Old/New Testament
एक नवा दिन आवइ क अहइ
9 पहिले लोग सोचा करत रहेन कि जबूलून अउर नप्ताली क धरती महत्वपूर्ण नाहीं अहइ। किन्तु पाछे परमेस्सर उ धरती क महान बनाइ। समुद्दर क लगे क धरती पइ, यरदन नदी क पार अउ गलील मँ गैर यहूदी लोग रहत हीं। 2 जदपि आनु इ सबइ लोग अंधकार मँ निवास करत हीं, किन्तु एनका महान प्रकास रूप मँ दर्सन होइ। इ सबइ लोग एक अइसे अँधियारा मँ रहत हीं जउन मउत क देस क नाई अहइ। किन्तु उ “अद्भुत जोति” ओन पइ प्रकासित होइ।
3 तू इ जाति क बढ़ोतरी करब्या, का तू नाहीं करब्या? तू ओकर खुसहाली क बढ़ाउब्या, का इ सही नाहीं अहइ? इ सबइ लोग तोहार मोजूदगी मँ अइसे ही खुस होइ जइसे लोग कटनी क समय पइ खुस होत ह, या इ सबइ वइसी ही खुस होइ जइसी जुद्ध मँ लूटा भवा चिजियन क आपुस मँ बाँटइ क समइ मँ खुसी मनावत हीं। 4 अइसा काहे होइ? काहेकि तू पचन्क इ भारी जूए क तोड़ी देब्या जउन अत्याचारी लोग तोहार कंधा पइ धरेस ह। तू पचे एकॉ वइसा ही हराउब्या जइसा तू पचे मिद्यानियन क हराए रह्या!
5 हर उ कदम जउन जुद्ध मँ आगे बढ़ा, बर्बाद कइ दीन्ह जाइ। हर उ वर्दी जेइ पउ लहू क धब्बन बाटेन, बर्बाद कइ दीन्ह जाइ। इ सबइ वस्तुअन आगी मँ झोंकि दीन्ह जइहीं। 6 इ सब कछू तब घटी जब उ बिसेस बच्चा क जनम होइ। परमेस्सर हमका एक ठु पूत प्रदान करी। इ पूत लोगन क अगुवाइ बरे उत्तरदायी होइ। ओकर नाउँ होइ: “अद्भुत, उपदेसक, सामर्थी परमेस्सर, पिता चिर अमर अउ सान्ति क राजकुमार।” 7 ओकरे राज्ज मँ सक्ति अउर सान्ति क निवास होइ। दाउद क बंसज, उ राजा क राज्ज क लगातार विकास होत रही। उ राजा नेकी अउ निस्पच्छ निआव क आपन राज्ज क सासन मँ हमेसा हमेसा उपयोग करत रही।
उ सर्वसक्तीमान यहोवा आपन प्रजा स गहिर पिरेम राखत ह अउर ओकर इ गहिर पिरेम ही ओहसे अइसे काम करवावत ह।
परमेस्सर इस्राएल क सजा देइ
8 याकूब क लोगन क खिलाफ मोर यहोवा एक आग्या दिहेस। इस्राएल क खिलाफ दीन्ह गइ उ आग्या क पालन होइ। 9 तब एप्रैम क हर मनई क अउर हिआँ तलक कि सोमरोनक मुखिया लोगन क इ पता चलि जाइ कि परमेस्सर ओनका सजा दिहे रहा।
आजु उ सबइ लोग अभिमानी अउ बड़बोला अहइँ। उ सबइ लोग कहा करत हीं, 10 “होइ सकत ह इ सबइ ईटन भहराइ जाइँ किन्तु हम एकर अउर जियादा मजबूत पाथरन स निर्माण करब। सम्भव अहइ इ सबइ नान्ह नान्ह बृच्छ काट गिराव जाइँ। किन्तु हम नवा नवा बृच्छ खड़ा कइ देब अउर इ सबइ बृच्छ बिसाल तथा मजबूत बृच्छ होइहीं।”
11 तउ यहोवा इस्राएल क लोगन क खिलाफ जुद्ध करइ बरे हुसकाइ। यहोवा रसीन क सत्रुअन क ओनकर विरुद्ध लइ आई। 12 यहोवा पूरब स आराम क लोगन क अउ पच्छिम स पलिस्तियन क लिआइ। उ सबइ सत्रु आपन फउज स इस्राएल क हराइ देइहीं। किन्तु परमेस्सर इस्राएल स तब भी कुपित रही। यहोवा तब भी लोगन क सजा देइ क तत्पर रही।
13 परमेस्सर लोगन क सजा देइ, किन्तु उ पचे फुन भी पाप करब नाहीं छोड़िहीं। उ पचे परमेस्सर कइँती नाहीं मु़ड़िहीं। उ पचे सर्वसक्तिमान यहोवा क अनुसरण नाहीं करिहीं। 14 तउ यहोवा इस्राएल क मूँड़ अउ पूँछ काट देइ। एक ही दिन मँ यहोवा ओकर साखा अउर ओकरे तने क लइ लेइ। 15 (हिआँ मूँड़ क अरथ अहइ अग्रज तथा महत्वपूर्ण अगुवा लोग अउर पूँछ स अरथ अहइ अइसे नबी जउन झूठ बोला करत हीं।)
16 उ सबइ लोग जउन अगुवाइ करत हीं ओनका बुरे मारग पइ लइ जात हीं। जउन लोग ओनके पाछे चलत हीं, बर्बाद कइ दीन्ह जइहीं। 17 इ सबइ सबहिं लोग दुस्ट अहइँ। एह बरे यहोवा एन युवकन स खुस नाहीं अहइ। यहोवा ओनकर राँड़ अउरत अउ ओनकर अनाथ लरिकन पइ दाया नाहीं करी। काहेकि इ सबइ लोग दुस्ट अहइँ। इ सबइ लोग अइसे काम करत हीं जउन परमेस्सर क खिलाफ अहइँ। इ सबइ लोग झूठ बोलत हीं। तउ परमेस्सर एन लोगन क बरे कुपित बना रही अउ सजा देत रही।
18 बुराई एक ठु छोटकी सी आगी अहइ, आगी पहिले घास फूस अउर काँटन क बारत ह, फुन उ बड़की बड़की झाड़ियन अउ जंगल क बारइ लागत ह अउर अंत मँ जाइके उ बियापक आगी का रूप लइ लेत ह अउर हर वस्तु धुँआ बनिके ऊपर उड़ि जात ह।
19 सर्वसक्तिमान यहोवा कुपित अहइ। एह बरे इ प्रदेस भसम होइ जाइ। उ आगी मँ सबहिं लोग भसम होइ जइहीं। कउनो मनई आपन भाई तलक क बचावइ क जतन नाहीं करी। 20 तब ओनके आस-पास, जउन भी कछू होइ, उ पचे ओका जब दाहिन कइँती लेइहीं, या बाई कइँती स लेइहीं, भूखा ही रइहीं। फुन उ सबइ लोग आपुस मँ आपन ही परिवार क लोगन क खाइ लगिहीं। 21 (अर्थात् मनस्से, एप्रैम क खिलाफ लड़ी अउर एप्रैम मनस्से क खिलाफ लड़ाइ करी अउर फुन दुइनउँ ही यहूदा क खिलाफ होइ जइहीं।)
यहोवा इस्राएल स अबहिं भी कोहान अहइ। यहोवा ओकर लोगन क सजा देइ बरे अबहिं भी तत्पर अहइ।
10 ओन नेम बनावइवालन क लखा अउर जउन अनिआव स भरा नेम बनाइके लिखत हीं। अइसे नेम बनावइवाले अइसे नेम बनाइके लिखत हीं जेहसे लोगन क जिन्नगी दूभर होत ह। 2 उ पचे गरीब लोगन क खिलाफ नेम बतावइ बरे उचित मार्ग स हटत ही। उ पचे राँड़ क जब्त करत हीं अउर अनाथन क हिआँ चोरी करत हीं।
3 अरे ओ, नेम क बनावइवालो, जब तू पचन्क, जउन काम तू पचे किहा ह, ओनकर हिसांब देइ क होइ तब तू पचे का करब्या? सुदूर देस स तोहार पचन्क बिनास आवत अहइ। मदद बरे तू पचे केकरे लगे दउड़ब्या? तोहार पचन्क धन अउर तोहार पचन्क सम्पत्ति तोहार सबन्क रच्छा नाहीं करि पइहीं। 4 तू पचन्क एक ठु बंदी क नाई खाले निहुरइ ही होइ। तू पचे मुर्दा क नाई धरती मँ भहराइके प्रणाम करब्या किन्तु ओहसे तू पचन्क कउनो मदद नाहीं मिली। परमेस्सर तब भी कुपित रही। परमेस्सर तू पचन्क दण्ड देइ बरे तब भी तत्पर रही।
5 परमेस्सर कही, “मइँ एक छड़ी क रूप मँ अस्सूर क प्रयोग करब। मइँ किरोध मँ भरिके इस्राएल क सजा देइ बरे अस्सूर क प्रयोग करब। 6 अइसे लोगन क खिलाफ, जउन पाप करम करत ही जुद्ध करइ बरे मइँ अस्सूर क पठउब। मइँ ओन लोगन स कोहान हउँ अउर ओन लोगन स जुद्ध करइ बरे मइँ अस्सूर क आदेस देब। अस्सूर ओन लोगन क हराइ देइ अउर फुन ओनसे कीमती वस्तुअन छोरी लेइ। अस्सूर बरे इस्राएल गलियन मँ पड़ी उ धूरि जइसा होइ जेहसे उ आपन ओड़न तले रउँदी।
7 “किन्तु अस्सूर इ नाहीं समुझत ह कि मइँ ओकर प्रयोग करब। उ इ नाहीं सोचत कि उ मोर एक साधन अहइ। अस्सूर तउ बस दूसर लोगन क नस्ट करइ चाहत ह। अस्सूर की तउ मात्र इ जोजना अहइ कि उ बहोत स जातियन क नस्ट कइ देइ। 8 अस्सूर आपन मने मँ कहत ह, ‘मोर सबहिं राजकुमार राजा लोगन क समान अहइँ। 9 कलनो नगरी कर्कर्मास क जइसी अहइ अउर हमात नगर अर्पद नगर क जइसा अहइ। सीमरोन क नगरी दमिस्क नगर क जइसी अहइ। 10 मइँ एन सबहिं बुरे राज्जन क हराइ दिहेउँ ह अउर अब एन पइ मोर अधिकार अहइ। जउने मूरतियन क उ पचे लोग पूजा करत हीं, उ पचे यरूसलेम अउ सोमरोन क मूरतियन स जियादा अहइँ। 11 मइँ सोमरोन अउ ओकर मूरतियन क पराजित कइ दिहेउँ। मइँ यरूसलेम अउ ओकर मूरतियन का भी जेनका ओकर लोग बनाएन ह पराजित कइ देबउँ।’”
12 मोर सुआमी जब यरूसलेम अउ सिय्योन पर्वते क बरे, जउन ओकर योजना अहइ, ओकर बातन क करब खतम कइ देइ, तउ यहोवा अस्सूर क सजा देइ। अस्सूर क राजा बहोत अभिमानी अहइ। ओकर घमंड ओहसे बुरे करम करवाएस ह। तउ परमेस्सर ओका सजा देइ।
13 अस्सूर क राजा कहा करत ह, “मइँ बहोत बुद्धिमान अहउँ। मइँ खुद आपन बुद्धि अउ सक्ति स अनेक महान कारज किहेउँ ह। मइँ बहोत स जातियन क हराएउँ ह। मइँ ओनकर धन छोर लिहेउँ ह अउर ओनके लोगन क दास बनइ लिहेउँ ह। मइँ एक बहोत सक्तीसाली मनई हउँ। 14 मइँ खुद आपन हाथन स ओन सब लोगन क धन दौलत अइसे लइ लिहेउँ ह जइसे कउनो मनई चिरइयन क घोंसलन स अण्डन उठाइ लेत ह। चिरइयन जउन अक्सर आपन घोंसलन अउ अण्डन क तजि जात हीं अउर उ घोंसला क रखवारी करइ बरे कउनो भी नाहीं रहि जात। हुवाँ आपन पखनन अउ आपन चोंच स सोर मचावइ अउर लड़ाई करइ बरे कउनो पंछी नाहीं होत। एह बरे लोग अण्डन क उठाइ लेत हीं। इहइ तरह धरती क सबहि लोगन क उठाइ लइ जाइ स रोकइ बरे कउनो भी मनई हुवाँ नाहीं रहा।” सोमरोन क सक्ती पइ परमेस्सर क नियंत्रण
15 कुल्हाड़ा उ मनई स नीक नाहीं होत, जउन कुल्हाड़ा क चलावत ह। कउनो आरा उ मनई स नीक नाहीं होत, जउन उ आरे स काटत ह। किन्तु अस्सूर क विचार अहइ कि उ परमेस्सर स भी जियादा महत्वपूर्ण अउर बलवान अहइ। जउन ओका उठावत ह अउर कउनो क सजा देइ बरे ओकर प्रयोग करत ह। 16 अस्सूर क विचार अहइ कि उ महान अहइ किन्तु सर्वसक्तिमान यहोवा अस्सूर क दुर्बल कइ डावइवाली महामारी पठइ अउर अस्सूर आपन धन अउ आपन सक्ति क वइसे ही खोइ बइठी जइसे कउनो बेराम मनई आपन सक्ति गँवाइ बइठन ह। फुन अस्सूर क बैभव बर्बाद होइ जाइ। इ उ आगी क समान होइ जउन उ समय तलक बरत रहत ह जब तलक सब कछू खतम नाहीं होइ जात। 17 इस्राएल क प्रकास (परमेस्सर) एक आगी क समान होइ। उ पवित्तरतम लपट क नाई होइ। उ उ आगी क दाई होइ जउन खरपतवार अउर काँटन क तत्काल बार डावत ह। 18 अउर फुन बढ़िके बड़के बड़के बृच्छन अउर अंगूरे क बगीचन क बार देत ह अउर आखिर मँ सब कछू बर्बाद होइ जात ह हिआँ तलक कि लोग भी। अइसा उ समइ होइ जब परमेस्सर अस्सूर क बर्बाद कइ देइ। अस्सूर सड़त-गलत लट्ठा क जइसा होइ जाइ। 19 जंगल मँ होइ सकत ह थोड़ा स बृच्छ खड़ा रहि जाएँ। पर उ सबइ एतना थोड़ा स होइहीं कि कउनो बच्चा तलक गन सकी।
20 उ समइ, उ सबइ लोग जउन इस्राएल मँ जिअत रइहीं, यानी याकूब क बंस क इ सबइ लोग उ मनई पइ निर्भर नाहीं करत रइहीं जउन ओनका मारत पीटत ह। उ सबइ सचमुच उ यहोवा पइ निर्भर करब सीख जइहीं जउन इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर अहइ। 21 याकूब क बंस क उ सबइ बाकी बचे लोग सक्तीसाली परमेस्सर क फुन अनुसरण करइ लगिहीं।
22 जद्पि तोहार इस्राएली लोग सागर क रेत कणन क समान अहइँ तब पर ओनमाँ स कछू ही वापस मुड़ आवइ काहेकि परमेस्सर क निआव बाढ़ क नाई आवत हीं जउन हरेक चिजियन क पूरी तरह नास कइ देब। 23 मोर सुआमी सर्वसक्तिमान यहोवा, इ प्रदेस क निहचय ही बर्बाद करी।
24 मोर सुआमी सर्वसक्तिमान यहोवा कहत ह, “हे! सिय्योन मँ बसइया लोगो, अस्सूर स जिन डेराअ। उ भविस्स मँ तू पचन्क आपनी छड़ी स इ तरह पीटी जइसे पहिले मिस्र मँ तू पचन्क पीटे रहा। इ अइसा होइ जइसे माना तू पचन्क नोस्कान पहोंचावइ बरे अस्सूर कउनो लाठी क प्रयोग करत रहत होइ। 25 किन्तु थोड़े समइ क पाछे मोर किरोध सांत होइ जाइ, मोका संतोख होइ जाइ कि अस्सूर तू पचन्क काफी सजा दइ दिहस ह।”
26 एकरे पाछे सर्वसक्तिमान यहोवा अस्सूर क कोड़न स मारी। जइसा पहिले यहोवा जब ओरेब क चट्टान पइ मिद्यानियन क हराए रहा, तब भवा रहा। वइसा ही उ समइ होइ जब यहोवा अस्सूर पइ हमला करी। पहिले यहोवा मिस्र क सजा दिहे रहा। उ समुद्दर क ऊपर छड़ी उठाए रहा अउर मिस्र आपन लोगन क लइ गवा रहा। यहोवा जब अस्सूर स आपन लोगन क रच्छा करी, तब भी अइसा ही होइ।
27 अस्सूर तू पचन्पइ बिपत्तियन लियाइ। उ सबइ बिपत्तियन अइसे बोझन क नाई होइहीं, जेनका तू पचन आपन ऊपर एक जुए क रूप मँ उठावइ ही होइ। किन्तु फुन तोहार पचन्क गर्दन पइ उ जुए क उतारके लोकावा जाइ। उ जुआ तोहार पचन्क सक्ति (परमेस्सर) क जरिये तोरि दीन्ह जाइ।
इस्राएल पइ अस्सूर क फउज क हमला
28 अय्यात क निअरे फउजन प्रवेस होइ। मिस्रोन, मिग्रोन यानी “खलिहानन” क फउजन रउँदि डइहीं। फउजन एकरे खाइ क चीज क “कोठिलन” (मिकमास) मँ रखि देइहीं। 29 “पार करइ क ठउर” (माबरा) स फउजन नदी पार करिहीं। उ सबइ फउजन जेबा मँ राति बितइहीं। रामा डेराइ जाइ। साउल क गिबा क लोग निकरिके परइहीं।
30 हे गल्लीम क पुत्री चिल्ला! हे लैसा सुना! हे, अनातोत मोका जवाब द्या। 31 मदसेना क लोग भागत परात अहइँ। गेबीम क लोग लुकान अहइँ। 32 आजु फउज नोब मँ टिकी अउर यरूसलेम क पर्वते पइ सिय्योन पइ चढ़ाई करइ क तैयारी करी।
33 लखा! हमार सुआमी सर्वसक्तीमान यहोवा बिसाल बृच्छ (अस्सूर) क काटि गिराई। यहोवा आपन महान सक्ति स अइसा करी। बड़के अउर महत्वपूर्ण लोग काट गिरावा जइहीं। उ पचे महत्वहीन होइ जइहीं। 34 यहोवा आपन कुल्हाड़ा स जँगल क काटि डाइ। अउर लबानोन क बिसाल बृच्छ (मुखिया लोग) गिर पड़िहीं।
गैर यहूदियन मँ पौलुस क प्रचार-काम
3 इही बरे मइँ, पौलुस तू गैर यहूदियन क तरफ स मसीह ईसू बरे बंदी बना हउँ। 2 तोहरे कल्लयान बरे परमेस्सर अनुग्रह क साथे जउन काम मोका संउपे अहइ, ओकरे बारे मँ तू जरुर ही सुने होब्या। 3 कि उ रहस्यमयी योजना दिव्यदर्सन क द्वारा मोका जनाई गइ रही, जइसेन कि मइँ तू सबन क संक्षेप मँ लिख ही चुका अहउँ। 4 अउर अगर तू पचे ओका पढ़ब्या तउ मसीह-बिसयक रहस्यपूर्ण सच मँ मोरी अन्तरदृस्टी क समझ तू पचन क होइ जाइ। 5 इ रहस्यमय सत्य पिछली पीढ़ीक लोगन क वइसेन ही नाहीं जनावा गवा रहा जइसे जब ओकर आपन पवित्तर प्रेरितन अउर नबियन क आतिमा क द्वारा जनावा जाई चुका बा।
6 इ रहस्यमय सत्य अहइ कि यहूदियन क साथे गैर यहूदियन साथ साथ उत्तराधिकारी अहइँ, एक्कइ सरीर क अंग अहइँ अउर मसीह ईसू मँ जउन बचन हमका दीन्ह गवा बा ओहमन सहभागी बाटेन।
7 सुसमाचार क कारण मइँ ओह सुसमाचार क प्रचार करइवाला एक सेवक बन गवा अहउँ। जउन ओकर सक्ती क अनुसार परमेस्सर क अनुग्रह क बरदान स्वरूप मोका दीन्ह गवा रहा। 8 जद्यपि सभन संतजनन मँ मइँ छोट स छोटकवा हउँ परन्तु मसीह क अनन्त धन रूपी सुसमाचार क गैर यहूदियन मँ प्रचार करइ क इ बिसेस अधिकार मोका दीन्ह गवा 9 कि मइँ सभन जने क बरे ओन रहस्यपूर्ण जोजना क स्पस्ट करउँ जउन सब कछू क सिरजनहार परमेस्सर मँ सिस्टी क प्रारम्भ स ही छुपी रहिन। 10 ताकि उ सरगे क क्षेत्र क सक्तियन अउर प्रसासकन क अब ओह परमेस्सर क विधी गियान क कलीसिया क द्वारा परगट कई सकइ। 11 इ ओह सनातन प्रयोजन क अनुसार सम्पन्न भवा जउन ओ हमरे पर्भू मसीह ईसू मँ पूरा किहे रहा। 12 मसीह मँ बिसवास क कारण हम परमेस्सर तलक भरोसा अउर निडरता क साथे पहुँच रखत अही। 13 इही बरे मइँ पराथना करत हउँ कि तोहरे बरे मइँ जउन यातना भोगत हउँ, ओनसे आसा जिन छोड़ बइठ्या काहेकि इ यातना मँ तउ तोहर महिमा बा।
मसीह क पिरेम
14 इही बरे मइँ परमपिता क आगे निहुरत अहउँ। 15 उहइ स सरगे मँ या धरती पइ क सभन वंस आपन-आपन नाउँ ग्रहण करत हीं। 16 मइँ पराथना करत हउँ कि उ महिमा क आपन-धने क अनुसार आपन आतिमा क दुवारा तोहरे भीतर व्यक्तित्व क सक्तिपूर्वक सदृढ करइ। 17 मइँ पराथना करत हउँ कि बिसवासे क दुआरा तोहरे हीये मँ मसीह क निवास होइ। तोहरे जीवन मँ पिरेम दृढ़ अउर आधारित होइ। 18 मइँ परातथना करत हउँ कि जेहसे तोहका अउर परमेस्सर क पवित्तर लोगन क साथे इ समझई क सक्ती मिलि जाइ कि मसीह क पिरेम केतना व्यापक, विस्तृत, विसाल अउर गम्भीर बा। 19 अउर तू मसीह क ओह पिरेम क जान ल्या जउन सभन प्रकार क गियन (सोनों) स परे अहइ ताकि तू परमेस्सर क सभन पूरापन स भरि जा।
20 अब ओह परमेस्सर क बरे जउन आपन ओह सक्ति स जउन हममें काम करत ब। जेतना हम माँग सकीत अही या जहाँ तलक हम सोच सकीत अही, ओहसे कहूँ अधिक कइ सकत ह। 21 ओकर कलीसिया मँ अउर ईसू मसीह मँ अनन्त पीढ़ियन तलक हमेसा-हमेसा बरे महिमा होत रहइ। आमीन।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.