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New Testament in a Year

Read the New Testament from start to finish, from Matthew to Revelation.
Duration: 365 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
इब्री 2

उत्तम उद्धार के प्रति चेतावनी

इसीलिए ज़रूरी है कि हमने जो सुना है, उस पर विशेष ध्यान दें. ऐसा न हो कि हम उससे दूर चले जाएँ. क्योंकि यदि स्वर्गदूतों द्वारा दिया गया सन्देश स्थिर साबित हुआ तथा हर एक अपराध तथा अनाज्ञाकारिता ने सही न्याय-दण्ड पाया, तब भला हम इतने उत्तम उद्धार की उपेक्षा करके आनेवाले दण्ड से कैसे बच सकेंगे, जिसका वर्णन सबसे पहिले स्वयं प्रभु द्वारा किया गया, इसके बाद जिसकी पुष्टि हमारे लिए उनके द्वारा की गई, जिन्होंने इसे सुना? उनके अलावा परमेश्वर ने चिह्नों, चमत्कारों और विभिन्न अद्भुत कामों के द्वारा तथा अपनी इच्छानुसार दी गई पवित्रात्मा की क्षमताओं द्वारा भी इसकी पुष्टि की है.

उद्धार स्वर्गदूतों द्वारा नहीं, मसीह द्वारा लाया गया

परमेश्वर ने उस भावी सृष्टि को, जिसका हम वर्णन कर रहे हैं, स्वर्गदूतों के अधिकार में नहीं सौंपा. किसी ने इसे इस प्रकार स्पष्ट किया है:

मनुष्य है ही क्या कि आप उसको याद करें या मनुष्य की सन्तान,
    जिसका आप ध्यान रखें?
आपने उसे सिर्फ थोड़े समय के लिए स्वर्गदूतों से थोड़ा ही नीचे रखा,
    आपने उसे प्रताप और सम्मान से सुशोभित किया.
    आपने सभी वस्तुएं उसके अधीन कर दीं.

सारी सृष्टि को उनके अधीन करते हुए परमेश्वर ने ऐसा कुछ भी न छोड़ा, जो उनके अधीन न किया गया हो; किन्तु सच्चाई यह है कि अब तक हम सभी वस्तुओं को उनके अधीन नहीं देख पा रहे.

थोड़े समय के लिए मसीह येशु को नीचे लाना

हाँ, हम उन्हें अवश्य देख रहे हैं, जिन्हें थोड़े समय के लिए स्वर्गदूतों से थोड़ा ही नीचे रखा गया अर्थात् मसीह येशु को, क्योंकि मृत्यु के दुःख के कारण वह महिमा तथा सम्मान से सुशोभित हुए कि परमेश्वर के अनुग्रह से वह सभी के लिए मृत्यु का स्वाद चखें.

10 यह सही ही था कि परमेश्वर, जिनके लिए तथा जिनके द्वारा हर एक वस्तु का अस्तित्व है, अनेक सन्तानों को महिमा में प्रवेश कराने के द्वारा उनके उद्धारकर्ता को दुःख उठाने के द्वारा सिद्ध बनाएँ. 11 जो पवित्र करते हैं तथा वे सभी, जो पवित्र किए जा रहे हैं, दोनों एक ही पिता की सन्तान हैं. यही कारण है कि वह उन्हें भाई कहते हुए लज्जित नहीं होते. 12 वह कहते हैं:

“मैं अपने भाइयों के सामने आपके नाम की घोषणा करूँगा,
    सभा के सामने मैं आपकी वन्दना गाऊँगा.”

13 और दोबारा

“मैं उनमें भरोसा करूँगा और दोबारा
    मैं और वे, जिन्हें सन्तान के रूप में परमेश्वर ने मुझे सौंपा है, यहाँ हैं.”

14 इसलिए कि सन्तान लहू और माँस की होती है, मसीह येशु भी लहू और माँस के हो गए कि मृत्यु के द्वारा वह उसे अर्थात् शैतान को, जिसमें मृत्यु का सामर्थ्य था, बलहीन कर दें 15 और वह उन सभी को स्वतन्त्र कर दें, जो मृत्यु-भय के कारण जीवन भर दासत्व के अधीन होकर रह गए थे. 16 यह तो सुनिश्चित है कि वह स्वर्गदूतों की नहीं परन्तु अब्राहाम के वंशजों की सहायता करते हैं. 17 इसलिए हर एक पक्ष में मसीह येशु का मनुष्य के समान बन जाना ज़रूरी था कि सबके पापों के लिए वह प्रायश्चित-बलि[a] होने के लिए परमेश्वर के सामने कृपालु और विश्वासयोग्य महापुरोहित बन जाएँ. 18 स्वयं उन्होंने अपनी परख के अवसर पर दुःख उठाया, इसलिए वह अब उन्हें सहायता प्रदान करने में सक्षम हैं, जिन्हें परीक्षा में डाल कर परखा जा रहा है.

Saral Hindi Bible (SHB)

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