप ही अहइँ। आप महान अउर सक्तिसाली बन चुका अहइँ। आप उ ऊँच बृच्छ क समान अहइँ जउन अकास छुइ लिहेस ह अउर आप क सक्ति धरती क सुदूर भागन तलक पहुँची भई अहइँ।

23 “हे राजा, आप एक पवित्तर सरगदूत क अकासे स नीचे उतरत लखे रह्या। सरगदूत कहे रहा ‘बृच्छ क काट डावा अउर ओका नस्ट करा। बृच्छ क तना पइ लोहा अउ काँसे क बंधज डाइ द्या अउर एकर तना अउ जड़न क धरती मँ ही छोड़ द्या। खेत मँ घास क बीच एका रहइ द्या। ओस स ही इ नमी लेत रही। उ कउनो जंगली पसु क रूप मँ रहा करी। एकर रहइ हाल मँ सात ऋतु-चक्र बीत जइहीं।’

24 “हे राजा, आपक सपन क फल इहइ अहइ। सर्वोच्च परमेस्सर मोर सुआमी राजा क बरे एन बातन क घटइ क आदेस दिहस ह। 25 हे राजा नबूकदनेस्सर, प्रजा स दूर चला जाइ क बरे आप क मजबूर कीन्ह जाइ। जंगली पसुअन क बीच आप क रहइ क होइ। मवेसियन क तरह आप घास स पेट भरिहीं अउर ओस स भिगिहीं। सात ऋतु चक्र बीत जइहीं अउर फुन ओकरे बाद तू इ स्वीकार करब्या कि सर्वोच्च परमेस्सर मनइयन क साम्राज्यन पइ सासन करत ह अउर उ जेका भी चाहत ह, ओका राज्ज दइ देत ह।

26 “बृच्छ क तना अउ ओकर जड़न क धरती मँ छोड़ देइ क आदेस क अरथ इ अहइ कि आप क साम्राज्य आप क वापस मिलि जाइ। किन्तु इ उहइ समइ होइ जब तू इ जान जाब्या कि तोहरे राज्ज पइ सर्वोच्च परमेस्सर क ही सासन अहइ। 27 एह बरे हे राज, आप कृपा कइके मोर सलाह माना। मइँ आप क इ सलाह देत हउँ कि आप पाप करब तजि देइँ अउर जउन उचित अहइ, उहइ करइँ। कुकरमन क त्याग कइ देइँ। गरीबन पइ दयालु होइँ। तबहिं आप सफल बना रहि सकिहीं।”

28 इ सबहिं बातन राजा नबूकदनेस्सर क संग घटिन। 29 इ सपना क बारह महीना बाद जब राजा नबूकदनेस्सर बाबुल मँ आपन महल क छत पइ घूमत समइ, 30 तउ उ आपन आप स किहा, “उ मइँ हउँ जउन कि इ महान बाबुल क निर्माण किहेउँ ह। इ महल मोर अहइ। मइँ आपन सक्ति स इ बिसाल नगर क निर्माण किहेउँ ह। इ ठउर क निर्माण मइँ इ देखाइ बरे किहेउँ ह कि मइँ केतना खुस हउँ।”

31 इ सबइ सब्द अबहिं ओकरे मुँह मँ ही रहेन कि एक अकासवाणी भई। अकासवाणी कहेस, “राजा नबूकदनेस्सर, तोहरे संग इ सबइ बातन घटिहीं। राजा क रूप मँ तोहसे तोहार सक्ति छोर लीन्ह गइ अहइ। 32 तोहका आपन लोगन स दूर जाब होइ। जंगली पसुअन क संग तोहार निवास होइ। तू ढोरन क तरह घास खाब्या। एहसे पहिले कि तू सबक सीखा कि मनई क राज्जन पइ सर्वोच्च परमेस्सर सासन करत ह अउर सर्वोच्च उ जेका चाहत ह, ओका राज्ज दइ देत ह सात ऋतु-चक्र बीत जइहीं।”

33 फुन फउरन ही इ सबइ बातन घट गइन। नबूकदनेस्सर क लोगन स दूर जाइ बरे मज़बूर कीन्ह गवा। उ गाइयन क तरह घास खाब सुरू कइ दिहस। उ ओस मँ भीगा। कउनो उकाब क पंखन क तरह ओकर बार बढ़ गएन अउर ओकर नाखून अइसे बढ़ गएन जइसे कउनो पंछी क पंजन क नाखून होत हीं।

34 फुन उ समइ क अंत मँ मइँ, नबूकदनेस्सर ऊपर सरग क कइँती लेखा अउर मोर सोचइ समुझइ क बुद्धि फिर स ठीक होइ गवा। तउ मइँ सर्वोच्च परमेस्सर क स्तुति किहेउँ, जउन सदा अमर अहइ, मइँ ओका आदर प्रदान किहेउँ अउर ओका गुनगान किहेउँ।

परमेस्सर सासन हमेसा करत ह।
    ओकर राज्ज पीढ़ी दर पीढ़ी बना रहत ह।
35 इ धरती क सबइ लोग
    महत्वपूर्ण नाहीं अहइँ।
परमेस्सर सरग क सक्तियन
    अउर धरती क लोगन क संग
    जउन चाहत ह उहइ करत ह।
उ जउन करइ चाहत ह ओका उ करइ स कउनो भी नाहीं रोक सकत ह।
    ओकर ससक्त हाथ जउन कछू उ करत ह ओह पइ कउनो नाहीं सवाल करत ह।

36 तउ, उ औसर पइ परमेस्सर मोका मोर बुद्धि फुन दइ दिहेस अउर उ एक राजा क रूप मँ मोर बड़ा मान, सम्मान अउ सक्ति भी वापस लउटाइ दिहस। मोर मंत्री अउर मोर राजकीय लोग फुन मोरे लगे आवइ लागेन। मइँ फुन स राजा बन गएउँ। मइँ पहिले स भी जियादा महान अउ सक्तिसाली होइ गवा रहेउँ। 37 लखा, अब मइँ, नबूकदनेस्सर सरग क राजा क स्तुति करत हउँ तथा ओकर उपासना करत हउँ, ओका आदर देत हउँ अउर ओकरे गुनगान करत हउँ। उ जउन कछू करत ह, ठीक करत ह। उ हमेसा निआव स पूर्ण अहइ। ओहमाँ अहंकारी लोगन क विनम्र बनाइ देइ क छमता अहइ।

1 यूहन्ना 5

परमेस्सर क सन्तान क दुनिया प जीत होत ह

जउन मनई इ बिसवास करत ह कि ईसू मसीह अहइ, उ परमेस्सर क सन्तान बन जात ह अउर जदि कउनो परमपिता स पिरेम करी तउ ओकरी सन्तानौ स पिरेम करी। इ तरह स जब हम परमेस्सर स पिरेम करित ह अउर ओकरे आदेस क पालन करित अही तउ हम जानि लेइत ह कि हम परमेस्सर क संतान स पिरेम करित अही। ओकरे आदेसन क पालन करत हम इ देखाइत ह कि हम परमेस्सर स पिरेम करित ह। ओकरे आदेस बहुत कड़ा नाहीं अहइ। काहेकि जउ कउनो परमेस्सर क सन्तान बन जात ह तउ उ दुनिया क जीत लेत ह। अउर दुनिया प जीत हासिल करवइवाला हमार बिसवास अहइ। जउन इ बिसवास करत ह कि ईसू परमेस्सर क पूत अहइ, तउ उ दुनिया क जीत लेत ह।

परमेस्सर अपने पूत क बावत कहब

उ ईसू मसीह अहइ जउन हमरे पास पानी अउर लहू क साथ आवा-उ केवल पानी क साथे नाहीं, मुला पानी अउर लहू क साथ। अउर उ आतिमा अहइ जउन ओकर साच्छी देत ह, काहेकि आतिमा सत्य अहइ। साच्छी देइवाले तीन अहइँ। आतिमा, पानी अउर लहू अउर इ तीनउँ साच्छी एक दूसरे स मेल खात ही, एक दूसरे स सहमत अहइँ।

जउ हम मनई क दीन्ह साच्छी क मानित ह तउ परमेस्सर क दीन्ह साच्छी अउर मूल्यवान अहइ। परमेस्सर क दीन्ह साच्छी क सबसे बड़ा महत्व इ बात मँ अहइ कि उ अपने पूत क बावत साच्छी दिहे अहइ। 10 जउन मनई परमेस्सर क पूत मँ बिसवास करत ह उ अपने अन्दर साच्छी क रखत ह। परमेस्सर जउन कहे अहइ, ओह प जउ बिसवास नाहीं करत, तउ उ मनई परमेस्सर क झूठा साबित करत ह। काहेकि उ परमेस्सर क अपने पूत क बावत दीन्ह साच्छी मँ बिसवास नाहीं किहेस। 11 अउर उ साच्छी आटै कि परमेस्सर हमका अन्नत जीवन देहे अहइ। अउर उ जीवन ओकरे पूत (ईसू) मँ मिलतह। 12 जउन मनई ओहके पूत क धारन करत ह, उ उही जीवन क धारन करतह। मुला जेकरे पास परमेस्सर क पूत नाहीं अहइ, ओकरे पास उ जीवनौ नाहीं अहइ।

अब अनन्त जीवन हमार अहइ

13 परमेस्सर मँ बिसवास करइवालो, तोहका इ बातिन क मइँ इ बरे लिखत अहउँ जइसेन कि तू जानि ल्या कि अनन्त जीवन तोहरे पास अहइ। 14 हमार परमेस्सर मँ इस बिसवास अहइ कि जदि हम ओकरी इच्छा क पालन करत ओसे पराथना करी तउ उ हमार पराथना सुनत ह, 15 अउर जब हम जानित ह कि उ हमार सुनत ह ओसे हम चाहे जउन माँगी-तउ हम इहइ जानित ही कि हम जउन कछू मांगित ही, उ हमार होइ जात ह।

16 जदि कउनो देखत ह कि ओकर भाई कउनो अइसा पाप करत अहइ जेकर फल अनन्त मउत नाहीं अहइ, तउ ओका अपने भाई क बावत पराथना करइ चाही। परमेस्सर ओका जीवन देइ। मइँ ओनके बरे जीवन क बात करत अही, जउन कि अइसे पाप मँ लगा अहइँ जउन ओनका अनन्त मउत तक न पहुँचा। अइसउ पाप होत ह, जेकर फल मउत अहइ। मइँ तोहसे अइसे न पाप क बरे पराथना करइ बरे नाहीं कहत अहउँ। 17 सबइ बुरा काम पाप अहइ। मुला अइसा पाप भी होत ह जउन अनन्त मउत क तरफ नाहीं लइ जात।

18 हम जानित ह कि जे केहू परमेस्सर क पूत बन गवा, उ पाप नाहीं करत। परमेस्सर क पूत ओकइ रच्छा करत ह।[a] उ दुस्ट सइतान ओकर कछू बिगाड़ नाहीं सकत। 19 हम जानित अही कि हम परमेस्सर क अही। वइसेन इ पूरी दुनिया उ दुस्ट (सइतान) क बस मँ अहइ। 20 मुला हमका पता अहइ कि परमेस्सर क पूत आइ गवा अहइ अउर उ हमका अइसा गियान दिहे अहइ जइसे कि हम उ परमेस्सर क जान लेई जउन सच्चाई अहइ। हम सबे उही मँ स्थित अही जउन सच्चाई अहइ, काहेकि हम ओकर पूत ईसू मसीह मँ स्थित अही। परमपिता सच्चा परमेस्सर अहइ अउर उ अनन्त जीवन भी अहइ। 21 पिआरे बच्चो, अपने आप क झूठे देवता लोगन स दूर राखा।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.