M’Cheyne Bible Reading Plan
मीकायाह अहाब क चितउनी देत ह
22 अगले दुइ बरिस क भीतर इस्राएल अउ अराम क बीच सान्ति रही। 2 तब तीसरे बरिस यहूदा क राजा यहोसापात इस्राएल क राजा अहाब स भेंटइ गवा।
3 इ समइ अहाब अपने अधिकारियन स पूछेस, “तू पचे जानत ह कि अराम क राजा गिलाद मँ रामोत क हम स लइ लिहे रहा। हम लोग रामोत वापस लेइ क कछू भी जतन काहे नाहीं किहा? इ हम लोगन क नगर होइ चाही।” 4 एह बरे अहाब यहोसापात स पूछेस, “का आप हमरे संग आउब अउर रामोत मँ अराम क फउज क खिलाफ जुद्ध करब?” भेंटइ बरे तैयार अहइँ।
यहोसापात जवाब दिहस, “हाँ, मइँ तोहार साथ देब। मोर फउजी अउर मोर घोड़न तोहरी फउज क संग भेंटइ बरे तैयार अहइ। 5 किन्तु पहिले हम लोगन क यहोवा स सलाह लेइ चाही।”
6 एह बरे अहाब नबियन क एक बैठक बोलाएस। उ समइ लगभग चार सौ नबी रहेन। अहाब नबियन स पूछेस, “का मइँ जाउँ अउर रामोत मँ अराम क फउज क खिलाफ जुद्ध करउँ? या मइँ कउनो दूसर अवसर क प्रतीच्छा करउँ?”
नबियन जवाब दिहन, “तोहका अबहिं जुद्ध करइ चाही। यहोवा तोहका विजय पावइ देइ।”
7 किन्तु यहोसापात कहेस, “का हिआँ यहोवा क नबियन मँ स कउनो दूसर नबी अहइ? जदि कउनो अहइ तउ हम क ओहसे पूछइ चाही कि परमेस्सर का कहत ह।”
8 राजा अहाब जवाब दिहस, “एक दूसर नबी अहइ। उ यिम्ला क पूत मीकायाह अहइ। किन्तु ओहसे मइँ घिना करत हउँ। जब कबहुँ उ यहोवा क बारे मँ बतावत ह, उ मोर बारे मँ कछू नीक नाहीं बल्कि बुरा कहत ह। उ सदा ही उहइ कहत ह जेका मइँ पसन्द नाहीं करत।”
यहोसापात कहेस, “राजा अहाब, तोहका इ सबइ बातन नाहीं कहइ चाही।”
9 एह बरे राजा अहाब अपने अधिकारियन मँ एक स कहेस जा अउर मीकायाह क जल्दी खोज के लिआवा।
10 उ समइ दुइनउँ राजा अपनी राजसी पोसाक पहिरे रहेन। उ पचे सिंहासने पइ बइठे रहेन। इ सोमरोन क दुआर क लगे निआव करइ क जगह पइ रहा। सबहिं नबी ओकरे समन्ना खड़े रहेन। उ सबइ भविस्सवाणी करत रहेन। 11 नबियन मँ स एक सिदकिय्याह नाउँ क मनई रहा। इ कनान क पूत रहा। सिदकिय्याह कछू लोहा क सींगन बनाएस। तब उ अहाब स कहेस, “यहोवा कहत ह, ‘तू लोहा एन सींगन क उपयोग अराम क फउज क खिलाफ लड़इ मँ करब्या। तू ओनका हरउब्या अउर ओनका बर्बाद करब्या।’” 12 सबहिं दूसर नबियन ओकर समर्थन किहन जउन कछू सिदकिय्याह कहेस। नबियन कहेन, “तोहार फउज अबहिं कूच करइ। ओनका रामोत मँ अरम क सेना क संग जुद्ध करइ चाही। तू जुद्ध जितब्या। यहोवा तोहका विजय देइ।”
13 जब इ होत रहा तबहिं अधिकारी मीकायाह क हेरइ गवा। अधिकारी मीकायाह क हेर निकारेस अउर ओहसे कहेस, “सबहिं दूसर नबियन कहेन ह कि राजा क जुद्ध जीतब तोहका भी इ कहइ चाही अउर तोहका राजा क बारे मँ अच्छी बातन क भविस्सबाणी करइ चाही।”
14 किन्तु मीकायाह जवाब दिहस, “नाहीं! मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ सिरिफ परमेस्सर क सक्ती क बारे मँ उहइ कहब जउन कहइ बरे यहोवा कहेस ह!”
15 तब मीकायाह राजा अहाब क समन्वा खड़ा भवा। राजा ओहसे पूछेस, “मीकायाह, का मोका अउर राजा यहोसापात क अपनी फउजन एक कइ लेइ चाही? अउर का हम क अराम क फउज स रामोत मँ जुद्ध करइ बरे जाइ चाहीं?”
मीकायाह जवाब दिहस, “हाँ! तोहका जाइ चाही अउर ओनसे अबहिं जुद्ध करइ चाही। यहोवा तोहका विजय स आसिस देइ।”
16 किन्तु अहाब पूछेस, “तू यहोवा क सक्ती स नाहीं बतावत अहा। तू अपनी निजी बात कहत अहा। एह बरे मोहसे फुर कहा। केतनी दाईं मोका तोहसे कहइ क पड़ी? मोहसे उ कहा जउन यहोवा कहत ह।”
17 एह बरे मीकायाह जवाब दिहेस, “मइँ जउन कछू होइ, लखि सकत हउँ। इस्राएल क फउज पहाड़ियन मँ बिखर जाइ। उ पचे ओन भेड़न क तरह होइहीं जेनकर कउनो भी संचालक न होइ। इहइ यहोवा कहत ह: ‘एन मनइयन क अगुवाइ कउनो नाहीं करइ। ओनका घर जाइ चाही अउर जुद्ध नाहीं करइ चाही।’”
18 जब अहाब यहोसापात स कहेस, “लख ल्या। मइँ तोहका बताए रहेउँ। इ नबी मोरे बारे मँ कबहुँ कउनो नीक बात नाहीं कहत। इ सदा उहइ बात कहत ह जेका मइँ सुनइ नाहीं चाहत।”
19 किन्तु मीकायाह यहोवा क माध्यम बना कहत ही रहा। उ कहेस, “सुना! इ सबइ उ सबइ सब्द अहइँ जेनका यहोवा कहेस ह! मइँ यहोवा क सरग मँ अपने सिंहासने पइ बइठा लखेउँ। ओकर दूत ओकरे दाई अउर बाई ओर खड़ा रहेन। 20 यहोवा कहेस, ‘तू पचन मँ स कउन राजा अहाब क चकमा दइ सकत ह? मइँ ओका रामोत मँ अराम क फउज क खिलाफ जुद्ध करइ क बरे जाइ देइ चाहत हउँ। तब उ मारा जाइ।’ अलग-अलग सरगदूतन अलग-अलग सुझाव दिहेन। 21 तब एक ठु सरगदूत यहोवा क लगे गवा अउर उ कहेस, ‘मइँ ओका चकमा देब।’ 22 यहोवा पूछेस, ‘तू राजा अहाब क चकमा कइसे देब्या?’ सरगदूत जवाब दिहस, ‘मइँ ओकर सबइ नबियन क मुँह मँ झूठ बोलइवाला आतिमा होइ जाब। मइँ नबियन क अहाब स झूठ बोलाउब नबियन क सँदेसन झूठ होइहीं।’ एह बरे यहोवा कहेस, ‘बहोत अच्छा। जा अउर राजा अहाब क चकमा द्या। तू सफल होब्या।’”
23 मीकायाह अपनी कथा पूरी किहस। तब उ कहेस, “एह बरे हिआँ इ सब भवा। यहोवा तोहरे नबियन स तोहका लबार बोलवाइ दिहस ह। यहोवा खुद निर्णय लिहस ह कि तोह पइ बड़की परेसानी लिआवइ।”
24 तब सिदकिय्याह नबी मीकायाह क लगे गवा। सिदकिय्याह मीकायाह क मुँहे पइ मारेस। सिदकिय्याह कहेस, “का तू फुरइ पतियात अहा कि यहोवा क सक्ती मोका तजि दिहस ह अउर तोहरे माध्यम स बात करत अहइ।”
25 मीकायाह जवाब दिहस, “हाली ही बिपद आइ। उ समइ तू पराब्या अउर एक छोटके कमरे मँ छिपब्या अउर तब तू समुझब्या कि मइँ फुर कहत हउँ।”
26 तब राजा अहाब अपने अधिकारियन मँ स एक क मीकायाह क बन्दी बनावइ क आदेस दिहस। राजा अहाब कहेस, “एका बन्दी बनाइ ल्या अउर एका नगर क प्रसासक आमोन अउर राजकुमार योआस क लगे लइ जा। 27 ओनसे कहा कि मीकायाह क बन्दीघर मँ डाइ द्या। ओका खाइ क सिरिफ रोटी अउर पानी द्या। ओका हुवाँ तब तलक राखा जब तलक मइँ जुद्ध स घरे न आइ जाउँ।”
28 मीकायाह जोर स कहेस, “आप सबहिं लोग सुनई जउन मइँ कहत हउँ। राजा अहाब, जदि तू जुद्ध स घरे जिअत लउटि अउब्या, तउ एकर अरथ होइ कि यहोवा मोर जरिया स नाहीं बोले रहा।”
29 तब राजा अहाब अउ राजा यहोसापात जुद्ध मँ अराम क फउज स जुद्ध करइ गएन। इ गिलाद नाउँ क पहँटा मँ रहा। 30 अहाब यहोसापात स कहेस, “हम जुद्ध क तैयारी करब। मइँ अइसे ओढ़ना पहिरब जउन मोका अइसा रुप देइहीं कि मइँ अइसा लगब कि मइँ राजा नाहीं अहउँ। किन्तु तू अपने बिसेस ओढ़ना पहिरा जेहसे तू अइसे लगा कि तू राजा अहा।” इ तरह इस्राएल क राजा जुद्ध क सुरुआत उ मनई क तरह ओढ़ना पहिरके किहन जउन राजा न होइ।
31 अराम क राजा क लगे बत्तीस रथ-सेनापति रहेन। उ राजा एन बत्तीस रथ-सेनापतियन क आदेस दिहस कि उ पचे इस्राएल क राजा क खोज निकारइँ अउर ओका मार डाइँ। उ कहेस कि, “इस्राएल क राजा क इलावा कउनो क संग जिन लड़ा चाहे उ महत्वपूर्ण अहइ या नाहीं।” 32 एह बरे जुद्ध क बीच सेनापतियन राजा यहोसापात क लखेन। सेनापतियन समुझेन कि उहइ इस्राएल क राजा अहइ। एह बरे उ पचे ओका मारइ गएन। यहोसापात चिचिआब सुरू किहस। 33 सेनापतियन समुझ लिहन कि उ राजा अहाब नाहीं अहइ। एह बरे उ पचे ओका नाहीं मारेन।
34 मुला एक ठु फउजी हवा मँ बाण छोड़ेस, उ कउनो खास मनई क आपन लछ्य नाहीं बनावत रहा। किन्तु ओकर बाण इस्राएल क राजा अहाब क जाइ लगा। बाण राजा क उ छोटी जगह मँ भेदेस, जउन तने क हींसा ओकरे कवच स नाहीं ढका रहा। एह बरे राजा अहाब अपने सारथी स कहेस, “मोका एक ठु बाण भेद दिहेस ह। इ छेत्र स रथे क बाहेर लइ चला। हम क जुद्ध स दूर निकरि जाइ चाही।”
35 फउज लगातार जुद्ध करत रहिन। राजा अहाब अपने रथे मँ ठहरा। उ रथ क टेक क सहारा निहुरा भवा रहा। उ अराम क फउज क लखत रहा। ओकर खून खाले बहत रहा अउर उ रथ क तले क ढाँपि लिहस। पाछे, साँझ क राजा मर गवा। 36 साँझ क समइ इस्राएल क फउज क सबहिं मनसेधुअन अपने नगर अउर प्रदेस वापस लउटइ क आदेस दीन्ह गवा।
37 एह बरे राजा अहाब इ तरह मरा। कछू मनई ओकरे ल्हास क सोमरोन लइ आएन। उ पचे ओका हुँवइ दफनाइ दिहन। 38 लोग अहाब क रथे क सोमरोन मँ एक तालाब मँ धोएन, जहाँ रंडियन नहावत हीं। कूकुर राजा अहाब क खून क ओकर रथ स चाटेन। इ सबइ बातन वइसे वइसे ही भइन जइसा यहोवा होइ क कहे रहा।
39 अपने राज्जकाल मँ अहाब जउन कछू किहस उ इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास नाउँ क किताबे मँ लिखा अहइ। उहइ किताब मँ राजा अपने महल क जियादा सुन्नर बनावइ बरे जउने हाथी-दाँत क उपयोग किहे रहा, ओकरे बारे मँ कहा गवा ह अउर उ किताबे मँ ओन नगरन क बारे मँ लिखा गवा ह। जेका उ बनाए रहा। 40 अहाब मरा, अउर अपने पुरखन क लगे दफनाइ दीन्ह गवा। ओकर पूत अहज्याह राजा बना।
यहूदा क राजा यहोसापात
41 इस्राएल क राजा अहाब क चउथे बरिस। यहोसापात यहूदा क राजा भवा। यहोसापात आसा क पूत रहा। 42 यहोसापात जब राजा भवा तब उ पैंतीस बरिस क रहा। सिल्ही क बिटिया अजूबा यहोसापात क महतारी रही। उ यरूसलेम मँ पचीस बरिस तलक सासन किहे रहेन। 43 यहोसापात नीक मनई रहा। उ उ सबइ चिजियन क किहेस जउन ओकर बाप किहे रहेन अउर ओका करइ मँ दृढ़ रहेन। उ उहइ किहेन जेका यहोवा नीक समुझत ह। किन्तु यहोसापात ओन जगहन क बर्बाद नाहीं किहस। लोग ओन जगहन पइ बलि-भेंट करब अउर सुगन्धि बारब जारी रखेन।
44 यहोसापात इस्राएल क राजा क संग एक सान्ति-सन्धि किहेस। 45 यहोसापात बहोत वीर रहा अउर उ कई जुद्ध लड़ा। जउन कछू उ किहेस उ, यहूदा क राजा लोगन क इतिहास नाउँ क किताबे मँ लिखा अहइ।
46 यहोसापात मन्दिर क ओन पुरुस अउर स्त्री पतूरिया क मन्दिर स ज़बरदस्ती बाहेर निकारेस। ओन मनइयन ओन मन्दिर मँ तब सेवा किहे रहेन जब ओकर बाप आसा राजा रहा।
47 इ समइ क बीच एदोम देस क कउनो राजा नाहीं रहा। उ देस एक ठु प्रसासक क जरिये सासित होत रहा। प्रसासक यहूदा क राजा क जरिये चुना जात रहा। यहोसापात क समुद्री बेड़ा
48 राजा यहोसापात अइसे समुद्री जहाजन क बनाएस जउन सामानन क ढोवत रहेन। उ चाहत रहेन कि ओकर जहाज ओपीर प्रदेस स सोना लिआवइ। किन्तु जहाजन ओकर ग्रह-बन्दरगाह एस्योनगेबेर मँ बर्बाद होइ गएन। 49 इस्राएल क राजा अहज्याह यहोसापात क मदद देइ क न्योता दिहेन। अहज्याह यहोसापात स कहे रहा कि उ कछू अइसे मनइयन क अपने मनइयन क संग ल्या जउन जहाजी कामे मँ होसियार अहइँ। किन्तु यहोसापात अहज्याह क मनइयन क अंगीकार करइ स इन्कार कइ दिहस।
50 यहोसापात मरा अउ अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। उ दाऊद नगर मँ अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। तब ओकर पूत यहोराम राजा बना।
इस्राएल क राजा अहज्याह
51 अहज्याह अहाब क पूत रहा। उ इस्राएल क राजा यहोसापात क यहूदा पइ राज्जकाल क सत्रहवें बरिस मँ राजा बना। अहज्याह सोमरोन मँ दुइ बरिस राज्ज किहस। 52 अहज्याह यहोवा क बिरुद्ध पाप किहस। उ उ सबइ ही पाप किहस जउन ओकर बाप अहाब ओकर महतारी ईज़ेबेल अउ नबात क पूत यारोबाम किहे रहा। इ सबइ सबहिं सासक इस्राएल क लोगन क अउर जियादा पाप कइँती लइ गएन। 53 अहज्याह अपने स पहिले अपने बाप क समान लबार देवता बाल क पूजा अउर सेवा किहेन। एह बरे अहज्याह यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर क बहोत जियादा किरोधित किहस। यहोवा अहज्याह पइ वइसा ही कोहाइ गवा जइसा ओकरे पहिले उ ओकर बाप पइ कोहान रहा।
पर्भू क अवाई क सुवागत बरे तइयार रहा
5 भाइयो तथा बहिनियो, समइ अउर तिथियन क बारे मँ तोहे लिखइ क कउनउ जरूरत नाहीं बा 2 काहेकि तू खुदई बहुत अच्छी तरह जानत ह कि जइसे चोर रस्ता स चुप्पे चला आवत ह, वइसेन ही पर्भू क फिन स लउटइ क दिन भी आइ जइहीं। 3 जब लोग कहत होइहीं कि “सब कछू सांत अउर सुरच्छित बा” तबइ जइसे एक गर्भवती स्त्री क अचानक प्रसव वेदना आइ घेरत ह वइसेन ही ओह पर बिनास उत्तर आइ अउर उ कहूँ बचिके भाग न पावइ।
4 मुला भाइयो तथा बहिनियो, तू अँधियारे (पाप) क वासी नाहीं अहा कि तोह पर उ दिन अचानक ही चोर की नाई आइ जाइ। 5 तू सब तउ प्रकास (भलाई) स जुड़ा अहा अउर दिन क संतान स भी। हम न तउ रात या अँधियारा (बुराई) जुड़ा हई। 6 इही बरे हमका अउरन क नाई सोवत रहत न चाही, बल्कि सावधानी क साथे हमका तउ अपने प नियन्त्रण रखइ चाहीं। 7 काहेकि जउन सोवत हीं, रात मँ सोवत ही अउर जउन नसा करत हीं, उ रात मँ ही मदमस्त होत हीं। 8 मुला हम पचे तउ दिने (भलाई) स जुरा हई इही बरे हमका अपने प काबू रखई चाही। आवा बिसवास अउर पिरेम क चिलम धारण कइ लेई अउर उद्धार पावई क आसा क सिरस्त्राण क तरह ओढ़ि लेई।
9 काहेकि परमेस्सर हमका ओनके प्रकोपे क बरे नाहीं चुनेस ह बल्कि हमार पर्भू ईसू मसीह द्वारा उद्धार पावई क बरे बनाए अहइ। 10 ईसू तउ हमरे बरे परान तियाग दिहेस ताकि चाहे हम सजीव ओकरे संग होई, इ जरूरी नाहीं कि जब उ आवइ हम जिअत या मरा रही। 11 इहीं बरे एक दुसरे क सुख पहुँचाव अउर एक दुसरे क आध्यात्मिक रूपे स मजबूत बनावत रहा। जइसेन कि तू करत अहा।
अन्तिम निर्देस अउर अभिवादन
12 भाइयो तथा बहिनियो, हमार तोहसे निवेदन बा कि जउन लोग तोहरे बीच मेहनत करत हीं अउर पर्भू मँ जउन तोहे राह देखावत हीं, ओनकर आदर करत रहा। 13 हमार तोहसे निवेदन बा कि ओनके कामे क कारण पिरेम क साथे ओन्हे पूरा आदर देत रहा।
परस्पर सान्ति स रहा 14 अउर भाइयन, हमार तोहसे निवेदन बा आलसियन क चेतावा, डरपोकन क प्रेरित करा, दीनन क सहायता मँ रुचि ल्या, सबके साथे-धीरज रखा। 15 देखत रहा केउ क बुराई क बदला बुराई स न द्या बल्कि सब जने हमेसा एक दुसरे क साथे भलाई करई क जतन करा।
16 हमेसा आनन्दित रहा। 17 पराथना करब कबहुँ न छोड़ा। 18 हर परिस्थिति मँ परमेस्सर क धन्यबाद द्या, काहेकि मसीह ईसू मँ, तोहरे बरे परमेस्सर क इहइ इच्छा बाटइ।
19 पवित्तर आतिमा क कार्य क दमन मत करत रहा।
20 नबियन क संदेसन क कभउँ छोट न जान। 21 सब बातन क असलियत क परखा, जउन अच्छा बा, ओका ग्रहण किहे रहा 22 अउर हर तरह क बुराई स बचा रहा।
23 सान्ति क स्रोत परमेस्सर खुद तोहे पूरे तरह पवित्तर करी। पूरी तरह स ओनका समर्पित होई जा अउर तू अपने पूरा अस्तित्व अर्थात आतिमा, परान अउर देह क हमार पर्भू ईसू मसीह क अवाई तलक सब तरह स दोस रहित बनाए रखा। 24 उ परमेस्सर जे तोहे बोलाए अहइ, बिसवास क योग्ग बाटइ। निस्चय ही उ अइसनई करी।
25 भाइयो तथा बहिनियो, हमरे भी बरे पराथना करा। 26 सब भाइयन अउर बहिनियन क पवित्तर चुम्मा स सत्कार करा। 27 तोहे पर्भू क सपथ दई क मइँ इ आग्रह करित ह कि इ चिठ्ठी क सब भाइयन क पढ़ाई क सुनावा जाइ। 28 हमार पर्भू ईसू मसीह क अनुग्रह तोहरे साथे रहइ।
एक ठु बृच्छ क बारे मँ नबूकदनेस्सर क सपना
4 राजा नबूकदनेस्सर सबइ लोगन, जाति अउर भाखा क, जउन सारी दुनिया मँ बसे भए रहेन, इ पत्र पठएस तू सबइ क अधिक सान्ति मिली।
2 सर्वोच्च परमेस्सर मोर संग जउन अचरज भरी अद्भूत बातन किहेस ह, ओकरे बारे मँ तोहका बतावत भए मोका बहोत खुसी अहइ।
3 ओकरे कार्य केतॅना अद्भुत अहइ।
ओकरे चमत्कार केतॅना सक्तिसाली अहइ।
परमेस्सर क राज्ज सदा टिका रहत ह;
परमेस्सर क सासन पीढ़ी दर पीढ़ी बना रहत ह।
4 मइँ, नबूकदनेस्सर, आपन महल मँ रहेउँ। मइँ प्रसन्न अउ सफल रहेउँ। 5 मइँ एक सपना लखेउँ जउन मोका डेराइ दिहेस। मइँ आपन बिछउना मँ सोवत रहेउँ। मइँ तस्वीर अउर दर्सनन क लखेउँ। जउन कछू मइँ लखे रहेउँ उ मोका बहोत डेराइ दिहस। 6 तउ मइँ इ आग्या दिहेउँ कि बाबुल क सबहिं बुध्दिमान लोगन क मोरे लगे, लिआवा जाइ ताकि उ पचे मोका सपन क फल बतावइँ। 7 जब जादगर तान्त्रिक, कसदी अउर भविस्यवक्ता मोरे लगे आबइँ तउ मइँ ओनका आपन सपना क बारे मँ बताएउँ। किन्तु उ सबइ लोग मोका मोरे सपन क अर्थ नाहीं बताइ पाएन। 8 अंत मँ दानिय्येल मोरे लगे आवा (मइँ आपन देवता क सम्मानित करइ बरे दानिय्येल क बेलेतसस्सर नाउँ दिहे रहेउँ। पवित्तर देवतन क आतिमा क ओहमाँ निवास अहइ।) दानिय्येल क मइँ आपन सपन कहि सुनाएउँ। 9 मइँ ओहसे कहेउँ, “हे बेलतसस्सर, तू सबहिं तान्त्रिकन मँ सब स बड़का अहा। मोका पता अहइ कि तोहमाँ पवित्तर देवतन क आतिमा बास करत अहइ। मइँ जानत हउँ कि कउनो भी रहस्स क समुझब तोहरे बरे कठिन नाहीं अहइ। मइँ जउन सपना लखे रहेउँ, उ इ अहइ। तू मोका एकर अरथ समुझावा। 10 जब मइँ आपन बिछउना मँ ओलरा भवा रहेउँ तउ मइँ दिव्य दर्सन लखे रहेउँ। मइँ लखेउँ कि मोरे समन्वा धरती क बीचउ-बीच एक बृच्छ खड़ा अहइ। उ बृच्छ बहोत लम्बा अहइ। 11 बृच्छ बड़ा होत भवा एक बिसाल मजबूत बृच्छ बन गवा। बृच्छ क चोटी अकास छुअइ लाग। उ बृच्छ क धरती पइ कहूँ स भी लखा जाइ सकत रहा। 12 बृच्छ क पातियन सुन्नर रहिन। बृच्छ पइ बहोत नीक फल बहोतयात मँ लगे रहेन अउर उ बृच्छ पइ हर कउनो क लिए भरपूर खाइ क रहा। जंगली जनावर बृच्छ क नीचे आसरा पाए भए रहेन अउर बृच्छ क डारन पइ चिरइयन क बसेरा रहा। हर पसु पच्छी उ बृच्छ स ही भोजन पावत रहा।
13 “अपने बिछउना पइ ओलरे-ओलरे दर्सन मँ मइँ ओन वस्तुअन क लखत रहेउँ अउर तबहिं एक पवित्तर सरगदूत क मइँ सरग स नीचे उतरत भए लखेउँ। 14 उ बड़े ऊँचे सुर मँ बोला। उ कहेस, ‘बृच्छ क कांट लोकावा। एकर टहनियन क काट डाला। एकर पातियन क नोंच डावा। एकर फलन क चारिहुँ ओर बिखेर द्या। इ बृच्छ क नीचे आसरा पाए भए पसु कहूँ दूर पराइ जाइँ। एकर आरन पइ बसेरा किए भए पंछी कहूँ उड़ जाइँ। 15 किन्तु एकर तना अउर एकर जड़न क धरती मँ रहइ द्या। एकरे चारिहुँ ओर लोहा अउ काँसे क एक बंधेज बाँध द्या। अपने आस-पास उगी घास क संग एकर तना अउर एकर जड़न धरती मँ रहिहीं। जंगली पसुअन अउ पेड़ पौधन क बीच इ खेतन मँ रही। ओस स उ नम होइ जाइ। 16 उ जियादा समइ तलक मनई क तरह नाहीं सोची। ओकर मन पसु क मन जइसा होइ जाइ। ओकर अइसा ही रहत भए सात ऋतु चक्र (बरिस) बीत जाई।’
17 “एक पवित्तर सरगदूत इ दण्ड क घोसणा किहे रहा ताकि धरती क सबहिं लोगन क इ पता चल जाइ कि मनइयन क राज्जन क ऊपर परम प्रधान परमेस्सर सासन करत ह। परमेस्सर जेका भी चाहत ह। एन राज्जन क दइ देत ह अउर परमेस्सर ओन राज्जन पइ सासन करइ बरे विनम्र मनइयन क चुनत ह।
18 “बस मइँ (राजा नबूकदनेस्सर) सपना मँ इहइ लखेउँ ह। अब हे बेलतसस्सर। तू मोका इ बतावा कि इ सपना क अरथ का अहइ? मोरे राज्ज क कउनो भी बुध्दिमान मनई मोका इ सपना क फल नाहीं बताइ पावत अहइ। किन्तु हे बेलतसस्सर, तू मोरे इ सपना क व्याख्या कइ सकत ह काहेकि तोहमाँ पवित्तर परमेस्सर क आतिमा निवास करत अहइ।”
19 तब दानिय्येल (जेकर नाउँ बेलतसस्सर भी रहा) थोड़ी देर बरे एक दम चुप होइ गवा। जिन बातन क उ सोचत रहा, उ सबइ ओका बियाकुल किहे डावत रहिन। तउ राजा ओहसे कहेस, “हे बेलतसस्सर, तू उ सपना या उ सपना क फल स भयभीत जिन ह्वा।”
एह पइ बेलतसस्सर राजा क उत्तर दिहेस, “हे मोर सुआमी, कास इ सपना तोहरे दुस्मनन चइ पड़इ अउर एकर फल, जउन तोहरे विरोधी अहइँ, ओनका मिलइ।” 20 तू आपन सपना मँ एक बृच्छ लखे रहेउँ। उ बृच्छ बड़ा भवा अउर मजबूत बन गवा। बृच्छ क चोटी आसमान छुअत रही। धरती मँ हर कहूँ स उ बृच्छ देखाई देत रहा। 21 ओकर पातियन सुन्नर रहित अउर ओह पइ बहोतायत मँ फल लगे रहेन। ओन फलन स हर कउनो क पर्याप्त भोजन मिलत रहा। जंगली पसुअन क तउ उ घर ही रहा अउर ओकर डारन पइ चिरइयन बसेरा किया भए रहेन। तू सपना मँ अइसा बृच्छ लखे रह्या। 22 हे राजा, उ बृच्छ आप ही अहइँ। आप महान अउर सक्तिसाली बन चुका अहइँ। आप उ ऊँच बृच्छ क समान अहइँ जउन अकास छुइ लिहेस ह अउर आप क सक्ति धरती क सुदूर भागन तलक पहुँची भई अहइँ।
23 “हे राजा, आप एक पवित्तर सरगदूत क अकासे स नीचे उतरत लखे रह्या। सरगदूत कहे रहा ‘बृच्छ क काट डावा अउर ओका नस्ट करा। बृच्छ क तना पइ लोहा अउ काँसे क बंधज डाइ द्या अउर एकर तना अउ जड़न क धरती मँ ही छोड़ द्या। खेत मँ घास क बीच एका रहइ द्या। ओस स ही इ नमी लेत रही। उ कउनो जंगली पसु क रूप मँ रहा करी। एकर रहइ हाल मँ सात ऋतु-चक्र बीत जइहीं।’
24 “हे राजा, आपक सपन क फल इहइ अहइ। सर्वोच्च परमेस्सर मोर सुआमी राजा क बरे एन बातन क घटइ क आदेस दिहस ह। 25 हे राजा नबूकदनेस्सर, प्रजा स दूर चला जाइ क बरे आप क मजबूर कीन्ह जाइ। जंगली पसुअन क बीच आप क रहइ क होइ। मवेसियन क तरह आप घास स पेट भरिहीं अउर ओस स भिगिहीं। सात ऋतु चक्र बीत जइहीं अउर फुन ओकरे बाद तू इ स्वीकार करब्या कि सर्वोच्च परमेस्सर मनइयन क साम्राज्यन पइ सासन करत ह अउर उ जेका भी चाहत ह, ओका राज्ज दइ देत ह।
26 “बृच्छ क तना अउ ओकर जड़न क धरती मँ छोड़ देइ क आदेस क अरथ इ अहइ कि आप क साम्राज्य आप क वापस मिलि जाइ। किन्तु इ उहइ समइ होइ जब तू इ जान जाब्या कि तोहरे राज्ज पइ सर्वोच्च परमेस्सर क ही सासन अहइ। 27 एह बरे हे राज, आप कृपा कइके मोर सलाह माना। मइँ आप क इ सलाह देत हउँ कि आप पाप करब तजि देइँ अउर जउन उचित अहइ, उहइ करइँ। कुकरमन क त्याग कइ देइँ। गरीबन पइ दयालु होइँ। तबहिं आप सफल बना रहि सकिहीं।”
28 इ सबहिं बातन राजा नबूकदनेस्सर क संग घटिन। 29 इ सपना क बारह महीना बाद जब राजा नबूकदनेस्सर बाबुल मँ आपन महल क छत पइ घूमत समइ, 30 तउ उ आपन आप स किहा, “उ मइँ हउँ जउन कि इ महान बाबुल क निर्माण किहेउँ ह। इ महल मोर अहइ। मइँ आपन सक्ति स इ बिसाल नगर क निर्माण किहेउँ ह। इ ठउर क निर्माण मइँ इ देखाइ बरे किहेउँ ह कि मइँ केतना खुस हउँ।”
31 इ सबइ सब्द अबहिं ओकरे मुँह मँ ही रहेन कि एक अकासवाणी भई। अकासवाणी कहेस, “राजा नबूकदनेस्सर, तोहरे संग इ सबइ बातन घटिहीं। राजा क रूप मँ तोहसे तोहार सक्ति छोर लीन्ह गइ अहइ। 32 तोहका आपन लोगन स दूर जाब होइ। जंगली पसुअन क संग तोहार निवास होइ। तू ढोरन क तरह घास खाब्या। एहसे पहिले कि तू सबक सीखा कि मनई क राज्जन पइ सर्वोच्च परमेस्सर सासन करत ह अउर सर्वोच्च उ जेका चाहत ह, ओका राज्ज दइ देत ह सात ऋतु-चक्र बीत जइहीं।”
33 फुन फउरन ही इ सबइ बातन घट गइन। नबूकदनेस्सर क लोगन स दूर जाइ बरे मज़बूर कीन्ह गवा। उ गाइयन क तरह घास खाब सुरू कइ दिहस। उ ओस मँ भीगा। कउनो उकाब क पंखन क तरह ओकर बार बढ़ गएन अउर ओकर नाखून अइसे बढ़ गएन जइसे कउनो पंछी क पंजन क नाखून होत हीं।
34 फुन उ समइ क अंत मँ मइँ, नबूकदनेस्सर ऊपर सरग क कइँती लेखा अउर मोर सोचइ समुझइ क बुद्धि फिर स ठीक होइ गवा। तउ मइँ सर्वोच्च परमेस्सर क स्तुति किहेउँ, जउन सदा अमर अहइ, मइँ ओका आदर प्रदान किहेउँ अउर ओका गुनगान किहेउँ।
परमेस्सर सासन हमेसा करत ह।
ओकर राज्ज पीढ़ी दर पीढ़ी बना रहत ह।
35 इ धरती क सबइ लोग
महत्वपूर्ण नाहीं अहइँ।
परमेस्सर सरग क सक्तियन
अउर धरती क लोगन क संग
जउन चाहत ह उहइ करत ह।
उ जउन करइ चाहत ह ओका उ करइ स कउनो भी नाहीं रोक सकत ह।
ओकर ससक्त हाथ जउन कछू उ करत ह ओह पइ कउनो नाहीं सवाल करत ह।
36 तउ, उ औसर पइ परमेस्सर मोका मोर बुद्धि फुन दइ दिहेस अउर उ एक राजा क रूप मँ मोर बड़ा मान, सम्मान अउ सक्ति भी वापस लउटाइ दिहस। मोर मंत्री अउर मोर राजकीय लोग फुन मोरे लगे आवइ लागेन। मइँ फुन स राजा बन गएउँ। मइँ पहिले स भी जियादा महान अउ सक्तिसाली होइ गवा रहेउँ। 37 लखा, अब मइँ, नबूकदनेस्सर सरग क राजा क स्तुति करत हउँ तथा ओकर उपासना करत हउँ, ओका आदर देत हउँ अउर ओकरे गुनगान करत हउँ। उ जउन कछू करत ह, ठीक करत ह। उ हमेसा निआव स पूर्ण अहइ। ओहमाँ अहंकारी लोगन क विनम्र बनाइ देइ क छमता अहइ।
वाद्य यंत्र दुआर बजा भवा दाऊद क एक ठु गीत।
1 हे परमेस्सर, मइँ आपन हिरदय क तइयार कहेउँ ह।
मइँ गाउब अउर
उमंग क संगीत बजाउब।
2 मोर आतिमा, जगा!
वीणाओ अउर सारंगियो, जगा।
आवा हम भोर क जगाइ!
3 हे मोर सुआमी, मइँ तोहरे बड़कइ क रास्ट्रन क समन्वा गाउब।
मइँ विभिन्न लोगन क बीच तोहार स्तुति करब।
4 हे परमेस्सर, तोहार पिरेम ओतॅना ऊँच अहइ जेतॅना अकास।
तोहार बिस्सास ओतॅना ऊँच अहइ जेतॅना बादरन।
5 हे परमेस्सर, तोहार सम्मान अकासन क ऊपर होइ,
तोहार महिमा क सारा जगत क ढाँपि लेइ द्या।
6 आपन भगत लोगन क बचावइ बरे इ करा।
मोर बिनती क जवाब द्या, अउर हमका बचावइ क आपन महासक्ति क प्रयोग करा।
7 परमेस्सर आपन मन्दिर स बोला।
उ कहेस, “मइँ खुसी स चिचियाब।
मइँ आपन लोगन क सोकेम प्रदान करब,
अउर सुक्कोत क घाटी ओनकर होइ।
8 गिलाद अउ मनस्से मोर अहइँ।
एप्रैम मोर सिरवाण अहइ
अउर यहूदा मोर राजदण्ड अहइ।
9 मोआब मोर गोड़ पखारइ क पात्र बनी।
एदोम उ दास होइ जउन मोर पादूका लइके चली,
मइँ पलिस्तियन क हराइ क पाछे विजय-उल्लास स चिचियाब।”
10 मोका दुस्मन क दुर्ग मँ कउन लइ जाइ?
एदोम क हरावइ कउन मोर मदद करी!
11 हे परमेस्सर, का इ फुरइ नाहीं बाटइ कि तू हमका तजि दिहा ह?
अउर का तू हमरी सेना क संग नाहीं रहब्या?
12 हे परमेस्सर, कृपा कइके, हमरे दुस्मन क हरावइ मँ हमार मदद करा।
मनइयन तउ हमका बचाइ नाहीं सकतेन।
13 हम महान कारज कइ सकित ह सिरिफ जब परमेस्सर हमार साथ होइ।
सिरिफ परमेस्सर हमरे दुस्मनन क हराई सकत ह।
संगीत निदेर्सक बरे दाऊद क एक ठु स्तुति गीत।
1 हे परमेस्सर, जब मइँ तोहरे आगे पराथना करउँ
तउ चुप नाहीं रह्या।
2 लोग मोरे बारे मँ बुरी बातन अउ झूठ बोलत ह।
उ पचे मोरे बारे मँ उ सबइ कहत अहइँ जउन फुरइ नाहीं बाटइ।
3 लोग मोरे बारे मँ घिना स बोलत अहइँ।
उ पचे मोर खिलाफ बिना कारण हमला करत हीं।
4 मइँ ओनका पिरेम किहेउँ, फिर भी उ पचे मोहसे दुस्मनी करत हीं।
जद्यपि मइँ पराथना मँ वफ़ादार हउँ।
5 मइँ ओन मनइयन क संग भला किहे रहेउँ।
मुला उ पचे मोरे बरे बुरा करत अहइँ।
मइँ ओनसे पिरेम किहेउँ,
मुला उ पचे मोसे बइर रखत अहइँ।
6 ओकरे खिलाफ एक ठु दुट्ठ मनई क नियुक्त करा,
अउर कउनो दोख लगवइया ओका दोख लगावइ बरे ओकरे बगल मँ खड़ा करा।
7 ओनमाँ दोख पावइ द्या जब उ अदालत मँ निआउ पइहीं,
ओकर पराथना क ओकरे पाप क सबूत होइ द्या।
8 मोर दुस्मन क हाली मरि जाइ द्या।
ओकरे क जगह कउनो दूसर क लेइ द्या।
9 मोरे दुस्मनन क सन्तानन क अनाथ कइ द्या अउर ओकरी पत्नी क तू राँड़ कइ द्या।
10 ओनका आवारा अउर भिखारी होइ द्या,
अउर ओनका आस्रय क खोज तब तलक करइ द्या जब तलक कि ओकर आपन घर बर्बाद न होइ जाइँ।
11 मोरे दुस्मन कर्जदार लोगन क जउन कछू मोर दुस्मन क लगे होइँ लइ जाइ द्या।
अजनबियन क ओकर मेहनत क कमाइ क लूटिके जाइ द्या।
12 कउनो मनई क मोरे दुस्मन पइ कउनो दाया न देखाँवइ।
अउर ओकरे अनाथ गदेलन पइ कउनो भी मनई दाया नाहीं देखाँवइ।
13 मोर दुस्मन क सन्तानन बर्बाद कइ द्या।
आवइवाली पीढ़ी स ओकर नाउँ मिटइ द्या।
14 मोरे दुस्मन क पुरखन क पापन क परमेस्सर सदा ही याद राखइ।
ओकरे महतारी क पापन न मेटाइ।
15 यहोवा सदा ही ओन पापन क याद रखी।
अउर उ लोगन बरे मोरे दुस्मन क बिसिरइ क कारण होइ।
16 काहेकि दुट्ठ लोगन कउनो भी अच्छा करम कबहुँ नाहीं किहेन
अउर उ लोगन क बिना आसा क मउत मँ धकेल दिहा।
उ दीन लोगन असहाय लोगन क जिअब कठिन बनाइ दिहा।
17 ओन दुट्ठ लोगन क सरापब भावत रहा।
तउ अहइ सराप ओह पइ लउटिके गिर जाइ।
उ बुरा मनई असीस कबहुँ नाहीं दिहस कि लोगन बरे कउनो अच्छी बात घटइ।
तउ ओकरे संग कउनो भी भली बात मत होइ द्या।
18 सराप ओकरे बरे ओढ़नन क नाईं होइ।
सराप ओकरे सरीर मँ पानी क नाईं भरि जाइ।
अउर सराप ओकरे हड्डियन मँ
चर्बी क नाईं रहइ।
19 उ दुट्ठ मनई बरे सराप क ओढ़ना बनी द्या।
सराप क ओकरे बरे हमेसा बरे कमर बन्द बनइ द्या।
20 यहोवा मोहे पइ दोख लगावइवालन क अउर ओन लोगन क जउन मोरे खिलाफ बुरा जोजना बनावत ह क,
उ सबइ चिजियन क भुगतान क रूप मँ देइ द्या।
21 किन्तु हे यहोवा, तू मोर सुआमी अहा।
तउ मोरे संग अइसा बेउहार करा जेहसे तोहरे नाउँ क जस बाढ़इ।
तोहार करुणा महान अहइ, तउ मोर रच्छा करा।
22 काहेकि मइँ बस एक गरीब अउर असहाय व्यक्ति अहउँ।
मइँ फुरइ दुःखी अहउँ।
23 मोका अइसा लागत बाटइ जइसे मोर जिन्नगी साँझ क समइ क लम्बी छाया क तरह बीति चुकी बाटइ।
मोका अइसा लागत रहा मइँ महसूस करत हउँ कि मइँ किरवा क नाईं हउँ जउन मोका हिराइ दिहेस ह।
24 उपवास क कारण मोर घुटना दुर्बल होइ ग अहइँ।
मोर वजन घटत ही जात अहइ, अउर मइँ झुरान जात अहउँ।
25 बुरे लोग मोका अपमानित करत हीं।
उ पचे मोका घूरत अउ आपन मूँड़ी मटकावत हीं।
26 यहोवा मोर परमेस्सर, मोका सहारा द्या।
आपन बिस्ससनीय पिरेम देखाँवा अउर मोका बचाइ ल्या।
27 फुन उ पचे लोग जान जइहीं कि तू ही मोका बचाया ह।
ओनका पता चल जाइ कि उ तोहार सक्ति रही जउन मोका सहारा दिहस।
28 यद्यपि दुट्ठ लोग मोका सराप देत ह, हे यहोवा तू मोका आसीर्बाद दे।
यद्यपि उ पचे मोह पइ वार करत हीं, ओनका अपमानित होइ द्या।
किन्तु तोहार सेवक क खुस होइ द्या।
29 मोर बिरोधियन क अपमान स ढाँपि लेइ द्या।
ओनका लज्जा स घेरी लेइ द्या।
30 मइँ यहोवा क बहोत अधिक धन्यवाद देत हउँ।
बहोत लोगन क समन्वा ओकर गुण गावत हँउ।
31 काहेकि यहोवा असहाय लोगन क साथ देत ह।
उ ओनका लोगन स बचावत ह, जउन ओन पइ निआव करत ह।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.