Old/New Testament
परमेस्सर यहेजकेल क इस्राएल क पहरेदार चुनत ह
33 यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस, 2 “मनई क पूत, आपन लोगन स बातन करा। ओनसे कहा, ‘मइँ दुस्मन क फउजियन क उ देस क खिलाफ जुद्ध बरे लइ जाइ सकत हउँ। जब अइसा होइ तउ लोग एक मनई क पहरेदार क रूप मँ चुनिहीं। 3 जदि पहरेदार दुस्मन क फउजियन क आवत देखत ह, तउ उ तुरही बजावत ह अउर लोगन क सावधान करत ह। 4 जदि लोग उ चितउनी क सुनइँ किन्तु अनसुनी करइँ तउ दुस्मन ओनका धरी अउर ओनका बन्दी क रूप मँ लइ जाइ। उ मनई आपन मउत बरे खुद जिम्मेदार होइ। 5 उ तुरही सुनेस, पर चितउनी अनसुनी किहेस। एह बरे आपन मउत बरे उ खुद दोखी अहइ। जदि उ चितउनी पइ धियान दिए होत तउ उ आपन जिन्नगी बचाइ लिए होत।
6 “‘किन्तु इ होइ सकत ह कि पहरेदार दुस्मन क फउजियन क आवत लखत ह, किन्तु तुरही नाहीं बजावत। उ पहरेदार लोगन क चितउनी नाहीं दिहस। दुस्मन ओनका धरी अउर ओनका बन्दी बनाइके लइ जाइ। उ मनई लइ जावा जाइ काहेकि उ पाप किहेस। किन्तु पहरेदार भी उ आदमी क मउत क जिम्मेदार होइ।’
7 “अब, मनई क पूत, मइँ तोहका इस्राएल क परिवार क पहरेदार चुनत हउँ। जदि तू मोरे मुँह स कउनो सँदेसा सुना तउ तोहका मोरे बरे लोगन क चितउनी देइ चाही। 8 मइँ तोहसे कहि सकत हउँ, ‘इ पापी मनई मरी।’ तब तोहका उ मनई क लगे जाइके मोरे बरे ओका चितउनी देइ चाही। जदि तू उ पापी मनई क चितउनी नाहीं देत्या अउर ओका आपन जिन्नगी बदलइ क नाहीं कहत्या, तउ उ पापी मनई मरी, काहेकि उ पाप किहेस। किन्तु मइँ तोहका ओकर मउत क जिम्मेदार बनाउब। 9 किन्तु जदि तू उ बुरे मनई क आपन जिन्नगी बदलइ बरे अउर पाप तजइ बरे चितउनी देत अहा अउर जदि उ पाप करब तजइ स इन्कार करत ह तउ उ मरी काहेकि उ पाप किहेस, किन्तु तू आपन जिन्नगी बचाइ लिहा।”
परमेस्सर लोगन क नस्ट करइ नाहीं चाहत
10 “एह बरे मनई क पूत, इस्राएल क परिवार स मोरे बरे कहा। उ सबइ लोग कह सकत हीं, ‘हम लोग पाप किहा ह अउर नेमन क तोड़ा ह। हमार पाप हमरी सहनसक्ति क बाहर अहइँ। हम ओन पापन्क कारण मारा होत अही। हम जिअत रहइ बरे का कइ सकित ह।’
11 “तोहका ओनसे कहइ चाही, ‘मोर सुआमी यहोवा कहत ह: मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खाइके बिस्सास दिआवत हउँ कि मइँ लोगन क मरत लखिके आनन्दित नाहीं होत हउँ, हिआँ तलक कि बुरे लोगन बरे भी नाहीं। मइँ नाहीं चाहत कि उ पचे मरइँ। मइँ चाहत हउँ कि उ बुरे लोग आपन जिन्नगी क बदलइँ जेहसे उ पचे जिअत रहि सकइँ। एह बरे बुरे काम करब तजा। इस्राएल क परिवार, तोहका मरब ही काहे चाही?’
12 “मनई क पूत, आपन लोगन स कहा, ‘जदि कउनो मनई पुराने समइ मँ पूण्य कर्म किहेस ह तउ ओहसे ओकर जिन्नगी नाहीं बचिहीं जदि उ अपराध पाप करब सुरू करइ। जदि कउनो मनई पुराने समइ मँ पाप किहेस, तउ उ नस्ट नाहीं कीन्ह जाइ, जदि उ पाप स दूर हटि जात ह। एह बरे याद राखा, एक मनई क जरिये पुराने समइ मँ कीन्ह गए पुण्य कर्म ओकर रच्छा नाहीं करिहीं, जदि उ पाप करब सुरू करत ह।’
13 “इ होइ सकत ह कि मइँ कउनो नीक मनई क बरे कहउँ कि उ जिअत रही। किन्तु इ होइ सकत ह कि उ नीक मनई इ सोचब सुरू करइ कि पुराने समइ मँ उसके जरिये कीन्ह गए करम ओकर रच्छा करिहीं। एह बरे उ बुरे करम करब सुरू कइ सकत ह। किन्तु मइँ ओकर पुराने समइ क पुण्य क याद नाहीं राखब। नाहीं, उ ओन पापन्क कारण मरी जेनका उ करब सुरू करत ह।
14 “या इ होइ सकत ह कि मइँ कउनो दुस्ट मनई क बरे कहउँ कि उ मरी। किन्तु उ आपन जिन्नगी क बदल सकत ह। उ पाप करब तजि सकत ह। उ नीक अउ उचित होइ सकत ह। 15 उ उ गिरवी क चीज क लउटाइ सकत ह जेका उ रिण मँ मुद्रा देत समइ रखे रहा। उ ओन चिजियन क भुगतान कइ सकत ह जेनका उ चोराए रहा। उ ओन नेमन क पालन कइ सकत ह जउन जीवन देत हीं। उ बुरे काम करब छोड़ देत ह। तब उ मनई निहचय इ ही जिअत रही। उ मरी नाहीं। 16 मइँ ओकरे पुराने समइ क पापन्क याद नाहीं करब। काहेकि उ अब ठीक-ठाक रहत ह अउर उचित बेउहार रखत ह। एह बरे उ जिअत रही।
17 “किन्तु तोहार लोग कहत हीं, ‘इ उचित नाहीं अहइ। यहोवा मोर सुआमी वइसा नाहीं होइ सकत।’
“परन्तु उ सबइ ही लोग अहइँ जउन उचित नाहीं अहइँ। उ सबइ ही लोग अहइँ, जेनका बदलइ चाही। 18 जदि नीक मनई पुण्य करब बन्द कइ देत ह अउर पाप करब सुरू करत ह तउ उ अपने पापन्क कारण मरी। 19 अउर जदि कउनो पापी पाप करब छोड़ देत ह अउर ठीक-ठाक तथा उचित रहब सुरू करत ह तउ उ जिअत रही। 20 किन्तु तू लोग अब भी कहत अहा कि मइँ उचित नाहीं अहउँ। किन्तु मइँ फुरइ कहित हउँ। इस्राएल क परिवार, हर एक मनई क संग निआउ, उ जउन करत ह, ओकरे अनुसार होइ।”
यरूसलेम पइ अधिकार कइ लीन्ह गवा
21 देस निकारे क बारहवें बरिस मँ, दसएँ महीने क पँचए दिन एक मनई मोर लगे यरूसलेम स आवा। उ हुवाँ क जुद्ध स बच निकरा रहा। उ कहेस, “यरूसलेम पइ अधिकार होइ गवा।”
22 अइसा भवा कि जउने दिन उ मनई मोरे लगे आवा ओकर पूर्व साँझ क, मोर सुआमी यहोवा क सक्ति मोह पइ उतरी। परमेस्सर मोका जउने समइ उ मनई मोरे लगे आवा स पहिले सुहब मँ बोलइ जोग्य बनाएस यहोवा मोर मुँह खोल दिहे रहा अउर फुन स मोका बोलइ दिहस। 23 तब यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस, 24 “मनई क पूत, इस्राएल क ध्वस्त नगरन मँ इस्राएली लोग रहत अहइँ। उ सबइ लोग कहत अहइँ, ‘इब्राहीम केवल एक मनई क रहा अउर परमेस्सर ओका इ सारी भुइँया दइ दिहस। अब हम अनेक लोग अही। एह बरे निहचय ही इ भुँइया क हम लोग आपन विरासत क रूप मँ हासिल करब।’
25 “तोहका ओनसे कहइ चाही कि मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, ‘तू लोग खून स सना माँस खात अहा। तू लोग आपन देवमूरतियन स मदद क आसा करत अहा। तू लोगन क मारि डावत अहा। एह बरे मइँ तू लोगन क इ भुइँया काहे देउँ। 26 तू पचे आपन तरवार पइ भरोसा करत अहा। तू पचन्मँ स हर एक भयंकर पाप करत ह। तू पचन्मँ स हर एक आपन पड़ोसी क पत्नी क संग बिभिचार करत ह। एह बरे तू भुइँया पाइ नाहीं सकत्या।’
27 “‘तू पचन्क कहइ चाही कि सुआमी यहोवा इइ कहत ह, “मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खाइके प्रतिग्या करत हउँ, कि जउन लोग ओन ध्वस्त नगरन मँ रहत हीं, उ पचे तरवार क घाट उतारे जइहीं। जदि कउनो उ देस स बाहेर होइ तउ मइँ ओका जनावरन स मरवाउब अउर खिआउब। जदि लोग किले अउर गुफन मँ छिपे होइहीं तउ पचे रोग स मरिहीं। 28 मइँ भुइँया क खाली अउर बर्बाद करब। उ देस ओन सबहिं चिजियन क खोइ देइ जेन पइ ओका गर्व रहा। इस्राएल क पर्वत खाली होइ जइहीं। उ ठउरे स कउनो गुजरी नाहीं। 29 ओन लोग अनेक भयंकर पाप किहेन ह। एह बरे मइँ उ देस क खाली अउ बर्बाद करब। तब उ सबइ लोग जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
30 “‘अब तोहरे बारे मँ, मनई क पूत, तोहार लोग देवारन क सहारे निहुरे भए अउर आपन दरवाजन मँ खड़े अहइँ अउर उ पचे तोहरे बारे मँ बात करत हीं। उ पचे एक दूसर स कहत हीं, “आवा, हम जाइके सुनी जउन यहोवा कहत ह।” 31 एह बरे उ पचे तोहरे पचन्क लगे वइसे ही आवत हीं जइसे उ पचे मोर लोग होइँ। इ लोग तोहरे पचन्क समन्वा अइसे बइठत ह जइसे उ पचे मोर लोग अहइ। उ पचे तोहार सँदेसा सुनत ह। किन्तु उ पचे उ नाहीं करिहीं जउन तू कहब्या। उ पचे सिरिफ उ करइ चाहत हीं जउन अनुभव करइ मँ अच्छा होइ। उ पचे लोगन क धोखा देइ चाहत हीं अउर अधिक धन कमावइ चाहत हीं।
32 “‘तू एन लोगन क दृस्टि मँ प्रेमगीत गावइवाले गायक स जियादा नाहीं अहा। तोहार स्वर अच्छा अहइ। तू आपन बाजा अच्छा बजावत अहा। उ पचे तोहार सँदेसा सुनिहीं किन्तु उ पचे उ नाहीं करिहीं जउन तू कहत अहा। 33 किन्तु जिन चिजियन क बारे मँ ओन लोगन स कहत अहा, उ सबइ फुरइ घटित होइहीं अउर तब लोग समझिहीं कि ओनके बीच फुरइ एक ठु नबी रहत रहा।’”
इस्राएल भेड़िन क एक झुण्ड क तरह अहइ
34 यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस, 2 “मनई क पूत, मोरे बरे इस्राएल क गड़रियन (प्रमुखन) क बिरूद्ध बातन करा। ओनसे मोरे बरे बातन करा। ओनसे कहा कि सुआमी यहोवा इ कहत ह: ‘इस्राएल क गड़ेरियो तू पचे सिरिफ आपन पेट भरत अहा। इ तोहरे बरे बहोत बुरा होइ। का गड़ेरियन क भेड़िन क पेट नाहीं भरइ चाही? 3 तू मनई पनीर खावत अहा। अउर आपन ओढ़ना बनावइ बरे भेड़िन ऊन क प्रयोग करत अहा। तू पचे मोटी भेड़ी क मारत अहा, किन्तु भेड़िन क धियान नाहीं रखत ह। 4 तू पचे दुर्बल क बलवान नाहीं बनाया। तू पचे रोगी भेड़ी क परवाह नाहीं किहा ह। तू पचे चोट खाइ भइ भेड़िन क पट्टी नाहीं बाँध्या। कछू भेड़िन भटकिके दूर चली गइन अउर तू पचे ओनका हेरइ अउर ओनका वापस लेइ नाहीं गया। नाहीं, तू पचे क्रूर अउर कठोर रह्या, इहइ राह रही जउने पइ तू भेड़िन क लइ जाइ चाह्या।
5 “‘अउर अब, भेड़िन बिखरि गइ अहइँ काहेकि उ पचन्क कउनो गड़रिया नाहीं रहा। उ पचे हर एक जंगली जनावर क भोजन बनी। एह बरे उ सबइ बिखरि गइन। 6 मोर भेड़िन क झुण्ड सबहिं पर्वतन अउ ऊँच पहाड़ियन पइ भटकिन। मोर भेड़िन क झुण्ड धरती क सारी सतह पइ बिखरि ग अइन। कउनो भी ओनकर खोज अउ देखरेख करइवाला नाहीं रहा।’”
7 एह बरे तू गड़रियो, यहोवा क बचन सुना। मोर सुआमी यहोवा कहत ह, 8 “मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खाइके तू पचन्क इ बिस्सास दियावत हउँ। जंगली जनावरन मोर भेड़िन क धरेन। हाँ, मोर भेड़िन क झुण्ड सबहिं जंगली जनावरन क भोजन बन गइन। काहेकि ओनकर कउनो ठीक गड़रिया नाहीं रहा। मोर गड़रियन मोर भेड़िन क झुण्ड क खोज नाहीं किहन। ओन गड़रियन खुद ही भेड़िन क मारेन अउर खुद खाएन। उ पचे मोर भेड़िन क चारा नाहीं दिहन।”
9 एह बरे तू पचे गड़रियो, यहोवा क सँदेसा क सुना। 10 यहोवा कहत ह, “मइँ ओन गड़रियन क विरूद्ध हउँ। मइँ ओनसे आपन भेड़िन माँगब। मइँ ओन पइ हमला करब। उ पचे भविस्स मँ मोर गड़रियन नाहीं रहिहीं। मइँ ओनकर मुँहे स आपन भेड़िन क झुण्ड क बचाउब। तब मोर भेड़िन ओनकर भोजन नाहीं होइहीं।”
11 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “मइँ खुद ओनकर गड़रिया बनब। मइँ आपन भेड़िन क खोज करब। मइँ ओनका हेरब। 12 जदि कउनो गड़रिया आपन भेड़िन क संग उ समइ अहइ जब ओकर भेड़िन दूर भटकइ लगी होइँ तउ उ ओनका हरेइ जाइ। उहइ तरह मइँ आपन भेड़िन क खोज करब। मइँ आपन भेड़िन क बचाउब। मइँ ओनका ओन ठउरन स लउटाउब जहाँ उ पचे उ बदरी अउर अँधेरा मँ भटक गइ रहिन। 13 मइँ ओनका ओन रास्ट्रन स वापस लिआउब। मइँ ओन देसन स ओनका बटोरब। मइँ ओनका ओनके आपन देस मँ, लिआउब। मइँ ओनका इस्राएल क पर्वतन पइ, जल स्रोतन क सहारे, ओन सबहिं ठउरन मँ जहाँ लोग रहत हीं, खियाउब। 14 मइँ ओनका घासवाले खेतन मँ लइ जाब। उ पचे इस्राएल क सबन्त ऊँचे पर्वतन पइ जइहीं। हुवाँ उ पचे अच्छी चिरागाह पइ सोइहीं अउ अच्छी घास खइहीं। उ पचे इस्राएल क पर्वत पइ भरी-पूरी घास-वाली भुइँया मँ चरिहीं। 15 हाँ, मइँ आपन झुण्ड क खिआउब अउर ओनका विस्राम क ठउर पइ लइ जाब।” मोर सुआमी यहोवा इ कहे रहा।
16 “मइँ खोइ भेड़ी क खोज करब। मइँ ओन भेड़िन क वापस लिआउब जउन बिखर गइ रहिन। मइँ ओन भेड़िन क पट्टी करब जेनका चोट लगी रही। मइँ कमजोर भेड़ी क मजबूत बनाउब। अउर मइँ मोटा अउ सक्तीसाली भेड़िन स ओनकइ रच्छा करब। मइँ ओनकर चरवाही निआवपूर्ण तरीका स करब।”
17 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “अउर तू, मोर झुण्ड, मइँ हर एक भेड़ी क संग निआउ करब। मइँ भेड़न अउर बोकरन क बीच निआउ करब। 18 तू अच्छी भुइँया पइ उगी घास खाइ सकत ह। तू उ घासे क काहे कुचरत अहा जेका दूसर भेड़िन खाइ चाहत हीं? तू काफी मात्रा मँ स्वच्छ जल पी सकत ह। तउ तू उ जल क हिलाइके गन्दा काहे करत अहा, जेका दूसर भेड़िन पिअइ चाहत हीं? 19 अब मोर भेड़िन क झुण्ड उ घास क खाइ चाही जेका तू आपन गोड़न स कुचर्या अउर उ पानी पीअइ चाही जेका तू आपन गोड़न स हिलाइके गन्दा कइ दिहा।”
20 एह बरे मोर सुआमी यहोवा ओनसे कहत ह: “मइँ खुद मोटी अउ पतरी भेड़िन क संग निआउ करब। 21 तू आपन बगल स अउर आपन काँधन स धक्का दइके अउर आपन सींगन स सबहिं कमजोर भेड़िन क तब तलक मार गिरावत ह, जब तलक तू ओनका दूर चले जाइ बरे मजबूर नाहीं करत्या। 22 एह बरे मइँ आपन भेड़िन क झुण्ड का बचाउब। उ सबइ भविस्स मँ जंगली जनावरन स नाहीं धरी जइहीं। मइँ हर एक भेड़ी क संग निआउ करब। 23 तब मइँ ओनके ऊपर एक गड़रिया आपन सेवक दाऊद क राखब। उ ओनका अपने आप खिआई अउर ओनकर गड़रिया होइ। 24 तब मइँ यहोवा अउर सुआमी, ओनकर परमेस्सर होब अउर मोर सेवक दाऊद ओनकर सासक होब। मइँ यहोवा इ कहेउँ ह।
25 “मइँ आपन भेड़िन क संग एक ठु सान्ति-सन्धि करब। मइँ नोस्कान पहोंचावइवाले जनावरन क देस स बाहेर कइ देब। तब भेड़िन रेगिस्ताने मँ सुरच्छित रहिहीं अउर जंगल मँ सोइहीं। 26 मइँ आपन भेड़िन क आपन पहाड़ी क चारिहुँ ओर क ठउरन क आसीर्बाद देब। मइँ ठीक समइ पइ बर्खा करब। अउर बर्खा ओनकर बरे आसीर्बाद होइहीं। 27 खेतन मँ उगइवाले बृच्छ आपन फल देइहीं। भुइँया आपन फसल देइ। एह बरे भेड़िन आपन प्रदेस मँ सुरच्छित रहिहीं। मइँ ओनके ऊपर रखे जुअन क तोड़ डाउब। मइँ ओनका ओन लोगन क सक्ति स बचाउब जउन दास बनाएन। तब उ पचे जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।
28 “उ पचे जनावरन क तरह भविस्स मँ दूसर रास्ट्रन क जरिये बन्दी नाहीं बनावा जइहीं। उ सबइ जनावर ओनका भविस्स मँ नाहीं खइहीं। अपितु अब उ सबइ सुरच्छित रहिहीं। कउनो ओनका आतंकित नहीं करी। 29 मइँ ओनका कछू अइसी भुइँया देब जउन एक अच्छा बगीचा बनी। तब उ पचे उ देस मँ भूख स पीड़ित नाहीं होइहीं। उ पचे भविस्स मँ रास्ट्रन स अपमानित होइ क कस्ट पइहीं। 30 तब उ पचे समुझिहीं कि मइँ ओनकर परमेस्सर यहोवा हउँ। तब उ पचे समुझिहीं कि मइँ ओनके संग हउँ। इस्राएल क परिवार समुझी कि उ सबइ मोर लोग अहइँ।” मोर सुआमी यहोवा इ कहे रहा।
31 “तू मोर भेड़िन, मोर चरागाह क भेड़िन, तू सिरिफ मनई अहा अउर मइँ तोहार परमेस्सर हउँ।” मोर सुआमी यहोवा इ कहेस।
परमेस्सर क जनसमूह
5 अब मइँ तोहरे बीच जउन बुजुर्ग अहइँ ओनसे निवेदन करित हउँ मइँ खुद एक बुजुर्ग अहउँ अउर मसीह जउन यातना झेलेस ह, ओके साच्छी हउँ, जउन ओकरे भावी महिमा परगट होई ओकर सहभागी हउँ। 2 राह देखावइवाले परमेस्सर क जनसमूह तोहरी देख-रेख मँ अहइ अउर निरीच्छक क रूप मँ तू ओकर सेवा करत अहा, कउनो दबाव क कारण नाही बल्कि परमेस्सर क इच्छानुसार अइसा करा कि अपनी इच्छा क कारण तू आपन इ काम धन क लालच मँ नाही बल्कि सेवा करइ क प्रति अपनी ततपरता क कारण करत अहा। 3 देख-रेख क खातिर नाही जउन तोहका सौंपा गवा अहइ तू ओनके सासक न बना। बल्कि समूह बरे आदर्स बना। 4 ताकि जब उ प प्रमुख गड़ेरिया परगट होइ तउ तोहका विजय क उ भव्य मुकुट प्राप्त होइ जेकर सोभा कबहूँ नाही घटतइ।
5 इहइ तरह हे नवजुवको तू पचे अपने अपने धर्मवृद्ध क अधीन रहा। तू पचे दूसरे क प्रति विनम्रता स सेवा करा। काहेकि,
“करत ह परमेस्सर विरोध अभिमानी क,
मुला दीनन प अनुग्रहसील सदा ह।” (A)
6 इ खातिर परमेस्सर क सक्तिसाली हाथन क नीचे अपने आपको नवावा। जेहसे ठीक अवसर अवाइ प उ तोहका ऊँचा उठावइ। 7 तू पचे आपन सबइ चिन्ता ओह पइ छोड़ द्या काहेकि उ तोहरे खातिर चिन्तित अहइ।
8 आपन प नियंत्रण राखा। सावधान रहा। तोहार सत्रु एक गरजत सेर क तरह इधर उधर घूमत रहत ह अउर इहइ ताक मँ रहत ह कि जउन मिलइ ओका फाड़ खावइ। 9 तू ओकरे विरोध करा अउर अपने बिसबास प अड़ा रहा काहेकि तू तउ जानत अहा कि सारे संसार मँ तोहरे भाई बहिन इहइ तरह क यातना झेलत अहइँ।
10 मुला सम्पूर्ण अनुग्रह क स्रोत परमेस्सर जउन तोहका ईसू मसीह मँ अनन्त महिमा क सहभागी होइ खातिर बोकाइस ह, तोहरे तनिक समइ सबइ यातना झेलइ क बाद खुदइ तोहका फिन स स्थापित करी, समर्थ बनाई अउर स्थिरता प्रदान करी। 11 सबहिं सक्तियन अनन्त तलक ओकरे अधिकार मँ अहइँ। आमीन।
पत्र क समापन
12 मइँ तोहका इ छोट स पत्र, सिलवानुस क सहयोग स, जेहका मइँ बिसबासपूर्ण भाई मानित हउँ, तोहका प्रोत्साहित करइ खातिर परमेस्सर क सच्चा अनुग्रह उहइ अहइ, इहइ बात क साच्छी देइ क खातिर लिखेउँ, इहइ प अड़े रहा।
13 बेबीलोन क कलीसिया जउन तोहरे समान परमेस्सर द्वारा चुनी गइ अहइ, तोहका नमस्कार करत अहइ। मसीह मँ मोरे बेटवा मरकुस क तोहका नमस्कार। 14 पिरेमपूर्ण चुम्बन स एक दूसरे क स्वागत सत्कार करा।
तू सबइ क, जउन ईसू मसीह मँ अहइँ, सान्ति मिलइ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.