New Testament in a Year
यीसू ह बहत्तर झन ला पठोथे
10 एकर बाद, परभू ह अऊ बहत्तर मनखेमन ला चुनिस। जऊन-जऊन सहर अऊ जगह म ओह खुदे जवइया रिहिस, उहां ओमन ला दू-दू झन करके अपन आघू पठोईस। 2 यीसू ह ओमन ला कहिस, “पके फसल लुए बर बहुंत हवय, पर बनिहारमन कम हवंय। एकरसेति, खेत के मालिक से बिनती करव कि ओह अपन पके फसल लुए बर बनिहारमन ला पठोवय। 3 जावव! मेंह तुमन ला मेढ़ा पीलामन सहीं भेड़ियामन के बीच म पठोवत हंव। 4 अपन संग म पईसा रखे के थैली या झोला या पनही झन लेवव; अऊ डहार म कोनो ला जोहार झन करव।
5 जब तुमन कोनो घर म जावव, त पहिली ए कहव, ‘ए घर म सांति होवय,’ 6 यदि उहां कोनो सांति के लइक होही, त तुम्हर सांति ओकर ऊपर ठहरही, नइं तो एह तुम्हर करा वापिस आ जाही। 7 ओहीच घर म ठहरव, अऊ जऊन कुछू ओमन तुमन ला देथें – खावव अऊ पीयव, काबरकि बनिहार ला ओकर बनी मिलना चाही। घर-घर झन फिरत रहव।
8 जब तुमन कोनो सहर म जावव अऊ मनखेमन उहां तुम्हर सुवागत करथें, त जऊन कुछू तुमन ला परोसे जावय, ओला खावव। 9 उहां के बेमार मनखेमन ला बने करव अऊ ओमन ला कहव, ‘परमेसर के राज ह तुम्हर लकठा म आ गे हवय।’ 10 पर जब तुमन कोनो सहर म जावव अऊ मनखेमन उहां तुम्हर सुवागत नइं करंय, त उहां के सड़कमन म जावव अऊ कहव, 11 ‘अऊ त अऊ तुम्हर सहर के धूर्रा ला घलो जऊन ह हमर गोड़ म लगे हवय, हमन तुम्हर बिरोध म झर्रा देवत हवन। तभो ले तुमन एला निस्चित रूप से जान लेवव कि परमेसर के राज ह लकठा म आ गे हवय।’ 12 मेंह तुमन ला कहत हंव कि नियाय के दिन म परमेसर ह सदोम सहर के ऊपर जादा दया करही, एकर बनिसपत कि ओ सहर ऊपर[a]।
13 खुराजीन के मनखेमन, तुम्हर ऊपर धिक्कार ए! बैतसैदा के मनखेमन, तुम्हर ऊपर धिक्कार ए! काबरकि जऊन चमतकार के काम तुमन म करे गीस, यदि एह सूर अऊ सैदा सहरमन म करे गे होतिस, त उहां के रहइयामन बहुंत पहिली टाट ओढ़के, राख म बईठके पछताप कर चुके होतिन। 14 पर परमेसर ह नियाय के दिन सूर अऊ सैदा सहर के मनखेमन ऊपर जादा दया करही, एकर बनिसपत कि तुम्हर ऊपर। 15 अऊ तुमन, कफरनहूम के मनखेमन, का तुमन ला स्वरग तक ऊपर उठाय जाही? नइं, तुमन ला खाल्हे नरक म लाने जाही।”
16 यीसू ह अपन चेलामन ला कहिस, “जऊन कोनो तुम्हर बात ला सुनथे, ओह मोर बात ला सुनथे। जऊन कोनो तुमन ला स्वीकार नइं करय, ओह मोला स्वीकार नइं करय; अऊ जऊन कोनो मोला स्वीकार नइं करय, ओह परमेसर ला स्वीकार नइं करय, जऊन ह मोला पठोय हवय।”
17 बाद म, जब ओ बहत्तर मनखेमन आनंद सहित लहुंटिन अऊ कहिन, “हे परभू, अऊ त अऊ परेत आतमामन हमर बस म हो गीन, जब हमन ओमन ला तोर नांव म हुकूम देन।”
18 यीसू ह ओमन ला कहिस, “मेंह सैतान ला बिजली सहीं स्वरग ले गिरत देखेंव। 19 सुनव! मेंह तुमन ला अधिकार दे हवंव कि तुमन सांप अऊ बिच्छू मन ला गोड़ ले कुचरव अऊ सैतान के जम्मो सक्ति ऊपर जय पावव, अऊ कोनो चीज ले तुम्हर हानि नइं होही। 20 पर ए बात खातिर आनंद झन मनावव कि परेत आतमामन तुम्हर बस म हो जाथें, पर ए बात खातिर आनंद मनावव कि तुम्हर नांव ह स्वरग म परमेसर के किताब म लिखाय हवय[b]।”
21 ओही बेरा यीसू ह पबितर आतमा के दुवारा आनंद ले भर गीस अऊ कहिस, “हे ददा, स्वरग अऊ धरती के परभू, मेंह तोर धनबाद करथंव, काबरकि तेंह ए बातमन ला गियानी अऊ समझदार मन ले लुका के रखय, पर छोटे लइकामन सहीं बिसवासीमन ऊपर ए बात ला परगट करय। हां ददा, एह तोर खुद के ईछा अऊ खुसी के कारन होईस।
22 मोर ददा ह मोला जम्मो चीज ला सऊंप दे हवय। कोनो नइं जानंय कि बेटा ह कोन ए। एला सिरिप ददा ह जानथे, अऊ कोनो नइं जानंय कि ददा ह कोन ए। एला सिरिप बेटा अऊ ओमन जानथें, जऊन मन ला बेटा ह चुनथे कि अपन ददा ला ओमन ऊपर परगट करय।”
23 तब यीसू ह अपन चेलामन कोति मुहूं करके ओमन ला चुपेचाप कहिस, “धइन एं ओ मनखेमन, जऊन मन ए चीजमन ला देखथें, जऊन ला तुमन देखत हवव। 24 काबरकि मेंह तुमन ला कहथंव कि बहुंत अगमजानी अऊ राजा मन चाहिन कि जऊन बात ला तुमन देखत हवव, ओला देखंय, पर ओमन देख नइं सकिन, अऊ ओमन चाहिन कि जऊन बात ला तुमन सुनत हव, ओला सुनंय, पर ओमन सुन नइं सकिन।”
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