New Testament in a Year
यीसू के अधिकार के बारे म सवाल
(मत्ती 21:23-27; मरकुस 11:27-33)
20 एक दिन जब यीसू ह मंदिर के अंगना म मनखेमन ला उपदेस देवत रिहिस अऊ सुघर संदेस के परचार करत रिहिस, त मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरूमन अगुवामन के संग ओकर करा आईन, 2 अऊ ओमन यीसू ले पुछिन, “हमन ला बता, कोन अधिकार ले तेंह ए चीजमन ला करत हवस? कोन ह तोला ए अधिकार दे हवय?”
3 ओह ओमन ला जबाब देवत कहिस, “मेंह घलो तुमन ले एक सवाल पुछत हंव। मोला बतावव, 4 यूहन्ना ला बतिसमा देय के अधिकार स्वरग (परमेसर) ले मिले रिहिस कि मनखेमन ले?”
5 ओमन आपस म सोच-बिचार करिन अऊ कहिन, “यदि हमन कहन, ‘स्वरग ले,’ तब ओह पुछही, ‘तब तुमन काबर ओकर ऊपर बिसवास नइं करेव?’ 6 पर यदि हमन कहन, ‘मनखेमन ले,’ त जम्मो मनखे हमन ला पथरा फेंकके मारहीं, काबरकि ओमन बिसवास करथंय कि यूहन्ना ह एक अगमजानी रिहिस।”
7 एकरसेति ओमन जबाब दीन, “हमन नइं जानन कि ओह काकर कोति ले रिहिस।”
8 तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “त मेंह घलो तुमन ला नइं बतावंव कि कोन अधिकार ले मेंह ए चीजमन ला करत हवंव।”
रेगहा म खेत कमइया किसानमन के पटंतर
(मत्ती 21:33-46; मरकुस 12:1-12)
9 तब यीसू ह मनखेमन ला ए पटंतर कहिस, “एक मनखे एक अंगूर के बारी लगाईस, अऊ ओला कुछू किसानमन ला रेगहा म दे दीस अऊ बहुंत दिन बर परदेस चल दीस। 10 जब अंगूर के फसल के समय आईस, त ओह अपन एक सेवक ला ओ किसानमन करा पठोईस ताकि ओमन अंगूर के बारी के कुछू फर ओला देवंय। पर किसानमन ओ सेवक ला मारिन-पीटिन अऊ ओला जुछा हांथ वापिस पठो दीन। 11 तब ओह दूसर सेवक ला पठोईस, पर किसानमन ओला घलो मारिन-पीटिन; ओकर बेजत्ती करिन अऊ ओला जुछा हांथ वापिस पठो दीन। 12 फेर ओह तीसरा सेवक ला पठोईस, अऊ किसानमन ओला घायल करके बारी के बाहिर फटिक दीन।
13 तब अंगूर के बारी के मालिक ह कहिस, ‘मेंह का करंव? मेंह अपन मयारू बेटा ला पठोहूं। हो सकथे कि ओमन ह ओकर आदर करंय।’
14 पर जब किसानमन मालिक के बेटा ला देखिन, त ओमन आपस म कहिन, ‘एह तो बारी के वारिस ए। आवव, हमन ओला मार डारन, तब ओकर संपत्ति ह हमर हो जाही।’ 15 अऊ ओमन ओला अंगूर के बारी ले बाहिर फटिक दीन अऊ ओला मार डारिन।
तब बारी के मालिक ह ओमन के संग का करही? 16 ओह आही अऊ ओ किसानमन ला मार डारही अऊ अंगूर के बारी ला आने मन ला दे दिही।”
जब मनखेमन एला सुनिन, त ओमन कहिन, “अइसने कभू झन होवय।”
17 यीसू ह ओमन ला देखके कहिस, “तब परमेसर के बचन म लिखे ए बात के का मतलब होथे?
‘जऊन पथरा ला राज-मिस्त्रीमन बेकार समझिन,
ओहीच ह कोना के पथरा बन गीस।’[a]
18 जऊन कोनो ओ पथरा ऊपर गिरही, ओह कुटी-कुटी हो जाही, पर जेकर ऊपर ए पथरा ह गिरही, ओह चकनाचूर हो जाही।”
19 कानून के गुरू अऊ मुखिया पुरोहित मन ओतकीच बेरा यीसू ला पकड़े के कोसिस करिन, काबरकि ओमन जानत रिहिन कि ओह ए पटंतर ला ओमन के बिरोध म कहे हवय। पर ओमन मनखेमन ले डर्राईन।
महाराजा ला लगान पटाय के बारे म सवाल
(मत्ती 22:15-22; मरकुस 12:13-17)
20 ओमन यीसू ऊपर नजर रखे रहंय अऊ ओमन भेदियामन ला पठोईन, जऊन मन ईमानदार होय के ढोंग करत रहंय। ओमन ए आसा करत रहंय कि यीसू के मुहूं ले कोनो अइसने बात निकरे, जेकर ले ओला ओमन पकड़ंय अऊ राजपाल के हांथ अऊ अधिकार म सऊंप सकंय। 21 एकरसेति ओ भेदियामन यीसू ले पुछिन, “हे गुरू, हमन जानथन कि तेंह ओ बात ला कहिथस अऊ सिखोथस जऊन ह सही ए, अऊ तेंह मुहूं देखके नइं गोठियावस, पर सच्चई के संग परमेसर के बात ला सिखोथस। 22 हमन ला बता कि महाराजा ला लगान पटाना हमर बर ठीक अय कि नइं?”
23 पर यीसू ह ओमन के चाल ला समझ गीस अऊ कहिस, 24 “मोला एक ठन सिक्का देखावव। एकर ऊपर काकर चेहरा अऊ नांव हवय?”
ओमन कहिन, “महाराजा के।”
25 यीसू ह ओमन ला कहिस, “जऊन ह महाराजा के अय, ओला महाराजा ला देवव, अऊ जऊन ह परमेसर के अय, ओेला परमेसर ला देवव।”
26 जऊन बात, ओह मनखेमन के आघू म कहिस, ओम ओमन ह ओला फंसाय नइं सकिन। अऊ ओकर जबाब ले चकित होके, ओमन चुप हो गीन।
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