Old/New Testament
हिजकिय्याह क परमेस्सर स पराथना
37 हिजकिय्याह जब सेनापति क सँदेसा सुनेस तउ उ आपन ओढ़ना फाड़ि डाएस। फुन बिसेस सोक वस्त्र धारण कइके उ यहोवा क मंदिर मँ गवा।
2 हिजकिय्याह महल क सेवक एल्याकीम क राजा क सचिव सेब्ना क अउर याजकन क अग्रजन क आमोस क पूत यसायाह नवी क लगे पठएस। एन तीनउँ ही लोग बिसेस सोक-वस्त्र पहिरे भरे रहेन। 3 एन लोगन यसायाह स कहेन, “राजा हिजकिय्याह कहेस ह कि आजु क दिन सोक अउर दुःख क एक बिसेस दिन होइ। इ दिन एक अइसा दिन होइ जइसे जब एक बच्चा जन्म लेत ह। किन्तु बच्चा क जन्म देइवाली महतारी मँ जेतनी सक्ति होइ चाही ओहमाँ ओतनी ताकत नाहीं होत। 4 सम्भव अहइ तोहार परमेस्सर यहोवा, सेनापति क जरिये कही बातन क सुन लेइ। अस्सूर क राजा सेनापति क साक्षात परमेस्सर क बेज्जत करइ पठएस ह। होइ सकत ह तोहार परमेस्सर यहोवा ओन बुरी अपमान स भरी बातन क सुन लिहस ह अउर उ ओनका एकर सजा देइ। कृपा कइके इस्राएल क ओन थोड़े स लोगन बरे पराथना करा जउन बचे भए अहइ।”
5-6 हिजकिय्याह क सेवक यसायाह क लगे गएन। यसायाह ओनसे कहेस, “अपने मालिक क इ बताइ द्या: ‘यहोवा कहत ह तू पचे सेनापति स जउन सुन्या ह, ओन बातन स जिन डेराअ। अस्सूर क राजा क लरिकन मोर अपमान करइ बरे जउन बातन कहेन ह, ओन बातन स जिन डेराअ। 7 लखा अस्सूर क राजा क मइँ एक अफवाह सुनवाउब। अस्सूर क राजा क एक अइसी रपट मिली जउन ओकरे देस पइ आवइ वाले खतरा क बारे मँ होइ। एहसे उ अपने देस वापस लउटि जाइ। उ समय मइँ ओका, ओकरे आपन ही देस मँ तरवार स मउत क घाट उतार देब।’”
अस्सूर क सेना क यरूसलेम क तजब
8-9 अस्सूर क राजा क एक खबर मिली, सूचना मँ कहा ग रहा, “इथोपिया क राजा तिर्हाका जुद्ध करइ आवति अहइ।” तउ अस्सूर क राजा लाकीस क तजिके लिबना चला गवा। सेनापति इ सुनेस अउर लिबना नगर क चला गवा जहाँ अस्सूर क राजा जुद्ध करत रहा। फुन अस्सूर क राजा हिजकिय्याह क लगे दूत पठएस। राजा ओन दूतन स कहेस, 10 “यहूदा क राजा हिजकिय्याह स तू पचे इ बातन कहया:
‘जउने देवता पइ तोहार बिस्सास अहइ, ओहसे तू पचे मूरख जिन बना। अइसा जिन कहा कि “अस्सूर क राजा परमेस्सर यरूसलेम क पराजित नाहीं होइ देइ।” 11 लखा, तू पचे अस्सूर क राजा लोगन क बारे मँ सुन ही चुका अहा। उ पचे हर कउनो देस मँ लोगन क संग का कछू किहेन ह। ओनका उ पचे बुरी तरह हराएन ह। का तू पचे ओनसे बचि पउब्या? नाहीं, कदापि नाहीं। 12 का ओन लोगन क देवतन ओनकर रच्छा किहे रहेन? नाहीं। मोर पुरखन ओनका नस्ट कइ दिहन। मोर लोग गोजान, हारान अउ रेसेप क नगरन क बुरी तरह हराइ दिहे रहेन अउर उ पचे एदेन क लोग जउन तलस्सार मँ रहा करत रहेन, ओनका भी हराइ दिहे रहेन। 13 हमात अउर अर्पाद क राजा कहाँ गएन। सपरवैम क राजा आज कहाँ अहइ? हेना अउर इव्वा क राजा अब कहाँ अहइँ? ओनकर अन्त कइ दीन्ह गवा। उ पचे सबहिं बर्बाद कइ दीन्ह गएन।’”
हिजकिय्याह क परमेस्सर स पराथना
14 हिजकिय्याह ओन लोगन स उ सँदेसा लइ लिहस अउर ओका बाँचेस। फुन हिजकिय्याह यहोवा क मंदिर मँ चला गवा। हिजकिय्याह उ सँदेसा क खोलेस अउर यहोवा क समन्वा रख दिहस। 15 फुन हिजकिय्याह यहोवा स पराथना करइ लाग। हिजकिय्याह बोला: 16 “इस्राएल क परमेस्सर सर्वसक्तीमान यहोवा, तू राजा क समान करूब सरगदूतन पइ बिराजत अहा। तू अउर बस तू ही परमेस्सर अहा, जेकर धरती क सबहिं राज्जन पर सासन अहइ। तू सरगन अउर धरती क रचना किहा ह। 17 मोर सुना। आपन आँखिन खोला अउर लखा, कान लगाइके सुना इ सँदेसा क सब्दन क, जेका सन्हेरीब मोका पठएस ह। एहमाँ तू साक्षात परमेस्सर क बारे मँ अपमान स भरी बुरी बुरी बातन कहया ह। 18 हे यहोवा, अस्सूर क राजा लोग असल मँ सबहिं देसन अउर हुवाँ क धरती क तबाह कइ दिहेस ह। 19 अस्सूर क राजा लोग ओन देसन क देवतन क बारि डाएन ह किन्तु उ पचे सच्चे देवतन नाहीं रहेन। उ पचे तउ सिरिफ अइसे मूरतियन रहेन जेनका लोग बनाए रहेन। उ सबइ तउ कोरी काठ रहेन, कोरे पाथर रहेन। एह बरे उ पचे खतम होइ गएन। उ सबइ बर्बाद होइ गएन। 20 तउ अब हे हमार परमेस्सर यहोवा। अब कृपा कइके अस्सूर क राजा क सक्ति स हमार रच्छा करा। ताकि धरती क सबहिं राज्जन क पता चलि जाइ कि तू यहोवा अहा अउर तू ही हमार एकमात्र परमेस्सर अहा।”
हिजकिय्याह क परमेस्सर क उत्तर
21 फुन आमोस क पूत यसायाह हिजकिय्याह क लगे इ सँदेसा पठएस, “इ उ अहइ जेका इस्राएल क परमेस्सर यहोवा कहेस ह, ‘अस्सूर क राजा सन्हेरीब क बारे मँ तू मोका पराथना किहेस ह।’
22 “तउ मोका जउन सन्हेरीब विरोध मँ कहेस,
‘उ इ अहइ: सिय्योन क कुवाँरी पुत्री तोहका तुच्छ जानत ह।
उ तोहार हँसी उड़ावत ह।
यरूसलेम क पुत्री
तोहार हँसी उड़ावत ह।
23 तू मोरे बरे विरोध मँ बुरी बातन कह्या।
तू बोलत रह्या।
तू आपन आवाज मोरे विरोध मँ उठाए रह्या।
तू मोका इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर क अभिमान भी आँखिन स घूरे रह्या।
24 मोर सुआमी यहोवा क बारे मँ तू बुरी बातन कहलवावइ बरे तू आपन सेवकन क प्रयोग किहा।
तू कह्या
“मइँ बहोत सक्तिसाली हउँ!
मोरे लगे बहोत स रथ अहइँ।
मइँ आपन सक्ति स लबानोन क हराया
जब मइँ आपन रथन क लबानोन क महान पर्वत क ऊँच सिखरन क ऊपर लइ आएउँ।
मइँ लबानोन क सबहिं महान बृच्छ काट डाएउँ।
मइँ उच्चतम सिखर स लइके गहिर
जंगलन तलक प्रवेस कइ चुका हउँ।
25 मइँ बिदेसी धरती पइ कुअँन खनेउँ अउर पानी पिएउँ।
मइँ मिस्र क नदियन सुखाइ दिहेउँ
अउर उ देस पइ चलिके गएउँ ह।”
26 ‘इ सबइ उ जउन तू कह्या।
का तू इ नाहीं सुन्या कि परमेस्सर का कहेस?
मइँ (परमेस्सर) बहोत बहोत पहिले ही इ जोजना बनाइ लिहेउँ रहे।
बहोत बहोत पहिले ही मइँ एका तइयार कइ लिहे रहेउँ अब एका मइँ घटित किहेउँ ह।
मइँ ही तू पचन्क ओन नगरन क नस्ट करइ दिहेउँ
अउर मइँ ही तू पचन्क ओन नगरन क पाथरन क देर मँ बदलइ दिहेउँ।
27 ओन नगरन क निवासी कमजोर रहेन।
उ सबइ लोग भयभीत अउर लज्जित रहेन।
उ पचे खेते क पउधन जइसे रहेन,
उ पचे नई घास क जइसे रहेन।
उ पचे उ घासे क नाई रहेन जउन मकानन क छतन पइ जमा करत हीं।
उ घास लम्बी होइ स पहिले ही रेगिस्तान क गरम हवा झुलसाइ दीन्ह जात ह।
28 तोहार सेना अउ तोहरे जुद्ध क बारे मँ मइँ सब कछू जानत हउँ।
मोका पता अहइ जब तू विस्राम किहे रह्या।
जब तू जुद्ध बरे गवा रह्या, मोका तब क भी पता अहइ।
तू जुद्ध स घरे कब लउट्या, मइँ इ भी जानत हउँ।
मोका एकर भी गियान अहइ कि तू मोह पइ कोहान अहा।
29 तू मोहसे खुस नाहीं अहा अउर
मइँ तोहार अहंकार स भरा अपमान क सुना ह।
तउ मइँ तोहका सजा देब।
मइँ तोहरे नाके मँ नकेल डाउब।
मइँ तोहरे मुँहे पइ लगाम लगाउब अउर तब मइँ तोहका मजबूर करब
कि तू जउने राहे स आया रह्या, उहइ राहे स मोरे देस क तजिके वापिस चला जा।’”
हिजकिय्याह बरे यहोवा क संदेस
30 एह पइ यहोवा हिजकिय्याह स कहेस, “हिजकिय्याह, तू इ देखावइ बरे कि इ सबइ सब्द सच्चा अहइँ, मइँ तोहका एक संकेत देब। इ बरिस तू खाइ बरे कउनो अनाज नाहीं बोया। तउ इ बरिस तू पिछले बरिस क फसल स यूँ ही जम आए अनाजे क खाब्या। अगले बरिस भी अइसा ही होगा किन्तु तीसरे बरिस तू उ अनाजे क खाब्या जेका तू जमाए होब्या। तू आपन फसलन क कटब्या। तोहरे लगे खाइ क भरपूर होइ। तू अंगूरे क बेलन रोपब्या अउर ओनकर फल खाब्या।
31 “यहूदा क परिवार क कछू लोग बच जइहीं। उ पचे ही लोग बढ़त भए एक बड़की जाति क रूप लइ लेइहीं। उ पचे लोग ओन बृच्छन क नाई होइहीं जेनकर जड़न धरती मँ बहोत गहिर जात हीं अउर जउन बहोत तगड़े होइ जात हीं अउर बहोत स फल देत हीं। 32 यरूसलेम म कछू ही लोग जिअत बचिके बाहेर जाइ पइहीं। सिय्योन पर्वते स बचे भए लोगन क एक समूह ही बाहेर जाइ पाइ।” सर्वसक्तिमान यहोवा क सुदृढ़ पिरेम ही अइसा करी।
33 तउ यहोवा अस्सूर क राजा क बारे मँ इ कहेस:
“उ इ नगर मँ नाहीं आइ।
उ इ नगर पइ एक भी बाण नाहीं छोड़ी!
उ आपन दालन क मुँह इ नगर कइँती नाहीं करी।
उ इ नगर पइ हमला करइ क बरे माटी क टीला खड़ा नाहीं करी।
34 उहइ राहे स जेहसे उ आवा रहा, उ वापस आपन नगर क लउटि जाइ।
इ नगर मँ उ प्रवेस नाहीं करी।
इ सँदेसा यहोवा कइँती स अहइ।
35 यहोवा कहत ह, मइँ बचाउब अउर इ नगर क रच्छा करब।
मइँ अइसा खुद आपन बरे अउर आपन सेवक दाऊद बरे करब।”
अस्सूर क फउजी
36 तउ यहोवा क सरगदूत अस्सूर क सिबिर मँ जाइके एक लाख पचासी हजार फउजी मनइयन क मार डाएस। अगली सुबह जब लोग उठेन, तउ उ पचे लखेन कि ओनके चारिहुँ कइँती मरे भए फउजियन क ल्हासन बिखरी अहइँ। 37 एह पइ अस्सूर क राजा सन्हेरीब वापस लउटिके आपन घरे नीनवे चला गवा अउर हुँवइ रहइ लाग।
38 एक दिन, जब सन्हेरीब आपन देवता निस्रोक क मंदिर मँ ओकर पूजा करत रहा, उहइ समय ओकर पूत अद्रम्मेलेक अउर सरेसेर तरवार स ओकर कतल कइ दिहस अउर फुन उ पचे असरात क भुइँया मँ पराइ गएन। एह बरे सन्हेरीब क पूत एसर्हद्देन (अस्सूर क) नवा राजा बन गवा।
हिजकिय्याह क बीमारी
38 उ समय क आसपास हिजकिय्याह बहोत बीमार पड़ा। ऍतना बीमार कि जइसे उ मरि ही गवा होइ। तउ आमोस क पूत यसायाह ओहसे मिलइ गवा। यसायाह राजा स कहेस, “यहोवा तू पचन्क इ सबइ बातन बतावइ बरे कहेस ह: ‘हाली ही तू मरि जाब्या। तउ जब तू मरा, तोहार परिवार का करइँ, इ तोहका ओनका बताइ देइ चाही। अब तू फुन कबहुँ नीक नाहीं होब्या।’”
2 हिजकिय्याह उ देवार क नाई करवट लिहस जेकर मुँह मन्दिर कइँती रहा। उ यहोवा क पराथना किहस, उ कहेस, 3 “हे यहोवा, कृपा करा, याद करा कि मइँ सदा तोहरे समन्वा बिस्सास स भरी अउर सच्चे हिरदय क संग जिन्नगी जिएउँ ह। मइँ उ सबइ बातन किहेउँ ह जेनक तू उत्तिम कहत ह।” एकरे पाछे हिजकिय्याह ऊँच सुर मँ रोउब सुरू कइ दिहस।
4 यसायाह क यहोवा स इ संदेस मिला: 5 “हिजकिय्याह क लगे जा अउर ओहसे कहि द्या: इ सबइ बातन उ सबइ अहइँ जेनका तोहार बाप दाऊद क परमेस्सर यहोवा कहत ह, ‘मइँ तोहार पराथना सुनेउँ ह अउर तोहार दुःख भरे आँसू लखेउँ ह। तोहरी जिन्नगी मँ मइँ पन्द्रह बरिस अउर जोड़त हउँ। 6 अस्सूर क राजा क हाथन स मइँ तोहका छोड़ाइ डाउब अउर इ नगर क रच्छा करब।’”
7 तोहका इ बात बतावइ बरे जउन बातन क उ कहत ह, ओनका उ पूरा करी। यहोवा कइँती इ संकेत अहइ: 8 “लखा, आहाज क धूप घड़ी क उ छाया जउन अंसन पइ पड़त ह, मइँ ओका दस अंस पाछे हटाइ देब। सूरज क उ छाया दस अंस तलक पाछे चली जाइ।”
हिजकिय्याह क गीत
9 इ हिजकिय्याह क उ पत्र अहइ जउन उ बेरामी स नीक होइ क पाछे लिखे रहा:
10 मइँ आपन मन मँ कहेउँ कि मइँ तब तलक जिअब जब तलक बूढ़ा होबउँ।
किन्तु मोर काल आइ गवा रहा कि मइँ मउत क दुआरे स गुजरउँ।
अब मइँ आपन समय हिऊँइ पइ बिताउबउँ।
11 एह बरे मइँ कहेउँ, “मइँ यहोवा याह क फुन कबहुँ जिअतन क धरती पइ नाहीं लखब।
धरती पइ जिअत भए लोगन क मइँ नाहीं लखब।
12 मोर घर, चरवाहे क अस्थिर तम्बू सा उखाड़िके गिरावा जात अहइ अउर मोहसे छीना जात अहइ।
अब मोर वइसा ही अन्त होइ गवा ह जइसे करघे स कपड़ा लपेटि के काट लीन्ह जात ह।
क्षिनभर मँ तू मोहका इ अंत तलक पहोंचाइ दिहा।
13 मइँ भोर तलक आपन क सान्त करत रहेउँ।
उ सेर क नाई मोर हाड़न क तोरत अहइ।
एक ही दिन मँ तू मोर अन्त कइ डावत ह।
14 मइँ कबूतर स रोवत रहेउँ।
मइँ एक पंछी जइसा रोवत रहेउँ।
मोर आँखिन थक गइन
तउ भी मइँ लगातार अकासे कइँती निहारत रहेउँ।
मोर सुआमी, मइँ विपत्ति मँ हउँ
मोका उबारइ क बचन द्या।”
15 मइँ अउर का कहि सकत हउँ?
मोर सुआमी मोका बताएस ह जउन कछू भी होइ,
अउर मोर सुआमी ही उ घटना क घटित करी।
मइँ एन बिपत्तियन क आपन आतिमाँ मँ झेलेउँ ह
एह बरे मइँ जिन्नगी भइ विनम्र रहब।
16 हे मोर सुआमी, इ कस्ट क समय क उपयोग फुन स मोर चेतना क ससक्त बनावइ मँ करा।
मोरे मने क ससक्त अउर स्वस्थ होइ मँ मोर मदद करा।
मोका सहारा द्या कि मइँ नीक होइ जाउँ।
मोर मदद करा कि मइँ फुन स जी उठउँ।
17 लखा! मोर बिपत्तियन खतम भईन!
अब मोरे लगे सान्ति अहइ।
तू मोहसे बहोत जियादा पिरेम करत ह।
तू मोका कब्र मँ सड़इ नाहीं दिहा।
तू मोर सब पाप छिमा किहा।
तू मोर सब पाप दूर लोकाइ दिहा।
18 तोहार स्तुति मरे मनई नाहीं गावतेन।
मउत क देस मँ पड़े लोग तोहार यसगीत नाहीं गावतेन।
उ पचे मरे भए मनई जउन कब्र मँ समावा अहइँ,
मदद पावइ क तोह पइ भरोसा नाहीं रखतेन।
19 उ सबइ लोग जउन जिअत अहइँ जइसा आजु मइँ हउँ तोहार जस गावत हीं।
एक बाप क आपन सन्तानन क बतावइ चाही
कि तोह पइ भरोसा कीन्ह जाइ सकत ह।
20 एह बरे मइँ कहत हउँ: “यहोवा मोका बचाएस ह
तउ हम आपन जिन्नगी भइ यहोवा क मन्दिर मँ गीत गाउब अउर बाजा बजाउब।”
21 फुन एह पइ यसायाह कहेस, “अंजीरन क आपुस मँ मसलवाइके ओकरे फोड़न पइ बाँधा। एहसे उ नीक होइ जाइ।”
22 किन्तु हिजकिय्याह यसायाह स पूछेस, “यहोवा कइँती स अइसा कउन सा संकेत अहइ जउन साबित करत ह कि मइँ नीक होइ जाब? कउन सा संकेत अहइ जउन प्रमाणित करत ह कि मइँ यहोवा क मंदिर मँ जाइ क जोग्य होइ जाब?”
मसीह मँ नवाजीवन
3 काहेकि अगर तोहे मसीह क साथे मरा हुआ मँ स जियाइके उठावा गवा अहइ तउ ओन्हन चीजन क बरे कोसिस करत रहा जउन सरगे मँ हयेन जहाँ परमेस्सर क दहिनी कइँती मसीह विराजत ह। 2 सरगे क चीजन क सम्बन्ध मँ सोचत रहा। संसारी चीजन क सम्बन्ध मँ न सोचा। 3 काहेकि तू लोगन क पूराना पापी जीव मरि चुका बा अउर तोहर नवा जीवन मसीह क साथे साथे परमेस्सर मँ छिपा बा। 4 जब मसीह, जउन हमार जीवन अहइ, फिन स परगट होई तउ तूहउ ओनके साथे ओनके महिमा मँ परगट होब्या।
5 इही बरे तोहमे जउन कछू संसारी बा, ओकर अन्त कइ द्या यौन अनाचार, अपवित्तरता, वासना, बुरी इच्छा अउर लालच जउन मूर्ति पूजा क ही एक्कई रूप अहइ, 6 एनहीन बातन क कारण परमेस्सर क गुस्सा[a] परगट होई जात बा। 7 एक समइ रहा जब तूहउ अइसेन करम करत इही तरह क जीवन जिया करत रह्या।
8 परन्तु अब तोहे इन सब बातन क साथे साथे गुस्सा झुँझलाहट, सत्रुता, निन्दा भाऊ, अउर अपसब्द बोलइ स छुटकारा पाइ लेइ चाही। 9 आपस मँ झूठ न बोला काहेकि तू अपने पुरानी पापी-जीव, अउर उ तरह जीवन जउन ओकरे साथ जाता ह ओनके उतार फेंके अहा। 10 अउर नवा जीवन क धारण कइ लिहे अहा। हमेसा नवा होत जात बा जउन अपने रचइता क सरूप मँ स्थित होइके परमेस्सर क सत्य गियान क निमित्त। 11 परिणाम सरूप उहाँ यहूदी अउर गैर यहूदी मँ कउनउ अन्तर नाहीं रहि गवा बा, न कीहीउ खतना युक्त अउर खतना रहित मँ, न केउ सुसभ्य अउर बर्बर मँ, न दास अउर एक स्वतन्त्र मनई मँ कउनउ अन्तर बा। मसीह सर्वेसर्वा अहइ अउर सब बिसवासियन मँ उही क निवास बाटई।
एक-दुसरन क साथे तोहार नवा जीवन
12 काहेकि तू परमेस्सर क चुना भवा पवित्तर अउर प्रिय जने अहा इही बरे सहानुभूति, दया नम्रता, कोमलता अउर धीरज क धारण करा। 13 तोहे आपस मँ जब कभउँ कीहीउ स कउनउ कस्ट होइ तउ एक दुसरे स सहि ल्या अउर परस्पर एक दुसरे क मुक्त भाऊ स छमा कई द्या। यदि केउ ने तोहरे साथ गलत किया अहइ तोहे आपस मँ एक दुसरे क अइसेन ही छमा कई देइ चाही जइसेन परमेस्सर तोहे मुक्त भाउन स छमा कई दिहेस। 14 इन बातन क अलावा सबसे महत्वपूर्ण अहइ कि तू पिरेम क धारण करा। पिरेम इ सबके आपस मँ बाँधत अउर पूरा करत ह। 15 तोहरे मने पर मसीह स मिलइवाली सान्ति क सासन होई। इही बरे तोहे उही एक्क देहए[b] मँ बोलावा गवा ह। हमेसा धन्यबाद करत रहा।
16 अपने सम्पन्नता क साथे मसीह क संदेसा तोहमें वास करइ। ग्यान स एक दूसरे क सिच्छा अउर चेतावनी द्या। भजन, स्तुतियन अउर आतमिक गीतन क गावत भए अपने हिरदय मँ परमेस्सर का धन्यबाद द्या। परमेस्स क मन-मने धन्यबाद देत इहइ गावत रहा। 17 अउर तू जउन कछू भी करा या सब कहा, उ सब पर्भू ईसू क नाउँ प करा। उही क द्वारा तू हर समइ परमपिता परमेस्सर क धन्यबाद देत रहा।
नवा जीवन क नियन
18 हे पत्नियन, अपने पतियन क बरे तरह स समपर्ति रहा जइसे पर्भू क अनुयायियन क इ सोभा देत ह।
19 हे पतियन, अपने पत्नियन स पिरेम करा, ओनके बरे कठोर न बना।
20 बचवन सब बातन मँ अपने माता-पिता क आज्ञा क पालन करा। काहेकि पर्भू क अनुयायिन क एह व्यवहारे स परमेस्सर खुश होत ह।
21 हे बाप, अपने बचवन क हतोउत्साह स न भरा। कहूँ अइसेन न होइ कि उ जतन करबई छोड़ देइ।
22 हे सेवकन, अपने संसारी स्वामियन क सब बातन क पालन करा। केवल लोगन क खुस भर करइ क बरे ऊही समइ नाहीं जब उ देखत रहइ, बल्कि सच्चे मने स ओनका माना। काहेकि तू पर्भू क आदर करत ह। 23 तू जउन कछू कर अपने पूरे मने स करा। माना कि जउन करा इ मान करा तू ओका लोगन क बरे नाहीं बल्कि पर्भू क बरे करत अहा। 24 याद रखा कि तोहे पर्भू स उत्ताधिकार क फल-मिलइ। अपने स्वामी मसीह क सेवा करत रहा। 25 काहेकि जे बुरा करम करइ, ओका ओकर फल मिलइ अउर उहाँ कउनउ पच्छापात नाहीं बा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.