Old/New Testament
नाबोत क अंगूरे क बाग
21 राजा अहाब क महल सोमरोन म रहा। महल क लगे एक ठु अंगूरन क बाग रहा। यिज्रेल नाबोत नाउँ क मनई इ फलन क बाग क सुआमी रहा। 2 एक दिन अहाब नाबोत स कहेस, “अपना अंगूर क बाग मोका दइ द्या। मइँ एका सब्जियन क बाग बनावइ चाहत हउँ। तोहार बाग मोरे महल क लगे अहइ। मइँ एकरे बदले तोहका एहसे अच्छा अंगूर क बाग देब या, जदि तोर इच्छा होइ तउ मइँ ऐकरे मुल्य चुकाइके एका खरीद लेब।”
3 नाबोत जवाब दिहस, “मइँ आपन भुइँया तोहका कबहुँ नाहीं देब। इ भुइँया मोरे परिवार क बाटइ।”
4 एह बरे अहाब अपने घर गवा। उ नाबोत पइ किरोधित अउ बिगड़ा भवा रहा। उ इ बात क पसन्द नाहीं किहस जउन यिज्रेल क मनई कहे रहा। (नाबोत कहे रहा, “मइँ अपने परिवार क भुइँया तोहका नाहीं देब।”) अहाब अपने बिछउना पइ ओलर गवा। उ आपन मुंह मोड़ लिहस अउर खाइ स इन्कार कइ दिहस।
5 अहाब क मेहरारू ई़ज़ेबेल ओकरे लगे गइ। ईज़ेबेल ओहसे कहेस, “तू ऍतना उदास काहे अहा? तू खाइ स इन्कार काहे किहा ह?”
6 अहाब जवाब दिहस, “मइँ यिज्रेल क नाबोत स ओकर भुइँया माँगेउँ। मइँ ओहसे कहेउँ कि मइँ ओकर पूरी कीमत चुकाउब, या, जदि उ चाही तउ मइँ ओका दूसर बाग देब किन्तु नाबोत आपन बाग देइ स इन्कार कइ दिहस।”
7 ईज़ेबेल जवाब दिहस, “किन्तु तू तउ पूरे इस्राएल क राजा अहा अपने बिछउना स उठा। कछू खइया क खा, तू अपने क बेहतर महसूस करब्या। मइँ नाबोत क बाग तोहरे बरे लइ लेब।”
8 तब ईज़ेबेल कछू पत्र लिखेस। उ पत्रन पइ अहाब क हस्ताच्छर बनाएस। उ अहाब क मुहर पत्रज क बंद करइ बरे ओन पइ लगाएस। तब उ ओनका अग्रजन (प्रमुखन) अउर बिसेस मनइयन क लगे पठएस जउन उहइ नगर मँ रहत रहेन, जेहमाँ नाबोत रहत रहा। 9 पत्र मँ इ लिखा रहा:
“इ घोसणा करा कि एक इ एक उपवास क दिन होइ। तब नगर क सबहिं लोगन क एक संग एक बइठक बोलावा। बइठक मँ, नाबोत क लोगन क समन्वा खास स्थान पइ बइठवा। 10 कउनो अइसे दई बुरा मनइयन क हासिल करा जउन नाबोत क खिलाफ झूठा गवाही देइ। ओनका इ कहइ द्या उ पचे सुनेन कि नाबोत राजा अउ परमेस्सर क खिलाफ कछू बातन कहेस। तब नाबोत क नगर क बाहेर लइ जा अउर ओका पाथरन स मार डावा।”
11 एह बरे यिज्रेल क बुर्जुगन अउर महत्वपूर्ण मनइयन उ आदेस क पालन किहन जउन उ पत्र मँ लेखि के ओनका लगे भेजि रहेन। 12 प्रमुखन घोसणा किहन कि एक दिन अइसा होइ जब सबहिं मनई कछू भी भोजन नाहीं करिहीं। उ दिन उ पचे सबहिं लोगन क बइठक एक संग बोलाएन। उ पचे नाबोत क बिसेस ठउरे पइ लोगन क समन्वा रखेन। 13 तब दुइ बुरा मनइयन लोगन स कहेन कि उ पचे नाबोत क परमेस्सर अउ राजा क बिरुद्ध बातन करत सुनेन ह। एह बरे उ पचे नाबोत क नगर क बाहेर लइ गएन। तब उ पचे ओका पाथरन स मार डाएन। 14 तब प्रमुखन एक सँदेसा ईज़ेबेल क पठएन। सँदेसा रहा: “नाबोत पाथरन स मार डावा गवा।”
15 जब ईज़ेबेल इ सुनेस तउ उ अहाब स कहेस, “नाबोत मर गवा। अब तू जाइ सकत ह अउर उ बाग क लइ सकत ह जेका उ तोहका बेचइ स इन्कार किहे रहा।” 16 जब अहाब सुनेस कि नबोत मर गवा, उ अंगूर क बाग मँ ओह पइ कब्जा करइ बरे गवा।
17 इ समइ यहोवा एलिय्याह स बातन किहस। (एलिय्याह तिसबी क नबी रहा) यहोवा कहेस, 18 “इस्राएल क राजा अहाब क लगे सोमरोन क जा। अहाब नाबोत क अंगूरन क बाग मँ होइ। उ हुँवा पइ उ बाग पइ कब्जा करइ बरे होइ। 19 अहाब स कहा, मइँ यहोवा ओहसे कहत हउँ, ‘अहाब! तू नाबोत नाउँ क मार डाया ह। अब तू ओकर भुइँया लेत अहा। एह बरे मइँ तोहसे कहत हउँ, तू भी उहइ जगह पइ मरब्या जउने जगह पइ नाबोत मरा। जउन कूकुरन नाबोत क खून क चाटेन, उ सबइ ही तोहार खून उ जगह पइ चटिहीं।’”
20 एह बरे एलिय्याह अहाब क लगे गवा। अहाब एलिय्याह क लखेस अउ कहेस, “तू मोका फुन पाइ लिहा ह। तू सदा मोरे खिलाफ अहा।”
एलिय्याह जवाब दिहस, “हाँ मइँ तोहका फुन पाइ लिहेउँ ह। तू सदा अपनी जिन्नगी क उपयोग यहोवा क खिलाफ पाप करइ मँ किहा। 21 एह बरे यहोवा तोहसे कहत ह, ‘मइँ तोहका बर्बाद कइ देब। मइँ तोहका अउर तोहरे परिवार क हर एक मनसेधू निअंबर क मार डाउब। 22 तोहरे परिवार क उहइ दसा होइ जउन दसा नाबोत क पूत यारोबाम क परिवार क भइ अउर तोहार परिवार बासा क परिवार क तरह होइ। इ सबइ दुइनउँ पूरी तरह बर्बाद कइ दीन्ह गए रहेन। मइँ तोहारे संग उहइ करब काहेकि तू मोका गुस्सैल किहा ह। तू इस्राएल क लोगन स पाप कराया ह।’ 23 अउर यहोवा इ भी कहत ह, ‘तोहार मेहरारु ईज़ेबेल क ल्हास यिज्रेल नगर मँ कूकुर खइहीं। 24 तोहार परिवार कउनो भी निअंबर क जउन नगर मँ मरी, कूकुर खइहीं जउन मनई मइदानन मँ मरी उ पंछियन क जरिये खा जाइ।’”
25 ओतॅना बुरे काम जेका यहोवा बुराई मँ सामिल करत ह कउनो भी मनई नाहीं किहेस ह जेतॅना अहाब किहेस ह। ओकर पत्नी ईज़ेबेल ओहसे इ सबइ काम कराएस ह। 26 अहाब बहोत भयंकर पाप किहेस ह जउन उ ओन काठे क देवमूरतियन क पूजेस ह। इ उहइ काम रहा जेका एमोरी लोग करत रहेन अउर यहोवा ओनसे पहँटा छोर लिहस अउर इस्राएल क लोगन क दइ दिहे रहा।
27 एलिय्याह क कथन क पूरा होइ पइ अहाब दुःखी भवा। उ अपने ओढ़नन क इ देखावइ बरे फार डाएस कि ओका दुःख अहइ। तब उ सोक क बिसेस ओढ़ना पहिरेस। अहाब खाइ स इन्कार कइ दिहेस। उ ओनही बिसेस ओढ़नन क पहिरे भवा रहा। अहाब बहोत दुःखी अउ उदास रहा।
28 यहोवा एलिय्याह, तिसबी क नबी स कहेस, 29 “का तू लखया ह कि अहाब मोरे समन्वा विनम्र होइ गवा ह। एह बरे मइँ ओकरे जिन्नगी क काल मँ ओह पइ विपत्तियन क नाहीं आवइ देब। मइँ तब तलक प्रतीच्छा करब जब तलक ओकर पूत राजा नाहीं बन जात। तब मइँ अहाब क परिवार पइ विपत्तियन आवइ देब।”
मीकायाह अहाब क चितउनी देत ह
22 अगले दुइ बरिस क भीतर इस्राएल अउ अराम क बीच सान्ति रही। 2 तब तीसरे बरिस यहूदा क राजा यहोसापात इस्राएल क राजा अहाब स भेंटइ गवा।
3 इ समइ अहाब अपने अधिकारियन स पूछेस, “तू पचे जानत ह कि अराम क राजा गिलाद मँ रामोत क हम स लइ लिहे रहा। हम लोग रामोत वापस लेइ क कछू भी जतन काहे नाहीं किहा? इ हम लोगन क नगर होइ चाही।” 4 एह बरे अहाब यहोसापात स पूछेस, “का आप हमरे संग आउब अउर रामोत मँ अराम क फउज क खिलाफ जुद्ध करब?” भेंटइ बरे तैयार अहइँ।
यहोसापात जवाब दिहस, “हाँ, मइँ तोहार साथ देब। मोर फउजी अउर मोर घोड़न तोहरी फउज क संग भेंटइ बरे तैयार अहइ। 5 किन्तु पहिले हम लोगन क यहोवा स सलाह लेइ चाही।”
6 एह बरे अहाब नबियन क एक बैठक बोलाएस। उ समइ लगभग चार सौ नबी रहेन। अहाब नबियन स पूछेस, “का मइँ जाउँ अउर रामोत मँ अराम क फउज क खिलाफ जुद्ध करउँ? या मइँ कउनो दूसर अवसर क प्रतीच्छा करउँ?”
नबियन जवाब दिहन, “तोहका अबहिं जुद्ध करइ चाही। यहोवा तोहका विजय पावइ देइ।”
7 किन्तु यहोसापात कहेस, “का हिआँ यहोवा क नबियन मँ स कउनो दूसर नबी अहइ? जदि कउनो अहइ तउ हम क ओहसे पूछइ चाही कि परमेस्सर का कहत ह।”
8 राजा अहाब जवाब दिहस, “एक दूसर नबी अहइ। उ यिम्ला क पूत मीकायाह अहइ। किन्तु ओहसे मइँ घिना करत हउँ। जब कबहुँ उ यहोवा क बारे मँ बतावत ह, उ मोर बारे मँ कछू नीक नाहीं बल्कि बुरा कहत ह। उ सदा ही उहइ कहत ह जेका मइँ पसन्द नाहीं करत।”
यहोसापात कहेस, “राजा अहाब, तोहका इ सबइ बातन नाहीं कहइ चाही।”
9 एह बरे राजा अहाब अपने अधिकारियन मँ एक स कहेस जा अउर मीकायाह क जल्दी खोज के लिआवा।
10 उ समइ दुइनउँ राजा अपनी राजसी पोसाक पहिरे रहेन। उ पचे सिंहासने पइ बइठे रहेन। इ सोमरोन क दुआर क लगे निआव करइ क जगह पइ रहा। सबहिं नबी ओकरे समन्ना खड़े रहेन। उ सबइ भविस्सवाणी करत रहेन। 11 नबियन मँ स एक सिदकिय्याह नाउँ क मनई रहा। इ कनान क पूत रहा। सिदकिय्याह कछू लोहा क सींगन बनाएस। तब उ अहाब स कहेस, “यहोवा कहत ह, ‘तू लोहा एन सींगन क उपयोग अराम क फउज क खिलाफ लड़इ मँ करब्या। तू ओनका हरउब्या अउर ओनका बर्बाद करब्या।’” 12 सबहिं दूसर नबियन ओकर समर्थन किहन जउन कछू सिदकिय्याह कहेस। नबियन कहेन, “तोहार फउज अबहिं कूच करइ। ओनका रामोत मँ अरम क सेना क संग जुद्ध करइ चाही। तू जुद्ध जितब्या। यहोवा तोहका विजय देइ।”
13 जब इ होत रहा तबहिं अधिकारी मीकायाह क हेरइ गवा। अधिकारी मीकायाह क हेर निकारेस अउर ओहसे कहेस, “सबहिं दूसर नबियन कहेन ह कि राजा क जुद्ध जीतब तोहका भी इ कहइ चाही अउर तोहका राजा क बारे मँ अच्छी बातन क भविस्सबाणी करइ चाही।”
14 किन्तु मीकायाह जवाब दिहस, “नाहीं! मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ सिरिफ परमेस्सर क सक्ती क बारे मँ उहइ कहब जउन कहइ बरे यहोवा कहेस ह!”
15 तब मीकायाह राजा अहाब क समन्वा खड़ा भवा। राजा ओहसे पूछेस, “मीकायाह, का मोका अउर राजा यहोसापात क अपनी फउजन एक कइ लेइ चाही? अउर का हम क अराम क फउज स रामोत मँ जुद्ध करइ बरे जाइ चाहीं?”
मीकायाह जवाब दिहस, “हाँ! तोहका जाइ चाही अउर ओनसे अबहिं जुद्ध करइ चाही। यहोवा तोहका विजय स आसिस देइ।”
16 किन्तु अहाब पूछेस, “तू यहोवा क सक्ती स नाहीं बतावत अहा। तू अपनी निजी बात कहत अहा। एह बरे मोहसे फुर कहा। केतनी दाईं मोका तोहसे कहइ क पड़ी? मोहसे उ कहा जउन यहोवा कहत ह।”
17 एह बरे मीकायाह जवाब दिहेस, “मइँ जउन कछू होइ, लखि सकत हउँ। इस्राएल क फउज पहाड़ियन मँ बिखर जाइ। उ पचे ओन भेड़न क तरह होइहीं जेनकर कउनो भी संचालक न होइ। इहइ यहोवा कहत ह: ‘एन मनइयन क अगुवाइ कउनो नाहीं करइ। ओनका घर जाइ चाही अउर जुद्ध नाहीं करइ चाही।’”
18 जब अहाब यहोसापात स कहेस, “लख ल्या। मइँ तोहका बताए रहेउँ। इ नबी मोरे बारे मँ कबहुँ कउनो नीक बात नाहीं कहत। इ सदा उहइ बात कहत ह जेका मइँ सुनइ नाहीं चाहत।”
19 किन्तु मीकायाह यहोवा क माध्यम बना कहत ही रहा। उ कहेस, “सुना! इ सबइ उ सबइ सब्द अहइँ जेनका यहोवा कहेस ह! मइँ यहोवा क सरग मँ अपने सिंहासने पइ बइठा लखेउँ। ओकर दूत ओकरे दाई अउर बाई ओर खड़ा रहेन। 20 यहोवा कहेस, ‘तू पचन मँ स कउन राजा अहाब क चकमा दइ सकत ह? मइँ ओका रामोत मँ अराम क फउज क खिलाफ जुद्ध करइ क बरे जाइ देइ चाहत हउँ। तब उ मारा जाइ।’ अलग-अलग सरगदूतन अलग-अलग सुझाव दिहेन। 21 तब एक ठु सरगदूत यहोवा क लगे गवा अउर उ कहेस, ‘मइँ ओका चकमा देब।’ 22 यहोवा पूछेस, ‘तू राजा अहाब क चकमा कइसे देब्या?’ सरगदूत जवाब दिहस, ‘मइँ ओकर सबइ नबियन क मुँह मँ झूठ बोलइवाला आतिमा होइ जाब। मइँ नबियन क अहाब स झूठ बोलाउब नबियन क सँदेसन झूठ होइहीं।’ एह बरे यहोवा कहेस, ‘बहोत अच्छा। जा अउर राजा अहाब क चकमा द्या। तू सफल होब्या।’”
23 मीकायाह अपनी कथा पूरी किहस। तब उ कहेस, “एह बरे हिआँ इ सब भवा। यहोवा तोहरे नबियन स तोहका लबार बोलवाइ दिहस ह। यहोवा खुद निर्णय लिहस ह कि तोह पइ बड़की परेसानी लिआवइ।”
24 तब सिदकिय्याह नबी मीकायाह क लगे गवा। सिदकिय्याह मीकायाह क मुँहे पइ मारेस। सिदकिय्याह कहेस, “का तू फुरइ पतियात अहा कि यहोवा क सक्ती मोका तजि दिहस ह अउर तोहरे माध्यम स बात करत अहइ।”
25 मीकायाह जवाब दिहस, “हाली ही बिपद आइ। उ समइ तू पराब्या अउर एक छोटके कमरे मँ छिपब्या अउर तब तू समुझब्या कि मइँ फुर कहत हउँ।”
26 तब राजा अहाब अपने अधिकारियन मँ स एक क मीकायाह क बन्दी बनावइ क आदेस दिहस। राजा अहाब कहेस, “एका बन्दी बनाइ ल्या अउर एका नगर क प्रसासक आमोन अउर राजकुमार योआस क लगे लइ जा। 27 ओनसे कहा कि मीकायाह क बन्दीघर मँ डाइ द्या। ओका खाइ क सिरिफ रोटी अउर पानी द्या। ओका हुवाँ तब तलक राखा जब तलक मइँ जुद्ध स घरे न आइ जाउँ।”
28 मीकायाह जोर स कहेस, “आप सबहिं लोग सुनई जउन मइँ कहत हउँ। राजा अहाब, जदि तू जुद्ध स घरे जिअत लउटि अउब्या, तउ एकर अरथ होइ कि यहोवा मोर जरिया स नाहीं बोले रहा।”
29 तब राजा अहाब अउ राजा यहोसापात जुद्ध मँ अराम क फउज स जुद्ध करइ गएन। इ गिलाद नाउँ क पहँटा मँ रहा। 30 अहाब यहोसापात स कहेस, “हम जुद्ध क तैयारी करब। मइँ अइसे ओढ़ना पहिरब जउन मोका अइसा रुप देइहीं कि मइँ अइसा लगब कि मइँ राजा नाहीं अहउँ। किन्तु तू अपने बिसेस ओढ़ना पहिरा जेहसे तू अइसे लगा कि तू राजा अहा।” इ तरह इस्राएल क राजा जुद्ध क सुरुआत उ मनई क तरह ओढ़ना पहिरके किहन जउन राजा न होइ।
31 अराम क राजा क लगे बत्तीस रथ-सेनापति रहेन। उ राजा एन बत्तीस रथ-सेनापतियन क आदेस दिहस कि उ पचे इस्राएल क राजा क खोज निकारइँ अउर ओका मार डाइँ। उ कहेस कि, “इस्राएल क राजा क इलावा कउनो क संग जिन लड़ा चाहे उ महत्वपूर्ण अहइ या नाहीं।” 32 एह बरे जुद्ध क बीच सेनापतियन राजा यहोसापात क लखेन। सेनापतियन समुझेन कि उहइ इस्राएल क राजा अहइ। एह बरे उ पचे ओका मारइ गएन। यहोसापात चिचिआब सुरू किहस। 33 सेनापतियन समुझ लिहन कि उ राजा अहाब नाहीं अहइ। एह बरे उ पचे ओका नाहीं मारेन।
34 मुला एक ठु फउजी हवा मँ बाण छोड़ेस, उ कउनो खास मनई क आपन लछ्य नाहीं बनावत रहा। किन्तु ओकर बाण इस्राएल क राजा अहाब क जाइ लगा। बाण राजा क उ छोटी जगह मँ भेदेस, जउन तने क हींसा ओकरे कवच स नाहीं ढका रहा। एह बरे राजा अहाब अपने सारथी स कहेस, “मोका एक ठु बाण भेद दिहेस ह। इ छेत्र स रथे क बाहेर लइ चला। हम क जुद्ध स दूर निकरि जाइ चाही।”
35 फउज लगातार जुद्ध करत रहिन। राजा अहाब अपने रथे मँ ठहरा। उ रथ क टेक क सहारा निहुरा भवा रहा। उ अराम क फउज क लखत रहा। ओकर खून खाले बहत रहा अउर उ रथ क तले क ढाँपि लिहस। पाछे, साँझ क राजा मर गवा। 36 साँझ क समइ इस्राएल क फउज क सबहिं मनसेधुअन अपने नगर अउर प्रदेस वापस लउटइ क आदेस दीन्ह गवा।
37 एह बरे राजा अहाब इ तरह मरा। कछू मनई ओकरे ल्हास क सोमरोन लइ आएन। उ पचे ओका हुँवइ दफनाइ दिहन। 38 लोग अहाब क रथे क सोमरोन मँ एक तालाब मँ धोएन, जहाँ रंडियन नहावत हीं। कूकुर राजा अहाब क खून क ओकर रथ स चाटेन। इ सबइ बातन वइसे वइसे ही भइन जइसा यहोवा होइ क कहे रहा।
39 अपने राज्जकाल मँ अहाब जउन कछू किहस उ इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास नाउँ क किताबे मँ लिखा अहइ। उहइ किताब मँ राजा अपने महल क जियादा सुन्नर बनावइ बरे जउने हाथी-दाँत क उपयोग किहे रहा, ओकरे बारे मँ कहा गवा ह अउर उ किताबे मँ ओन नगरन क बारे मँ लिखा गवा ह। जेका उ बनाए रहा। 40 अहाब मरा, अउर अपने पुरखन क लगे दफनाइ दीन्ह गवा। ओकर पूत अहज्याह राजा बना।
यहूदा क राजा यहोसापात
41 इस्राएल क राजा अहाब क चउथे बरिस। यहोसापात यहूदा क राजा भवा। यहोसापात आसा क पूत रहा। 42 यहोसापात जब राजा भवा तब उ पैंतीस बरिस क रहा। सिल्ही क बिटिया अजूबा यहोसापात क महतारी रही। उ यरूसलेम मँ पचीस बरिस तलक सासन किहे रहेन। 43 यहोसापात नीक मनई रहा। उ उ सबइ चिजियन क किहेस जउन ओकर बाप किहे रहेन अउर ओका करइ मँ दृढ़ रहेन। उ उहइ किहेन जेका यहोवा नीक समुझत ह। किन्तु यहोसापात ओन जगहन क बर्बाद नाहीं किहस। लोग ओन जगहन पइ बलि-भेंट करब अउर सुगन्धि बारब जारी रखेन।
44 यहोसापात इस्राएल क राजा क संग एक सान्ति-सन्धि किहेस। 45 यहोसापात बहोत वीर रहा अउर उ कई जुद्ध लड़ा। जउन कछू उ किहेस उ, यहूदा क राजा लोगन क इतिहास नाउँ क किताबे मँ लिखा अहइ।
46 यहोसापात मन्दिर क ओन पुरुस अउर स्त्री पतूरिया क मन्दिर स ज़बरदस्ती बाहेर निकारेस। ओन मनइयन ओन मन्दिर मँ तब सेवा किहे रहेन जब ओकर बाप आसा राजा रहा।
47 इ समइ क बीच एदोम देस क कउनो राजा नाहीं रहा। उ देस एक ठु प्रसासक क जरिये सासित होत रहा। प्रसासक यहूदा क राजा क जरिये चुना जात रहा। यहोसापात क समुद्री बेड़ा
48 राजा यहोसापात अइसे समुद्री जहाजन क बनाएस जउन सामानन क ढोवत रहेन। उ चाहत रहेन कि ओकर जहाज ओपीर प्रदेस स सोना लिआवइ। किन्तु जहाजन ओकर ग्रह-बन्दरगाह एस्योनगेबेर मँ बर्बाद होइ गएन। 49 इस्राएल क राजा अहज्याह यहोसापात क मदद देइ क न्योता दिहेन। अहज्याह यहोसापात स कहे रहा कि उ कछू अइसे मनइयन क अपने मनइयन क संग ल्या जउन जहाजी कामे मँ होसियार अहइँ। किन्तु यहोसापात अहज्याह क मनइयन क अंगीकार करइ स इन्कार कइ दिहस।
50 यहोसापात मरा अउ अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। उ दाऊद नगर मँ अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। तब ओकर पूत यहोराम राजा बना।
इस्राएल क राजा अहज्याह
51 अहज्याह अहाब क पूत रहा। उ इस्राएल क राजा यहोसापात क यहूदा पइ राज्जकाल क सत्रहवें बरिस मँ राजा बना। अहज्याह सोमरोन मँ दुइ बरिस राज्ज किहस। 52 अहज्याह यहोवा क बिरुद्ध पाप किहस। उ उ सबइ ही पाप किहस जउन ओकर बाप अहाब ओकर महतारी ईज़ेबेल अउ नबात क पूत यारोबाम किहे रहा। इ सबइ सबहिं सासक इस्राएल क लोगन क अउर जियादा पाप कइँती लइ गएन। 53 अहज्याह अपने स पहिले अपने बाप क समान लबार देवता बाल क पूजा अउर सेवा किहेन। एह बरे अहज्याह यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर क बहोत जियादा किरोधित किहस। यहोवा अहज्याह पइ वइसा ही कोहाइ गवा जइसा ओकरे पहिले उ ओकर बाप पइ कोहान रहा।
ईसू क क्रूस प चढ़ावा जाब
(मत्ती 27:32-44; मरकुस 15:21-32; यूहन्ना 19:17-27)
26 जब उ सबइ ईसू क लइ जात रहेन तउ उ पचे कुरेनी क बसइया समौन नाउँ क एक मनई क, जउन आपन खेते स आवत रहा, धइ लिहन, अउर ओह पइ क्रूस लादिके ओका ईसू क पाछे पाछे चलइ क मजबूर कइ दिहन।
27 मनइयन एक भारी भीड़ ओकरे पाछे चलत रही। एहमां कछू स्त्रियन भी रहिन जउन ओकरे बरे रोवत रहिन अउर बिलापत रहिन। 28 ईसू ओनके कइँती मुड़ि गवा अउर बोला, “यरूसलेम क स्त्रियो, मोरे बरे जिन बिलापा बल्कि तू पचे आपन बरे अउर आपन बचवन बरे बिलाप करा। 29 काहेकि अइसे दिनन आवत अहइँ जब मनइयन कइहीं, ‘उ सबइ स्त्रियन धन्य अहइँ, जउन बाँझ बाटिन अउर धन्य अहइँ, उ सबइ कोख जउन कउनो क कबहूँ जनम ही नाहीं दिहन। उ सबइ चूची धन्य अहइँ कबहूँ दूध नाहीं पियाएन।’ 30 फिन उ पचे पहाड़न स कइहीं, ‘हम पइ फाटि पड़ा!’ अउर पहाड़ियन स कइहीं, ‘हमका ढाँकि ल्या!’ (A) 31 काहेकि मनइयन जब बृच्छ हरियर बाटइ, ओकरे संग तब अइसा करत हीं तउ जब पेड़ झुराइ जाइ तब का होइ?”
32 दुइ अउर मनई, जउन दुइनउँ ही अपराधी रहेन, ओकर संग मउत क सजा दिये बरे लइ जावा जात रहेन। 33 फिन जब उ पचे उ ठउरे प आएन जउन खोपड़ी कहवावत ह तउ उ पचे ओन दुइउँ अपराधियन क संग ओका क्रूस प चढ़ाइ दिहन, एक अपराधी क ओकरे दाहिन कइँती अउर, दूसर क बाईं कइँती।
34 ऍह पइ ईसू बोला, “हे परमपिता, ऍनका छमा कर्या काहेकि इ पचे नाहीं जानतेन कि इ सबइ का करत अहइँ।”
फिन उ सबइ पॉसा फेंकिके ओकरे ओढ़ना क बाँटि लिहन। 35 हुवाँ खड़ा भएन मनइयन लखत रहेन। यहूदी नेतन ओकर मसखरी करत भएन बोलेन, “इ दूसरन क उद्धार किहे अहइ। अगर उ परमेस्सर क चुना भवा मसीह अहइ तउ ऍका आपन खुद क रच्छा करइ द्या।”
36 सैनिकन भी आइके ओकर मसखरी उड़ाएन। उ पचे ओका दाखरस पिअइ क दिहेन 37 अउर कहेन, “जदि तू यहूदियन क राजा अहा तउ आपन खुद क बचाइ ल्या।” 38 (ओकरे ऊपर इ खबर छापी गइ “इ अहइ यहूदियन क राजा।”)
39 हुवाँ लटकावा भवा अपराधियन मँ स एक ओका बेज्जत करत भवा कहेस, “का तू मसीह नाहीं अहइ? हमका अउर आपन खुद क बचाइ ल्या!”
40 मुला दूसर उ पहिले अपराधी क फटकारत भवा कहेस, “का तू परमेस्सर स नाहीं डेरात्या? तोहका भी उहइ सजा मिलति अहइ 41 मुला हमार सजा तउ उचित निआव स भरी अहइ काहेकि हम जउन कछू कीन्ह, ओकरे बरे जउन हमका मिलइ चाही रहा, उहइ मिलत बा मुला इ मनई तउ कछू भी बुरा नाहीं किहेस।” 42 फिन उ बोला, “ईसू, जब तू आपन राज्य मँ आवा तउ मोका याद राख्या।”
43 ईसू ओसे कहेस, “मइँ तोहसे सच कहत हउँ, आज ही तू सरगलोक मँ मोरे संग होब्या।”
ईसू क मउत
(मत्ती 27:45-46; मरकुस 15:33-41; यूहन्ना 19:28-30)
44 उ समइ दिना क बारह बजा होइ तबहीं तीन बजे तलक समूची धरती प गहिर अँधियारा छाइ गवा। 45 सूरज भी नाहीं चमकत रहा। ओहर मंदिर मँ परदे क फटे क दुइ टुका होइ गएन। 46 ईसू ऊँच आवाज मँ पुकारेस, “हे परमपिता, मइँ आपन आतिमा तोहरे हाथे मँ सौंपत हउँ।” इ कहिके उ आखिरी साँस लिहेस।
47 जब रोम क फऊजी नायक, जउन कछू घटि गवा रहा, उ लखेस तउ परमेस्सर क गुन गावत भवा उ कहेस, “इ सचमुच ही एक नीक मनई रहा!” 48 जब हुवाँ देखइ आएन एकट्ठा मनइयन, जउन कछू भवा रहा, ओका देखेन तउ आपन छाती पीटत लौटि गएन। 49 मुला उ सबइ जउन ओका जानत रहेन, ओन स्त्रियन संग, जउन गलील स पाछे पाछे आवत रहिन, इ बातन क लखइ कछू दूरी प खड़ा रहेन।
अरिमतियाह क यूसुफ
(मत्ती 27:57-61; मरकुस 15:42-47; यूहन्ना 19:38-42)
50-51 अब हुवँई यूसुफ नाउँ क मनई रहा जउन यहूदी महासभा क निअम्बर रहा। उ एक नीक धर्मी पुरुस रहा। उ ओनका फैसला अउर ओका काम मँ लावइ बरे राजी नाहीं रहा। उ यहूदियन क एक सहर अरमत्तिया क बसइया रहा। उ परमेस्सर क राज्य क बाट जोहत रहा। 52 उ मनई पिलातुस क लगे गवा अउर ईसु क ल्हास माँगेस। 53 उ ल्हास क क्रूस पइ स नीचे उतरा अउर सने क उत्तिम रेसा क बना कपड़ा मँ ओका लपेट दिहस। फिन उ ओका चट्टान मँ काटी गइ एक कब्र मँ धइ दिहस, जेहमाँ पहिले कबहुँ कउनो क भी नाहीं राखा गवा रहा। 54 उ सुकरवार क दिन रहा, अउर सबित सुरू होइ क रहा।
55 उ सबइ स्त्रियन जउन गलील स ईसू क साथे आइ रहिन, यूसुफ क पाछे होइ चलिन। उ पचे उ कब्र देखिन अउर लखेन कि ओकर ल्हास कब्र मँ कइसे धरी गइ। 56 फिन उ पचे घर लौटिके खुसबूदार सामग्री अउर लेप तइयार किहेन।
सबित क दिन व्यवस्था क मुताबिक उ पचे आराम किहेन।
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