Old/New Testament
यिर्मयाह एक ठु खेत खरीदत ह
32 सिदकिय्याह क यहूदा राज्ज मँ राज्जकाल क दसएँ बरिस, यिर्मयाह क यहोवा क इ सँदेसा मिला। सिदकिय्याह क दसवाँ बरिस नबूकदनेस्सर क अठारहवाँ बरिस रहा। 2 उ समइ बाबुल क राजा स सेना यरूसलेम नगर क घेरे भए रही अउर यिर्मयाह रच्छक आँगन मँ बन्दी रहा। इ आँगन यहूदा राजा क महल मँ रहा। 3 (यहूदा क राजा सिदकिय्याह उ ठउरे पइ यिर्मयाह क बन्दी बनाइ राखे रहा। सिदकिय्याह यिर्मयाह क भविस्सबाणियन क पसन्द नाहीं करत रहा। यिर्मयाह कहेस, “यहोवा इ कहत ह: ‘मइँ यरूसलेम क हाली ही बाबुल क राजा क दइ देब। नबूकदनेस्सर इ सहर पइ अधिकार कइ लेइ। 4 यहूदा क राजा सिदकिय्याह कसदियन क फउज स बचिके निकर नाहीं पाइ। किन्तु उ निहचइ ही बाबुल क राजा क दीन्ह जाइ अउर सिदकिय्याह बाबुल क राजा स आमने-सामने बातन करी। सिदकिय्याह ओका आपन आँखिन स लखी। 5 बाबुल क राजा सिदकिय्याह क बाबुल लइ जाइ। सिदकिय्याह तब तलक हुआँ ठहरी जब तलक मइँ ओका सजा नाहीं दइ देत।’ इ सँदेसा यहोवा क अहइ। ‘जदि तू पचे कसदियन क फउज स लड़ब्या, तू पचन्क कामयाबी नाहीं मिली।’”)
6 जउने समइ यिर्मयाह बन्दी रहा, उ कहेस, “यहोवा क सँदेसा मोका मिला। उ सँदेसा इ रहा: 7 ‘यिर्मयाह, तोहार चचेरा भाइ हननेल हाली ही तोहरे लगे आइ। उ तोहार चाचा सल्लूम क पूत अहइ। हननेल तोहसे इ कही, “यिर्मयाह, अनातोत नगर क लगे मोर खेत बेसहि ल्या। एका बेसहि ल्या काहेकि तू मोर सबसे निचके क रिस्तेदार अहा। उ खेते क खरीदब तोहार अधिकार अउर तोहार जिम्मेदारी अहइ।”’
8 “तब इ वइसा भवा जइसा यहोवा कहे रहा। मोर चचेरा भाई रच्छक आँगन मँ मोरे लगे आवा। हननेल मोहसे कहेस, ‘बिन्यामीन परिवार समूह क पहँटा मँ अनातोत नगर क लगे मोर खेत बेसहि ल्या। उ भुइँया क तू अपने बरे बेसहा काहेकि इ तोहार अधिकार अहइ अउर जिम्मेदारी अहइ कि तू एका आपन बरे बेसहा।’”
एह बरे मोका मालूम भवा कि इ यहोवा क सँदेसा अहइ। 9 मइँ आपन चचेरा भाई हननेल स अनातोत मँ भुइँया बेसहि लीन्ह। मइँ ओकरे बरे सत्रह सेकेल चाँदी तउली। 10 मइँ पट्टे पइ हस्ताक्षर किहेउँ अउर मोका पट्टा क एक प्रति मुहरबन्द मिली अउर जउन मइँ किहे रहेउँ ओकर साच्छी क रूप मँ स कछू लोगन क बोलाइ लिहेउँ अउर मइँ तराजू पइ चाँदी तउली। 11 तब मइँ पट्टे क मुहरबन्द प्रति अउ मुहर रहित प्रति पाएउँ। 12 अउर मइँ ओका बारूक क दिहेउँ। बारूक नोरिय्याह क पूत रहा। नोरिय्याह महसेयाह क पूत रहा। मुहरबन्द पट्टा मँ मोर बेसहइ क सबहिं सर्तन अउर सीमा रहीं। मइँ आपन चचेरा भाई हननेल अउर दूसर गवाहन क समन्वा उ पट्टा बारूक क दिहेउँ। ओन गवाहन भी उ पट्टे पइ हस्ताक्षर किहेन। उ समइ यहूदा क बहोत स मनई आँगन मँ बइठा रहेन जउन मोका बारूक क पट्टा देत लखेन।
13 “सबहिं लोगन क साच्छी कइके मइँ बारूक स कहेउँ, 14 इस्राएल क परमेस्सर सर्वसक्तिमान यहोवा इ कहत ह, ‘मुहरबन्द अउर मुहर रहित दुइनउँ पट्टन क प्रतियन क ल्या अउर एका माटी क घड़े मँ धइ द्या। इ करा एह बरे काम बहोत अधिक समइ तलक रहइ।’ 15 इस्राएल क परमेस्सर सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह, ‘भविस्स मँ मोर लोग एक दाई फुन घर, खेत अउ अंगूरे क बगिया इस्राएल देस मँ बेसहीं।’”
16 नेरिय्याह क पूत बारूक क पट्टा देइ क पाछे मइँ यहोवा स पराथना किहेउँ। मइँ कहेउँ:
17 “परमेस्सर यहोवा, तू पृथ्वी अउ आकास बनाया। तू ओनका आपन महान सक्ति स बनाया। तोहरे बरे कछू भी करब बहोत कठिन नाहीं अहइ। 18 यहोवा, तू हजारन मनइयन क बिस्सास पात्र अउर ओन पइ दयालु अहा। किन्तु तू मनइयन क ओनके पुरखन क पापन बरे सजा देत अहा। महान अउर सक्तिसाली परमेस्सर, तोहार नाउँ सर्वसक्तिमान यहोवा अहइ। 19 हे यहोवा, तू महान कारजन क जोजना बनावत अउर ओनका करत ह। तू उ सब लखत ह जेनका लोग करत हीं अउर ओनका पुरस्कार देत ह जउन अच्छे काम करत हीं तथा ओनका सजा देत ह जउन बुरे काम करत हीं, तू ओनका उ देत ह जेनकर उ पचे पात्र अहइँ। 20 हे यहोवा, तू मिस्र देस मँ अत्यन्त प्रभावसाली चमत्कार किहा। तू आजु तलक भी प्रभावसाली चकत्कार किहा ह। तू इ सबइ चमत्कार इस्राएल मँ देखाया अउर तू एनका हुवाँ भी देखाया जहाँ कहूँ मनई रहत हीं। तू एन चमत्कारन बरे प्रसिद्ध अहा। 21 हे यहोवा, तू प्रभावसाली चमत्कारन स आपन लोग क मिस्र स बाहेर लइ आएन। तू आपन चमत्कारन स आपन ताकत अउर अद्भुत सक्ति दिखाइ।
22 “हे यहोवा, तू इ धरती इस्राएल क लोगन क दिहा। इ उहइ धरती अहइ जेका तू ओनके पुरखन क देइ क बचन बहोत पहिले दिहे रह्या। इ अइसा धरती अहइ जहाँ दूध अउर सहद क नदी बहत हीं। 23 इस्राएल क लोग इ धरती मँ आएन अउर उ पचे एका आपन बनाइ लिहन। मुला ओन लोग तोहार आग्या नाहीं मानेन। उ पचे तोहरे उपदेसन क अनुसार चलेन। उ पचे उ नाहीं किहेन जेकरे बरे तू आदेस दिहा। एह बरे तू इस्राएल क लोगन पइ उ सबइ भयंकर विपत्तियन ढाया।
24 “अब दुस्मन नगर पइ घेरा डाएस ह। उ सबइ ढाल बनावत अहइँ ताकि उ पचे यरूसलेम क चहारदीवारी पइ चढ़ सकइँ। आपन तरवारन क उपयोग कइके तथा भूख अउ भयंकर बीमारी क कारण बाबुल क सेना यरूसलेम नगर क हराइ। बाबुल क फउज अब नगर पइ हमला करति अहइ। यहोवा तू कहे रह्या कि इ होइ, अउर अब तू लखत अहा कि इ घटित होत अहइ।
25 “मोर सुआमी यहोवा, उ सब सबहिं बुरी घटनन घटित होत अहइँ। किन्तु अब तू मोहसे कहत अहा, ‘यिर्मयाह, चाँदी स खेत बेसहा अउ बेसहइ क साच्छी बरे कछू लोगन क चुना।’ तू इ उ समइ कहत अहा जब बाबुल क सेना नगर पइ अधिकार करइ क तइयार अहइ। मइँ आपन धन क उ तरह बर्बाद काहे करउँ?”
26 तब यहोवा क सँदेसा यिर्मयाह क मिला: 27 “यिर्मयाह, मइँ यहोवा हउँ। मइँ पृथ्वी क हर एक मनई क परमेस्सर हउँ। यिर्मयाह, तू जानत अहा कि मोरे बरे कछू असंभव नाहीं अहइ।” 28 यहोवा इ भी कहेस, “मइँ हाली ही यरूसलेम नगर क बाबुल क सेना अउ बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर क दइ देब। उ सेना नगर पइ अधिकार कइ लेइ। 29 बाबुल क सेना पहिले स ही यरूसलेम नगर पइ हमला करत अहइ। उ पचे हाली ही नगर मँ प्रवेस करिहीं अउर आगी लगाइ देइहीं। उ पचे इ नगर क बारिके राखी कइ देइहीं। इ नगर मँ अइसे मकान अहइँ जेनमाँ यरूसलेम क लोग लबार देवता बाल क छतन पइ बलि भेंट दइके मोका किरोधित किहन ह अउ लोग दूसर देवमूरतियन क दाखरस भेंट चढ़ाएन। बाबुल क सेना ओन मकानन क बारि देइ। 30 मइँ इस्राएल अउ यहूदा क लोगन पइ नगर रखेउँ ह। उ पचे जउन कछू करत हीं; बुरा अहइ। उ पचे तब स बुरा करत अहइँ जब स उ पचे नउ जवान रहेन। इस्राएल क लोग मोका किरोधित किहेन। उ पचे मोका किरोधित किहेन काहेकि ओन मूरतियन क पूजा किहन जेनका उ पचे आपन हाथन स बनाएन।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। 31 “जब स यरूसलेम सहर बसा तब स अब तक इ नगर क लोग मोका किरोधित किहेन ह कि मोका एका आपन नजर क समन्वा स दूर कइ देइ चाही। 32 यहूदा अउर इस्राएल क लोग जउन बुरा काम किहन ह, ओकरे बरे, मइँ यरूसलेम क नस्ट करब। जन साधारण ओनकर राजा, प्रमुख, ओनकर याजक अउ नबी यहूदा क मनई अउ यरूसलेम क लोग, सबहिं मोका किरोधित किहेन ह।
33 “ओन लोगन क मदद बरे मोरे लगे आवइ चाही रहा। लेकिन उ पचे मोहसे आपन पीठ मोर कइँती मोड़ेन। मइँ ओन लोगन क बार-बार सिच्छा देइ चाही किन्तु उ पचे मोर सुनइ स इन्कार कई दिहन। 34 ओन लोग आपन देवमूरतियन बनाएन ह अउर मइँ ओन देवमूरतियन स घिना करत हउँ। उ पचे ओन देवमूरतियन क उ मन्दिरे मँ रखत हीं जउन मोरे नाउँ पइ अहइ। इ तरह उ पचे मोरे मन्दिर क अपवित्तर किहन ह।
35 “बेनहिन्नोम क घाटी मँ ओन लोग लबार देवता बाल बरे ऊँची जगह बनाएन। उ पचे लबार देवता मोलेक क पूजा बरे ठउर क आपन बेटवा-बिटियन क सिसु बलि भेंट क रूप मँ जराइ सकइ बरे बनाएन। मइँ ओनका कबहुँ अइसे भयानक काम करइ बरे आदेस नाहीं दिहेउँ। मइँ इ कबहुँ सोचेउँ तलक नाहीं कि यहूदा क लोग अइसा भयंकर पाप करिहीं।
36 “तू सबहिं लोग कहत अहा, ‘बाबुल क राजा यरूसलेम पर अधिकार कइ लेइ। उ तरवार, भुखमरी अउर भयंकर बीमारी क उपयोग इ सहर क पराजित करइ बरे करी।’ किन्तु यहोवा इस्राएल क लोगन क परमेस्सर कहत ह, 37 ‘मइँ इस्राएल अउर यहूदा क लोगन क आपन देस तजइ क मजबूर किहेउँ ह। मइँ ओन लोगन पइ बहोत कोहान रहा। किन्तु मइँ ओनका इ ठउरे पइ वापस लिआउब। मइँ ओनका ओन देसन स बटोरब जेनमाँ जाइ क बरे मइ ओनका मजबूर किहेउँ। मइँ ओनका इ देस मँ वापिस लिआउब। मइँ ओनका सान्तिपूर्वक अउर सुरच्छित रहइ देब। 38 इस्राएल अउर यहूदा क लोग मोर आपन लोग होइहीं अउर मइँ ओनकर परमेस्सर होब। 39 उ पचे एक उद्देस्स रखिहीं फुरइ ही, जिन्नगी भइ मोर उपासना करइ चहिहीं। ओनके बरे सुभ होइ अउर ओनके पाछे ओनकर परिवारन बरे भी सुभ होइ।
40 “‘मइँ इस्राएल अउ यहूदा क लोगन क संग एक करार करब। इ करार सदैव बरे होइ। इ करार क अनुसार मइँ लोगन स कबहुँ दूर नाहीं जाब। मइँ ओनके बरे सदैव अच्छा रहब। मइँ ओनका, आपन आदर करइ बरे इच्छूक बनाउब। तब उ पचे मोहसे कबहुँ दूर नाहीं हटिहीं। 41 उ पचे मोका खुस करिहीं। मइँ ओनकर भला करइ मँ आनन्दित होब अउर मइँ, निहचय ही, ओनका इ धरती मँ बसाउब अउर ओनका बढ़ाउब। इ मइँ आपन पूरे हिरदय अउर आतिमा स करब।’”
42 यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ, “मइँ इस्राएल अउर यहूदा क लोगन पइ इ बड़की बिपत्ति ढाएउँ ह। इहइ तरह मइँ ओनका अच्छी चिजियन देब। मइँ ओनका अच्छी चिजियन करइ क बचन देत हउँ। 43 तू लोग इ कहत अहा, ‘इ देस सूना रेगिस्तान अहइ। हिआँ कउनो मनई अउर कउनो जनावर नाहीं अहइ। बाबुल क फउज इ देस क पराजित किहस।’ किन्तु भविस्स मँ लोग फुन इ देस मँ भुइँया खरीदहीं। 44 लोग आपन धने क उपयोग करिहीं अउर खेत बेसहिहीं। उ पचे आपन सबइ करार पइ हस्ताच्छर क साच्छी होइहीं। लोग उ प्रदेस मँ फुन खेत बेसहिहीं जेहमाँ बिन्यामीन परिवार समूह क लोग रहत हीं। उ पचे यरूसलेम छेत्र क चारिहुँ ओर खेत बेसहिहीं। उ पचे यहूदा प्रदेस क नगरन, पहाड़ी प्रदेस, पच्छिमी पर्वत चरण, अउर दक्खिनी रेगिस्तान क पहँटा मँ खेत बेसहिहीं। इ होइ, काहेकि मइँ तोहरे लोगन क वापस लिआउब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
परमेस्सर क प्रतिग्या
33 यिर्मयाह क दूसरी दाईं यहोवा क सँदेसा मिला। यिर्मयाह अबहिं भी रच्छक आँगन मँ ताला क भीतर बन्दी रहा। 2 “यहोवा पृथ्वी क बनाएस अउर ओकर उ रच्छा करत ह। ओकर नाउँ यहोवा अहइ। यहोवा कहत ह, 3 ‘मोहसे पराथना करा अउर मइँ तोहका देई। मइँ तोहका महत्वपूर्ण रहस्य बताउब। तू ओनका कबहुँ नाहीं सुन्या ह।’ 4 इस्राएल क परमेस्सर यहोवा यरूसलेम क मकानन अउर यहूदा क राजा लोग क महलन क बारे मँ जउन सत्रुन दुआरा ढाल बनाइके हमला कइके तबाह कइ दीन्ह गवा ह, इ कहत ह।
5 “‘यरूसलेम क लोग बहोत बुरे काम किहन ह। मइँ ओन लोगन पइ कोहान हउँ। मइँ ओनके बिरुद्ध होइ गवा हउँ। एह बरे हुवाँ मइँ असंख्य लोगन क मार डाउब। बाबुल क सेना यरूसलेम क बिरुद्ध लड़इ बरे आइ। यररूसलेम क इ घरन मँ असंख्य ल्हास होइहीं।
6 “‘मुला ओकरे पाछे मइँ उ नगर मँ लोगन क तन्दुरूस्त बनाउब। मइँ ओन लोगन क सान्ति अउर सुरच्छा क आनन्द लेइ देब। 7 मइँ इस्राएल अउर यहूदा मँ फुन स सब कछू अच्छा घटित होइ देब। मइँ ओन लोगन क पुराने जमाने क तरह बरिआर बनाउब। 8 उ पचे मोर बिरुद्ध पाप किहेन, किन्तु उ पाप क मइँ धोइ देब। उ पचे मोरे बिरुद्ध लड़ेन, किन्तु मइँ ओनका छमा कइ देब। 9 तब यरूसलेम आस्चर्यचकित करइवाला ठउर होइ जाइ। लोग सुखी होइहीं अउर दूसर रास्ट्रन क लोग एकर तारीफ करिहीं। उ लोग ओन अच्छे कामन क बारे मँ सुनब्या जे मइँ यरूसलेम बरे कइ रहत हउँ अउर उ लोग मोर महानता क कारण डर स काँपिहीं।’
10 “तू लोग इ करत रह्या ह, ‘हमार देस सूनी रेगिस्तान, अहइ। हुआँ कउनो मनई या कउनो जनावर जिअत नाहीं रहेन।’ अब यरूसलेम क सड़कियन अउर यहूदा क नगरन मँ निर्जन सान्ति अहइ। किन्तु हुआँ हाली ही चहल-पहल होइ। 11 हुआँ सुख अउर आनन्द क किलोलन होइहीं। हुआँ दुल्हा-दुलहिन क उमँग भरी चहल होइ। हुआँ यहोवा क मन्दिर मँ आपन भेंट लिआवइवालन क मधुर वाणी होइ। उ पचे कहिहीं, ‘सर्वसक्तिमान यहोवा क स्तुति करा। यहोवा दयालु अहइ। यहोवा क दाया सदा बनी रहत ह।’ लोग इ सबइ बातन कहिहीं काहेकि मइँ फुन यहूदा बरे नीक काक करब। इ वइसा ही होइ जइसा सुरू मँ रहा।” यहोवा कहत ह।
12 सर्वसक्तिमान यहोवा कहत ह, “इ ठउर अब सुना अहइ। हिआँ कउनो लोग या जनावर नाहीं रहि रहेन। किन्तु अब यहूदा क सबहिं नगरन मँ लोग रहिहीं। हुआँ गड़रियन होइहीं अउर चरागाहन होइहीं जहाँ उ पचे आपन खरकन क आराम करइ देइहीं। 13 गड़रियन आपन भेड़िन क तब गनत हीं जब भेड़िन ओनके अगवा चलत हीं। लोग आपन भेड़िन क पूरे देस मँ चारिहुँ कइँती पहाड़ी प्रदेस, पच्छिमी पर्वत चरण, नेगव अउर यहूदा क सबहिं नगरन मँ गिनिहीं।”
अच्छी साखा
14 इ सँदेसा यहोवा क अहइ: “मइँ इस्राएल अउर यहूदा क लोगन क बिसेस बचन दिहेउँ ह। उ समइ आवति बाटइ जब मइँ उ करब जेका करइ क बचन मइँ दिहेउँ ह। 15 उ समइ मइँ दाऊद क परिवारे स एक ठु नीक ‘साखा’ पइदा करब। उ नीक साखा उ सब करी जउन देस बरे अच्छा अउर उचित होइ। 16 इ साखा क समइ यहूदा क लोगन क रच्छा होइ जाई। लोग यरूसलेम मँ सुरच्छित रहिहीं। उ साखा क नाउँ ‘यहोवा हमार धार्मिकता अहइ।’”
17 यहोवा कहत ह, “दाऊद क परिवार क कउनो न कउनो मनई सदा ही सिहांसने पइ बइठी अउर इस्राएल क परिवार पइ सासन करी 18 अउर लेवी क परिवार स याजक सदा ही होइहीं। उ सबइ याजक मोरे समन्वा सदा रहिहीं अउर मोका होमबलि, अन्नबलि अउर बलि भेट करिहीं।”
19 यहोवा क इ सँदेसा यिर्मयाह क मिला। 20 यहोवा कहत ह, “मइँ राति अउर दिन स करार कीन्ह ह। मइँ करार कीन्ह कि उ सदा ही रही। तू उ करार क बदल नाहीं सकत्या। दिन अउर राति सदा ठीक समइ पइ अइहीं। जदि तू उ करार क बदल सकत ह 21 तउ तू दाऊद अउर लेवी क साथ कीन्ह गइ मोर करार क भी बदल सकत अहा। तब दाऊद अउर लेवी क परिवारे क संतान राजा अउर याजक नाहीं होइ सकिहीं। 22 किन्तु मइँ आपन सेवक दाऊद क अउर लेवी क परिवार समूह क अनेक संतान देब। उ पचे ओतने ही होइहीं जेतना अकासे मँ तारे अहइँ, अउर अकासे क तारन क कउनो गन नाहीं सकत अउर उ पचे एतना होइहीं जेतना सागर किनारे पइ बालू कण होत हीं अउर ओन बालू क कणन क कउनो गन नाहीं सकत।”
23 यहोवा क इ सँदेसा यिर्मयाह प्राप्त किहस: 24 “यिर्मयाह, का तू सुन्या ह कि लोग का कहत अहइँ? उ सबइ लोग कहत अहइँ: ‘यहोवा इस्राएल अउर यहूदा क दुइ परिवारन क अस्वीकार कइ दिहस ह। यहोवा ओन लोगन क चुने रहा, किन्तु अब उ ओनका रास्ट्र क रूप मँ भी अंगीकार नाहीं करत।’”
25 यहोवा कहत ह, “जदि मोर करार दिन अउर राति क संग बनी नाहीं रहत, अउर जदि मइँ अकास अउ पृथ्वी क बरे नेम नाहीं बनावत, तबहिं संभव अहइ कि मइँ ओन लोगन क तजउँ। 26 तबहिं इ संभव होइ कि मइँ याकूब क संतानन स दूर हटि जाउँ अउर तबहिं होइ सकत ह कि मइँ दाऊद क संतानन क इब्राहीम, इसहाक अउ याकूब क संतानन पइ सासन करइ न देउँ। किन्तु दाऊद मोर सेवक अहइ अउर मइँ ओन लोगन पइ दाया करब अउर मइँ फुन ओन लोगन क ओनकर धरती पइ वापस लउटाइ लाउब।”
परमेस्सर अपने पूत क माध्यम स बोलत ह
1 परमेस्सर त अतीत मँ नबियन क जरिये कइयउ अवसरन प कउनउ तरह स हमरे पूर्वजन स बातचीत किहेस। 2 मुला इन आखिरी दिने मँ उ हमसे अपने पूत क जरिये बातचीत किहेस, जेका ओ सब कछू क उत्तराधिकारी नियुक्त किहेस अउर जेकरे द्वारा उ समूचे ब्रह्माण्ड क रचना किहेस। 3 उ पूत परमेस्सर क महिमा क प्रभा-मण्डल अहइ अउर ओकरे प्रकृति क प्रतिलिपि अहइ। उ अपने समर्थ बचन क द्वारा सब चीजन क स्थिति बनाए रखत ह। सबके पापन क धोअइ क उ सरगे मँ ओह महामहिम क दहिने हाथे बइठि गवा। 4 एह तरह उ सरगदूतन स एतना ही महान बनि गवा जेतॅना कि ओनके उ किहेन। उ सबइ नाउँ स उत्तिम नाउँ बाटइ जउन उ उत्तराधिकार मँ पाए अहइ।
5 काहेकि परमेस्सर तउ कउनो सरगदूतन स कभी अइसेन नाहीं कहेसः
“पूत तू मोर,
आजू तोहार बनि गवा हउँ मइँ पिता।” (A)
अउर न ही कउनो सरगदूत स उ इ कहेस ह,
“पिता ओकर मइँ बनबइ,
अउर होइ पूत उ मोर।” (B)
6 अउर फिन उ जब आपन पहिलौट क लड़का अउर महत्वपूर्ण क संसार मँ लावत ह तउ कहत ह,
“परमेस्सर क सरगदूतन सब ओकर नमन करइँ।”[a]
7 सरगदूतन क बारे मँ बतावत उ कहत ह,
“सरगदूतन उ अपने सब पवन बनावइ
अउर बनावइ आपन सेवक लपट आगी क।” (C)
8 मुला अपने पूत क बारे मँ उ कहत हः
“हे परमेस्सर, सास्वत तोहर सिंहासन बा,
तोहार राजदण्ड बाटइ नेकी;
9 नेकी ही तोहका पिआरी बा, तोहका घृणा रही पापन स
तउन परमेस्सर, तोहर परमेस्सर तउ चुना बा तोहका अउर ओह महान आनन्द दिहेस।
तोहका कहूउँ जियादा तोहरे साथियन स।” (D)
10 उ इहउ कहत ह,
“हे पर्भू सृस्टि क जब होत रहा जन्म मँ तुमने सरग तथा धरती क नींव राख्या
यह तोहरे हाथ का ही कारज अहइँ।
11 अउर इ सब नस्ट होइ जइहीं
मुला रहेगा तू चिरन्तर पुरान कपड़ा स फटि जइहीं इ सबइ
12 अउर तू परिधान जइसेन ओनका लपेटब्या
बदल उ जइहीं फिन कपड़ा जइसेन।
मुला तू तउ अहसेन, जैसा की चाह्या रहब्या
तोहरे समइ का कबहुँ न अन्त होई।” (E)
13 परमेस्सर त कबहूँ कउनो सरगदूत स अइसेन नाहीं कहेसः
“बइठा जा तू दहिने मोरे कि
ब जब तलक मइँ न तोहरे दस्मनन क चरन क चौकी बनाइ देउँ चरन तल तोहरे।” (F)
14 का सबहिं सरगदूत उद्धार पावइवालन क सेवा क बरे पठई गईन सहायक आतिमा नाहीं अहइँ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.