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New Testament in a Year

Read the New Testament from start to finish, from Matthew to Revelation.
Duration: 365 days
New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)
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लूका 19:1-27

लगान लेवइया – जक्कई

19 यीसू ह यरीहो सहर म ले होके जावत रिहिस। उहां जक्कई नांव के एक मनखे रहय। ओह लगान लेवइयामन के मुखिया रहय अऊ धनी मनखे रहय। ओह ए देखे चाहत रहय कि यीसू ह कोन ए, पर बुटरा होय के कारन भीड़ के मारे ओह यीसू ला नइं देखे सकत रिहिस। एकरसेति ओह भीड़ के आघू दऊड़िस अऊ यीसू ला देखे बर एक ठन डूमर के रूख म चघ गीस, काबरकि यीसू ह ओही डहार म आवत रहय।

जब यीसू ह ओ जगह म हबरिस, त ओह ऊपर देखिस अऊ जक्कई ला कहिस, “हे जक्कई, तुरते खाल्‍हे उतर आ काबरकि आज मोला तोर घर म रूकना जरूरी ए।” ओह तुरते खाल्‍हे उतरिस अऊ खुस होके यीसू ला अपन घर ले गीस।

एला देखके जम्मो मनखेमन कुड़कुड़ाय लगिन अऊ कहिन, “यीसू ह एक पापी मनखे के घर म पहुना होय बर गे हवय।”

पर जक्कई ह ठाढ़ होईस अऊ परभू ला कहिस, “हे परभू, अब मेंह अपन आधा संपत्ति गरीबमन ला देवत हवंव, अऊ यदि मेंह काकरो ले कुछू ठगके ले हवंव, त मेंह ओकर चार गुना लहुंटाहूं।”

यीसू ह ओला कहिस, “आज परमेसर ह ए मनखे अऊ एकर परिवार ला उद्धार दे हवय, काबरकि ए मनखे ह घलो अब्राहम के एक संतान ए। 10 मनखे के बेटा ह एकर सहीं गंवायमन ला खोजे बर अऊ ओमन के उद्धार करे बर आय हवय।”

दस ठन सोन के सिक्‍का के पटं‍तर

(मत्ती 25:14-30)

11 जब मनखेमन ए बात ला सुनत रहंय, तब यीसू ह ओमन ला एक पटं‍तर कहिस, काबरकि ओह यरूसलेम सहर के लकठा म हबर गे रिहिस अऊ मनखेमन सोचत रहंय कि परमेसर के राज ह तुरते सुरू होवइया हवय। 12 एकरसेति ओह कहिस, “एक ऊंच कुल के मनखे ह एक बहुंत दूरिहा देस ला गीस कि ओह उहां राजपद पावय अऊ फेर लहुंटके आवय। 13 जाय के पहिली, ओह अपन दस झन सेवक ला बलाईस अऊ ओमन ला दस ठन सोन के सिक्‍का देके कहिस, ‘मोर वापिस लहुंटत तक ए पईसा ले लेन-देन करत रहव।’

14 पर ओ देस के मनखेमन ओला बिलकुल ही पसंद नइं करत रिहिन, एकरसेति ओमन कुछू झन ला ओकर पाछू ए कहे बर पठोईन, ‘हमन नइं चाहत हवन कि ए मनखे ह हमर राजा बनय।’

15 तभो ले, ओह राजा बनाय गीस अऊ फेर घर लहुंटिस। तब ओह जऊन सेवकमन ला पईसा दे रिहिस, ओमन ला बलाईस अऊ ए जाने चाहिस कि ओमन कतेक कमाय हवंय।

16 पहिली सेवक ह आईस अऊ कहिस, ‘मालिक, तोर दिये सोन के सिक्‍का ले मेंह दस ठन अऊ सोन के सिक्‍का कमाय हवंव।’

17 ओकर मालिक ह कहिस, ‘बहुंत बने करय। तेंह बने सेवक अस, काबरकि तेंह थोरकन चीज म ईमानदार रहय, मेंह तोला दस ठन सहर के अधिकारी बनावत हंव।’

18 दूसरा सेवक ह आईस अऊ कहिस, ‘मालिक, तोर दिये सिक्‍का ले मेंह पांच ठन अऊ सोन के सिक्‍का कमाय हवंव।’

19 ओकर मालिक ह कहिस, ‘मेंह तोला पांच ठन सहर के अधिकारी बनावत हंव।’

20 तब एक दूसर सेवक आईस अऊ कहिस, ‘मालिक, ए हवय तोर सोन के सिक्‍का, मेंह एला एक ठन कपड़ा के टुकड़ा म छुपा के रखे रहेंव। 21 मेंह तोर ले डरत रहेंव, काबरकि तेंह एक कठोर मनखे अस। तेंह ओला ले लेथस, जऊन ह तोर नो हय, अऊ जऊन ला तेंह नइं बोय रहस, ओला लूथस।’

22 ओकर मालिक ह कहिस, ‘हे दुस्‍ट सेवक! मेंह तोर नियाय तोर कहे बचन के मुताबिक करहूं। तेंह जानत रहय कि मेंह एक कठोर मनखे अंव; मेंह ओला ले लेथंव, जऊन ह मोर नो हय, अऊ ओला लू लेथंव, जऊन ला मेंह नइं बोय रहंव। 23 तब तेंह मोर पईसा ला बैंक म काबर जमा नइं कर देवय, ताकि वापिस आके मेंह एला बियाज सहित ले लेतेंव?’

24 तब जऊन मन उहां ठाढ़े रिहिन, ओमन ला ओह कहिस, ‘एकर ले सोन के सिक्‍का ला ले लेवव अऊ एला ओ सेवक ला दे देवव, जेकर करा दस ठन सिक्‍का हवय।’ 25 ओमन कहिन, ‘हे मालिक, ओकर करा तो आघू ले दस ठन सिक्‍का हवय।’

26 ओह जबाब देवत कहिस, ‘मेंह तुमन ले कहत हंव कि हर एक झन जेकर करा हवय, ओला अऊ दिये जाही, पर जेकर करा नइं ए, ओकर ले ओ चीज घलो ले लिये जाही, जऊन ह ओकर करा बांचे हवय। 27 पर मोर ओ बईरीमन ला इहां लानव, जऊन मन नइं चाहत रिहिन कि मेंह ओमन के राजा बनंव अऊ ओमन ला मोर आघू म मार डारव।’ ”

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)

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