New Testament in a Year
22 हे इसरायलीमन हो, ए बात ला सुनव: यीसू ह नासरत के रहइया एक मनखे रिहिस। ओह परमेसर कोति ले आय रिहिस। ए बात के सबूत ओकर सामरथ के काम, अचरज के काम अऊ चिन्हां ले परगट होथे, जऊन ला परमेसर ह तुमन के बीच म ओकर दुवारा करिस, जइसने कि तुमन खुदे जानत हवव। 23 जब ओह परमेसर के ठहराय योजना अऊ पूर्व गियान के मुताबिक पकड़वाय गीस, त तुमन अधरमीमन के मदद ले ओला कुरुस म चघाके मार डारेव। 24 पर ओला परमेसर ह मिरतू के बंधना ले छोंड़ाके जियाईस, काबरकि एह असंभव रिहिस कि ओह मिरतू के बस म रहय। 25 बहुंत पहिली दाऊद ह लिखे हवय कि मसीह ह अपन बारे म का कहिस,
‘मेंह परभू ला हमेसा अपन आघू म देखत रहेंव, काबरकि ओह मोर जेवनी हांथ कोति हवय;
मेंह कभू डोलंव नइं।
26 एकरसेति मोर मन म खुसी हवय, अऊ मोर जीभ ह आनंद परगट करथे;
मोर देहें घलो आसा म जीयत रहिही,
27 काबरकि तेंह मोर जीव ला पताल-लोक म नइं छोड़बे,
अऊ न अपन पबितर जन (मसीह) ला सड़न देबे।
28 तेंह मोला जिनगी के रसता बताय हवस;
तेंह मोला अपन दरसन देके आनंद ले भर देबे।’
29 हे भाईमन हो, मेंह ओ कुल के मुखिया दाऊद के बारे म तुमन ला बिसवास के संग ए कह सकत हंव कि ओह तो मर गीस, अऊ दफनाय घलो गीस अऊ ओकर कबर ह आज तक इहां हवय। 30 पर ओह अगमजानी रिहिस अऊ ओह ए जानत रिहिस कि परमेसर ह ओकर ले ए कसम खाय रिहिस; ‘मेंह तोर बंस म ले एक झन ला तोर सिंघासन म बईठाहूं।’ 31 ओह, का होवइया हवय एला जानके, मसीह के जी उठे के बारे म अगमबानी करिस, ‘ओकर जीव ला पताल-लोक म नइं छोंड़े गीस अऊ न ओकर देहें ह सड़े पाईस।’ 32 एही यीसू ला परमेसर ह जियाईस, जेकर हमन जम्मो झन गवाह हवन। 33 इहीच ढंग ले ओह परमेसर के जेवनी हांथ कोति जम्मो ले बड़े पद पाईस। ददा (परमेसर) ले ओह पबितर आतमा पाके, जेकर परतिगियां करे गे रिहिस, ओह हमर ऊपर एला उंड़ेर दीस, जऊन ला तुमन देखत अऊ सुनत हवव। 34 काबरकि दाऊद ह तो स्वरग म नइं चघिस,
पर ओह ए कहिस,
‘परभू ह मोर परभू ले कहिस:
35 “मोर जेवनी हांथ कोति बईठ;
जब तक कि मेंह तोर बईरीमन ला तोर गोड़ खाल्हे के चौकी नइं बना देवंव।” ’[a]
36 एकरसेति जम्मो इसरायली मनखेमन ए जरूर जान लेवंय कि ओही यीसू, जऊन ला तुमन कुरुस म चघाय रहेव, परमेसर ह ओला परभू अऊ मसीह दूनों ठहराईस।”
37 तब सुनइयामन के हिरदय ह कलपे लगिस, अऊ ओमन पतरस अऊ बाकि प्रेरितमन ले पुछे लगिन, “हे भाईमन हो, हमन का करन?”
38 पतरस ह ओमन ला कहिस, “अपन पाप के पछताप करव, अऊ तुमन म ले, हर एक झन अपन-अपन पाप के छेमा खातिर यीसू मसीह के नांव म बतिसमा लेवव, तब तुमन पबितर आतमा के दान पाहू। 39 काबरकि ए परतिगियां ह तुम्हर अऊ तुमन के संतान बर अऊ ओ जम्मो दूरिहा-दूरिहा के मनखेमन के खातिर घलो अय, जऊन मन ला हमर परभू परमेसर ह अपन लकठा म बलाही।”
40 पतरस ह अऊ बहुंते बात के दुवारा समझाईस अऊ ओमन ले बिनती करिस, “अपन-आप ला ए खराप मनखेमन ले बचावव।” 41 तब जऊन मन पतरस के बात ला मानिन, ओमन बतिसमा लीन, अऊ ओहीच दिन करीब तीन हजार मनखेमन ओमन के संग मिल गीन।
बिसवासीमन के संगति
42 ओमन प्रेरितमन ले सिकछा पाय लगिन, अऊ अपन-आप ला संगति रखे म, परभू भोज के रोटी टोरे म अऊ पराथना करे म मगन रखिन। 43 जम्मो मनखेमन म डर हमा गे अऊ बहुंते चमतकार के काम अऊ अद्भूत काम प्रेरितमन के दुवारा होवत रिहिस। 44 ओ जम्मो बिसवास करइयामन लगातार एक संग संगति करत रिहिन अऊ ओमन के जम्मो चीज म जम्मो झन के हक रिहिस।
45 ओमन अपन-अपन संपत्ति अऊ सामान ला बेंच-बेंचके, जेकर जइसने जरूरत रहय वइसने बांट देवंय। 46 ओमन हर एक दिन एक मन होके मंदिर के अंगना म जुरंय, अऊ ओमन घर-घर म रोटी टोरत, खुसी अऊ निस्कपट मन ले एक संग खावत रिहिन। 47 ओमन परमेसर के भजन करंय अऊ जम्मो मनखेमन ओमन ले खुस रहंय। अऊ जऊन मन उद्धार पावंय, ओमन ला परभू ह हर दिन ओमन के संग मिला देवत रिहिस।
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