New Testament in a Year
23 एक झन ओकर ले पुछिस, “हे परभू, का सिरिप थोरकन मनखेमन उद्धार पाहीं?”
24 यीसू ह ओमन ला कहिस, “संकरा कपाट ले होके जाय के भरसक कोसिस करव; काबरकि मेंह तुमन ला कहत हंव कि बहुंते मनखेमन एम ले जाय के कोसिस करहीं, पर जाय नइं सकहीं। 25 जब एक बार घर के मालिक ह उठही अऊ कपाट ला बंद कर दिही, त तुमन बाहिर म ठाढ़े रहि जाहू अऊ कपाट ला खटखटावत ए बिनती करहू, ‘हे परभू, हमर बर कपाट ला खोल दे।’
पर ओह तुमन ला ए जबाब दिही, ‘मेंह नइं जानंव कि तुमन कहां ले आय हवव।’
26 तब तुमन ह कहिहू, ‘हमन तोर संग खाय पीये रहेंन, अऊ तेंह हमर गली म उपदेस दे हवस।’
27 पर ओह जबाब दिही, ‘मेंह नइं जानंव कि तुमन कहां ले आय हवव। हे कुकरमीमन! तुमन जम्मो झन मोर ले दूरिहा हटव।’
28 जब तुमन अब्राहम, इसहाक, याकूब अऊ जम्मो अगमजानीमन ला परमेसर के राज म बईठे अऊ अपन-आप ला बाहिर फेंके हुए देखहू, त तुमन रोहू अऊ अपन दांत पीसहू। 29 मनखेमन पूरब, पछिम अऊ उत्तर, दक्खिन, चारों दिग ले आहीं अऊ परमेसर के राज के भोज म सामिल होहीं। 30 अऊ देखव! जऊन मन आखिरी म हवंय, ओमन पहिली हो जाहीं; अऊ जऊन मन पहिली हवंय, ओमन आखिरी म हो जाहीं।”
यरूसलेम सहर बर यीसू के दुःख
(मत्ती 23:37-39)
31 ओतकी बेरा कुछू फरीसीमन यीसू करा आईन अऊ ओला कहिन, “तेंह ए जगह ला छोंड़के कहीं अऊ चल दे; काबरकि हेरोदेस राजा ह तोला मार डारे बर चाहथे।”
32 यीसू ह ओमन ला कहिस, “जावव अऊ ओ कोलिहा ले कहव; आज अऊ कल मेंह परेत आतमामन ला निकारहूं अऊ बेमार मनखेमन ला बने करहूं, अऊ तीसरा दिन मोर काम ह पूरा हो जाही। 33 कुछू घलो होवय, मोला आज, कल अऊ परसों चलते रहना जरूरी ए – काबरकि एह नइं हो सकय कि एक अगमजानी ह यरूसलेम सहर के बाहिर म मरय।
34 हे यरूसलेम के मनखेमन! तुमन अगमजानीमन ला मार डारथव अऊ तुमन ओ संदेसियामन ऊपर पथरा फेंकथव, जऊन मन ला परमेसर ह तुम्हर करा पठोथे। कतको बार मेंह चाहेंव कि तुमन ला एक संग संकेलंव, जइसने एक कुकरी ह अपन चियांमन ला अपन डेना खाल्हे म संकेलथे, पर तुमन मोला अइसने करन नइं देवव। 35 देखव, ओ जगह जिहां तुमन रहिथव, ओह उजाड़ छोंड़े जावथे। मेंह तुमन ला कहत हंव कि तुमन मोला तब तक नइं देखहू, जब तक कि तुमन ए नइं कहिहू, ‘धइन ए ओ, जऊन ह परभू के नांव म आथे।’[a]”
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