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Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
अय्यूब 1-2

अय्यूब एक ईमानदार मनई

ऊज नाउँ क प्रदेस मँ एक ठु मनई रहा करत रहा। ओकर नाउँ अय्युब रहा। अय्युब एक बहोत ईमानदार अउ बिस्सासी मनई रहा। अय्यूब परमेस्सर क उपासना करत रहत रहा अउ बुराई स दूर रहा करत रहा। ओकरे सात ठु बेटहना अउ तीन ठु बिटिहनी रहिन। अय्यूब सात हजार भेड़िन, तीन हजार ऊँटन, एक हजार बर्धन अउ पाँच सौ गदहियन क सुआमी रहा। ओकरे लगे बहोत स नौकर रहेन। अय्यूब पूरब क सब स जियादा धन्नासेठ मँ स एक रहा।

अय्युब क बेटहनन बारी-बारी स आपन घरन मँ एक दूसर क खइया क खाइ बरे बोलवा करत रहेन। उ पचे आपन बहिनियन क भी हुआँ ओकरे खाइ अउ पिइ बरे बोलावत रहेन। अय्यूब क गदेलन जब भोज खाइ चुकतेन, तउ अय्यूब तड़के भिन्सारे उठत अउ आपन हर गदेला क बदले होमबलि अर्पित करत रहा। काहेकि उ सोचत, “होइ सकत ह, मोर गदेलन आपन हिरदइ मँ परमेस्सर क निन्दा कइ के पाप किहे रहेन।” एह बरे अय्यूब हमेसा अइसा करत रहत रहा।

फिन सरगदूतन बरे यहोवा क सुचना देइ क दिन्ह आवा। सइतान भी ओनकर संग आवा। यहोवा सइतान स कहेस, “तू कहाँ रह्या?”

सइतान जवाब देत भए यहोवा स कहेस, “मइँ धरती पइ एहर ओहर घूमत रहेउँ।”

एह पइ यहोवा सइतान स कहेस, “का तू मोर सेवक अय्यूब क लख्या? इ धरती पइ ओकरे तरह कउनो दूसर मनई नाहीं अहइ। अय्यूब एक ठु ईमानदार अउ बिस्सासी मनई अहइ। उ हमेसा परमेस्सर क आराधना करत ह अउर बुराई स सदा दूर रहत ह।”

सइतान जवाब दिहस, “निहचय ही! मुला अय्यूब परमेस्सर क एक खास कारण स आराधना करत ह! 10 तू सदा ओकर, ओकरे घराने क अउर जउन कछू ओकरे लगे अहइ ओकर रच्छा करत ह। जउन कछू उ करत ह तू ओका सफल बनावत ह। हाँ तू ओका बहोत सारा जनावरन झुण्ड अउर रेवड़ पूरे देस मँ फइलावइ बरे दिहेस ह। 11 मुला जउन कछू ओकरे लगे अहइ उ सब कछू क अगर तू बर्बाद कइ दया तउ मइँ तोहका बिस्सास दियावत हउँ कि उ तोहरे मुँहे पइ तोहरे बिरुद्ध बोलइ लागी।”

12 यहोवा सइतान स कहेस, “अगर अइसा अहइ, अय्यूब क लगे जउन कछू अहइ ओकरे संग जइसा तू चाहत ह, करा। मुला ओकरे देह का चोट न पहोंचावा।”

एकरे पाछे सइतान यहोवा क लगे स चला गवा।

अय्यूब क सब कछू जात रहा

13 एक दिन, अय्यूब क पूत अउ बिटियन आपन सब स बड़का भइया क घर खइया क खात रहेन अउ दाखरस पिअत रहेन। 14 ठीक तबहिं अय्यूब क लगे एक ठु संदेसवाहक आवा अउ ओका बोला, “जब बर्धा हर जोतत रहेन अउर गदहन मइदान चरत रहेन, 15 कि सबा[a] क लोग हम पचन पइ धावा बोल दिहन अउ तोहरे गोरुअन क लइ गएन। मोका तजिके तोहार सबहिं दासन क सबा क लोग मार डाएन। आप क इ खबर देइ बरे मइँ बचिके पराइ निकरि आवा हउँ।”

16 अबहिं उ सन्देसवाहक कछू कहत ही रहा कि अय्यूब क लगे दूसर संदेसवाहक आवा। दूसर संदेसवाहक कहेस, “अकासे स बिजुरी गिरी अउ आप क भेड़िन अउ दास जरिके राखी होइ गएन है। आप क खबर देइ बरे मइँ ही बचिके निकिरि पावा हउँ।”

17 अबहिं उ संदेसवाहक आपन बात कहत ही रहा कि एक ठु अउर संदेसवाहक आइ गवा। इ तीसर संदेसवाहक कहेस, “कसदी क लोग तीन टोलियन क पठए रहेन, जउन हम पइ हमला बोल दिहन अउर उ पचे सेवकन क मारि डाई क पाछे ऊँटन क छीन लइ गएन। आपक खबर देइ बरे सिरिफ मइँ ही बचिके निकरि पाएउँ ह।”

18 इ तीसर दूत अबहिं बोलत ही रहा कि एक अउर संदेसवाहक आइ गवा। इ चउथा संदेसवाहक कहेस, “आप क बेटवन अउ बिटियन सब स बड़का भाई क घर खइया क खात रहेन अउ दाखरस पिअत रहेन। 19 ठीक तबहिं रेगिस्तान स एका-एक एक ठु तेज आँधी उठी अउर उ मकान क उड़ाइके ढहाइ दिहस मकान आप क पूतन, अउ बिटियन क ऊपर आइ पड़ा अउर उ पचे मरि गएन। आप क खबर देइ बरे सिरिफ मइँ ही बचिके निकरि पावा हउँ।”

20 अय्यूब जब इ सुनेस तउ उ आपन ओढ़ना फारि डाएस अउर इ देखावइ बरे उ दुःखी अउर वियाकुल अहइ, उ आपन मूड़ँ मुड़ाइ लिहेस। अय्यूब तब धरती पइ गिरिके दण्डवत किहेस। 21 उ कहेस:

“मोर जब इ संसारे क बीच जनम भवा रहा,
    मइँ तब नंगा रहेउँ, मोरे लगे तब कछू भी नाहीं रहा।
जब मइँ मरब अउ इ संसारे क तजब,
    मइँ नंगा होब अउर मोरे लगे कछू न होइ।
यहोवा ही देत ह
    अउर यहोवा ही लेत,
यहोवा क नाउँ क बड़कई करा।”

22 जब इ सबहिं कछू घटना घटत रहा, अय्यूब न ही कउनो पाप किहस अउर न ही परमेस्सर क दोख दिहस।

सइतान फुन अय्यूब क दुःख देत ह

फुन एक दिन, यहोवा स मिलइ बरे सरगदूत आएन। सइतान भी ओनके संग रहा। सइतान यहोवा स मिलइ आवा रहा। यहोवा सइतान स पूछेस, “तू कहाँ रहया”

सइतान यहोवा क जवाब दिहेस, “मइँ धरती पइ एहर-ओहर घूमत रहेउँ।”

एह पइ यहोवा सइतान स पूछेस, “का तू मोर सेवक अय्यूब पइ धियान देत रहत अहा? ओकर जइसा धरती पइ कउनो नाहीं अहइ। अय्यूब ईमानदार अउ बिस्सासी मनई अहइ। उ हमेसा परमेस्सर क उपासना करत ह, बूराई स दूर रहत ह। उ अबहुँ भी ईमानदारी राखत ह हालाँकि तू मोका प्रेरित किहे रहया कि मइँ बिना कारण ही ओका नस्ट कइ देउँ।”

सइतान जवाब दिहस, “खाल क बदले खाल! कउनो मनई जिअत रहइ बरे, जउन कछू ओकरे लगे अहइ, सब कछू दइ डावत ह। यह बरे अगर तू आपन सक्ती क प्रयोग ओकरे देह क नोस्कान पहोंचावइ बरे करा, तउ उ सीधा ही तोहका कोसइ लागी।”

तउ यहोवा सइतान स कहेस, “अगर अइसा अहइ, तउ मइँ अय्यूब क तोहरे हवाले करत हउँ, मुला तोहका ओका मार डावइ क छूट नाही अहइ।”

एकरे पाछे सइतान यहोवा क लगे स चला गवा। उ अय्यूब क दुःख देइवाला फोड़न क दइ दिहस। इ सबइ पीरा देइवाला फोड़न ओकरे गोड़े क तलवा स लइके ओकरे मुँड़े क ऊपर तलक देह मँ फइल गएन। तउ अय्यूब कूड़ा क ढेरी क लगे बइठ गवा। ओकरे लगे एक ठु ठीकरा रहा, जेहसे उ आपन पीरा दायक फोड़न क खजुआवा करत रहा। अय्यूब क पत्नी ओसे कहेस, “का तू अबहुँ तलक ईमानदार रहइ चाहत ही? तू परमेस्सर क कोसिके मर काहे नाहीं जात्या!”

10 अय्यूब जवाब देत भए आपन पत्नी स कहेस, “तू तउ एक मूरख मेहरारु क तरह बातन करति अहा। देखा, जब परमेस्सर उत्तिम वस्तुअन क देत ह, हम ओनका अंगीकार कइ लेइत ह। तउ हमका दुःख भी अपनावइ चाही अउ सिकाइत नाही करइ चाही।” इ सचमूइ दुःखे मँ भी अय्यूब कउनो पाप नाहीं किहस। परमेस्सर क खिलाफ उ कछू नाहीं बोला।

अय्यूब क तीन मीतन क ओसे भेटंइ आउब

11 अय्यूब क तीन मित्र रहेन: तेमानी क एलीपज, सूही क बिलदद अउर नामाती क सोपर। एँन तीनहुँ मीतन अय्यूब क संग जउन बुरी घटना भइ रहिन, ओन सबन क बारे मँ सुनेन। एँन तीनहुँ मीत आपन-आपन घर तजिके आपुस मँ एक दूसर स भेंटेन। उ पचे इ निहचय किहेन कि उ पचे अय्यूब क लगे जाइके ओकरे बरे सहानुभूति परगट करइँ अउ ओकर हिम्मत बँधावइँ। 12 जब इ तीनहुँ मीत दूर स अय्यूब क लखेन, तउ उ पचे ओका बहोत मुस्किल स पहिचान पाएन। उ पचे भोंकारा मारिके रोवइ लागेन। उ पचे आपन ओढ़ना फाड़ि डाएन। आपन दुःख अउ आपन बेचैनी देखावइ बरे उ पचे आपन-आपन मूँड़न पइ माटी डाएन। 13 फुन उ सबइ तीनहुँ मीत अय्यूब क संग सात दिन अउ सात रात तलक भुइँया पइ बइठा रहेन। अय्यूब स कउनो एक सब्द तलक नाहीं कहेस काहेकि उ पचे लखत रहेन कि अय्यूब भयानक पीरा मँ रहा।

प्रेरितन क काम 7:22-43

22 मूसा क पूरंपूर मिस्रयन क ग्यान क सिच्छा दीन्ह गइ। ओकर सामर्थ बोलइ अउर कामे मँ दुइनउँ मँ रहा।

23 “जब उ चालीस बरिस क भवा तउ उ इस्राएल क बंसज, आपन भाइयन क निअरे जाइके ठान लिहेस। 24 तउ जब उ एक दाई लखेस कि ओनमाँ स कउनो एक क संग बुरा व्यवहार कीन्ह जात अहइ तउ उ ओका बचाएस अउर मिस्री मनई क मारिके उ दलित मनई क कसर लिहेस। 25 उ सोचेस कि ओकर भाई बंधु जान जइहीं कि ओनका छोड़ावइ बरे परमेस्सर ओका बइपरत अहइ। मुला उ पचे ओका नाहीं समझ पाएन।

26 “दुसरे दिना ओहमाँ स (ओकरे आपन मनइयन मँ स) जब कछू मनई झगड़त रहेन तउ उ ओनकइ निअरे पहोंचा अउर इ कहत भवा ओनमाँ बीच-बचाव करइ लाग, ‘तू पचे आपुस मँ भाई-भाई अहा! एक दूसर क संग बुरा बर्ताव काहे करत अहा?’ 27 मुला उ मनई जउन आपन पड़ोसी क संग झगड़त रहा, मूसा क धकियावत भवा कहेस, ‘तोहका हमार राजा अउर न्यायाधीस के बनएस? 28 जइसे काल्ह तू उ मिस्रि क हत्या कइ दिहे रहा, का तू वइसे ही मोका मारि डावा चाहत ह?’(A) 29 मूसा जब इ सुनेस तउ उ हुवाँ स चला गवा अउर मिदयान मँ एक पड़ोसी क रूप मँ रहइ लाग। हुवाँ ओकरे दुइ बेटवा भएन।

30 “चालीस बरिस बीते क पाछे सिनाई पहाड़े क लगे रेगिस्तान मँ एक बरत भइ झाड़ी क लपट क बीच ओकरे समन्वा एक सरगदूत परगट भवा। 31 मूसा जब इ लखेस तउ ओका अचरज भवा। जब अउर जिआदा नगिचे स लखइ बरे उ ओकरे लगे गवा तउ ओका पर्भू क बाणी सुनई पड़ी। 32 ‘मइँ तोहरे पूर्वजन क परमेस्सर हउँ इब्राहीम, इसहाक अउर याकूब क परमेस्सर हउँ।’(B) डर स कँपकँपात भवा मूसा कछू निहारइ क हिम्मत नाहीं कइ पावत रहा।

33 “तबहि पर्भू ओसे कहेस, ‘आपन गोड़वा क पनही उतार द्या काहेकि जउने ठउर प तू खड़ा अहा, उ पवित्तर भुइँया अहइ। 34 मइँ मिस्र मँ आपन मनइयन क संग दुर्दसा क लखेउँ ह, परखेउँ ह। मइँ ओनका जोर स विलाप करत भवा सुनेउँ ह। ओनका अजाद करइ बरे नीचे उतरेउँ ह। आवा, अब मइँ तोहका मिस्र पठउब।’(C)

35 “इ उहइ मूसा अहइ जेका उ पचे इ कहत भवा नकारेन, ‘तोहका राजा अउर न्यायकर्ता कउन बनाएस ह?’ इ उहइ अहइ जेका परमेस्सर उ सरगदूत क जरिये, जउन ओकरे बरे झाड़ी मँ परगट भवा रहा, राजा अउर मुक्ति देइवाला होइ बरे पठएस। 36 उ ओनका मिस्र क भुइँया अउर लाल सागर अउर रगिस्ताने मँ चालीस बरिस ताई बहुत अचरज कारजन करत भवा अउर अद्भुत चीन्हन दखॅावत भवा बाहेर निकारी लइ आवा।

37 “इ उहइ मूसा अहइ जउन इस्राएल क लोगन स कहे रहा, ‘तोहरे भाइयन मँ स ही तोहरे बरे परमेस्सर एक मोरे जइसा नबी पठइ।’(D) 38 इ उहइ अहइ जउन वीरान जगह मँ सभा क बीच हमार पूर्वजन अउर उ सरगदूत क साथे मौजूद रहा जउन सीनै पहाड़े प ओसे बात किहेस। मूसा परमेस्सर स जीवित बचन पाएस जउन हमका जिन्नगी देत हीं।

39 “मुला हमार पूर्वजन ओका मानइ स इनकार कइ दिहेन। ऍतना ही नाहीं, उ पचे ओका नकार दिहन अउर आपन मने मँ फिन उ पचे मिस्र लौटि गएन। 40 उ पचे हारून स कहे रहेन, ‘हमरे बरे अइसे देवतन क बनावा जउन हम पचन्क राह सोझॉवइ। इ मूसा क बारे मँ जउऩ मिस्र स बाहेर निकारा गवा रहा, हम नाहीं जानित कि ओकरे संग का कछू घटा।’(E) 41 ओनही दिनन मँ उ पचे बछवा क तरह एक ठु मूरत गढ़ेन। उ मूरत प उ सबइ बलि चढ़ाएन। अउर जेका उ पचे आपन हाथे स चढ़ाएन, ओह पइ आनन्द मनावइ लागेन। 42 मुला परमेस्सर ओनसे मुँहना मोड़ि लिहस। उ सबन्क अकासे क ग्रह-नछत्र क आराधना करइ बरे छोड़ दीन्ह गवा। जइसा कि नबियन क किताबे मँ लिखा अहइ:

‘ओ इस्राएल क परिवारे क लोगो, का तू पसु बलि अउर दूसर बलि वीरान मँ मोका नाहीं चढ़ावत रह्या?
    चालीस बरिस तलक।
43 तू पचे मोलेक क तम्बू
    अउर आपन देवता रिफान क तारा भी आपन संग लइ गवा रहे।
ओन मूरत क भी लइ गवा रहे जेनका तू पचे आराधना करइ बरे बनए रह्या।
    यह बरे मइँ तोहका बेबिलान स भी परे पठउब।’ (F)

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