M’Cheyne Bible Reading Plan
दाऊद मन्दिर क जोजना बनावत ह
28 दाऊद इस्राएल क सबहिं प्रमुखन क एकट्ठा किहस। उ सबइ प्रमुखन क यरूसलेम आवइ क हुकुम दिहस। दाऊद परिवार समूहन क हरेक प्रमुखन, राजा क सेवा करइवाली सेना क टुक्रड़िन क सेनापतियन, सेनाध्यच्छन अउर अधिकारीयन जउन राजा अउ ओनके पूतन क जनावरन अउ सम्पत्ति क देखरेख करत रहेन, राजा क महत्त्वपूर्ण अधिकारियन, सक्तीसाली बीरन अउर सबहिं बीर जोधन क बोलाएस।
2 राजा दाऊद खड़ा भवा अउर कहेस, “मोर भाइयो अउर मोरे लोगो, मोरे बात सुना। मइँ अपने हिरदइ स यहोवा क करार क सन्दूख क रखइ बरे एक जगह बनावइ चाहत हउँ। मइँ एक अइसी जगह बनावइ चाहत हउँ जउन परमेस्सर क पद पीठ बन सकइ अउर मइँ परमेस्सर बरे एक ठू मन्दिर बनावाइ क जोजना बनाएउँ। 3 मुला परमेस्सर मोहसे कहेस, ‘नाहीं दाऊद, तोहका मोरे नाउँ बरे मन्दिर नाहीं बनावइ चाही। तोहका इ नाहीं करइ चाही काहेकि तू एक जोधा अहा अउर तू बहोत स मनइयन क मार्या ह।’
4 “यहोवा इस्राएल क परमेस्सर इस्राएल क परिवार समूहन क अगुवाई करइ क बरे यहूदा क परिवार समूह क चुनेस। तब उ परिवार समूहस मँ स, यहोवा मोरे पिता क परिवार क चुनेस अउर उ परिवार स परमेस्सर मोका सदा बरे इस्राएल क राज चुनेस। परमेस्सर मोका इस्राएल क राजा बनावइ चाहत रहा। 5 यहोवा मोका बहोत स पूत दिहेस ह अउर ओन सारे पूतन मँ स, सुलैमान क यहोवा इस्राएल क नवा राजा चुनेस। परन्तु इस्राएल फुरइ यहोवा क राज्ज अहइ। 6 यहोवा मोहसे कहेस, ‘दाऊद, तोहार पूत सुलैमान मोर मन्दिर अउर एकरे चारिहुँ कइँती क पहँटा बनाई, काहेकि मइँ सुलैमान क आपन पूत चुनेउँ ह अउर मइँ ओकर बाप रहब। 7 जदि सुलैमान मोर विधियन अउर नेमन पालन करत रहत ह जइसा कि आज करत ह। तउ मइँ ओकर राज्ज क सदा क बरे सक्तीसाली बनाइ देबउँ।’”
8 दाऊद कहेस, “अब, सबहिं इस्राएलियन अउ परमेस्सर क समन्वा मइँ तोहसे इ सबइ बातन कहत हउँ: यहोवा अपने परमेस्सर क सबहिं आदेसन क मानइ मँ सावधान रहा। तब तू इ अच्छे देस क अपने लगे रख सकत ह अउर तू सदा क बरे एका अपने सन्तानन क दइ सकत ह।
9 “अउर मोरे पूत सुलैमान, तू, अपने बाप क परमेस्सर क जानत अहा। समूचइ हिरदइ अउ इच्छा स परमेस्सर क सेवा करा। काहेकि यहोवा परखत ह कि हर एक क हिरदइ मँ का बाटइ। हर बात जउन सोचत ह यहोवा जानत ह। जदि तू यहोवा क लगे मदद क बरे जाब्या, तउ तोहका उ मिली। किन्तु जदि ओका तजत ह, तउ उ तोहका सदा क बरे तजि देइ। 10 सुलैमान, तोहका इ समुझइ चाही कि यहोवा तोहका आपन पवित्तर मन्दिर बनावइ बरे चुनेस ह। सक्तीसाली बना अउर काम क पूरा करा।”
11 तब दाऊद अपने पूत सुलैमान क मन्दिर बनावइ बरे जोजनन दिहस। उ सबइ जोजनन मन्दिर क चारिहुँ कइँती ओसारा, अउर एकर भवन, एकर भंडार-कच्छ, एकरे ऊपरी कच्छ, एकरे भीतरी कच्छ अउ दयापीठ क जगह बरे रही। 12 दाऊद मन्दिर क सबहिं हींसक क बरे जोजनन बनाए रहा। दाऊद ओन जोजनन क सुलैमान क दिहस। दाऊद यहोवा क मन्दिर क चारिहुँ ओर क आँगन अउर एकरे चारहिँ कइँती क कच्छन जोजनन दिहस। दाऊद मन्दिर क भंडारकच्छन अउर ओन भण्डारकच्छन क जोजना दिहस जहाँ उ पचे ओन पवित्तर चिजियन क धरत रहेन जउन मन्दिर मँ काम आवत रहिन। 13 दाऊद सुलैमान क याजकन अउर लेवीबंसियन क समूहन क बारे मँ बताएस। दाऊद सुलैमान क यहोवा क मन्दिर मँ सेवा करइ क काम क बारे मँ अउर मन्दिर मँ काम आवइवाली चिजियन क बारे मँ बताएस। 14 दाऊद सुलैमान क बताएस कि मन्दिर मँ काम आवइवाली चिजियन क बनावइ मँ केतना सोना अउ चाँदी लागइ चाही। 15 सोना क दीपकन अउ दीपाधारन क जोजनन रहिन अउर चाँदी क दीपकन अउर दीपाधारन क जोजनन रहिन। दाऊद बताएस कि हर एक दीपधार अउ ओकरे दीपक बरे केतना सोना या चाँदी क उपयोग कीन्ह जाइ। बिभिन्न दीपधार, जहाँ जरूरत रही, उपयोग मँ आवइवाले रहेन। 16 दाऊद बताएस कि पवित्तर रोटी क बरे काम मँ आवइवाली हर एक मेज क बरे केतना सोना काम मँ आइ। दाऊद बताएस कि चाँदी क मेजन बरे केतनी चाँदी काम मँ आई। 17 दाऊद बताएस कि केतना सुद्ध सोना, काँटन, छिछकारइ क चिलमची अउर कलसा बनाइ मँ लागी। दाऊद बताएस कि हर एक तस्तरी मँ केतनी चाँदी लागी। 18 दाऊद बताएस कि सुगन्धि क वेदी बरे केतना सुद्ध सोना लागी। दाऊद सुलैमान क परमेस्सर क रथ, यहोवा क करार क सन्दूख क ऊपर अपने पखनन क फइलास सोना क करूब सरगदूत क संग दयापीठ क जोजना भी दिहेस।
19 दाऊद कहेस, “इ सबइ जोजना यहोवा स मिले निर्देसन क अनुसार लिखा ग रहेन अहइँ। यहोवा जोजना क हर एक भाग समुझइ मँ मोका मदद दिहस।”
20 दाऊद अपने पूत सुलैमान स इ भी कहेस, “दृढ़ अउर बीर बना अउर इ काम क पूरा करा। डेराअ जिन, काहेकि यहोवा, मोर परमेस्सर तोहरे संग अहइ। उ तोहार मदद तब तलक करी जब तलक तोहार इ काम पूरा नाहीं होइ जात। उ तोहका छोड़ी नाहीं। तू यहोवा क मन्दिर बनाउब्या। 21 परमेस्सर क मन्दिर क सबहिँ काम करइ बरे याजकन अउ लेवीबंसियन क समूह तइयार अहइँ। सबहिं काम न मँ तोहका मदद देइ बरे कुसल कारीगर तइयार अहइँ जउन भी तू आदेस देब्या ओकर पालन अधिकारी अउर सबहिं लोग करिहीं।”
झूठे उपदेसक लोग
2 जइसा भी रहा होइ उ संतान क बीच मँ साइत झूठे नबियन देखाइ देइ लगत रहेन बिल्कुल उहइ तरह झूठे उपदेसकन तू सबन्क बीच मँ भी परगट होइही। उ घातक विचारन क सुरुआत करिही अउर उ सुआमी क नकार देइही जउन ओनका आजादी दिआए रहा। इ प्रकार अइसा कइके उ जल्दी बिनास क न्यौतिहइँ। 2 बहोत लोगन ओनकइ अनैतिक भोग-विलास क तरीका क पाछे चलिही ओनहिन क कारण स सत्य क मार्ग स बदनाम होई। 3 लोभ क कारण स उ बनावटी बातन स तोहसे पैसा कमइहइँ। ओनके दंड परमेस्सर क दुआर बहोत पहिलेन स निर्धारित कीन्ह जाइ चुका ह। ओनकर विनास तइयार अहइ अउर ओनकर प्रतीच्छा करत बाटइ।
4 काहेकि परमेस्सर उ पाप करइवाले दूतन तक क नाही छोड़ेस अउर ओनका पाताल लोक अंधेरे कोठरियन मँ डाइ दिहिस कि उ निआव क दिन तक उहइ पइ पड़ा रहइँ,
5 उ उ पुरान संसार क भी नाही छोड़ेस मुला नूह क उ समइ रखवारी किहेस जब अधर्मियन क संसार प जलप्रलय भेजी गइ रही। नूह ओन आठ मनइयन मँ रहा जउन जलप्रलय क समइ बचा रहेन। उ जउन उचित अहइ, ओकर उपदेस देत रहा।
6 सदोम अउर अमोरा ह जइसेन नगरन क बिनास क दण्ड दइके ओनकइ राखी बनाए दीन्ह गवा रहा ताकि अधर्मियन क साथ जउन बाते घटिहइँ, ओनके खातिर इ एक चेताउनी होइ। 7 परमात्मा लूत क बचाइ लिहेस जउन एक अच्छा मनई रहा। उद्दण्ड मनइयन क अनैतिक आचरण स दुःखी रहत रहा। 8 उ धर्मी पुरुस ओन लोगन क बीच मँ रहत भवा रोजइ रोज जउन देखत अउर सुनत रहा ओसे ओनके नेक आतिमा तड़पत रही।
9 एहि प्रकार पर्भू जानत ह कि निआव करत समइ धर्मात्मा मनइयन क कइसे बचावा जात ह अउर दुस्ट लोगन क कउने तरह दण्ड देइ क खातिर कइसे रखा जात ह। 10 खासकर ओन लोगन क बरे जउन आपन पाप स भरी भइ प्रकृति स बुरे कामन क करत जिअत ही।
ओनकइ पापमय मन पर्भू क सत्ता क अवहेलना करत ह। ई पचे उद्दण्ड अउर स्वेच्छा चारी अहइँ इ महिमावान सरगदूतन क अपमानौ करइ स नाही डेरात अहइँ। 11 जब कि इ सबइ सरगदूतन जउन सक्ती अउर समरथ मँ एनसे बड़े अहइँ, पर्भू क सामने ओन पइ कउनो निन्दापूर्ण दोख नाही लगावत
12 मुला इ पचे विचारहीन पसुवन क बराबर अहइँ जउन आपन सहजवृती क अनुसार काम करत ही। जेनकइ जनम एही बरे होत ह कि उ पकड़े जाइँ अउर मार डाए जाइँ उ पचे ओन विसयन क विरोध मँ बोलत हीं जेनके बारे मँ इ सबइ अबोध अहँइ। जइसे पसु मार डावा जात अहइँ, वइसेन एनहू क नस्ट कर दीन्ह जाइ। 13 एनका बुराई क बदला बुराइन स दीन्ह जाई। दिन क प्रकास मँ भोग-विलास करब एनका भावत ह।
काहेकि उ पचे अपने छलपूर्ण करजरन क फल भोगत ही। इ लज्जापूर्ण धब्बे अहइँ। जब इ पचे तू पचन क साथ उत्सव मँ सामिल होत ही तउ 14 इ कउनो अइसेन स्त्री क ताक मँ रहत ही जेहिके साथ व्यभिचार कीन्ह जाइ सकइ। इ तरह स एनकइ आँखी पाप करइ स बाज नाही अउतिन। इ पचे ढुलमुल लोगन क पाप करइ क खातिर फुसलाय लेत ही। इ लोगन क मनवा पूरी तरफ स लालचा मँ अभ्यस्थ अहइँ। इ पचे अभिसाप क लरिका अही।
15 सीधा-सादा मारग छाँड़िके भटक गए बाटेन। बओर क लरिका बिलाम क मार्ग प इ पचे चलत अहइँ बिलाम ओकर रुचि गलत रस्ता क फले मँ अहइ। 16 मुला ओकरे दोखन क खातिर एक गदही जउन बोल नाही पावत रही, मनई क बानी मँ बोलिके ओका डाँटिस फटकारिस अउर उ नबियन क उन्मादी कामन क रोकिस।
17 इ झूठे उपदेसक सूखे जल क सोता अहइँ अउर अइसे जल रहित बादल अहइँ जेनका तूफान उड़ाइ लइ जात ह। इ पचन क खातिर गझिन अन्धेरी जगह इ काम क बरे निहचित कीन्ह गइ अहइ। 18 इ पचे झूठे उपदेसकन अरथहीन डीगन स उ लोगन को प्रलोगभित कइ देत ही, जे बस अभी ही गलत जीवन बितावइवालन लोगन स अलग आवत ही। 19 इ झूठे उपदेसकन उनका छुटकारा क बचन देत ही, काहेकि कउनो व्यक्ति जउन ओका जीत लेत ह, उ ओनहिन क दास होइ जात ह।
20 एहि खातिर अगर इ हमरे पर्भू अउर उद्धाकर्त्ता ईसू मसीह क जान लेइँ अउर संसार क खोट स बच निकरइ क पाछे अगर ओहमाँ फिन फँस जात ही तउ ओनकइ दसा पहिले स भी खराब होइ जात ह। 21 एहसे तउ नीक भवा होत कि इ उचित मार्ग क जानि न पउतेन बजाए एकरे कि उ पचे इ पवित्तर आग्या स मुँह फेर लेतेन। 22 उ पचेन क साथे तउ वइसेन घटना घटी जइसेन मसला अहइ, “कुकुर अपने उल्टी क पास ही लोटत ह।”(A) अउर “एक नहाई भइ सुअरी कीचड़ मँ लौटइ खातिर फिन लउट जात ह।”
5 हे सुदृढ़ सहर, अब तू आपन फउजियन क बटोरा।
दुस्मन हमला करइ क हम पचन्क घेरत अहइँ।
उ पचे इस्राएल क जज क मुँहना पइ
आपन सोंटा स प्रहार करिहीं।
बेतलेहेम मँ मसीह जन्म लेइ
2 हे बेतलेहेम एप्राता,
तू यहूदा क छोटा सहर अहा
अउर तोहार परिवार गनती मँ बहोत कम अहइ।
किन्तु “इस्राएल क सासक” मोर बरे तोहसे आइ।
बहोत पहिले सुदूर पुराने जमाने मँ
ओकरे घराने क जड़न बहोत पहिले स होइहीं।
3 यहोवा आपन लोगन्क ओनकर दुस्मनन क हाथे मँ सौंपि देइ।
उ पचे उ समइ तलक हुअँइ पइ बना रइहीं
जब तलक उ मेहरारू आपन लरिका क नाहीं जन्म देत।
फुन ओकरे बचा भवा भाईयन इस्राएल क लोगन्क लगे लउटिके अइहीं।
4 तब इस्राएल क सासक खड़ा होइ अउर भेड़िन क झुंड क चराइ।
यहोवा क सक्ति स उ ओनका राह देखाँइ।
उ यहोवा आपन परमेस्सर क अजूबा नाउँ क सक्ति स ओनका राह देखाँइ।
हुआँ सान्ति होइ, काहेकि उ समइ मँ ओकर महानता धरती क छोरन तलक पहोंच जाइ।
5 हुआँ सान्ति होइ,
अउर अस्सूर क सेना हमार बिसाल भवन तोड़ी,
तउ इस्राएल क सासक
सात ठु गड़रियन चुनी।
नाहीं, हम पचे आठ मुखिया लोगन्क पाउब।
6 उ पचे अस्सूर क लोगन पइ आपन तरवारन स हुकूमत करिहीं।
ओनका राज्ज तरवारन क सक्ति स नम्रोद क धरती पइ सासन करिहीं।
फुन इस्राएल क सासक हम पचन्क अस्सूर क उ सबइ लोगन्स बचाइ जउन हमरी धरती पइ अइहीं
अउर उ पचे हमरी चउहद्दी क आपन पैड़ तले रौंदिहीं।
7 फुन बहोत स रास्ट्रन क बीच मँ याकूब क बची भइ सन्तान ओस क बूँदन जइसी होइहीं जउन यहोवा कइँती स आइ होइँ।
उ पचे घासे क बरखा जइसी होइहीं।
उ पचे लोगन पइ आसरा नाहीं रखिहीं।
उ पचे कउनो मनई क इंतजार नाहीं करिहीं।
8 बहोत स लोगन क बीच याकूब क बचे भए लोग
उ सेर जइसे होइहीं जउन जंगल क पसुअन क बीच होत ह।
जब सेर बीच स गुजरत ह
तउ उ हुवँइ जात ह,
जहाँ उ जाइ चाहत ह।
उ पसू पइ टूटि पड़त ह
अउर उ पसू क कउनो बचाइ नाहीं सकत ह।
ओकर बचे भए लोग अइसे ही होइहीं।
9 मइँ तू पचन क हाथ तोहारे दुस्मनन क खिलाफ उठउब
अउर तू पचे ओनकर बिनास कइ डउब्या।
लोग परमेस्सर क भरोसे पइ रइहीं
10 यहोवा कहत ह:
“उ समइ मइँ तू पचन्स तोहार सबन्क घोड़ा छोरि लेबउँ।
तोहार सबन्क रथन क बर्बाद कइ देबउँ।
11 तोहार सबन्क नगरन उजारि देबउँ।
मइँ तोहार सबन्क सबहिं गढ़न क ढहाइ देबउँ।
12 मइँ तोहार जादूगरन क नस्ट कइ देब।
अउर तोहार लगे अइसा एक भी मनई नाहीं होब्या जउन भविस्सवक्ता होइ।
13 मइँ तोहार पचन्क लबार देवतन क मूर्तियन क बर्बाद करब।
ओन लबार देवन क पाथरन क स्मृति-स्तंभ मइँ उखारिके लोकाँउबउ जेनका तू पचे आपन हाथन स बनाया ह।
तू पचे ओनकर पूजा नाहीं कइ पउब्या।
14 मइँ असेरा क पूजा क खम्भन क नस्ट कइ देबउँ।
मइँ तू पचन्क नगरन क तहस-नहस कइ देबउँ।
15 मइँ आपन बदला किरोध स लेबउँ
अउर ओह पइ तीव्र होबउँ जउन मोर नाहीं सुनिहीं।”
का सबित क दिन चंगा करब उचित बा?
14 एक दाईं सबित क दिन मुख्य फरीसियन मँ स कउनो क घर ईसू खइया बरे गवा। ओहर उ पचे नगिचे स आँखि गड़ाइके लखत रहेन। 2 हुवाँ ओकरे समन्वा जलंधर स दुःखी एक ठु मनई रहा। 3 ईसू धरम सास्तिरियन अउर फरीसियन स पूछेस, “सबित क दिन कउनो क चंगा करब उचित अहइ या नाहीं?” 4 मुला उ पचे खमोस रहेन। तउ ईसू उ मनई क लइके चंगा कइ दिहस अउर फिन ओका कहूँ पठइ दिहस। 5 फिन उ ओनसे पूछेस, “जदि तोहमाँ स कउनो क लगे आपन बेटवा अहइ या बर्धा अहइ, उ कुआँ मँ गिरि पड़त ह तउ सबित क दिन भी तू ओका फउरन नाहीं निकरिब्या?” 6 उ पचे ऍह पइ ओकर बात नाहीं काटि सकेन।
आपन क मान जिन द्या
7 काहेकि ईसू इ लखेस कि मेहमान आपन बरे बइठइ क कउनो खास ठउर ढँढत रहेन, तउ उ ओनका एक दिस्टान्त कथा सुनाएस। उ बोला: 8 “जब तोहका कउनो बियाहे क भोज प बोलावइ तउ हुवाँ कउनो सम्मान क ठउर प जिन बइठा। काहेकि होइ सकत ह हुवाँ कउनो तोहसे जिआदा बड़कवा मनई क उ बोलॉए होइ। 9 फिन तू दुइनउँ क बोलॉवइवाला तोहरे लगे आइके तोसे कही, ‘आपन इ जगह इ मनई क दइ द्या।’ अउर फिन लजाइके तोहका सबन क तले क ठउरे प बइठइ क होइ।
10 “तउ जब तोहका बोलॉवा जात ह तउ जाइके सबन त तले क जगह ग्रहण कइ ल्या जइसे जब तोहका न्यौता देइवाला आवइ तउ तोहसे कही, ‘मीत उठा, ऊपर बइठा।’ फिन उ सबन क समन्वा, जउन तोहरे लगे हुवाँ मेहमान होइहीं, तोहार मान बाढ़ी। 11 काहेकि हर कउनो जउन आपन क उठाई ओका निहुराइ दीन्ह जाई अउर जउन आपन क निहुराई, ओका ऊँचा कीन्ह जाई।”
बदले क फल
12 फिन जउन ओका बोलाए रहा, ओसे उ बोला, “जब कबहुँ तू कउनो दिन या राति क भोज द्या तउ आपन धनी पड़ोसियन क जिन बोलावा काहेकि ऍकरे बदले मँ तोहका बोलइहीं अउर इ तरह तोहका ओकर फल मिलि जाई। 13 मुला जब तू कउनो भोज द्या तउ दीन दुखियन, अपाहिजन, लंगड़न अउर अँधरन क बोलावा। 14 फिन काहेकि ओनके लगे वापस लउटावइ कछू नाहीं अहइ, तउ इ तोहरे बरे आसीर्वाद बनि जाई। ऍकर बदले क फल तोहका धर्मी मनई क जी उठइ प दीन्ह जाई।”
बड़वार भोज क दिस्टान्त कथा
(मत्ती 22:1-10)
15 फिन ओकरे संग खइया क खात रहेन मनइयन मँ स एक इ सुनिके ईसू स कहेस, “हर उ मनई धन्य अहइ, जउन परमेस्सर क राज्य मँ जेंवत ह!”
16 तब ईसू ओसे कहेस, “एक मनई कउनो बड़के भोज क तइयारी करत रहा, उ बहोत स मनइयन क न्यौत दिहस। 17 फिन दावत क समइ जेनका न्यौत दिहस, नउकरे क पठइके इ कहवाएस, ‘आवा! काहेकि भोजन तइयार अहइ।’ 18 उ सबइ एक तरह आनाकानी करइ लागेन। पहिला ओसे कहेस, ‘मइँ एक खेत बेसहे अहउँ, मोका जाइके ओका देखब अहइ, कृपा कइके मोका छमा करइँ।’ 19 फिन दूसर कहेस, ‘मइँ पाँच जोड़ी बर्धा मोल लिहे अहउँ, मइँ तउ सिरिफ ओनका परखइ जात हउँ, कृपा कइके मोका छमा करइँ।’ 20 एक अउर भी बोला, ‘मइँ अबहिं बियाह किए हउँ। इ कारण स नाहीं आइ सकत हउँ।’
21 “तउ जब उ नउकर लौटिके आवा तउ उ आपन स्वामी क इ बातन बताइ दिहस, ऍह पइ उ घरे क स्वामी बहोत कोहाइ गवा अउर आपन नउकरे स कहेस, ‘हाली ही! सहर क गली कूचा मँ जा अउर गरीब गुरबा, अपाहिज, आँधर अउर लँगड़न क हिआँ लइ आवा।’
22 “उ नउकर स कहेस, ‘स्वामी तोहार हुकुम पूरी कइ दीन्ह गइ अहइ मुला अबहिं भी ठउर बाकी अहइ।’ 23 फिन स्वामी नउकरे स कहेस, ‘सड़कन प अउर खेतन क मेड़े ताई जा अउर हुवाँ स मनइयन स चिरौरी कइके हिआँ बुलाइ लिआवा जेसे मोर घर भरि जाइ। 24 अउर मइँ तोहसे कहत हउँ जउन पहिले बोलाइ गवा रहेन ओहमाँ स एक भी भोज न चिखइ सकेन!’”
चेला बनइ क कीमत
(मत्ती 10:37-38)
25 ईसू क संग भारी भीड़ जात रही। उ ओनके कइँती मुड़ि गवा अउर बोला, 26 “जदि मोरे लगे कउनो आवत ह अउर आपन बाप महतारी, पत्नी अउर बचवा, आपन भाइयन अउर बहिनियन अउर हिआँ ताईं कि आपन जिन्नगी तलक स मोसे जिआदा पिरेम राखत ह, उ मोर चेला नाहीं होइ सकत। 27 जउन आपन क्रूस (यातना) उठाइके मोरे पाछे नाहीं चलत ह, उ मोर चेला नाहीं होइ सकत।
28 “जदि तोहमाँ स कउनो बुर्ज बनावइ चाहइ तउ का उ पहिले स बइठिके ओकरे दामे क, इ लखइ बरे कि ओका पूरा करइके ओकरे लगे काफी कछू बा कि नाहीं, हिसाब न लगाई? 29 नाहीं तउ उ नेंव तउ खनि देइ अउर ओका पूरा न कइ पावइ स, जउन ओका सुरु होत लखेन ह, सबहिं ओकर मसखरी उड़इहीं अउर कइहीं, 30 ‘अरे लखा इ मनई बनाउब तउ सुरु कहेस ह मुला इ ओका पूर नाहीं कइ सका!’
31 “या कउनो राजा अइसा होइ जउन कउनो दूसर राजा क खिलाफ जुद्ध छेड़इ जाइ अउर पहिले बैठिके इ न बिचारइ कि आपन दस हजार सैनिकन क संग का उ बीस हजार सैनिकन आपन बैरी क मुकाबला कइ भी सकी कि नाहीं? 32 अउर जदि उ समर्थ नाहीं होत तउ ओकर बैरी अबहीं राहे मँ होइहीं तबहिं उ आपन प्रतिनिधि मंडल क पठइके सांति मिलाप क सुझाई।
33 “तउ फिन इहइ तरह तोहमाँ स कउनो भी जउन आपन सबहिं धन दौलत क तजि नाहीं देत, मोर चेला नाहीं होइ सकत।
आपन सुभाव जिन तजा
(मत्ती 5:13; मरकुस 9:50)
34 “नोन उत्तिम अहइ मुला जदि ओकर स्वाद बिगर जाइ तउ ओका फिन स नमकीन नाहीं बनावा जाइ सकता। 35 न तउ उ माटी क लायक नही अउर न पाँस क कूड़ा क। मनई सिरिफ ओका यूँ ही बहाइ देइहीं।
“जेकरे लगे सुनइ क कान अहइँ, ओका सुनइ द्या!”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.