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Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
यिर्मयाह 6-8

दुस्मन क जरिये यरूसलेम क घेराव

बिन्यामीन क लोगो, आपन जान बचाई बरे पराअ,
    यरूसलेम सहर स भाग चला।
जुद्ध क तुरही तकोआ सहर मँ बजावा।
    बेथेक्केरेम मँ संकेत चिन्ह लगावा।
करा काहेकि, उत्तर कइँती स बिपत्ति
    अउर भयानक विनास आवति अहइ।
सिय्योन क बिटिया,
    तू एक ठु सुन्नर हरा चरागाह क समान अहा।
मुला गड़रियन आपन खरका क साथ आवत हीं।
    उ पचे तोहार चारिहुँ कइँती आपन डेरा डावत हीं।
हर एक गड़रिया आपन खरका क अगुवाइ
    आपन हींसा तोहार चरागाह स खाइ बरे करत ह।

“यरूसलेम नगर क खिलाफ लड़इ बरे तइयार होइ जा।
    उठा, हम लोग दुपहर क सहर पइ हमला करब,
किन्तु पहिले ही देर होइ चुकी अहइ।
    साँझ क छाया लम्बी होत अहइ,
एह बरे उठा! हम सहर पइ राति मँ हमला करब।
    हम यरूसलेम क मजबूत रच्छा-साधनन क बर्बाद करब।”

सर्वसक्तीमान यहोवा जउन कहत ह, उ अहइ:
    “यरूसलेम क चारिहुँ कइँती क बृच्छ काट डावा
    अउर यरूसलेम क खिलाफ घेरा डावइ क टीला बनावा।
इ सहर क सजा मिलइ चाही।
    इ सहर क भीतर दमन करइ क अलावा कछू नाहीं अहइ।
जइसे कुआँ आपन पानी स्वच्छ राखत ह
    उहइ तरह यरूसलेम आपन दुट्ठता क नवा बनावइ राखत ह।
इ सहर मँ हिंसा अउर बिध्वंस सुना जात ह।
    मइँ सिरफ यरूसलेम क बीमारी अउर दर्द क लख सकत हउँ।
यरूसलेम, इ चितउनी क अनका।
    जदि तू नाहीं सुनबिउ तउ मइँ आपन पिठिया तोहरी कइँती कइ लेबउँ।
मइँ तोहरे प्रदेस क सूना रेगिस्तान कइ देब।
    कउनो भी मनई हुआँ नाहीं रहि पाई।”

सर्वसक्तिमान यहोवा जउन कहत ह,
“उ इ अहइ, ओन इस्राएल क लोगन क बटोरा जउन आपन देस मँ बच गवा रहेन।
    ओनका इ तरह एकट्ठा करा,
जइसे तू अंगूरे क बेल स आखिरी अंगूर बटोरत अहा।
    अंगूर एकट्ठा करइवाले क तरह हर एक बेल क जाँच करा।”
10 मइँ केहसे बात करउँ?
    मइँ केका चितउनी दइ सकत हउँ?
    मोर कउनो सुनी?
इस्राएल क लोग आपन कान क बंद किहेन ह।
    एह बरे उ पचे मोर चितउनी सुन नाहीं सकतेन।
लोग यहोवा क सिच्छा पसन्द नाहीं करतेन।
    उ पचे यहोवा क सँदेस सुनइ नाहीं चाहतेन।
11 किन्तु मइँ (यिर्मयाह) यहोवा किरोध स भरा हउँ।
    मइँ एका रोकत-रोकत थक गवा हउँ।
“सड़किया पइ खेलत बच्चन पइ यहोवा क किरोध उड़ेरा।
    एक संग बटुरे नउजवानन पइ एका उड़ेरा।
मनसेधू अउ ओकर मेहरारू दुइनउँ धरा जइहीं।
    बुढ़वा अउ बहोत बुढ़वा लोग धरा जइहीं।
12 ओनकर घर दूसर लोगन क दइ दीन्ह जइहीं।
    ओनकर खेत अउर ओनकर मेहररूअन दूसर क दइ दीन्ह जइहीं।
मइँ आपन हाथ उठाउब अउर यहूदा देस क लोगन क सजा देब।”
    इ सँदेसा यहोवा क रहा।

13 “इस्राएल क सबहिं लोग धन अउर जियादा धन चाहत हीं।
    कम महत्त्वपूर्ण स लइके ज्यादा महत्त्वपूर्ण तलक सबहिं निआवहीन धन बरे लालची अहइँ।
    हिआँ तलक कि याजक अउ नबी झूठ पइ जिअत हीं।
14 मोर लोग बहोत बुरी तरह चोट खाए भए अहइँ।
    नबी अउर याजक मोरे लोगन क घाव भरइ क अइसा जतन करत हीं,
माना उ पचे नान्ह स घाव होइँ।
    उ पचे कहत हीं, ‘सान्ति! सान्ति! किन्तु हुआँ सान्ति नाहीं बाटइ।’
15 नबियन अउ याजकन पइ ओह पइ लजाइ चाही,
    जउन बुरा उ पचे करत हीं।
मुला उ पचे तनिक भी लजानेन नाहीं।
    एह बरे उ पचे दूसर क संग गिर जाइहीं।
जब मइँ ओन लोगन क सजा देब,
    उ पचे ठोकर खाइहीं।” यहोवा कहत ह।

16 यहोवा इ सब कहत ह:
“चउराहन पइ खड़ा ह्वा अउर लखा।
    पता करा कि पुरान सड़किया कहाँ रही।
पता करा कि अच्छी सड़किया कहाँ बा,
    अउ उ सड़क पइ चला।
जदि तू पचे अइसा करब्या, तू पचन्क आराम मिली।
    मुला तू लोग कह्या ह, ‘हम, पचे सड़किया पइ नाहीं चलब।’
17 मइँ तोहार पचन्क चौकसी बरे चौकीदारी चुनेउँ।
    मइँ ओनसे कहेउँ, ‘जुद्ध-तुरही क अवाजे पइ कान राखा।’
    मुला उ पचे कहेन, ‘हम नाहीं सुनब।’
18 एह बरे तू पचे सबहिं रास्ट्रन, ओन देसन क तू सब लोगो, अनका धियान द्या।
    उ सबइ सुना जउन मइँ यहूदा क लोगन क संग करब।
19 पृथ्वी क लोगो इ सुना:
    मइँ यहूदा क लोगन पइ उ विपत्ति ढावइ जात अहउँ।
    जउन ओनका दुस्ट जोजनन स पइदा भएस ह।
इ होइ काहेकि उ पचे मोरे सँदेसन कइँती धियान नाहीं दिहन।
    ओ लोग मोरे नेमन क पालन करइ स इन्कार किहेन ह।”

20 यहोवा कहत ह, “तू पचे सबा देस स मोका सुगन्धि क भेंट काहे लिआवत अहा?
    तू पचे भेंट क रूप मँ दूर देसन स सुगन्धि काहे लिआवत अहा?
तोहार पचन्क होमबलि मोका खुस नाहीं करत।
    तोहार पचन्क बलि मोका खुस नाहीं करत।”

21 एह बरे यहोवा जउन कहत ह,
“उ इ अहइ: मइँ यहूदा क लोगन क समन्वा सबइ समस्या रखब।
    उ पचे लोगन क गिरावइवाले पाथर स होइहीं।
बाप अउर पूत ओन पइ ठेह खाइके भहरइहीं।
    मीत अउ पड़ोसी मरिहीं।”

22 यहोवा जउन कहत ह,
“उ इ अहइ: उत्तर क देस स एक ठु फउज आवति अहइ,
    धरती क दूर ठउरन स एक ठु सक्तीसाली रास्ट्र आवत अहइ।
23 फउजियन क हाथे मँ धनुस अउ भालन अहइँ, उ पचे क्रूर अहइ।
    उ पचे कृपा करइ नाहीं जानतेन।
उ पचे बहोत सक्तीसाली अहइँ।
    उ पचे सागर क तरह गरजत हीं, जब उ पचे अपने घोड़न पइ सवार होत हीं।
उ फउज जुद्ध बरे तइयार होइके आवति अहइ।
    हे सिय्योन क बिटिया, फउज तोह पइ हमला करइ आवति अहइ।”
24 हम पचे उ फउज क बारे मँ खबर पाएउँ ह।
    हम पचे डर स असहाय अही।
हम खुद क बिपत्तियन क जाली मँ पड़ा अनुभव करित ह।
    हम पचे वइसे ही कस्ट अही, जइसे एक मेहरारू क प्रसव-बेदना होत ह।
25 खेतन मँ जिन जा,
    सड़कन पइ जिन निकरा।
काहेकि दुस्मन क हाथन मँ तरवार अहइ,
    काहेकि खतरा चारिहुँ कइँती अहइ।
26 हे मोर लोगो, टाटे क ओढ़ना पहिर ल्या।
    राखी मँ लोट-पोटा।
फूटि-फूटि रोआ
    जइसे कि तू एकलउता पूत क खोवइ देइ रह्या।
इ सबइ करा
    काहेकि बिनासक बहोतइ हाली स हमरे खिलाफ अइहीं।

27 “यिर्मयाह, मइँ (यहोवा) तोहका प्रजा क कच्ची धातु क पारखी बनाएउँ ह।
    तू हमरे लोगन क जाँच करब्या अउर ओनके बेउहार क चौकसी रखब्या।
28 मोर लोग मोरे खिलाफ होइ ग अहइँ,
    अउर उ पचे बहोत हठी अहइँ।
उ पचे लोगन क बारे मँ बुरी बातन कहत घूमत हीं।
    उ पचे काँसा क तरह हठी अउर बेचमक लोहा क तरह अहइँ।
29 उ पचे उ चाँदी बनावइया क तरह अहइँ जउन धातू क सुद्ध करइ क कोसिस किहेस।
    ओकर धौकनी तेज चली, आगी भी तेज जरी,
मुला आगी स निकरा अउर राँगा रहा।
    जउन कछू चाँदी बनाइवया किहेस उ सिरिफ समइ क बरबादी रही।
    ठीक इहइ तरह मोरे लोगन स बुराई दूर करइ क जतन सिरिफ समई क बर्बादी रही।
30 मोर लोग ‘खोटी चाँदी’ कहा जइहीं।
    ओनका इ नाउँ मिली काहेकि यहोवा ओनका अंगीकार नाहीं किहस।”

यिर्मयाह क मन्दिर उपदेस

इ यहोवा क सँदेसा यिर्मयाह बरे अहइ। “यिर्मयाह यहोवा क मन्दिर दुआरे क समन्वा खड़ा ह्वा। दुआरे पइ इ सँदेसा घोसित करा:

“‘यहूदा रास्ट्र क सबहिं लोगो, यहोवा क उपासना करइ बरे जउन लोग एन दुआरन स होइके आवा, हिआँ यहोवा क सँदेसा रहा। इस्राएल क लोगन क परमेस्सर यहोवा अहइ। सर्वसक्तीमान यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ, आपन जिन्नगी बदला अउर नीक काम करा। जदि तू अइसा करब्या तउ मइँ तू पचन्क इ ठउरे पइ रहइ देब। इ झूठ पइ जिन पतियाअ जउन कछू लोग बोलत हीं। उ पचे कहत हीं, “इ यहोवा क मन्दिर अहइ। यहोवा क मन्दिर अहइ! यहोवा क मन्दिर अहइ!” जदि तू पचे आपन जीवन बदलब्या अउर नीक करम करब्या, तउ मइँ तू पचन्क इ ठउरे पइ रहइ देब। तू पचन्क एक दूसर पइ निस्ठावान होइ चाही। तू पचन्क अजनबियन क संग भी निस्ठावान होइ चाही। तू पचन्क राँड़ अउर अनाथ लरिकन बरे उचित काम करइ चाही। निरपराध लोगन क जिन मारा। दूसर देवतन क अनुसरण न करा। काहेकि उ पचे तोहरे पचन्क जिन्नगी क नस्ट कइ देइहीं। जदि तू पचे मोरी आग्या क पालन करब्या तउ मइँ तू पचन्क इ ठउरे पइ रहइ देब। मइँ इ प्रदेस तोहरे पचन्क पुरखन क अपने लगे सदा ही रखइ बरे दिहेउँ।

“‘किन्तु तू पचे झूठ मँ बिस्सास करत अहा अउर उ झूठ बियर्थ अहइ। का तू पचे चोरी अउर हत्या करब्या? का तू पचे बिभिचार क पाप करब्या? का तू फाइदा बरे झूठी गवाही देब्या? का तू पचे लबार देवता बाल क पूजा करब्या अउर दूसर देवतन क अनुसरण करब्या जेनका तू पचे नाहीं जानत्या? 10 जदि तू पचे इ सबइ पाप करत अहा तउ का तू पचे समुझन अहा कि तू पचे उ मन्दिर मँ मोरे समन्वा खड़ा होइ सकत ह जेहसे मोरे नाउँ स गोहरावा जात होइ? का तू पचे सोचत अहा कि तू पचे मोरे समन्वा खड़ा होइ सकत अहा अउर कहि सकत अहा, “हम सुरच्छित अही?” सुरच्छित एह बरे कि जेहसे तू पचे घृणित कार्य कइ सका। 11 इ मन्दिर मोरे नाउँ स गोहरावा जात ह। का इ मन्दिर तोहरे पचन बरे डकैतन क छिपइ क ठउरे क अलावा दूसर कछू नाहीं अहइ? मइँ तोहार पचन्क चौकसी रखत हउँ।’” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।

12 “‘यहूदा क लोगो, तू पचे अब सीलो नगर क जा। उ ठउरे पइ जा जहाँ मइँ पहिली बार अपने नाउँ क बरे मन्दिर बनाएउँ। जा अउर लखा कि उ ठउरे क मइँ ओन पाप क बरे का किहेउँ जउन एह बरे कि लोग किहन। 13 तू लोग इ सबइ सब पाप करम करत रह्या। इ सँदेसा यहोवा क रहा। मइँ तू पचन्स बार-बार बातन किहेउँ, मुला तू पचे मोर अनसुनी कइ दिहा। मइँ तू लोगन क पुकारेउँ पर तू पचे जवाब नाहीं दिहा। 14 एह बरे मइँ आपन नाउँ स गोहरावा जाइवाले यरूसलेम क इ मन्दिर क नस्ट करब। मइँ उ मन्दिर क जेहमाँ तू पचे बिस्सास करत अहा वइसे ही नस्ट करब जइसे मइँ सीलो क नस्ट किहेउँ। अउ मइँ उ ठउरे क नस्ट करब्या जेका मइँ तू पचन्क अउर तोहरे पचन्क पुरखन क दिहेउँ। 15 मइँ तू पचन्क अपने पास ह वइसे ही दूर लोकाइ देब जइसे मइँ तोहरे सबहिं भाइयन क एप्रैम स लोकाएउँ।’

16 “यिर्मयाह, जहाँ तलक तोहार बात अहइ, तू यहूदा क एन लोगन बरे पराथना जिन करा। न ओनके बरे याचना करा अउर न ही ओनके बरे पराथना। ओनकर सहायता बरे मोहसे पराथन जिन करा। ओनके बरे तोहरी पराथना क मइँ नाहीं सुनब। 17 मइँ जानत हउँ कि तू लखत अहा कि उ पचे यहूदा नगर मँ का करत अहइँ। तू लखि सकत अहा कि उ पचे यरूसलेम क सड़कन पइ का करत अहइँ? 18 यहूदा क लोग जउन करत अहइँ उ इ अहइ: बच्चन लकड़ी बटोरत हीं। पिता लोग उ लकड़ी क उपयोग आगी बारइ मँ करत हीं। मेहररूअन आटा गूँथत हीं अउर सरग क रानी क भेंट बरे रोटियन बनावत हीं। यहूदा क उ सब लोग दूसर देवतन क पूजा बरे पेय भेंट चढ़ावत हीं। उ पचे मोका किरोधित करइ बरे इ करत हीं। 19 मुला मइँ उ नाहीं हउँ जेका यहूदा क लोग फुरइ चोट पहोंचावत अहइँ।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “उ पचे सिरिफ आपन क ही चोट पहोंचावत अहइँ। उ पचे आपन क लज्जा क पात्र बनावत अहइँ।”

20 एह बरे यहोवा इ कहत ह: “मइँ आपन किरोध इ ठउरे क खिलाफ परगट करब। मइँ लोगन तथा जानवरन क सजा देब। मइँ खेते मँ बृच्छन अउ उ भुइँया मँ जमइवाली फसलन क सजा देब। मोर किरोध प्रचण्ड आगी क नाई होइ अउर कउनो मनई ओका रोक नाहीं सकी।”

यहोवा बलि क अपेच्छा, आपन आग्या क पालन जियादा चाहत ह

21 इस्राएल क परमेस्सर सर्वसक्तिमान यहोवा इ कहत ह, “जा अउर जेतनी भी होमबलि अउर बलि चाहा, भेंट करा। ओन बलियन क गोस खुद खा। 22 मइँ तोहरे पचन्क पुरखन क मिस्र स बाहेर लिआएउँ। मइँ ओनसे बातन किहेउँ, किन्तु ओनका कउनो आदेस होमबलि अउर बलि क बारे मँ नाहीं दिहस। 23 मइँ ओनका सिरिफ इ आदेस दिहेउँ, ‘मोरी आग्या क पालन करा अउर मइँ तोहार पचन्क परमेस्सर रहब तथा तू पचे मोर लोग होब्या। जउन मइँ आदेस देत हउँ उकरा, अउर तोहरे पचन्क बरे सब नीक होइ।’

24 “किन्तु तोहार सबन्क पुरखन मोर एक नाहीं सुनेन। उ पचे मोह पइ धियान नाहीं दिहन। उ पचे हठी रहेन अउर उ पचे ओन कामन क किहन जउन उ पचे करइ चाहत रहेन। उ पचे नीक नाहीं बनेन। उ पचे पहिले स भी जियादा बुरे बनेन, उ पचे पाछे क गएन, अगवा नाहीं बढ़ेन। 25 ओ दिन स जउने दिन तोहरे सबन्क पुरखन मिस्र तजेन आजु तलक मइँ आपन सेवकन क तोहरे पचन्क लगे पठएउँ ह। मोरे सेवक नबी अहइँ। मइँ ओनका तोहरे सबन्क लगे बराबर पठएउँ। 26 मुला तोहार पचन्क पुरखन मोर अनसुनी किहन। उ पचे मोह पइ धियान नाहीं दिहन। उ पचे बहोत हठी रहेन, अउर उ पचे बहोत जिद्दी रहेन, अउर उ पचे आपन पुरखन स भी बढ़िके बुराइयन किहन।

27 “यिर्मयाह, तू यहूदा क लोगन स इ सबइ बातन कहब्या। किन्तु उ पचे तोहार पचन्क एक न सुनिहीं। तू पचे ओनसे बातन करब्या मुला उ पचे तू पचन्क जवाब नाहीं देइहीं। 28 एह बरे तोहका ओनसे इ सबइ बातन कहइ चाही: ‘इ उ रास्ट्र अहइ जउन यहोवा आपन परमेस्सर क आग्या क पालन नाहीं किहस। इ सबइ लोग परमेस्सर क सिच्छन क अनसुनी किहन। इ सबइ लोग सच्ची सिच्छन क नाहीं जानतेन।’

हत्या घाटी

29 “यिर्मयाह, अपने बारन क काट डावा अउर एका लोकाइ द्या। पहाड़ी क नंगी चोटी पइ चढ़ा अउर रोवा चिचियाअ। काहेकि यहोवा इ पीढ़ी क लोगन क दुत्कार दिहेस ह। यहोवा एन लोगन स आपन पीठ मोड़ लिहस ह अउर उ किरोध मँ एनका सजा देइ। 30 इ सबइ करा काहेकि मइँ यहूदा क लोगन क पाप करत लखेउँ ह।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “उ पचे आपन देवमूर्तियन क स्थापना किहेन ह अउर मइँ ओन देवमूर्तियन स घिना करत हउँ। उ पचे देवमूर्तियन क उ मन्दिर मँ स्थापित किहेन ह जउन मोरे नाउँ स अहइ। उ पचे मोरे मन्दिर क ‘गन्दा’ कइ दिहन ह। 31 यहूदा क उ सबइ लोग बेन हिन्नोम घाटी मँ तोपेत क उच्च स्थान बनाए अहइँ। ओन ठउरन पइ लोग आपन पूत-बिटियन क मार डावत रहेन, उ पचे ओनका बलि क रूप मँ बार देत रहेन। इ अइसा अहइ जेकरे बरे मइँ कबहुँ आदेस नाहीं दिहेउँ। इ तरह क बात कबहुँ मोरे मन मँ आई ही नाहीं। 32 एह बरे मइँ तू पचन्क चितउनी देत हउँ। उ सबइ दिन आवत अहइँ।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ, “जब लोग इ ठउरे क तोपेत या बेन हिन्नोम क घाटी फुन नाहीं कहिहीं। नाहीं, उ पचे एका हत्याघाटी कहिहीं। उ पचे एका इ नाउँ एह बरे देइहीं कि उ पचे तोपेत मँ एतने मनइयन क दफनइहीं कि ओनके बरे कउनो दूसर क दफनावइ क जगह नाहीं बची। 33 तब लोगन क ल्हास जमीन क ऊपर पड़ा रइहीं अउर अकासे क पंछियन क चारा होइहीं। ओन लोगन क तने क जंगली जनावर खइहीं। हुआँ ओन पंछियन अउर जनावरन क भगावइ बरे कउनो मनई जिअत नाहीं बची। 34 मइँ आनन्द अउर खुसी क कहकहन क यहूदा क नगरन अउर यरूसलेम क सड़कियन पइ खतम कइ देब। यहूदा अउ यरूसलेम मँ दुलहिन अउ दुल्हा क हँसी-ठिठोली अब स अगवा नाहीं सुनाई पड़ी। पूरा पहँटा सूना रेगिस्तान बन जाइ।”

यहोवा कहत ह: “उ समइ लोग यहूदा क राजा लोग अउर प्रमुख सासक लोग क हड्डियन क कब्रन स निकारि लेइहीं। उ पचे याजकन अउर नबियन क हड्डियन क ओनकर कब्रन स लइ लेइहीं। उ पचे यरूसलेम क सबहिं लोगन क कब्रन स हड्डियन निकारि लेइहीं। उ सबइ लोग ओन हड्डियन क सूरज, चाँद अउर तारन क पूजा बरे खाले जमीन पइ फइलइहीं। यरूसलेम क लोग सूरज, चाँद अउ तारन क पूजा स पिरेम करत हीं। कउनो भी मनई ओन हड्डियन क बटोरी नाहीं अउर न ही ओनका फुन दफनाई। एह बरे ओन लोगन क हड्डियन गोबर क तरह भुइँया पइ पड़ी रहिहीं।

“मइँ यहूदा क लोगन क आपन घर अउ प्रदेस तजइ पर विवस करब। लोग विदेसन मँ लइ जावा जइहीं। यहूदा क उ सबइ कछू लोग जउन जुद्ध मँ नाहीं मारा जाइ सकेन, चहिहीं कि उ पचे मार डावा गए होतेन।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।

पाप अउर सजा

“ओन लोगन स कहा, ‘जउन यहोवा कहत ह उ इ अहइ:

“‘तू इ सब जानत अहा कि जउन मनई गिरत ह
    उ फुन उठत ह।
अउर जदि कउनो मनई गलत राहे पइ चलत ह
    तउ का उ वापस नाहीं आवत ह?
यहूदा क लोग गलत राह चला गवा अहइँ।
    मुला यरूसलेम क लोग गलत राह चलत ही काहे जात अहइँ?
उ पचे आपन झूठ मँ बिस्सास रखत हीं।
    उ पचे मुड़इ अउर लउटइ स इन्कार करत हीं।
मइँ ओनका धियान स सुनेउँ ह,
    मुला उ पचे उ नाहीं कहतेन जउन फुरइ अहइ।
लोग आपन पापे खातिर पछतातेन नाहीं।
    लोग ओन बुरे करमन पइ विचार नाहीं करतेन जेनका उ पचे किहेन ह।
हर एक अपने राहे पइ वइसे ही चला जात अहइ।
    उ पचे जुद्ध मँ दउड़त भए घोड़वन क समान अहइँ।
अकासे क पंछी भी काम करइ क ठीक समइ जानत हीं।
    सारस, कबूतर, खज्जन अउ मइना भी
जानत हीं कब ओनका आपन नवे घरे मँ उड़िके जाब अहइ।
    किन्तु मोर लोग नाहीं जानतेन कि यहोवा ओनसे का कराउब चाहत ह।

“‘तू पचे कइसे कह सकत ह, “हमका यहोवा क नेम मिली अहइ।
    एह बरे हम बुद्धिमान अही?”
    किन्तु जउन नेम क सिच्छा देत ह अहइ उहइ एका झुठलाइ दिहेस ह।
ओन “चतुर लोग” यहोवा क सिच्छा अनसुनी किहेन ह
    एह बरे फुरइ उ पचे असल मँ बुद्धिमान लोग नाहीं अहइँ।
उ पचे “चतुर लोग” जाल मँ फँसावा गएन।
    उ पचे काँप उठेन अउर लज्जित भएन।
10 एह बरे मइँ ओनकर मेहररूअन क दूसर मनइयन क देब।
    मइँ ओनके खेते क दूसर मालिकन क दइ देब।
इस्राएल क सबहिं लोग जियादा स जियादा धन चाहत हीं।
    कम महत्त्वपूर्ण स लइके ज्यादा महत्त्वपूर्ण सबहिं लोग निआवहीन धन बरे लालची अहइ।
    हिआँ तलक कि नबी स लइके याजक भी लबार बोलत हीं।
11 नबी अउर याजक हमरे लोगन क घावन क भरइ क जतन अइसे करत हीं
    माना उ पचे नान्ह स घाव होइँ।
उ पचे कहत हीं, “सान्ति! सान्ति!
    किन्तु हुआँ सान्ति नाहीं अहइँ।”
12 ओन लोगन क आपन किए बुरे करमन बरे लज्जित होइ चाही।
    किन्तु उ पचे बिल्कुल लज्जित नाहीं।
एह बरे उ पचे दूसर सबहिं क संग गिर जाइहीं।
    जब मइँ ओनका सज़ा देब तउ उ पचे ठोकर खाइहीं।’”
    यहोवा कहत ह।

13 “‘मइँ आपन लोगन क इकट्ठा करइ बरे आउब्या
    यहोवा कहत ह: कउनो भी अंगूरे क बेलन मँ कउनो अंगूर नाहीं होइ।
कउनो भी अंजीरे क पेड़न पइ कउनो अंजीर नहीं होइ।
    हिआँ तलक कि पातियन भी सूखिके झड़ि जाइहीं।
अउर मइँ इ सारी बातन क ओन लोगन पइ होइ देब।’”

14 “‘हम हिआँ खाली काहे बइठा अही?
    आवा, मजबूत सहरन क भाग निकरी।
जदि हमार परमेस्सर यहोवा हमका मारइ ही जात अहइ,
    तउ हम हुअँइ मरी।
हम यहोवा क खिलाफ पाप किहा ह
    एह बरे परमेस्सर हमका पिअइ क पानी जहरीला पानी दिहेस ह।
15 हम सान्ति क आसा करत रहे,
    किन्तु कछू भी नीक नाहीं होइ सका।
हम अइसे समइ क आसा करित ह,
    जब उ छिमा कइ देइ। किन्तु बिपत्ति ही आइ पड़ी अहइ।
16 दान क परिवार समूह क प्रदेस स
    हम दुस्मन क घोड़न क नथुनन क फड़फड़ावइ क आवाज सुनित ह,
ओनकर टापन स धरती काँप उठी अहइ,
    उ पचे प्रदेस अउर एहमाँ क सारी चीजन क नस्ट करइ आवा अहइँ।
उ पचे सहर अउर एकर निवासी सबहिं लोगन क
    जउन हुआँ रहत हीं नस्ट करइ आवा अहइँ।’”

17 “यहूदा क लोगो, मइँ तू पचन्क डसइ क जहरीला साँप पठवत अहउँ।
    ओन साँपन क सम्मोहित नाहीं कीन्ह जाइ सकत।
उ सबइ ही साँप तू पचन्क डसिहीं।”
    इ सँदेसा यहोवा क अहइ।

18 परमेस्सर, मइँ बहोत दुःखी
    अउर भयभीत अहउँ।
19 मोर लोगन क सुना।
    इ देस मँ उ पचे चारिहुँ कइँती मदद बरे गोहरावत अहइँ।
उ पचे कहत अहइँ, “का यहोवा अब भी सिय्योन मँ अहइ?
    का सिय्योन क राजा अब भी हुआँ अहइँ?”

किन्तु परमेस्सर कहत ह,
“यहूदा क लोग, आपन देव मूरतियन क पूजा कइके
    मोका किरोधित काहे करत अहा?
    उ पचे आपन बियर्थ बिदेसी देव मूरतियन क पूजा किहन ह।”
20 लोग कहत हीं,
    “फसल काटइ क समइ
अउर गरमी क मौसम चला गवा ह
    किन्तु हम बचावा नाहीं जाइ सके।”

21 मोर लोग बीमार अहइँ, एह बरे मइँ बीमार हउँ।
    मइँ एन बीमार लोगन क चिन्ता मँ दुःखी अउ निरास हउँ।
22 निहचय ही, गिलाद प्रदेस मँ कछू दवा अहइ।
    निहचय ही, गिलाद प्रदेस म बैद्य अहइ।
    तउ भी मोरे लोगन क घाव काहे नीक नाहीं होतेन?

1 तीमुथियुस 5

कउनउ बड़ी आयु क मनई क साथे कठोरता स न बोला, बल्कि ओनहे बापे क रूप मँ देखत ओनके बरे विनम्र रहा। सलाह देत समइ अपन्ने स छोटन क साथे भाइयन जइसा बर्ताव करा। बड़ी स्त्रियन क महतारी समझा अउर जवान स्त्रियन क आपन बहिन समझिके सब पवित्रतन क साथे बर्ताव करा।

विधवन क धियान रखा

ओन्हन विधवन क विसेस धियान रखा जउन वास्तव मँ अकेले अहइँ। मुला अगर कउनउ विधवा के बेटवा-बिटिया अउर नाती पोता अहइँ तउ ओन्हे सबसे पहिले अपने धरम पर चलत चलत अपने परिवार क देखभाल करइ सीखइ चाही। ओनका चाही कि ओ पचे अपने महतारी-बापे क पालन पोसन क बदला चुकावइँ काहेकि एहसे परमेस्सर खुस होत ह। उ विधवा जउन सही मँ विधवा बाटइ अउर जेकर धियान रखइवाला केउ नाहीं बाटइ अउर परमेस्सर तउ जेकर सबइ आसा क सहारा बा उ दिन रात बिनती अउर पराथना मँ लगी रहत हीं। मुला उ विधवा जे बिसय भोग क दास होइ गइ अहइँ जीते जी मरे भएन क समान बाटिन। इही बरे बिसवासी लोगन क इन बातन क (ओनके सहायता क) आदेस द्या ताकि कउनउ भी ओनकर आलोचना न कइ पावइ। मुला अगर केउ आपन रिस्तेदारन, विसेसकर आपन पिरवार क सदस्यन क सहायता नाहीं करत, तउ उ बिसवास स फिन गवा बा अउर कउनो अबिसवासी से भी जियादा खराब बा।

ओन्हन विधवन क विसेस सूची मँ जउन आर्थिक सहायता लेत बाटिन ओनही विधवा क नाउँ लिखा जाइ जउन कम स कम साठ साल क होइ चुकी बाटिन अउर जउन पतिब्रता रही हईन। 10 अउर जउन बाल बच्चन क पालत करत, अतिथि सत्कार करत भए, परमेस्सर क लोगन क पाउँ धोवत भए दुखियन क सहायता करत-करत, अच्छा कामन क बरे समर्पित होइके सब तरह क अच्छा कामन क बरे जाना-मानी जात रहिन।

11 मुला सयानी-विधवन क एह सूची मँ सामिल न करा काहेकि मसीह क बरे ओनकर समर्पण पइ जब ओनकर बिसय वासना भरी इच्छा हावी होत ह तउ उ फिन बियाह करइ चाहत ह। 12 उ सबइ अपराधिन हइन काहेकि ओन्हन आपन मूलभूत प्रतिज्ञा क तोड़े हइन। 13 एकरे अलावा ओनका आलस क आदत पड़ि जात ह। उ सबइ एक घरे स दुसरे घरे घूमत फिरत हीं अउर उ सबइ न केवल आलसी होइ जात हीं, बल्कि उ बातूनी लोगन क कामन मँ टाँग अड़ावइ लागत हीं अउर अइसेन बात बोलइ लागत हीं जइसे ओंहे न बोलइ चाही। 14 इही बरे मइँ चाहत हउँ कि जवान-विधवन बियाह कइ लेइँ अउर औलाद क पइदा करत भए अपने घर बारे के देखभल करइँ ताकि हमरे दुस्मनन क हम पर कटाच्छ करइ क कउनउ अवसर न मिलि पावइ। 15 मइँ इ बरे बतावत हउँ कि कछू जवान विधवन क सइतान द्वारा पहिलेन स ही बहकाई गइ रहिन।

16 अगर कउनो बिसवासी स्त्री क घरे मँ विधवा हइन तउ ओन्हे ओकर सहायता खुद करइ चाही। अउर कलीसिया प कउनउ भार न डावइ चाहि ताकि कलीसिया सच्ची विधवन क सहायता कइ सकइ। 17 जउन निरीच्छक कलीसिया क अच्छी अगुआइ करत हीं ओनका दुगना सम्मान क पात्र होइ चाही। विसेस कर उ पचे जेनकर काम उपदेस देब अउर पढ़ाउब बा। 18 काहेकि पवित्तर सास्तर मँ कहा गवा बा, “बरधा जब खरिहाने मँ होइ तउ ओकर मुँह न बाँधा।”(A) अउर “मजदूर क आपन मजदूरी पावइ क अधिकार बा।”(B)

19 कउनो निरीच्छन पइ लगावा गवा कउनउ लांछन क तब तक स्वीकार न करा जब तलक दुई य तीन साच्छी न होइँ। 20 जउन हमेसा पापे मँ लगा रहत हीं ओनका सबके सामने डाटा-फटकारा ताकि बाकि लोग डेराइँ।

21 परमेस्सर, ईसू मसीह अउर चुना भवा सरगदूतन क सामने हम सचाई क साथे आदेस देत हई कि तू बिना कउनो पूर्वाग्रह क इन बातन क पालन करा। पच्छपात क साथे कउनउ काम न करा।

22 बिना विचारे केउ क कलीसिया क मुखिया बनवइ क बरे ओह प जल्दी मँ हाथ न रखा। केउ क पापन मँ भागीदारी न बना। अपने क हमेसा पवित्तर रखा।

23 तीमुथियुस, केवल पानी ही न पिअत रहअ। बल्कि अपने हाजमा अउर बार बार बीमार पड़इ स बचइ क बरे तनिक दाखरास भी लइ लिहा करा।

24 कछू लोगन क पापन सही रूप स परगट होइ जात हीं अउर निआव क बरे पेस-कई दीन्ह जात ह मुला दुसरे लोगन क पापन बाद मँ परगट होत हीं। 25 इही तरह अच्छा काम भी सही रूप स परगट होइ जात ह मुला जउन परगट नाहीं होतेन तउ उ पचे भी छुपा नाहीं रह सकतेन।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.