Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Read the New Testament in 24 Weeks

A reading plan that walks through the entire New Testament in 24 weeks of daily readings.
Duration: 168 days
New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)
Version
1 कुरिन्‍थुस 11-12

11 मोर चाल-चलन के नकल करव, जइसने मेंह मसीह के चाल-चलन के नकल करथंव।

अराधना कइसने होना चाही

मेंह तुम्‍हर परसंसा करत हंव काबरकि तुमन हर एक बात म मोला सुरता करथव अऊ जऊन बात मेंह तुमन ला सिखोय रहेंव, ओकर मुताबिक चलथव।

अब मेंह चाहथंव कि तुमन ए बात ला जान लेवव कि हर आदमी के मुड़ ह मसीह ए, अऊ माईलोगन के मुड़ ह ओकर घरवाला ए अऊ मसीह के मुड़ ह परमेसर ए। ओ मनखे जऊन ह अपन मुड़ ला ढांक के पराथना या अगमबानी करथे, ओह अपन मुड़ के अपमान करथे। अऊ ओ माईलोगन जऊन ह अपन मुड़ ला बिगर ढांके पराथना या अगमबानी करथे, ओह अपन मुड़ के अपमान करथे – ए बात ह अइसने अय मानो ओह अपन बाल ला मुड़वा ले हवय। यदि कोनो माईलोगन अपन मुड़ ला नइं ढांकय, त ओला अपन मुड़ ला मुड़वा लेना चाही; अऊ यदि माईलोगन बर ओकर बाल कटई या बाल मुड़वई कलंक के बात ए, त ओला अपन मुड़ ढांकना चाही। आदमी ला अपन मुड़ नइं ढांकना चाही, काबरकि ओह परमेसर के सरूप अऊ महिमा ए, पर माईलोगन ह आदमी के महिमा ए। आदमी ह माईलोगन ले बनाय नइं गीस, पर माईलोगन ह आदमी ले बनाय गीस; अऊ आदमी ह माईलोगन बर बनाय नइं गीस, पर माईलोगन ह आदमी बर बनाय गीस। 10 एकरे कारन, अऊ स्वरगदूतमन के कारन, माईलोगन ला अपन मुड़ म अधिकार के चिन्‍हां होना चाही।

11 तभो ले परभू म न तो माईलोगन ह आदमी ले अलग अय अऊ न ही आदमी ह माईलोगन ले अलग अय। 12 काबरकि जइसने माईलोगन ह आदमी ले बनाय गीस, वइसने आदमी ह घलो माईलोगन ले जनमे हवय। पर हर चीज परमेसर करा ले आथे। 13 तुमन खुदे सोचव: का कोनो माईलोगन बर एह उचित ए कि ओह बिगर मुड़ ढांके परमेसर ले पराथना करय? 14 सुभाविक रूप ले का तुमन नइं जानव कि यदि कोनो आदमी ह लम्‍बा बाल रखथे, त एह ओकर बर कलंक के बात ए, 15 पर यदि कोनो माईलोगन ह लम्‍बा बाल रखथे, त एह ओकर सोभा ए? काबरकि लम्‍बा बाल, ओला ढांके बर दिये गे हवय। 16 यदि कोनो एकर बारे म बहस करे चाहथे, त मेंह सिरिप ए कह सकथंव कि न तो हमर अऊ न ही परमेसर के कलीसियामन के कोनो आने रीति-रिवाज हवय।

परभू भोज

17 अब जऊन बात मेंह तुमन ला लिखत हवंव, ओम मेंह तुम्‍हर बड़ई नइं करंव, काबरकि कलीसिया के सभा म तुमन भलई करे के बदले जादा नुकसान करथव। 18 पहिली बात, मेंह ए सुने हवंव कि जब तुमन एक कलीसिया के रूप म जूरथव, त तुम्‍हर बीच म दलबंदी दिखथे; अऊ मेंह ए बात ला कुछू हद तक बिसवास घलो करथंव। 19 एह जरूरी ए कि तुमन म दलबंदी होवय ताकि तुमन के बीच म जऊन मन सही अंय, ओमन के पहिचान होवय। 20 जब तुमन एक संग जूरथव अऊ जऊन चीज ला खाथव, ओह परभू भोज नो हय, 21 काबरकि हर मनखे ह दूसर ला अगोरे बिगर खा लेथे। कोनो तो भूखन रहि जाथे अऊ कोनो मतवाल हो जाथे। 22 खाय-पीये बर का तुम्‍हर घर नइं ए? या फेर तुमन परमेसर के कलीसिया ला तुछ समझथव अऊ जऊन मन करा कुछू नइं ए, ओमन के अपमान करथव। मेंह तुमन ला का कहंव? ए बात बर का मेंह तुम्‍हर बड़ई करंव? बिलकुल नइं।

23 काबरकि जऊन बात परभू ह मोला बताईस, ओला मेंह तुमन ला बता देंव: जऊन रतिहा परभू यीसू ला पकड़े गीस, ओ रतिहा ओह रोटी लीस 24 अऊ परमेसर ला धनबाद देके ओला टोरिस अऊ कहिस, “एह मोर देहें अय, जऊन ह तुम्‍हर बर अय। मोर सुरता म एही करे करव।” 25 खाना खाय के बाद, ओही किसम ले परभू ह कटोरा ला लीस अऊ कहिस, “ए कटोरा ह मोर लहू म नवां करार ए; जब भी तुमन एला पीयव, त ए काम ला मोर सुरता म करे करव।” 26 काबरकि जब भी तुमन ए रोटी ला खाथव अऊ ए कटोरा म ले पीथव, त तुमन परभू के मिरतू के परचार तब तक करथव, जब तक कि ओह फेर नइं आ जावय।

27 एकरसेति, जऊन ह गलत ढंग ले परभू के रोटी ला खाथे या ओकर कटोरा म ले पीथे, त ओह परभू के देहें अऊ लहू के बिरोध म पाप करे के दोसी ठहिरथे। 28 एकरसेति, हर एक झन रोटी ला खाय अऊ कटोरा म ले पीये के पहिली अपन-आप ला जांचय। 29 काबरकि जऊन ह परभू के देहें के महत्‍व ला समझे बिगर, रोटी ला खाथे अऊ कटोरा म ले पीथे, ओह अपन ऊपर दंड लाथे। 30 एकरे कारन तुमन ले कतको झन दुरबल अऊ बेमार पड़े हवंय अऊ कतको झन तो मर घलो गे हवंय। 31 पर यदि हमन अपन-आप ला जांचबो, त हमन सजा के भागी नइं होबो। 32 जब परभू ह हमन ला जांचथे-परखथे, त ओह हमर ताड़ना करथे ताकि हमन संसार के मनखेमन संग दोसी झन ठहिरन।

33 एकरसेति, हे मोर भाईमन हो, जब तुमन परभू भोज खाय बर जूरथव, त एक-दूसर खातिर अगोरव। 34 यदि कोनो ला भूख लगथे, त ओला घर म खा लेना चाही, ताकि जब तुमन जूरव, त ए बात ह दंड के कारन झन बनय।

अऊ जब मेंह आहूं, त अऊ आने चीजमन के बारे म बताहूं।

आतमिक बरदान

12 हे भाईमन हो, मेंह चाहथंव कि तुमन ओ बरदानमन के बारे म जानव, जऊन ला पबितर आतमा देथे। तुमन जान-थव कि जब तुमन आनजात रहेव, त कोनो न कोनो किसम ले तुमन मूरतीमन के परभाव म रहेव अऊ ओमन के पाछू चलत रहेव, जऊन मन कि गोठियाय नइं सकंय। एकरसेति, तुमन ए बात ला जान लेवव कि जऊन ह परमेसर के आतमा म होके गोठियाथे, ओह ए नइं कहय, “यीसू ह सरापित ए।” अऊ पबितर आतमा के अगुवई के बिगर कोनो ए नइं कह सकय, “यीसू ह परभू ए।”

कतको किसम के आतमिक बरदान हवय, पर एकेच पबितर आतमा हवय, जऊन ह ए बरदान देथे। कतको किसम के सेवा हवय, पर एकेच परभू ए, जेकर सेवा हमन करथन। काम करे के कतको तरिका हवय, पर एकेच परमेसर ह जम्मो काम ला करे के काबिल जम्मो मनखेमन ला बनाथे।

हर एक मनखे ला जम्मो के भलई करे बर पबितर आतमा के बरदान दिये जाथे। एक झन ला पबितर आतमा ह बुद्धि के बात देथे, त ओहीच आतमा ह दूसर ला गियान के बात देथे। कोनो ला ओहीच आतमा ह बिसवास, त कोनो ला ओहीच आतमा ले चंगा करे के बरदान मिलथे। 10 कोनो ला चमतकार के काम करे के, त कोनो ला अगमबानी करे के, त कोनो ला आतमामन ला परखे के, त कोनो ला अनजान भासा म गोठियाय के अऊ कोनो ला अनजान भासामन के अनुवाद करे के बरदान मिलथे। 11 ए जम्मो काम ला एकेच अऊ ओहीच पबितर आतमा ह करथे अऊ ओह जइसने चाहथे, वइसने हर एक मनखे ला ए बरदान बांट देथे।

एक देहें अऊ बहुंते अंग

12 जइसने कि देहें ह एक अय अऊ एकर बहुंते अंग हवंय, अऊ ए जम्मो अंग मिलके एकेच देहें बनथे। वइसनेच बात, मसीह के संग घलो अय। 13 काबरकि हमन जम्मो झन ला एकेच पबितर आतमा के दुवारा, एकेच देहें होय बर बतिसमा मिलिस – चाहे ओमन यहूदी होवंय या यूनानी, चाहे गुलाम होवंय या सुतंतर मनखे; हमन जम्मो झन ला ओहीच पबितर आतमा दिये गे हवय।

14 देहें ह एक अंग ले नइं, फेर बहुंते अंग ले मिलके बने हवय। 15 कहूं गोड़ ह कहय, “मेंह हांथ नो हंव, एकरसेति मेंह देहें के नो हंव,” त एकर मतलब ए नइं होवय कि गोड़ ह देहें ले अलग हो जाथे। 16 अऊ कहूं कान ह कहय, “मेंह आंखी नो हंव, एकरसेति मेंह देहें के नो हंव,” त एकर मतलब ए नइं होवय कि कान ह देहें ले अलग हो जाथे। 17 कहूं जम्मो देहें ह एक ठन आंखी होतिस, त सुने के काम कइसने होतिस? यदि जम्मो देहें ह एक ठन कान होतिस, त फेर सुंघे के काम कइसने होतिस? 18 पर परमेसर ह जइसने उचित समझिस, वइसने हर अलग-अलग अंग ला देहें म रखिस। 19 कहूं ए जम्मो ह एके ठन अंग होतिन, त फेर देहें ह कहां होतिस? 20 पर जइसने कि अंग तो बहुंते हवंय, पर देहें ह एक अय।

21 आंखी ह हांथ ला नइं कहे सकय, “मोला तोर जरूरत नइं ए।” अऊ मुड़ ह गोड़ ला नइं कहे सकय, “मोला तोर जरूरत नइं ए।” 22 एकर उल्टा, देहें के जऊन अंगमन आने ले कमजोर दिखथें, ओमन ह बहुंत जरूरी अंय, 23 अऊ जऊन अंगमन ला हमन कम महत्‍व के समझथन, ओमन ला हमन जादा महत्‍व देथन। अऊ देहें के जऊन अंगमन जादा बने नइं दिखंय, हमन ओमन ला जादा धियान देथन, 24 जबकि हमर देहें के सुघर अंगमन ला जादा धियान देके जरूरत नइं ए। पर परमेसर ह देहें के अंगमन ला एक संग जोड़े हवय, अऊ जऊन अंगमन कम महत्‍व के रिहिन, ओमन ला ओह जादा महत्‍व दे हवय, 25 ताकि देहें के अंगमन म फूट झन पड़य, पर एकर अंगमन एक-दूसर बर बरोबर चिंता करंय। 26 कहूं एक अंग ह दुःख पाथे, त ओकर संग जम्मो अंगमन दुःख पाथें; अऊ कहूं एक अंग के बड़ई होथे, त जम्मो अंगमन ओकर संग खुसी मनाथें।

27 अब तुमन मसीह के देहें अव, अऊ तुमन के हर एक एकर अंग अय। 28 अऊ परमेसर ह कलीसिया म अलग-अलग मनखेमन ला ठहिराय हवय: पहिली प्रेरितमन ला, दूसरा अगमजानीमन ला, तीसरा गुरूमन, तब चमतकार के काम करइयामन, तब ओमन ला, जऊन मन करा चंगा करे के बरदान हवय, अऊ आने के मदद करइयामन, अऊ तब ओमन ला, जऊन मन ला सासन-परबंध करे के बरदान हवय अऊ आखिरी म नाना किसम के भासा बोलइयामन। 29 का जम्मो झन प्रेरित अंय? का जम्मो झन अगमजानी अंय? का जम्मो झन गुरू अंय? का जम्मो झन चमतकार के काम करथें? 30 का जम्मो झन करा चंगा करे के बरदान हवय? का जम्मो झन नाना किसम के भासा म गोठियाथें? का जम्मो झन नाना किसम के भासा के अनुवाद करथें। नइं! 31 पर तुमन बड़े ले बड़े बरदान पाय के धुन म रहव।

पर अब मेंह तुमन ला सबले उत्तम बात बतावत हंव।

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)

Copyright: New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) Copyright © 2012, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.