M’Cheyne Bible Reading Plan
बेन्हदद अउ अहाब जुद्ध को जात ह
20 बेन्हदद अराम क राजा रहा। उ आपन सारी फउज बटोरेस। ओकरे संग बत्तीस राजा रहेन। ओकरे लगे घोड़न अउ रथ रहेन। उ पचे सोमरोन पइ हमला किहन अउर ओकरे खिलाफ लड़ेन। 2 राजा, नगर मँ इस्राएल क राजा अहाब क लगे दूत पठाएस। 3 सूचना इ रही, “बेन्हदद कहत ह, ‘तोहका आपन सोना-चाँदी मोका देइ क पड़ी। तोहका आपन मेहररुअन अउ बच्चन भी मोका देइ क होइ।’”
4 इस्राएल क राजा जवाब दिहस, “ऐ मोर सुआमी राजा! मइँ अंगीकार करत हउँ कि अब मइँ आप क मातहत हउँ अउर जउन कछू मोर अहइ उ आप क अहइ।”
5 तब दूत अहाब क लगे वापस आवा। उ पचे कहेन, “बेन्हदद कहत ह, ‘मइँ पहिले ही तोहसे कहे रहेउँ कि तोहका सारा सोना-चाँदी तथा आपन मेहररूअन, बच्चन क मोका देइ क पड़ी। 6 काल्ह मइँ अपने मनइयन क पठवत हउँ जउन महल मँ सब जगह अउर तोहरे मातहती मँ सासन करइवाले अउर अधिकारियन क घरन मँ खोज करिहीं। मोर मनई सबइ मुल्यवान वस्तुअन क लेइहीं अउर ओनका मोर लगे लइ आइहीं।’”
7 एह बरे राजा अहाब अपने देस क सबहिं बुर्जुगन क एक बैठक बोलाएस। अहाब केहस, “लखा बेन्हदद परेसानी क कारण अहइ। पहिले उ मोहसे इ माँग किहस ह कि मइँ ओका आपन मेहररूअन, आपन बच्चन अउर आपन सोना-चाँदी दइ देउँ। मइँ ओका उ सबइ चिजियन देब अंगीकार कइ लिहेउँ अउर उ सब कछू लेइ चाहत ह।”
8 किन्तु अग्रजन अउर सबहिं लोग कहेन, “ओकर आदेस न माना। उ न करा जेका करइ क उ कहत ह।”
9 एह बरे अहाब बेन्हदद क सँदेसा पठएस। अहाब कहेस, “मइँ उ कइ देब जउन तू पहिले कहे रह्या। किन्तु मइँ तोहार दूसरे आदेस क पालन नाहीं कइ सकत।”
राजा बेन्हदद क दूत सँदेसा राजा तलक लइ गएन। 10 तब उ पचे बेन्हदद क दूसर सँदेसा क संग लउटेन। सँदेसा इ रहा, “मइँ सोमरोन क पूरी तरह बर्बाद करब। मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि उ नगर क सबहिं चिजियन क बर्बाद कीन्ह जाइहीं। जदि मोरे हरे एक मनई उ नगर क एक मुट्ठी धूरि भी आपन घरे लेइ जाइ बरे लेइ तउ उ ओन सबइ लोगन बरे प्रयाप्त नाहीं होब्या। परमेस्सर मोका बर्बाद करइ द्या जदि मइँ अइसा न करउँ।”
11 राजा अहाब जवाब दिहस, “बेन्हदद स कहा कि उ मनइ क, जउन आपन कवच धारण किहे होइ, उ मनई क तरह डींग नाहीं डाँकइ चाही जउन ओका उतारइ बरे लम्बी जिन्नगी जिअत ह।”
12 राजा बेन्हदद अपने दूसर प्रसासकन क संग अपने तम्बू मँ दाखरस पान करत रहा। उहइ समइ दूतन आवा अउर उ राजा अहाब क सँदेसा दिहस। राजा बेन्हदद अपने मनइयन क नगर पइ हमला करइ बरे तैयार होइ क आदेस दिहेस। एह बरे फउजी जुद्ध बरे अपनी जगह लेइ बरे बढ़ेन।
13 इहइ समइ, एक ठु नबी इस्राएल क राजा, अहाब क लगे पहोंचा। नबी कहेस, “राजा अहाब यहोवा तोहसे कहत ह, ‘का तू उ बड़की फउज क लखत अहा। मइँ, यहोवा, आज तोहका उ सेना क हरावइ देब। तब तू जनब्या कि मइँ यहोवा हउँ।’”
14 अहाब कहेस, “ओनका पराजित करइ क बरे तू केकर उपयोग करब्या?”
नबी जवाब दिहस, “यहोवा कहत ह, ‘सरकारी अधिकारियन क युवक सहायक।’”
तब राजा पूछेस, “कउन सेना क अगुवाइ करब अउर जुद्ध सुरू करब?”
नबी जवाब दिहस, “तू।”
15 एह बरे अहाब सरकारी अधिकारियन क युवक सहायकन क बटोरेस। सब मिलाइके इ सबइ दुइ सौ बत्तीस युवक रहेन। तब राजा इस्राएल क सेना क एक संग बोलाएस। सारी गनती सात हजार रही।
16 दुपहर क, राजा बेन्हदद अउ ओकर सहायक बत्तीस राजा अपने डेरा मँ दाखरस पान करत रहने अउर मद मस्त होत रहेन। इहइ समइ राजा अहाब क हमला भवा। 17 युवक सहायकन पहिले हमला किहन। बेन्हदद क मनइयन ओहसे कहेन कि फउजी सोमरोन स बाहेर निकरि आए अहइँ। 18 एह बरे बेन्हदद कहेस, “उ पचे जुद्ध करइ बरे या सान्ति-सन्धि करइ बरे आवइ सकत ह। ओनका जिन्दा धइ ल्या।”
19 राजा अहाब क युवक आक्रमण क पहल करत रहेन। इस्राएल क फउज ओनके पाछे चलत रही। 20 इस्राएल क हर एक सैनिक उ मनइयन क मार डाएस जउन ओकरे खिलाफ आवा। एह बरे अराम क फउजियन पराब सुरू किहन। इस्राएल क फउज ओनकर पाछा किहस। राजा बेन्हदद अपने रथन क एक घोड़े पइ बैठिके भाग निकरा। 21 राजा अहाब फउज क अगुवाइ किहेस अउर आगे बढ़ेस। उ अराम क फउज क सारे घोड़न अउ रथन क लइ लिहस। इ तरह राजा अहाब अरामियन सेना क भारी पराजय दिहस।
22 तब नबी राजा अहाब क लगे पहोंचा, इस्राएल क राजा कहेस, “अराम क राजा बेन्हदद अगले बसन्त मँ तोहसे जुद्ध करइ बरे फुन आइ। एह बरे तोहका अब घरे लउटि जाइ चाही अउर अपनी फउज क पहिले स जियादा सक्तीसाली बनवाइ चाही अउर ओका हराइ बरे उचित जोजना बनावा।”
बेन्हदद फुन हमला करत ह
23 राजा बेन्हदद क अधिकारी लोग ओहसे कहेन, “इस्राएल क देवता पर्वतीय देवता अहइ। हम लोग पर्वतीय पहँटा मँ लड़े रहे। एह बरे इस्राएल क लोग बिजयी भएन। एह बरे हम लोग ओनसे समथर मइदान मँ जुद्ध करी। तब हम बिजयी पाउब। 24 इ उहइ अहइ जेका तोहका करइ चाही। बत्तीस राजा लोगन क फउज क संचालन करइ क अनुमति न द्या। सेनापतियन क ही अपनी फउज क नेतृत्व करइ द्या।
25 “अब तू उहइ क समान एक फउज बनावा जउन तू खो दिहस ह। उहइ फउज क तरह घोड़न अउर रथ ऍकट्ठा करा जइसा तू पहिले रहा। तब हम लोग इस्राएलियन स समथर मइदान मँ जुद्ध करी। तब हम बिजय प्राप्त करब।” बेन्हदद ओनकी सलाह मान लिहस। उ उहइ किहस जउन उ पचे कहेन।
26 एह बरे बसन्त मँ बेन्हदद अराम क लोगन क बटोरेस। उ इस्राएल क खिलाफ जुद्ध करइ अपेक गवा।
27 इस्राएलियन भी जुद्ध क तइयारी किहन। इस्राएल क लोग अराम क सेना स लड़इ गएन। उ पचे अपने सिबिर अराम क सिबिर क समन्वा डाएन। दुस्मन क तुलना मँ इस्राएली फउज बोकरियन क दुइ ठू नान्ह झुण्डन क समान देखाइ पड़त रहेन किन्तु अराम क फउज सारे छेत्र क ढाँपे रही।
28 परमेस्सर क एक मनई इ सँदेसा क संग इस्राएल क राजा क लगे आवा: “यहोवा कहेस ह, ‘अराम क लोग कहेन ह कि मइँ, यहोवा पर्वतन क परमेस्सर हुउँ। उ पचे सोचत हीं कि मइँ घाटियन क परमेस्सर भी नाहीं हउँ। एह बरे, मइँ तोहका इ बिसाल सेना क हरावइ देब। तब तू समुझब्या कि मइँ यहोवा सब जगह हउँ।’”
29 फउजन सात दिन तलक एक दूसरे क आमने-सामने डेरा डाए रहिन। सतएँ दिन जुद्ध सुरु भवा। इस्राएलियन एक दिन मँ अराम क एक लाख फउजियन क मार डाएन। 30 बचे भए फउजी अपेक नगर क भाग पराइ गएन। नगर प्राचीर ओन सत्ताईस हजार फउजियन पइ भहराइ पड़ी। बेन्हदद भी नगर क पराइ गवा। उ एक ठु कमरा मँ छुप गवा। 31 ओकर अधिकारियन ओहसे कहेन, “हम लोग सुना ह कि इस्राएल क राजा लोग दया दिखावत ह। हम लोग मोरे ओढ़ना पहिरे अउर सिरे पइ रस्सी डाए। तब हम लोग इस्राएल क राजा क लगे चली होइ सकत ह कि उ हम क जिअत रहइ देइ।”
32 उ पचे मोरे ओढ़ना पहिरेन अउर लसुरी मूँडे पइ डाएन। उ पचे इस्राएल क राजा क लगे आएन। उ पचे कहेन, “तोहार सेवक बेन्हदद कहत ह, ‘कृपा कइके मोका जिअत रहइ द्या।’” अहाब जवाब दिहस, “का उ अबहिं तलक जिअत अहइ? उ मोर भाई अहइ।”
33 बेन्हदद क मनई राजा अहाब क सब्द मँ कछू सुराग सुनि क आसावादी रहेन जेहसे इ निहिचित होइ कि उ बेन्हदद क नाहीं मारी। जब अहाब बेन्हदद क आपन भाई कहेस तउ सलाहकारन तुरन्त कहेन, “हाँ, बेन्हदद आप क भाई अहइ।”
अहाब कहेस, “ओका मोरे लगे लिआवा।” एह बरे बेन्हदद राजा अहाब क लगे आवा। राजा अहाब अपने संग ओका अपने रथ मँ बइठइ क कहेस।
34 बेन्हदद ओहसे कहेस, “अहाब मइँ ओन नगरन क तोहका दइ देब जेनका मोर बाप तोहरे बाप स लइ लिहे रहेन अउर तू दमिस्क मँ वइसे ही दुकानन रखि सकत ह जइसे मोर बाप सोमरोन मँ रखे रहा।”
अहाब जवाब दिहस, “जदि तू एका अँगीकार करत ह तउ मइँ तोहका जाइ बरे अजाद करत हउँ।” एह बरे दुइनउँ राजा लोग एक ठु सान्ति-सन्धि किहन। तब राजा अहाब बेन्हदद क जाइ बरे अजाद कइ दिहस।
एब नबी अहाब क बिरुद्ध भविस्सवाणी करत ह
35 नबियन मँ स एक दूसर नबी स कहेस, “मोह पइ चोट करा।” उ ओहसे इ करइ बरे कहेस काहेकि यहोवा अइसा आदेस दिहे रहा। किन्तु दूसर नबी ओह पइ चोट करइ स मना कइ दिहेस। 36 एह बरे पहिला नबी कहेस, “तू यहोवा क आदेस क पालन नाहीं किहा। एह बरे जब तू इ जगह क तजब्या, एक ठु सेर तोहका मार डाइ।” दूसर नबी उ जगह क तजेस अउर ओका एक सेर मार डाएस।
37 पहिला नबी दूसर मनई क लगे गवा अउर कहेस, “मोह पइ चोट करा।”
उ मनई ओह पइ चोट किहस। नबी क चोट आइ। 38 एह बरे नबी अपने चेहरे पइ एक ओढ़ना लपेट लिहस। इ तरह कउनो इ नाहीं समुझ सकत रहा कि उ कउन अहइ। उ नबी गवा अउर उ सड़क क किनारे राजा क प्रतीच्छा सुरु किहस। 39 राजा उ सड़क स निकरा अउर नबी ओहसे कहेस, “मइँ जुद्ध मँ लड़इ गवा रहेउँ। हमरे मनइयन मँ स एक मोरे लगे एक दुस्मन फउजी क लिआवा। उ मनई कहेस, ‘इ मनई क पहरेदारी करा। जदि उ भाग गवा, तउ एकरे जगह पइ तोहका आपन जिन्नगी देइ क होइ या तोहका पचहत्तर पौण्ड चाँदी जुर्माने मँ देइ क होइ।’ 40 किन्तु मइँ ब्यस्त होइ गवा। एह बरे उ मनई भाग निकरा।”
इस्राएल क राजा कहेस, “तू कहया ह कि तू फउजी क पराइ जाइ देइ क अपराधी अहा। एह बरे तोहका जवाब मालूम अहइ। तोहका उहइ करइ चाही जेका करइ क उ मनई कहेस ह।”
41 तब नबी अपने मुँहना स ओढ़ना हटाएस। इस्राएल क राजा लखेस अउर इ जान लिहस कि उ नबियन मँ स एक अहइ। 42 तब नबी राजा स कहेस, “यहोवा तोहसे इ कहत ह, ‘तू उ मनई क अजाद किहा जेका मइँ मर जाइ क कहेउँ। एह बरे ओकर जगह तू लेब्या, तू मर जाब्या अउर तोहार लोग दुस्मनन क जगह लेइहीं, तोहार लोग मरिहीं।’”
43 तब राजा समारिया अपने घरे लउट गवा। उ बहोत गुस्सा मँ अउ घबराया भवा रहा।
3 1-2 काहेकि हम अउर जियादा इन्तजार नाहीं कइ सकित ह, इही बरे हम एथेन्स मँ अकेलइ रुकि जाइक निस्चय कइ लिन्ह। अउर हम हमार परमेस्सर सेवक बन्धु अउर परमेस्सर क बरे मसीह क सुसमाचार क प्रचार मँ अपने सहकर्मी तीमुथियुस तोहे मजबूत बनवइ अउर बिसवास मँ उत्साहित करइ क तोहरे लगे भेजि दीन्ह। 3 ताकि एन्हन वर्तमान यातनन स केउ घबराइ न उठइ। काहेकि तू तउ जनबई करत ह कि हम त यातना सहइ क बरे ही निस्चित कीहा ग अही। 4 सही मँ हम जब तोहरे लगे रहे, तोहे पहिलेन स ही कहा करत रह्या कि हमपे कस्ट आवइवाला बा, अउर इ ठीक वइसेन ही भवा ह। तू तउ इ जनबइ करत ह। 5 इहीं बरे काहेकि मइँ अउर जियादा इन्तजार नाहीं कइ सकत रहउँ, इही बरे मइँ तोहरे बिसवास क बारे मँ जानइ तीमुथियुस क पठइ दिहेउँ। काहेकि मोका डर रहा कि लुभावइवाला (सइतान) कहूँ तोहे ललचाइ क हमरे कठिन मेहनत क खराब तउ नाहीं कइ दिहे बा।
6 तोहरे लगे स तीमुथियुस अबहीं-अबहीं हमरे लगे वापस लउटा ह। अउर उ हमका तोहरे बिसवास अउर तोहरे पिरेम क सुभ समाचार दिहेसह। उ हमका बताए बाटइ कि तोहे हमार मधुर याद आवत ह अउर तू हमसे मिलइ क बहुत अधीर अहा। वइसेन जइसे हम तोहसे मिलइ क अधीर भ अही। 7 तउन भाइयो अउ बहिनियो हमार सबहिं पीड़ा अउर यातना मँ तोहर बिसवास क कारण हमार उत्साह बढ़ा बा। 8 हाँ जब हम फिन साँस लइ पावत हई काहेकि हम जानि गवा अही कि पर्भू मँ तू अटल खड़ा अहा। 9 तोहरे बारे मँ तोहरे ही कारण जउन आनन्द हम पचन क मिला बा, ओकरे बरे हम परमेस्सर क सामने ओकर धन्यबाद कइसे करी। 10 हम रात-दिन खूब लगन स पराथना करत रहित ह कि केह तरह तोह सबन क फिन देखि पाई अउर तोहरे बिसवास मँ जउन कमी रहि गइ बाटइ, ओका पूरा करत भए मजबूत करी।
11 हमार परमपिता परमेस्सर अउर हमार पर्भू ईसू तोहरे लगे आवइ क हमका रस्ता देखावइँ। 12 अउर पर्भू एक दुसरे क बरे अउर सभन क बरे तोहसे जउन पिरेम बा, ओकर बढ़ोत्तरी करइ। वइसेन ही जइसे तोहरे बरे हमार पिरेम उमड़ पड़त ह। 13 एह तरह उ तोहरे हिरदइ क मजबूत करइ अउर ओन्हे हमार परमपिता परमेस्सर क अगवा पर्भू ईसू क आवई पर सभन पवित्तर लोगन क साथे पवित्तर अउर दोस रहित बनाइ देइ।
नबूकदनेस्सर क सपना
2 नबूकदनेस्सर आपन सासन क दूसर बरिस मँ एक सपना लखेस। उ सपना स बेचैन होइ गवा अउर सोइ नाहीं सका। 2 तउ राजा आपन जादूगरन, ओझन, भविस्स क बात बताइवालन अउर कसदियन[a] क आपन सपना क अरथ बतावइ बरे बुलाएन। एह बरे उ सबइ आएन अउर राजा क समन्वा खड़ा होइ गएन।
3 तब राजा ओन लोगन स कहेस, “मइँ एक सपना लखेउँ ह जेहसे मइँ बियाकुल हउँ। मइँ इ जानइ चाहत हउँ कि उ सपना क अरथ का बाटइ?”
4 यह पइ ओन कसदियन राजा स उत्तर देत भए कहेन। उ सबइ अरामी भाखा मँ बोलत रहेन। “राजा चिरंजीव रहइँ। हम पचे तोहार दास अही। तू आपन सपन हमका बतावा। फिन हम तोहका ओकर अरथ बताउब।”
5 एह पइ राजा नबूकदनेस्सर ओन लोगन स कहेस, “नाहीं। उ सपना का रहा, इ भी तोहका ही बताउब अहइ अउर उ सपन क अरथ का अहइ, इ भी तोहका ही बताउब अहइ अउर जदि तू अइसा नाहीं कइ पाया तउ मइँ तोहार टूकन टूकन कइ डावइ क आग्या देब। मइँ तोहरे घरन क तोरिके मलवा क देर अउ राखी मँ बदल डावइ क आग्या भी दइ देब। 6 अउ जदि तू मोका मोर सपना बताइ देत अहा अउर ओकर व्याखिया कइ देत अहा तउ मइँ तोहका अनेक उपहार, बहोत स पुरस्कार अउ महान आदर प्रदान करब। तउ तू मोका मोर सपना क बारे मँ बतावा अउर बतावा कि ओकर अरथ का अहइ?”
7 ओन बुध्दिमान मनइयन राजा स फुन कहेन, “हे राजा, कृपा कइके हमका सपना क बारे मँ बतावा अउर हम तोहका इ बताउब कि उ सपना क फल का अहइ।”
8 एक पइ राजा नबूकदनेस्सर कहेस, “मइँ जानत हउँ, तू लोग अउर जियाद समइ लेइ क जतन करत अहा। तू जानत अहा कि मइँ जउन कहेउँ, उहइ मोर अरश अहइ। 9 तू इ जानत अहा कि जदि तू मोका मोर सपना क बारे मँ नाहीं बताया तउ तोहका दण्ड दीन्ह जाइ। एह बरे तू पचे आपुस मँ जोजना बाएस क कि मोहसे झूठ बोलइ अउर गलत व्याखाय करब जब तलक कि स्थिति बदल न जाइ। अब बतावा कि मोका का सपना आवा रहा। इहइ एक रास्ता बाटइ पता करइ बरे कि का तू मोका मोरे सपना क सही अरथ बताइ सकत।”
10 कसदियन राजा क उत्तर देत भए कहेन, “हे राजा धरती पइ कउनो अइसा मनई नाहीं जउन अइसा कइ सकइ जइसा आप करइ क आग्रह करत ह। बुध्दिमान मनइयन स या जादूगरन स या कसदियन स कउनो भी महान अउर सक्तिसाली राजा कबहुँ भी अइसा करइ क नाहीं कहेस। 11 महाराज, आप उ काम करइ क कहत अहा, जउन संभव नाहीं अहइ। बस राजा क ओकरे सपना क बारे मँ अउर ओकरे फल क बारे मँ देवता ही बताइ सकत हीं। किन्तु देवता तउ लोगन क बीच नाहीं रहतेन।”
12 जब राजा इ सुनेस तउ ओका बहोत किरोध आवा अउर उ बाबुल क सबहिं बुद्धिमान मनइयन क मरवा डावइ क हुकुम दइ दिहस। 13 राजा क आदेस लागू होइ चुका रहेन। सबहीं बुध्दिमान मनइयन क मारा जाब रहा, एह बरे दानिय्येल अउ ओकर मीतन क भी मरवाइ डावइ बरे ओनकर खोज मँ राज पुरुस पठइ दीन्ह गएन।
14 अर्योक राजा क रच्छकन क नायक रहा। उ बाबुल क बुध्दिमान मनइयन क मार अवइ बरे जात रहा, किन्तु दानिय्येल ओहसे बातचीत किहस। दानिय्येल अर्योक स बुध्दिमानी क साथ नम्र होइके बात किहेस। 15 दानिय्येल अर्योक स पूछेस, “राजा एतना कठोर दण्ड देइके आग्या काहे दिहेस ह”
एह पइ अर्योक राजा क सपनावाली सारी कहानी कहि सुनाएस, दानिय्येल ओका समुझ गवा। 16 दानिय्येल जब इ कहानी सुन लिहेस तउ उ राजा नबूकदनेस्सर क लगे गवा। दानिय्येल राजा स बिनती किहेस कि उ ओका तनिक समइ अउर देइ। उ राजा स ओकार सपना क अरथ समेत बतावइ क वादा किहेस।
17 एकरे पाछे दानिय्येल अपने घर क चल दिहस। उ आपन मीत हनन्याह, मीसाएल अउ अजर्याह क उ सारी बातन कहि सुनाएस। 18 दानिय्येल आपन मीतन स सरग क परमेस्सर स पराथना करइ क कहेस। दानिय्येल ओनसे कहेस कि उ पचे परमेस्सर स पराथना करइँ कि उ ओन पइ दयालु होइ अउर इ रहस्स क समुझइ मँ ओनकर मदद करइ जेहसे बाबुल क दूसर विवेकी मनइयन क संग दानिय्येल अउ ओकर मीत भी घाट न उतारि दीन्ह जाइँ।
19 राति क समइ परमेस्सर एक दर्सन मँ दानिय्येल क उ रहस्स समुझाइ दिहस। एह पइ सरग क परमेस्सर क स्तुति करत भए। 20 दानिय्येल कहेस:
“परमेस्सर क नाउँ क सदा प्रसंसा करा।
सक्ति अउ बुद्धिमान ओहमाँ ही होत ह।
21 उ ही समइ बुद्धिमान क बदलत ह।
उहइ राजा लोगन क हटावत ह
अउर उहइ राजा लोगन क नियुक्त करत ह।
उहइ बुध्दि देत ह अउर लोग बुध्दिमान बन जात हीं।
उहइ लोगन क गियान देत ह अउर लोग गियानी बन जात हीं।
22 उ गहिर अउ छुपे रहस्सन क जानत ह जेका समुझ पाउब कठिन अहइ।
प्रकास ओकरे संग रहत ह।
तउ उ जानत ह कि अँधियारा मँ अउ रहस्स भरे स्थानन मँ का अहइ।
23 हे मोरे पुरखन क परमेस्सर, मइँ तोहका धन्यवाद देत हउँ अउ तोहार गुण गावत हउँ।
तू ही मोका गियान अउ बुद्धिमत्ता दिहा।
जउन बातन मइँ पूछे रहे ओकरे बारे मँ तू मोका बताया।
तू हमका राजा क सपना क बारे मँ बताया।”
दानिय्येल क जरिये राजा क सपन क व्याख्या
24 एकरे पाछे दानिय्येल अर्योक क लगे गवा। राजा नबूकदनेस्सर अर्योक क बाबुल क बुध्दिमान मनइयन क हत्तिया बरे नियुक्त कीन्ह रहा। दानिय्येल अर्योक स कहेस, “बाबुल क बुध्दिमान मनइयन क हत्तिया जिन करा। मोका राजा क लगे लइ चला, मइँ ओका ओकर सपना अउ उ सपना क फल बताउब।”
25 तउ अर्योक दानिय्येल क हाली ही राजा क लगे लइ गवा। अर्योक राजा स कहेस, “यहूदा क बन्दियन मँ मइँ एक अइसा मनई हेर लिहेउँ ह जउन राजा क ओकर सपना क मतलब बताइ सकत ह।”
26 तउ राजा दानिय्येल (बेलतसस्सर) स एक सवाल पूछेस, “का तू मोका मोर सपना अउ ओकर अरथ क बारे मँ बताइ सकत ह?”
27 दानिय्येल जवाब दिहस, “हे राजा नबूकदनेस्सर, तू जउन रहस्स क बारे मँ पूछत अहा, ओका तोहका न तउ कउनो बुद्धिमान व्यक्ति न कउनो तान्त्रिक अउर न कउनो भविस्यवक्ता क बताइ सका ह। 28 किन्तु सरग मँ एक परमेस्सर अइसा अहइ जउन भेद भरी बातन क रहस्स बतावत ह। परमेस्सर राजा नबूकदनेस्सर क आगे क होइवाला अहइ, इ दर्सावइ बरे सपना दिहस ह। आपन बिछउना मँ सोते भए तू सपना मँ जउन बातन लखे रह्या, उ सबइ इ सब अहइँ, 29 हे राजा। तू अपने बिछउना मँ सोवत रह्या। तू भविस्स मँ घटइवाली बातन क बारे मँ सोचब सुरू किहेस। परमेस्सर लोगन क रहस्सपुर्ण बातन क बारे मँ बताइ सकत ह। तउ उ भविस्स मँ जउन घटइवाला अहइ, उ तोहका दर्साइ दिहस। 30 परमेस्सर उ रहस्स मोका भी बताइ दिहस ह। अइसा एह बरे नाहीं भवा कि मोरे लगे दूसर लोगन स कउनो जियादा बुद्धि अहइ। बल्कि मोका परमेस्सर इ भेद क एह बरे बताएस ह कि राजा क ओकर सपना क फल पता चल जाइ अउर इ तरह हे राजा, तोहरे मने मँ जउन बातन आवति अहइँ, ओनका तू समुझ जा।
31 “हे राजा, सपना मँ तू अपने समन्वा खड़ा एक ठु बिसाल मूरति लख्या ह, उ मूरति बहोत बड़ी रही, उ चमकदार रही अउर प्रभाव स पूरी रही। इ देखइ मँ डराउनी रही। 32 उ मूरति क सिर सुद्ध सोना क बना रहा। ओकर छाती अउ सबइ भुजा चाँदी क बनी रहिन। ओकर पेट अउर जाँघन काँसा क बनी रहिन। 33 उ मूरति क गोड़न लोहा क बनी रहिन। उ मूरति क पैर थोड़ा लोहा अउ थोड़ा माटी क बने रहेन। 34 जब तू उ मूरति कइँती लखत रह्या, तउ तू एक ठु चट्टान लख्या जउन कउनो मनई क मेहनत क कटी रहेन अउर आइके मूरती क लोहे अउर मिट्टी क बनी गोड़न स टकरा गएन। उ चट्टान क कराण ओन मूरतियन क गोड़ चकनाचूर होइ गएन। 35 फुन फउरन ही लोहा, माटी, काँसा, चाँदी अउ सोना सब चूर-चूर होइ गवा अउ उ चूरा गर्मियन क दिनन मँ खरिहाने क भूसा जइसा होइ गवा। ओन टूकन क हवा उड़ाइ लइ गइ। हुआँ कछू भी तउ नाहीं बचा। कउनो इ नाहीं कहि सकत रहा कि हुआँ कबहुँ मूरति रही भी। फुन उ चट्टान जउन मूरति स टकराइ रही, एक बिसाल पर्वत क रूप मँ बदल गइ अउ सारी धरती पइ छाइ गइ।
36 “आपका सपना तउ इ रहा। अब हम राजा क इ बतावत अही कि इ सपना क फल का अहइ? 37 हे राजा, आप बहोत जियादा महत्वपूर्ण राजा अहइँ। सरग क परमेस्सर तोहका राज्ज दिहे सह। सक्ति दिहेस ह। सामरथ अउ महिमा दिहस ह। 38 आप क परमेस्सर नियन्त्रण क सक्ति दिहेस ह अउर आप, लोगन पइ, बन क पसुअन पइ अउ पंछियन पइ सासन करत अहा। उ सबइ चाहे कहूँ भी रहत होइँ, ओन सबन पइ परमेस्सर तोहका सासक ठहराएस ह। हे राजा नबूकदनेस्सर, उ मूरति क ऊपर जउन सोने क मू़ँड़ रहा, उ आप ही अहइँ।
39 “आप क पाछे जउन दूसर राजा आई, उहइ उ चाँदी क हीसां अहइ। किन्तु उ राज्ज तोहरे राज्ज क समान बिसाल नाहीं होइ। एकरे पाछे धरती पइ एक तीसर राज्ज क सासन होइ। उहइ उ काँसे वाला भाग अहइ। 40 एकरे पाछे एक चउथा राज्ज आइ, उ राज्ज लोहा क समान मजबूत होइ। जइसे लोहे स वस्तुअन टूटिके चकनाचूर होइ जात ही, वईसे ही चउथा राज्ज दूसर राज्जन क भंग कइके चकनाचूर करी।
41 “तू लखे रह्या कि उ मूरति क गोड़न अउर पंजन थोड़े माटी क अउर थोड़े लोहे क बना अहइँ, ओकर मतलब इ अहइ कि उ चउथा राज्ज एक ठु बटा भवा राज्ज होइ। एहमाँ कछू लोहा क सक्ति होइ काहेकि तू माटी मिला लोहा लख्या ह। 42 उ मूरति क गोड़न क पंजे क अगले हींसा जउन थोड़ा लोहा अउ थोड़ा माटी क बना रहेन, एकर अरथ इ अहइ कि उ चउथा राज्ज थोड़ा तउ लोहा क समान सक्तिसाली होइ अउर थोड़ा माटी क समान दुर्बल। 43 आप लोहा क माटी स मिला भवा लखे रह्या किन्तु जइसे लोहा अउ माटी पूरी तरह कबहुँ आपुस मँ नाहीं मिलतेन, उ चउथे राज्ज क लोग वइसे ही मिले जुले होइहीं। किन्तु एक जाति क रूप मँ उ सबइ लोग आपुस मँ एक जुट नाहीं होइहीं
44 “चउथे राज्ज क ओन राजा लोगन क समय मँ ही सरग क परमेस्सर एक दूसर राज्ज क स्थापना कइ देइ। इ राज्ज क कबहुँ अन्त नाहीं होइ अउर इ सदा-सदा बना रही। इ एक अइसा राज्ज होइ जउन कबहुँ कउनो दूसर समूह क लोगन क हाथ मँ नाहीं जाइ। इ राज्ज ओन दूसर राज्ज क कुचर देइ। इ ओन राज्जन क बिनास कइ देइ। किन्तु उ राज्ज अपने आप सदा-सदा बना रही।
45 “हे राजा नबूकदनेस्सर, आपन पहाड़ स उखड़ी भइ चट्टान तउ लखेउँ। कउनो मनई उ चट्टान क उखाड़ेस नाहीं। उ चट्टान लोहा क, काँसा क, माटी क, चाँदी क अउर सोने क टूका-टूका कइ दिहे रहा। इ प्रकार स महान परमेस्सर आप क उ देखाएस ह जउन भविस्स मँ होइवाला अहइ। इ सपना सच्चा अहइ अउर आप सपना क इ व्याख्या पइ भरोसा कइ सकत हीं।”
46 एकरे पाछे राजा नबूकदनेस्सर दानिय्येल क निहुरिके नमस्कार किहेस। राजा दानिय्येल क बड़कई किहेस। राजा इ आग्या दिहेस कि दानिय्येल क सम्मानित करइ बरे एक भेंट अउ सुगन्ध प्रदान कीन्ह जाइ। 47 फुन राजा दानिय्येल स कहेस, “मोका निहचय पूर्वक गियान होइ गवा ह कि तोहार परमेस्सर सब स जियादा महत्वपूर्ण अउ सक्तिसाली परमेस्सर अहइ। उ सबहिं राजा लोगन क परमेस्सर अहइ। उ लोगन क ओन बातन क बारे मँ बतावत ह, जेनका उ पचे नाहीं जान सकतेन। मोका पता अहइ कि इ सच अहइ। काहेकि तू मोका भेद क इ सबइ गुप्त बातन क बताइ सका।”
48 एकरे पाछे उ राजा दानिय्येल क आपन राज्ज मँ एक बहोत महत्वपुर्ण पद प्रदान किहेस तथा राजा बहोत स बहुमूल्य उपहार भी दानिय्येल क दिहेस। नबूकदनेस्सर दानिय्येल क बाबुल क समूचे प्रदेस क सासक नियुक्त कइ दिहेस। अउ उ दानिय्येल क बाबुल क सबहिं पण्डितन क प्रधान बनाइ दिहेस। 49 दानिय्येल राजा स बिनति किहेस कि उ सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क बाबुल प्रदेस क महत्वपूर्ण हाकिम बनाइ देइँ। तउ राजा वइसा ही किहेस जइसा दानिय्येल चाहे रहा। दानिय्येल खुद ओन महत्वपूर्ण मनइयन मँ होइ गवा रहा जउन राजा क निअरे रहा करत रहेन।
1 यहोवा क बड़कई करा।
यहोवा क धन्यवाद करा काहेकि उ उत्तिम अहइ।
परमेस्सर क पिरेम सदा ही रहत ह।
2 फुरइ यहोवा केतॅना महान अहइ, एकर बखान कउनो मनई कइ नाहीं सकत।
परमेस्सर क पूरी बड़कई कउनो नाहीं कइ सकत।
3 जउन लोग परमेस्सर क आदेस क पालन करत हीं, उ पचे धन्न अहइ।
उ पचे हमेसा उत्तिम करम करत हीं।
4 यहोवा, जब तू आपन भगतन पइ कृपा करा मोका याद करा।
मोर भी उद्धार करइ बरे याद करा।
5 यहोवा, मोका भी ओन भली बातन मँ हींसा बटावइ द्या
जेनका तू आपन लोगन बरे करत अहा।
तू आपन रास्ट्रन क संग मोका भी खुस होइ द्या।
तोह पइ तोहार लोगन क संग मोका भी गर्व करइ द्या।
6 हम पचे वइसेन ही पाप किहेन ह जइसे हमार पुरखन किहेन ह।
हम गलत किहेन।
हम बुरा काम किहे अही।
7 हे यहोवा, मिस्र मँ हमार पुरखन तोहार अचरज कर्मन स कछू भी नाहीं सीखेन।
उ पचे तोहरे पिरेम क
अउर तोहार करुणा क याद नाहीं रखेन।
हमार पुरखन हुआँ लाल सागर क किनारे तोहरे खिलाफ भएन।
8 मुला परमेस्सर निज नाउँ क कारण ओनका बचाए रहा।
उ आपन सक्ति क परगट किहेस।
9 परमेस्सर हुकुम दिहस अउर लाल सागर झुरान होइ गवा।
उ ओनका उ गहिर समुद्दर स अइसा निकारि चला जइसे कउनो रेगिस्तान होइ।
10 परमेस्सर हमरे पुरखन क ओनकर दुस्मनन स बचाएस।
उ ओनका आपन दुस्मनन स आजाद किहस।
11 अउर फिन ओनकर दुस्मनन क उहइ सागर क बीच ढाँपिके बोर दिहस।
ओनकर एक दुस्मन बचिके निकर नाहीं पाएस।
12 तब हमार पुरखन परमेस्सर क वचन पइ बिस्सास किहन।
उ पचे ओकर गुण गाएन।
13 मुला हमार पुरखन ओन बातन क हाली बिसरि गएन जउन परमेस्सर किहे रहा।
उ पचे परमेस्सर क सम्मति पइ कान नाहीं दिहन।
14 उ पचे दूसर चिजियन क कामना किहेन।
रेगिस्तान मँ उ पचे परमेस्सर क परखेन।
15 मुला हमार पुरखन जउन कछू भी माँगेन परमेस्सर ओनका दिहस
मुला परमेस्सर ओनका एक महामारी भी दइ दिहस।
16 लोग मूसा स डाह रखइ लागेन
अउर हारून स उ पचे डाह रखइ लागेन जउन यहोवा क पवित्तर याजक रहा।
17 एह बरे धरती फट गई अउ दातान क निगल गवा।
अउर उ अबिराम क समूह क निगल लिहस।
18 फिन आगी ओन
दुट्ठ लोगन क बारि दिहस।
19 ओ लोग होरब क पहाड़े पइ एक ठु सोना क बछवा बनाएन।
उ पचे उ मूरति क पूजा करइ लागेन।
20 उ पचे आपन महिमावान परमेस्सर क
एक घास खाइवाला बछवा क प्रतिमा स बदल डालेन।
21 हमार पुरखन परमेस्सर क बिसरि गएन जउन ओनका मुक्ति दियाए रहा।
उ पचे परमेस्सर क बिसरि गएन जउन मिस्र मँ अचरज भरा करम किहे रहा।
22 परमेस्सर हाम क देस मँ अचरज भरा करम किहे रहा।
परमेस्सर लाल सागर क लगे भय विस्मय भरा काम किहे रहा।
23 परमेस्सर ओन लोगन क नस्ट करइ चाहत रहा।
मुला परमेस्सर क चुना भवा सेवक मूसा,
परमेस्सर क समन्वा ओन लोगन क नास करइ स
बचाइ बरे बीच मँ आइ गएन।
24 तब ओन लोग उ अद्भुत देस कनान मँ जाइ स मना कइ दिहन।
उ पचे ओकरे वाचा क बिस्सास नाहीं किहेस।
25 आपन तम्बुअन मँ उ पचे सिकाइत करत रहेन।
हमार पुरखन परमेस्सर क बात मानइ स नकारेन।
26 तउ परमेस्सर किरिया खाएस
कि उ पचे रेगिस्तान मँ मरि जइहीं।
27 परमेस्सर किरिया खाएस कि ओनकर सन्तानन क दूसर लोगन क हरावइ देइ।
परमेस्सर कसम खाएस कि उ हमरे पुरखन क देसन मँ छितराइ।
28 बाद मँ परमेस्सर क लोग “बाल-पिऑर” मँ “बाल” क पूजइ करइ सुरू कइ दिहेन।
उ पचे उ माँस खाइ लागेन जेका निर्जीव देवतन पइ चढ़ावा ग रहा।
29 यहोवा ओन लोगन क करमन पइ बहोत कोहाइ गवा।
अउर उ ओन लोगन क खिलाफ महामारी लिआएन।
30 मुला पीनहास बिनती किहस
अउ परमेस्सर उ बियधि क रोकेस
31 परमेस्सर इ काम क ओकरे बरे आवइवालन
पीढ़ियन बरे बहोत उत्तिम करम समझेस।
32 लोग मरिबा मँ यहोवा क किरोध भड़काएन,
अउर ओकरे कारण मूसा स बुरा काम कराएन।
33 उ सबइ लोग मूसा क बहोत उदास किहन।
तउ मूसा बिना ही बिचारे बोल उठा।
34 तउ उ कनान क रास्ट्र क नस्ट नाहीं किहेस,
हाँलाकि यहोवा ओनका इ करइ बरे कहे रहा।
35 इस्राएल क लोग दूसर लोगन स हिल मिल गएन,
अउर उ पचे भी वइसेन काम करइ लागेन जइसे दूसर लोग करत रहेन।
36 उ सबइ दूसर लोग परमेस्सर क जनन बरे फंदा बन गएन।
परमेस्सर क लोग ओन देवन क पूजइ लागेन जेनकर उ पचे दूसर लोग पूजा करत रहेन।
37 हिआँ तलक कि परमेस्सर क जन आपन ही गदेलन क हत्या करइ लागेन।
अउर उ पचे ओन गदेलन क ओन दानवन क प्रतिमा पइ अर्पित करइ लागेन।
38 परमेस्सर क लोग निर्दोख गदेलन क हत्या किहन।
उ पचे आपन ही गदेलन क मारि डाएन अउर ओनका कनान क देवन क अर्पित किहेन।
उ पचे खून स धरती क दूसित किहेन।
39 उ पचे आपन कामन स असुद्ध भएन
अउर आपन कार्यन दुआरा अबिस्सासी बन गए रहेन।
40 परमेस्सर आपन ओन लोगन पइ कोहाइ गवा।
परमेस्सर ओनसे तंग आइ चुका रहा।
41 तब परमेस्सर आपन ओन लोगन क दूसर जातियन क दइ दिहस।
परमेस्सर ओन पइ ओनकर दुस्मनन क हुकूमत करवावइ दिहस।
42 ओनकर दुस्मनन ओन पइ अत्याचार किहन
अउ ओनकर जिअब बहोत कठिन कइ दिहन।
43 परमेस्सर आपन लोगन क बहोत बार बचाएस।
मुला उ पचे ओनका स मुँह मोड़ लिहन।
अउर उ पचे अइसी बातन करइ लागेन जेनका उ पचे करइ चाहत रहेन।
एह बरे उ पचे आपन पाप क कारण हराइ दीन्ह गवा रहेन।
44 मुला जब कबहूँ परमेस्सर क जनन पइ विपद पड़ी उ पचे सदा ही मदद पावइ क परमेस्सर क गोहराएन।
परमेस्सर हर दाईं ओनकर सबइ पराथना क सुनेस।
45 परमेस्सर सदा आपन करार क याद राखेस।
परमेस्सर आपन महा पिरेम स ओनका सदा ही सुख चैन दिहस।
46 परमेस्सर ओन लोगन बरे
दूसर कैदियन क समन्वा दयालुता दिखाएस।
47 यहोवा हमार परमेस्सर, हमार रच्छा किहस।
परमेस्सर ओन दूसर देसन स हमका ऍकट्ठा कइके लइ आवा,
ताकि हम ओकरे पवित्तर नाउँ क गुणगान कइ सकी;
तकि हम ओकर बड़कई क गीत गाइ सकी।
48 इस्राएल क परमेस्सर यहोवा क धन्य कहा।
परमेस्सर सदा ही जिन्दा रहत आवा ह।
उ सदा ही जिन्दा रही।
अउर सबइ जन बोलइँ, “आमीन।”
यहोवा क गुण गावा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.