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Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
यहेजकेल 8-10

एक दिना मइँ (यहेजकेल) अपने घरे मँ बइठा रहेउँ अउर यहूदा क अग्रज हुवाँ मोरे समन्वा बइठे रहेन। इ देस-निकारे क छठएँ बरिस क छठएँ महीने क पचँए दिन भवा। अचानक मोर सुआमी यहोवा क सक्ति मोहमाँ उतरी। मइँ कछू लखेउँ जउन आगी क नाई रहा। इ एक मनई क सरीर जइसा देखाइ पड़त रहा। करिहाउँ स खाले उ आगी जइसा रहा। करिहाउँ स ऊपर उ आगी मँ तपत धातु क तरह चमकत अउर कान्तिवाला रहा। तब मइँ कछू अइसा लखेउँ जउन बाहु क तरह रहा। उ बाहु बाहेर बढ़ी अउर उ मोरे मुँड़ि क बारन स मोका धइ लिहस। तब आतिमा मोका हवा मँ उठाइ लिहस अउर परमेस्सर क दर्सन मँ उ मोका यरूसलेम क लइ गइ। उ मोका उत्तर कइँती भीतर फाटक पइ लइ गइ। उ देवमूर्ति, जेहसे परमेस्सर क ईर्स्या होत ह, उ फाटक क सहारे अहइ। किन्तु इस्राएल क परमेस्सर क तेज हुवँइ रहा। उ तेज वइसा ही देखात रहा जइसा दर्सन मइँ घाटी क किनारे कबार नहर क लगे लखे रहेउँ।

परमेस्सर मोहसे कहेस। उ कहेस, “मनई क पूत, उत्तर कइँती लखा।” एह बरे मइँ उत्तर कइँती लखेउँ। अउर हुवाँ प्रवेस मार्ग क सहारे वेदी-दुआर क उत्तर मँ उ देवमूर्ति रही जेकरे बरे परमेस्सर क ईर्स्या होत रही।

तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “मनई क पूत का तू लखत अहा कि इस्राएल क लोग कइसा भयंकर काम करत अहइँ? हिआँ उ पचे उ चीज क मोरे मन्दिर क ठीक बगल मँ मोका इ स दूर हटाइ बरे बनाएन ह। जदि तू मोरे संग अउब्या तउ तू अउर भी जियादा भयंकर चिजियन लखब्या।”

एह बरे मइँ अँगने क प्रवेस दुआर पइ गएउँ अउर मइँ देवार मँ एक ठु छेद लखेउँ। परमेस्सर मोहसे कहेस, “हे मनई क पूत। उ देवारे क छेद क चारिहुँ कइँती खोदेन।” एह बरे मइँ देवार क उ छेद स होइके गएउँ अउर हुवाँ एक दरवाजा लखेउँ।

तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “अन्दर जा, अउर ओन भयानक दुट्ठ चिजियन क लखा जेनका लोग हुवाँ करत अहइँ।” 10 एह बरे मइँ अन्दर गएउँ अउर मइँ लखेउँ। मइँ हर एक प्रकार क रेंगइवाले जन्तु अउर जनावरन क देवमूरतियन क लखेउँ जेनके बारे मँ सोचइ स तोहका घिना होत ह। उ सबइ देवमूरतियन अउ गन्दी मूरतियन रहिन जेनका इस्राएल क लोग पूजत रहेन। हुवाँ ओन जनावरन क तस्बीर हर देवारे पइ चारिहुँ कइँती खुदा भए रहेन।

11 तब मइँ एह पइ धियान दिहेउँ कि सापान क पूत याजन्याह अउर इस्राएल क सत्तर अग्रज उ ठउर पइ पूजा करइवालन क साथ रहेन। हुवाँ पइ उ पचे, लोगन क ठीक समन्वा रहेन, अउर हर एक प्रमुख क हाथे मँ आपन सुगन्धि क थाल रहा। बरत सुगन्धि क धुवाँ हवा मँ उठत रहा। 12 तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “हे मनई क पूत का तू लखेस ह कि इस्राएल क नेता लोग अँधियारा मँ का करति आवत हीं? हरेक मनई क आपन लबार देवता बरे बिसेस कमरा अहइँ। उ पचे आपुस मँ इ बातन करत ह, ‘यहोवा हम लोगन क नाहीं लखइ सकब्या। यहोवा इ रास्ट्र क तजि दिहस ह।’” 13 तब परमेस्सर न मोह स कहेस, “यदि तुम मोरे संग आउब्या तउ तू ओन लोगन अउर भी जियादा भयानक काम करत भए लखब्या!”

14 तब उ मोका यहोवा क मन्दिर क प्रवेस-दुआर पइ लइ गवा। इ दुआर उत्तर कइँती रहा। हुवाँ मइँ मेहररूअन क बइठे अउर रोवत भए लखेउँ। उ पचे लबार देवता तम्मूज क बारे मँ सोक मनावत रहिन।

15 परमेस्सर मोहसे कहेस, “मनई क पूत, का तू एन भयंकर चिजियन क लखत अहा? मोरे संग आवा अउर तू एनसे भी बुरे करम लखब्या।” 16 तब उ मोका मन्दिरे क भीतरी अँगना मँ लइ गवा। उ ठउरे पइ मइँ पच्चीस मनइयन क खाले निहुरे भए अउर पूजा करत लखेउँ। उ पचे पवित्तर स्थान अउर वेदी क बीच रहेन, किन्तु उ पचे गलत दिसा मँ मुँह किए खड़े रहेन। ओनकर पीठ पवित्तर ठउरे कइँती रहिन। उ पचे सूरज क पूजा करइ बरे खाले निहुरा रहेन।

17 तब परमेस्सर कहेस, “मनई क पूत, का तू एका लखत अहा? यहूदा क लोग मोरे मन्दिर क एतना महत्वहीन समुझत हीं कि उ पचे मोरे मन्दिर मँ इ भयंकर करम करत हीं। इ देस हिंसा स भरा भवा अहइ। उ पचे लगातार मोका पागल करइवाला काम करत हीं। लखा, उ पचे आपन नाकन मँ लबार देवता क तरह चन्द्रमा क सम्मान करइ बरे बालियन पहिर रखिन ह। 18 मइँ ओन पइ आपन किरोध परगट करब। मइँ ओन पइ कउनो दाया नाहीं करब। मइँ ओनके बरे दुःख क अनुभव नाहीं करब। उ पचे मोका जोर स गोहरइहीं, किन्तु मइँ ओनका सुनइ स इन्कार कइ देब।”

तब परमेस्सर जोर स पुकारेस, नगर क जल्लादन क आवइ द्या। हर एक क आपन हाथन मँ बिध्वंसकारी हथियार लेइ चाही। तब मइँ ऊपरी दुआरे स छ: मनइयन क सड़के पइ आवत लखेउँ। इ दुआर उत्तर कइँती अहइ। हर एक मनई आपन घातक सस्त्र क आपन हाथे मँ लिहे रहा। ओन मनइयन मँ स सूती ओढ़ना पहिर रखे रहा। ओकरे लगे करिहाउँ मँ लिपिक क एक ठु कलम अउ सियाही रही। उ सबइ लोग मन्दिर स काँसे क बेदी क लगे गएन अउर हुवाँ खड़ा भएन। तब इस्राएल क परमेस्सर क तेज करूब सरगदूतन क ऊपर स, जहाँ उ रहा उठा। तब उ तेज मन्दिर क दुआर पइ गवा। जब उ ड्योढ़ी पइ पहोंचा तउ उ रूक गवा। तब उ तेज उ मनई क बोलाएस जउन सूती ओढ़ना कलम अउ स्याही धारन किए भए रहा।

तब यहोवा ओहसे कहेस, “यरूसलेम नगर स होइ के निकरा। जउन लोग उ नगर मँ लोगन क जरिये कीन्ह गइ घिनौना करम क बरे मँ गोहरावत अउर रोवत ह अहइँ, ओन हर एक क ललाट पइ एक चीन्हा अंकित करा।”

5-6 तब मइँ परमेस्सर क दूसर लोगन स कहत सुनेउँ कि “तू लोग पहिले मनई क अनुसरण करा। तू पचे ओन सबहिं मनइयन क मार डावा। जेनके ललाट पइ चीन्हा नाहीं अहइ। तू पचे एह पइ धियान नाहीं द्या कि उ पचे अग्रज जुवक, जुवतियन, गदेलन या महतरियन अहइँ। तू पचन्क आपन सस्त्रन क उपयोग करब अहइ, ओन हर एक क मार डाउब अहइ जेनके ललाट पइ चीन्हा नाहीं अहइ। कउनो दाया जिन देखावा। कउनो मनई बरे अफसोस न करा। हिआँ मोरे मन्दिर मँ सुरू करा।” एह बरे उ पचे मन्दिर क समन्वा क अग्रजन स सुरू किहा।

परमेस्सर ओनसे कहेस, “इ जगह क अपवित्तर बनाइ द्या। इ अँगने क ल्हासन स भरि द्या।” एह बरे उ पचे गएन अउर उ पचे नगर मँ लोगन क मारि डाएन।

जब उ सबइ लोग, लोगन क मारइ गएन, तउ मइँ हुवँइ रूका रहेउँ। मइँ भुइँया पइ आपन माथा टेकत भए कहेउँ, “हे मोर सुआमी यहोवा, यरूसलेम क खिलाफ आपन किरोध परगट करइ बरे, का तू इस्राएल मँ बचे भए सबहिं लोगन क मारत अहइ?”

परमेस्सर कहेस, “इस्राएल अउ यहूदा क परिवार बहोत जियादा बुरे पाप किहेन ह। इ देस मँ सर्वत्र लोगन क हत्तिया होत रहत अहइँ अउर इ नगर अपराध स भरा पड़ा अहइ। काहेकि लोग खुद कहत हीं, ‘यहोवा इ देस क तजि दिहेस। उ ओन कामन क नाहीं लखि सकत जेनका हम करत अहइँ।’ 10 अउर मइँ दाया नाहीं देखाउब। मइँ ओन लोगन बरे अफसोस अनुभव नाहीं करब। उ पचे खुद एका बोलाएन ह, मइँ एन लोगन क सिरिफ दण्ड दइ देत हउँ जेकर इ सबइ पात्र अहइँ।”

11 तब सूती ओढ़ना, लिपिक क कलम अउर स्याही धारण करइवाला मनई बोला। उ कहेस, “मइँ उ कइ दिहेउँ जउन तोहार आदेस रहा।”

10 तब मइँ उ खोरे क लखेउँ जउन करूब सरगदूतन क मूँड़िन क ऊपर रहा। खोरे नीलमणि क तरह स्वच्छ नीला देखात रहा। हुवाँ खोरे क ऊपर कछू सिंहासन क तरह देखात रहा। तब उ मनई जउन सिंहासने पइ बइठा रहा, सन क ओढ़ना पहिरे भए मनई स कहेस, “तूफानी बादरे मँ आवा। करूब सरगदूतन क पहँटा मँ आवा। करूब सरगदूतन क बीच स कछू अंगारन आपन हाथे मँ ल्या। आपन हाथे मँ ओन कोइलन क लइ ल्या अउर जाइके ओनका यरूसलेम नगर पइ लोकाइ द्या।”

उ मनई मोरे पाछे चला। करूब सरगदूत उ समइ मन्दिर क दक्खिन क पहँटा मँ खड़ा रहेन, जब उ मनई बादरे मँ घुसा। बादर भीतरी अँगना मँ भरि गवा। तब यहोवा क तेज करूब सरगदूत स अलग होइके मन्दिर क दुआरे पइ चला गवा। तब बादर मन्दिर मँ भरि गवा अउर यहोवा क तेज क प्रखर जोति पूरे अँगना मँ भरि गइ। तब मइँ करूब सरगदूतन क पंखनन क फड़फड़ाहट पूरे बाहरी अँगना मँ सुनी जाइ सकत रही। बाहरी अँगना मँ फड़फड़ाहट बड़की प्रचण्ड रही, वइसी ही जइसी सर्वसक्तीमान परमेस्सर क गरजत वाणी होत ह, जब उ बातन करत ह।

परमेस्सर सन क ओढ़ना पहिरे भए मनई क आदेस दिहे रहा। परमेस्सर ओका “तूफानी-बादर” मँ घुसुरइ क बरे कहेस अउर करूब सरगदूतन क बीच स कछू अंगारन लेइ क कहेस। एह बरे उ मनई तूफानी बादर मँ घुस गवा अउर गोल चक्रन मँ स एक क सहारे खड़ा होइ गवा। करूब सरगदूतन मँ स एक आपन हाथ बढ़ाएस अउर करूब सरगदूतन क पहँटा क बीच स कछू अंगारन क लिहस। उ अंगारन क उ मनई क हाथन मँ धइ दिहस अउर उ मनई हुवाँ स चला गवा। (करूब सरगदूतन क पंखन क नीचे कछू ऐसा रहा जउन मनई क बाहन क तरह देखात रहा।)

तब मइँ लखेउँ कि हुवाँ चार गोल चक्र रहेन। हर एक करूब सरगदूत क बगल मँ एक ठु चक्र रहा, अउर चक्र स्वच्छ पिअर रतन क तरह देखात रहेन। 10 उ सबइ चार चक्र रहेन अउर सब चक्र एक समान प्रतीत होत रहेन। उ सबइ अइसेन देखात रहेन माना एक चक्र दूसर चक्रन मँ होइ। 11 जब उ सबइ चलत रहेन तउ कउनो भी दिसा मँ जाइ सकत रहेन। जब कबहुँ उ सबइ चलत रहेन उ सबइ चारिहुँ एक संग चलत रहेन। किन्तु ओनके चलइ क संग करूब सरगदूत साथ-साथ चक्कर नाहीं लगावत रहेन। उ सबइ उ दिसा मँ चलत रहेन, जेहर ओनकर मुँह होत रहा। जब उ सबइ चलत रहेन, तउ उ सबइ उ सबइ एहर-ओहर नाहीं मुड़त रहेन। 12 ओनकर पूरे बदन पइ आँखिन रहिन। ओनकर पीठ, ओनकर बाँह, ओनकर पखना अउर ओनकर चक्र मँ आँखिन रहिन। हाँ, चारिहुँ चक्रन मँ आँखिन रहिन। 13 मइँ ओन लोगन क पहिया क “चक्र कहत भवा सुना।”

14 हर एक करूब सरगदूत चार मुँहेवाला रहा। पहिला मुँह करूब सरगदूत क रहा। दूसर मुँह मनई क रहा। तीसर सिंह क मुँह रहा अउर चउथा उकाब क मुँह रहा। 15 (तब मइँ जानेउँ कि इ सबइ करूब सरगदूत उ जनावर रहेन जेनका मइँ कबार नदी क दर्सन मँ लखे रहेउँ।)

तब करूब सरगदूत हवा मँ उठेन। 16 ओनके संग चक्र उठेन। चक्रन आपन दिसा उ समइ नाहीं बदलेन जब करूब सरगदूत पखना खोलेन अउर उ सबइ हवा मँ उड़ेन। 17 जब करूब सरगदूत हवा मँ उड़त रहेन तउ चक्र ओनके संग उड़ जात रहेन। जदि करूब सरगदूत सान्त खड़ा रहत रहेन तउ चक्र भी वइसा ही करत रहेन। काहेकि ओनमाँ जीवधारियन क आतिमा क सक्ति रही।

18 तब यहोवा क तेज मंदिर क डेवढ़ी स उठा, करूब सरगदूतन क ठउरे पइ ऊपर गवा अउ हुवाँ ठहर गवा। 19 तब करूब सरगदूतन आपन पखना खोलेन अउर हवा मँ उड़ गएन। मइँ ओनका मन्दिर क तजत लखेउँ। चक्र ओनके संग चलेन। तब उ पचे यहोवा क मन्दिर क पूर्बी दुआर पइ ठहरेन। इस्राएल क परमेस्सर क तेज हवा मँ ओनके ऊपर रहा।

20 तब मइँ इस्राएल क परमेस्सर क तेज क नीचे प्राणियन क कबार नदी क दर्सन मँ याद किहेउँ अउर मइँ अनुभव किहेउँ कि उ सबइ प्राणी करूब सरगदूत रहेन। 21 हर एक प्राणी क चार मुँह रहेन, चार पखना रहेन अउर पखनन क खाले कछू अइसा रहा जउन मनई क बाँहन क तरह देखात रहा। 22 करूब सरगदूतन क उहइ चार मुँह रहेन जउन कबार नदी क दर्सन क प्राणियन क रहेन अउर उ सबइ सोझे अगवा उ दिसा मँ देखात रहेन, जेहर उ सबइ जात रहेन।

इब्रनियन 13

निस्कर्स

13 भाई क समान परस्पर पिरेम करत रहा। अतिथियन क सत्कार करब न भूला, काहे कि अइसेन करत भए कछू लोगन तउ अनजाना मँ ही सरगदूतन क स्वागत सत्कार किहे अहइँ। बंदियन क इ रूप मँ याद करा जइसेन तूहऊँ ओनके साथी बन्दी रहा ह्वा। जेनके साथे बुरा व्यवहार भवा बा ओनकर एह तरह सुधि ल्या जइसेन माना तू खुद पीड़ित होत अहा।

बियाह क सबके आदर करइ चाही। बियाह क सेज क पवित्तर रखा। काहेकि परमेस्सर व्यभिचारियन अउर दुराचारियन क दण्ड देई। अपने जीवन क धने क पिरेम स मुक्त रखा। जउन कछू तोहरे लगे बा, उही मँ सन्तोस करा काहेकि परमेस्सर तउ कहे बाटइ,

“मइँ तोहका कबहुँ न छोड़ब,
    अउर तोहका कभी न तजबइ।” (A)

इही बरे हम बिसवास क साथे कहत हई,

“पर्भू मोर सहायक,
    मइँ कबहुँ भयभीत न बनबइ।
कउनउ मनइ मोर का करइ?” (B)

अपने नेतन क याद रखा जे तोहे परमेस्सर क बचन सुनाये अहइ। ओनकर जीवन विधि क परिणाम पे बिचार करा अउर ओनके बिसवास क अनुसरण करा। ईसू मसीह काल्हिउ ही रहा, आजउ वइसेनइ अहइ अउर युग-युगान्तर तलक वइसेन ही रही। हर तरह क अपरिचित उपदेस स भरमावा न जा। तोहरे मने क बरे अच्छा बा कि उ अऩुग्रह क द्वारा मजबूत बन रहा न कि खाइ-पअइ सम्बन्धी नियमन क मानइ स, जेनसे ओनकर कबहुँ कउनउ भला न भवा होइ, जे ओन्हे मानेन।

10 हमरे लगे एक अइसेन बेदी अहइ जइसेन प स खाइ क अधिकार ओनका न होइ जउन रावटी मँ सेवा करत हीं। 11 महाजायक परम पवित्तर स्थानन प पाप बलि क रूप मँ पसुवन क लहू त लइ जात हीं, मुला ओनकर सरीस डेरा स बाहेर जलाइ दीन्ह जात हीं। 12 इही बरे ईसू तउ खुद अपने लहू स लोगन क पवित्तर करइ क बरे नगर दुवार क बाहेर यातना झेलेस। 13 तउ फिन आवा हमहूँ इही अपमान क झेलत भए जेका उ झेले रहा, डेरन क बाहेर ओनके लगे चली। 14 काहेकि इहाँ हमार कउनो स्थायी नगर नाहीं बा बल्कि हम तउ ओह नगरक बाट जोहत अही जउन आवइवाला अहइ। 15 अतः आवा हम ईसू क द्वारा परमेस्सर क स्तुति रूपी बलिदान करी जउन ओन ओठन क फल अहइ जे ओनके नाउँ क पहिचाने हयेन। 16 अउर नेकी करब अउर आपन चीजन क अउरन क साथे बाँटब न भूला। काहेकि परमेस्सर अइसेनइ बलिदान स खुस होत ह।

17 आपने नेतन क आज्ञा माना। ओनके अधीन रहा। उ पचे तोहेप अइसेन चउकसी रखत हीं जइसेन ओन्हन मनइयन प रखी जात ह जेका आपन लेखा-जोखा ओन्हे देइ क बा। ओनकर आज्ञिया मानअ, जेसे ओनकर करम आनन्द बनी जाइ। न कि एक बोझ बनइ। काहेकि ओसे तोहर कउनउ लाभ न होये।

18 हमरे बरे बिनती करत रहा। हमका निस्चय कि हमार भावना ठीक बा। अउर हम हर तरह स उहइ करइ चाहित ह जउन उचित बा। 19 मइँ बिसेस रूप स आग्रह करित ह कि तू पराथना करत रहा ताकि जल्दी ही मइँ तोहरे लगे आइ सकउँ।

20-21 जे भेड़न क उ महान रखवाला हमार पर्भू ईसू क लहू द्वारा उ सनातन करार पे मोहर लगाइ क मरा भएन मँ स जियाइ उठायेस, उ सान्ति-दाता परमेस्सर आन्तरिक करार प्रभावित करे अहइ। तोहे सभन क अच्छी साधना स सम्पन्न करइ। जइसेन तू ओनकर इच्छा पूरी कइ सका। अउर ईसू मसीह क जरिये उ हमरे भित्तर उ सब कछू क सक्रिय करइ जउन ओनका भावत ह। जुग-जुगान्तर तलक ओनकर महिमा होत रहइ अउर जउन ओका अच्छा लागत रहइ। आमीन!

22 भाइयो तथा बहिनियो मोर आग्रह बा कि तू प्रेरणा देइवाला मोरे इ बचन क धारन करा। मइँ तोहे इ पत्र बहुत संछेप मँ लिखे हउँ। 23 मइँ चाहत अहउँ कि तोहे जानकारी होइ कि हमार भाई तीमुथियुस रिहा कइ दीन्ह गवा अहइ। अगर उ जल्दी ही आइ पहुँचइ तउ मइँ उही क साथे तोहसे मिलइ अउबइ।

24 अपने सभन अग्रणियन अउर परमेस्सर क लोगन क नमस्कार भेजत कहा। इतालियावाले स आवा सभी लोगन तोहे नमस्कार भेजत अहइँ।

25 परमेस्सर क अनुग्रह तोहे सभन क साथे रहइ।

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