Old/New Testament
3 “अगर कउनो मनई आपन पत्नी क तलाक देत ह, अउर उ पत्नी ओका तजि देत ह अउर दूसर मनई बियाह कइ लेत ह
तउ का उ मनई आपन पत्नी क लगे फुन आइ सकत ह नाहीं।
जदि उ मनई उ मेहरारू क लगे लउटी तउ देस पूरी तरह गन्दा होइ जाइ।
यहूदा, तू रण्डी क तरह अनेक पिरेमियन (लबार देवतन) क संग काम किहा
अउर अब तू मोरे लगे लउटइ चाहत अहा।”
इ सँदेसा यहोवा क रहा।
2 “खाली पहाड़ी क चोटी क लखा।
क कउनो अइसी जगह अहइ जहाँ तोहार आपन पिरेमियन क संग सारीरिक सम्बन्ध नाहीं चला?
तू सड़किया क किनारे पिरेमियन क प्रतीच्छा करती बइठी अहा।
तू हुआँ रेगिस्तान मँ प्रतीच्छा करत अरब क तरह बइठा।
ऍह बरे तू मोहसे बेवफाइ कइ क
अउर बहोत सारी ‘बुरा’ करम कइ क
धरती क अपवित्तर बना दिहेस ह।
3 तू पाप किहा एह बरे बर्खा नाहीं आई।
बसन्त समइ क कउनो बर्खा नाहीं भइ।
मुला अबहिं भी तू लज्जित होइ स इनकार करति अहा।
तोहरे मुँहना पइ रण्डी क भाव अहइ जब उ लज्जित होइ स इनकार करति अहा।
तू आपन कीन्ह करमन पइ लज्जित होइ स इनकार करति अहा।
4 मुला अब तू मोका बोलावत अहा।
‘मोर पिता, तू मोर बचपन स मोर प्रिय मीत रहा ह।’
5 तू इ भी कह्या, ‘परमेस्सर सदैव मोह पइ कोहान नाहीं रही।
परमेस्सर क किरोध सदैव बना नाहीं रही।’
“तू इ सब कछू कहत अहा,
मुला तू ओतने ही बुराई करति अहा जेतना तू कइ सकत अहा।”
दुइ बुरी बहिनी: इस्राएल अउ यहूदा
6 ओन दिनन जब योसिय्याह यहूदा रास्ट्र पइ हुकूमत करत रहा। यहोवा मोहसे बातन किहस। यहोवा कहेस, “यिर्मयाह, तू ओन बुरे करमन क लखा जउन इस्राएल किहस? तू लख्या कि कइसे मोरे संग बिस्ससघात किहस। उ हर एक पहाड़ी क ऊपर अउर हर एक हरियर बृच्छ क खाले झूठी मूरतियन क पूजिके बिभिचार करइ क पाप किहस। 7 मइँ अपने स कहेउँ, ‘इस्राएल मोरे लगे तब लउटी जब उ आपन बुरे करमन क कइ चुकी।’ किन्तु उ मोरे लगे नाहीं लउटेस अउर ओका अबिस्सासी बहिन यहूदा लखेस कि इस्राएल का किहेस ह? 8 यहूदा लखेस कि मइँ अबिस्सासी इस्राएल क दूर पठाइ दिहेस ह काहेकि उ बिभिचार किहे रही। मइँ ओका तलाक पत्र लिखिके तलाक देइ दिहा। किन्तु ओकरे अबिस्सासी बहिन यहूदा ओन बातन स नाहीं डेराएस। यहूदा भी निकर गइ अउर उ रण्डी क तरह रहइ लगेस। 9 यहूदा इ धियान भी नाहीं दिहस कि उ रण्डी क तरह काम करति बाटइ। एह बरे उ आपन देस क गन्दा किहस। उ काठे अउर पाथर क बनी मूरतियन क पूजा कइके बिभिचार क पाप किहस। 10 इस्राएल क अबिस्सासी बहिन (यहूदा) आपन पूरे हिरदइ स मोरे लगे लउटी नाहीं। उ सिरिफ बहाना बनाएस कि उ मोरे लगे लउटी अहइ।” इ सँदेसा यहोवा क रहा।
11 यहोवा मोसे कहेस, “इस्राएल मोर मनवइया नाहीं रही। मुला ओकरे लगे कपटी यहूदा क अपेच्छा नीक बहाना रहा। 12 उत्तर कइँती लखा अउर इ सँदेसा बोला:
“‘अबिस्सासी इस्राएल क लोगो तू पचे लउटा।’
यहोवा कहत ह।
मइँ तू पचन स आपन मुँह नाहीं फेरब।
मइँ दयासागर हउँ,
‘मइँ सदैव तू पचन पइ कोहान नाहीं रहब।’
यहोवा कहत ह।
13 ‘तोहका सिरिफ एतना करब होइ कि तू आपन पापन क स्वीकारा।
तू यहोवा अपने परमेस्सर क खिलाफ अपराध किहस,
इ तोहार पाप अहइ कि तू दूसर रास्ट्रन क लोगन क देव मूरतियन क आपन पिरेम दिहा।
तू आपन देव मूरतियन क पूजा
हर एक हरियर बृच्छ क खाले किहा।
तू मोर आग्या क पालन नाहीं किहा।’”
यहोवा कहत ह।
14 “अभकत लोगो, मोरे लगे लउटि आवा।” इ सँदेसा यहोवा क रहा। “मइँ तोहार सुआमी अहउँ। मइँ हर एक नगर स एक मनई लेब अउर हर एक परिवार स दुइ मनई अउर तू पचन्क सिय्योन पइ लिआउब। 15 तब मइँ तू पचन्क नवा सासक देब। उ पचे सासक मोर मनवइयन होइहीं। उ पचे तोहार पचन्क मार्ग दर्सन गियान अउर समुझ स करिहीं। 16 ओन दिना तू लोग बड़ी गनती मँ देस मँ होब्या।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
“उ समइ लोग फुन इ कबहुँ नाहीं कइहीं, ‘मइँ ओन दिनन क सुमिरत हउँ जब हम लोगन क लगे यहोवा क करार क सन्दूख रहा।’ उ पचे पवित्तर सन्दूख क बारे मँ फुन कबहुँ सोचिहीं भी नाहीं। उ पचे न तउ एका याद करिहीं अउर न ही ओकरे बरे अफसोस करिहीं। उ पचे दूसर पवित्तर सन्दूख कबहुँ नाहीं बनइहीं। 17 उ समइ, यरूसलेम नगर ‘यहोवा क सिंहासन’ कहा जाइ। सबहिं रास्ट्र एक संग यरूसलेम नगर मँ यहोवा क नाउँ क सम्मान देइ अइहीं। उ पचे आपन हठी अउर बुरे हिरदय क अनुसार अब कबहुँ नाहीं चलिहीं। 18 ओन दिनन यहूदा क परिवार इस्राएल क परिवार क संग मिलि जाइ। उ पचे उत्तर मँ एक देस स एक साथे अइहीं। उ पचे उ देस मँ अइहीं जेका मइँ ओनकर पुरखन क दिहे रहे रहेउँ।”
19 मइँ यानी यहोवा अपने स कहेउँ,
“मइँ तू पचन स आपन बचवन क नाई बेउहार करइ चाहत हउँ,
मइँ तू पचन्क एक सुहावना देस देइ चाहत हउँ।
उ देस जउन कउनो भी रास्ट्र स जियादा सुन्नर होइ।
मइँ सोचे रहेउँ कि तू पचे मोका ‘बाप’ कहब्या।
मइँ सोचे रहेउँ कि तू पचे मोर सदैव अनुसरण करब्या।
20 मुला तू पचे उ मेहरारू क नाई भया जउन पतिव्रता नाहीं रही।
इस्राएल क परिवार, तू पचे मोरे बरे बिस्सासघाती रह्या।”
इ सँदेसा यहोवा क रहा।
21 “तू पचे नंगी पहाड़ियन पइ रोउब सुन सकत ह।
इस्राएल क लोग कृपा बरे रोवत रहेन अउर पराथना करत अहइँ।
उ पचे बहोत बुरा होइ ग रहेन।
उ पचे आपन परमेस्सर यहोवा क बिसरी ग रहेन।
22 “इस्राएल क अबिस्सासी लोगो, तू पचे मोरे लगे लउटि आवा,
अउर मइँ तोहरे पचन्क अबिस्सासी होइ क अपराध क छिमा करब।
“लोगन क कहइ चाहीं, ‘हाँ, हम लोग तोहरे लगे आउब
तू हमार परमेस्सर यहोवा अहा।
23 निहचय ही पहाड़ियन पइ देवमूरतियन क पूजा
अउर पहाड़न पइ जमा होइ सिरिफ झूठी आसा देत ह।
निहचय ही, इस्राएल क मुक्ति,
यहोवा आपन परमेस्सर स आवत ह।
24 उ मुरतियन हमरे पुरखन क हर एक चीज
बलि क रूप मँ हम लोगन क बचपन क अमइ स ही खाएस।
उ मूरितयन हमरे पुरखन क पसु,
भेड़ी, पूत, बिटिया लिहस।
25 हम पचन्क आपन लाज मँ,
माथा टेकइ चाही,
लज्जा हम लोगन क कम्बल क नाई ढाँप लाइ।
हम अउर हमार पुरखन आपन परमेस्सर यहोवा क खिलाफ पाप किहे अही।
हम आपन परमेस्सर यहोवा क आग्या
आपन बचपन स ही नाहीं माने अही।’”
4 यहोवा कहत ह,
“इस्राएल, जदि तू लउटि आवा चाहत ह
तउ तू मोरे लगे जरूर लउटि आवा।
जदि तू आपन देवमूरतियन क लोकावा
अउर भटकना बन्द करा,
2 जदि तू मोरे नाउ पइ सच्चाइ स,
निआब स अउर ईमानदारी स इ कहत भए प्रतिग्या करब्या,
‘यहोवा क जिन्नगी क किरया,’
तउ रास्ट्र यहोवा क जरिये बरदान पाइहीं
अउर उ पचे यहोवा क गर्व स बखान करिहीं।”
3 यहोवा यहूदा अउर यरुसलेम क निवसियन स कहत ह,
“उहइ खेत मँ हर चलावा जेका
जोतइ स तू नकार दिहे रहा
काँटा क बीच मँ बिया छिरकान बन्द करा!
4 इ दिखावइ बरे कि तू यहोवा क अहइ खतना करइ लिहा।
मोर अर्थ इ अहइ कि आपन आप क पूरी तरह स मोर बरे अर्पित कइ द्या!
अउर आपन दिल स खिलरी हटा द्या।
जदि तू इ नाहीं करा तउ मइँ बहोतइ कोहान होबउँ।
मोर किरोध आगी क नाई फइली
अउर मोर किरोध तू पचन्क बारि देइ
अउर कउनो मनई उ आगी क बुझाइ नाहीं पाइ।
इ काहे होइ? काहेकि तू पचे बुरे करम किहे अहा।”
उत्तर दिसा स बिध्वंस
5 “यहूदा क लोगन मँ इ सँदेसा क घोसणा करा:
यरूसलेम सहर क हर मनई स कहा,
‘सारे देस मँ तुरही बजावा।’
जोर स नरियाअ अउर कहा,
‘एक संग आवा,
हम सबहिं रच्छा बरे मजबूत सहरन क भाग निकरी।’
6 सिय्योन का सूचक झंडा क उठावा,
कउनो जगह एक ठू सुरच्छा क जगह खोजा, प्रतीच्छा जिन करा।
इ एह बरे करा कि मइँ उत्तर स बिध्वंस लिआवत हउँ।
मइँ भयंकर बिनास लिआवत हउँ।”
7 एक ठु सेर अपनी गुफा स निकरा ह,
रास्ट्रन क बिध्वंसक तेज कदम बढ़ाउब सुरू कइ चुका अहइ।
उ तोहरे पचन्क देसन क बरबाद करइ आपन घर तजि चुका अहइ।
तोहरे पचन्क सहर तहस नहस होइहीं।
ओनमाँ रहइवाला कउनो मनई नाहीं बची।
8 एह बरे टाट क ओढ़ना पहिरा, रोवा,
काहेकि यहोवा हम पइ बहोत कोहान अहइ।
9 इ सँदेसा यहोवा क अहइ,
“अइसे समइ इ होत ह।
राजा अउर प्रमुख हिम्मत हार जइहीं,
याजक डेरइहीं, नबियन क दिल दहली।”
10 तब मइँ यानी यिर्मयाह कहेउँ, “मोर सुआमी यहोवा, तू फुरइ यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन क धोखा मँ राख्या ह। तू ओनसे कहया, ‘तू पचे सान्तिपूर्वक रहब्या।’ किन्तु अब ओनके गटइयन पइ तरवार हइँची भइ अहइ।”
11 उ समइ एक सँदेसा यहूदा
अउ यरूसलेम क लोगन क दीन्ह जाइ:
“नंगी पहाड़ियन क चोटी स गरम आँधी चलाति अहइ।
इ रेगिस्ताने स मोर लोगन कइँती आवति अहइ।
इ उ मन्द हवा नाहीं जेकर उपयोग
किसान भूसा स अनाज निकारइ बरे करत हीं।
12 इ ओहसे जियादा तेज हवा अहइ
अउर मोहसे आवति अहइ।
अब मइँ यहूदा क लोगन क खिलाफ
आपन निआउ क घोसणा करब।”
13 लखा। दुस्मन बादर क नाई उठत अहइ,
ओकर रथ चववात क तरह अहइ।
ओकर घोड़ा उकाब स तेज अहइँ।
इ हम सब बरे बुरा होइ,
हम बरबाद होइ जाब।
14 यरूसलेम क लोगो,
आपन हिरदय स बुराइयन क धोइ डाबा।
आपन हिरदय क पवित्तर करा, जेहसे तू बच निकरा।
बुरी जोजनन जिन बनावत चला।
15 दान देस क दूत क वाणी क
धियान स सुना।
कउनो एप्रैम क पहाड़ी प्रदेस स
बुरा खबर क घोसणा करत ह।
16 “इ रास्ट्र क एकर विवरण द्या।
यरूसलेम क लोगन मँ इ खबर क फइलावा।
दुस्मन दूर देस स आवत अहइँ।
उ सबइ दुस्मन यहूदा क नगरन क विरूद्ध जुद्ध उद्घोस करत अहइँ।
17 दुस्मन यरूसलेम क अइसे घेरेन ह
जइसे खेत क रच्छा करइवाले लोग होइँ।
यहूदा, तू मोरे खिलाफ गया,
एह बरे तोहरे खिलाफ दुस्मन आवत अहइँ।”
इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
18 “जउने तरह तू रह्या अउर तू पाप किहा
उहइ स तोह पइ इ बिपत्ति आइ।
इ तोहार पाप ही अहइँ जउन जिन्नगी क एतना कठिन बनाएन ह।
इ तोहार पाप ही अहइ जउन उ पीरा क लिआएस जउन तोहरे हिरदय क बेधत ह।”
यिर्मयाह क रुदन
19 आह, मोर दुःख अउ मोर परेसानी मोरे पेट मँ दर्द करत अहइँ।
मोर हिरदय धड़कत अहइ।
हाय, मइँ एतना डेरान अहउँ।
मोर हिरदय मोरे भीतर तड़पत अहइ।
मइँ चुप नाहीं बइठ सकत।
काहेकि मइँ तुरही क बजाउब सुनेउँ ह।
तुरही सेना क जुद्ध करइ बोलावति अहइ।
20 ध्वंस क पाछे बिध्वंस आवत ह।
पूरा देस नस्ट होइ ग अहइ।
अचानक मोर डेरन बरबाद कइ दीन्ह ग अहइँ,
मोर परदन फाड़ दीन्ह ग अहइँ।
21 हे यहोवा मइँ कब तलक जुद्ध पताकन क लखब?
जुद्ध क तुरही क केतने समइ सुनब?
22 परमेस्सर कहेस, “मोर लोग मूरख अहइँ।
उ पचे मोका नाहीं जानतेन।
बेवकूफ बच्चन अहइँ।
उ पचे समुझतेन नाहीं।
उ पचे पाप करइ मँ दच्छ अहइँ,
किन्तु उ पचे नीक करइ नाहीं जानतेन।”
बिनास आवत अहइ
23 मइँ धरती क लखेउँ।
धरती खाली रही, एह पइ कछू नाहीं रहा।
मइँ गगन क लखेउँ,
अउर एकर प्रकास चला गवा रहा।
24 मइँ पर्वतन पइ नजर डाएउँ,
अउर उ पचे काँपत रहेन।
सबहिं पहाड़ियन लड़खड़ात रहिन।
25 मइँ धियान स लखेउँ किन्तु कउनो मनई नाहीं रहा,
अकासे क सबहिं पंछी उड़ गवा रहेन।
26 मइँ लखेउँ कि सुहावना प्रदेस रेगिस्तान बन गवा रहा।
उ देस क सबहिं नगर नस्ट कइ दीन्ह ग रहेन।
यहोवा इ कराएस।
यहोवा अउर ओकर प्रचण्ड किरोध इ कराएस।
27 यहोवा इ सबइ बातन कहत ह।
“पूरा देस बरबाद होइ जाइ।
मुला मइँ देस क पूरी तरह नस्ट नाहीं करब।
28 एह बरे इ देस क लोग मरे लोगन बरे रोइहीं।
अकास अँधियारा स भरा होइ।
मइँ कहि दिहेउँ ह, अउर बदलब नाहीं।
मइँ एक निर्णय किहेउँ ह, अउर मइँ आपन बिचार नाहीं बदलब।”
29 यहूदा क लोग घुड़सवारन
अउर धनुर्धारियन क उद्घोष सुनिहीं,
अउर लोग पराइ जइहीं।
कछू लोग गुफन मँ छिपिहीं;
कछू झाड़ियन मँ
अउ कछू चट्टानन पइ चढ़ि जइहीं।
यहूदा क सबहिं नगर खाली अहइँ।
ओनमाँ कउनो नाहीं रहत।
30 हे यहूदा, तू बरबाद कइ दीन्ह गवा अहा,
तू का करत अहा?
तू आपन सुन्नरतम लाल ओढ़ना काहे पहिरत अहा?
तू आपन सोने का गहना काहे पहिरे अहा?
तू आपन आँखिन मँ आँजन काहे लगावत अहा?
तू आपन क सुन्नर बनावत अहा,
किन्तु इ सब बियर्थ अहइ।
तोहार पिरेमी तोहसे घिना करत हीं,
उ पचे मार डावइ क जतन करत अहइँ।
31 मइँ एक चीख सुनत हउँ जउन उ मेहरारू क चीख क तरह अहइ
जउन लरिका पइदा करत होइ।
इ चीख उ मेहरारू क तरह अहइ जउन पहिलउटी क लरिका क पइदा करत होइ।
इ सिय्योन क बिटिया क चीख अहइ।
उ आपन हाथ पराथना मँ इ कहत भए उठावति बाटइ,
“आह! मइँ मूर्छित होइवाली अहउँ, हत्तियारे मोरे चारिहुँ कइँती अहइँ।”
यहूदा क लोगन क पाप
5 यहूदा कहत ह: “यरूसलेम क सड़कियन पइ ऊपर नीचे जा। चारिहुँ कइँती लखा अउर एन चीजन क बारे मँ सोचा। सहर क सार्वजनिक चौराहन क खोजा, पता करा कि का तू कउनो एक नीक मनई क पाइ सकत ह? अइसे मनई क जउन ईमानदारी स काम करत होइ, अइसा जउन सच क खोज करत होइ। जदि तू एक नीक मनई क हेरिके निकरब्या तउ मइँ यरूसलेम क छिमा कइ देब। 2 जब लोग प्रतिग्या करत हीं अउर कहत हीं, ‘जइसा कि यहोवा सास्वत अहइ।’ तउ तू निहचय कइ सकत ह कि उ पचे झूठ बोलत रहइ।”
3 हे यहोवा, मइँ जानत हउँ
कि तू लोगन मँ सच्चाई लखइ चाहत अहा।
तू यहूदा क लोगन क चोट पहोंचाया,
मुला उ पचे कउनो पीरा क अनुभव नाहीं किहन।
तू ओनका बर्बाद किहा,
मुला उ पचे आपन पाठ सीखइ स इन्कार कइ दिहन।
उ पचे बहोत हठी होइ गएन।
उ पचे आपन पापन बरे पछताइ स इन्कार कइ दिहन।
4 मुला मइँ (यिर्मयाह) आपन स कहेउँ,
“उ पचे सिरिफ गरीब लोग ही अहइँ जउन मूरख अहइँ।
इ सबइ उहइ लोग अहइँ जउन यहोवा क मारग क नाहीं सीख सकेन।
गरीब लोग आपन परमेस्सर क सिच्छा क नाहीं जानतेन।
5 एह बरे मइँ अमीर लोगन क लगे जाब।
मइँ ओनसे बातन करब।
निहचय ही प्रमुख यहोवा क मारग क समुझत हीं।
मोका बिस्सास अहइ
कि उ पचे आपन परमेस्सर क सिच्छा क जानत हीं।”
किन्तु सबहिं अमीर लोगन यहोवा क सेवा करइ स इन्कार करइ देइन।
6 उ पचे परमेस्सर क खिलाफ भएन,
एह बरे जंगल स एक सेर ओन पइ हमला करी।
रेगिस्तान मँ एक ठु बिगवा ओनका मारि डाई।
एक ठु तेदुंआ ओनका सहरन क लगे घात लगाए अहइ।
सहरन क बाहर जाइवाले कउनो क भी तेदुंआ टूकन मँ चीर डाइ।
काहेकि यहूदा क लोग बहोत अपराध किहेन ह।
उ पचे यहोवा स दूर भटक गवा अहइँ।
7 परमेस्सर कहेस, “यहूदा, मोका कारण बतावा कि मोका तोहका काहे छिमा देइ चाही?
तोहार सन्तानन मोका तजि दिहेन ह।
उ पचे ओन मूरतियन स प्रतिग्या किहन ह जउन परमेस्सर अहइँ ही नाहीं।
मइँ तोहरी सन्तानन क हर एक चीज दिहेउँ जेकर जरूरत ओनका रही।
किन्तु फुन भी उ पचे बिस्सासघाती रहेन।
उ पचे रण्डी क कोठन मँ बहोत समइ बिताएन।
8 उ पचे ओन घोड़न जइसे रहेन जेनका बहोत खाइ क अहइ, अउर जउन जोड़ा बनावइ क होइ।
उ पचे ओन घोड़न जइसे रहेन जउन पड़ोसी क मेहररूअन पइ हिनहिनात रहेन ह।
9 का मोका यहूदा क लोगन क इ सबइ काम करइ क कारण, सजा देइ चाही?”
यहोवा कहत ह,
“का मोका ओनका उ दण्ड देइ नाहीं चाही
जउन ओका मिलइ चाही?
10 “आवा, अउर यहूदा क अंगूर क बेलन क कतारन नस्ट करी
दिहा बेलन क काट डावा। (किन्तु ओनका पूरी तरह नस्ट जिन करा।)
ओनकी सारी डारन क छाँट द्या काहेकि इ सबइ डारन यहोवा क नाहीं अहइँ।
11 इस्राएल अउर यहूदा क रास्ट्र
हर तरह स मोरे बिस्सासघाती रहेन।”
यहोवा कहत ह।
12 “ओ लोग यहोवा क बारे मँ झूठ कहेन ह।
उ पचे कहेन ह, ‘यहोवा हमार कछू नाहीं करी।
हम लोगन क कछू भी बुरा न होइ।
हम कउनो फउज क हमला अपने ऊपर नाहीं लखब।
हम कबहुँ भूखा नाहीं मरब।’
13 झूठे नबी मरे प्राण अहइँ।
परमेस्सर क सँदेसा ओनमाँ नाहीं उतरा अहइ।
विपत्तियन ओन पइ अइहीं।”
14 सर्वसवितमान परमेस्सर यहोवा इ सब कहेस,
“ओ लोग कहेन कि मइँ ओनका दण्ड नाहीं देब।
एह बरे यिर्मयाह, जउन सँदेसा मइँ तोहका देत रहत हउँ,
उ आगी जइसा होइ अउर उ सबइ लोग काठे जइसे होइहीं
अउ आगी सारी काठी क बार देइ।”
15 इस्राएल क रास्ट्र, यहोवा कहत ह,
“तोह पइ आक्रमण बरे मइँ एक रास्ट्र क बहोत दूर स हाली ही लिआउब।
इ एक ताकतवर रास्ट्र अहइ।
इ एक पुरानी रास्ट्र अहइ।
उ रास्ट्र क लोगन उ भासा बोलत हीं जेका तू नाहीं जानत्या।
तू नाहीं समुझ सकत्या कि उ पचे का कहत हीं?
16 ओनकर तरकस खुली कब्र अहइँ,
ओनकर सबहिं लोग वीर सैनिक अहइँ।
17 उ सबइ सैनिक तोहरे घरे लिआई फसल क खाइ जइहीं।
उ पचे तोहार सारा भोजन खाइ जइहीं।
उ पचे तोहार पूत-बिटियन क खाइ जइहीं (नस्ट कइ देइहीं)।
उ पचे तोहार रेवड़ अउर गोरू क खरका क चट कइ जइहीं।
उ पचे तोहार अंगूर अउर अंजीर क चार जइहीं।
उ पचे तोहार मजबूत सहरन क आपन तरवारन स नस्ट कइ डइही।
जउने सहरन पइ तोहार बिस्सास अहइ ओनका उ पचे नस्ट कइ देइही।”
18 इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “किन्तु कब उ सबइ भयानक दिन आवत हीं, यहूदा मइँ तोहका पूरी तरह नस्ट नाहीं करब। 19 यहूदा क लोग तोहसे पूछिहीं, ‘यिर्मयाह, हमार परमेस्सर यहोवा हमार अइसा बुरा काहे किहस?’ ओनका इ जवाब द्या, ‘यहूदा क लोगो तू पचे यहोवा क, अउर तू पचे ही आपन देस मँ बिदेसी देव मूरतियन क पूजा किहा ह। तू पचे उ सबइ काम किहा, एह बरे तू पचे अब उ देस मँ जउन तोहार नाहीं अहइ, बिदेसियन क सेवा करब्या।’”
20 यहोवा कहेस, “याकूब क परिवार मँ, इ सँदेसा क घोसणा करा।
इ सँदेसा क यहूदा रास्ट्र मँ सुनावा।
21 इ सँदेसा क सुना,
तू सबइ मूरख लोगो, तू पचन्क समुझ नाहीं अहइ:
तू पचे लोगन का आँखिन अहा, किन्तु तू पचे लखल्या नाहीं।
तू पचे लोगन क कान अहा, किन्तु तू पचे सुनत्या नाहीं।
22 का तू मोसे नाहीं डरत ह?”
यहोवा कहत ह, “मोरे समन्वा तू पचन्क डर स काँपइ चाही।
मइँ ही उ हउँ, जउन समुद्दर क तटन क मर्यादा बनाएउँ।
मइँ बालू क अइसी सीमा बनाएउँ जेका पानी तोड़ सकत ह।
लहरन तटे क कुचरि सकत ह,
मुला उ एका बर्बाद नाहीं करी।
चढ़त भइ लहरन गरज सकत हीं, मुला उ सबइ तटे क मर्यादा तोड़ नाहीं सकत।
23 मुला यहूदा क लोग हठी अहइँ।
उ सबइ हमेसा मोरे खिलाफ जाइ क जोजना बनावत हीं।
उ पचे मोहसे मुड़ा अहइँ अउर मोहसे दूर चला गवा अहइँ।
24 यहूदा क लोग कबहुँ आपन स नाहीं कहतेन,
‘हमका आपन परमेस्सर यहोवा स डेराइ अउ ओकर सम्मान करइ चाही।
उ हमका ठीक समइ पइ पतझड़ अउ बसन्त क बर्खा देत ह।
उ इ निहचित करत ह कि हम ठीक समइ पइ फसिल काटि सकी।’
25 यहूदा क लोगो, तू पचे अपराध किहा ह।
एह बरे इहाँ बर्खा अउर पकी भइ फसिल नाहीं अही।
तोहार पचन्क पापन तू पचन्क यहोवा क ओन नीक चीजन क भोग नाहीं करइ दिहस ह।
26 मोरे लोगन क बीच पापी लोग अहइँ।
उ सबइ पापी लोग पंछियन क फँसावइ बरे जाल बनावइवालन क तरह अहइँ।
उ पचे लोग आपन जाल बिछावत हीं,
मुला उ पचे पंछी क बदले मनइयन क फँसावत हीं।
27 एन मनइयन क घर झूठ स वइसेन भरा होत हीं,
जइसे चिरइयन स भरे पिंजरा होइँ।
ओनकर झूठ ओनका धनी अउ सक्तीसाली बनाएस ह।
28 जउने पापन क उ पचे किहन ह ओनही स उ पचे बड़के अउर मोट भएन ह।
जउने बुरे करमन क उ पचे करत हीं ओनकर कउनो अन्त नाहीं।
उ पचे अनाथ बच्चन क मामले क पच्छ मँ बहस नाहीं करिहीं,
उ पचे अनाथ क सहायता नाहीं करिहीं।
उ पचे गरीब लोगन क उचित निआव नाहीं पावइ देइहीं।
29 का मोका एन करमन क कारण यहूदा क दण्ड देइ चाहीं?”
यहोवा कहत ह,
“का मोका ओनका उ दण्ड देइ नाहीं चाही
जउन ओनका मिलइ चाही?”
30 यहोवा कहत ह, “यहूदा देस मँ एक खउफनाक अउर हिरदय दहलावइ वाला घटना घटति अहइ।
जउन भवा ह उ इ अहइ कि:
31 नबी झूठ बोलत हीं,
याजक अपने हाथे मँ सक्ति लेत हीं।
मोर लोग इहइ तरह खुस अहइँ।
किन्तु लोगो, तू पचे का करब्या जब सजा दीन्ह जाइ?”
झूठन उपदेसकन स सचेत रहा
4 पवित्तर आतिमा तउ स्पस्ट रूपे स कहत बाटइ कि आगे चलिके कछू लोग सच्चे बिसवास (उपदेस) पइ बिसवास न करिहीं अउर भटकावइवालन झूठन नबियन अउर दुस्ट आतिमन कि सिच्छा पर धियान देइ लगिहीं जउन झूठ बोलिहीं अउर धोखा देत रइहीं। 2 ओन झूठन पाखण्डी लोगन क कारण अइसे मनइयन होइहीं जे सच अउर झूठ क विवेक न कइ सकिहीं अउर इ जेनकइ मन माना तपत लोहे स दाग दीन्ह गवा होइ। 3 उ पचे बियाह क निसेध करिहीं। कछू चीज खाई क मना करिहीं जेका परमेस्सर क बिसवासियन अउर जउन सच क पहिचानत हीं, ओनके बरे धन्यबाद दइके ग्रहण कइ लेइके बनावा गवा बा। 4 काहेकि परमेस्सर क रची सब चीज अच्छी बा अउर कउनउ चीज तियागइ जोग्ग नाहीं बा बसर्ते ओका धन्यबाद क साथे ग्रहण कीन्ह जाइ। 5 काहेकि उ परमेस्सर क बचन अउर पराथना स पवित्तर होइ जात ह।
मसीह ईसू क अच्छा सेवक बनअ
6 अगर तू भाइयन क इन बातन धियान दियावत रहब्या तउ मसीह ईसू क अइसेन अच्छा सेवक ठहरब्या जेकर पालन-पोसण, बिसवासे क द्वारा अउर ओन्हीं सिच्छा क द्वारा होत ह जेका तू ग्रहण किहे अहा। 7 मनइयन क स्रद्धा विहीन कल्पित सबइ कथा स दूर रहा अउर परमेस्सर क सेवा क बरे अपने क साधना मँ लगाए रखा। 8 काहेकि सारीरिक साधना स तउ केवल तनिक ही लाभ होत ह जबकि परमेस्सर क सेवा सब कइँती स मूल्यवान बा काहेकि एहमाँ आज क समइ अउर आवइवाला जीवन क बरे दीन्ह गवा आसीर्वाद समावा बाटइ। 9 एइ कहावत पूर रूप स सच अहइ। अउर इ पूरी तरह ग्रहण करइ जोग्ग अहइ। 10 अउर हम सबहिं इही बरे कठिन मेहनत करत जूझत रहित ह। हम आपन आसा सबके विसेस कर बिसवासियन क, उद्धारकर्ता सजीव परमेस्सर पइ टिकाइ दीन्ह ह।
11 एनही बातन क हुकुम अउर उपदेस द्या। 12 तू अबहिं जवान अहा। इही स कउनउ तोहे निम्न न समझइ। बल्कि तू आपन बातचीत, चाल चलन, पिरेम-प्रकास, अपने बिसवास अउर पवित्तर जीवन स बिसवाससियन क बरे एक उदाहरण बनि जा।
13 जब तक मइँ आई तू पवित्तर सास्तरन क सार्वजनिक पाठ करा, उपदेस अउर सिच्छा देई मँ अपने आप क लगाए रखा। 14 तोहका जउन बरदान मिला बा, तू ओकर उपयोग कइके इ तोहे नबियन क भविस्सबाणी क परिणाम सरूप बुजुर्गन क द्वारा तोहपइ हाथ रखि दीन्ह गवा बा। 15 इन बातन क कारण पइ पूरा धियान लगाए रखा। एन्ही मँ स्थित रहा ताकि तोहार प्रगति सब लोगन क सामने परगट होइ।
16 अपने जीवन अउर उपदेस क विसेस धियान रखा। ओनही पर टिका रहा काहेकि ओन पइ चलइ अउर सही रूप स पालन करइ मँ विसेस बल दा। अइसेन आचरण करत रहे स तू खुद अपने आपइ क अउर अपने सुनइवालन क उद्धार करब्या।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.