Old/New Testament
1 मइँ यहोवा स पिरेम करत हउँ जब उ मोर पराथनन क सुनत ह
अउर एकर जवाब देत ह।
2 मइँ ओका पिरेम करत हउँ काहेकि उ मोर सुनत ह।
मइँ आपन सारी जिन्नगी ओका मदद बरे बुलावत हउँ।
3 मइँ लगभग मरि चुका रहेउँ।
मोरी चारिहुँ कइँती मउत क रस्सा बँधि चुका रहेन।
कब्र मोका लीलत रही।
मइँ डेरान रहेउँ अउर मइँ चिंतित रहेउँ।
4 तब मइँ यहोवा क ओकर मदद लेइ बरे गोहराएउँ,
मइँ कहेउँ, “यहोवा, मेहरबानी कइक मोका बचाइ ल्या।”
5 यहोवा खरा अहइ अउर दया स पूर्ण अहइ।
परमेस्सर करुणा स पूर्ण अहइ।
6 यहोवा असहाय लोगन क देख-रेख करत ह।
मइँ परेसानी मँ रहेउँ अउर यहोवा मोका बचाएस।
7 हे मोर प्राण, फुन स आराम करा।
काहेकि यहोवा तोहार देख-रेख करत ह।
8 हे परमेस्सर, तू मोर प्राण मउत स बचाया।
मोर आँसुअन क तू रोक्या
अउर गिरइ स तू मोका थाम लिहा।
9 जीवित लोगन क धरती मँ
मइँ यहोवा क सेवा करत हउँ।
10 मइँ लगातार बिस्सास बनाए राखेउँ हिआँ तलक कि जब मइँ कहि दिहे रहेउँ,
“मइँ बहोत पीड़ा मँ होइ गवा रहेउँ।”
11 मइँ हिआँ तलक बिस्सास संभाले राखेउँ जब कि मइँ डेरान रहेउँ अउर मइँ कहेउँ,
“सबहिं लोग झूठा अहइँ।”
12 मइँ भला यहोवा क ओन नीक कामन क बदले मँ का अर्पित कइ सकत हउँ
जउन उ मोर बरे किहेस?
13 मइँ ओका पेय भेंट देब
काहेकि उ मोका बचाएस ह।
मइँ यहोवा पइ आस्रित रहब।
14 मइँ यहोवा क लोगन क समन्वा आपन बचन क पूरा करब
जउन मइँ ओहसे किहे रहेउँ।
15 हिआँ तलक कि कउनो एक मउत भी ओन लोगन क जउन यहोवा बरे अपराध किहेन ह,
ओकरे बरे बहोत महत्वपूर्ण अहइ।
16 हे यहोवा मइँ तोहार एक
मेहरारु नउकर क सन्तान हउँ।
हे यहोवा, तू ही मोका मोरे बंधन स अजाद किहा।
17 मइँ तोहका एक धन्यवाद बलि अर्पित करब।
मइँ यहोवा क नाउँ स गोहराउब।
18 मइँ यहोवा क लोगन क समन्वा आपन वचन क पूरा किहेउँ ह
जउन मइँ ओहसे किहे रहेउँ।
19 मइँ यहोवा क मन्दिर क आंगन मँ जाब
जउन यरूसलेम मँ अहइ।
यहोवा क क स्तुति करब।
1 समूचइ रास्ट्रन यहोवा क नाउँ क बड़कई करा।
हे लोगो, यहोवा क गुण गावा।
2 काहेकि उ हम पइ बहोत पिरेम दिखावत ह।
ओकर बिस्सास सदा-सदा बरे रही।
यहोवा क बड़कई करा।
1 मइँ यहोवा क धन्यवाद देत हउँ, काहेकि उ नीक अहइ।
ओकर पिरेम सदा ही रहत ह।
2 इस्राएल इ कहइ द्या,
“ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही रहत ह।”
3 याजक अइसा कहत हीं,
“ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा अटल रहत ह।”
4 तू लोग जउन यहोवा क उपासना करत अहा, कहा करत अहा,
“ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही अटल रहत ह।”
5 मइँ परेसानी मँ रहेउँ, एह बरे मइँ मदद बरे यहोवा क पुकारेउँ।
उ मोका जवाब दिहस अउर यहोवा मोका अजाद किहस।
6 यहोवा मोरे कइँती अहइ, मइँ कबहुँ नाहीं डेराब।
लोग मोका कउनो हानि नाहीं पहोंचावइ सकतेन।
7 यहोवा मोर सहायक अहइ।
मइँ आपन दुस्मनन क हारा देखब।
8 मनइयन पइ भरोसा रखइ स
यहोवा पइ भरोसा राखब उत्तिम अहइ।
9 इ हमेसा उत्तिम अहइ कि पहिले आपन यहोवा पइ भरोसा करा
तउ आपन मुखियन पइ।
10 मइँ आपन दुस्मनन दुआरा घेरि लिहे गवा रहेउँ।
यहोवा क सक्ति स मइँ आपन बैरी लोगन क हराइ दिहेउँ।
11 बहोत सारा दुस्मनन मोका चारिहउँ कइँती स घेरि लिहन ह।
मइँ आपन दुस्मन क यहोवा क सक्ति स हराएउँ।
12 दुस्मनन मोका मधु माखियन क झुण्ड क नाई घेरि लिहन।
मुला, उ सबइ हाली बरत भइ झाड़ी क नाई बर्बाद भएन।
यहोवा क सक्ति स मइँ ओका हराएउँ ह।
13 मोर दुस्मनन मोह पइ वार किहन अउ मोका लगभग बर्बाद कइ दिहन
मुला यहोवा मोका सहारा दिहस।
14 यहोवा मोर सक्ति अउर मेार विजय गीत अहइ।
अउर उ रच्छक बनि गवा ह।
15 सज्जनन क घर मँ जउन विजय पर्व मनत अहइ तू ओका सुन सकत ह।
देखा, यहोवा आपन महासक्ति फुन देखाएस ह।
16 यहोवा क भुजन विजय मँ उठी भइ अहइँ।
देखा यहोवा आपन महासक्ति फुन स देखाएस।
17 मइँ जिअत रहब, मइँ मरब नाहीं,
अउर जउन करम यहोवा किहस ह, मइँ ओन लोगन क गनती फुन स करब।
18 यहोवा मोका दण्ड दिहस,
मुला उ मोका मरइ नाहीं दिहस।
19 सच्चाई क दुआरन क खोला,
ताकि मइँ भीतर आइ पाउँ अउर यहोवा क आराधना करउँ।
20 यहोवा क मौजूदगी मँ जाइ क दुआर हिआँ अहइ।
बस सिरिफ धर्मी लोग ही ओन दुआरन स होइके जाइ सकत हीं।
21 हे यहोवा, मोर पराथना क जवाब देइ बरे
अउर मोका रच्छा करइ बरे तोहका धन्यवाद देत अहउँ।
22 जउन पाथार क राज मिस्त्रियन नकार दिहे रहेन
उहइ पाथर क प्रयोग कोना क पाथर क रूप मँ कीन्ह गवा।
23 यहोवा इ घटना क होइ दिहस।
अउर हम सबइ एहमाँ अद्भूत महसूस कीन्ह।
24 इ उहइ दिना अहइ जेका यहोवा बनाएस ह।
आवा हम खुसी क अनुभव करी अउर आजु आनन्दित होइ जाइ।
25 लोग कहेन, “हे यहोवा, हम पचन क बचाव करा,
हे यहोवा हमार रच्छा करा।
26 उ मनई धन्न होइ जउन यहोवा क नाउँ मँ आवत अहइ।”
“मइँ यहोवा क घर मँ तोहार स्तुति करित हउँ।
27 यहोवा परमेस्सर अहइ।
उ आपन प्रकास स हम पचन क छाया दिहेस ह।
वेदी क कोनन पइ भेंट क मेमना क बाँधा।”
28 हे यहोवा, तू हमार परमेस्सर अहा, अउर मइँ तोहार धन्यवाद करत हउँ।
मइँ तोहार गुण गावत हउँ, हे मोर परमेस्सर।
29 यहोवा क बड़कई करा काहेकि उ उत्तिम अहइ।
ओकर सच्ची करुणा सदा-सदा बनी रहत ह।
बियाह
7 अब इन बातन क बारे मँ जउन तू लिखे रह्या: अच्छा इ बा कि कउनउ मनई कीहीउ स्त्री स बियाह न करइ। 2 मुला यौन अनैतिकता क घटना क सम्भावनावन क कारण हर पुरूस क आपन पत्नी होइ चाही अउर हर स्त्री क आपन पति। 3 पति क चाही कि पत्नी क रूप मँ जउन कछू पत्नी क अधिकार बनत ह, ओका देइ। अउर इही तरह पत्नी क भी चाही कि पति क ओकर यथोचित प्रदान करइ। 4 अपने सरीर पर पत्नी क कउनउ अधिकार नाहीं बा, बल्कि ओकरे पति क बा। अउर इही तरह पति क ओकरे अपने सरीर पर कउनउ अधिकार नाहीं बा, बल्कि ओकरे पत्नी क अहइ। 5 अपने आप क पराथना मँ समर्पित करइ क बरे थोड़े समइ तक एक दूसरे स समागम न करइ क आपसी सहमति क छोड़िके, एक दूसरे क संभोग स वंचित जिन करा। फिन आतिमा संयम क अभाउ क कारण कहूँ सइतान तोहे कउनउ परीच्छा मँ न डालि देइ, इही बरे तू फिन समागम कइ ल्या। 6 मइँ इ एक छूट क रूप मँ कहत रहत हउँ, आदेस क रूपें मँ नाहीं।
7 मइँ तउ चाहित हउँ सभन लोग मोरे जइसेन होतेन। मुला हर मनई क परमेस्सर स एक विंशेष बरदान मिला बा। कीहीउ क जिअइ क एक ढंग बात त दुसरे क दूसर।
8 अब मोका अविवाहितन अउर विधवा क बारे मँ इ कहब बा: अगर उ हमरे समान अकेल ही रहइँ तउ ओकरे बरे इ अच्छा रही। 9 मुला अगर उ पचे अपने आप पर काबू न रख सकइँ तउ ओन्हे बियाह कइ लेइ चाही, काहेकि वासना क आग मँ जलत रहइ स विआह कइ लेब अच्छा बा।
10 अब जउन विवाहित अहउँ ओनका हमार ई आदेस बा, यद्यपि इ हमार नाहीं बा बल्कि पर्भू क आदेस बा कि कउनउ पत्नी आपन पति क न तियागइ चाही। 11 मुला अगर उ ओका छोड़िही देइ तउ ओका फिन अनब्याहा ही रहइ चाही या अपने पति स मेल-मिलाप कइ लेइ चाही। अउर अइसेन ही पती क अपनी पत्नी क छोड़इ न चाही।
12 अब सेस लोगन स मोर इ कहब बा: (ई मइँ कहत हउँ न कि पर्भू) अगर कि कउनो मसीही भाई क कउनउ अइसी पत्नी बा जउन ऍह मते मँ बिसवास नाहीं रखत अउर ओकरे साथे रहइ क सहमत बा त ओका तियाग देइ चाही। 13 अइसेन ही अगर कउनो स्त्री क कउनउ अइसेन पति बा जउन पथ क बिसवासी नाहीं अहइ मुला ओकरे साथे रहइ क सहमत बा त ओह स्त्री क भी आपन पति तियागइ न चाही। 14 काहेकि उ अबिसवासी पति बिसवासी पत्नी क लगे क सम्बन्ध क कारण पवित्तर होइ जात ह अउर इही तरह उ अबिसवासी पत्नी अपने बिसवासी पति क हमेसा साथ रहे स पवित्तर होइ जात ह। नाहीं तउ तोहार सन्तान अस्वच्छ होइ जात मुला अब तउ उ पचे पवित्तर बाटेन।
15 फिन भी अगर केउ अविसवासी अलग होइ चाहत ह तउ उ अलग होइ सकत ह। अइसन स्थितियन मँ कउनो मसीह भाई या बहिन पर कउनउ बंधन लागू न होई। परमेस्सर हमका सान्ति क साथे रहइ क बोलाए अहइ। 16 हे पत्नियो, का तू पचे जानत अहा? होइ सकत ह तू अपने अबिसवासी पति क बचाइ ल्या। हे पति, का तू जानत ह? होइ सकत ह तू अपने अबिसवासी पत्नी क बचाइ ल्या।
जइसन अहा, वइसेइ जिआ
17 पर्भू जेका जइसेन दिहे अहइ अउर जेका जेह रूप मँ चुनें अहइ, ओका वइसेन ही जियइ चाही। सभन कलीसियन मँ मइँ इही क आदेस देत हउँ। 18 जब किहू क परमेस्सर क द्वार बोलावा गवा, तब अगर उ खतना युक्त रहा तब ओका आपन खतना छिपावइ न चाही। अउर किहू क अइसेन दसा मँ बोलावा गवा जब उ बिना खतना क रहा तउ ओकर खतना करावइ न चाही। 19 खतना तउ कछू नाहीं बाटइ अउर न ही खतना न होब कछू बा। बल्कि परमेस्सर क आदेसन क पालन करब ही सब कछू अहइ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.