Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
अय्यूब 22-24

एलीपज क जवाब

22 फुन तेमान क एलीपज जवाब देत भए कहेस।

“परमेस्सर क कउनो भी मनई सहारा नाहीं दइ सकत,
    हिआँ तलक कि उ भी जउन बहोत बुद्धिमान मनई होइ परमेस्सर बरे हितकर नाहीं होइ सकत।
अगर तू उहइ किहा जउन उचित रहा एहसे सर्वसक्तीमान परमेस्सर क आनन्द नाहीं मिली,
    अउर अगर तू खरा रहा हवा तउ एहसे ओका पछू नाहीं मिली।
अय्यूब तोहका परमेस्सर काहे सजा देत ह अउर काहे तोह पइ दोख लगावत ह?
    का इ एह बरे कि तू भक्त अहा।
नाहीं, इ सबइ एह बरे कि तू बहोत स पाप किहा ह, अय्यूब,
    तोहार पाप नाहीं रुकत अहइँ।
अय्यूब, होइ सकत ह कि तू आपन कउनो भाई क कछू चिज बिना कउनो कारण क गिरवी रख सकत ह।
    होइ सकत ह कि तू कउनो दीन मनइ क ओढ़ना रख लिहे ह्वा अउर ओनका नंगा बना किहे हवा्।
तू थके-माँदे लोगन क पानी नाहीं दिहा,
    तू भुखान मनइयन क भोजन नाहीं दिहा।
अय्यूब, अगर तू सक्तीसाली अउ धनी रह्या, तू ओन लोगन क सहारा नाहीं दिहा।
    तू बड़का जमींदार अउ समरथ वाला मनई रह्या।
मुला तू राँड़ अउरतन क बगइर कछू दिहे लउटाइ दिहा।
    अय्यूब, तू अनाथ गदेलन क लूट लिहा अउर ओनसे बुरा बेउहार किहा।
10 एह बरे तोहरे चारिहुँ कइँती जाल बिछा भवा अहइँ
    अउर तोहका एकाएक आवत विपत्तियन डेरावत हीं।
11 एह बरे घना अँधियारा तोहका ढाँक लिहस ह
    अउर एह बरे बाढ़ क पानी तोहका लीलत बाटइ।

12 “परमेस्सर अकास क सब स ऊँच हींसा मँ रहत ह।
    उ आपन जगह स सबन स ऊँच तारन क लखइ बरे खाले लखत ह।
13 मुला अय्यूब, तू का करत ह, ‘परमेस्सर कछू नाहीं जानत,
    करिया बदरन स कइसे परमेस्सर हमका जाँच सकत ह
14 धना बादर ओका छुपाइ लेइ हीं,
    एह बरे जब उ आकास क सबन ऊँच हींसा मँ बिचरत ह तउ हमका ऊपर अकासे स लखि नाहीं सकत।’

15 “अय्यूब, तू उ ही पुरानी राह पइ
    जेन पइ दुस्ट लोग चला करत हीं, चलत अहा।
16 आपन मउत क समइ स पहिले ही दुट्ठ लोग मर गएन।
    बाढ़ ओनका बहाइके लइ गइ रही।
17 इ सबइ उहइ लोग अहइँ जउन परमेस्सर स कहत हीं, ‘हमका अकेल्ले तजि द्या।’
    उ पचे सोचेन कि ‘सर्वसक्तीमान परमेस्सर हमार कछू नाहीं कइ सकत ह।’
18 मुला परमेस्सर ओन लोगन क कामयाब बनाएस ह अउर ओनका धनवान बनाइ दिहा।
    मुला मइँ उ ढंग स जेहसे दुस्ट सोचत हीं, अपनाइ नाहीं सकत हउँ।
19 सज्जन जब बुरे लोगन क नास देखत हीं, तउ उ पचे खुस होत हीं।
    पाप स रहीत लोग दुस्टन पइ हँसत हीं, अउर कहा करत हीं।
20 ‘हमार दुस्मन फुरइ नस्ट होइ गएन।
    आगी ओनके धने क बारि देत ह।’

21 “अय्यूब, अब खुद क तू परमेस्सर क अर्पित कइ दया, तब तू सान्ति पउब्या।
    अगर तू अइसा करा तउ तू धन्य अउर कामयाब होइ जाब्या।
22 ओकर सीख अपनाइ ल्या
    अउर ओकरे सब्द आपन मने मँ सुरच्छित रखा।
23 अय्यूब, अगर तू फुन सर्वसक्तीमान परमेस्सर क लगे आवा तउ फिन स पहिले जइसा होइ जाइ।
    तोहका अपने घरे स पाप क बहोत दूर करइ चाही।
24 तोहका सोना क धूरि क नाई
    अउर ओफीर क सोना क नदी क तराई क चट्टान क नाई समझइ चाही।
25 तब सर्वसक्तीमान परमेस्सर तोहरे बरे सोना
    अउर चाँदी बन जाइ।
26 तब तू बहोत खुस होब्या अउर तोहका सुख मिली।
    परमेस्सर क समन्वा तू बिना कउनो सर्म क मूँड़ि उठाइ सकब्या।
27 जब तू ओकर बिनती करब्या तउ उ तोर सुना करी,
    जउन प्रतिग्या तू ओहसे किहे रह्या, तू ओका पूरा कइ सकब्या।
28 जउन कछू तू करब्या ओहमाँ तोहका कामयाबी मिली,
    तोहरे रास्ते पइ प्रकास चमकी।
29 परमेस्सर अहंकारी जन क लज्जित करी,
    मुला परमेस्सर नम्र मनई क रच्छा करी।
30 परमेस्सर जउन मनई भोला नाहीं अहइ ओकर भी रच्छा करी,
    तोहरे हाथन क सफाई स ओका उद्धार मिली।”

अय्यूब जवाब देत ह

23 फिन अय्यूब जवाब देत भए कहेस।

“मइँ आजु भी बुरी, सिकाइत करत हउँ कि परमेस्सर मोका कर्री सजा देत अहइ,
    एह बरे मइँ सिकाइत करत रहत हउँ।
कास! मइँ इ जान पावत कि ओका कहाँ हेरउँ।
    कास! मइँ इ जान पावत कि परमेस्सर क लगे कइसे जाउँ।
मइँ आपन मुकद्मा क सफाई परमेस्सर क समन्वा पेस करब्य्।
    मइँ आपन क निर्दोख साबित करइ बरे बहस करब्या।
मइँ इ जानइ चाहत हउँ कि परमेस्सर कइसे मोरे दलीलन क जवाब देत ह,
    तब मइँ परमेस्सर क जवाब समुझ पउतेउँ।
का परमेस्सर आपन महासक्ती क संग मोरे खिलाफ होत?
    नाहीं! उ मोर सुनी।
मइँ एक नेक मनई हउँ।
    परमेस्सर मोका आपन कहानी क कहइ देइ, तब मोर निआउ कत्ती परमेस्सर मोका अजाद कइ देइ।

“मुला अगर मइँ पूरब क जाउँ तउ परमेस्सर हुआ नाहीं अहइ
    अउर अगर मइँ पच्छिउँ क जाउँ तउ भी परमेस्सर मोका नाहीं देखात ह।
परमेस्सर जब उत्तर मँ छिपत ह[a] तउ मइँ ओका देख नाहीं पावत हउँ।
    जब परमेस्सर दक्खिन क छिपत ह तउ भी उ मोका नाहीं देखात ह।
10 मुला परमेस्सर मोरे हर चरण क लखत ह, जेका मइँ उठावत हउँ।
    जब उ मोर परीच्छा लइ उठी तउ उ लखी कि मोहमाँ कछू भी बुरा नाहीं अबइ,
    उ लखी कि मइँ खरा सोना जइसा अहउँ।
11 परमेस्सर जउन चाहत ह मइँ हमेसा उहइ पइ चलत हउँ
    मइँ कबहुँ भी परमेस्सर क राहे पइ चलइ स नाहीं रुकेहउँ।
12 मइँ हमेसा उहइ बात करत हउँ जेनकर आसा परमेस्सर देत ह।
    मइँ आपन मुँहे क भोजन स जियादा परमेस्सर क मुँहे क सब्दन स पिरेम किहेउँ ह।

13 “मुला परमेस्सर एक मन वाले अहा,
    अउर कउनो भी ओका बदल नाहीं बदलत।
    परमेस्सर जउन चाहत ह उहइ करत ह।
14 परमेस्सर जउन भी जोजना मोरे विरोध मँ बनाइ लिहस ह उहइ करी,
    ओकरे लगे मोरे बरे अउर भी बहोत सारी जोजना अहइँ।
15 एह बरे मइँ ओसे डेरात हउँ।
    एह बरे परमेस्सर मोका भयभीत करत ह।
16 परमेस्सर मोर हिरदइ क दुर्बल करत ह अउर मोर हिम्मत टूट जात ह।
    सर्वसक्तीमान परमेस्सर मोका भयभीत करत ह।
17 अगर तउ मोर मुहँ सघन अँधियारा ढकत ह
    तउ भी अँधियारा मोका चुप नाहीं कइ सकत ह।

24 “सर्वसक्तीमान परमेस्सर काहे नाहीं निआउ करइ बरे समइ मुकर्रर करत ह?
    लोग जउन परमेस्सर क मानत हीं ओनका काहे निआउ क समइ क बेकार बाट जोहइ क पड़त ह?

“लोग आपन धन दौलत क चीन्हन क, जउन ओकर चउहद्दी बतावत हीं, सरकावत रहत हीं ताकि आपन पड़ोसी क थोड़ी अउर धरती हड़प लेइँ।
    लोग पसु क चोराइ लेत हीं अउर ओनका दूसर चरागाहन मँ हाँक लइ जात हीं।
अनाथ बच्चन क गदहन क उ पचे चोराइ लइ जात हीं।
    उ पचे राँड़ मेहरारुअन क बर्धन खोल लइ जात हीं जब तलक कि उ ओनकर कर्ज नाहीं चुकावत हीं।
उ पचे दीन जन क मजबूर करत ही कि उ तजिके दूर हटि जाइके मजबूर होइ जात ह,
    एन दुस्टन स खुद क छुपावइ क।

“उ सबइ दीन लोग ओन जंगली गदहन जइसे अहइँ जउन मरु भूमि मँ आपन चारा हेरा करत हीं।
    गरीबन अउ ओनकर बच्चन क मरुभूमि भोजन देत रहत ह।
गरीब लोगन क कउनो दूसर क खेत मँ अनाज काटइ चाही।
    दुस्टन क अंगूरन क बगियन स बच भवा फलन उ पचे चुना करत हीं।
दीन लोगन क बगइर ओढ़नन क सबइ रात बितावइ क होइ।
    सर्दी मँ ओनके लगे आपन क ढाँकइ बरे कछू नाहीं होइ।
उ पचे बर्खा स पहाड़न मँ भिज गवा अहइँ, ओनका बड़की चट्टानन स लिपट क रहइ क होइ,
    काहेकि ओनके लगे कछू नाहीं जउन ओनका मौसम स बचाइ लेइ।
बूरे लोग ओन गदेलन क जेकर बाप नाहीं अहइ ओनकर महतारी स छिन लेत हीं।
    उ पचे गरीब लोगन क आपन दास बनावत हीं।
10 गरीब लोगन क लगे ओढ़ना नाहीं होत हीं।
यह बरे ओन लोगन क नंगा ही घूमइ क होइ।
    उ पचे दुस्टन क गठरी क भार ढोवत हीं, मुला फुन भी उ पचे भुखान रहत हीं।
11 गरीब लोग जइतून क तेल पेरिके निकारत हीं।
    उ पचे कुंडन मँ अगूर सूँदत हीं फुन भी उ पचे पिआसा रहत हीं।
12 मरत भए लोग जउन आहें भरत हीं उ सबइ सहर मँ सुनाइ पड़त ह।
    सतावा भवा लोग सहारा क पुकारत हीं, मुला परमेस्सर नाहीं सुनत ह।

13 “कछू अइसे लोग अहइँ जउन प्रकास क खिलाफ होत हीं।
    उ पचे नाहीं जानइ चाहत हीं कि परमेस्सर ओनसे का करवावइ चाहत ह।
    परमेस्सर क राह पइ उ पचे नाहीं चलत हीं।
14 हत्यारा भिंसारे जाग जात ह गरीबन अउ जरुरतवाले लोगन क हत्या करत ह।
    उ राति मँ चोर क नाई बन जात ह।
15 उ मनई जउन बिभिचार करत ह, रात आवइ क बाट जोहा करत ह,
    उ सोचत ह, ‘ओका कउनो नाहीं लखी’ अउर उ आपन मुँह ढाँपि लेत ह।
16 दुटठ मनई जब रात मँ अँधेरा होत ह तउ सेंधे लगाइके घरे मँ घुसत हीं।
    मुला दिन मँ उ पचे आपन हि घरन मँ छुपा रहत हीं।
    उ पचे प्रकास स बचत हीं।
17 ओन दुट्ठ लोग्गन क आँधियारा सबुह क नाई होत ह,
    उ पचे आतंक अउ आँधियारा क मीत होत हीं।

18 “‘दुट्ठ लोग अइसे बाहइ दीन्ह जात हीं जइसे झाग बाढ़ क पानी पाइ।
    उ धरती अभीसाप स ढकी बा जेकर उ पचे मालिक अहइँ।
    कउनो भी अंगूर क बगियन मँ अंगुर जमा करइ बरे नाहीं जात ह।
19 जइसे गरम व सूखा मौसम पिघलत बरफ क पानी क सोख लेत ह,
    वइसे ही दुस्ट लोग कब्र क जरिये लील जइहीं।
20 दुस्ट मनइयन मरइ क पाछे ओकर महतारी तलक ओका बिसरि जाइ।
    दुस्ट लोगन क देह क कीरा खाइ जइहीं।
कउनो भी ओन लोगन क याद नाहीं रखइहीं।
    दुस्ट जन गिरे भए बृच्छ क नाई नष्ट कीन्ह जइहीं।
21 दुस्ट मनई बाँझ मेहरारुअन क सतावा करत हीं।
    उ पचे उ तरह क मेहरारु क दुःख देत हीं।
उ पचे कउनो भी राँड़ अउरत बरे
    दाया नाहीं देखाँवत हीं।
22 दुस्ट मनई आपन सक्ती क उपयोग बलसाली क नस्ट करइ बरे करत हीं।
    बुरे लोग सक्तीसाली होइ जइहीं मुला आपन ही जन्नगी क भरोसा नाहीं होइ
    कि उ पचे जियादा दिन जी पइहीं।
23 होइ सकत ह कि तनिक समइ बरे परमेस्सर सक्तीसाली क सुरच्छित रहइ देइ,
    मुला परमेस्सर सदा ओन पइ आँखी रखत ह।
24 दुस्ट मनई तनिक समइ बरे कामयाबी पाइ जात हीं, मुला फुन उ पचे नस्ट होइ जात हीं।
    दूसर लोगन क तरह उ पचे भी मुर्झा जात हीं अउर उदास होइ जात हीं।
    अनाजे क कटी भइ बाले क नाई उ पचे गिर जात हीं।’

25 “अगर इ सबइ बातन फुरइ नाहीं अहइँ
    तउ कउन सिध्द कइ सकत ह कि मइँ झूठ कहेउँ ह?
    कउन देखाँइ सकत ह कि मोर सब्द सत्तय नाहीं अहइँ?”

प्रेरितन क काम 11

पतरस क यरूसलेम लौटब

11 समूचइ यहूदिया मँ भाइयन अउर प्रेरितन सुनेन कि परमेस्सर क बचन गैर यहूदी भी मान लिहे अहइँ। तउ जब पतरस यरुसलेम पहोंचा तउ उ पचे जउन खतना क चाहत रहेन, ओकर नुक्ताचीनी किहेन। उ सबइ कहेन, “तू खतना क बिना मनइयन क घरे गवा अहा अउर तू ओनकइ संग खइया क खाया ह!”

ऍह पइ पतरस सच जउन भवा रहा, ओका सुनावइ समुझावइ लाग। “मइँ याफा सहर मँ पराथना करत भवा समाधि मँ एक दर्सन कीन्ह। मइँ निहारेउँ कि एक बड़की चद्दर जइसी कउनो चीज खाले उतरत बा, ओका चारिहुँ कोना स धइके अकासे स धरती प उतारा जात अहइ। फिन उ उतरिके मोरे लगे आइ गइ। मइँ ओका धियान स लखेउँ कि ओहमाँ धरती क चौपाया जीव-जतुं, जंगली पसु रेंगइ वाला जीव अउर अकासे क पंछी रहेन। फिन मइँ एक अवाज सुनेउँ, जउन मोसे कहत रही, ‘पतरस उठा, मारा अउर खाइ ल्या।’

“मुला मइँ कहेउँ, ‘पर्भू, निहचय रूप स तउ नाहीं, काहेकि मइँ कबहुँ भी कउनो तुच्छा या समइ क अनुसार कउनो बे पवित्तर अहार क नाहीं खाएउँ ह।’

“अकास स दूसर दाई उ अवाज फिन कहेस, ‘जेका परमेस्सर पवित्तर बनएस ह, ओका तू अपवित्तर जिन समुझा।’

10 “तीन दाई अइसा ही भवा। फिन उ सब अकास मँ वापिस उठाइ लीन्ह गवा। 11 उहइ समइ जहाँ मइँ ठहरा रहेउँ, उ घरे मँ तीन मनई आइ गएन। उ पचे मोरे लगे कैसरिया स पठवा ग रहेन। 12 आतिमा मोका ओनकइ संग बेझिझके चला जाइ बरे कहेस। इ छ: भाई भी मोरे संग गएऩ। अउर हम पचे उ मनई क घरे मँ चला गए। 13 उ हमका बताएस कि एक सरगदूत क आपन घरे मँ ठाड़ उ कइसे लखेस। जउऩ कहत रहा, ‘याफा पठइके पतरस कहावावइवाला समौन क बोलवाइ ल्या। 14 उ तोहका बचन सुनाई जेहॅसे तोहार परिवार क उद्धार होइ।’

15 “जब मइँ प्रबचन सुरु कीन्ह तब पवित्तर आतिमा ओन पइ उतरि आइ। ठीक वइसेन जइसे सुरू मँ हम पइ उतरी रही। 16 फिन मोका पर्भू क कहा भवा बचन याद होइ गवा, ‘यूहन्ना पानी स बपतिस्मा देत रहा मुला तोहका पवित्तर आतिमा स बपतिस्मा दीन्ह जाइ।’ 17 इ तरह जदि परमेस्सर ओनका ही उहइ बरदान दिहेस जेका उ जब हम पचे पर्भू ईसू मसीह मँ बिसवास कीन्ह, तब्बइ हमका दिहे रहा, तउ खिलाफत करइवाला मइँ कउन होत हउँ?”

18 बिसवासी मनइयन जब इ सुनेन तउ उ पचे प्रस्न करब बंद कइ दिहेन। उ पचे परमेस्सर क महिमा करत भए कहइ लागेन, “अच्छा, तउ परमेस्सर गैर यहूदी मनइयन तलक क मनफिराववइ बरे उ औसर दिहेस ह, जउन जिन्नगी कइँती लइ जात ह।”

अन्ताकिया मँ सुसमाचार क अवाई

19 उ पचे जउन स्तिफनुस क समइ मँ दीन्ह जात सबइ यातना क कारण तितराइ बितराइ ग रहेन, दूर-दूर तलक फीनीक, साइप्रस अउर अन्ताकिया तलक चलाग रहेन। इ पचे यहूदियन क तजिके कउनो अउर क सुसामाचार नाहीं सुनावत रहेन। 20 एनही बिसवासी मनइयन मँ स कछू साइप्रस क अउर कुरेनी क रहेन। तउ जब उ पचे अन्ताकिया आएन तउ यूनानियन क भी प्रबचन देत भए पर्भू ईसू क सुसमाचार सुनावइ लागेन। 21 पर्भू क सक्ती ओनकइ संग रही। तउ एक बड़ा मनइयन क मजमा बिसवास धइके पर्भू कइँती मुड़ि गवा।

22 ऍकर खबर जब यरुसलेम मँ कलीसिया क काने तलक पहुँची तउ उ पचे बरनाबास क अन्ताकिया जाइके पठएऩ। 23 जब बरनाबास हुँवा पहोंचिके परमेस्सर क अनुग्रह क सकारथ होत लखेस तउ उ बहोत खुस भवा अउर उ ओन सबहिं क पर्भू बरे भक्ति भरा हिरदय स बिसवासी बनइ बरे हिम्मत देवॉएस। 24 काहेकि उ पवित्तर आतिमा अउर बिसवास स भरा भवा एक भरपूर उत्तिम मनई रहा। फिन पर्भू क संग एक बड़वार मनइयन क मजमा जुड़ गवा।

25 बरनाबास साऊल क हेरइ तरसुस क चला गवा। 26 फिन उ ओका हेरिके अन्ताकिया लइ आवा। पूरे साल भइ उ पचे कलीसिया स मिलत जुलत अउर बड़का मनइयन क मजमा क उपदेस देत रहेन। अन्ताकिया मँ सबन त पहिले ऍनही चेलन क “मसीही” कहा गवा।

27 इहइ समइ यरुसलेम स कछू नबी अन्ताकिया आएऩ। 28 ओनमाँ स अगबुस नाउँ क एक नबी खड़ा होइके पवित्तर आतिमा क जरिये इ भविस्सबाणी किहेस कि सारी दुनिया मँ एक खउफनाक अकाल पड़ी (क्लौदियुस क समइ इ अकाल पड़ा रहा।) 29 तब हर चेलन आपन ताकत देखिके यहूदिया क बसइयन बंधु क मदद बरे कछू पठवइ क ठान लिहेन। 30 तउ उ पचे अइसा ही किहेन अउर उ पचे बरनावास अउर साऊल क हाथ स यहूदिया मँ आपन बुजुर्गन क लगे उपहार पठएन।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.