Old/New Testament
उत्तर इस्राएल क चितउनी
28 सोमरोन क लखा।
एप्रैम क मदमस्त लोग उ नगर पइ गर्व करत हीं।
उ नगर पहाड़ी पइ बसा ह जेकरे चारिहुँ कइँती एक संपन्न घाटी अहइ।
सोमरोन क वासी इ सोचा करत हीं कि ओनकर सहर फूलन मुकुट जइसा अहइ।
किन्तु उ पचे दाखरस स धुत्त अहइँ
अउर इ “सुन्नर मुकुट” मुरझाए पौधा स अहइ।
2 लखा, मोर सुआमी एक मनई क चुनेस ह जउन मज़बूत अउर वीर अहइ।
उ व्यक्ति इ देस मँ इ तरह आइ जइसे ओलन अउ बर्खा क तूफ़ान आवत ह।
उ देस मँ इ तरह आइ जइसे बाढ़ आवा करत ह।
उ समारिया क धरती पइ फेंकी।
3 नसे मँ धुत्त एप्रैम क लोग आपन “सुन्नर मुकुट” पइ गर्व करत हीं
किन्तु उ नगरी गोड़े तले रौंदी जाइ।
4 उ नगर पहाड़ी पइ बसा अहइ जेकरे चारिहुँ कइँती एक सम्पन्न घाटी अहइ।
किन्तु उ “फूलन क सुन्नर मकुट” बस एक मुरझात भवा पौंधा अहइ।
उ नगर गर्मी मँ अंजीर क पहिले फले क समान होई।
जब कउनो उ पहली अंजीर क लखत ह तउ हाली स तोड़के ओका चट कइ जात ह।
5 उ समय, सर्वसक्तीमान यहोवा, “सुन्नर मकुट” बनी। उ ओन बचे भए आपन लोगन बरे “फूलन क सानदार मकुट” होइ। 6 फुन यहोवा ओन निआव क अर्धासन क बुद्धि प्रदान करी जउन ओकर आपन लोगन क सासन करत हीं। नगर दुआरन पइ जुद्धन मँ लोगन यहोवा सक्ति देइ। 7 किन्तु अबहिं उ सबइ मुखिया लोग मदमस्त अहइँ। याजक अउ नबी सबहिं दाखरस अउर सुरा स धुत्त अहइँ। उ सबइ लड़खड़ात अहइँ अउर खाले भहराइ पड़त अहइँ। नबी जब आपन सपनन लखत हीं। निआव क अधीस जब निआव करत हीं तउ उ पचे नसे मँ बूड़े भए होत हीं। 8 हर खाइ क मेज उल्टी स भरी भइ अहइ। कहूँ भी कउनो स्वच्छ ठउर नाहीं रहा अहइ।
परमेस्सर आपन लोगन क सहायता करइ चाहत ह
9 उ पचे कहा करत हीं, इ मनई कउन अहइ? इ केका सिच्छा देइ क कोसिस करत अहइ? उ आपन सँदेसा केका समुझावत अहा? का ओन बच्चन क जेनकर अबहिं-अबहिं दूध छोड़ॅवा गवा अहइ? का ओन बच्चन क जेनका अबहिं अबहिं आपन महतारियन क छाती स दूर कीन्ह गवा ह 10 एह बरे यहोवा ओनसे इ तरह बोलत ह जइसे उ पचे दुधमुहाँ बच्चन होइँ।
“सौ लासौ सौ लासौ
काव लाकाव काव लाकाव
ज़ेइर साम ज़ेइर साम।”[a]
11 फिन यहोवा ओन लोगन स बात करी ओकर होंठ कॉपत भए होइहीं अउर उ ओन लोगन स बातन करइ मँ दूसर विचित्र भाखा प्रयोग करी।
12 यहोवा पहिले ओन लोगन स कहे रहा, “हिआँ विस्राम क एक ठउर अहइ। थके माँदे लोगन क हिआँ आवइ द्या अउर विस्राम पावइ द्या। इ सान्ति क ठउर अहइ।”
किन्तु लोग परमेस्सर क सुनइ नाहीं चाहेन। 13 तउ परमेस्सर क बचन कउनो विचित्र भासा क जइसे होइ जइहीं।
“सौ लासौ सौ लासौ
काव लाकाव काव लाकाव
ज़ेइर साम ज़ेइर साम।”
तउ लोग जब चलिहीं तउ पाछे कइँती लुढ़क जइहीं अउर जख्मी होइहीं। लोगन क फँसाइ लीन्ह जाइ अउर उ पचे धरा जइहीं।
परमेस्सर क निआव स कउनो नाहीं बच सकत
14 हे, यरूसलेम क आग्या क नाहीं मानइवाले अभिमानी मुखिया लोगो, तू यहोवा क सँदेसा सुना। 15 तू लोग कहत अहा, “हम मउत क संग एक वाचा कीन्ह ह। सेओल (मौत क पहँटा) क संग हमार एक अनुबंध अहइ। एह बरे हम दण्डित नाहीं होब। दण्ड हम पचन्क नोस्कान पहोंचाए बगैर हमरे पास स निकरि जाइ। आपन चालाकियन अउर आपन झूठन क पाछे हम पचे लुकाइ जाबइ।”
16 एन बातन क कारण मोर सुआमी यहोवा कहत ह: “मइँ एक पाथर एक ठु कोने क पाथर सिय्योन मँ धरती पइ गड़ब। इ एक अत्यन्त मूल्यवान पत्थर होइ। इ बहोत महत्वपूर्ण पाथर पई ही हर कउनो वस्तु क निर्माण होइ। जेहमाँ बिस्सास होइ, उ कबहुँ घबराई नाहीं।
17 “लोग देवारे क सोझ लखइ बरे जइसे सूत डाइके लखत हीं, वइसे ही मइँ जउन उचित अहइ ओकरे बरे निआव अउर खरेपन क प्रयोग करब। तू दुट्ठ लोग आपन झूठ अउर चालाकियन बरे आपन क छुपावइ क जतन करत अहा, किन्तु तोहका दण्ड दीन्ह जाइ। उ दण्ड अइसा ही होइ जइसे तोहरे सबन्क छुपावइ क ठउरन क नस्ट करइ बरे कउनो तूफान या कउनो बाढ़ आवत होइ। 18 मउत क साथे तोहरे वाचा क मेट दीन्ह जाइ। अधोलोक क संग भई तोहार संधि भी तोहार मदद नाहीं करी।
“जब खउफनाक सजा तोहे सबन पइ पड़ी तू पचे कुचरा जाब्या। 19 उ हर दाई जब आई तू पचन्क हुवाँ लइ जाइ। तोहार पचन्क सजा भयानक होइ। तू पचन्क भिन्सारे दर भिन्सारे अउर दिन रात सजा मिली।
“जब तू पचे इ कहानी क समुझब्या: 20 कउनो मनसेधू एक अइसे बिछउना पइ सोवइ क जतन करत रहा जउन ओकरे बरे नान्ह रहा। ओकरे लगे एक कंबल रहा जउन एतना चौड़ा नाहीं रहा कि ओका ढाक लेइ। त उ बिछउना अउर उ कम्बल ओकरे बरे बियर्थ रहेन अउर लखा तोहार वाचा भी तोहरे सबन्क बरे अइसा रही।”
21 यहोवा वइसे ही जुद्ध करी जइसे उ पराजीम नाउँ क पहाड़ पइ किहे रहा। यहोवा वइसे ही कोहाइ जाइ जइसे उ गिबोन क घाटी मँ भवा रहा। तब यहोवा ओन कामन क करी जउन ओका निहचय ही करइ क अहइँ। यहोवा कछू बिचित्र काम करी। किन्तु उ आपन काम क कर देइ। ओकर काम कउनो एक अजनबी क काम अहइ। 22 अब तू पचन्क इ सबइ बातन क मजाक नाहीं उड़ाइ चाही। जदि तू पचे अइसा करब्या तउ तोहार पचन्क बन्धन क रस्सियन अउर जियादा कस जइहीं।
सर्वसक्तीमान यहोवा इ समूचे प्रदेस क नस्ट करइ क ठान लिहस ह। जउन सब्द मइँ सुने रहेउँ, अटल अहइँ। तउ उ सबइ बातन जरूर घटिहीं।
यहोवा खरा दण्ड देत ह
23 जउन सँदेसा मइँ तू पचन्क सुनावत हउँ, ओका धियान स सुना। 24 का कउनो किसान आपने खेते क हर समय जोतत रहत ह नाहीं। का उ माटी क हर समय सँवारत रहत ह नाहीं। 25 किसान आपन धरती क तइयार करत ह, अउर फुन ओहमाँ बिआ अलग-अलग डावत ह। किसान अलग-अलग बीजन क रोपाई, ढंग स करत ह। किसान सौंफ क बिआ बिखेरत ह अउर एक किसान कठिए गोहूँ क बोवत ह। एक किसान खास जगह पइ अउ लगावत ह। एक किसान कठिए गोहूँ क बिअन क खेत क मेंड पइ लगावत ह।
26 ओकर परमेस्सर ओका सिच्छा देत ह अउर अच्छे तरह स ओका निर्देस देत ह। 27 का कउनो किसान तेज दाँतदार तखन क प्रयोग सौंफ क दानन क गहावइ बरे करत ह नाहीं। का कउनो किसान जीरा क गहावइ बरे कउनो छकड़े क प्रयोग करत ह नाहीं। एक किसान इ मसालन क बीअन क छिलका उतारइ बरे एक नान्ह स कुबरी क प्रयोग ही करत ह। 28 लोगन क रोटी बनावइ बरे अनाज क पीसइ परी, किन्तु उ पचे लगातार अनाज जिन पीसत रहतेन। एक किसान अनाज क दलइ क बरे अनाज दलइ क पहिया अनाजे पइ फिराइ क परी, किन्तु ओका अनाजे क रौंदइ बरे घोड़न क समूह क जरूरत नाहीं परी! ठीक इहइ तरह, परमेस्सर आपन लोगन क लगातार सज़ा नाहीं देत ह! 29 सर्वसक्तिमान यहोवा स इ पाठ मिलत ह। यहोवा अद्भुत सलाह देत ह। यहोवा फुरइ बहोत बुद्धिमान अहइ।
परमेस्सर क यरूसलेम स पिरेम
29 परमेस्सर कहत ह, “हे अरीएल, अरीएल! तू उ सहर अहइ जहाँ दाऊद छावनी डाए रहा। लोग इ सहर क बरिस दर बरिस पवित्तर भोज बरे जात्र किहेस। 2 किन्तु जब मइँ अरीएल क अन्त करब्या, तउ हुवाँ सोक अउ विलाप होइ। किन्तु उ तब भी मोर अरीएल होइ!
3 “तब मइँ तोहका फउजन क सिबिर स घेरउब। मइँ तोहार विरोध मँ जुद्ध क बुर्ज अउर ढलवान बनाउब। 4 तू पचे धरती पइ गिरि जाब। धूल स तोहार कमज़ोर धीमा फुसफुसाहत क आवाज़ अइसा होइ जइसे धरती प कउनो भूत होइ।”
5 तोहार दुस्मन धूर क कण क भाँति अनगिनत होइहीं। तोहार क्रूर अत्याचार अनगिनत होइहीं जइसे भूसे आँधी मँ उड़त भए अहा। 6 सर्वसक्तिमान यहोवा बादरन क गर्जन स, धरती क काँपे स, अउर जहा ध्वनियन स तोहरे लगे आइ। यहोवा दण्डित करी। यहोवा तूफान, तेज आँधी अउर आगी क प्रयोग करी जउन बारिके सबहिं क नस्ट कइ देइ। 7 तउ रात क सपना क नाईं जउन कि जागते ही गाइब होइ जात ह अइसा ही अरीएल क चारिहुँ कइँती स घेरा भवा फउज अउर ओनके जुद्ध यंत्र जउन कि ओकर खिलाफ घूमत रहत ह, गाइब होइ जात हीं। 8 मुला ओन फउजन क एक सपना जइसा होइ। उ सबइ फउजन उ सब चिजियन न पइहीं जेनका उ पचे चाहत हीं। इ वइसा ही होइ जइसा भूखा मनई भोजन क सपन लखइ अउर जागइ पइ उ आपन क वइसा ही भूखा पावइ। इ वइसा ही होइ जइसे कउनो पिआसा पानी क सपन लखइ अउर जब जागइ तब आपन क पियासा पावइ। सिय्योन क विरोध मँ लड़त भए सबहिं देस फुरइ अइसे ही होइहीं। इ बात ओन पइ खरी उतरी। देसन क उ सबइ चिजियन नाहीं मिलिहीं जेनका ओनका चाह अहइ।
9 आस्चर्य चकित होइ जा अउर अचरज स भरि जा।
तू पचे सबहिं धुत्त होब्या किन्तु दाखरस स नाहीं।
लखा अउर अचरज करा।
तू लड़खड़ाब्या अउर भहराइ जाब्या किन्तु सराबे स नाहीं।
10 यहोवा तोहका सबन्क सोवाएस ह।
यहोवा तोहार आँखिन मूँदि दिहस ह। (तोहार आँखिन नाहीं अहइँ)
11 मइँ तू पचन्क बतावत हउँ कि इ सबइ बातन घटिहीं। किन्तु तू पचे मोका नाहीं समुझ रह्या। मोर सब्द उ किताबे क समान अहइँ, जउन बन्द अहइँ अउर जेह पइ एक मोहर लगी बाटइ। 12 तू पचे उ किताबे क एक अइसे मनई क दइ सकत ह जउन पढ़ सकत ह अउर उ मनई स कहि सकत ह कि उ उ किताबे क पढ़इ। मुला उ मनई कही, “मइँ किताबे क बाँच नाहीं सकत काहेकि इ बन्द अहइ अउर मइँ एका खोल नाहीं सकत।” या तू उ किताबे क कउनो भी अइसे मनई क दइ सकत ह जउन बाँच नाहीं सकत, अउर उ मनई स कहि सकत ह कि उ उ किताबे क पढ़इ। तब उ मनई कही, “मइँ इ किताबे क नाहीं बाँचि सकत काहेकि मइँ पढ़ब नाहीं जानत।”
13 मोर सुआमी कहत ह, “इ सबइ लोग कहत हीं कि उ पचे मोहसे पिरेम करत हीं। आपन मुँहे क सब्दन स उ पचे मोरे बरे आदर परगट करत हीं। मुला ओनकर मन मोहसे दूर अहइँ। उ आदर जेका उ पचे मोरे बरे देखॉवत हीं, बस कोरे मानव नेम अहइँ जउन उ पचे रट डाए अहइँ। 14 तउ मइँ एन लोगन क सक्ति स पूर अउर अचरज भरी बातन करत भए आस्चर्य चकित करत रहब। ओनकर बुद्धिमान मनई समझइ मँ असमर्थ होइ जइहीं।”
15 धिक्कार अहइ ओन लोगन क जउन यहोवा स बातन छिपावइ क जतन करिहीं। उ पचे सोचत हीं कि यहोवा तउ समझी ही नाहीं। उ सबइ लोग आँधियारा मँ काम करत हीं। उ सबइ लोग आपन मन मँ कहा करत हीं, “हम पचन्क कउनो लख सकत नाहीं। हम पचे कौन अही, एका कउनो मनई नाहीं जानी।”
16 तू पचे भ्रम मँ पड़ा अहा। तू पचे सोचा करत अहा, कि माटी कोहार क बराबर अहइ। तू पचे सोचा करत अहा कि कृति आपन कर्त्ता स कह सकत ह, “तू मोर रचना नाहीं किहा ह।” इ वइसा ही अहइ, जइसे गगरी क आपन बनावइवाले कोहार स इ कहब, “तू समझत्या नाहीं तू का करत अहा।”
एक उत्तिम समय आवत अहइ
17 इ फुरइ अहइ: कि लबानोन थोड़े समय पाछे, आपन बिसाल ऊँच बृच्छन बरे सपाट जोते खेतन मँ बदल जाइ अउर सपाट खेत ऊँच-ऊँच बृच्छन वाले सघन जंगलन क रूप लइ लेई। 18 किताबे क सब्दन क बहिरे सुनिहीं, आँधर आँधियारे अउ कोहरे मँ स लखि सकिहीं। 19 यहोवा दीन जनन क खुस करी। दीन जन इस्राएल क उ पवित्तरतम मँ आनन्द मनइहीं।
20 अइसा तब होइ जब नीच अउ क्रूर मनई खत्म होइ जइहीं। अइसा तब होइ जब बुरा काम करइ मँ आनन्द लेइवाले लोग चले जइहीं। 21 (उ सबइ लोग दूसर लोगन क बारे मँ झूठ बोला करत हीं। उ पचे कचहरी मँ लोगन क फँसावइ क जतन करत हीं। उ पचे भोले भाले लोगन क नस्ट करइ मँ जुटे रहत हीं।)
22 तउ यहोवा याकूब क परिवार स कहेस। (इ उहइ यहोवा अहइ जउन इब्राहींम क अजाद किहे रहा।) यहोवा कहत ह, “अब याकूब (इस्राएल क लोग) क लज्जित नाहीं होब होइ। अब ओकर मुँह कबहुँ पिअर नाहीं होइ चाही। 23 उ आपन सबहिं संतानन क लखी अउर कही कि मोर नाउँ पवित्तर अहइ। एन संतानन क मइँ आपन हाथन स बनाएउँ ह अउर इ सबइ संतानन मनिहीं कि याकूब क पवित्तर परमेस्सर वास्तव मँ पवित्तर अहइ अउर इ सबइ संतानन इस्राएल क परमेस्सर क आदर देइहीं। 24 उ सबइ लोग जउन गलतियन करत हीं, अब समुझ जइहीं। उ सबइ लोग जउन सिकाइत करत रहत हीं अब निर्देसन क अंगीकार करिहीं।”
मसीह सब क ऊपर बा
3 एह बरे स, मोरे भाइयो, तथा बहिनियो, पर्भू मँ आनन्द मनावत रहा। तू सबन क सच सच ओनही बातन क लिखत रहइ स मोका फिन कउनउ कस्ट नाहीं अहइ अउर तोहरे बरे तउ इ तैयार होइ क मदद करी।
2 एन्हन कुकुरन स सावधान रहा जउन कुकर्मन मँ लगा अहइँ। उ पचे बधिया कइ देइ चाहत हीं। 3 काहेकि सच्चा खतनावाला मनई तउ हम अही जउन अपने आराधना क परमेस्सर क आतिमा द्वारा अरपण करत अही। अउर मसीह ईसू पर हम होइ बरे गरब करत अही अउर जउन कछू सारीरीक बा, ओह प हम भरोसा नाहीं करत अही। 4 जद्यपि मइँ खुद जउन कछू सरीरीक बा, ओह पइ मइँ भरोसा नाहीं कइ सकत रहउँ। मुला अगर केऊ अउर अइसेन सोचइ कि ओकरे लगे सरीसी पर बिसवास करइ बरे बा तउ मोरे लगे तउ उ अउर जियादा बा। 5 जब मइँ आठ दिना क रहेउँ, मोर खतना कइ दीन्ह गवा रहा। मइँ इस्राएली हउँ बिन्यामीन क वंस क हउँ। मइँ इब्रानी माता-पिता स पइदा भवा एक इब्रानी हुउँ। जहाँ तक व्यवस्था क विधान तलक मोरे पहुँच क प्रस्न बा, मइँ फरीसी हउँ। 6 जहाँ तलक मोरी निस्ठा क प्रस्न बा, मइँ कलीसिया क बहुत सताये रहउँ। जहाँ तलक ओह धार्मिकता क सवाल बा जेका व्यवस्था क विधान सिखावत ह, मइँ निर्दोख रहेउँ।
7 परन्तु तब जउन मोर लाभ रहा, आज उही क मसीह क बरे मइँ आपन हानि समझत अहउँ। 8 इहूउँ स बड़ी बात इ बा कि मइँ अपने पर्भू मसीह ईसू क गियान क स्रेष्ठता क कारण आज तलक सब कछु क हीन समझत रहेउँ। उही बरे मइँ सब कछू तियागा कइ दिहेउँ अउर मइँ सब कछू क घिना क परन्तु समझइ लाग हउँ ताकि मसीह क पाई सकउँ 9 अउर ऊही मँ पावा जाइ सकउँ-मोर उ धरम भाव क कारण नाहीं जउन व्यवस्था क विधान पर टिकी रही, बल्कि ओह धरम भाव क कारण जउन मसीह मँ बिसवासे क कारण मिलत ह। जउन परमेस्सर स मिली बा ओकर आधार बिसवास अहइ। 10 मइँ मसीह क जानइ चाहत हउँ अउर ओह सक्ती क अऩुभव करइ चाहत हउँ जेसे ओका पुनः जागरण भवा रहा। मइँ ओकरी यातनन का सहभागी होइ चाहत हुँ। अउर उही रूपे क पाइ लेइ चाहत हउँ जेका उ आपन मउत क द्वारा पाए रहा। 11 एह आसा क साथे कि मइँ भी इही तरह मरा हुआ मँ स उठि क फिन स जी पावउँ।
लच्छ पर पहुँचइ क प्रयास करत रहा
12 अइसेन नाहीं अहइ कि मोका आपन प्राप्ति होइ चुकी बा अउर मइँ पूरा सिद्ध बन चुका हउँ। परन्तु मइँ उपलब्धि क पाइ ल्लेइ क बरे बराबर प्रयास करत रहत हउँ जेकरे बरे मसीह ईसू मोका आपन बँधुआ बनाए रहा। 13 भाइयो, तथा बहिनियो, मइँ इ नाहीं सोचित हउँ कि मइँ ओका पाई चुका हउँ। पर बात इ अहइ कि बीती क बिसराइ द्या, जउन मोरे सामने बा, ओह लच्छ तलक पहुँचइ बरे मइँ संघर्ष करत रहउँ। 14 मइँ ओह लच्छ क बरे हमेसा प्रयास करत रहउँ कि मइँ अपने ओह इनामें क जीत लेउँ, जेका मसीह ईसू मँ पावई क बरे परमेस्सर तउ मोका उप्पर बोलाए अहइ।
15 ताकि ओन्हन लोगन क, जउन हमरे मँ पूर्ण मनई बन चुका बाटेन, मन क स्वरूप अइसेन रहइ। परन्तु अगर तू कीहीउ बात क कउनउ अउर ढंग स सोचत ह तउ तोहरे बरे ओकर जाहिर करइके परमेस्सर कइ देई। 16 जउन सच्चाई तक हम पहुँच चुका अही, हमका उही पे चलत रहइ चाही।
17 भाइयो, तथा बहिनियो, अउरन क साथे मिलि के मोरे नकल करा जउन उदाहरण हम तोहरे सामने रखे अही, ओकरे अऩुसार जउन जिअत हीं, ओह पर धियान द्या। 18 काहेकि अइसेन ही बहुत जने अहइँ जउन मसीह क क्रुस स दुस्मनी रखत जिअत हीं। मइँ तोहका बहुत बाह बताए हउँ अउर अब भी मइँ इ बिलखि-बिलखि क कहत हउँ 19 ओनकर नास ओनकइ नियति अहइ। ओनकर पेट ओनकर भगवान अहइ। अउर जेहपर ओनका लजाई चाही, ओह पर ओ गरब करत हीं। ओनका बस संसारी वस्तुवन क चिन्ता बा। 20 परन्तु हमार जन्मभूमि तउ सरगे मँ बा। ऊही स हम उद्धारकर्ता पर्भू ईसू मसीह क आवइ क बाट जोहत रहित ह। 21 आपन ओह सक्ती क द्वारा जेहसे सब वस्तुवन क उ अपने अधीन कइ लेत ह, हमार कमजोर देह क बदल क आपन दिव्य देह जइसेन बनाई देई।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.