Read the New Testament in 24 Weeks
भलई करे म दुःख सहई
8 आखिरी म, तुमन जम्मो एक मन होके रहव; सहानुभूति रखव; भाईमन सहीं मया करव; दयालु अऊ नम्र बनव। 9 बुरई के बदले बुरई या बेजत्ती के बदले बेजत्ती झन करव, पर बदले म आसिस देवव काबरकि तुमन एकरे बर बलाय गे हवव, ताकि तुमन ला आसिस मिलय। 10 जइसने कि परमेसर के बचन ह कहिथे,
“जऊन कोनो, जिनगी ले मया करे चाहथे
अऊ सुघर दिन देखे के ईछा करथे,
ओकर बर जरूरी अय कि ओह अपन जीभ ला बुरई ले
अऊ अपन होंठ ला छल-कपट के बात ले दूरिहा रखय।
11 ए जरूरी अय कि ओह बुरई ला छोंड़के भलई करय;
अऊ ए घलो जरूरी अय कि ओह सांति के खोज करय अऊ ओकर पाछू लगे रहय।
12 काबरकि परभू के नजर धरमीमन ऊपर लगे रहिथे,
अऊ ओकर कान ह ओमन के पराथना ला सुनथे,
पर परभू ह बुरई करइयामन के बिरोध करथे।”[a]
13 यदि तुमन भलई करे बर उत्सुक हवव, त तुम्हर हानि कोन करही? 14 पर कहूं तुमन बने काम करे के कारन दुःख उठाथव, त तुमन आसिस पाहू। मनखेमन ले झन डरव अऊ न घबरावव।[b] 15 पर अपन हिरदय म मसीह ला पबितर परभू के रूप म जानव। जऊन कोनो तुमन ला तुम्हर आसा के बिसय म कुछू पुछय, त ओला जबाब देय बर हमेसा तियार रहव। 16 पर ए काम ला सुध बिवेक म, नमरता अऊ आदर के संग करव ताकि मसीह म तुम्हर बने चाल-चलन के बिरोध म, जऊन मन खराप बात कहिथें, ओमन अपन बात ले सरमिन्दा होवंय। 17 कहूं ए परमेसर के ईछा अय, त बुरई करके दुःख भोगे के बदले, भलई करके दुःख भोगे ह बने अय। 18 काबरकि मसीह ह याने धरमी ह अधरमीमन खातिर या तुम्हर पाप खातिर जम्मो के सेति एकेच बार मरिस कि ओह तुमन ला परमेसर करा लानय। ओह देहें म मारे गीस, पर आतमा के दुवारा जीयाय गीस, 19 अऊ आतमिक दसा म, ओह जाके कैदी आतमामन ला परचार करिस, 20 जऊन मन बहुंत पहिली परमेसर के हुकूम नइं मानिन, जब परमेसर ह नूह के दिन म धीर धरके इंतजार करत रहय, अऊ पानी जहाज ह बनत रहय। जहाज म सिरिप थोरकन मनखे याने जम्मो मिलाके आठ झन पानी ले बंचिन[c]; 21 अऊ ए पानी ह बतिसमा के चिन्हां अय, जऊन ह अब तुमन ला घलो बचाथे। एह देहें के मइल धोवई नो हय, पर एह सुध बिवेक म परमेसर ले एक वायदा करई अय। यीसू मसीह के फेर जी उठे के दुवारा, ए बतिसमा ह तुमन ला बचाथे। 22 यीसू मसीह ह स्वरग चले गीस, अऊ ओह परमेसर के जेवनी हांथ कोति हवय अऊ जम्मो स्वरगदूत, अधिकार अऊ सामरथ ओकर अधीन म हवंय।
परमेसर खातिर जिनगी बितई
4 जब मसीह ह देहें म दुःख भोगिस, त तुमन घलो ओहीच सोच के मुताबिक अपन-आप ला मजबूत करव, काबरकि जऊन ह देहें म दुःख भोगिस, ओह पाप ले छूट गीस। 2 एकर नतीजा ए होथे कि ओह बांचे संसारिक जिनगी मनखेमन के खराप ईछा मुताबिक नइं, पर परमेसर के ईछा मुताबिक जीथे। 3 काबरकि तुमन ओ काम म पहिली बहुंत समय बिता चुके हवव, जऊन ला मूरती-पूजा करइयामन पसंद करथें। तुमन अपन जिनगी ला छिनारीपन, काम-वासना, मतवालपन, भोग-बिलास, खाय-पीये, अऊ घिन-घिन मूरती-पूजा म बिताय हवव। 4 मूरती-पूजा करइयामन अचरज करथें, जब तुमन ओमन के संग जंगली अऊ लापरवाही के जिनगी म सामिल नइं होवव, अऊ ओमन तुम्हर बेजत्ती करथें। 5 पर ओमन परमेसर ला लेखा दिहीं, जऊन ह जीयत अऊ मरे मन के नियाय करे बर तियार हवय। 6 एकरे कारन मरे मन ला घलो सुघर संदेस के परचार करे गीस, ताकि मनखेमन के मुताबिक ओमन के देहें म नियाय होवय, पर ओमन आतमा म परमेसर के मुताबिक जीयंय।
7 जम्मो चीजमन के अंत जल्दी होवइया हवय। एकरसेति, साफ मन अऊ संयमी होवव, ताकि तुमन पराथना कर सकव। 8 जम्मो ले बड़े बात ए अय कि एक-दूसर ला बहुंते मया करव, काबरकि मया ह बहुंते पापमन ला तोप देथे। 9 बिगर कुड़कुड़ाय एक-दूसर के पहुनई करव। 10 हर एक झन आने मन के सेवा करे बर, जऊन आतमिक बरदान पाय हवय, ओह ओकर उपयोग बिसवास सहित परमेसर के अनुग्रह म अनेक किसम ले करय।
11 कहूं कोनो गोठियावय, त अइसने गोठियावय मानो परमेसर के बचन ओकर मुहूं ले निकरथे। कहूं कोनो सेवा करय, त ओह ओ ताकत ले करय, जऊन ला परमेसर देथे, ताकि जम्मो बात म, यीसू मसीह के दुवारा परमेसर के परसंसा हो सकय। महिमा अऊ सामरथ जुग-जुग ओकर होवय। आमीन।
मसीही होय के कारन दुःख सहई
12 मयारू संगवारीमन, जऊन पीरा भरे दुःख, परखे बर तुम्हर ऊपर पड़े हवय, ओकर ले अचम्भो झन करव कि कोनो अनहोनी बात तुम्हर ऊपर होवत हवय। 13 पर आनंद मनावव कि तुमन मसीह के दुःख म सामिल हवव, ताकि जब ओकर महिमा परगट होवय, त तुमन आनंद ले मगन हो जावव। 14 कहूं मसीह के नांव के कारन तुम्हर बेजत्ती होथे, त अपन-आप ला धइन समझव, काबरकि महिमा अऊ परमेसर के आतमा तुम्हर ऊपर छइहां करथे। 15 कहूं तुमन दुःख भोगव, त ए दुःख भोगई ह एक हतियारा या चोर या कोनो आने किसम के अपराधी के रूप म झन होवय, अऊ एह आने मन के काम म बाधा डलइया के रूप म घलो झन होवय। 16 पर कहूं तुमन एक मसीही के रूप म दुःख भोगथव, त एकर बर झन लजावव, पर परमेसर के इस्तुति करव, कि मसीह के नांव तुम्हर संग हवय। 17 नियाय के समय आ गे हवय अऊ परमेसर के मनखेमन के नियाय पहिली करे जाही, अऊ कहूं एकर सुरूआत हमर ले होथे, त ओमन के अंत कइसने होही, जऊन मन परमेसर के सुघर संदेस ला नइं मानय? 18 जइसने कि परमेसर के बचन ह कहिथे,
“यदि धरमीमन बर उद्धार पाना कठिन ए,
त भक्तिहीन अऊ पापी मन के का होही?”
19 एकरसेति, जऊन मन परमेसर के ईछा के मुताबिक दुःख उठाथें, ओमन अपन-आप ला अपन बिसवास के काबिल सिरिस्टी करइया परमेसर के हांथ म सऊंप देवंय, अऊ बने काम करे म लगे रहंय।
अगुवा अऊ जवान मनखे मन
5 तुमन म जऊन मन अगुवा अंय, ओमन ला मेंह एक संगी अगुवा के रूप म, अऊ मसीह के दुःख उठाय के एक गवाह के रूप म अऊ परगट होवइया महिमा म सामिल होवइया के रूप म बिनती करत हंव: 2 परमेसर के ओ झुंड के, जऊन ह तुम्हर अधीन हवय, पास्टर के रूप म सेवा करत ओ झुंड के चरवाहा बनव। एह दबाव ले नइं, पर जइसने परमेसर तुमन ले चाहथे, अपन ईछा ले करव; पईसा के लालच म नइं, पर सेवा-भाव ले करव। 3 जऊन मनखेमन तुमन ला सऊंपे गे हवंय, ओमन ऊपर हुकूम झन चलावव, पर झुंड खातिर एक नमूना बनव। 4 अऊ जब मुखिया चरवाहा परगट होही, त तुमन महिमा के ओ मुकुट पाहू, जऊन ह अपन चमक कभू नइं खोवय।
5 हे जवानमन, तुमन घलो ओही किसम ले सियानमन के अधीन रहव। एक-दूसर के संग नमरता ले बरताव करव, काबरकि,
“परमेसर ह घमंडी मनखे के बिरोध करथे,
पर नम्र मनखे ला अनुग्रह देथे।”[d]
6 एकरसेति, परमेसर के सामरथी हांथ के तरी अपन-आप ला नम्र करव, ताकि ओह तुमन ला उचित समय म ऊपर करय। 7 अपन जम्मो चिंता ला ओकर ऊपर छोंड़ देवव, काबरकि ओह तुम्हर खियाल रखथे। 8 तुमन संयमी अऊ सचेत रहव। काबरकि तुम्हर बईरी सैतान ह एक गरजत सिंह के सहीं एती-ओती गिंजरथे अऊ ए फिराक म रहिथे कि कोनो ला चीरके खावय। 9 बिसवास म मजबूत होके ओकर मुकाबला करव, काबरकि तुमन जानत हव कि तुम्हर संगी बिसवासीमन, जम्मो संसार म एही किसम के दुःख भोगत हवंय।
10 अऊ तुम्हर थोरकन समय तक दुःख भोगे के बाद, जम्मो अनुग्रह के परमेसर, जऊन ह तुमन ला मसीह म अपन सदाकाल के महिमा बर बलाय हवय, ओह खुद तुमन ला संभालही, अऊ तुमन ला, बलवान, मजबूत अऊ स्थिर करही। 11 ओकर सामरथ जुग-जुग ले बने रहय। आमीन।
आखिरी जोहार
12 सीलास ला मेंह एक बिसवास के लइक भाई समझथंव अऊ ओकरे मदद ले मेंह तुमन ला ए थोरकन बात लिखत हवंव। मेंह तुमन ला उत्साहित करे चाहथंव अऊ अपन गवाही देवत हंव कि एह परमेसर के सच्चा अनुग्रह अय। एम मजबूत बने रहव।
13 ओ कलीसिया, जऊन ह बाबूल सहर म हवय अऊ एक साथ तुम्हर संग चुने गे हवय, तुमन ला अपन जोहार कहत हवय अऊ अइसनेच मरकुस घलो जऊन ह मोर बेटा सहीं अय, तुमन ला जोहार कहत हवय। 14 मसीही मया म एक-दूसर के चूमा लेके जोहार कहव।
तुमन जम्मो झन ला, जऊन मन मसीह म हवव, सांति मिलय।
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