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Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
यसायाह 65-66

परमेस्सर क बारे मँ सबहिं लोग जनिहीं

65 यहोवा कहत ह, “मइँ ओन लोगन क भी सहारा दिहेउँ ह जउन उपदेस ग्रहण करइ बरे कबहुँ मोरे लगे नाहीं आएन। जउन लोग मोका प्राप्त कइ लिहन, उ पचे मोरी खोज मँ नाहीं रहेन। मइँ एक अइसी जाति स बात किहेउँ जउन मोर नाउँ धारण नाहीं करत रही। मइँ कहे रहेउँ, ‘मइँ हिआँ हउँ। मइँ हिआँ हउँ।’

“जउन लोग मोहसे मुँह मोड़ गए रहेन, ओन लोगन क अपनावइ बरे मइँ तत्पर रहेउँ। मइँ इ बात क प्रतीच्छा करत रहेउँ कि उ सबइ लोग मोरे लगे लउटि आवइँ। किन्तु उ पचे जिन्नगी क एक अइसी राह पइ चलत रहेन जउन अच्छी नाहीं अहइ। उ पचे आपन मन क मुताबिक काम करत रहेन। उ सबइ लोग मोरे समन्वा रहत हीं अउर सदा मोका गुस्सैल करत रहत हीं। आपन बिसेस बागन मँ उ पचे लोग मिथ्या देवतन क बलियन क अर्पन करत हीं अउर अगरबत्ती बारत हीं। उ सबइ लोग कब्रन क बीच बइठत हीं अउर मरे भए लोगन स संदेस पावइ क प्रतीच्छा करत रहत हीं। हिआँ तलक कि उ पचे मुर्दन क बीच रहा करत हीं। उ पचे सुअर क माँस खात हीं। ओनकर पियालन मँ अपवित्तर वस्तुअन क सोरबा अहइ। किन्तु उ सबइ लोग दूसर लोगन स कहा करत हीं, ‘मोरे लगे जिन आवा, मोका उ समय तलक जिन छुआ, जब तलक मइँ तू पचन्क पवित्तर न कइ देउँ।’ मोर आँखिन मँ उ सबइ लोग धुएँ क जइसे अहइँ अउर ओनकर आगी हर समय बरा करत ह।”

इस्राएल क दण्डित होइ चाही

“लखा, इ एक हुण्डी अहइ जेका पुन: भुगतान जरूर करइ क होइ। इ हुण्डी बतावत ह कि तू आपन पापन बरे अपराधी अहा। मइँ उ समय तलक चुप नाहीं होबउँ जब तलक इ हुण्डी क भुगतान न कइ देउँ। अउर मइँ इ हुण्डी क भुगतान नेम क अनुसार करब। तोहार पचन्क पाप अउर तोहार पचन्क पुरखन एक ही जइसे अहइँ। तोहार पचन्क पुरखन जब पहाड़न मँ धूप अगरबत्तियन बारे रहेन, तबहि एन पापन क किहे रहेन। ओन पहाड़न पइ उ पचे मोका लज्जित किहे रहेन अउर सबसे पहिले मइँ ओनका दण्ड दिहेउँ। जउन दण्ड ओनका मिलइ चाही रहा, मइँ ओनका उहइ दण्ड दिहेउँ।” परमेस्सर इस्राएल क पूरी तरह नष्ट नाहीं करी

यहोवा कहत ह, “अंगूरन मँ जब नई दाखरस हुवा करत ह, तब लोग ओका निचोड़ लिया करत हीं, किन्तु उ पचे अंगूरन क पूरी तरह नस्ट तउ नाहीं कइ डउतेन। उ पचे एह बरे अइसा करत हीं कि अंगूरन क उपयोग तउ फिन भी किया जाइ सकत ह। आपन सेवकन क साथ मइँ अइसा ही करब। मइँ ओनका पूरी तरह नस्ट नाहीं करब: इस्राएल क कछू लोग क मइँ बचाए रखब। यहूदा क कछू लोग मोरे पर्वतन क प्राप्त करिहीं। मोरे सेवकन क हुवाँ निवास होइ। मोर चुने भए लोगन क धरती मिली। 10 फुन तउ सारोन क घाटी हमार भेड़ी-बोकरियन क चरागाह होइ तथा आकोर क तराई हमरे मवेसियन क आराम करइ क जगह बन जाइ। इ सबइ सब बातन मोरे लोगन क बरे होइहीं। ओन लोगन बरे जउ मोर खोज मँ अहइँ।

11 “किन्तु तू लोग, जउन यहोवा क तजि दिहेन ह, दण्डित कीन्ह जाब्या। तू अइसे लोग जउन मोरे पवित्तर पर्वत क बिसराइ दिहन ह। तू अइसे लोग अहा जउन भाग्य क मिथ्या देवता क पूजा करत अहा। तू पचे भाग्यरूपी लबार देवता क सहारे रहत अहा। 12 किन्तु तोहरे पचन्क भाग्य क निर्धारन तउ मइँ करत हउँ। मइँ तरवार स तोहका दण्ड देबउँ। जउन तू पचन्क दण्ड देइ। तू पचे सबहिं ओकरे अगवा मिमिआइ लगब्या। मइँ तू पचन्क गोहराएउँ किन्तु तू पचे कउनो जवाब नाहीं दिहा। मइँ तू पचन्स बातन किहेउँ किन्तु तू पचे सुन्या तलक नाहीं। तू पचे ओन कामन क ही करत रह्या जेनका मइँ बुरा कहे रहेउँ। तू पचे ओन कामन क करइ क ही ठान लिहा जउन मोका नीक नाहीं लागत रहेन।”

13 तउ मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
“मोर दास भोजन पइहीं,
    किन्तु तू पचे भूखा मरब्या।
मोर दास पीहीं किन्तु अरे दुस्टो,
    तू पचे पियासा मरब्या।
मोर दास खुस होइहीं किन्तु अरे ओ दुस्टो,
    तू पचे लज्जित होब्या।
14 मोरे दासन क मन खरे अहइँ एह बरे उ सबइ खुस होइहीं।
    किन्तु अरे ओ दुस्टो,
तू पचे रोया करब्या काहेकि तोहरे पचन्क मने मँ पीरा बसी।
    तू पचे आपन टूटे भए मन स बहोत दुःखी रहब्या।
15 तोहार पचन्क नाउँ मोरे लोगन क बरे गालियन क जइसे होइ जइहीं।”
    मोर सुआमी यहोवा तू पचन्क मारि डाइ
    अउर उ आपन दासन क एक नवे नाउँ स बोलाया करी।
16 जब लोग दूसर क आसीस देइ, उ पचे धरती क नाउँ लइ के आसीस देइ।
    किन्तु अगवा आवइवाले दिनन मँ उ पचे दूसर क बिस्सासी परमेस्सर क नाउँ लेइ के आसीस देइ।
अबहिं लोग धरती क सक्ति क भरोसे रहा करत हीं जब उ पचे कउनो बचन देत हीं।
    किन्तु भविस्स मँ, उ सबइ बिस्सासी परमेस्सर क भरोसे रहा करिहीं।
काहेकि पिछले दिनन क सबहिं विपत्तियन भुलाइ दीन्ह जइहीं।
    लोग फुन ओन पिछली विपत्तियन क याद नाहीं करिहीं।

एक नवा समय आवत अहइ

17 “लखा, मइँ एक नवे सरग अउर नई धरती क रचना करब।
लोग मोरे लोगन क पिछली बात याद नाहीं रखिहीं।
    ओनमाँ स कउनो बात याद मँ नाहीं रही।
18 मोर लोग दुःखी नाहीं रहिहीं।
    नाहीं, उ पचे आनन्द मँ रहिहीं अउर उ पचे सदा खुस रहिहीं।
मइँ जउन बातन रचब जउन आनन्द स परिपूर्ण होइ
    अउर मइँ ओनका एक प्रसन्न जाति बनाउब।

19 “फुन मइँ यरूसलेम स खुस रहब।
    मइँ आपन लोगन स खुस रहब।
तब उ नगरी मँ फुन कबहुँ विलाप
    अउर कउनो दुःख नाहीं होइ।
20 उ नगरी मँ कउनो बच्चा अइसा नाहीं होइ जउन पइदा होइके पाछे कछू दिन जिई।
    उ नगरी क कउनो भी मनई आपन छोटी उमर मँ नाहीं मरी।
हर पैदा भवा बच्चा लम्बी उमर जिई अउर उ नगरी क प्रत्येक बुढ़वा मनई एक लम्बे समय तलक जिअत रही।
    हुवाँ सौ साल क मनई भी जवान कहा जाइ।
    किन्तु कउनो भी अइसा मनई जउन सौ साल स पहिले मरी अभिसप्त कहा जाइ।

21 “लखा, उ नगरी मँ अगर कउनो मनई आपन घर बनाई तउ उ मनई आपन घरे मँ बसी।
    अगर कउनो मनई हुवाँ अंगूरे क बाग लगाई तउ उ आपन बाग क अंगूर खाई।
22 हुवाँ अइसा नाहीं होइ कि कउनो आपन घर बनावइ
    अउर कउनो दूसर निवास करइ।
अइसा भी नाहीं होइ कि बाग कउनो दूसर लगावइ अउर उ बाग क फल कउनो दूसर खाइ।
    मोर लोग एतना जीइहीं जेतना इ सबइ बृच्छ जिअत हीं।
अइसा मनई जेनका मइँ चुनेउँ ह,
    ओन सबहिं वस्तुअन क आनंद लेइहीं जेनका उ पचे बनाए अहइँ।
23 फुन लोग बियर्थ क परिस्रम नाहीं करिहीं।
    लोग अइसे ओन बच्चन क जन्म नाहीं देइहीं जेनके बरे उ पचे मने मँ डेरइहीं कि उ पचे कउनो अचानक बिपत्ति क सिकार न होइँ।
मोर सबहिं लोग यहोवा क आसीस पइहीं।
    मोर लोग अउर ओनकर संतानन आसीर्बाद पइहीं।
24 मोका ओन सबहिं वस्तुअन क पता होइ जाइ जेनकर जरूरत ओनका होइ, एहसे पहिले कि उ पचे ओनका मोसे माँगइँ।
    एहसे पहिले कि उ पचे मोहसे मदद क पराथना पूरी कइ पइहीं, मइँ ओनका मदद देब।
25 बिगवन अउर मेमनन एक संग चरत फिरिहीं।
    सिंह भी मवेसियन क जइसे ही भूसा खाइहीं
    अउर भुजंगन क भोजन बस माटी ही होइ।
मोरे पवित्तर पर्वत पइ कउनो केउ क भी नोस्कान नाहीं पहोंचाइ अउर न ही ओनका नस्ट करी।”
    इ यहोवा कहेस ह।

परमेस्सर सबहिं जातियन क निआव करी

66 यहोवा इ कहत ह, “अकास मोर सिंहासन अहइ।
धरती मोरे पाँव क चौकी बनी अहइ।
    तउ का तू इ सोचत अहा कि तू मोरे बरे भवन बनाइ सकत अहा?
नाहीं, तू नाहीं बनाइ सकत्या।
    का तू मोका बिस्राम क जगह दइ सकत ह नाहीं, तू नाहीं दइ सकत्या।
मइँ खुद ही सारी वस्तुअन रचेउँ ह।
    इ सबइ सारी वस्तुअन हिआँ टिकी अहइँ काहेकि ओनका मइँ बनाएउँ ह।”
यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा।
    “मोका बतावा कि मइँ कइसे लोगन क चिन्ता किया करत हउँ?
मोका दीन हीन लोगन क चिन्ता अहइ।
    इ सबइ ही उ सबइ लोग अहउँ जउन बहोत दुःखी रहत हीं।
अइसे ही लोगन क चिन्ता मइँ किया करत हउँ।
    जउन मोरे बचनन क पालन किया करत हीं।
मोका बलि क रूप मँ अर्पित करइ क कछू लोग बर्धा क बध किया करत हीं
    किन्तु उ सबइ लोगन स मारपीट भी करत हीं।
मोका अर्पित करइ क इ सबइ भेड़िन क मारत हीं
    किन्तु इ सबइ कुकुरन क गर्दन भी तोड़न हीं
अउर सुअरन क लहू इ सबइ मोह पइ चढ़ावत हीं।
    अइसे लोगन क धूप स बारइ क याद बनी रहा करत ह
किन्तु उ सबइ बियर्थ क आपन सबइ प्रतिमा स पिरेम करत हीं।
    अइसे इ सबइ लोग आपन मनचीती राहन पइ चला करत हीं,
मोरी राहन पइ नाहीं।
    उ पचे पूरी तरह स आपन घिनौने मूरति क पिरेम मँ बूड़ा अहइँ।
एह बरे मइँ इ निहचय किहेउँ ह कि मइँ ओनकर जूती ओनहीं क सिर करब।
    मोर इ मतलब अहइ कि मइँ ओनका दण्ड देब ओन वस्तुअन क काम मँ लिआवत भए जेनसे उ पचे बहोत डेरात हीं।
मइँ ओन लोगन क गोहराए रहेउँ किन्तु उ पचे नाहीं सुनेन।
    मइँ ओनसे बोले रहेउँ
किन्तु उ पचे सुनेन ही नाहीं।
    एह बरे अब मइँ भी ओनके संग अइसा ही करब।
उ सबइ लोग ओन सबहिं बुरे कामन क करत रहत हीं जेनका मइँ बुरा बताए रहेउँ।
    उ पचे अइसा काम करइ क चुनेन जउन मोका नाहीं भावत रहेन।”

हे लोगो, यहोवा क भय विम्हय मानइवालो
    अउर यहोवा क हुकुमन क अनुसरण करइवालो, ओन बातन क सुना।
यहोवा कहत ह, “तोहसे तोहार पचन्क भाइयन घिना किहेन
    काहेकि तू पचे मोरे पाछे चला करत रह्या, उ पचे तोहरे पचन्क विरूद्ध होइ गएन।
तोहार पचन्क बंधु कहा करत रहेन, ‘जब यहोवा सम्मानित होइ हम पचे तोहरे सबन्क पाछे होइ लेव।
    फुन तोहरे सबन्क साथ मँ हम भी खुस होइ जाब।’
    अइसे ओन लोगन क सजा दीन्ह जाइ।

दण्ड अउर नई नीति

“सुनन तउ, नगर अउर मन्दिर स एक ऊँच आवाज सुनाइ देत अहइ। यहोवा क जरिये आपन विरोधियन क, जउन दण्ड दीन्ह जात अहइ। उ आवाज उहइ क अहइ। यहोवा ओनका उहइ दण्ड देत अहइ जउन ओनका मिलइ चाही।

7-8 “अइसा तउ नाहीं भवा करत रहा कि प्रसव पीरा स पहिले ही कउनो मेहरारू बच्चा पइदा करत होइ। अइसा तउ कबहुँ नाहीं भवा कि कउनो मेहरारू कउनो पीरा क अनुभव करइ स पहिले ही आपन पूत क पइदा भवा लखे होइ। अइसा कबहुँ नाहीं भवा। इहइ प्रकार कउनो भी मनई एक दिन मँ कउनो नवा संसार आरम्भ होत भए नाहीं लखेस। कउनो भी मनई कउनो अइसी नई जाति क नाउँ कबहुँ नाहीं सुने होइ जउन एक ही दिन मँ सुरू होइ गई होइ। धरती क बच्चा जनई क दर्द जइसी पीरा निहचय ही पहिले सहइ क होइ। इ प्रसव पीरा क पाछे ही उ धरती आपन संतानन-एक नई जाति क जनम देइ। जब मइँ कउनो मेहरारू क बच्चा जनइ क पीरा देत हउँ तउ उ बच्चा क जनम दइ देत ह।”

तोहार पचन्क यहोवा कहत ह, “मइँ तू पचन्क बच्चा जनइ क पीरा मँ डाइके तोहार पचन्क गर्भद्वार बंद नाहीं कइ देत। मइँ तू पचन्क इहइ तरह एन विपत्तियन मँ बिना एक नई जाति प्रदान किए, नाहीं डाउब।”

10 हे यरूसलेम, खुस रहा।
    हे लोगो, यरूसलेम क प्रेमियो, तू पचे निहचय ही खुस रहा।
यरूसलेम क संग संग दुःख क बातन घटी रहिन एह बरे तू पचन्मँ स कछू लोग भी दुःखी अहइँ।
    किन्तु अब तू पचन्क चाही कि तू पचे बहोत बहोत खुस होइ जा।
11 काहेकि अब तू पचन्क दाया अइसी मिली
    जइसे छाती स दूध मिला जाया करत ह।
तू पचे यरूसलेम क वैभव क
    सच्चा आनंद पउब्या।

12 यहोवा कहत ह,
“लखा, मइँ तू पचन्क सान्ति देब।
    इ सान्ति तू पचन तलक अइसे पहोंची जइसे कउनो महानदी बहत भी पहुँच जात ह।
सब धरती क रास्ट्रन क धन-दौलत बहत भइ तू पचन्तलक पहोंच जाइ।
    इ धन-दौलत अइसे बहत भए आई जइसे कउनो बाढ़ क धारा।
तू पचे नान्ह बच्चन स होब्या, तू पचे ‘दूध’ पीब्या, तू पचन्क उठाइ लीन्ह जाइ अउर गोदी मँ थाम लीन्ह जाइ,
    तू पचन्क घुटनन पइ उछारा जाइ।
13 मइँ तू पचन्क दुलारब जइसे महतारी आपन बच्चा क दुलारत ह।
    अउर तू पचे यरूसलेम क भीतर चैन पउब्या!”

14 तू पचे उ वस्तुअन क लखब्या जेनमाँ तू पचन्क रस आवत ह
    तू पचे अजाद होइके घास क तरह बढ़ब्या।
यहोवा क सक्ति क ओकर लोग लखिही,
    किन्तु यहोवा क दुस्मन ओकर किरोध देखिहीं।
15 लखा, आगी क साथ यहोवा आवत अहइ।
    धूरि क बादलन क साथ यहोवा क फउजन आवति अहइँ।
यहोवा आपन किरोध स ओन मनइयन क सजा देइ।
    यहोवा जब कोहाइ जाइ तउ ओन मनइयन क दण्ड देइ बरे आगी क लपटन क प्रयोग करी।
16 यहोवा लोगन क निआत करी अउर फिन आगी अउर आपन तरवार स उ अपराधी लोगन क नस्ट कइ डाइ।
    यहोवा ओन बहोत स लोगन क नस्ट कइ देइ।
    उ आपन तरवार स ल्हास न क अम्बार लगा देइ।

17 यहोवा क कहब अहइ, “उ सबइ लोग जउन आपन बगीचन क पूजइ बरे स्नान कइके पवित्तर होत हीं अउर एक दूसर क पाछे परिक्रमा करत हीं, उ पचे जउन सुअर क गोस खात ही अउर मूस जइसे घिनौने जीव जन्तुअन क खात हीं, एन सबहिं लोगन क नास होइ।” यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा।

18 “बुरे बिचारन मँ पड़े भए उ सबइ लोग बुरे काम किया करत हीं। एह बरे ओनका सजा देइ क मइँ आवत हउँ। मइँ सबहिं जातियन अउर सबहिं लोगन क बटोरब। परस्पर एकट्ठा भए सबहिं लोग मोर सक्ति लखिहीं। 19 कछू लोगन पइ मइँ एक चीन्हा लगाइ देब, मइँ ओनकर रच्छा करब। एन रच्छा कीन्ह लोगन मँ स कछू लोगन क मइँ तर्सीस लिब्या अउर लूदी क लोगन क पास पठउब। (एन देसन क लोग धनुर्धारी हुआ करत हीं।) तुबाल, यूनान अउर सबहिं दूर देसन मँ मइँ ओनका पठउब। दूर देसन क ओन लोग मोर उपदेस कबहुँ नाहीं सुनेन। ओन लोग मोरी महिमा क दर्सन भी नाहीं किहेन ह। तउ उ सबइ बचाए गए लोग ओन जातियन क मोरी महिमा क बारे मँ बतइहीं। 20 उ पचे तोहार पचन्क सबहिं भाइयन अउर बहनन क सबहिं देसन स हिआँ लइ अइहीं। तोहार पचन्क भाइयन अउर बहनन क उ पचे मोर पवित्तर पर्वत पइ यरूसलेम मँ लइ अइहीं। तोहार पचन्क भाई बहिन हिआँ घोड़न, खच्चरन, ऊँटन, रथन अउर पालकियन मँ बइठिके अइहीं। तोहार पचन्क उ सबइ भाई बहिन उहइ प्रकार स उपहार क रूप मँ लिआवा जइहीं जइसे इस्राएल क लोग सुद्ध थालन मँ रखिके यहोवा क मन्दिर मँ उपहार लिआवत हीं। 21 एन लोगन मँ स कछू लोगन क याजकन अउर लेवियन क रूप मँ चुन लेब। इ सबइ बातन यहोवा बताए रहा।

नवा अकास अउर नई धरती

22 “मइँ एक नये संसार क रचना करब। इ सबइ नवे अकास अउर नई धरती सदा-सदा टिकी रहिहीं अउर उहइ प्रकार तोहार पचन्क नाउँ अउर तोहार पचन्क बंसजन भी सदा मोरे संग रहिहीं। 23 हर सबित क दिन अउर महीने क पहिले दिन उ सबइ सबहिं लोग मोर उपासना बरे आवा करिहीं।” इ सबइ बातन यहोवा बताए रहा।

24 “इ सबइ लोग मोर पवित्तर नगरी मँ होइहीं अउर कबहुँ उ पचे नगर स बाहेर जइहीं, तउ ओनका ओन लोगन क ल्हासन देखाई देइहीं जउन मोरे विरुद्ध पाप किहेन ह। ओन ल्हासन मँ किरवन पड़ा हुवा होइहीं अउर उ सबइ किरवन कबहुँ नाहीं मरिहीं। ओन देहन क आगी बारि डाई अउर उ आगी कबहुँ खतम नाहीं होइ।”

1 तीमुथियुस 2

स्त्री-पुरुसन बरे कछू नेम

सबसे पहिले मोर बिसेस रूपे स इ निवेदन बा कि सबके बरे आवेदन, पराथना, अनुरोध अउर सब मनइयन कहँती स धन्यबाद दिहा जाइ। सासकन अउर सभन अधिकरियन क धन्यबाद दिहा जाइ। ताकि हम चैन क साथे सांतिपूर्वक पूरे स्रद्धा अउर परमेस्सर बरे सम्मान स भरा जीवन जी सकी। इ हमार उद्धारकर्ता परमेस्सर क खुसी करईवाल अहइ। उ उत्तिम अहइ।

उ सभन मनइयन क उद्धार चाहत ह अउर सत्य का गियान चाहत ह। काहेकि परमेस्सर एक्कई बा। अउर मानुस अउर परमेस्सर क बीच मँ मध्यस्थता एक्कई बा। उ खुदइ एक मानुस अहइ ईसू मसीह। उ सबन क बरे खुद क फिरौती क रूप मँ दइ डाए अहइ। अउर परमेस्सर क सब लोगन क बचाबै क उदेस्स को व्यक्त किहे अहइ। अउर इ साच्छी क प्रचार करइ बरे मोका एक प्रचारक अउर प्रेरित रखा गवा (इ मइँ सचइ कहत हउँ, झूठ नाहीं) मोका गैर यहूदियन क बरे बिसवास अउर सत्य के उपदेसक के रूपे मँ ठहरावा गवा।

पुरुषन अउर स्त्रीयन क बरे बिसेस निर्देस

इन्ही बरे मोर इच्छा बा कि हर कहूँ सब मनइयन पवित्तर हाथन क उप्पर उठाइके परमेस्सर क बरे समर्पित होइ बिना कीहीउँ गुस्सा या मन-मोटाऊ पराथना करइँ।

इही तरह स्त्रियन स भी मइँ इ चाहित हउँ कि उ पचे सीधी-सादी वेस-भूसा मँ सालीनता अउर आतिम संयम क साथे रहइँ। अपने आपे क सजावइ सँवारइ क बरे उ बारे क बेणियन न सजावइँ अउर सोना, मोतियन अउर बहुमूल्य वस्त्रन स सृंगार न करइँ। 10 बल्कि अइसेन स्त्रियन क जउन अपने आप क परमेस्सर क उपासिका मानत हीं, ओनके बरे उचित इ बा कि वो खुदइ क उत्तिम कामे स सजावइँ।

11 एक स्त्री क चाही कि उ सांत भाव स सारे समर्पण क साथे सिच्छा ग्रहण करइ। 12 मइँ इ नाहीं चाहित कि कउनउ स्त्री कउनउ मनई क सिखावइ पढ़ावइ अउर ओह पर सासन करइ। मुला ओका तउ चुपचाप ही रहइ चाही। 13 काहेकि आदम क पहिले बनावा गवा बा अउर तब पाछे हव्वा क। 14 आदम क बहकावा नाहीं जाइ सका मुला स्त्री क बहकाइ लिहा गवा अउर उ पापे मँ पतित होइ गइ। 15 मुला अगर उ मँ जइसन क करतब क निभावत भए बिसवास, पिरेम, पवित्तर अउर परमेस्सर क बरे समर्पण मँ बनी रहइ तउ स्त्रियन क उद्धार तउ जरूर मिल जाई।

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