Read the New Testament in 24 Weeks
पौलुस के दरसन
12 मेंह घमंड जरूर करहूं, हालाकि एकर ले कुछू लाभ नइं होवय। पर मेंह परभू के दुवारा दिये गय दरसन अऊ परकासन के बारे म गोठियाहूं। 2 मेंह मसीह म एक मनखे ला जानत हंव, जऊन ह चौदह बछर पहिली तीसरा स्वरग म उठा लिये गे रिहिस। मेंह नइं जानंव, पर परमेसर ह जानथे कि ओह देहें म उठाय गीस या बिगर देहें के[a]। 3 अऊ मेंह जानत हंव कि ए मनखे ह स्वरग लोक म लाने गीस। मेंह नइं जानंव, पर परमेसर ह जानथे कि ओह देहें म लाने गीस या बिगर देहें के। 4 ओह अइसने बातमन ला सुनिस, जऊन ह कहे के नो हय, अऊ ए बातमन ला बताय के अनुमती मनखे ला नइं दे गे हवय। 5 मेंह अइसने मनखे के ऊपर घमंड करहूं, पर अपन कमजोरी के छोंड़ मेंह अपन ऊपर अऊ कोनो बात म घमंड नइं करंव। 6 पर कहूं मेंह घमंड करे चाहंव घलो, त एह मोर मूर्खता नइं होही, काबरकि मेंह सच गोठियाहूं। पर मेंह घमंड नइं करंव, ताकि जऊन कुछू मेंह करथंव या कहिथंव, कोनो मोला ओकर ले बढ़ के झन समझय।
7 ए अद्भूत चीजमन ला देखे के कारन, मेंह घमंडी झन हो जावंव, एकरसेति मोर देहें म एक कांटा गड़ाय गीस, याने कि सैतान के एक दूत ह मोला परेसान करे बर आईस[b]। 8 तीन बार मेंह परभू ले बिनती करेंव कि ओह एला मोर ले हटा देवय। 9 पर ओह मोला कहिस, “मोर अनुग्रह ह तोर बर बहुंते ए, काबरकि मोर सामरथ ह दुरबलता म सिद्ध होथे।” एकरसेति खुसी ले, मेंह अपन दुरबलता के ऊपर अऊ घमंड करहूं, ताकि मसीह के सामरथ ह मोर ऊपर बने रहय। 10 एकर कारन मसीह के हित म मेंह दुरबलता म, बेजत्ती म, तकलीफ म, सतावा म अऊ कठिनई म खुस रहिथंव। काबरकि जब मेंह दुरबल हंव, तभे मेंह बलवान अंव।
कुरिन्थुस के कलीसिया बर पौलुस के फिकर
11 मेंह अपन-आप ला मुरुख बनाएंव, पर तुमन मोला एकर बर लाचार करे हवव। तुमन ला तो मोर परसंसा करना रिहिस। हालाकि मेंह कुछू नो हंव, तभो ले ओ बड़े प्रेरितमन ले मेंह कोनो बात म कम नो हंव। 12 जऊन बातमन कोनो ला एक प्रेरित के रूप म साबित करथे, ओमन चिन्हां, अचरज अऊ चमतकार के काम अंय अऊ ए बातमन तुम्हर बीच म बड़े धीरज के साथ करे गीस। 13 तुमन कोन बात म आने कलीसिया ले कम रहेव, सिवाय ए कि मेंह तुम्हर ऊपर कभू बोझ नइं बनेंव। तुमन मोला ए गलती बर छेमा करव।
14 अब मेंह तीसरा बार तुम्हर करा आय बर तियार हवंव, अऊ मेंह तुम्हर ऊपर कोनो बोझ नइं बनंव, काबरकि मेंह तुम्हर संपत्ति नइं, पर तुमन ला चाहथंव। काबरकि लइकामन ला अपन दाई-ददा खातिर धन नइं जमा करना चाही, पर दाई-ददा मन ला अपन लइकामन खातिर धन जमा करना चाही। 15 एकरसेति, जऊन कुछू मोर करा हवय, ओला मेंह खुसी ले तुम्हर बर खरचा कर दूहूं, अऊ मेंह खुद अपन-आप ला घलो दे दूहूं। यदि मेंह तुमन ला जादा मया करथंव, त का तुमन मोला कम मया करहू? 16 तब तुमन मान लेथव कि मेंह तुम्हर ऊपर बोझ नइं बनेंव। पर तुमन कह सकत हव कि मेंह चालबाज अंव अऊ छल करके मेंह तुम्हर ले मदद ले हवंव। 17 जऊन मन ला मेंह तुम्हर करा पठोएंव, का ओमन के दुवारा मेंह तुम्हर ले फायदा उठाएंव? 18 मेंह तीतुस ले बिनती करेंव कि ओह तुम्हर करा जावय अऊ मेंह हमर भाई ला घलो ओकर संग पठोएंव। का तीतुस ह तुम्हर ले फायदा उठाईस। नइं ना। का हमन एकेच आतमा म होके काम नइं करेन? का हमर चाल-चलन ह एक सहीं नइं रिहिस?
19 का तुमन अभी तक ए सोचत हव कि हमन तुम्हर आघू म अपन सफई देवत हवन? परमेसर ला हाजिर जानके, हमन मसीह म होके गोठियावत हवन। हे मयारू संगवारीमन हो! जऊन कुछू हमन करथन, तुम्हर उन्नति बर करथन। 20 काबरकि मोला डर हवय कि जब मेंह उहां आवंव, त मेंह तुमन ला वइसने नइं पावंव, जइसने कि मेंह चाहथंव, अऊ तुमन मोला वइसने झन पावव, जइसने तुमन चाहथव। मोला डर हवय कि उहां झगरा, जलन, कोरोध, स्वारथीपन, निन्दा, अफवाह, घमंड अऊ हंगामा होवत होही। 21 मोला डर हवय कि जब मेंह फेर आवंव, त मोर परमेसर ह मोला तुम्हर आघू म नम्र करय अऊ मोला ओ बहुंते मनखेमन बर दुःखी होना पड़य, जऊन मन पहिली पाप करिन अऊ अपन असुधता, अनैतिकता अऊ छिनारपन ले पछताप नइं करे हवंय, जऊन म ओमन सामिल रिहिन।
आखिरी चेतउनी
13 मेंह तीसरा बार तुम्हर करा आवत हंव। परमेसर के बचन म लिखे हवय, “हर एक बात के फैसला दू या तीन झन के गवाही ले होना चाही।”[c] 2 जब मेंह दूसर बार तुम्हर करा आय रहेंव, त तुमन ला चेताय रहेंव। जब मेंह तुम्हर बीच म नइं अंव, त मेंह ओ बात ला फेर कहत हंव: जब मेंह आहूं, त ओमन ला नइं छोड़ंव, जऊन मन पहिली पाप करे रिहिन। 3 तुमन एकर सबूत चाहथव कि मसीह ह मोर दुवारा गोठियाथे। मसीह ह तुम्हर बर निरबल नो हय, पर ओह तुम्हर बीच म अपन सामरथ ला देखाथे। 4 ए बात तो सच ए कि ओह निरबलता म कुरुस ऊपर चघाय गीस, पर ओह परमेसर के सामरथ के दुवारा जीयत हवय। वइसनेच हमन ओम निरबल हवन, पर परमेसर के सामरथ ले तुम्हर सेवा करे बर हमन ओकर संग जीयत रहिबो।
5 तुमन अपन-आप ला परखव अऊ देखव कि तुमन बिसवास के मुताबिक चलत हवव कि नइं। अपन-आप ला जांचव। का तुमन नइं जानव कि मसीह यीसू ह तुमन म हवय? यदि नइं ए, त फेर तुमन जांच म फेल हो गे हवव। 6 पर मोला बिसवास हवय कि तुमन जान जाहू कि हमन जांच म पास हो गे हवन। 7 अब हमन परमेसर ले पराथना करत हवन कि तुमन कोनो गलत काम झन करव। एकरसेति नइं कि हमन जांच म पास हो गे हवन, पर एकरसेति कि तुमन ओ काम करव जऊन ह सही ए, चाहे हमन फेल हो गे हवन सहीं भले ही लगय। 8 काबरकि हमन सच के बिरोध म कुछू नइं कर सकन, पर हमन सिरिप सच के खातिर ही कर सकथन। 9 हमन ला खुसी हवय कि जब भी हमन निरबल हवन, त तुमन मजबूत हवव अऊ हमन पराथना करथन कि तुमन सिद्ध बनव। 10 एकरे कारन, जब मेंह तुम्हर संग नइं अंव, त ए बातमन ला लिखत हवंव, ताकि जब मेंह तुम्हर करा आवंव, त मोला अपन अधिकार के उपयोग करे म कठोर झन होना पड़य; काबरकि परभू ह मोला ए अधिकार तुम्हर आतमिक उन्नति बर दे हवय, तुम्हर बिनास बर नइं।
आखिरी जोहार
11 आखिर म, हे भाईमन हो। अब बिदा लेथंव। सिद्ध बने के कोसिस म रहव; मोर बिनती ला सुनव; एक मत होके रहव अऊ सांति बनाय रखव। तभे मया अऊ सांति देवइया परमेसर ह तुम्हर संग रहिही। 12 पबितर चूमा के संग एक-दूसर ला जोहार करव। 13 जम्मो संत मनखेमन तुमन ला अपन जोहार कहत हवंय।
14 परभू यीसू मसीह के अनुग्रह, परमेसर के मया अऊ पबितर आतमा के संगति तुमन जम्मो झन संग रहय।
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