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Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
यसायाह 26-27

परमेस्सर क एक स्तुति-गीत

26 उ समय, यहूदा क लोग इ गीत गइहीं:

यहोवा हमका मुक्ति देत ह।
    हमार एक सुदृढ़ नगरी अहइ।
    हमरे नगर क सुदृढ़ परकोटा अउ सुरच्छा अहइ।
ओकरे दुआरन क खोला ताकि भले लोग ओहमाँ प्रवेस करइँ।
    उ सबइ लोग परमेस्सर क जिन्नगी क खरी राहे का पालन करत हीं।
हे यहोवा, तू हमका सच्चा सान्ति प्रदान करत ह।
    तू ओनका सान्ति दिया करत ह, जउन तोहरे भरोसे अहइँ
    अउर तोह पइ बिस्सास रखत हीं।

एह बरे सदा ही यहोवा पइ बिस्सास करा।
    काहेकि “यहोवा याह” ही तोहार हमेसा सर्वदा बरे सरण क ठउर होइ।
किन्तु अभिमानी नगर क यहोवा निहुराएस ह
    अउर हुवाँ क निवासियन क उ सजा दिहेस ह।
यहोवा उ ऊँच बसी नगरी क धरती पइ गिराएस।
    उ एका धूरि मँ मिलावइ गिराएस ह।
तब दीन अउ नम्र लोग नगरी क खण्डहरन क आपन गोड़े तले रौंदि देइहीं।

खरापन खरे लोगन क जिअइ क ढंग अहइ।
    खरे लोग उ राहे पइ चलत हीं जउन सोझ अउ सच्ची होत ह।
परमेस्सर, तू उ राहे क चलइ बरे सुखद
    व सहल बनावत ह।
किन्तु हे परमेस्सर! हम तोहरे निआव क मारग क बाट जोहत अही।
    हमार मन तोहका अउर तोहरे नाउँ क सुमिरन करइ चाहत ह।
मोर मत राति भर तोहरे साथ रहइ चाहत ह
    अउर मोरे अन्दर क आतिमा हर नए दिन क सबेरे तोहरे साथ रहइ चाहत ह।
जब धरती पइ तोहार निआउ आइ,
    लोग खरी जिन्नगी जिअइ सीख जइहीं।
10 जदि तू सिरिफ दुट्ठ पइ दाया देखावत रह्या
    तउ उ कबहुँ भी अच्छे करम करब नाहीं सीखी।
दुट्ठ जन चाहे भले लोगन क बीच मँ रहइ मुला तब उ भी बुरे करम करत रही।
    उ दुट्ठ कबहुँ भी यहोवा क बड़प्पन नाहीं देख पाइ।
11 हे यहोवा तू ओनका सजा देइ क तत्पर अहा
    किन्तु उ पचे एका नाहीं लखतेन।
हे यहोवा तू आपन लोगन पइ आपन असीम पिरेम देखॉवत अहा
    जेका लखिके दुट्ठ जन लज्जित होइ जात हीं।
    तोहार दुस्मन आपन ही पापे क आगी मँ जरिके भसम होइ जइहीं।
12 हे यहोवा, हमका कामयाबी तोहरे ही कारण मिली ह।
    तउ कृपा कइके हमका सान्ति द्या।

यहोवा आपन लोगन क नवा जीवन देइ

13 हे यहोवा, तू हमार परमेस्सर अहा
    किन्तु पहिले हम पइ दूसर देवता राज करत रहेन।
हम दूसर सुआमियन स जुड़े भए रहेन
    किन्तु अब हम इ चाहित ह कि लोग बस एक ही नाउँ याद करइँ उ अहइ तोहार नाउँ।
14 अब उ पचे सुआमी जिअत नाहीं अहइँ।
    उ सबइ भूत आपन कब्रन स कबहुँ भी जिअत नाहीं उठिहीं।
तू ओनका बर्बाद करइ क निहचय किहे रह्या
    अउर तू ओनकर याद तलक क मेट दिया।
15 हे यहोवा, तू जाति क बढ़ाया।
    जाति क बढ़ाइके तू महिमा पाया।
    तू प्रदेस क चउहद्दी क बढ़ाया।
16 हे यहोवा, तोहका लोग
    दुःखे मँ याद करत हीं,
अउर जब तू ओनका सजा दिया करत ह
    तब लोग तोहार गूँगी पराथनन करत हीं।
17 हे यहोवा, हम तोहरे कारण अइसे होत हँ
    जइसे जच्चा पीरा क झेलत मेहरारू होइ
    जउन बच्चा क जनम देत समय रोवत बिलखत अउर पीरा भोगत ह।
18 इहइ तरह हम भी गर्भधारण कइके पीरा भोगित ह।
    हम जनम देइत ह किन्तु सिरिफ वायु क।
हम संसार क नवा लोग नाहीं दइ पाए।
    हम धरती क उद्धार पइ नाहीं लिआए पाए।
19 यहोवा कहत ह,
    “मरे भए तोहार लोग फुन स जी जइहीं।
मरे लोगन क देह मउत स जी उठी।
    हे मरे भए लोगो,
हे धूरि मँ मिल भवो,
    उठा अउ तू पचे खुस होइ जा।
उ ओस जउन तोहका घेरे भए अहइ,
    अइसी अहइ जइसे रोसनी मँ चमकत भइ ओस।
धरती ओनका फुन जनम देइ
    जउन अबहिं मरे भए अहइँ।”

निआव पुरस्कार या सजा

20 हे मेरे लोगो, तू पचे आपने कोठरियन मँ जा।
    आपन क थोड़े समय बरे
आपन कमरन मँ छिपा ल्या।
    परमेस्सर क किरोध बहोत जल्द सान्त होइ जाइ।
21 यहोवा धरती क लोगन क पापन क निआव करी बरे
    सरग क आपन ठउरे क तजि देइ।
धरती अब मरा भवा लोगन क अउर न ढाँपिहीं।
    धरती खुद पइ बहाइ गवा खून क राज क फास करिहीं।

27 उ समय, यहोवा लिब्यातान क निआव करी
    जउन एक फ़रार सरप अहइ।
यहोवा आपन बड़की अउ सक्तीसाली तरवार क उपयोग
    कुंडली मारे सरप लिब्यातान क मारइ मँ करी।
    यहोवा सागरे क भीमकाय प्राणी क मारि डाइ।

उ समय, हुवाँ खुसियन स भरा अंगूरे क एक बाग होइ।
    तू पचे ओकर गीत गावा।
“मइँ यहोवा, उ बाग का धियान रखब।
    मइँ बागे क उचित समये पइ सींचब।
मइँ बगीचे क रात दिन रखवारी करब
    ताकि कउनो भी ओका नोस्कान न पहोंचाइ पावइ।
मइँ कुपित नाहीं होब।
जदि काँटा कँटेरी मोका हुवाँ मिलइ तउ मइँ वइसे रौंदब
    जइसे फउजी रौंदत चला जात ह अउर ओनका फूँक डाउब।
लेकिन अगर कउनो मनई मोरी सरण मँ आवइ
    अउर मोहसे मेल करइ चाहइ
    तउ उ चला आवइ अउर मोहसे मेल करि लेइ।
आवइ वाले दिनन मँ याकूब क लोग उ पउधे क समान होइहीं जेकर उड़न उत्तिम होत हँ।
    याकूब क बिकास उ पनपते पउधे सा होइ जेह पइ बहार आई होइ।
    फुन धरती याकूब क बंसजन स भरि जाई जइसे बृच्छन क फलन स उ भर जात ह।”

परमेस्सर इस्राएल क खोज निकारत ह

यहोवा आपन लोगन क ओतना दण्ड नाहीं दिहस ह जेतना उ ओनके दुस्मनन क दिहस ह। ओकर लोग ओतने नाहीं मरेन ह जेतने उ सबइ लोग मरेन ह जउन एन लोगन क मारइ बरे प्रयत्नसील रहेन।

यहोवा इस्राएल क दूर पठइके ओकरे संग आपन विवाद सुलझाइ लेइ। यहोवा इस्राएल क उ तेज हवा क झोंके स उड़ाइ दिहस जउन रेगिस्ताने क गरम लू क समान होत ह।

याकूब क अपराध कइसे छिमा कीन्ह जाइ? ओकरे पापन्क कइसे दूर कीन्ह जाइ? इ सबइ बातन घटिहीं, वेदी क सबइ सिला चकनाचूर होइके धूरि मँ मिल जइहीं, लबार देवतन क स्तम्भ अउर ओनकर पूजा क वेदियन तहस-नहस कइ दीन्ह जाइ।

10 इ नगरी नस्ट होइ जाब्या। सब लोग कहूँ दूर भाग जाब्या। उ नगर एक खुली चरागाह जइसा होइ जाब। मवेसियन क बच्चन हुआँ घाँस खाइहीं मवेसी अंगूरे क बेलन स पातियन खाइहीं होइ। 11 इ सहर उ अंगूर क बेलन क नाईं अहइ जउन फसल काटि स पहिले ही सूख ग अहइ, काहेकि एकर डारन मरि गवा अहइ। एह बरे डारन टूटिके गिर ग अहइँ। मेहररूअन ओन डारन जराइ बरे आइँ। इ सबइ लोग मूरख अहइँ। एह बरे ओकर बनाइवाला ओकर प्रति दया नाहीं देखॉइ। ओनकर रचयिता ओनके बरे दयालु नाहीं होइ।

12 उ समय, यहोवा दूसर लोगन स आपन लोगन क अलग करइ लागी। परात नदी स उ इ कारज क आरम्भ करी। परात नदी स लइके मिस्र क नदी तलक यहोवा तू इस्राएलियन क एक-एक क कइके एकट्ठा करी। 13 अस्सूर मँ अबहिं मोर बहुत स लोग खोए भए अहइँ। मोर कछू लोग मिस्र क पराइ ग अहइँ। किन्तु उ समय तलक एक बिसाल भेरी बजाई जाइ अउर उ सबइ सबहिं लोग वापिस यरूसलेम आइ जइहीं अउ उ पवित्तर पर्वत पइ यहोवा क समन्वा उ सबइ सबहिं लोग निहुरि जइहीं।

फिलिप्पियन 2

एक होइके एक दुसरे क धियान रखा

फिन तू लोगन मँ अगर मसीह मँ कउनउ उत्साह बा, पिरेम स पैदा भई कउनउ धीरज बा, अगर आतिमा मँ केउ भागेदारी क, सिहेन क भावना अउर सहानुभूति बा तउ मोका पूरी तरह स खुस करा। मइँ चाहत हउँ, तू पचे एक तरह स सोचा, परस्पर एक जइसा पिरेम करा आतिमा मँ एका रखा अउर एक जइसेन लच्छ रखा। ईर्सा अउर मिथ्या अभिमान स कछू न करा। बल्कि नरम बना अउर दुसरेउ क आपने स उत्तिम समझा। तोहमे स हर एक्के चाही कि केवल अपनई नाहीं, बल्कि दुसरेउ क हिते क धियान रखइ।

ईसू स निस्वारथ होइ सीखा

आपन चिंतन ठीक वइसा ही रखा जइसे मसीह ईसू क रहा।

जउन परमेस्सर क सरूप मँ होत भए भी
    उ परमेस्सर क साथे अपने ऍह बराबरी का
    अधिकार की वस्तु न समझेस।
बल्कि उ तउ आपन सब्ब कछू तियागके
    एक सेवक क रूप ग्रहण कइ लिहेस अउर मनई क समान बनि गवा।
अउर जब उ अपने बाहरी रूप मँ मनई जइसेन बनि गवा।
    त उ अपने आप क नवाइ लिहेस अउर परमेस्सर का ऍतना आज्ञाकारी बन गवा कि
    आपन प्राण तक न्योछोवर कइ दिहेस अउर उहउ क्रुस पर।
इही बरे परमेस्सर भी ओका ऊँचा स ऊँचा स्थान पर उठाएस
    अउर ओका उ नाम दिहेस जउन सब नामन स ऊप्पर बा
10 ताकि सब केऊ जब ईसू क नाउँ क उच्चारण होत सुनइ, तउ नीचे निहुरि जाइ।
    चाहे उ सरगे क होइ, धरती पइ क होइ अउर चाहे धरती क नीचे क होइ।
11 अउर सब जीभ परमपिता परमेस्सर क
    महिमा बरे मजूर करइ कि “ईसू मसीह ही पर्भू अहइ।”

परमेस्सर क इच्छा क अनुसार बना

12 एह बरे मोर पिआरे दोस्तो, तू पचे मोरे निर्देशन क जइसेन ओह समइ पालन किहा करत रह्या जब मइँ तू पचन क साथे रहेउँ, अब जब कि मइँ तू पचन क साथे नाहीं हउँ तब तू अउर अधिक लगन स ओकर पालन करा। परमेस्सर बरे पूरा आदर एवं भय क साथे अपने उद्धार क पूरा करइ बरे तू सभे काम करत जा। 13 काहेकि उ परमेस्सर ही अहइ जउन उ कामना क इच्छा अउर ओन्हे पूरा कररइ क करम, जउन परमेस्सर क भावत ह, तोहमें पइदा करत ह।

14 बिना कउनउ सिकायत या लड़ाई-झगड़ा किहे सब काम करत रहा। 15 ताकि तू भोले-भोले अउर पवित्तर बनि जा। अउर इ कुटिल अउर पथभ्रस्ट पीढ़ी क लोगन क बीच परमेस्सर क निहकलंक बालक बनि जा। ओनके बीच अँधियारी दुनिया मं तू पचे ओह समइ तारा बनिके चमका 16 जब तू ओनका जीवनदायी उपदेस सुनावत ह। तू अइसा ही करत रहा ताकि मसीह क फिन स लउटइ क दिन मइँ इ देखिके कि मोरे जीवन क भाग दौड़ बेकार नाहीं भइ। तू पचन गरब कइ सकी।

17 तोहार सबन क बिसवास परमेस्सर क सेवा मँ एक बलि क रूप मँ बा अउर अगर मोर लहू तोहरे बलि प दाखरस क समान उँड़ेल दीहा भी जाइ तउ मोका खुसी अहइ। तोहरे सबन क खुसी मँ हमरउ सहभाग बा। 18 उही तरह तूहउ खुस रहा अउर मोरे साथे आनन्द मनावा।

तीमुथियुस अउर इपफ्रुदीतुस

19 पर्भू ईसू क सहायता स मोका तीमुथियुस क तू लोगन क लगे जल्दी भेज देइ क आसा बा ताकि तोहरे समाचारन स मोर भी उत्साह बढ़ सकइ। 20 काहेकि मोरे पास दुसर कउनउ तीमुथियुस अइसा मनई नाहीं बा जेकर भावना मोरी जइसी होइ अउर जउन तोहरे कल्यान क बरे सच्चे मने स चिंतित होइ। 21 काहेकि अउर सभन अपने अपने कामन मँ लगा बाटेन। ईसू मसीह क कामन मँ केऊ नाहीं लाग बा। 22 तू पचे ओकरे चरित्र क जानत अहा कि सुसमाचार क प्रचार मँ मोरे साथ उ वइसे ही सेवा क किहे अहइ, जइसे एक बेटवा अपने बापे क साथे करत रहत ह। 23 तउ मोका जइसेन इ पता चली कि मोरे साथे का कछू होइ जात बा। मइँ ओका तू सबन क लगे भेज देइ क आसा रखत अहउँ। 24 अउर मोर बिसवास बा कि पर्भु क सहायता स मइँ भी जल्दी ही अउबइ।

25 मइँ इ जरूरी समझत हउँ कि इपफ्रुदीतुस क तोहरे लगे पठवउँ, जउन मोर भाई अहइ, अउर साथ ही काम करइवाला बा अउर सहयोगी कर्म-वीर अहइ अउर मोका जरूरत पड़इ पइ मोर सहायता बरे तोहार प्रतिनिधि रहा, 26 काहेकि उ तोहे सबन क बरे बियाकुल रहा करत रहा अउर ऍहसे बहुत खिन्न रहा कि तू इ सुने रह्या कि उ बेमार पड़ि गवा रहा। 27 हाँ, उ बेमार तउ रहा अउर उहउ ऍतना कि जइसे मरि ही जाई। परन्तु परमेस्सर ओह पर अनुग्रह किहेस (न सिरिफ ओह पइ बल्कि मोपे प भी) ताकि मोका दुखे पर दुख न मिलइ। 28 इही बरे मइँ ओक अउर उ लगन स पठवत हउँ ताकि जब तू ओका देखा तउ एक बार फिन खुस होइ जा अउर तोहरे बारे मँ चिन्ता करब छोड़ देउँ। 29 इही बरे पर्भू मँ बड़ी खुसी क साथे ओकर सुवागत करा अउर अइसेन लोगन क जियादा स जियादा आदर करत रहा। 30 काहेकि मसीह क काम क बरे उ लगभग मरि गवा रहा ताकि तोहरे द्वारा कीन्ह गइ मोर सेवा मँ जउन कमी रही गइ रही, ओका उ पूरा कइ देइ, एकरे बरे उ अपने प्राण क बाजी लगाइ दिहेस।

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